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CM धामी ने किया किसान मेले का उद्घाटन; किसानों के हित में सरकार ने किये अहम फैसले- CM

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Pantnagar- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित 118वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय की नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण और “पंतनगर प्रवाह” पुस्तक का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के किसान मेले में देशभर से 400 से अधिक स्टॉल और 200 से ज्यादा स्टार्टअप्स व उद्योगों की सहभागिता रही है। यह मेला किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच ज्ञान, अनुभव और नवाचार के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम है।

 

उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विधियों से खेती को अधिक उत्पादक, टिकाऊ और लाभकारी बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

 

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार किसानों को तीन लाख रुपये तक ब्याजमुक्त ऋण, कृषि उपकरणों पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी, तथा नहरों से मुफ्त सिंचाई जैसी सुविधाएँ प्रदान कर रही है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए 200 करोड़ रुपये के पॉलीहाउस निर्माण, गेहूं पर 20 रुपये प्रति क्विंटल बोनस और गन्ने के मूल्य में 20 रुपये की वृद्धि की गई है।

 

उन्होंने कहा कि राज्य में 1000 करोड़ रुपये की लागत से “उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट” स्वीकृत किया गया है। साथ ही सेब, कीवी, मिलेट और ड्रैगन फ्रूट नीति से बागवानी को नई दिशा दी जा रही है, जिसके तहत किसानों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 5 लाख रुपये तक बढ़ाया है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से पारंपरिक खेती पर अनुसंधान कर आधुनिक तकनीक को किसानों तक शीघ्र पहुँचाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि इस वर्ष मेले में 507 स्टॉल लगाए गए हैं और 20 हजार से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया।

 

कार्यक्रम में विधायक शिव अरोरा, त्रिलोक सिंह चीमा, सुरेश गाड़िया, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

Uttarakhand: चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुों में भारी उत्साह; 48.30 लाख से अधिक यात्री कर चुके है दर्शन.

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चारधाम यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या ने नया रिकॉर्ड बना लिया है। इस बार 12 अक्तूबर को बीते वर्ष पूरे यात्रा काल में दर्शन करने वाले 48.04 लाख श्रद्धालुओं का आंकड़ा पार हो गया है। जबकि यात्रा अभी जारी है। 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही यात्रा अगले साल तक के लिए बंद हो जाएगी।

पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2024 में चारधाम व हेमकुंड साहिब में कुल 48.04,216 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। इस बार अक्तूबर माह में ही यह आंकड़ा पार होने से नया रिकॉर्ड बन गया है। जबकि 2023 में चारधाम यात्रा में 56 लाख से अधिक श्रद्धालु आए थे। इस साल खराब मौसम के साथ आपदा की घटनाओं का चारधाम यात्रा पर बड़ा असर पड़ा। उत्तरकाशी जिले के धराली व हर्षिल में आए भयानक आपदा से यमुनोत्री व गंगोत्री धाम की यात्रा कई दिनों तक पूरी तरह से बंद रही।

क्षतिग्रस्त गंगोत्री नेशनल हाईवे यातायात के लिए बहाल होने पर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा शुरू हो पाई। अब चारधाम यात्रा ने श्रद्धालुओं की संख्या में नया रिकॉर्ड बनाया है। चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन की रिपोर्ट के अनुसार 30 अप्रैल से 12 अक्तूबर 2025 तक हेमकुंड साहेब समेत चारधाम यात्रा में 48,30,393 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

 

चारधाम यात्रा में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या-

धाम                2024             2025(12 अक्तूबर तक)
केदारनाथ       16,51,980      16,90,298
बदरीनाथ        14,35,401      14,84,441
गंगोत्री             8,18,273        7,43,733
यमुनोत्री           7,14,779       6,37,480
हेमकुंड साहिब  1,83,592       2,74,441

इस बार प्रदेश में आपदा की चुनौतियों के बावजूद चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या का रिकॉर्ड बनना प्रदेश सरकार की ओर से से किए प्रबंधन व व्यवस्था का परिणाम है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुलभ यात्रा सरकार की प्राथमिकता है। आने वाले समय में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी।
– सतपाल महाराज, पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री

केदारनाथ में टूटा 2024 का रिकॉर्ड, श्रद्धालुओं की संख्या 16.56 लाख के पार

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चारधाम यात्रा फिर रफ्तार पकड़ गई है। बारिश और बर्फबारी के बावजूद यात्रियों में भारी उत्साह बना हुआ है। केदारनाथ यात्रा ने नया रिकॉर्ड बनाया है।  यहां श्रद्धालुओं की संख्या 16 लाख 52 हजार के पार पहुंच गई, जबकि अभी धाम कपाट बंद होने में 14 दिन का समय बचा है। वर्ष 2024 में पूरे यात्राकाल में 16 लाख 52 हजार 76 यात्री केदार दर्शन के लिए पहुंचे थे।

बुधवार को केदारनाथ धाम में 5614 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। केदार धाम के कपाट आगामी 23 अक्टूबर को भैयादूज के अवसर पर बंद होंगे। अभी यात्रा 15 दिन और चलेगी। इस प्रकार यहां यात्रियों की संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है। बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी अब यात्रियों की संख्या बढ़ी है। प्रदेश सरकार की ओर से श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए सुरक्षित यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यात्रा मार्ग में सुरक्षा जवानों की तैनाती की गई है। यात्रा मार्ग पर यातायात सुचारू बना रहे, इसके लिए भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर मलबे की सफाई के लिए जेसीबी की व्यवस्था की गई है।

बता दें कि इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया था। इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे। मानसून सीजन में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रकृति की विनाशलीला में गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली बुरी तरह तबाह हो गया। मार्ग बुरी तरह तहस-नहस हो जाने से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा को रोकना पड़ा था।

बारिश थमने पर भी यहां यात्रा को बहाल करना बड़ी चुनौती था, लेकिन शासन-प्रशासन की टीमों ने युद्धस्तर पर कार्य कर आम जनजीवन की बहाली के साथ ही यात्रा मार्गों को सुचारू किया। दोनों धामों की यात्रा भी सुरक्षा इंतजामों के साथ शुरू हो गई। प्रशासन की ओर से यात्रियों को अभी भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। यात्रियों को बार-बार आगाह किया गया है कि मौसम खराब होने पर यात्रा करने से बचें। यदि यात्रा मार्ग में हैं, तो सुरक्षित स्थान पर शरण लें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी यात्रा मार्गों पर आवश्यक यात्री सुविधाओं और सुरक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा जाए। आपातकालीन स्थिति में बिना किसी देरी के राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया जाए।

केदारनाथ मंदिर से ऊपर चौराबाड़ी ग्लेशियर के पास हुआ हिमस्खलन

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केदारनाथ से ऊपर हिमालय क्षेत्र से लगे चौराबाड़ी ग्लेशियर में भारी हिमस्खलन हुआ। जिससे ग्लेशियर से भारी मात्रा में बर्फ टूटकर निचले क्षेत्र में आ गई। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें बर्फ का भारी

गुबार तेज रफ्तार के साथ नीचे खिसकते हुए दिखाई दे रहा है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि घटना दोपहर करीब 2 बजे की है। धाम में मौजूद लोगों और मंदिर से जुड़े पदाधिकारियों ने ऊपरी क्षेत्र में बर्फ का गुबार देखा तो उसकी वीडियो बनाई।

केदारनाथ में खच्चर चलाने से लेकर देश के शीर्ष संस्थान तक पहुंचने वाला साधारण मेहनती लड़का।

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उत्तराखंड के एक छोटे से गांव से निकलकर देश के शीर्ष संस्थान तक पहुंचने वाला साधारण लेकिन बेहद मेहनती लड़का।

यह कहानी है केदारनाथ में खच्चर से सामान ढोने वाले अतुल कुमार की — उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले के छोटे से गांव बीरों देवल से निकलकर IIT मद्रास तक का सफर तय करने वाले उस युवा की, जिसने साबित कर दिया कि हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, मेहनत और हौसला कभी हार नहीं मानते।

अतुल का बचपन बेहद सामान्य रहा। उसके माता-पिता आज भी केदारनाथ धाम में खच्चर और घोड़े चलाकर यात्रियों का सामान ढोते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसलिए स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ अतुल भी हर साल केदारनाथ में खच्चर से सामान ढोने का काम करता था ताकि अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सके।लेकिन मुश्किलें कभी उसके सपनों के आड़े नहीं आईं।

पहाड़ की चढ़ाई और सपनों की उड़ान

अतुल शुरू से ही पढ़ाई में होशियार था। उसने 10वीं में 94.8%, 12वीं में 92.8% अंक हासिल किए और जिले में टॉप रैंक पाई। आज वह हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से B.Sc. अंतिम वर्ष का छात्र है।

गांव में न कोचिंग थी और न ही अच्छी किताबें। उसने केदारनाथ यात्रा में जो पैसे कमाए, उनसे किताबें और मोबाइल डेटा रिचार्ज किया। नेटवर्क और बिजली की दिक्कतों के बावजूद वह रात-दिन जुटा रहा। सुबह से शाम तक यात्रियों का सामान ढोने के बाद वह रात को टॉर्च और स्टडी लैंप की रोशनी में पढ़ता। कई बार पहाड़ के किसी ऊंचे कोने में खड़े होकर मोबाइल नेटवर्क पकड़कर ऑनलाइन लेक्चर सुनता।

IIT JAM में बड़ी सफलता

इन्हीं संघर्षों के बीच उसने IIT JAM 2025 की परीक्षा दी और All India Rank 649 हासिल की। अब उसे M.Sc. Mathematics के लिए IIT मद्रास में दाख़िला मिल रहा है।

यह उपलब्धि सिर्फ अतुल की नहीं, बल्कि हर उस युवा की है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत रखता है।

गांव में जश्न, पूरे प्रदेश को गर्व

अतुल अपने गांव से IIT में चयनित होने वाला पहला छात्र है। गांव वालों ने ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं से उसका स्वागत किया। उसके शिक्षकों और दोस्तों ने भी उसकी मेहनत को सलाम किया। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने भी सोशल मीडिया पर उसे बधाई दी और कहा कि अतुल उत्तराखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा है।

माता-पिता ही सबसे बड़ी प्रेरणा

अतुल ने कहा —
“मेरे माता-पिता ने हमेशा कहा कि कोई काम छोटा नहीं होता, लेकिन पढ़ाई से जिंदगी बदल सकती है। मैंने वही किया। अब मेरा सपना है कि गणित में रिसर्च करूं और पहाड़ के बच्चों के लिए एक कोचिंग सेंटर खोलूं, ताकि वे भी बड़े सपने देख सकें।”

Kedarnath: पहली बार केदारनाथ धाम में मिलेगी आधुनिक चिकित्सा सुविधा, स्क्रीनिंग प्वाॅइंट सहित पढ़ें ये सभी अपडेट.

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चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सेहत का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए चारधाम के अलावा यात्रा मार्गों पर चिकित्सा सुविधाओं का रोडमैप तैयार कर स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुट गया है। पहली बार केदारधाम में 17 बेड का अस्पताल संचालित होगा। जिसमें तीर्थ यात्रियों को आधुनिक चिकित्सा सुविधा मिलेगी।

स्क्रीनिंग प्वाइंट पर 50 वर्ष से ऊपर के यात्रियों की अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य जांच की जाएगी। बुधवार को सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डाॅ. आर. राजेश कुमार ने चारधाम यात्रा की तैयारियों के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा के लिए आधुनिक और सुलभ स्वास्थ्य ढांचा तैयार किया जा रहा है।

केदारनाथ धाम में 17 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। कार्यदायी संस्था ने यात्रा शुरू होने से पहले दो मंजिला भवन पूरी तरह संचालित करने का भरोसा दिया है। अस्पताल में एक्सरे, रक्त जांच, ईसीजी, मल्टी पैरामॉनीटर और ऑर्थो विशेषज्ञ की सेवाएं उपलब्ध होगी। अधिकांश चिकित्सा उपकरणों को पहुंचाया जा चुका है।

श्रद्धालुओं के लिए बहुभाषी हेल्थ एडवाइजरी और होर्डिंग्स-

श्रद्धालुओं को सहज व स्पष्ट स्वास्थ्य जानकारी प्रदान करने के लिए बहुभाषी हेल्थ एडवाइजरी तैयार की गई। जो 13 भाषाओं में उपलब्ध है। यह एडवाइजरी यात्रा मार्ग पर होटलों, रेस्टोरेंट, पार्किंग स्थलों में यूआर कोड के माध्यम से श्रद्धालुओं को प्रदान की जाएगी। साथ ही जाम संभावित क्षेत्रों व ठहराव स्थलों पर बड़े होर्डिंग्स के माध्यम से भी स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता का प्रचार किया जाएगा।

 

फाटा और पैदल मार्ग की चिकित्सा इकाइयों को किया सशक्त-

फाटा स्थित अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती की जा रही है। यहां पर एक्सरे की सुविधा भी उपलब्ध होगी। वहीं, पैदल मार्ग पर 12 चिकित्सा इकाइयों में प्रशिक्षित चिकित्सक व फार्मेसी अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 12 चिह्नित हेलिपैड और पार्किंग स्थलों पर स्क्रीनिंग टीमों की जाएगी।

गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के स्क्रीनिंग प्वाइंट पर 28 अप्रैल से डॉक्टरों की तैनाती-

गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के स्क्रीनिंग प्वाइंट पर डॉक्टरों व सहायक कर्मचारियों की तैनाती 28 अप्रैल से रोस्टर वार की जाएगी। गंगोत्री धाम व जानकीचट्टी में फिजिशियन की विशेष तैनाती की जा रही है। इसके अलावा यात्रा मार्गों पर 108 एंबुलेंस की व्यवस्था रहेगी।

 

यात्रा मार्गों पर 70 डॉक्टर तैनात-

चारधाम यात्रा मार्ग पर 70 डॉक्टर तैनात हैं। अलावा अन्य जिलों से 15 दिन में रोटेशनल आधार पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। इनमें ऑर्थो सर्जन, फिजिशियन, एनेस्थेटिस्ट, जनरल सर्जन, 121 स्टाफ नर्स, 26 फार्मासिस्ट, 309 ऑक्सीजन बेड, छह आईसीयू बेड, एक ब्लड बैंक और दो ब्लड स्टोरेज यूनिट तैनाती की जा रही है।

पांच नए स्थानों में खुलेंगे मेडिकल रिलीफ पोस्ट-

बदरीनाथ, गोविंदगढ़ और पालना भंडार में मेडिकल रिलीफ पोस्ट इस बार भी संचालित रहेंगे। इसके अलावा पांच नए स्थान गौचर, लांगसू, मंडल, कटोरा और हनुमान चट्टी में एमआरपी खोले जाएंगे। बदरीनाथ धाम में स्वामी विवेकानंद संस्था के माध्यम से एक अलग स्क्रीनिंग सेंटर भी संचालित किया जाएगा।

 

बिना पंजीकरण खाद्य उत्पाद बेचने पर होगी कार्रवाई-

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से यात्रा मार्ग पर खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाएगी। बिना पंजीकरण वाले खाद्य विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने एक खाद्य सुरक्षा मोबाइल वैन भी तैनात की है, जो यात्रा मार्ग पर निरीक्षण कर सैंपलों की मौके पर जांच करेगी।

Kedarnath Heli Service: इस बार भी IRCTC करेगा बुकिंग, 24 घंटे पहले टिकट रद्द किया तो वापस नहीं मिलेगा पैसा.

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चारधाम यात्रा में केदारनाथ धाम के लिए हेलिकॉप्टर टिकटों की बुकिंग अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू करने की तैयारी है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) जल्द ही बुकिंग की तिथि घोषित करेगा।

इस बार भी ऑनलाइन हेली टिकटों की बुकिंग आईआरसीटीसी के माध्यम से की जाएगी। यूकाडा ने टिकटों को रद्द करने व किराया वापस करने के लिए नीति बनाई है। यदि कोई यात्री उड़ान समय से 24 घंटे पहले टिकट रद्द करता है तो हेली कंपनी किराया वापस नहीं करेगी। 48 घंटे पहले टिकट रद्द करने पर किराये का 25 प्रतिशत ही वापस मिलेगा।

यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा केदारनाथ हेली सेवा के लिए मारामारी रहती है। इस बार भी केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी, फाटा व सिरसी हेलिपैड से पवन हंस, हिमालयन हेली, ट्रांस भारत, ग्लोबल विक्ट्रा, थंबी एविएशन, केस्ट्रल एविएशन, एयरो एयरक्राफ्ट के माध्यम से हेली सेवा संचालित की जाएगी।

टिकट रद्द एवं किराया वापस नीति के अनुसार यात्रा तिथि से पांच दिन पहले टिकट रद्द करने पर 50 प्रतिशत किराया वापस होगा। जबकि पांच से अधिक दिन पहले टिकट रद्द करने पर किराया राशि का 75 प्रतिशत वापस मिलेगा। इसके अलावा खराब मौसम या तकनीकी कारणों के चलते उड़ान रद्द होने पर हेली कंपनी यात्रियों को पूरा किराया वापस करेगी।

 

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यूकाडा की सीईओ सोनिका ने बताया कि केदारनाथ हेली सेवा के लिए सभी तैयारी पूरी है। जल्द ही टिकटों की बुकिंग के लिए तिथि तय की जाएगी। हेली टिकट बुकिंग करने के बाद यदि यात्री किसी कारण से टिकट रद्द करता है तो उसे नीति के अनुसार किराया वापस किया जाएगा।

 

यमुनोत्री व गंगोत्री हेली सेवा के लिए डीजीसीए की अनुमति का इंतजार-

प्रदेश सरकार इस बार यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के लिए हवाई सेवा से जोड़ने की तैयारी कर रही है। इसके लिए डीजीसीए से अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है। डीजीसीए तकनीकी व सुरक्षा मानकों का परीक्षण करने के बाद ही अनुमति देती है। हालांकि यमुनोत्री धाम के लिए हेलिकॉप्टर की लैंडिंग का ट्रायल भी हो चुका है।

 

केदारनाथ हेली सेवा का किराया-

रूट                           2023     2024    प्रस्तावित किराया
सिरसी से केदारनाथ      5498     5,772      6061
फाटा से केदारनाथ        5500    5,774      6063
गुप्तकाशी से केदारनाथ  7740     8,126     8533
नोट-प्रति किराया आने व जाने का है।

Kedarnath Temple: इस बार संगम पर बने पुल से मंदिर तक पहुंचेंगे श्रद्धालु, आपदा के 11 साल बाद बनकर हुआ तैयार.

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आपदा के ग्यारह वर्ष बाद केदारनाथ मंदिर तक पहुंच के लिए स्थायी पैदल पुल बनकर तैयार हो गया है और इस वर्ष बाबा केदार के भक्त इसी पुल से होकर मंदाकिनी नदी किनारे बने आस्था पथ से मंदिर तक पहुंचेंगे। लोक निर्माण विभाग ने दो वर्ष में 54 मीटर लंबे पैदल पुल का निर्माण किया है।

 

इस पुल के बनने से हेलिपैड से मंदिर तक की दूरी भी कम हो गई है। आगामी 2 मई से केदारनाथ यात्रा शुरू होगी। इस वर्ष पैदल व हेलिकॉप्टर से धाम पहुंचने वाले श्रद्धालु मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर बने 54 मीटर लंबे पुल से होकर मंदाकिनी नदी किनारे निर्मित आस्था पथ के रास्ते लगभग 450 मीटर की दूरी तय कर मंदिर में पहुंचेंगे।

यहां पर बाबा केदार के दर्शन कर श्रद्धालुओं को मंदिर मार्ग से वापस भेजा जाएगा। बीते दो वर्षों तक श्रद्धालु हेलिपैड से सरस्वती नदी किनारे बने आस्था पथ से होकर भैरवनाथ जाने वाले पुल से मंदिर तक पहुंच रहे थे।

इस दौरान उन्हें लगभग 800 मीटर की दूरी तय करनी पड़ रही थी। लेकिन, अब संगम पर बने पुल से यह दूरी 500 मीटर रह गई है।

बता दें कि 16/17 जून 2013 में आपदा से केदारनाथ में व्यापक नुकसान हो गया था। तब सैलाब में संगम पर बना स्थायी पुल भी बह गया था। पुल के बहने के बाद मंंदिर तक पहुंच के लिए बैली ब्रिज बनाया गया था, जिससे बीते नौ वर्ष तक यात्रा संचालित होती रही।

केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत वर्ष 2022 में इस पुल को हटाकर स्थायी पुल का कार्य शुरू किया गया था। लोक निर्माण विभाग ने विषम परिस्थितियों में करीब ढाई वर्ष में इस पुल को तैयार किया है। अब इसी पुल के सहारे केदारनाथ मंदिर तक पहुंचा जाएगा।

Kedarnath: बर्फ की घाटी से होकर बाबा केदार के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु, हिमखंडों को काटकर बन रहा रास्ता, देखें तस्वीरें.

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Kedarnath Dham: बीते दिनों केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई थी। जिसके बाद से यहां भारी मात्रा में बर्फ जम गई है। लोनिवि के मजदूर बर्फ हटाने में जुटे हैं।

दो मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा के दौरान बाबा केदार के भक्त बर्फ की संकरी घाटी से होकर धाम पहुंचेंगे। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से लिनचोली के बीच पसरे विशालकाय हिमखंडों को काटकर लोक निर्माण विभाग के मजदूर रास्ता तैयार करने में जुटे हैं।

इस वर्ष फरवरी पहले सप्ताह और इस माह के पहले व दूसरे सप्ताह में केदारनाथ सहित पैदल मार्ग तक भारी बर्फबारी हुई थी। इन दिनों भी केदारनाथ में तीन फीट से अधिक बर्फ जमा है।

 

 

वहीं, गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से केदारनाथ तक बर्फ के कारण पैदल आवाजाही संभव नहीं है। यहां बीते 14 मार्च से लोक निर्माण विभाग के 70 से अधिक मजदूर बर्फ को काटकर रास्ता बनाने में जुटे हैं।

11 दिनों में लगभग ढाई किमी हिस्से में बर्फ साफ कर आवाजाही के लिए रास्ता तैयार हो चुका है। इन दिनों मजदूर थारू हिमखंड को काटने में जुटे हैं। यहां पर लगभग 20 फीट ऊंचे हिमखंड को काटकर ढाई फीट चौड़ा रास्ता बनाया जा रहा है।

बर्फ काटने से यहां गहरी व संकरी घाटी सी बन गई है। इन हालातों में यहां बर्फ खिसकने का खतरा बना है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण ने बताया कि मौसम अनुकूल नहीं होने के बाद भी बर्फ सफाई का कार्य जोरों पर चल रहा है। हिमखंड जोन पर आने वाले दिनों में रास्ते की चौड़ाई बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।

Uttarakhand: इस बार 2 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, महाशिवरात्रि के शुभ पर्व पर घोषित हुई तिथि.

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ऊधमसिंह नगर जिले में ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर लगे प्रतिबंध को इस साल के लिए हटा लिया गया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक समाचार एजेंसी के माध्यम से दी। इस प्रतिबंध का किसान संगठनों ने लगातार विरोध किया था। किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने आंदोलन की चेतावनी दी थी, जबकि गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर प्रतिबंध हटाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले साल इस पाबंदी को फिर से लागू किया जा सकता है।

पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में आज महाशिवरात्रि के अवसर पर केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई। आचार्य द्वारा पंचांग गणना के अनुसार मंदिर के कपाट खुलने की तिथि व समय घोषित किया गया।

इसके लिए केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग भी ऊखीमठ पहुंच गए थे। पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग और गंगाधर लिंग ने बताया कि ओंकारेश्वर मंदिर में सुबह छह बजे से पूजा-अर्चना शुरू हुई। बाबा केदार को बाल भोग, महाभोग लगाते हुए आरती की गई। इसके उपरांत रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में श्री केदारनाथ धाम के कपाट दो मई को खोले जाने की तिथि घोषित की गई।