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Uttarakhand Weather: आज भी तेज बारिश का अलर्ट…देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में तेज बारिश का येलो अलर्ट।

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राज्य के आठ जिलों में आज अधिकांश स्थानों पर बारिश की संभावना है। जबकि इनमें से तीन जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। ज्यादातर स्थानों पर आसमान में बादल छाए रहेंगे। कहीं मध्यम तो कहीं भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।

मौसम विभाग की ओर से पूर्वानुमान के अनुसार राज्य के तीन जिलों देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में कहीं-कहीं पर तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, चंपावत और ऊधमसिंहनगर जिले में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।

वहीं देहरादून में बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 32 और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री तक रहने की संभावना है। उधर, बुधवार को देहरादून के कई इलाकों में तेज बारिश हुई। दोपहर करीब दो बजे क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में आधा घंटा तक तेज बारिश हुई। वहीं राजपुर क्षेत्र में तीन बजे के आसपास बारिश की बौछारें पड़ी। बारिश के चलते लोगों को गर्मी से राहत मिली। 

Uttarakhand: अब बदरी-केदार मंदिर समेत 47 मंदिरों के परिसरों की सुरक्षा BKTC के जिम्मे, पहली बार बना आईटी संवर्ग।

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बदरीनाथ, केदारनाथ समेत 47 मंदिरों में परिसर के दायरे में अब दर्शन व्यवस्था से लेकर सुरक्षा का सभी जिम्मा अब बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के पास होगा। पहली बार बीकेटीसी में सुरक्षा और आईटी संवर्ग के लिए शासन ने मंजूरी दे दी है। इन संवर्गों में 58 पद सृजित किए जाएंगे।

डीएसपी रैंक का अधिकारी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगा। इस पद को नागरिक पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र बल, अर्द्ध सैनिक बल से प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरा जाएगा। सरकार ने बीकेटीसी में सुरक्षा संवर्ग और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संवर्ग के लिए पदों के सृजन की अनुमति दे दी है। सुरक्षा संवर्ग में 57 और आईटी संवर्ग में एक पद सृजित किया गया है।

संस्कृति व धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। बीते वर्ष बीकेटीसी की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर सुरक्षा संवर्ग और आईटी संवर्ग के लिए पद सृजन का प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा था। बीकेटीसी का तर्क था कि वर्ष 1982-83 में सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षा गार्ड व खजाना गार्ड के पांच पद सृजित किए गए थे।

धामों में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि

 

वर्तमान में बीकेटीसी बदरीनाथ, केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ, त्रियुगीनारायण, नृसिंह मंदिर जोशीमठ, कालीमठ, काशी विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ, भविष्य बदरी समेत 47 मंदिरों का प्रबंधन देखती है। वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम थी। वर्तमान समय में धामों में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

इससे धामों में सुगम दर्शन कराना बीकेटीसी के समक्ष बड़ी चुनौती है। दर्शन व्यवस्था के लिए बीकेटीसी की ओर से जिन कार्मिकों की तैनाती की जाती है, वह प्रशिक्षित नहीं होते हैं। अभी तक पुलिस को भी दर्शन व्यवस्था में तैनात किया जाता है। पुलिस पर बीकेटीसी का नियंत्रण नहीं होता है। वो अपने विभागीय निर्देशों से संचालित होती है, जिससे कई तरह की दिक्कतें भी पैदा होती हैं।

ऐसा होगा सुरक्षा संवर्ग का ढांचा

बीकेटीसी के सुरक्षा संवर्ग का प्रमुख मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी होगा। यह पद डीएसपी रैंक के अधिकारी होगा। जिसे नागरिक पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र बल अथवा अर्द्ध सैनिक बल से प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरा जाएगा। मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी के नीचे दो मंदिर सुरक्षा अधिकारी के पद होंगे। जो इंस्पेक्टर रैंक के होंगे। इसके आलवा सब इंस्पेक्टर रैंक के चार उप मंदिर सुरक्षा अधिकारी होंगे। ये सभी पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे। आउटसोर्स के माध्यम से 10 मुख्य मंदिर रक्षक और 40 मंदिर रक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।

आईटी संवर्ग में ये होंगे पद

वर्तमान में बीकेटीसी में सूचना प्रौद्योगिकी संवर्ग में इंटरनेट कोआर्डिनेटर का एक पद पूर्व से सृजित है और यह पद वर्तमान में रिक्त चला आ रहा है। कुछ माह पूर्व में बीकेटीसी में सेवा नियमावली बनने के बाद इस पद पर अब नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। शासन ने अब बीकेटीसी में सहायक प्रोग्रामर का एक पद सृजित कर दिया है। इस पर नियत मानदेय पर नियुक्ति की जाएगी।

दर्शन व्यवस्था होगी और अधिक सुव्यवस्थित : अजेंद्र

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सुरक्षा संवर्ग और आईटी संवर्ग में पद सृजन के लिए सीएम धामी का आभार जताते हुए कहा, बीकेटीसी का अपना सुरक्षा संवर्ग होने से मंदिरों में दर्शन व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित किया जा सकेगा। बदरीनाथ व केदारनाथ के अलावा अन्य अधीनस्थ मंदिरों में भी सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। आईटी संवर्ग में पदों के सृजन से कई व्यवस्थाओं में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग होगा। कहा, ई-ऑफिस, ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग होने से कामकाज में पारदर्शिता आएगी।

Sawan 2024: सावन के पहले सोमवार को शिवालय में उमड़ा आस्था का सैलाब, बारिश के बीच बम-बम भोले की गूंज।

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झमाझम बारिश के बीच जय भोले की गूंज। बम-बम भोले की जयकारों से देवभूमि उत्तराखंड के शिवालय गूंज उठे। सावन माह सोमवार आज से शुरू हो गए हैं। सावन माह भगवान शिव को बेहद प्रिय है। शहर से देहात तक के सभी शिवालयों की खास सजावट की गई है और सुबह से शिवालय में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी है।

इस बार सोमवार से ही सावन माह का प्रारंभ हुआ है। शिवालयों में भगवान शिव की विशेष-पूजा अर्चना हो रही है। लाखों कांवडि़ए जल भरने के लिए हरिद्वार पहुंच चुके हैं। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कांवड़ पटरी पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। कांवड़ पटरी से ही पैदल शिवभक्तों को निकाला जा रहा है।

सोलानी पार्क मार्ग से हाईवे को जाने वाले मार्ग को बंद दिया गया है। नगर निगम चौक पर भी पुलिसकर्मी तैनात हो गए हैं जो कांवड़ यात्रियों को ट्रैफिक रोककर निकाल रहे हैं। चंद्रशेखर चौक पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। बोट क्लब तिराहे को भी बंद कर दिया गया है। एसबीआई मुख्य शाखा वाले मार्ग पर भी बांस और बल्लियां लगा दी गई हैं। गणेशपुर पुल से पटरी वाले मार्ग पर भी बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। इसी तरह से आसफनगर झाल के तिराहे को भी बंद कर दिया गया है। केवल कांवड़ यात्रियों के लिए ही कांवड़ पटरी को रखा गया है।

हाईवे हुआ शिवमय, गूजे भोले के जयकारे-

महाशिवरात्रि पर जल से शिव का जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिवभक्त रवाना हो रहे हैं। इसी के चलते हाईवे पर कांवड़ियों की भीड़ बढ़ने लगी है। कांवड़ियों का उत्साह देखने लायक है। वे भगवान शिव के जयकारे लगाते हुए और भक्ति गीत गाते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं।

दिल्ली की ओर से हरिद्वार गंगाजल लेने जा रहे कांवड़ियों का काफी संख्या में ट्रकों, बसों, निजी वाहनों से काफिला लगातार बढ़ रहा है। हाईवे पर जगह-जगह कांवड़ियों का जत्था देखने को मिल रहा है। सुबह व शाम में नारसन कस्बे में भारी संख्या में कांवड़िए हाईवे से गुजर रहे हैं। दोपहर में धूप बढ़ने पर कांवड़िए हाईवे किनारे ढाबों, दुकानों आदि पर आराम करते हैं। देर शाम को नारसन तिराहे, मोहम्मदपुर जट्ट, उल्हेड़ा आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग कांवड़ियों को देखने के लिए पहुंच रहे हैं।

 

श्रीनगर में कमलेश्वर महादेव, नागेश्वर, किलकिलेश्वर, घसिया महादेव,अल्केश्वर मंदिर सहित अन्य शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। हालांकि सुबह 6 बजे से साढ़े सात बजे तक बारिश होने के चलते श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शिवालयों में बम बम भोले के जयकारे गूंजते रहे।

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट… मौसम विभाग ने दी अगले 24-48 घंटे सतर्क रहने की चेतावनी

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मौसम विभाग की ओर से उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अगले 24-48 घंटे सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। उत्तराखंड के कुमाऊं में ऑरेंज अलर्ट और गढ़वाल में येलो अलर्ट जारी किया गया है।गढ़वाल के अधिकांश जिलों और राजधानी देहरादून में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने बारिश को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही नदी-नालों के पास जाने से बचने की चेतावनी दी। प्रदेश के चार जिलों में भारी बारिश होने की आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत पौड़ी, चम्पावत और नैनीताल जिले के कुछ हिस्सों में तेज गर्जन के साथ भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

इसके अलावा उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में कई दौर की तेज बारिश होने के भी आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है अगले तीन से चार दिन प्रदेश भर के पर्वतीय जिलों के साथ मैदानी इलाकों में भी तेज बारिश होने की संभावना है।

जौनसार बावर व पछवादून में भूस्खलन से मलबा आने पर 13 मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। जिसमें दो राज्य मार्ग, एक मुख्य जिला मार्ग, एक अन्य जिला मार्ग शामिल है। पीएमजीएसवाई कालसी के चार, लोनिवि चकराता के दो, लोनिवि साहिया के पांच, लोनिवि प्रांतीय खंड देहरादून के दो मोटर मार्ग बंद हैं। नरेंद्रनगर – रानी पोखरी रोड मलबा आने से बंद है। टिहरी जिले में 12 लिंक रोड मलबा आने से बंद हैं। राजमार्ग खुले हैं। चमोली में शुक्रवार रात बारिश हुई। वहीं शनिवार को मौसम साफ हो गया। बदरीनाथ हाईवे सहित जनपद चमोली अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात हेतु सामान्य सुचारू हैं। बदरीनाथ व हेमकुंड यात्रा जारी है।

उत्तरकाशी जिले में मौसम साफ है। गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर वर्तमान में यातायात सुचारू है। शनिवार को सुबह के दौरान गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नलूणा और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डाबरकोट के पास करीब एक से दो घंटे बंद रहा। जनपद में दो संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं।वहीं शनिवार को गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में बारिश के कारण नदियों ने विकराल रूप ले लिया। अलकनंदा व मंदाकिनी नदी के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है। दोनों नदियां उफान पर हैं। नदी किनारे रहने वालों लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

 

उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक बादल मंडरा रहे हैं, लेकिन गढ़वाल के ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा नहीं हो रही है। देहरादून के कुछ क्षेत्रों में और कुमाऊं में भारी वर्षा का क्रम बना हुआ है। दून में शुक्रवार को सुबह धूप खिली और दोपहर तक उमसभरी गर्मी ने बेहाल किया।इसके बाद आसमान में बादल मंडराने लगे और राजपुर, मालसी, जोहड़ी, सहस्रधारा क्षेत्र में जोरदार वर्षा हुई। जिससे क्षेत्र के बरसाती नाले उफान पर आ गए। शहर में भी रात करीब साढ़े आठ बजे गरज-चमक के साथ बौछारों का दौर शुरू हो गया।

अगले कुछ दिन वर्षा और जोर पकड़ सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर व अल्मोड़ा में भी कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ भारी वर्षा हो सकती है, जिसे लेकर यलो अलर्ट है

उत्‍तराखंड की धामी सरकार का फैसला, यूपी की तर्ज पर ढाबे और फलवालों को भी लगानी होगी नेमप्‍लेट

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यूपी की तर्ज पर अब उत्‍तराखंड सरकार ने फैसला लिया है कि हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों के आगे मालिक का नाम लिखना जरूरी होगा। हरिद्वार एसएसपी ने इस बात की पुष्टि की है। अब दुकान मालिक और स्‍टाफ का नाम लिखना जरूरी होगा। इसी आधार पर दुकानदारों का वेरिफिकेशन किया जाएगा।

हरिद्वार में कांवड़ मेले को लेकर पुलिस मुस्तैद हो गई है। उत्तर प्रदेश के बाद अब हरिद्वार में भी होटल और ढाबा संचालकों के साथ बोर्ड में नाम लिखने को लेकर सख्ती की जा रही है। हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने होटल और ढाबों पर संचालकों/प्रोपराइटरों का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया है।

 

संचालकों और प्रोपराइटरों का नाम अंकित न करने वालों पर पुलिस शिकंजा कस रही है। पुलिस इस मामले में चेकिंग अभियान भी चला रही है। सावन के कावड़ मेल की शुरुआत 22 जुलाई से होने जा रही है। जिसके लिए पुलिस पूरी तरह से सतर्क है। यात्रा और यात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम को लेकर पुलिस मुस्तैदी से जुटी हुई है। वहीं होटल और ढाबा कारोबारियों के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही इसका पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

 

इसी सिलसिले में पुलिस ने होटल और ढाबों पर संचालकों व प्रोपराइटरों के नाम न लिखने वालों के चालान करना शुरू कर दिया है। पुलिस ने होटल और ढाबा संचालकों को साफ तौर पर हिदायत दी है कि साइन बोर्ड पर अपना नाम लिखें। रेट लिस्ट और सीसीटीवी कैमरा लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई अमल में लाने की चेतावनी भी पुलिस ने दी है। हालांकि इसके बावजूद हरिद्वार क्षेत्र में कई होटल संचालकों ने पुलिस के निर्देशों का पालन नहीं किया।

 

अंडा, लहसुन, प्‍याज भी बैन

पुलिस ने होटल ढाबा संचालकों को यह भी निर्देश दिए हैं कि कावड़ मेले के दौरान होटल ढाबे में मांस, अंडा, लहसुन, प्याज का उपयोग नहीं किया जाएगा। मदिरा और मादक पदार्थों का सेवन भी नहीं करायेंगे। होटल और ढाबे में खाने की लिस्ट मुख्य स्थान पर चस्पा की जाएगी। भुगतान के लिए होटल ढाबे पर संचालक के नाम का क्यूआर कोड रखा जाएगा। वहीं कांवड़ मेला 2024 को सकुशल संपन्न करने के लिए सभी थाना प्रभारी ने अपने-अपने क्षेत्र में सीएलजी सदस्यों, ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्य और ग्राम प्रधानों के साथ गोष्ठी भी की है। जिसमें इन सभी को कांवड़ मेला पर्व के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सहयोग करने की अपील की गई है।

Uttarakhand: चारधाम बचाओ धामी हटाओ को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने नारेबाजी कर किया जमकर प्रदर्शन, सरकार पर लगाए ये आरोप।

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बडकोट में चारधाम बचाओ धामी हटाओ को लेकर यमुना के मायके खरशालीगांव स्थित यमुना मंदिर परिसर में पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल के नेतृत्व में नारेबाजी की गई। वहीं, बदरीनाथ धाम में भी ब्रह्म कपाल के तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।

बता दें कि, दिल्ली में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक निर्माण के विरोध में केदारनाथ में तीर्थपुरोहित, हक-हकूकधारी और अन्य लोगों का आंदोलन चल रहा है। प्रदर्शनकारी नारेबाजी के साथ-साथ जुलूस निकालकर धरना दे रहे है। तीर्थपुरोहितों ने दिल्ली में केदारनाथ धाम नाम से मंदिर का निर्माण बंद होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी भी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर धाम की उपेक्षा का आरोप लगाया है।

वहीं, सोमवार को भी तीर्थपुरोहित व अन्य लोग केदारनाथ मंदिर परिसर में एकत्रित हुए। उन्होंने दिल्ली में श्रीकेदारनाथ धाम ट्रस्ट की ओर से श्रीकेदारनाथ धाम नाम से मंदिर बनाने का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की। आंदोलनकारियों ने मंदिर परिसर की सीढ़ियों पर बैठकर धरना दिया। यहां पर केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी, विनोद शुक्ला, आचार्य संतोष त्रिवेदी आदि का कहना था कि प्रदेश सरकार ने भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ की उपेक्षा की है, जो माफीलायक नहीं है।
आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के चलते अब उप चुनाव होना है, इसे देखते हुए भाजपा के कुछ लोग ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे वह यह संदेश देने प्रयास कर रहे हैं कि वह केदारनाथ धाम के पक्ष में हैं, पर हकीकत में ऐसा नहीं है। उन्हें सिर्फ राजनीति नजर आ रही है। इधर, गुप्तकाशी में विरोध प्रदर्शन करते हुए जनप्रतिनिधियों के साथ तीर्थपुरोहित, व्यापारियों ने प्रदेश सरकार और श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का पुतला भी फूंका।

उत्तराखंड में मची बारिश से तबाही, मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात, उफान पर नाले-नदी; घरों में घुसा पानी।

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ऊधमसिंह नगर जिले में शुरू हुई बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। बीते 24 घंटे में लगभग 63 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसमें सबसे कम रुद्रपुर में 22 मिमी तो सबसे अधिक 98 मिमी बारिश खटीमा में दर्ज की गई। लगातार बारिश से जिले में पारा साढ़े तीन डिग्री नीचे लुढ़क गया है। अनवरत बारिश से जिले में नदी-नाले उफान पर हैं। जलभराव के कारण खेतलसंडा खाम के 25 ग्रामीणों को राहत शिविर में रखा गया

मौसम विभाग ने नौ जुलाई तक पूरे कुमाऊं में रेल अलर्ट जारी कर रखा है। जिले में शनिवार की दोपहर से शुरू हुई बारिश लगातार रविवार की शाम तक होती रही। इससे जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त सा हो गया है, वहीं लगातार पारा के नीचे लुढ़कने का क्रम भी जारी है। शनिवार को अधिकतम तापमान जहां 28 और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस था। वहीं रविवार को अधिकतम 24.6 तो न्यूनतम 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिक डा. आरके सिंह ने कहा कि दो-तीन दिन तक जिले में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।

 

खटीमा में सात परिवारों को राहत शिविर में रखा
दिनभर जारी बारिश के कारण रविवार को नदी और नालों के उफनाने से खटीमा में बाढ़ जैसे हालत उत्पन्न हो गए। जलभराव की समस्या के चलते खेतलसंडा खाम के सात परिवारों के 25 सदस्यों को प्राथमिक स्कूल में बनाए गए राहत शिविर में रखा गया। नगला तराई ग्रामसभा के सूखापुल गांव में झोपड़ी पर पेड़ गिरने से मां और दो बच्चे बाल-बाल बचे।

खटीमा में सुबह शुरू हुई बारिश दिनभर जारी रही। लगातार जारी बारिश के चलते खकरा और ऐंठा नाले उफना गए। इसके अलावा परवीन नदी में भी पानी बढ़ गया। मुख्य बाजार क्षेत्र के अलावा कंजाबाग, सैनिक कालोनी, लोहियाहेड मार्ग, अमाऊं, राजीव नगर और खेतलसंडा खाम घरों में पानी घुस गया। घरों में पानी घुसने की समस्या को देखते हुए प्रशासन की टीम ने खेतलसंडा खाम के सात परिवारों के करीब 25 लोगों को राजकीय प्राथमिक स्कूल खेतलसंडा खाम में बनाए गए राहत शिविर में शिफ्ट किया, यहां उनके रहने व भोजन की व्यवस्था की गई।

इसके अलावा सीएम पुष्कर सिंह धामी के घर को जाने वाले मार्ग पर सुखापुल गांव में बारिश के चलते एक झोपड़ी पर पेड़ गिर गया। उस समय झोपड़ी में ममता कठायत पत्नी स्व. उमेद सिंह कठायत अपनी 13 साल की बेटी जानवी और 11 साल के बेटे प्रियांशु के साथ थी। अचानक पेड़ के गिरने से ममता दोनों बच्चों को लेकर बाहर भागी। इस दौरान प्रियांशु के पैर थोड़ी चोट लग गई। पेड़ गिरने से कालापुल, चौड़ापानी, बीसबीघा और नगला तराई को जाने वाला मार्ग बाधित हो गया। सूचना मिलने पर पहुंची प्रशासन, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी से पेड़ को रास्ते से हटवाया। एसडीएम रवींद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि लगातार जारी बारिश को लेकर प्रशासन की टीमें अलर्ट हैं।

 

सैनिक काॅलोनी में नालियां चोक
खटीमा में लगातार बारिश के चलते रविवार को सैनिक काॅलोनी, लोहियाहेड राेड, डिग्री कॉलेज रोड में जगह-जगल नालियां चोक होने की समस्या रही। सैनिक काॅलोनी निवासी गिरीश चंद्र जोशी ने बताया कि नालियों की समस्या के संबंध में कई बार नगर पालिका व प्रशासन से शिकायत की थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब लोगों को जलभराव की समस्या झेलनी पड़ रही है।

नगर में अधिकतर नाले हुए चोक, सड़कों पर भरा डेढ़ फीट पानी
रुद्रपुर में बारिश ने नगर निगम के तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। शहर के नाले व नालियों के चोक होने से बारिश का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर जमा हो रहा है। जिले में बीते 24 घंटे से अधिक समय से निरंतर हो रही बारिश से शहर के कई स्थानों पर भारी जलभराव हो गया है। सड़कों पर एक से डेढ़ फुट तक पानी आ गया।

नगर निगम की टीम ने 11 जगह पर खोले नाले
जगह-जगह जलभराव की सूचना पर निगम की टीम सक्रिय हुई। टीम लीडर सफाई निरीक्षक गौतम सिंह के नेतृत्व में टीम ने गाबा चौक से फ्लाईओवर तक बड़ा नाला खोला गया। इसके बाद सिटी क्लब, जयनगर वार्ड, मेडिसिटी का लेबर अड्डा, भूतबंगला, हुंडई शोरूम के पास, अग्रसेन चौक, बाटा चौक, रुद्रा होटल, जैन मंदिर व गुरुनानक स्कूल के पास नाला खाेला गया।

लगातार बारिश से प्रभावित हुआ जनजीवन
गदरपुर नगरपालिका क्षेत्र के ज्ञान विहार, करतारपुर रोड, मझराशिला कालोनी, जीआईसी परिसर, जगत विहार कालोनी और गूलरभोज रोड के निचले इलाकों में जलभराव होने से आने-जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

 

Uttarakhand Weather: आज भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी, 8 जिलों में 12वीं तक के स्कूल रहेंगे बंद।

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उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में आज भी भारी से भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर समेत चमोली और पौड़ी जिले के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।

वहीं, देहरादून, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी और हरिद्वार में कहीं-कहीं भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। मौसम वैज्ञानिकों ने खुले स्थान पर रहने व जाने से बचने के लिए कहा है। संवेदनशील व भूस्खलन वाले स्थान और नदियों के किनारे अधिक सतर्कता रखें।

 

आठ जिलों में स्कूल रहेंगे बंद

कुमाऊं के सभी छह जिलों में पहली से बारहवीं तक के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में शनिवार को भी छुट्टी घोषित की गई है। वहीं, गढ़वाल में पौड़ी और रुद्रप्रयाग के स्कूलों में भी छुट्टी रहेगी।

Uttarakhand: उत्‍तराखंड के सरकारी स्कूलों के शर्मनाक हाल, एक हजार से ज्‍यादा प्राथमिक विद्यालयों में नहीं हैं शौचालय।

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भारी बजट के बावजूद भी शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं करवा पाया। चालू वित्त वर्ष में विभाग को केंद्र सरकार से समग्र शिक्षा के तहत 1,196 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं।

लेकिन 1हजार से ज्यादा प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां लड़कियों और 841 प्राथमिक विद्यालयों में लड़कों के लिए शौचालय सुविधा नहीं है। पिछले वर्ष की तुलना में इन विद्यालयों में लड़कियों के लिए 319 व लड़कों के लिए 248 शौचालय बन पाए।

जब बजट की कमी नहीं है तो एक साल के भीतर शौचालय निर्माण में शत-प्रतिशत सफलता क्यों नहीं मिल पा रही है। शौचालय निर्माण की यह स्थिति तब है जब पिछले एक वर्ष में 154 प्राथमिक विद्यालय बंद हो चुके हैं।

 

शौचालय निर्माण में उदासीनता-

विद्यालयों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय जैसे अति संवेदनशील विषय पर अभिभावकों, शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों का गंभीरता न दिखाना चिंता का विषय है। प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय निर्माण के लिए बहुत अधिक स्थान की जरूरत नहीं पड़ती है और न बहुत अधिक लागत आती है। लेकिन फिर भी आज तक वहां शौचालय सुविधा नहीं है,

सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में लड़के और लड़कियों के लिए शौचालय सुविधा है या नहीं है, यह आंकड़े किसी निजी संस्थान ने नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग ने स्वयं यूनिफाइड डिस्ट्रक इनर्फोमेशन सिस्टम फार एजूकेशन (यू-डायस) पर अपलोड किए हैं।

पिछले वर्ष जहां लड़कों के लिए 1,089 प्राथमिक विद्यालय शौचालय विहीन थे, उनमें से केवल 248 में ही एक वर्ष के भीतर शौचालय बन पाए। इसी प्रकार पिछले वर्ष 1330 विद्यालयों में छात्राओं के शौचालय नहीं थे, वहीं इस वर्ष 329 विद्यालयों में शौचालय बन पाए हैं। जब पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय बन सकते हैं तो अन्य विद्यालयों में अभी तक शौचालय क्यों नहीं बन पाए हैं?

Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में झमाझम बारिश, शहर में जलभराव, पहाड़ में उफान पर नदी नाले।

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उत्तराखंड में झमाझम बारिश राहत के साथ ही आफत भी लाई है। शहर में जहां बारिश से जगह-जगह जलभराव हो गया। वहीं पहाड़ों पर नदी नाले उफान पर आ गए हैं। भारी बारिश को देखते हुए नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में पहली से 12वीं तक के स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों में मंगलवार को अवकाश घोषित किया गया है।

मौसम विभाग की ओर से आज उत्तराखंड में भारी बारिश के आसार बताए गए थे।  नैनीताल, बागेश्वर, चम्पावत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, देहरादून, पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिले के कुछ हिस्सों में तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया था।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है रेड अलर्ट वाले इलाकों में तेज गर्जन के साथ कई दौर की तेज बारिश है।हिदायत देते हुए कहा, भूस्खलन की आशंका वाले संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

साथ ही चारधाम यात्रा कर रहे तीर्थयात्रियों को विशेष हिदायत देते हुए कहा कि यात्रा करते हुए खड़ी ढलानों पर नजर रखें।