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Uttarakhand: अभिभावकों को मिलेगी राहत…शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों की शिकायत के लिए जारी किया ये टोल फ्री नंबर.

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माध्यमिक शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों से संबंधित विभिन्न शिकायतों के निपटारे के लिए टोल फ्री नंबर 1800 180 4275 जारी कर दिया है। अब इस नंबर पर अभिभावक निजी विद्यालयों से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। शिक्षा मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने शिक्षा निदेशालय में आयोजित कार्यक्रम में नंबर जारी करते हुए कहा कि इस पर आने वाली शिकायतों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा मंत्री ने टोल फ्री नंबर के साथ ही विभागीय वेबसाइट schooleducation.uk.gov.in का भी विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, प्रदेशभर से अभिभावकों की निजी स्कूलों के शुल्क बढ़ाने, स्कूल ड्रेस एवं महंगी किताबें थोपे जाने की विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही हैं। जिसको देखते हुए विभाग ने टोल फ्री नंबर जारी किया है।

मंत्री ने कहा, इस नंबर पर अभिभावक प्रत्येक कार्यदिवस पर सुबह 9ः30 से शाम 5ः30 बजे तक कॉल करके अपनी समस्याएं एवं शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। निदेशालय स्तर से सक्षम अधिकारी दर्ज शिकायतों का हर दिन मूल्यांकन कर संबंधित जिले के अधिकारियों को निस्तारण के लिए भेजेंगे। वहीं, संबंधित जिले के अधिकारी प्राप्त शिकायत का निराकरण करते हुए निदेशालय को रिपोर्ट करेंगे।

एक क्लिक में मिलेगी जानकारी-

इसके अलावा विभाग की नई वेबसाइट का शुभारंभ किया गया है। वेबसाइट की खास बात यह है कि यह हिन्दी व अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में उपलब्ध है। जिसमें सभी संवर्गों की नियमावली, अशासकीय विनिमय, स्थानांतरण अधिनियम, आरटीई मैन्युअल सहित तमाम विभागीय गतिविधियों को समाहित किया गया है। यही नहीं वेबसाइट में सभी संवर्गों की वरिष्ठता सूची को भी अपलोड किया गया है। जिसकी जानकारी कोई भी व्यक्ति एक क्लिक में हासिल कर सकता है।

ये भी पढ़ें..Uttarakhand: अशासकीय विद्यालयों-महाविद्यालयों में आयोग से होगी शिक्षकों की भर्ती, आयोग के माध्यम से तैयारीबैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल सती,निदेशक बेसिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल, एपीडी समग्र शिक्षा कुलदीप गैरोला, संयुक्त निदेशक पदमेन्द्र सकलानी, जेपी. काला, राज्य पोर्टल प्रभारी मुकेश बहुगुणा आदि मौजूद रहे।

Kedarnath Heli Service: इस बार भी IRCTC करेगा बुकिंग, 24 घंटे पहले टिकट रद्द किया तो वापस नहीं मिलेगा पैसा.

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चारधाम यात्रा में केदारनाथ धाम के लिए हेलिकॉप्टर टिकटों की बुकिंग अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू करने की तैयारी है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) जल्द ही बुकिंग की तिथि घोषित करेगा।

इस बार भी ऑनलाइन हेली टिकटों की बुकिंग आईआरसीटीसी के माध्यम से की जाएगी। यूकाडा ने टिकटों को रद्द करने व किराया वापस करने के लिए नीति बनाई है। यदि कोई यात्री उड़ान समय से 24 घंटे पहले टिकट रद्द करता है तो हेली कंपनी किराया वापस नहीं करेगी। 48 घंटे पहले टिकट रद्द करने पर किराये का 25 प्रतिशत ही वापस मिलेगा।

यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा केदारनाथ हेली सेवा के लिए मारामारी रहती है। इस बार भी केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी, फाटा व सिरसी हेलिपैड से पवन हंस, हिमालयन हेली, ट्रांस भारत, ग्लोबल विक्ट्रा, थंबी एविएशन, केस्ट्रल एविएशन, एयरो एयरक्राफ्ट के माध्यम से हेली सेवा संचालित की जाएगी।

टिकट रद्द एवं किराया वापस नीति के अनुसार यात्रा तिथि से पांच दिन पहले टिकट रद्द करने पर 50 प्रतिशत किराया वापस होगा। जबकि पांच से अधिक दिन पहले टिकट रद्द करने पर किराया राशि का 75 प्रतिशत वापस मिलेगा। इसके अलावा खराब मौसम या तकनीकी कारणों के चलते उड़ान रद्द होने पर हेली कंपनी यात्रियों को पूरा किराया वापस करेगी।

 

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यूकाडा की सीईओ सोनिका ने बताया कि केदारनाथ हेली सेवा के लिए सभी तैयारी पूरी है। जल्द ही टिकटों की बुकिंग के लिए तिथि तय की जाएगी। हेली टिकट बुकिंग करने के बाद यदि यात्री किसी कारण से टिकट रद्द करता है तो उसे नीति के अनुसार किराया वापस किया जाएगा।

 

यमुनोत्री व गंगोत्री हेली सेवा के लिए डीजीसीए की अनुमति का इंतजार-

प्रदेश सरकार इस बार यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के लिए हवाई सेवा से जोड़ने की तैयारी कर रही है। इसके लिए डीजीसीए से अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है। डीजीसीए तकनीकी व सुरक्षा मानकों का परीक्षण करने के बाद ही अनुमति देती है। हालांकि यमुनोत्री धाम के लिए हेलिकॉप्टर की लैंडिंग का ट्रायल भी हो चुका है।

 

केदारनाथ हेली सेवा का किराया-

रूट                           2023     2024    प्रस्तावित किराया
सिरसी से केदारनाथ      5498     5,772      6061
फाटा से केदारनाथ        5500    5,774      6063
गुप्तकाशी से केदारनाथ  7740     8,126     8533
नोट-प्रति किराया आने व जाने का है।

Uttarakhand: समर्पित शिक्षकों को बिना आवेदन भी मिलेगा शैलेश मटियानी पुरस्कार, कैबिनेट में लाया जाएगा प्रस्ताव.

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प्रदेश में शिक्षा के प्रति समर्पित और उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सरकार अब बिना आवेदन भी राज्य शैक्षिक शैलेश मटियानी पुरस्कार देगी। शिक्षा मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत के मुताबिक इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। मंत्री के मुताबिक कुछ शिक्षक, शिक्षा के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं। इनमें से एक हैं, बागेश्वर के कपकोट स्थित राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा।

उनके व विद्यालय के अन्य शिक्षकों के प्रयासों से विद्यालय में न सिर्फ छात्र-छात्राओं की संख्या कई गुना बढ़ी है, बल्कि विद्यालय के कई छात्रों का सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में चयन हुआ है। शिक्षा मंत्री के मुताबिक इस स्कूल में पूर्व में मात्र नौ छात्र-छात्राएं थे, लेकिन विद्यालय के शिक्षकों के प्रयास से स्कूल में वर्तमान में 282 बच्चे अध्ययनरत हैं। जबकि 200 अन्य बच्चे इस स्कूल में दाखिला चाहते हैं।

स्कूल के प्रधानाध्यापक ने उन्हें बताया कि स्कूल में पर्याप्त भवन हो तो छात्र-छात्राओं की संख्या और बढ़ सकती है। उन्होंने जब स्कूल के प्रधानाध्यापक को शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए आवेदन करने के लिए कहा तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, यदि वह इसके योग्य हैं तो उन्हें खुद इसके लिए चयनित किया जाना चाहिए।

यही वजह है कि सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी कि इस तरह के शिक्षकों को बिना आवेदन भी शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार के लिए चयनित कर सम्मानित किया जाए। शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि इस स्कूल के भवन के लिए सरकार ने एक करोड़ 10 लाख रुपये दिए हैं।

Uttarakhand News: धधकते रहे जंगल.. 2 लाख हेक्टेयर में किए इंतजाम फिर भी सैकड़ों हेक्टेयर जंगल हुए राख.

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पिछले साल वन महकमे ने जंगल की आग से वनों को बचाने के लिए दो लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में नियंत्रित फुकान (कंट्रोल बर्निंग) किया। इसके बावजूद प्रदेश के वन धधकते रहे। ऐसे में वन महकमे का किया गया नियंत्रित फुकान सवालों में है।

यही नहीं जंगल की आग के नियंत्रण के लिए एक बड़ी रकम विभाग को तब जारी की गई, जब फायर सीजन खत्म हो रहा था। हालांकि इस बार पहले से अधिक चाकचौबंद इंतजाम होने का दावा किया जा रहा है। वन विभाग जंगल से आग से बचाव के लिए फायर लाइन की सफाई, कंट्रोल बर्निंग, जागरूकता अभियान चलाने जैसे प्रयास करता है। इन कोशिशों के बाद भी जंगल में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं।

पिछले साल की बात करें तो जंगल को वनाग्नि से बचाने के लिए 25 वन प्रभागों में नियंत्रित फुकान का काम किया गया, इसमें वन विभाग 201253.94 हेक्टेयर में नियंत्रित फुकान किया था। इसके बाद भी 1273 घटनाएं हुईं, इनमें 1768 हेक्टेयर जंगल में जैव विविधता प्रभावित हुई।

कंट्रोल बर्निंग के प्रभावों को लेकर अध्ययन नहीं-

वन विभाग जंगल से आग से बचाव के लिए सूखी पत्तियां जैसे फ्यूल लोड वनों में होता है, उसको हटाने के लिए उसे नियंत्रित तौर पर जलाया (कंट्रोल बर्निंग) जाता है। पर जिन प्रभागों और स्थानों पर कंट्रोल बर्निंग होती है वहां क्या प्रभाव पड़ा है, शायद ही कभी इसका अध्ययन किया गया हो। जबकि वन विभाग में कर्मियों की टीम से लेकर वन अनुसंधान जैसी शाखा भी है। कंट्रोल बर्निंग के प्रभाव के अध्ययन को लेकर अधिकारियों के पास भी सटीक जवाब नहीं है।

मई, जून में जारी हुआ करोड़ों का बजट-

 

15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन होता है। वन विभाग ने वनाग्नि नियंत्रण के लिए बजट जारी करने के कई आदेश हुए। इसमें बड़ी रकम मई और जून में जारी हुई। पिछले साल में मार्च में पहले नौ लाख की राशि जारी हुई। जबकि एक करोड़ दस लाख की राशि जारी करने का आदेश 20 जून को किया गया। वहीं, कैंपा से भी 20 मई को सवा पांच करोड़ से अधिक की राशि जारी की गई।जंगल की आग नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

इसमें जंगल से फ्यूल लोड हटाने के लिए 10 रुपये प्रति किलो पिरुल देने का आदेश किया गया है। फायर लाइन की सफाई का काम किया जा रहा है। अन्य कदम भी उठाए गए हैं। रही बात कंट्रोल बर्निंग की तो यह जंगल से फ्यूल लोड को कम करने की एक प्रक्रिया है, जिससे बड़े नुकसान को रोका जा सके। -आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव वन

उत्तराखंड में सियासी सरगर्मियां तेज, नवरात्र में हो सकती है कैबिनेट में फेरबदल.. 3 मंत्रियों की होगी विदाई.

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प्रदेश की धामी सरकार एक ओर अपने तीन साल पूरे होने के जश्न की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर नवरात्र पर कैबिनेट नए रूप में दिखाई देगी। कैबिनेट में पांच खाली पद भरे जाने के साथ ही तीन कैबिनेट मंत्रियों की विदाई के संकेत मिल रहे हैं। नए मंत्रिमंडल का जो ड्राफ्ट तैयार हो रहा है, उसमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का खास ध्यान रखा गया है।

इस ड्राफ्ट पर केंद्रीय नेतृत्व की मुहर लगनी है। हालांकि मुख्यमंत्री दिल्ली दौरे को कैबिनेट में बदलाव की संभावना के तौर पर देखा गया। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, धामी का यह दौरा एक विवाह समारोह में शामिल होने को लेकर था। कैबिनेट में फेरबदल को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करने के लिए धामी बाद में दिल्ली जाएंगे।

पंजाबी समाज के विधायक को मिल सकती है जगह-

बहरहाल सूत्रों का कहना है कि नई कैबिनेट का जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसमें तीन वरिष्ठ मंत्रियों की विदाई की संभावना जताई जा रही है। तीनों मंत्रियों की विदाई का आधार उनकी परफारमेंस बनेगी। कैबिनेट में पंजाबी समाज के विधायक को जगह मिल सकती है।

क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के हिसाब से वरिष्ठता व अनुभव के आधार पर मंत्री बनाया जा सकता है। कैबिनेट में बदलाव को लेकर केंद्रीय नेताओं से पहले बातचीत होगी। चर्चा का यह सिलसिला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बंगलूरू में 21 से 23 तक होने वाली प्रतिनिधि सभा के बाद शुरू हो सकता है।

पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष प्रतिनिधि सभा में शामिल होंगे। 23 मार्च को सरकार के तीन साल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद सीएम धामी केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करने के लिए दिल्ली जा सकते हैं। तब तक केंद्रीय नेताओं के आरएसएस की प्रतिनिधि सभा से लौट आने की संभावना है। इन सभी परिस्थितियों के आधार पर अब यही माना जा रहा है नवरात्र में कैबिनेट में फेरबदल की कवायद को अंजाम दिया जा सकता है।

पहले हो सकता है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का एलान-

उत्तराखंड में प्रदेश मंत्रिमंडल में बदलाव से पहले भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का एलान हो सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बुधवार को दिल्ली में होने के बाद सियासी हलकों में कैबिनेट में फेरबदल की संभावना को लेकर चर्चाओं का बाजार गरमाता रहा। हालांकि मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को लौट आएंगे। भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नामों की चर्चा है। इनमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद महेंद्र भट्ट को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने चर्चाएं भी खासी गर्म रही हैं। पिछले कुछ दिनों से भट्ट अपने बयानों और बेटे के भूमि सौदे को लेकर सोशल मीडिया में विरोधियों के निशाने पर हैं। भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी का नाम की भी चर्चा है।

 

यदि पार्टी ब्राह्मण चेहरे के बजाय दलित चेहरे का प्रयोग करेगी तो पूर्व कैबिनेट मंत्री खजानदास के नाम को गंभीरता से देखा जा रहा है। इनके अलावा वरिष्ठ विधायक विनोद चमोली के नाम की भी चर्चा है। महिला चेहरे के तौर पर पार्टी विधायक आशा नौटियाल और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज का नाम भी लिया जा रहा है। कई विधायक व अन्य युवा नेताओं के नाम की भी चर्चा है।

Hockey India Championship: राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए उत्तराखंड की हॉकी टीम हुई घोषित.

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उत्तरप्रदेश के झांसी में चार से 15 अप्रैल तक आयोजित होने वाले 15 वीं हॉकी इंडिया सीनियर पुरुष राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए चयनित उत्तराखंड की टीम में हरिद्वार के सबसे अधिक पांच खिलाड़ी शामिल हैं।

ऊधमसिंह नगर और अल्मोड़ा जिले के तीन-तीन और देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर समेत स्पोर्ट्स कालेज के खिलाड़ियों का चयन भी उत्तराखंड की टीम में किया गया है। उत्तराखंड की टीम में चयनित छह खिलाड़ी पूर्व में भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं जबकि जूनियर में खेलने वाले कई खिलाड़ियों को भी इस बार सीनियर टीम से खेलने का मौका मिला है।

40 खिलाड़ियों ने किया प्रतिभाग-

मंगलवार को हल्द्वानी के गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित चयन ट्रायल में उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों व स्पोर्ट्स कालेज से 40 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। चयन ट्रायल में उम्दा प्रदर्शन के आधार पर उत्तराखंड की 18 सदस्यीय टीम का चयन किया गया है।राष्ट्रीय स्तर की हॉकी प्रतियोगिताओं और राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके विशाल (हरिद्वार), रुपिन (हरिद्वार), रूपेश (हरिद्वार), राहुल (स्पोर्ट्स कालेज), आशु कुमार (हरिद्वार) और दीपांशु (ऊधमसिंह नगर) को चयन ट्रायल में शानदार प्रदर्शन के आधार पर फिर से टीम में शामिल किया गया है।

 

इनका भी हुआ चयन-

इसके अलावा रितिक सैनी (काशीपुर), अक्षत रावत (कोटद्वार), मो. साहेब (देहरादून), बाबी (काशीपुर), दीपक फर्त्याल (अल्मोड़ा), रितिक राज (अल्मोड़ा), अमित सिरोला (हरिद्वार),गौरव मेहरा (अल्मोड़ा), विवेक उपरारी (पिथौरागढ़), मान सिंह दानू (बागेश्वर), विवेक शर्मा और रईस अहमद का चयन किया गया है।

 

चयनकर्ताओ में उप निदेशक खेल राशिका सिद्दीकी, उपक्रीड़ा अधिकारी वरुण बेलवाल, भारतीय वायु सेना के पूर्व चीफ कोच पुष्कर सिंह रावत, अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी हरीश भाकुनी और हॉकी के पूर्व चीफ कोच वीरेंद्र परिहार शामिल रहे।

Uttarakhand: मौन पालन को बढ़ावा.. CM आवास परिसर में निकाला गया शहद, 200 किलो तक रखा गया लक्ष्य.

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मुख्यमंत्री आवास परिसर में मंगलवार को शहद निष्कासन कार्य किया गया। पहले चरण में 57 किलोग्राम शहद निकाला गया। इस बार लगभग 200 किलोग्राम तक शहद के निकालने का लक्ष्य रखा गया।

मुख्यमंत्री ने बी-कीपिंग कार्य को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेते हुए शहद महोत्सव आयोजित करने के लिए उद्यान विभाग को निर्देश दिए। जिसमें मधुमक्खी द्वारा तैयार किए जाने वाले समस्त प्रोडक्ट महोत्सव में रखने और हर वर्ष शहद महोत्सव की एक तिथि भी निर्धारित करने को कहा।

सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में मौन पालन की अपार संभावनाएं हैं। राज्य में बहुत मात्रा में फूलों की प्रजातियां हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाले जैविक शहद उत्पादन में सहायक हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में औषधीय गुणों वाला शहद तैयार करने के लिए लोगों को प्रशिक्षण दिया जाए। मौन पालन को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।

इस अवसर पर उद्यान प्रभारी दीपक पुरोहित और चेयरमैन देवभूमि पर्वतीय ग्रामोद्योग विकास संस्थान हरबर्टपुर अजय कुमार सैनी मौजूद थे।

Avalanche Warning: उत्तराखंड के इन 3 जिलों में अगले 24 घंटे हिमस्खलन की चेतावनी, DGRE ने जारी किया अलर्ट.

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रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान चंडीगढ़ ने उत्तराखंड के तीन जिलों में हिमस्खलन को लेकर चेतावनी दी है। कहा गया है कि चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिले में अगले 24 घंटे में 2950 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में हिमस्खलन हो सकता है।

चीन सीमा पर माणा के पास बीते सप्ताह हिमस्खलन हुआ था, जिसकी चपेट में 55 मजदूर आ गए थे। इनमें से 46 को सुरक्षित निकाला गया, जबकि आठ की मौत हो गई थी। श्रमिकों को निकालने के लिए तीन दिन तक रेस्क्यू अभियान चला।

 

 

माणा हिमस्खलन की घटना के बाद माणा-माणा पास हाईवे का चौड़ीकरण कार्य पीछे खिसक गया है। हाईवे पर सुधारीकरण व चौड़ीकरण कार्य वर्ष 2027 के अक्तूबर माह में पूर्ण होना था, लेकिन इस घटना से कार्य की रफ्तार धीमी पड़ने के आसार हैं। बीआरओ ने मजदूरों के ठहरने के लिए नए कंटेनर स्थापित करने के लिए बदरीनाथ से माणा के बीच सुरक्षित स्थान की ढूंढ भी शुरू कर दी है।

दो से तीन फीट तक बर्फ जमी-

अभी इस क्षेत्र में दो से तीन फीट तक बर्फ जमी है। बर्फ पिघलने के बाद सबसे पहले मजदूरों को रहने के लिए नए कंटेनर स्थापित किए जाएंगे। पिछले दो साल से माणा गांव-माणा पास हाईवे का सुधारीकरण और चौड़ीकरण कार्य चल रहा है। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) की ओर से प्राइवेट फर्म को हाईवे चौड़ीकरण का काम सौंपा गया है।इसके लिए क्षेत्र में मजदूर निवासरत थे। ये मजदूर हाईवे चौड़ीकरण कार्य करने के बाद रात्रि विश्राम के लिए माणा पास इंट्री गेट के समीप स्थापित कंटेनर में पहुंच जाते हैं। यहां मजदूरों के आठ कंटेनर और एक शेल्टर था। जो अब हिमस्खलन की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। यदि मौसम साफ रहा तो अप्रैल माह के अंत तक सीमा क्षेत्र में बर्फ पिघल सकेगी।

Vasantotsav 2025: राजभवन में आज से शुरु हुआ वसंतोत्सव का आगाज.. राज्यपाल ने किया 3 दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी का शुभारंभ.

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राजभवन में आज शुक्रवार से रंग-बिरंगे फूलों का मेला लग गया है। तीन दिवसीय वसंतोत्सव-2025 (पुष्प प्रदर्शनी) का शुभारंभ राज्यपाल ने किया। पहले दिन दोपहर एक से शाम छह बजे और आठ व नौ मार्च को सुबह नौ से शाम छह बजे तक जनसामान्य को राजभवन में निशुल्क प्रवेश मिलेगा।

इस आयोजन में 15 मुख्य प्रतियोगिताओं की कुल 55 उप-श्रेणियां शामिल हैं, जिनमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। निर्णायक मंडल की ओर से चयनित विजेताओं को नौ मार्च को कुल 165 पुरस्कार दिए जाएंगे।

वेबसाइट पर कर सकते हैं पंजीकरण-

राज्यपाल के निर्देशन में इस वर्ष वसंतोत्सव में कई नवीन पहल शुरू की गई हैं। उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय ने इस आयोजन में आने वाले लोगों की गणना के लिए एआई एप्लिकेशन तैयार किया है। जिसके लिए राजभवन के मुख्य द्वार पर एआई इनेबल कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा वसंतोत्सव में आने वाले आगंतुक वेबसाइट www.vmsbutu.it.com पर भी पंजीकरण कर सकते हैं, जहां रजिस्ट्रेशन करने पर आगंतुक की सुविधा के लिए एक आई-कार्ड जनरेट होगा, यह रजिस्ट्रेशन ऐच्छिक होगा।

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आईटीडीए की ओर से फीडबैक सिस्टम के लिए क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिससे आगंतुक अपने सुझाव और अनुभव साझा कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य वसंतोत्सव को और अधिक प्रभावी और आकर्षक बनाना है। वसंतोत्सव-2025 न केवल पुष्प प्रेमियों के लिए एक अद्भुत अनुभव होगा, बल्कि यह नवाचार और तकनीकी विकास के नए आयाम भी स्थापित करेगा।

 

राजभवन में वसंतोत्सव के दौरान छावनी क्षेत्र में मार्ग रहेंगे परिवर्तित-

न्यू कैंट रोड स्थित राजभवन में वसंतोत्सव के तहत आयोजित होने वाली पुष्प प्रदर्शनी को लेकर पुलिस ने यातायात प्लान लागू किया है। कैंट क्षेत्र में कई मार्ग परिवर्तित रहेंगे। पुष्प प्रदर्शनी में आने वाले अधिकारियों के वाहन शौर्य स्थल के पास खाली मैदान में खड़े कराए जाएंगे। इसके अलावा प्रदर्शनी में आने वाले लोगों के निजी वाहन एनेक्सी तिराहा से आठवीं गढ़वाल राइफल के फुटबाल ग्राउंड में खड़े कराए जाएंगे। वहीं, बिंदाल और गढ़ी कैंट की ओर से आने वाले लोगों के वाहन महिंद्रा पार्क में खड़े कराए जाएंगे। एनेक्सी तिराहा से बीजापुर गेस्ट हाउस की ओर जाने वाले वाहनों को एनेक्सी तिराहा से सीएसडी तिराहा की ओर भेजा जाएगा। इस दौरान एनेक्सी तिराहा से बीजापुर गेस्ट हाउस की ओर वन-वे रहेगा। राजभवन के बाहर यातायात का दबाव होने पर प्लान के अनुसार वाहन भेजे जाएंगे। इस दौरान महिंद्रा ग्राउंड और आरटी ग्राउंड से शटल सेवा भी मिलेगी।

PM Modi Uttarakhand Visit: मुखबा को मिली नई उम्मीद, CM धामी की थपथपाई पीठ, पढ़ें पीएम मोदी के भाषण की कुछ खास बातें.

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एक दिवसीय दौरे पर मुखबा-हर्षिल पहुंचे प्रधानमंत्री, उत्तराखंड में अब घाम तापो पर्यटन, नए विजन का मंत्र दे गए। उन्होंने कहा कि ये दशक उत्तराखंड का है, प्रगति के लिए नए रास्ते खुले हैं। उनका दौरा कई मायनों में यादगार बन गया। जाते-जाते वह शीतकाली यात्रा के लिए सीएम धामी की पीठ थपथपाकर भी गए। वे देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो भारत-तिब्बत सीमा से जुड़े उत्तराखंड के चमोली और पिथौरागढ़ सीमावर्ती जिलों के बाद अब उत्तरकाशी के मुखबा और हर्षिल पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री के नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज होगा। वो देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो गंगा के शीतकालीन पूजा स्थल पहुंचेंगे।

चारधाम शीतकालीन यात्रा का संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को सीमांत जिले उत्तरकाशी के गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा और हर्षिल की यात्रा पर पहुंचे। पीएम सुबह भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से सुबह जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयपोर्ट पहुंचे। यहां से उन्होंने एमआई-17 से उत्तरकाशी के लिए उड़ान भरी।

गंगा मंदिर में पूजा अर्चना की-
प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा में दर्शन किए। उन्होंने करीब बीस मिनट तक गर्भगृह में पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही पीएम मोदी के नाम एक रिकॉर्ड दर्ज हो गया। वह देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो  मां गंगा के शीतकालीन पूजा स्थल पहुंचे। यहां उन्होंने सबसे पहले मां गंगा के शीतकालीन प्रवासस्थल मुखबा स्थित गंगा मंदिर में पूजा अर्चना की।

पीएम ने 20 मिनट तक मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद पीएम मोदी ने हर्षिल की खूबसूरत वादियों का दीदार किया। पीएम ने मुखबा मंदिर और हर्षिल व्यू प्वाइंट से वादियों का निहारा। इसके बाद पीएम ने हर्षिल में ट्रैकिंग व बाइक रैली को फ्लैग ऑफ किया। गंगा आरती के बाद प्रधानमंत्री ने हर्षिल में जनसभा को संबोधित किया।

पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें-

 

  • पीएम मोदी ने गढ़वाली भाषा में अपने भाषण की शुरुआत की। कहा- म्यारा प्यारा भाई भेणी, मेरी सयवा सोंदी।
  • कहा कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है। मुझे लगता है कि मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया है।
  • पीएम मोदी ने सरकार को बारहमासी पर्यटन का विजन दिया। कहा इससे सालभर रहने वाले रोजगार के अवसर मिलेगा।
  • पीएम ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का बन रहा है। कहा कि उत्तराखंड की प्रगति के लिए नए रास्ते खुले हैं। उन्होंने शीतकालीन पर्यटन को महत्वपूर्ण कदम है।
  • पीएम ने कहा कि घाम तापो पर्यटन उत्तराखंड के नया आमाम लेकर आएगा।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माणा, जादूंग, टिम्मरसैंण में तेजी से पर्यटन बढ़ रहा है। ऐसी व्यवस्था करेंगे जिससे  उत्तराखंड हर सीजन में ऑन सीजन रहेगा।
  • प्रधानमंत्री ने लोगों से उत्तराखंड में आकर शादी करने की अपील की। उन्होंने कहा कि डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए उत्तराखंड को चुने। साथ ही उन्होंने फिल्मों की शूटिंग के लिए उत्तराखंड को बेहतर बताया।
  • उत्तराखंड में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने की बात पीएम मोदी ने कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है।
  • कॉरपोरेट घरानों से आग्रह किया कि वह अपनी बैठकों के लिए उत्तराखंड आएं।
  • पीएम मोदी ने कहा कि यहां विंटर योगा सेशन आयोजित किए जाएं।
  • पीएम ने सरकार से कहा कि सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के लिए प्रतियोगिता आयोजित करें। वह उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म पर शॉर्ट फिल्म बनाएं। जो सबसे अच्छी बनाएं उन्हें इनाम दें। इससे प्रदेश के खूबसूरत स्थलों की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी।

चीणा का भात और फाफरे के पोले…पहाड़ी भोज के मुरीद हुए मोदी-

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहाड़ से हमेशा ही प्रेम रहा है। वह यहां जब भी आते हैं तो कुछ नया जरूर करते हैं। आज वह सीमांत गांव उत्तरकाशी के मुखबा में मां गंगा की पूजा के लिए पहुंचे। पूजा के बाद उन्होंने पहाड़ी खाने का स्वाद चखा। जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी ने स्थानीय उत्पाद चीणा का भात और फाफरे के पोले और क्षेत्र की स्वादिष्ट राजमा के साथ बद्री गाय की दही मठ्ठा का सेवन किया। चीणा और फाफरा का उत्पादन जनपद के हर्षिल घाटी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में होता है। तो वहीं यह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होता है। मुखबा में स्थानीय महिलाओं ने यह पकवान तैयार कर पीएम मोदी को परोसा।

पीएम मोदी ने किया हर्षिल की मनमोहक वादियों का दीदार, नजारा देख हुए मंत्रमुग्ध

प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मां गंगा के शीतकालीन प्रवासस्थल मुखबा स्थित गंगा मंदिर में पूजा अर्चना की। पीएम ने 20 मिनट तक मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद पीएम मोदी ने हर्षिल की खूबसूरत वादियों का दीदार किया। पीएम ने मुखबा मंदिर और हर्षिल व्यू प्वाइंट से वादियों का निहारा। इसके बाद पीएम ने हर्षिल में ट्रैकिंग व बाइक रैली को फ्लैग ऑफ किया। हर्षिल उत्तराखंड का ऐसा पर्यटन स्थल है जो हिमालय की गोद में शांति और सुकून की तलाश करने वाले लोगों के लिए एक दम मुफीद है। यह समुद्र तल से 2500 मीटर से भी अधिक ऊंचाई पर भागीरथी नदी के तट पर स्थित है। सर्दियों में यहां की वादियां बर्फ से लकदक नजर आती हैं। वहीं, गर्मियों में यहां का नजारा हरियाली से भरपूर दिखता है। यहां कई ट्रेकिंग रूट भी हैं जहां का पर्यटक दीदार कर सकते हैं।

 उत्तराखंड में अब घाम तापो पर्यटन, नए विजन का मंत्र दे गए मोदी

हर्षिल में जनसभा को संबोधिl करते हुए पीएम मोदी ने जहां सरकार को विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए खास मंत्र दिया वहीं, लोगों से विंटर सीजन में उत्तराखंड आने की अपील भी की।