Category Archive : अल्मोडा

पिथौरागढ़-मुनस्यारी, हल्द्वानी-अल्मोड़ा हेली सेवाओं का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

57 Minutes Read -

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को क्षेत्रीय संपर्क योजना (उड़ान योजना) के अंतर्गत पिथौरागढ़-मुनस्यारी-पिथौरागढ़ एवं हल्द्वानी-अल्मोड़ा-हल्द्वानी हवाई सेवाओं का मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन हवाई सेवाओं के शुरू होने से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में आम नागरिकों का आवागमन सुगम होगा।

 

दूरस्थ क्षेत्रों में आम नागरिकों को सुगम परिवहन होगा उपलब्ध : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्मोड़ा और मुनस्यारी उत्तराखंड के प्राचीन नगर होने के साथ ही ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर हैं। ये शहर प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक मंदिरों और समृद्ध संस्कृति के लिए देश और दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। हेली सेवा शुरू होने से अब पर्यटक अल्मोड़ा और मुनस्यारी तक और भी आसानी से पहुँच सकेंगे। इन सेवाओं से हल्द्वानी से अल्मोड़ा पहुँचने का समय 3 से 4 घंटे से घटकर महज़ कुछ मिनटों का रह जाएगा। हेली सेवाओं के प्रारंभ होने से दोनों क्षेत्रों में पर्यटन एवं आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने उड़ान योजना जैसी दूरदर्शी योजना प्रारंभ की थी। इस योजना ने प्रदेश में हवाई संपर्क को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके अंतर्गत राज्य के कई हिस्सों में हवाई पट्टियों और हेलीपोर्ट्स का विकास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 18 हेलीपोर्ट्स से हेली सेवाओं के संचालन की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिनमें से अब तक 12 हेलीपोर्ट्स पर सेवाएँ सफलतापूर्वक प्रारंभ की जा चुकी हैं।

 

राज्य के अन्य क्षेत्रों को भी हेली सेवाओं से जोड़ा जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि हेली सेवाओं से अब तक गौचर, जोशियाड़ा, हल्द्वानी, मुनस्यारी, मसूरी, पिथौरागढ़, पंतनगर, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल और अल्मोड़ा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ा जा चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी हेली सेवाओं से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हवाई संपर्क को सशक्त बनाने के साथ ही उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के विस्तार के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं के लिए विकसित करने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।

गौरतलब है कि पिथौरागढ़ -मुनस्यारी -पिथौरागढ़ एवं हल्द्वानी-अल्मोड़ा-हल्द्वानी के लिए हेलीकॉप्टर सेवा सप्ताह में 7 दिन तथा प्रत्येक दिन दो बार संचालित होगी। पिथौरागढ़ से मुनस्यारी के लिए यह हेली सेवा सुबह 10:30 बजे एवं दोपहर 1:50 बजे चलेगी। वहीं मुनस्यारी से पिथौरागढ़ के लिए यह सेवा सुबह 10:50 बजे एवं दोपहर 2:10 बजे चलेगी।

हल्द्वानी से अल्मोड़ा के लिए हेली सेवा सुबह 11:50 बजे एवं दोपहर 3:10 बजे चलेगी। जबकि अल्मोड़ा से हल्द्वानी के लिए यह सेवा दोपहर 12:50 बजे एवं सायं 4:10 बजे चलेगी। इन हवाई सेवाओं का किराया ₹2500 है, जिसे यात्री https://airheritage.in/ के माध्यम से ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं।

कार्यक्रम में सचिव युकाडा  सचिन कुर्वे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी युकाडा  आशीष चौहान एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

ल्वेटा गांव के 35 घरों में जोशीमठ की तरह दरारें… चार गिरे,जांच के आदेश

118 Minutes Read -

अल्मोड़ा जिले के ल्वेटा गांव के मकानों में जोशीमठ (गढ़वाल) की तरह दरारें आ गई हैं। एक महीने में चार मकान दरारों के कारण गिर गए हैं। करीब 35 मकान बेहद जर्जर हालत में हैं। अनहोनी की आशंका के चलते कई लोग टेंट लगाकर रह रहे हैं। कुछ ग्रामीणों ने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। 15 घरों में लोग जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं।

Almora: Cracks in 35 houses of Laveta village like Joshimath... four collapsed

भैंसियाछाना ब्लाॅक स्थित ल्वेटा के ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को डीएम आलोक कुमार पांडेय से मुलाकात कर गांव की स्थिति से अवगत कराया। बताया कि वर्ष 2010 में भी उनके गांव के कई मकानों में दरारें आई थीं और छह मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे। उस समय प्रशासन ने तीन प्रभावित परिवारों को 1.20-1.20 लाख रुपये मुआवजा दिया था।अब फिर से गांव के करीब 35 मकानों में दरारें आ गई हैं। भयावह होती स्थिति से गांव की करीब 350 की आबादी के सिर से छत छिनने का खतरा मंडरा रहा है। गांव की पानी की लाइन भी उखड़ गई है।

ग्रामीण बोले-सुरक्षित भूमि है लेकिन घर बनाने के लिए पैसे नहीं
भाजपा अनुसूचित मोर्चा के मंडल अध्यक्ष संतोष कुमार के नेतृत्व में डीएम से मिले ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2010 में आपदा प्रबंधन की टीम ने गांव का दौरा किया था। तब उन्होंने गांव के भूस्खलन की जद में होने की बात कही थी। कहा कि उनके पास अन्यत्र मकान बनाने के लिए सुरक्षित भूमि तो है लेकिन भवन निर्माण के लिए पैसा नहीं है।

Uttarakhand: अल्मोड़ा के इस गांव में ग्रामीणों ने लगाया बोर्ड, अब बाहरी व्यक्ति को नहीं बेचेंगे जमीन ।

193 Minutes Read -

प्रदेश में बीते कुछ दिनों से गढ़वाल मंडल के कुछ जिलों में गांवों में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश और बाहरी लोगों को जमीन ना बेचने के बोर्ड लगाने का मामले सामने आए थे। ऐसा ही एक मामला अब कुमाऊं से भी सामने आया है। अल्मोड़ा जिले के सल्ट में कालीगाड़ के ग्रामीणों ने भी गांव के प्रवेश पर एक बोर्ड लगाया है। जिसमें लिखा है कि बाहरी व्यक्ति को कोई भी ग्रामीण जमीन नहीं बेचेगा और ना ही अपनी पहचान छिपाकर गांव में घूम सकता है।

अब अल्मोड़ा के इस गांव में भी ग्रामीणों ने लगाया बोर्ड-

प्रदेश में बाहरी व्यक्तियों को जमीन बा बेचने के लिए गांव में लगाए गए बीते कुछ दिनों से चर्चाओं के विषय बने हुए हैं। कुछ गावों में तो विशेष समुदाय के लोगों के आने पर बैन की बातें तक लिखी थी। इसी तरह से कुछ सल्ट के कालीगाड़ के ग्रामीणों ने भी किया है।

अंधाधुंध जमीनों की हो रही खरीद फरोख्त, गांव का माहौल बिगड़ने और प्राकृतिक संसाधनों को दोहन होने से गांव वाले परेशान हैं। जिस कारण उन्होंने गांव में जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है। बकायदा इसके लिए गांव के प्रवेश पर एक बड़ा बोर्ड भी लगाया गया है।

पहचान छुपा कर गांव में प्रवेश पर भी बैन-

जहां एक ओर बाहरी व्यक्तियों द्वारा यहां जमीन खरीदने पर बैन लगा दिया गया है। तो वहीं दूसरी ओर पहचान छिपाकर भी कोई बाहरी व्यक्ति गांव में नहीं घूम सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की बात भी बोर्ड पर लिखी गई है। इस बारे में जब ग्रामीणों से पूछा गया तो उनका कहना है कि अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने के लिए उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा है।

सर्वसम्मति से लिया गया है फैसला-

गांव वालों का कहना है कि वो अपने ग्राम प्रधान के आदेश को मानते हैं। लेकिन इसके साथ ही ये फैसला पूरे गांव की सहमति से लिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सर्व सहमति से लिया गया ये फैसला गांव की भलाई के लिए ही है। इसके साख ही ये कदम उत्तराखंड की उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने का भी एक प्रयास है।

 

Uttarakhand: जंगल की आग से झुलसे वन कर्मियों को किया गया एयरलिफ्ट, दिल्ली एम्स में किया गया रेफर।

287 Minutes Read -

गुरुवार को अल्मोड़ा के बिनसर अभयारण्य में भीषण आग से चार कर्मिकों की दर्दनाक मौत हुई है, जबकि चार लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। सभी घायलों को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहीं, घायलों की हालत गंभीर देखते हुए सीएम धामी ने उनको एम्स दिल्ली एयरलिफ्ट करने के निर्देश दिए थे।

सीएम के निर्देश के बाद शुक्रवार को वनाग्नि में झुलसे सभी वन कर्मियों को एयरलिफ्ट करके दिल्ली भेजा गया है। सबसे पहले गंभीर रूप से झुलसे कृष्ण कुमार (44) और पीआरडी जवान कुंदन सिंह को एयरलिफ्ट करके दिल्ली एम्स भेजा गया। इसके बाद कैलाश भट्ट और भगवत सिंह को भेजा गया। बता दें कि, कृष्ण कुमार फायर वाचर निवासी भेटुली अल्मोड़ा 82 प्रतिशत जले हैं। इनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। उधर कैलाश भट्ट उम्र (45) दैनिक श्रमिक निवासी घनेली अल्मोड़ा 42% प्रतिशत, कुंदन सिंह (42) पीआरडी जवान निवासी खाखरी 40% जबकि भगवत सिंह (36) चालक निवासी भेटुली आयरपानी 50% प्रतिशत जले हैं।

बता दें कि, अल्मोड़ा बिनसर अभयारण्य वनाग्नि में झुलसे हुए वन कर्मियों को शुक्रवार को एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स भेजा गया है। इस दौरान हल्द्वानी के सिटी मजिस्ट्रेट एबी वाजपेयी और एसडीएम रुद्रपुर मनीष बिष्ट मौजूद रहे।

सीटी मजिस्ट्रेट एबी बाजपेई ने बताया की गुरुवार हादसे में चार वन कर्मियों की मौत हो गई थी जबकि चार वनकर्मी आग की चपेट में आने से झुलस गए थे। सरकार के निर्णय के बाद झुलसे हुए चारों वनकर्मियों को एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स भेजा जा रहा है।

वहीं, उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जंगल की आग की चपेट में आकर चार वन कर्मियों की माैत के मामले में सीएम धामी ने सख्त रुख अपनाया है। कुमाऊं के तीन अधिकारियों पर गाज गिरी है। चीफ कंजरवेटर नॉर्थ और डीएफओ अल्मोड़ा को निलंबित कर दिया है। वहीं, सीसीएफ कुमाऊं को अटैच किया है। सीएम धामी के निर्देश के बाद अब विभाग इनपर कार्रवाई करने जा रहा है।

Forest Fire: उत्तराखंड में जलते जंगल, कुमाऊं के जंगलों में 26 जगह पर लगी आग; बेबस है विभाग।

7,923 Minutes Read -

Lok Sabha Chunav: उत्तराखंड में इन तीन सीटों पर खिसक सकती है भाजपा की जमीन, जानिए कौन सी है वो 3 सीटें !

302 Minutes Read -

उत्तराखंड में लोकसभा चुनावों का शंखनाद हो चुका है लेकिन इस बार पिछले 2019 की तरह कोई ख़ास तरह का रुझान नहीं देखने को मिल रहा है,,जिससे अंदाजा लगाया जा सके कि किस सीट पर किसका पलड़ा भारी है लेकिन 3 सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है। 

Election 2024: भाजपा से अल्मोड़ा लोकसभा सीट के प्रत्याशी अजय टम्टा की 5 साल में चार गुना हो गई संपत्ति।जानिए कितनी है उनकी संपत्ति.

337 Minutes Read -

भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा की पांच वर्ष में चल संपत्ति में चार गुना तो अचल संपत्ति दो गुना से ज्यादा बढ़ गई है। वर्ष 2019 में अजय टम्टा ने नामांकन के समय जो शपथ पत्र प्रस्तुत किए उसके अनुसार उनके पास 6,49,744 रुपये की चल संपत्ति थी जो सिर्फ पांच साल में चार गुना बढ़कर 26,58,611 पहुंच गई है। उनकी अचल संपत्ति में भी करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

राज्य गठन के बाद अल्मोड़ा संसदीय सीट वर्ष 2009 में पहली बार आरक्षित हुई। कांग्रेस ने प्रदीप टम्टा तो भाजपा ने अजय टम्टा को मैदान में उतारा। कड़े मुकाबले में प्रदीप टम्टा ने अजय टम्टा को हराकर संसद का सफर तय किया। इसके ठीक पांच वर्ष बाद 2014 हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने फिर से अजय टम्टा पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा, जिस पर वह खरे उतरे और अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी को हरा दिया।  इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार दूसरी बार 2019 में भी जीत दर्ज की। इस चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करते समय उन्होंने संपत्ति का ब्योरा भी प्रस्तुत किया। इसके तहत तब उनके पास 6,49,744 और 37,31,375 रुपये कीमत की अचल संपत्ति थी। इस बार के लोकसभा चुनाव में उनकी चल संपत्ति 26,58,611 रुपये है जबकि अचल संपत्ति दो गुना से ज्यादा बढ़कर 75,40,000 रुपये हो गई है।

स्नातक भी बने अजय-


अल्मोड़ा संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा ने पांच सालों में संपत्ति के साथ ही शैक्षिक योग्यता भी बढ़ाई है। उन्होंने पांच सालों के बीच स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ से स्नातक की डिग्री भी हासिल की है। 2019 के लोकसभा चुनाव तक उनकी शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट थी।  1993 में सक्रिय राजनीति में उतरने के चलते वह आगे की पढ़ाई नहीं कर सके। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में भरे शपथ पत्र में अपनी शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट दर्ज की थी। इस बार स्नातक की डिग्री के साथ वह मैदान में हैं।

संपत्ति का ब्योरा-


नकदी 10,50,000 रुपये
वाहन : मारुति स्विफ्ट डिजायर, टोयोटा फार्चूनर
जेवरात-
सोना : सात तोला
चांदी : 20 ग्राम
पत्नी की संपत्ति
सोना : 10 तोला
चांदी : 50 ग्राम
कुल चल संपत्ति की कीमत
26,58,611 रुपये,
पत्नी के नाम-10,51,877,
पुत्री के नाम-11,31,173 रुपये
अचल संपत्ति
75,40000 रुपये
बैंक ऋण-19,09,642 रुपये

अजय टम्टा ने किया नामांकन पत्र दाखिल-
अल्मोड़ा संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा ने नामांकन पत्र दाखिल किया। सादगी के साथ वह नामांकन पत्र दाखिल करने कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला निर्वाचन अधिकारी विनीत तोमर को नामांकन पत्र सौंपा। इस दौरान उनकी पत्नी सोनम टम्टा भी मौजूद रहीं। अल्मोड़ा संसदीय सीट पर भाजपा नामांकन पत्र दाखिल करने में अव्वल रही।

पार्टी प्रत्याशी अजय टम्टा ने शुक्रवार को विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या, डीडीहाट विधायक विशन सिंह चुफाल, कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया, रानीखेत विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा भी कलेक्ट्रेट पहुंचे। उनके नामांकन पत्र दाखिल करने पर सभी नेताओं के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने उन्हें बधाई दी।

Uttarakhand: उत्तराखंड में तीन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर लगी मुहर, 2 सीटों पर अभी सस्पेंस बरकरार।

329 Minutes Read -

भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इससे पहले गुरुवार को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में देर रात तक इन नामों पर चर्चा की थी। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से 3 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की मुहर लग चुकी है.  जिसमे टिहरी, अल्मोड़ा और नैनीताल-उधम सिंह नगर सीट पर नाम फाइनल हो चुके हैं. टिहरी सीट से महारानी राज्य लक्ष्मी शाह, अल्मोड़ा सीट से अजय टम्टा, और नैनीताल उधम सिंह नगर सीट से अजय भट्ट का नाम घोषित हो चुका है. जबकि दो सीटें यानी पौड़ी और हरिद्वार सीट पर अभी सस्पेंस बना हुआ है.

 

टिहरी सीट से महारानी राज्य लक्ष्मी शाह

अल्मोड़ा सीट से अजय टम्टा

नैनीताल उधम सिंह नगर सीट से अजय भट्ट

हल्द्वानी हिंसा मामले में मास्टरमाइंड मलिक से होगी 2.68 करोड़ की वसूली, DM को भेजा पत्र, नगर निगम ने जारी की RC.

392 Minutes Read -

Uttarakhand: भाजपा में टिकट दावेदारों की है लंबी कतार, कई युवा भी हैं चुनाव में ताल ठोकने को बेताब

333 Minutes Read -

लोकसभा चुनाव के टिकट के लिए  भाजपा में टिकट के दावेदारों की लंबी लाइन लगी हुई है। दिग्गज नेताओं से लेकर पार्टी के युवा तक सभी चुनाव में ताल ठोकने को बेताब हैं। जब से भाजपा के हलकों में कुछ सीटों पर प्रत्याशी बदलने की अटकलों ने जोर पकड़ा है, तभी से उनकी कोशिशें तेज हो रही हैं।

जैसे-जैसे लोकसभा चुनावों का समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे टिकट की दावेदारी पूरी तरह से खुलकर सामने आने लगेगी। चर्चाएं ये भी हैं कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन के मामले में भी पार्टी को एक बड़ा सरप्राइज कर सकता है। वर्तमान में राज्य की सभी पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। 2014 और 2019 लोक सभा चुनावों में भाजपा ने पांचों सीटों पर लगातार जीत दर्ज की है ।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़, टिहरी गढ़वाल और हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने तीनों प्रत्याशियों को  रिपीट किया था। टिहरी गढ़वाल संसदीय सीट पर माला राज्य लक्ष्मी शाह, हरिद्वार में डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोस सीट पर अजय टम्टा सांसद हैं। 2014 में गढ़वाल लोस सीट पर मेजर जनरल बीसी खंडूरी  सांसद थे।

प्रत्याशियों में हो सकता है फेरबदल-


2019 में पार्टी ने खंडूड़ी के शिष्य तीरथ सिंह रावत को टिकट दिया और वह चुनाव जीते। नैनीताल-ऊधमसिंह नगर में 2014 में भगत सिंह कोश्यारी सांसद चुने गए थे। 2019 में उनकी इस सीट पर अजय भट्ट को उम्मीदवार बनाया गया, वह भी चुनाव जीते। अब भाजपा के राजनीतिक हलकों में यह कयास हैं कि पार्टी नेतृत्व प्रत्याशी चयन को लेकर चौंका सकता है।

ऐसे में पार्टी में यह सवाल गरमा रहा कि पार्टी नेतृत्व पांचों सीटों पर प्रत्याशी रिपीट करेगा या सभी को बदलेगा, या कुछ सीटों पर नए चेहरों को मैदान में उतारेगा। पांच में से तीन लोस सीटों पर वर्तमान सांसदों का टिकट काटे जाने की ज्यादा चर्चाएं हैं। इन चर्चाओं ने पार्टी के उन चेहरों के उम्मीदों को पंख लगाते हैं जो लोस चुनाव की दावेदारी कर रहे हैं। इनमें पार्टी के कुछ विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व सांसद व पार्टी पदाधिकारी, युवा और महिला मोर्चा के पदाधिकारी भी शामिल हैं। टिहरी, अल्मोड़ा और हरिद्वार सीटों से तो प्रदेश संगठन को टिकट के लिए आवेदन तक मिल चुके हैं।
लोकसभा चुनाव में भाजपा जीत की हैट्रिक लगाएगी। पार्टी में उम्मीदवारों का निर्णय केंद्रीय संसदीय बोर्ड करता है। यह बात सही है कि कुछ कार्यकर्ताओं ने विभिन्न सीटों पर टिकट की दावेदारी के आवेदन दिए हैं। महेंद्र भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष- भाजपा