Rahul Gandhi: क्या राहुल गांधी बनेंगे नेता विपक्ष?

Rahul Gandhi: क्या राहुल गांधी बनेंगे नेता विपक्ष?

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कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक शनिवार को दिल्ली में है। इस बैठक में पार्टी के सभी नवनिर्वाचित सांसद राहुल गांधी से नेता विपक्ष पद स्वीकार करने की मांग करेंगे। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इससे राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने होंगे और वे उन मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठा सकेंगे, जिनके आधार पर पार्टी ने इन चुनावों में बेहतर सफलता हासिल की है। राहुल गांधी लगातार पांच साल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहेंगे, तो इससे आने वाले चुनाव में वे विपक्षी गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार होंगे। इससे पार्टी को आगे के चुनावों में लाभ मिलेगा।


संविधान के अनुसार नेता विपक्ष आधिकारिक पद होता है। इसे कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा और उसे मिलने वाली सभी सुविधाएं हासिल होती हैं। नेता विपक्ष ईडी-सीबीआई के प्रमुख की नियुक्ति सहित कई महत्त्वपूर्ण समितियों में शामिल होता है। नेता विपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी लोकसभा के पटल से लेकर संसद के बाहर तक मजबूती के साथ अपनी बात रख सकेंगे और महत्त्वपूर्ण मुद्दों को उठा सकेंगे।

उत्तर-दक्षिण भारत का पार्टी में संतुलन-
साथ ही राहुल गांधी के नेता विपक्ष बनने से पार्टी में उत्तर और दक्षिण भारत का संतुलन बनाने में भी मदद मिलेगी। अभी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महासचिव केसी वेणुगोपाल दक्षिण से हैं, जबकि उत्तर भारत से पार्टी का कोई बड़ा नेता पार्टी के बड़े पद पर मौजूद नहीं है। दिग्विजय सिंह, आनंद शर्मा जैसे उत्तर भारत के नेता चुनाव हार गए हैं, तो अशोक गहलोत जैसे नेता चुनाव में उतरे ही नहीं थे। इससे उत्तर भारत का पार्टी में प्रतिनिधित्व कमजोर पड़ गया है।

गांधी परिवार कांग्रेस में सबसे मजबूत हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर सोनिया गांधी या राहुल गांधी पार्टी के किसी आधिकारिक पद पर नहीं हैं, जबकि प्रियंका गांधी महासचिव हैं। चुनावों की दृष्टि से उत्तर भारत में पार्टी का मजबूत होना जरूरी है और इसको ध्यान में रखकर ही राहुल गांधी को नेता विपक्ष का पद स्वीकार करने का आग्रह किया जा रहा है।

कांग्रेस नेताओं के अनुसार, राहुल गांधी से यह आग्रह किया जा रहा है कि वे रायबरेली की सीट भी अपने पास रखें। इससे भी पार्टी को उत्तर भारत में मजबूत करने में मदद मिलेगी। इसके पहले चर्चा थी कि राहुल गांधी रायबरेली की सीट छोड़ेंगे और प्रियंका गांधी इस सीट पर चुनाव लड़कर परिवार की राजनीति को आगे बढ़ाएंगी।

गरीब, वंचित, बेरोजगारों की आवाज है राहुल गांधी- विश्व विजय सिंह-
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता विश्व विजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी इस समय देश की राजनीति में गरीबों, वंचितों, बेरोजगार युवाओं, आदिवासियों, अनुसूचित जातियों-जनजातियों और अल्पसंख्यकों की सबसे मजबूत आवाज बनकर उभरे हैं। कांग्रेस ने इन्हीं वर्गों के मुद्दों को उठाते हुए लोकसभा चुनाव लड़ा और सफलता हासिल की। ऐसे में यदि राहुल गांधी नेता विपक्ष की भूमिका में होंगे, तो वे संसद से लेकर सड़क तक सरकार पर लगातार इन वर्गों के लिए काम करने का दबाव बनाने में सफल होंगे। इससे कांग्रेस पार्टी को उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

विश्व विजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के नेता विपक्ष बनने से केवल कांग्रेस को ही लाभ नहीं मिलेगा। इंडिया गठबंधन के सभी सहयोगी दल कमोबेस इन्हीं वर्गों के मुद्दों पर चुनाव लड़ते रहे हैं। इसलिए यदि राहुल गांधी इन मुद्दों को उठाएंगे तो इससे गठबंधन के सभी सहयोगियों को भी लाभ होगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बार एनडीए के 293 सीटों के मुकाबले इंडिया गठबंधन 234 सीटों तक पहुंचने में सफल रहा है, जो कि बहुमत के बहुत करीब है। उन्होंने दावा किया कि इन वर्गों की आवाज उठाकर हम अगली बार केंद्र में सरकार बनाने में सफल रहेंगे।

 

 

 

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