राज्य के आठ जिलों में आज अधिकांश स्थानों पर बारिश की संभावना है। जबकि इनमें से तीन जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। ज्यादातर स्थानों पर आसमान में बादल छाए रहेंगे। कहीं मध्यम तो कहीं भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।
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राज्य के आठ जिलों में आज अधिकांश स्थानों पर बारिश की संभावना है। जबकि इनमें से तीन जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। ज्यादातर स्थानों पर आसमान में बादल छाए रहेंगे। कहीं मध्यम तो कहीं भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।
मौसम विभाग की ओर से उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अगले 24-48 घंटे सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। उत्तराखंड के कुमाऊं में ऑरेंज अलर्ट और गढ़वाल में येलो अलर्ट जारी किया गया है।गढ़वाल के अधिकांश जिलों और राजधानी देहरादून में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने बारिश को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही नदी-नालों के पास जाने से बचने की चेतावनी दी। प्रदेश के चार जिलों में भारी बारिश होने की आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत पौड़ी, चम्पावत और नैनीताल जिले के कुछ हिस्सों में तेज गर्जन के साथ भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
इसके अलावा उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में कई दौर की तेज बारिश होने के भी आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है अगले तीन से चार दिन प्रदेश भर के पर्वतीय जिलों के साथ मैदानी इलाकों में भी तेज बारिश होने की संभावना है।
जौनसार बावर व पछवादून में भूस्खलन से मलबा आने पर 13 मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। जिसमें दो राज्य मार्ग, एक मुख्य जिला मार्ग, एक अन्य जिला मार्ग शामिल है। पीएमजीएसवाई कालसी के चार, लोनिवि चकराता के दो, लोनिवि साहिया के पांच, लोनिवि प्रांतीय खंड देहरादून के दो मोटर मार्ग बंद हैं। नरेंद्रनगर – रानी पोखरी रोड मलबा आने से बंद है। टिहरी जिले में 12 लिंक रोड मलबा आने से बंद हैं। राजमार्ग खुले हैं। चमोली में शुक्रवार रात बारिश हुई। वहीं शनिवार को मौसम साफ हो गया। बदरीनाथ हाईवे सहित जनपद चमोली अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात हेतु सामान्य सुचारू हैं। बदरीनाथ व हेमकुंड यात्रा जारी है।
उत्तरकाशी जिले में मौसम साफ है। गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर वर्तमान में यातायात सुचारू है। शनिवार को सुबह के दौरान गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नलूणा और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डाबरकोट के पास करीब एक से दो घंटे बंद रहा। जनपद में दो संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं।वहीं शनिवार को गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में बारिश के कारण नदियों ने विकराल रूप ले लिया। अलकनंदा व मंदाकिनी नदी के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है। दोनों नदियां उफान पर हैं। नदी किनारे रहने वालों लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक बादल मंडरा रहे हैं, लेकिन गढ़वाल के ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा नहीं हो रही है। देहरादून के कुछ क्षेत्रों में और कुमाऊं में भारी वर्षा का क्रम बना हुआ है। दून में शुक्रवार को सुबह धूप खिली और दोपहर तक उमसभरी गर्मी ने बेहाल किया।इसके बाद आसमान में बादल मंडराने लगे और राजपुर, मालसी, जोहड़ी, सहस्रधारा क्षेत्र में जोरदार वर्षा हुई। जिससे क्षेत्र के बरसाती नाले उफान पर आ गए। शहर में भी रात करीब साढ़े आठ बजे गरज-चमक के साथ बौछारों का दौर शुरू हो गया।
अगले कुछ दिन वर्षा और जोर पकड़ सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर व अल्मोड़ा में भी कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ भारी वर्षा हो सकती है, जिसे लेकर यलो अलर्ट है
ऊधमसिंह नगर जिले में शुरू हुई बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। बीते 24 घंटे में लगभग 63 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसमें सबसे कम रुद्रपुर में 22 मिमी तो सबसे अधिक 98 मिमी बारिश खटीमा में दर्ज की गई। लगातार बारिश से जिले में पारा साढ़े तीन डिग्री नीचे लुढ़क गया है। अनवरत बारिश से जिले में नदी-नाले उफान पर हैं। जलभराव के कारण खेतलसंडा खाम के 25 ग्रामीणों को राहत शिविर में रखा गया
मौसम विभाग ने नौ जुलाई तक पूरे कुमाऊं में रेल अलर्ट जारी कर रखा है। जिले में शनिवार की दोपहर से शुरू हुई बारिश लगातार रविवार की शाम तक होती रही। इससे जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त सा हो गया है, वहीं लगातार पारा के नीचे लुढ़कने का क्रम भी जारी है। शनिवार को अधिकतम तापमान जहां 28 और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस था। वहीं रविवार को अधिकतम 24.6 तो न्यूनतम 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिक डा. आरके सिंह ने कहा कि दो-तीन दिन तक जिले में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।
खटीमा में सात परिवारों को राहत शिविर में रखा
दिनभर जारी बारिश के कारण रविवार को नदी और नालों के उफनाने से खटीमा में बाढ़ जैसे हालत उत्पन्न हो गए। जलभराव की समस्या के चलते खेतलसंडा खाम के सात परिवारों के 25 सदस्यों को प्राथमिक स्कूल में बनाए गए राहत शिविर में रखा गया। नगला तराई ग्रामसभा के सूखापुल गांव में झोपड़ी पर पेड़ गिरने से मां और दो बच्चे बाल-बाल बचे।
खटीमा में सुबह शुरू हुई बारिश दिनभर जारी रही। लगातार जारी बारिश के चलते खकरा और ऐंठा नाले उफना गए। इसके अलावा परवीन नदी में भी पानी बढ़ गया। मुख्य बाजार क्षेत्र के अलावा कंजाबाग, सैनिक कालोनी, लोहियाहेड मार्ग, अमाऊं, राजीव नगर और खेतलसंडा खाम घरों में पानी घुस गया। घरों में पानी घुसने की समस्या को देखते हुए प्रशासन की टीम ने खेतलसंडा खाम के सात परिवारों के करीब 25 लोगों को राजकीय प्राथमिक स्कूल खेतलसंडा खाम में बनाए गए राहत शिविर में शिफ्ट किया, यहां उनके रहने व भोजन की व्यवस्था की गई।
इसके अलावा सीएम पुष्कर सिंह धामी के घर को जाने वाले मार्ग पर सुखापुल गांव में बारिश के चलते एक झोपड़ी पर पेड़ गिर गया। उस समय झोपड़ी में ममता कठायत पत्नी स्व. उमेद सिंह कठायत अपनी 13 साल की बेटी जानवी और 11 साल के बेटे प्रियांशु के साथ थी। अचानक पेड़ के गिरने से ममता दोनों बच्चों को लेकर बाहर भागी। इस दौरान प्रियांशु के पैर थोड़ी चोट लग गई। पेड़ गिरने से कालापुल, चौड़ापानी, बीसबीघा और नगला तराई को जाने वाला मार्ग बाधित हो गया। सूचना मिलने पर पहुंची प्रशासन, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी से पेड़ को रास्ते से हटवाया। एसडीएम रवींद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि लगातार जारी बारिश को लेकर प्रशासन की टीमें अलर्ट हैं।
सैनिक काॅलोनी में नालियां चोक
खटीमा में लगातार बारिश के चलते रविवार को सैनिक काॅलोनी, लोहियाहेड राेड, डिग्री कॉलेज रोड में जगह-जगल नालियां चोक होने की समस्या रही। सैनिक काॅलोनी निवासी गिरीश चंद्र जोशी ने बताया कि नालियों की समस्या के संबंध में कई बार नगर पालिका व प्रशासन से शिकायत की थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब लोगों को जलभराव की समस्या झेलनी पड़ रही है।
नगर में अधिकतर नाले हुए चोक, सड़कों पर भरा डेढ़ फीट पानी
रुद्रपुर में बारिश ने नगर निगम के तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। शहर के नाले व नालियों के चोक होने से बारिश का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर जमा हो रहा है। जिले में बीते 24 घंटे से अधिक समय से निरंतर हो रही बारिश से शहर के कई स्थानों पर भारी जलभराव हो गया है। सड़कों पर एक से डेढ़ फुट तक पानी आ गया।
नगर निगम की टीम ने 11 जगह पर खोले नाले
जगह-जगह जलभराव की सूचना पर निगम की टीम सक्रिय हुई। टीम लीडर सफाई निरीक्षक गौतम सिंह के नेतृत्व में टीम ने गाबा चौक से फ्लाईओवर तक बड़ा नाला खोला गया। इसके बाद सिटी क्लब, जयनगर वार्ड, मेडिसिटी का लेबर अड्डा, भूतबंगला, हुंडई शोरूम के पास, अग्रसेन चौक, बाटा चौक, रुद्रा होटल, जैन मंदिर व गुरुनानक स्कूल के पास नाला खाेला गया।
लगातार बारिश से प्रभावित हुआ जनजीवन
गदरपुर नगरपालिका क्षेत्र के ज्ञान विहार, करतारपुर रोड, मझराशिला कालोनी, जीआईसी परिसर, जगत विहार कालोनी और गूलरभोज रोड के निचले इलाकों में जलभराव होने से आने-जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में आज भी भारी से भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर समेत चमोली और पौड़ी जिले के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तराखंड में झमाझम बारिश राहत के साथ ही आफत भी लाई है। शहर में जहां बारिश से जगह-जगह जलभराव हो गया। वहीं पहाड़ों पर नदी नाले उफान पर आ गए हैं। भारी बारिश को देखते हुए नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में पहली से 12वीं तक के स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों में मंगलवार को अवकाश घोषित किया गया है।
मौसम विभाग की ओर से आज उत्तराखंड में भारी बारिश के आसार बताए गए थे। नैनीताल, बागेश्वर, चम्पावत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, देहरादून, पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिले के कुछ हिस्सों में तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया था।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है रेड अलर्ट वाले इलाकों में तेज गर्जन के साथ कई दौर की तेज बारिश है।हिदायत देते हुए कहा, भूस्खलन की आशंका वाले संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
साथ ही चारधाम यात्रा कर रहे तीर्थयात्रियों को विशेष हिदायत देते हुए कहा कि यात्रा करते हुए खड़ी ढलानों पर नजर रखें।
मौसम विभाग ने अगले एक सप्ताह का पूर्वानुमान जारी कर विभिन्न जिलों में 27 से 29 जून और दो व तीन जुलाई को भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि बृहस्पतिवार को चंपावत और नैनीताल जिले में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश ऑरेंज और देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर और ऊधमसिंहनगर में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
जलवायु परिवर्तन का असर पूरी दुनिया पर पड़ता दिखाई दे रहा है। कहीं गर्मी तो कहीं बारिश का तांडव देखा जा सकता है। भारत के कई हिस्सों में गर्मी से कोहराम मचा हुआ है। आए दिन लोगों के मरने की खबर आ रही है। तापमान ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अब तक 50 डिग्री के पार जा चुका है। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि इस बार गर्मी के मौसम में अबतक 40 हजार से अधिक हीटस्ट्रोक के मामले सामने आ चुके हैं। वहीं प्रचंड गर्मी ने पूरे देश में सौ से ज्यादा जीवन लील लिए। जबकि पूर्वोत्तर के कुछ हिस्से भारी बारिश से बाढ़ से जूझ रहे हैं।
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मौसम बिगड़ा रहेगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार पहाड़ी जिलों में आज गर्जना के साथ बारिश और ओलावृष्टि होने के आसार हैं। साथ ही 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
वहीं, राजधानी दून में अगले दो दिन तक बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग की ओर से इसको लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बृहस्पतिवार को दून का अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम 22 डिग्री सेल्सियस रहा सकता है।
भारत इन दिनों मौसम की मार झेल रहा है। भारत के उत्तरी इलाकों में जहां धूप और लू की मार है तो वहीं दक्षिण भारत के इलाकों में बारिश ने तबाही मचा रखी है। उत्तर भारत में मानसून के आने में अभी देरी है। मौसम विभाग ने उत्तर-पश्चिम भारत के लिए रेड अलर्ट तो केरल के कुछ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
केरल में प्री-मानसून गतिविधियों ने तबाही मचा दी है। केरल के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है। केरल के सात जिलों के लिए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। अंडमान निकोबार में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
केरल के इन सभी जिलों में 6 से 11cm बारिश का अलर्ट-
केरल में अब तक 11 की मौत
केरल के कैबिनेट मंत्री के राजन ने बताया कि 9 से 23 मई तक राज्य में बारिश संबंधित गतिविधियों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 6 लोग डूबने से, एक घर गिरने से तो वहीं दो लोग बिजली गिरने से मरे हैं। शनिवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मछुआरों को समंदर में ना उतरने के लिए चेतावनी दी गई है। लोगों से कहा गया है कि छुट्टियों के दौरान वे अपने बच्चों को तालाब या नदियों के पास ना जाने दें। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन, दमकल, पुलिस और राजस्व विभाग आपातकाल के लिए अलर्ट पर हैं। एनडीआरएफ की दो टीमों भी तैनात हैं। शुक्रवार शाम तक राज्य में आठ राहत शिविर लगाए गए हैं।
उत्तर भारत को कब मिलेगी राहत
उत्तर भारत इन दिनों लू और गरमी से तप रहा है। लोग बेहाल हैं। आईएमडी ने उत्तर-पश्चिम भारत में अगले चार दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। राजस्थान में तापमान शुक्रवार को उच्च स्तर पर था। वहीं, दिल्ली में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है पर गर्मी अभी भी भीषण है।
मौसम विभाग का कहना है कि जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में अभी लू की स्थिति रहेगी। चार दिनों तक यहां गर्म हवा चल सकती है। विभाग ने राजस्थान और गुजरात के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। पंजाब के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के लिए भी अगले चार दिनों तक हीट वेव की चेतावनी जारी की गई है।
उत्तराखंड के जंगलों में लग रही आग से काबू पाने के लिए सरकार ने (एनडीआरएफ) को उतार दिया है। गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले और कुमाऊं के अल्मोड़ा जिले में जंगलों में ज्यादा आग सुलग रही हैं। सोमवार को प्रदेश में 20 जगह जंगल धधके। पौड़ी में सोमवार को आग बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव किया गया।
वहीं, जंगलों की आग से राज्य में अब तक 930 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे 1,196 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल चुका है। सबसे अधिक 491 घटनाएं कुमाऊं और 365 घटनाएं गढ़वाल में हुईं, जबकि 74 मामले वन्य जीव क्षेत्र के हैं। बेकाबू हो चुकी आग से अब तक पांच लोगों की मौत और चार लोग झुलस चुके हैं।
सरकार का दावा है कि वनाग्नि से अभी तक किसी वन्यजीव के मारे जाने की सूचना नहीं है। इस बीच सरकार जानबूझकर और लापरवाही से आग लगाने के मामले में बेहद सख्त हो गई है। बार-बार आग लगाने वालों पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई होगी। उत्तराखंड लोक व निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम के तहत वन संपदा के नुकसान की भरपाई आग लगाने वालों से होगी।
वनाग्नि की स्थिति की समीक्षा बैठक के बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा, वनाग्नि पर काबू पाने के लिए एक्शन प्लान बना लिया गया है। जंगल में आग बुझाने के काम में अब पीएसी, होमगार्ड, पीआरडी, युवक व महिला मंगल दल, सभी स्थानीय संगठनों और लोगों को लगाया जाएगा।
पौड़ी और अल्मोड़ा में एनडीआरएफ तैनात हो गई है। बताया, सरकार को आईआईटी रुड़की से कृत्रिम बारिश (क्लाउड सिडिंग) का प्रस्ताव मिला है। इस प्रस्ताव को लेकर सभी पहलुओं पर विचार के बाद निर्णय लिया जाएगा। मौसम विभाग से चर्चा की जाएगी कि इससे मौसम पर कोई प्रतिकूल असर तो नहीं पड़ेगा।