उत्तराखंड के 29 शहरों की बिजली चोरी यूपीसीएल पर भारी पड़ रही है। इस बार यूपीसीएल ने नियामक आयोग में जो पिटीशन फाइल की है, उसमें इन शहरों का लाइन लॉस व एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल (एटी एंड सी) लॉस भी खुलकर स्पष्ट किया है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी बस हादसे के बाद, पौड़ी अस्पताल में सामने आई अव्यवस्थाओं की शिकायत का संज्ञान लिया है। इस सम्बंध में मुख्यमंत्री ने पौड़ी के जिलाधिकारी से मामले में रिपोर्ट तलब करने के साथ ही, अस्पताल में सभी बुनियादी सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बस हादसे में मृतक परिजन को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से अतिरिक्त 3 लाख रुपए और गंभीर घायलों को 1-1 लाख रुपए की सहायता राशि तत्काल उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।
बस हादसे के घायलों को पौड़ी अस्पताल में समुचित इलाज देने में अव्यवस्था, संबंधित शिकायत पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज कैम्प कार्यालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि लापरवाह अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए, अस्पताल में आपात स्थिति के लिए हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
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बस हादसे के घायलों को पौड़ी अस्पताल में समुचित इलाज देने में अव्यवस्था, संबंधित शिकायत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कैम्प कार्यालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होने इस मामले में पौड़ी के डीएम से रिपोर्ट तलब की है, साथ ही कहा है कि लापरवाह अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाई करते हुए, अस्पताल में आपात स्थिति के लिए हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उत्तराखंड में दूर दराज तक स्वास्थ्य सेवाओं का नेटवर्क उपलब्ध है। ऐसे में अस्पतालों में गंभीर बीमार या घायलों के उपचार में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। इसके लिए प्रदेश भर के अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं के साथ ही, आवश्यक दवाई ओर मेडिकल स्टॉफ की उपलब्धता हर वक्त सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने बस हादसे के कारणों की जांच कर परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पाए जाने पर कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को पौड़ी बस हादसे में मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और गंभीर घायलों को एक- एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि घायलों को यदि हायर सेंटर रेफर करना पड़े तो जिलाधिकारी तत्काल इसका संज्ञान लें, उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की भी कामना की है।
80 मीटर गहरी खाई में गिरी थी बस-
बता दें कि रविवार की शाम तीन बजे पौड़ी से देहलचौरी जा रही सवारियों से भरी बस सत्याखाल मोटर मार्ग पर क्यार्क और चूलधार के पास अचानक अनियंत्रित होकर 80 मीटर खाई में गिर गई। हादसे के बाद बस में सवार में यात्रियों में चीख पुकार मच गई। सूचना पर पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। जिन्हे एंबुलेंस व प्राइवेट वाहनों की मदद से जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान पांच लोगों ने दम तोड़ दिया।
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पुलिस ने मृतकों की पहचान सुनीता (25) पत्नी नरेंद्र निवासी ग्राम डोभा, प्रमिला व उनका 17 वर्षीय पुत्र प्रियांशु, नागेंद्र और उनकी पत्नी सुलोचना निवासी केसुंदर, पौड़ी गढ़वाल के रूप में हुई है। पुलिस ने शवों को अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। वहीं, एसडीएम सदर दीपक रामचंद्र सेट ने बताया कि हादसे में पांच लोगों की पौड़ी में और एक की बेस अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई है। 21 घायलों का उपचार बेस अस्पताल श्रीनगर में चल रहा है। एक घायल को उपचार के बाद जिला अस्पताल पौड़ी से छुट्टी दे दी गई है।
Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को वर्ष 2025 में ही ड्रग्स फ्री किया जाएगा। इस संकल्प को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य में संस्थागत, प्रवर्तन व जागरूकता तीनों स्तर पर कार्य हो रहे हैं। मादक पदार्थों की तस्करी और इनके अवैध व्यापार में लगे हुए अपराधियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स के माध्यम से प्रवर्तन की कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में वर्चुअल प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में मादक पदार्थों की रोकथाम के संबंध में की गई प्रवर्तन की कार्रवाई, विशेष अभियान व लक्ष्यों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत और नशामुक्त भारत बनाने में सहयोग करने के लिए राज्य में अनेक स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों विषय आपस में जुड़े हुए हैं। युवाओं का नशे की ओर जाना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि सामाजिक विघटन का कारण भी बन सकता है। इसी को देखते हुए राज्य में नशे के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है।
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नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं-
गत वर्ष 2183 जागरूकता रैली, 1050 गोष्ठियां, 75 नुक्कड नाटक और 10 मैराथन का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राओं और आमजन को प्रत्यक्ष रूप से जागरूक किया गया। सरकार विभागों और विभिन्न संस्थाओं में भी नशामुक्ति के लिए अभियान चला रही है।
उत्तराखंड में आयुष्मान भारत योजना के दुरुपयोग को रोकने और पात्र व्यक्तियों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार ने दोहरी योजनाओं का लाभ लेने वालों की पहचान के लिए आयुष्मान कार्ड का सत्यापन अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस विषय पर विस्तृत चर्चा की और अपात्र कार्डधारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।
दोहरी योजनाओं का लाभ लेने वालों पर सख्त नजर-
बैठक में खुलासा हुआ कि कई व्यक्तियों ने राज्य कर्मचारी बीमा योजना (ESI) के साथ-साथ आयुष्मान कार्ड भी बनवा रखा है। नियमानुसार, कोई भी व्यक्ति एक समय में केवल एक स्वास्थ्य योजना का लाभ ले सकता है। सत्यापन अभियान के माध्यम से ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जा रही है, ताकि उन्हें योजनाओं का अनुचित लाभ लेने से रोका जा सके।
पड़ोसी राज्यों के फर्जी कार्डधारकों का पर्दाफाश-
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से आने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जांच में पाया गया कि इन पड़ोसी राज्यों के कुछ लोगों ने फर्जी राशन कार्ड के आधार पर उत्तराखंड आयुष्मान योजना के कार्ड बनवा लिए हैं और मुफ्त इलाज का लाभ उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने इन फर्जीवाड़ों की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
आयुष्मान योजना के खर्च में भारी वृद्धि-
आयुष्मान योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि और फर्जी कार्डधारकों के चलते राज्य पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है। योजना का वार्षिक खर्च 1100 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि शुरुआती दिनों में यह अपेक्षाकृत कम था। राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फर्जी कार्ड बनाने वाले अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही है।
राशन कार्ड का सत्यापन भी होगा-
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि आयुष्मान कार्ड सत्यापन के साथ ही राशन कार्ड का सत्यापन अभियान भी चलाया जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिले, जो इसके पात्र हैं।
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पारदर्शिता और सुशासन की ओर कदम-
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इन सख्त निर्देशों से यह साफ है कि सरकार आयुष्मान योजना सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने और अपात्र लोगों को लाभ से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार और नागरिकों का विश्वास बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Amit Shah: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में उत्तराखंड में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, BPR&D के महानिदेशक, NCRB के महानिदेशक और केन्द्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक में चर्चा के दौरान केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं। गृह मंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।
कानूनी प्रक्रियाओं के बीच तालमेल-
मेडलीप्र (MedLEaPR) के माध्यम से चिकित्सा और कानूनी प्रक्रियाओं के बीच तालमेल बनाया गया है. मुकदमों के निस्तारण में प्रगति की जानकारी देते हुए बताया गया कि अदालतों द्वारा मामलों के शीघ्र निस्तारण में बेहतरीन प्रदर्शन किया गया है. 41 प्रतिशत मामलों का निपटान और दोषसिद्धि दर प्रभावी न्याय प्रणाली का प्रमाण है.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केन्द्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में gaps भरने के प्रयास करने चाहिएं।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज़्यादा FIR दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राज्य के हर ज़िले में एक से अधिक फॉरेन्सिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों।
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गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनीटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज की गई कुल Zero FIRs में से कितनी FIRs में न्याय मिला और कितनी FIRs राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए। गृहमंत्री शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समयसीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं को बढ़ाने का सुझाव-
केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य सरकार को ऑनलाइन तंत्र के क्रियान्वयन से हुई लागत में बचत का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया. उन्होंने राज्य में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) सुविधाओं की संख्या बढ़ाने का भी सुझाव दिया, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में न्याय प्रक्रिया को और सुलभ बनाया जा सके.
गृहमंत्री शाह ने कहा कि फॉरेन्सिक विज़िट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों – गंभीर, सामान्य और अति सामान्य – में विभाजित करना चाहिए जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। इसके साथ ही गृह मंत्री ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।
बैठक के दौरान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन नए कानूनों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास में भारत सरकार से समर्थन का अनुरोध किया. गृह मंत्री ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए राज्य को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.
Dehradun: प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच के लिए पुलिस ने भी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब पुलिस प्रदेश में मदरसों का वेरिफिकेशन करेगी। साथ ही मदरसों में अवैध फंडिंग को लेकर भी जांच की जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समिति भी बनाई गई है।
आईजी व पुलिस प्रवक्ता उत्तराखंड डॉ. नीलेश आंनद भ रणे ने बताया कि प्रदेशभर में मदरसों का वेरिफिकेशन कराया जाएगा। इसके साथ ही मदरसों में अवैध फंडिंग की भी जांच कराई जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि मदरसों में बाहरी राज्यों के बच्चे तो नहीं पढ़ रहे हैं।
खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देशानुसार खाद्य संरक्षा विभाग ने भी इसे लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है।
इस तरह की घटनाओं में संलिप्त पाए जाने व्यक्ति पर अब 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। खाद्य संरक्षा विभाग के आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने एसओपी को सख्ती से लागू करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य-
खाद्य संरक्षा आयुक्त ने कहा हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जूस और अन्य खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट व अन्य गंदगी मिलाने के प्रकरण सामने आए हैं। यह खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के प्राविधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। कहा कि सभी खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेना और उसकी शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। साथ ही खाद्य पदार्थों में स्वच्छता व सफाई संबंधी अपेक्षाएं का अनुपालन करना भी अनिवार्य है।
नियमों का पालन न करने वाले खाद्य करोबारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के प्रावधानों के तहत दंडित किए जाने का प्राविधान है।
कहा कि आमजन को शुद्ध, स्वच्छ व सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने के दृष्टिगत राज्य में संचालित होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, कैंटीन, फूड वेंडिंग एजेनंसीज, फूड स्टाल, स्ट्रीट फूड वेंडर्स आदि में खाद्य सुरक्षा व स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने का नियम है। जिसके लिए विभागीय टीमें लगातार अभियान चलाकर छापेमारी कर रही हैं। खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग भी की जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने वाले खाद्य कारोबारियो पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ढाबे, रेस्टोरेंट को बताना होगा मीट झटका या हलाल-
खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए पहचान पत्र पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा राज्य में किसी भी रूप में मीट बेचने वालों के लिए हलाल या झटका का उल्लेख करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मीट कारोबारियों, ढाबे, होटल एवं रेस्टोरेंट संचालकों को अपने यहां लिखना होगा कि मीट हलाल का है या फिट झटका। साथ ही उन्हें दुकान का लाइसेंस भी ग्राहकों को प्रदर्शित करना होगा। सीसीटीवी कैमरे भी अनिवार्य रूप से लगाने होंगे।
इसका करना होगा पालन-
- भोजन बनाने और परोसने वाले कार्मिकों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क/ ग्लव्स/हेड गियर का उपयोग करना होगा।
- खाद्य पदार्थों को हैंडल करते समय धूमपान, थूकना और डेयरी उत्पादों को प्रयोग में लाए जाने व छूने से पूर्व नाक खुजाना, बालों में हाथ फेरना, शरीर के अंगों को खुजाना आदि पर नियंत्रण रखें। इसे खाद्य पदार्थों में बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है।
- संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्तियों को खाद्य निर्माण/संग्रहण/वितरण स्थलों पर कदापि न रखा जाए।
- खाद्य प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों की सूची चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र सहित उपलब्ध कराएं।
- खाद्य प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों को अनिवार्य रूप से फोटोयुक्त पहचान पत्र निर्गत किया जाए, जिसे कार्यस्थल पर अनिवार्य रूप से पहनना होगा।
- खाद्य पदार्थ निर्माण, परोसने व विक्रय करने वाले कार्मिकों को कार्यस्थल पर थूकने और अन्य किसी भी प्रकार की गंदगी फैलाने पर प्रतिबंध।
- खाद्य कारोबारी उत्पादन, कच्ची सामग्री का उपयोग और विक्रय का अलग-अलग दैनिक रिकार्ड रखेगा।
कृषि मंत्री गणेश जोशी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज होगा या नहीं इसका फैसला कोर्ट कैबिनेट के निर्णय के बाद लेगा। कोर्ट द्वारा इसके लिए इसके लिए 19 अक्टूबर की तिथि नियत की गई है।
आठ जुलाई 2024 का यह पत्र कार्मिक एवं सतर्कता विभाग की ओर से विजिलेंस को भेजा गया है। इस पत्र में सचिव मंत्री परिषद (गोपन विभाग) को शिकायत का अपने स्तर से परीक्षण कर यथोचित कार्रवाई करने को कहा गया है।
कोर्ट में कहा गया कि भारतीय संविधान के अनुसार मंत्री परिषद कार्यपालिका की निर्णय लेने के लिए सर्वोच्च संस्था है। इस पत्र से साफ होता है कि यह मामला पहले ही मंत्री परिषद को भेजा जा चुका है। कोर्ट में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के नियमानुसार ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज करने के आदेश से पहले कैबिनेट के फैसले का तीन महीने तक इंतजार किया जाता है।
उत्तराखंड के चमोली में दूसरे समुदाय के युवक द्वारा नाबालिग से छेड़छाड़ का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। आज नंदानगर बाजार क्षेत्र के 200 मीटर की परिधि में प्रशासन ने धारा 163 (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023) लागू कर दी है।
साथ ही एक विवादित स्थल पर तोड़फोड़ करने पर 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ नंदानगर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जबकि सोमवार को 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए थे। अभी तक 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं।