Category Archive : स्वास्थ्य

कोमा में जा सकते हैं सीएम केजरीवाल, शुगर लेवल 50 से नीचे- आतिशी

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दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. आतिशी ने कहा कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल को जेल में मारने की कोशिश कर रही है. केजरीवाल का शुगर लेवल 50 से नीचे आ गया है ऐसे में वो कोमा में जा सकते हैं. आतिशी ने कहा कि केजरीवाल को ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा है. वहीं दिल्ली एलजी के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर कहा कि अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर सही डाइट नहीं ले रहे हैं जिसकी वजह से उनका वजन तेजी से कम हो रहा है. केजरीवाल डाइट चार्ट का पालन नहीं कर रहे हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले के चलते तिहाड़ जेल में बंद हैं. हाल ही में दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर सीएम केजरीवाल की डाइट को लेकर सवाल उठाए हैं. एलजी के प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर कहा कि जेल में अरविंद केजरीवाल जानबूझकर कम कैलोरी ले रहे हैं. अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य का जिक्र करते हुए कहा गया है कि कम कैलोरी से उन का वजन कम हो रहा है, साथ ही सवाल उठाए गए हैं कि केजरीवाल प्रॉपर डाइट नहीं ले रहे हैं.

सीएम केजरीवाल नहीं ले रहे प्रॉपर डाइट

प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर आरोप लगाए कि सीएम न तो प्रॉपर डाइट ले रहे हैं और न ही उन्होंने डाइट चार्ट का पालन किया है. सचिव ने कहा, केजरीवाल ने 6 जून से 13 जुलाई के बीच प्रॉपर डाइट नहीं ली है, वो डाइट चार्ट का पालन नहीं कर रहे हैं.

AAP ने दिया जवाब

एलजी के प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर सीएम की डाइट पर आरोप लगाए जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने इस पर जवाब दिया. मंत्री आतिशी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सीएम केजरीवाल को मारने की साजिश रच रही है. सीएम की सेहत के बारे में जानकारी देते हुए आतिशी ने कहा कि सीएम केजरीवाल का शुगर लेवल 8 से ज्यादा बार 50 से नीचे आ चुका है, इन सब चीजों के चलते सीएम केजरीवाल कोमा में जा सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों में ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा है.

 

पूरे भारत में प्रचंड गर्मी का कहर, अब तक 40 हजार हीट स्ट्रोक के मामले सामने आए; सैकड़ों मौतें हुई दर्ज।

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जलवायु परिवर्तन का असर पूरी दुनिया पर पड़ता दिखाई दे रहा है। कहीं गर्मी तो कहीं बारिश का तांडव देखा जा सकता है। भारत  के कई हिस्सों में गर्मी से कोहराम मचा हुआ है। आए दिन लोगों के मरने की खबर आ रही है। तापमान ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अब तक 50 डिग्री के पार जा चुका है। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि इस बार गर्मी के मौसम में अबतक 40 हजार से अधिक हीटस्ट्रोक के मामले सामने आ चुके हैं। वहीं प्रचंड गर्मी ने पूरे देश में सौ से ज्यादा जीवन लील लिए। जबकि पूर्वोत्तर के कुछ हिस्से भारी बारिश से बाढ़ से जूझ रहे हैं।

अरबों लोग भीषण गर्मी से जूझ रहे-
वैज्ञानिकों का कहना है कि मानव गतिविधियों की वजह से जलवायु पर खासा असर पड़ रहा है। इसकी वजह से एशिया भर में अरबों लोग भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। उत्तर भारत में तापमान लगभग 50 डिग्री सेल्सियस (122 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक चला गया है। जो अब तक की सबसे लंबी गर्मी की लहरों में से एक है।
पक्षी आसमान से गिर रहे-
प्रचंड गर्मी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बेचारे पक्षी आसमान में उड़ने की बजाय धरती पर आकर गिर रहे हैं। अस्पतालों में गर्मी से प्रभावित रोगियों की संख्या बढ़ रही है। लोग जरूरी काम के लिए भी दोपहर में घर से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। इन सब की वजह यह भी है कि इस बार मार्च में गर्मी की शुरुआत के बाद से हाल के हफ्तों में दिन और रात दोनों का तापमान चरम पर था।

 वहीं, सबसे ज्यादा परेशानी देश की राजधानी दिल्ली में दर्ज की जा रही है। यहां लोगों को न तो पीने के लिए पर्याप्त पानी और न ही बिजली मिल रही हैं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने संघीय और राज्य संस्थानों को मरीजों का तुरंत इलाज करने का आदेश दिया है। जबकि दिल्ली के अस्पतालों को निर्देश दिया गया था कि वे अधिक बिस्तर उपलब्ध कराएं।

इतने लोगों की मौत-
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि एक मार्च से 18 जून के बीच हीट स्ट्रोक के 40,000 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए और कम से कम 110 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। इस दौरान उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में सामान्य से दोगुनी संख्या में गर्म हवाएं चलीं।

मौसम विभाग ने इस महीने के लिए भी सामान्य तापमान से अधिक रहने का अनुमान जताया है, क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि असंतुलित वृद्धि के कारण भारतीय शहर हीट ट्रैप बन गए हैं।

Uttarakhand News: राज्य में अस्पताल चलाना है तो आयुष्मान में इलाज करना होगा जरूरी… सरकार ने दी चेतावनी।

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आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त इलाज कराने से बच रहे निजी अस्पतालों को लेकर सरकार सख्त है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में अस्पताल चलाना है तो आयुष्मान में इलाज करना होगा। अस्पताल प्रबंधकों के साथ बैठक हो चुकी है। जल्द ही विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे।

कांग्रेस विधायक ममता राकेश के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में चल रहे सभी छोटे-बड़े अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड धारकों को इलाज सुविधा देनी होगी।

कई बड़े अस्पताल कार्ड धारकों को इलाज की सुविधा नहीं दे रहे हैं। इस पर सरकार ने साफ निर्देश दिए कि राज्य में अस्पताल चलाना है तो आयुष्मान में इलाज करना होगा।

 

 

अब तक 4.87 लाख कर्मचारियों के कार्ड बन चुके हैं। इसमें 1.15 लाख कर्मचारियों ने विभिन्न बीमारियों का कैशलेस इलाज कराया। इस पर 349 करोड़ राशि खर्च हुई है। कर्मचारियों को ओपीडी में कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं है। इसका कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति की जाती है। भर्ती होने पर असीमित व्यय पर कैशलेस इलाज किया जा रहा है।

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TB: जल्द शुरू होगा टीबी वैक्सीन का बड़े पैमाने पर ट्रायल, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन करेगी पूरी फंडिंग

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टीबी की नई वैक्सीन के बड़े पैमाने पर ट्रायल जल्द शुरू होंगे। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन इस ट्रायल की फंडिंग करेगी। फाउंडेशन के सीईओ मार्क सुजमैन ने इसकी पुष्टि की है। बीते 100 सालों में नई टीबी वैक्सीन का बड़े पैमाने पर यह पहला ट्रायल होगा। मार्क सुजमैन ने बताया कि उनके फाउंडेशन ने इस ट्रायल के लिए फंडिंग देने का फैसला किया है क्योंकि निजी कंपनियों इसके लिए निवेश नहीं कर रही हैं।

 
 
अरबों डॉलर खर्च करेगी गेट्स फाउंडेशन-

मार्क सुजमैन ने कहा कि ‘हम ट्रायल पर सैंकड़ों करोड़ डॉलर खर्च करेंगे। जिन लोगों को टीबी की बीमारी है, वह अधिकतर गरीब लोग हैं और वह इलाज के लिए पैसे खर्च नहीं कर सकते।’ सुजमैन ने कहा कि ‘अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा भारत को मिलेगा। भारत में टीबी के सबसे ज्यादा मरीज हैं।’ जून 2023 में वेलकम फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने टीबी की वैक्सीन एम72 को विकसित करने के लिए फंडिंग करने का एलान किया था। बीते 100 सालों में यह टीबी की पहली वैक्सीन हो सकती है। अभी टीबी की एकमात्र वैक्सीन बीसीजी है, जिसे पहली बार साल 1921 में लगाया गया था। उसके बाद अब टीबी वैक्सीन के ट्रायल शुरू हो रहे हैं। ट्रायल पर गेट्स फाउंडेशन, वेलकम फाउंडेशन के साथ मिलकर करीब 550 मिलियन डॉलर खर्च करेगी। सैंकड़ों करोड़ डॉलर खर्च करेगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में टीबी से मरने वाले लोगों की संख्या कोविड-19 के बाद सबसे ज्यादा है। टीबी की बीमारी सभी उम्र के लोगों को हो सकती है और इससे बचाव भी संभव है। टीबी में मरीज के फेफड़ों में बैक्टीरिया का संक्रमण हो जाता है। टीबी मरीज के संपर्क में आने से यह संक्रमण होने का खतरा होता है। केंद्र सरकार भी टीबी उन्मूलन के लिए कार्यक्रम चला रही है। सरकार ने साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।
सरकार भी TB उन्मूलन के खिलाफ चला रही योजना-

सरकार ने साल 2022 में सरकार ने नि-क्षय मित्र कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकार टीबी मरीजों की जांच, उन्हें पोषण और वॉकेशनल सपोर्ट देने का काम कर रही है। इसके लिए सरकार कई एनजीओ के साथ मिलकर काम कर रही है। इस योजना का असर दिख भी रहा है और साल 2014 में जहां भारत में टीबी के 15.5 लाख मरीज रजिस्टर हुए थे। साल 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 24.22 लाख हो गया था।

Corona: कोरोना संक्रमितों की संख्या में हुआ इजाफा, बीते दिन 159 लोगों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव; जानें देश का हाल

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कोविड-19 का दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। 2020 में तेजी से फैंले कोविड महामारी ने दुनिया को चारदीवारी तक कैद कर दिया था। इसी बीच, कोविड-19 के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में एक्टिव नए आंकड़ों को जारी किया है। जिसमें कहा गया कि भारत में एक दिन में संक्रमित कोविड के 159 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसी के साथ ही पूरे देश भर में सक्रिय मामलों की संख्या 1623 हो गई है।

फिर बढ़ रहे कोविड के मामले- केंद्रीय मंत्रालय

केंद्रीय मंत्रालय की सुबह आठ बजे की रिपोर्ट में दर्ज आकंड़ों के मुताबिक, केरल में 24 घंटे में एक संक्रमित व्यक्ति ने दम तोड़ा है। गौरतलब है कि कि कोविड के दैनिक मामलों में पांच दिसंबर तक गिरावट दर्ज की गई थी। संक्रमित आंकड़ों अब दोहरे अंक को पार कर चुके हैं। लेकिन ठंड के मौसम की स्थिति के बाद से ही नए संस्करण के फैलने का सिलसिला शुरू हो गया है। 31 दिसंबर को एक दिन में सबसे ज्यादा 841 नए मामले समाने आए।

आधिकारिक सू्त्रों की मानें तो मौजूदा आंकड़ों से पता चलता है कि जेएन.1 वैरिएंट न तो नए मामलों में वृद्धि कर रहा है और न ही अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर में वृद्धि कर रहा है। गौरतलब है कि भारत ने कोविड-19 की तीन लहरों को झेला था। अप्रैल-जून 2021 के दौरान डेल्टा लहर, इस दौरान दैनिक नए मामलों और मौतों की चरम घटनाएं दर्ज की गई थी। 7 मई, 2021 को 4,14,188 मामले और 3,915 मौतें दर्ज की गई थी।

लगभग 220 करोड़ खुराकें दी जा चुकी है-

मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, इस बीमार से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 4.4 करोड़ से अधिक है, जिसकी रिकवरी दर 98.81 प्रतिशत है। मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कोविड टीकों की 220.67 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं।

Coronavirus Alert: देशभर में 24 घंटे में आए कोरोना के 761 नए मामले, 12 लोगों की हुई मौत.

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सक्रिय मामलों की संख्या में केरल पहले स्थान पर है। केरल में मौजूदा समय में 1,249 सक्रिय मामले है, वहीं कर्नाटक में 1,240, महाराष्ट्र में 914, तमिलनाडु में 190, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में 128 सक्रिय मामले हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में शुक्रवार को कोविड-19 के 761 मामले सामने आए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक 12 नए मौत के मामले भी दर्ज किए गए हैं। शुक्रवार की सुबह आठ बजे के आंकड़ों के अनुसार देशभर में सक्रिय कोविड-19 मामले 4,423 से घटकर 4,334 हो गई है। 

सक्रिय मामलों की संख्या में केरल पहले स्थान पर है। केरल में मौजूदा समय में 1,249 सक्रिय मामले है, वहीं कर्नाटक में 1,240, महाराष्ट्र में 914, तमिलनाडु में 190, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में 128 सक्रिय मामले हैं। मरने वाले 12 लोगों में पांच केरल से हैं। वहीं कर्नाटक में चार, महाराष्ट्र में दो और उत्तर प्रदेश में एक की मौत हो चुकी है। पांच दिसंबर तक दैनिक मामलों की संख्या दो अंकों में थी, लेकिन ठंड बढ़ने के बाद मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। 
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.81 फीसदी पर पहुंच गई है। वेबसाइट के अनुसार देशभर में अब तक 220.67 करोड़ कोविड-19 की खुराक दी जा चुकी है। 

Covid19: तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले, बीते एक हफ्ते में 2282 नए मामले आए सामने.

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नए साल का आगाज हो चुका है, लेकिन नए साल के आगाज के साथ ही कोरोना भी डरा रहा है। दरअसल बीते हफ्ते के मुकाबले इस हफ्ते देश में कोरोना के मामलों में 22 फीसदी का उछाल आया है। बीते 24 घंटे में कोरोना के 800 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, जो बीते सात महीने में एक दिन में सबसे ज्यादा आंकड़ा है। भारत में पिछले हफ्ते (24-30 दिसंबर) कोरोना के 4652 मामले सामने आए थे। इससे पिछले हफ्ते यह आंकड़ा 3818 था। आंकड़ों से पता चल रहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

केरल में कोरोना मामलों में आई गिरावट-
केरल में बीते हफ्ते कोरोना के कुल 2282 नए मामले सामने आए। राहत की बात ये है कि उससे पिछले हफ्ते केरल में 3018 नए कोरोना केस मिले थे। इस तरह बीते हफ्ते केरल में कोरोना मामलों में गिरावट आई है। कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे कई अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण में तेजी आई है। कर्नाटक में बीते हफ्ते कोरोना के 922 मामले सामने आए, जो कि पिछले से पिछले हफ्ते के मुकाबले तीन गुना की बढ़ोतरी है। महाराष्ट्र में भी 103 से बढ़कर कोरोना मरीजों की संख्या 620 हो गई है।
एक्टिव केस बढ़कर 4394 हुए-


स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना के एक्टिव मामले बढ़कर 4394 हो गए हैं। इनमें से 1869 एक्टिव केस केरल में ही हैं। रविवार को केरल में कोरोना के 213 एक्टिव केस मिले। वहीं कर्नाटक में एक्टिव केस बढ़कर 1000 हो गए हैं। रविवार को कर्नाटक में कोरोना के 167 एक्टिव केस मिले। महाराष्ट्र में एक्टिव मरीज 693 हैं। तमिलनाडु में यह आंकड़ा 175 है। आंध्र प्रदेश में भी 109 एक्टिव केस हैं। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना से तीन मरीजों की मौत हुई है। इनमें से दो मौत केरल में और एक तमिलनाडु में हुई।

देश में कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 के केस भी बढ़ रहे हैं। हालांकि अभी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है बस लोग सावधानी रखें और सार्वजनिक जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करें।

Covid19: कोरोना के नए वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता, JN.1 के 63 मरीज मिले, जानिए किस राज्य में हैं सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज .

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कोरोना का नया वैरिएंट तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है, जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। सरकार ने भी लोगों से सावधानी रखने की अपील की है। बता दें कि भारत में कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 के मरीजों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है। बता दें कि गोवा में सबसे ज्यादा मरीज नए वैरिएंट जेएन.1 से संक्रमित पाए गए हैं। गोवा में नए वैरिएंस से संक्रमित मरीजों की संख्या 34 है। वहीं महाराष्ट्र में छह, कर्नाटक में आठ, केरल में छह, तमिलनाडु में चार और तेलंगाना में दो लोग नए कोरोना वैरिएंट जेएन.1 से संक्रमित पाए गए हैं।

डब्लूएचओ का दावा-दुनिया के कई देशों में फैल रहा जेएन 1
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) का कहना है कि कोरोना के नए वैरिएंट जेएन 1 के दुनिया के कई देशों में संक्रमित मरीज मिल रहे हैं और इसके मामले तेजी से भी बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नए वैरिएंट जेएन 1 को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट माना है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी इसे लेकर और अध्ययन करने की जरूरत है कि जेएन 1 का शरीर पर क्या असर हो रहा है। भारत में तो अभी तक जेएन 1 से संक्रमित मरीजों में बहुत ज्यादा चिंताजनक लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं। जेएन 1 का संक्रमण भी कम है। साथ ही अभी जो वैक्सीन उपलब्ध हैं, उनसे ही इस वैरिएंट से निपटा जा सकता है।

जेएन 1 को लेकर ये बातें चिंताजनक-

कोरोना का नया वैरिएंट जेएन 1 तेजी से फैलता है और दुनिया के कई देशों में इसके मामले बढ़ रहे हैं। ठंड बढ़ने के साथ जेएन 1, इंफ्लुएंजा, रिनोवायरस और अन्य सांस संबंधी बीमारियां के साथ लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। यही वजह है कि सरकार ने लोगों से अपील की है कि वह सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का इस्तेमाल करें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की कोशिश करें। साथ ही बच्चों और बुजुर्गों को विशेष तौर पर सावधानी रखने की सलाह दी गई है।
https://youtu.be/GhZsXKydvA4

 

देश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 4 हजार के पार-

बता दें कि देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 312 एक्टिव केस मिले हैं। जिसके बाद देश में कुल सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 4054 हो गई है। बीते 24 घंटे में केरल में 128, कर्नाटक में 73, महाराष्ट्र में 50, राजस्थान में 11, तमिलनाडु में नौ, तेलंगाना में आठ और दिल्ली में सात नए एक्टिव केस मिले हैं।

Uttarakhand: बेटियों की तरह अब बेटों को भी मिलेगा महालक्ष्मी सुरक्षा कवच, जानिये क्या-क्या है इस लिस्ट में शामिल।

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उत्तराखंड में बेटियों की तरह अब बेटों को भी महालक्ष्मी सुरक्षा कवच मिलेगा। बेटा हो या बेटी पहले दो बच्चों के जन्म पर इस योजना का लाभ दिया जाएगा। धामी कैबिनेट में प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।प्रदेश में 17 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना शुरू की गई थी।

प्रसव के बाद माता,कन्या शिशु के पोषण, अतिरिक्त देखभाल और लैंगिक असमानता को दूर करने के उद्देश्य से योजना को शुरू किया गया था, लेकिन अब सरकार की ओर से बेटियों की तरह बेटों के जन्म पर भी योजना का लाभ दिए जाने का निर्णय लिया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि बेटा हो या बेटी पहले दो प्रसव पर योजना का लाभ दिया जाएगा।
ये मिलता है लाभ-

महालक्ष्मी किट में माताओं के लिए 250 ग्राम बादाम गिरी, अखरोट, सूखे खुमानी, 500 ग्राम छुआरा, दो जोड़ी जुराब, स्कार्फ, दो तौलिये, शाल, कंबल, बेडशीट, दो पैकेट सेनेटरी, नैपकिन, 500 ग्राम सरसों का तेल, साबुन, नेलकटर आदि सामग्री दी जाती है, जबकि बालिकाओं को किट में दो जोड़ी सूती व गर्म कपड़े, टोपी, मौजे, 12 लंगोट, तौलिया, बेबी सोप, रबर शीट, गर्म कंबल, टीकाकरण व पोषाहार कार्ड दिया जाता है।

जो महालक्ष्मी किट सिर्फ बेटियों के जन्म पर दी जाती थी, उसे अब बेटों के जन्म पर भी दिया जाएगा।