Month: October 2023

Maharashtra: मराठा आरक्षण समर्थकों ने नगरपालिका भवन को किया आग के हवाले, NCP विधायक का घर जला डाला.

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मराठा आरक्षण की मांग को लेकर इन दिनों महाराष्ट्र की सियासत गरम है। महाराष्ट्र के बीड़ जिले में कथित तौर पर मराठा आरक्षण की मांग कर रहे लोगों ने NCP विधायक प्रकाश सोलंके के घर को आग लगा दी (Maratha Reservation NCP MLA house set on fire). प्रकाश सोलंके महाराष्ट्र के डेप्युटी सीएम अजित पवार के खेमे के विधायक बताए जाते हैं. खबर के मुताबिक मराठा समुदाय के लोग सोलंके के घर के बाहर आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन प्रदर्शन उग्र हो गया. मराठा आरक्षण समर्थकों ने प्रकाश सोलंके के घर पर पहले पथराव किया, कुछ देर बाद पता चला कि प्रदर्शनकारियों ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया है.

उन्होंने बताया कि लकड़ी के डंडों से लैस मराठा आरक्षण समर्थकों ने छत्रपति संभाजीनगर जिले के गंगापुर में भाजपा विधायक प्रशांत बांब के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की। दोनों घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि विधायक सोलंकी के आवास में आग लगाने के बाद आरक्षण कार्यकर्ताओं का एक समूह पराली  रोड स्थित माजलगांव नगर परिषद भवन में गया और तोड़फोड़ शुरू कर दी।

 

यह घटना मुंबई से चार सौ किलोमीटर से ज्यादा दूर माजलगांव में दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई। उन्होंने बताया कि  कार्यकर्ताओं का समूह लकड़ी के डंडों और पत्थरों से लैस था और खिड़कियों को क्षतिग्रस्त किया गया। अधिकारी ने बताया कि तोड़फोड़ करने वाले लोग इमार की पहली मंजिल पर गए और उसमें आग लगा दी, जिससे वहां का फर्नीचर जलकर खाक हो गया।

उन्होंने बताया कि दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ। अधिकाी ने कहा, पुलिस ने नगर परिषद भवन में आग लगाने में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है और उनके खिलाफ अपराध दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। 

पुलिस ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर जिले के गंगापुर में दूसरी घटना में मराठा आरक्षण समर्थकों के एक समूह ने भाजपा विधायक बांब के कार्यालय के अंदर खिड़की के शीशे और फर्नीचर को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद दो लोगों को हिरासत में लिया गया। हिंसा और आगजनी की घटनाएं ऐसे समय में सामने आई हैं, जब मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन दूसरे चरण में है। आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे 25 अक्तूबर से जालना जिले के अंतरावाली सरती गांव में अनिश्चितकालीन उपवास पर हैं। 

पिछले 48 घंटों में एमएसआरटीसी की 13 बसें क्षतिग्रस्त, 30 डिपो में परिचालन बंद-

मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान पिछले 48 घंटों में एमएसआरटीसी की कम से कम 13 बसें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिसमें सोमवार की चार बसें भी शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इसके चलते राज्य संचालित परिवहन निगम ने अपने 250 डिटो में से 30 में परिचालन बंद करने का फैसला लिया है।उन्होंने कहा कि रविवार को नौ बसें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिन तीस डिपो पर परिचालन बंद कर दिया गया है, वे महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के छत्रपति संभाजीनगर डिवीजन में हैं। छत्रपति संभाजीनगर डिवीजन में बीड, धाराशिव और छत्रपति संभाजीनगर जोन के 17 डिपो को छोड़कर सभी एमएसआरटीसी डिपो बंद कर दिए गए हैं। एमएसआरटीसी के पास 15 हजार बसें हैं और यह राज्यभर के मार्गों पर प्रति दिन करीब साठ लाख लोगों को यात्रा कराती हैं। मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

Uttarakhand News: पहली बार घर-घर विशेष सर्वे, पहाड़ से मैदान तक जानिए कितने मतदाता हैं गायब.

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उत्तराखंड में दो लाख मतदाता गायब हैं। इनके नामों की जानकारी इस बार निर्वाचन कार्यालय की ओर से प्रदेशभर में बूथ-दर-बूथ किए गए सर्वेक्षण में सामने आई है। निर्वाचन कार्यालय ने इन सभी को नोटिस जारी कर दिया है।

उत्तराखंड में मतदाताओं की कुल संख्या में 24067 की कमी दर्ज की गई है। शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. वी षणमुगम ने विशेष पुनरीक्षण के बाद मतदाताओं, मतदेय स्थलों आदि से संबंधित जानकारी प्रेस वार्ता में दी।

मतदाताओं की संख्या में 24 हजार 67 की कमी दर्ज-

उन्होंने बताया कि 27 जनवरी को प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 81,67,568 थी, जिसमें 42,35,953 पुरुष, 39,31,320 महिला, 295 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल थे।  27 अक्टूबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 81,43,501 हो गई है, जिसमें 42,18,089 पुरुष, 39,25,143 महिला, 269 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

1 लाख 91 हजार 376 मतदाता सर्वे के दौरान गायब-

प्रदेश में इस बार निर्वाचन कार्यालय की ओर से बूथ-बूथ में घर-घर सर्वेक्षण कराया गया। इसके लिए विशेष टीम लगाई गई थीं। 1,91,376 मतदाता ऐसे पाए गए जो कि सर्वे के दौरान गायब थे। आसपास के गांव, मोहल्ले वालों ने उनके वहां न होने की बात कही। इन सभी को निर्वाचन कार्यालय ने नोटिस जारी कर दिया है। सात दिन में उन्हें जवाब देना है। इसके बाद एआरओ (एसडीएम), एईआरओ (तहसीलदार) इनका निस्तारण करेंगे।

किस जिले में कितने मतदाता गायब-

जिला-              गायब मतदाता
उत्तरकाशी-         5,969
चमोली-               8,889
रुद्रप्रयाग-            5,354
टिहरी गढ़वाल-     14,670
देहरादून-             25,682
हरिद्वार-               26,944
पौड़ी गढ़वाल-       16,851
पिथौरागढ़-            8,291
बागेश्वर-               10,321
अल्मोड़ा-             15,172
चंपावत-                8,699
नैनीताल-               17,677
ऊधमसिंह नगर-     26,857

 

पौड़ी के लालढांग बूथ पर सबसे कम मतदाता-

पौड़ी गढ़वाल की यमकेश्वर विधानसभा के रेंज कार्यालय, लालढांग में सबसे कम सात मतदाता हैं जबकि हरिद्वार के सलेमपुर महबूद के विजडम इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में प्रदेश के सर्वाधिक 1383 मतदाता हैं।

प्रदेश में 11 हजार 729 मतदेय स्थल-

प्रदेश में मतदेय स्थलों की संख्या 11647 से बढ़कर 11,729 कर दी गई है। इनमें उत्तरकाशी में 544, चमोली में 592, रुद्रप्रयाग में 362, टिहरी में 963, देहरादून में 1880, हरिद्वार में 1713, पौड़ी में 945, पिथौरागढ़ में 611, बागेश्वर में 381, अल्मोड़ा में 920, चंपावत में 344, नैनीताल में 1010, ऊधमसिंह नगर 1464 मतदेय स्थल शामिल हैं।

नवंबर में चलेगा मतदाता बनाने का विशेष अभियान-

मतदाता बनाने का अभियान चल रहा है। चार, पांच, 25 और 26 नवंबर को मतदाता बनाने का विशेष अभियान चलेगा, जिसमें बीएलओ बूथ पर उपलब्ध रहेंगे। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन अगले साल पांच जनवरी को किया जाएगा। इसी सूची के आधार पर लोकसभा चुनाव होने हैं।

क्या इस बार भी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होगी कंगना की फिल्म ‘तेजस’ ? जाने कैसा रहा फर्स्ट डे कलेक्शन.

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बॉलीवुड जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री कंगना रनौत अपने अभिनय के दम पर अपना एक अलग मुकाम बना चुकी है। अपनी अदाकारी से सबके दिलो में राज़ करने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की अगली फिल्म का फैंस बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। इसी बीच बहुचर्चित फिल्म ‘तेजस’ इस शुक्रवार देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है।

‘तेजस’ के पहले दिन बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के ताजा आंकड़े सामने आ गए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि रिलीज के पहले दिन कंगना रनौत की ‘तेजस’ को कैसी शुरुआत मिली है।

 

 

र्वेश मेवाड़ा के निर्देशन में बनी ‘तेजस’ का ट्रेलर जैसे ही रिलीज़ किया गया फैन्स को इस फिल्म से काफी उम्मीदें होने लगी खुद अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा की उनकी पिछली फिल्मों के मुकाबले यह फिल्म उनके लिए बेहद खास है। इस फिल्म में वह एक एयरफोर्स पायलट तेजस गिल की भूमिका अदा कर रही है।

ओपनिंग डे पर ‘तेजस’ की इतनी कमाई

फिल्म ‘तेजस’ के ट्रेलर को देखने के बाद हर कोई इस फिल्म से काफी उम्मीदें लगाए बैठा है। पिछली फिल्मों की तुलना में फिल्म ‘तेजस’ कंगना रनोट के लिए भी बेहद खास फिल्म है। सर्वेश मेवाड़ा के निर्देशन में बनी ‘तेजस’ में कंगना ने एयरफोर्स पायलट तेजस गिल की भूमिका अदा की है।

ऐसे में बॉक्स ऑफिस पर ओपनिंग डे के मौके पर तेजस गिल ने कैसा कमाल दिखाया गया है, उसका अंदाजा कलेक्शन के इन लेटेस्ट आंकड़ों से लगा सकते हैं। सैकनिल्क के अर्ली ट्रेड के अनुसार कंगना रनोट की ‘तेजस’ ने रिलीज के पहले दिन करीब 1.25 करोड़ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया है। हालांकि कमाई के ये आंकड़े पूर्वानुमान हैं।

‘तेजस’ का मुकाबला इन फिल्मों से

वही दूसरी ओर बॉक्स ऑफिस पर आज सिर्फ ‘तेजस’ अकेले रिलीज नहीं हुई है। कंगना रनोट की इस मूवी के अलावा बॉलीवुड एक्टर विक्रांत मैसी की पॉपुलर फिल्म ’12th फेल’ (12th Fail) और हिंदी सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस निमृत कौर की ‘सजनी शिंदे का वायरल वीडियो’ जैसी फिल्म भी सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। उस हिसाब से कहीं न कहीं ‘तेजस’ के बॉक्स ऑफिस पर प्रभाव पड़ता दिखा है।

 

कौन हैं वो 8 भारतीय नेवी अफसर जिन्हे कतर ने सुनाई मौत की सजा, आखिर क्या हैं आरोप.

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कतर के साथ भारत के रिश्ते अच्छे माने जाते हैं. हालांकि, इसके बाद भी कतर ने आठों भारतीयों को मौत की सजा सुना दी है. कतर की अदालत ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाई है। इन आठों भारतीयों को पिछले साल जासूसी के कथित आरोप में गिरफ्तार किया गया था. भारत सरकार ने इस फैसले पर हैरानी जताई है। हालांकि, भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है। तो आईये जानते हैं क्या है वो मामला और कौन हैं ये आठों नेवी अफसर?

कौन हैं ये 8 नेवी अफसर ?

नौसेना के जिन आठ पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई है, उनके नाम – कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुणाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और राजेश हैं।

इन सभी पूर्व अफसरों ने भारतीय नौसेना में 20 साल तक सेवा दी थी। नौसेना में रहते हुए उनका कार्यकाल बेदाग रहा है और अहम पदों पर रहे हैं। साल 2019 में, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया था, जो प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।

कतर में कर क्या रहे थे ये सभी अफसर ?

नौसेना से रिटायर्ड ये सभी अफसर दोहा स्थित अल-दहरा कंपनी में काम करते थे। ये कंपनी टेक्नोलॉजी और कंसल्टेंसी सर्विस प्रोवाइड करती थी। साथ ही कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और सामान भी मुहैया कराती थी। इस कंपनी को ओमान की वायुसेना से रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमीस अल आजमी चलाते थे। पिछले साल उन्हें भी इन भारतीयों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, नवंबर में उन्हें रिहा कर दिया गया था। ये कंपनी इस साल 31 मई को बंद हो गई है। इस कंपनी में लगभग 75 भारतीय नागरिक काम करते थे, जिनमें ज्यादातर नौसेना के पूर्व अफसर थे। कंपनी बंद होने के बाद इन सभी भारतीयों को नौकरी से निकाल दिया गया।

पूरा मामला क्या है?

ये सभी आठ भारतीयों को पिछले साल जासूसी के कथित मामले में हिरासत में ले लिया गया था। हालांकि कतर प्रशासन की ओर से इन लोगों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन माना गया कि गिरफ्तारियां सुरक्षा संबंधी मामले में की गई थीं। वहीं पिछले साल 25 अक्टूबर को मीतू भार्गव नाम की महिला ने ट्वीट कर बताया था कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसर 57 दिन से कतर की राजधानी दोहा में गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में हैं। मीतू भार्गव कमांडर पूर्णेदु तिवारी की बहन हैं।उन्होंने भारत सरकार से इस मसले पर जल्द कार्रवाई की मांग की थी।

कब हुआ था ट्रायल?

आठों पूर्व अधिकारियों को पिछले साल 30 अगस्त की रात हिरासत में ले लिया गया था। इन सभी का ट्रायल इसी साल 29 मार्च को शुरू हुआ था। विदेश मंत्रालय ने 6 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बात जानकारी दी थी कि इन सब लोगों को भारत की ओर से कानूनी मदद मिलनी शुरू हो गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि इस मामले की सबसे पहली सुनवाई 29 मार्च को हुई थी। ये सुनवाई उस वकील ने भी अटेंड की थी जिन्हें केस के लिए नियुक्त किया गया है। तीन अक्टूबर को मामले में सातवीं सुनवाई हुई थी और कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस ने गुरुवार को उनके खिलाफ फैसला सुनाया।

क्या कर रही है भारत सरकार ?

भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वह इस फैसले से स्तब्ध है और फैसले के विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हम हर परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं।‌भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए सभी कानूनी विकल्पों की तलाश की जा रही है। विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि कतर की जेल में बंद भारतीय नागरिकों को कॉन्सुलर एक्सेस और कानूनी मदद दी जाती रहेगी और फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे।

Vikram-1: जनवरी 2024 में लॉन्च होगा विक्रम-1,  जानिए क्यों खास है ये 7 मंजिला रॉकेट?

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भारत विश्व भर में अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगातार इतिहास रच रहा है। देश की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने हाल ही में चंद्रयान-3 को चन्द्रमा की सतह पर उतारा था। इसके बाद देश के पहले सौर मिशन आदित्य-एल 1 की लॉन्चिंग भी चर्चा का विषय बनी। इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अब निजी क्षेत्र की कंपनी स्काई रूट भी विक्रम-1 रॉकेट को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। 
विक्रम-1 क्यों है चर्चा में ?

भारतीय स्टार्टअप स्काईरूट ने पिछले दिनों दक्षिण हैदराबाद में जीएमआर एयरोस्पेस और औद्योगिक पार्क में विक्रम-1 रॉकेट का अनावरण किया। इस दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्काईरूट के नए मुख्यालय ‘द मैक्स-क्यू कैंपस’ का भी उद्घाटन किया।

इस मौके पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अब अंतरिक्ष क्षेत्र में अन्य देशों का नेतृत्व करने की स्थिति में है। अपने संबोधन में उन्होंने उम्मीद जताई कि स्काईरूट संस्था जल्द ही विक्रम-1 ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल का प्रक्षेपण भी करेगी।

क्या है विक्रम-1 रॉकेट ? 

विक्रम-1 एक छोटा लॉन्च व्हीकल है जो 480 किलोग्राम तक के पेलोड को अंतरिक्ष में 500 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले जा सकेगा। इसका उद्देश्य छोटे सैटेलाइट को लॉन्च करना है। इसका नाम भारतीय अंतरिक्ष अभियान के जनक कहे जाने वाले विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। यह देश का पहला निजी तौर पर निर्मित सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल है। कंपनी विक्रम सीरीज के तीन लॉन्च व्हीकल बना रही है। विक्रम-2 रॉकेट का पेलोड 595 किलोग्राम और विक्रम-3 का पेलोड 815 किलोग्राम होगा।

क्या है इस रॉकेट की खासियत ?

स्काईरूट के अनुसार, विक्रम-1 के प्रणोदन चरण पूरी तरह से विश्वसनीय हैं। यान में इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम आधुनिक और आकार में छोटे हैं। यह बेहद हल्के झटके में हवा में अलग होने की क्षमता रखता है।यह कई मायनों में लचीला है। विक्रम-1 दोबारा स्टार्ट होने की क्षमता रखता है जिसके जरिए रॉकेट का एक साथ कई कक्षाओं में प्रवेश कराया जा सकता है। आर्थिक दृष्टि से भी यह कम लागत में पेलोड भेज सकता है। रॉकेट न्यूनतम श्रेणी के बुनियादी ढांचे में भी काम कर सकता है। इसे किसी भी लॉन्च साइट से 24 घंटे के भीतर असेंबल और लॉन्च किया जा सकता है।

मिशन को कब किया जाएगा लॉन्च ?
स्काईरूट के सीओओ भरत ढाका ने कहा कि विक्रम-1 अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान का अनावरण बहुत गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि विक्रम-1 के निर्माण में हमारी डिजाइन क्षमता और अत्याधुनिक घरेलू तकनीक अभिन्न अंग रही है।  हम 2024 की शुरुआत में लॉन्च के लिए इसकी तैयारी कर रहे हैं।

आखिर क्या है स्काई रूट ?

इसरो के पूर्व इंजीनियरों पवन कुमार चंदाना और भरत ढाका ने 2018 में स्काईरूट एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड नामक स्टार्टअप बनाया था। चंदाना आईआईटी खड़गपुर और ढाका आईआईटी मद्रास से पढ़े हैं। इसरो में चंदाना ने देश के सबसे बड़े रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 जैसे अहम प्रोजेक्ट पर काम किया जबकि ढाका ने इसरो में फ्लाइट कंप्यूटर इंजीनियर के तौर पर तमाम अहम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयरों पर काम किया। स्काईरूट पहला ऐसा स्टार्टअप है जिसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ रॉकेट बनाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
10 कंपनियां बना रही हैं सैटेलाइट और रॉकेट-
 
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ के मुताबिक, अंतरिक्ष तकनीक और नवोन्मेष के क्षेत्र में इसरो के साथ काम करने के लिए 100 स्टार्ट-अप समझौता कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि 100 में से करीब 10 ऐसी कंपनियां हैं, जो सैटेलाइट और रॉकेट विकसित करने में जुटी हैं।

RSS: राम मंदिर पर खास योजना बनाने के लिए संघ की बड़ी बैठक, मोहन भागवत भी होंगे शामिल.

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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने की घोषणा के तुरंत बाद आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों की एक शीर्ष बैठक हो रही है। बैठक में राम मंदिर उद्घाटन समारोह को भव्य बनाने के लिए खास योजना तैयार की जाएगी। इस बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे। वे पहले ही विजयादशमी पर राम मंदिर उद्घाटन के दिन पूरे देश के मंदिरों में खास पूजा कार्यक्रम आयोजित करने की बात कह चुके हैं। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने बताया है कि इस बैठक में संघ के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

 

 

जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक इस वर्ष गुजरात के कच्छ क्षेत्र भुज में हो रही है। यह बैठक 5, 6 और 7 नवंबर 2023 को होगी, जिसमें संघ के 45 सांगठनिक प्रांतों से प्रांत संघचालक, कार्यवाह एवं प्रांत प्रचारक, उनके सरसंघचालक, सहकार्यवाह और सह प्रांत प्रचारक सहभागी होंगे। आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और  सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले एवं सभी अखिल भारतीय पदाधिकारियों सहित कार्यकारिणी के सभी सदस्य भी उपस्थित रहेंगे। कुछ विविध संगठन के चयनित संगठन मंत्री भी बैठक में भाग लेने वाले हैं।

बैठक में संघ के सांगठनिक कामकाज की समीक्षा के साथ ही सितंबर में पुणे में सम्पन्न हुई अखिल भारतीय समन्वय बैठक में कई विषयों पर चर्चा होगी। विजयादशमी उत्सव पर मोहन भागवत के संबोधन के उल्लेखनीय मुद्दों पर भी चर्चा होगी। 22 जनवरी 2024 को हो रहे श्री राम मंदिर प्रतिष्ठापना समारोह और उससे जुड़े देश भर में प्रस्तावित कार्यक्रम आदि विषयों पर भी इस बैठक में चर्चा होगी।

 

मंगल ग्रह पर जिन्दा रह सकते हैं चूहे, वैज्ञानिकों ने धरती पर की चौंकाने वाली खोज, पढ़ें पूरी खबर.

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अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने के लिए वैज्ञानिक लंबे समय से शोध कर रहे हैं। अब वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च के आधार पर चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि मंगल ग्रह पर चूहे जिंदा रह सकते हैं।
धरती से कई मायनों में समानता के चलते मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। मंगल ग्रह पर वायुमंडल होने के साथ ही पानी की भी पुष्टि हो चुकी है। इसी बीच अमेरिका में विवि के वैज्ञानिकों ने शोध में दावा किया कि मंगल ग्रह के वातावरण में चूहे रह सकते हैं।

लंबे समय से वैज्ञानिक धरती के अलावा सौरमंडल के दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावना तलाशने के लिए शोध करते आ रहे हैं. इसी बीच मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को लेकर बड़ी खबर आई है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस ग्रह पर चूहे जिंदा रह सकते हैं।

ज्वालामुखियों के शिखर पर चूहों की जिंदगी के सबूत मिले

वैज्ञानिकों को इसके लिए दक्षिण अमेरिकी देश चिली और अर्जेंटीना के अटाकामा के पठार में ज्वालामुखियों के बेहद शुष्क और हवा से बहने वाले शिखरों में कुछ चूहे मिले हैं। अटाकामा के पठार का वातावरण और कम तापमान की कंडीशन मंगल ग्रह से सबसे ज्यादा मिलती जुलती धरती की जगह है। इस स्टडी के आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा है कि ज्वालामुखियों के शिखर पर रहने वाले चूहों की खोज के बाद पता चलता है कि स्तनधारी मंगल ग्रह पर रह सकते हैं।

नेब्रास्का विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की रिसर्च

जब अमेरिका के नेब्रास्का विवि के अनुसार प्रोफेसर स्टॉर्ज और उनकी टीम ने इन चट्टानों की खोज शुरू की तो चूहों की ममियां मिलीं। 21 ज्वालामुखियों की जांच की गई। 6 हजार से अधिक हाइट वाले ज्वाला​मखियों में 13 चूहों के कंकाल मिले। कार्बन डेटिंग से पता चला कि इनमें से कुछ चूहों के अवशेष दशक पुराने थे। इससे ये सवाल सामने आया कि स्तनधारी चट्टान और बर्फ की बंजर दुनिया में कैसे रह सकते हैं, जहां तापमान शून्य से ऊपर नहीं होता है और ऑक्सीजन भी बेहद कम होता है।

शोधकर्ताओं ने बदली मंगल पर जीवन की पुरानी थ्योरी

समुद्र तल से 6 हजार मीटर से ज्यादा की ऊंचाई के बारे में विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला था कि ऐसी जगहों पर स्तनधारी जीवन संभव नहीं है। अब शोधकर्ताओं का कहना है कि मुश्किल वातावरण में चूहों के कंकाल मिलने से इस पुरानी थ्योरी को बदल दिया है। अमेरिका के प्रोफेसर जे स्टोर्ज और उनके साथी पर्वतारोही मारियो पेरेज ममानी ने 2020 की शुरुआत में चिली-अर्जेंटीना सीमा पर फैले ज्वालामुखी लुल्ला इलाकों की 22000 फीट ऊंची चोटी के ऊपर एक पत्ती-कान वाले चूहे के जिंदा होने का सबूत पाया था। इससे पहले इतनी ज्यादा ऊंचाई पर कभी कोई स्तनपायी जीव नहीं पाया गया था

मुश्किल वातावरण में भी जिंदा रह सकते हैं चूहे

स्टडी लिखने वाले प्रोफेसर स्टोर्ज ने कहा, हमारी खोज के बारे में सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि स्तनधारी ऐसे दुर्गम, मंगल जैसे वातावरण में ज्वालामुखियों के शिखर पर रह सकते हैं। प्रशिक्षित पर्वतारोही यहां जाते हैं तो अपनी ट्रेनिंग के चलते एक दिन इतनी ऊंचाई को सहन कर लेते हैं। ये चूहे अपना जीवन इसी वातावरण में गुजरा देते हैं, यह इस बात को दर्शाता है कि छोटे स्तनधारियों की सहनशीलता को अब तक कम करके आंका गया है।

वैज्ञानिकों ने धरती पर की आश्चर्यजनक खोज

प्रोफेसर स्टोर्ज ने कहा कि ये तो स्पष्ट लगता है कि चूहे अपनी मर्जी से वहां पहुंचे थे। अटाकामा की दुर्गम जलवायु में इन चूहों की मौजूदगी से यह स्पष्ट हो रहा है कि इसी तरह की मिलते जुलते वातावरण के कारण चूहों के मंगल ग्रह के वातावरण में जीवित रह सकते हैं।

क्यों है मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना

मंगल ग्रह सूर्य से दूरी के क्रम में हमारी धरती के ठीक बाद चौथे स्थान पर है। हमारे ग्रह की तरह ही मंगल ग्रह भी अपने अक्ष पर झुका हुआ है। मंगल ग्रह पर वायुमंडल होने के साथ ही पानी की भी पुष्टि हो चुकी है। इसके धरती से कई मायनों में समानता के चलते भी यहां जीवन के लिए संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

मंगल पर पाया जाता है वायुमंडल

मंगल ग्रह पर वायुमंडल मौजूद है। इसमें सबसे ज्यादा लगभग 95 प्रतिशत कार्बन-डाइऑक्साइड, 2.7 प्रतिशत नाइट्रोजन, 1.6 प्रतिशत ऑर्गन और 0.13 प्रतिशत ऑक्सीजन है। इस तरह से धरती की तरह ही वहां भी अलग-अलग गैसें पाई जाती हैं। मंगल ग्रह पर वायुमंडल बहुत ही विरल है।

साइकिल से 14 देशों की 14 हजार किमी की यात्रा कर उत्तरकाशी पहुंचे ऑस्ट्रिया के फिलिक्स, दिया ये संदेश.

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यूरोप के ऑस्ट्रिया से साइकिल से 14 हजार किमी की यात्रा करना शायद ही किसी के बस की बात है। लेकिन ऐसा कर दिखाया है ऑस्ट्रिया के 31 वर्षीय फिलिक्स ने। आप भी ये पढ़कर हैरान रह गए होंगे। लेकिन फिलिक्स इन दिनों साइकिल से यात्रा कर उत्तरकाशी पहुंचे हैं।

साइकिल से 14 देशों की 14 हजार किमी की यात्रा, ऐसा करना हर किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन, यह कारनामा किया है यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया के फिलिक्स ने। 31 वर्षीय फिलिक्स इन दिनों भारत की यात्रा पर उत्तरकाशी पहुंचे हुए हैं। वे पेशे से योग शिक्षक हैं और साइकिलिंग के जरिये लोगों को योग को अपनाने का संदेश दे रहे हैं।

फिलिक्स ने एक साल पहले जर्मनी से अपनी साइकिल यात्रा शुरू की थी। इसके बाद वह स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया, क्रोएशिया, बोस्निया, माँटेनीग्रो, अल्बानिया, ग्रीस, तुर्की, अरमेनिया, ईरान से पाकिस्तान होते हुए वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत पहुंचे हैं। उत्तरकाशी पहुंचे फिलिक्स ने बताया कि उन्होंने योगाभ्यास की शुरुआत भले पश्चिम देशों से की हो, लेकिन भारत योग की जन्मभूमि है। ऐसे में लंबे समय से उनकी भारत आने की इच्छा थी जो अब जाकर पूरी हुई।

सीखना चाहते हैं योग और ध्यान के तरीके-

फिलिक्स भारत में योगाभ्यास व ध्यान आदि के तौर-तरीकों को सीखना चाहते हैं। इसके लिए वह ऋषिकेश गए थे, लेकिन वहां पर्यटकों की भारी भीड़ देखकर उन्होंने उत्तरकाशी के शिवानंद आश्रम पहुंचने का मन बनाया।

उन्होंने बताया कि वह साइकिल यात्रा के दौरान जगह-जगह लोगों से मिलकर उन्हें योग व ध्यान का महत्व बताते हैं। वे साइकिल पर खाना बनाने के सभी जरूरी संसाधनों से लेकर कैंपिंग टैंप भी लेकर चलते हैं। ऐसे में रात में कैंपिंग करने में भी उन्हें दिक्कत नहीं होती। एक दिन में वह 50 से 70 किमी तक का सफर तय कर लेते हैं।

Chardham Yatra 2023: तय हुई तिथि और मुहूर्त, जानिए कब होंगे चारो धामों के कपाट बंद.

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दशहरा के पावन पर्व पर विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री और बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि व मुहूर्त तय किया गया। मंगलवार को मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरशाली गांव स्थित मंदिर परिसर में पुरोहित समाज की बैठक में मुहूर्त निकाला गया। यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर बुधवार को भाई दूज के पावन पर्व पर 11 बजकर 57 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त(मकर लग्न) में विशेष पूजा अर्चना के बाद छह माह के लिए बंद किए जाएंगे।

आपको बता दें कि गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि व मुहूर्त शारदीय नवरात्र के पहले दिन तय किया गया था। गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए 14 नवंबर को अन्नकूट के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त की शुभ बेला पर 11 बजकर 45 मिनट पर बंद किए जाएंगे।

इस दिन बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट –

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने के शुभ मुहूर्त की घोषणा भी आज की गई। धाम के कपाट 18 नवंबर शाम तीन बजकर 33 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद होंगे। जबकि 15 नवंबर को भैया दूज के दिन केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे।

विजयदशमी के पर्व पर यानी आज मंगलवार को द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर और तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की तिथि घोषित की गई। मदमहेश्वर मंदिर के कपाट 22 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में बैठक कर मुहुर्त निकाला गया।

परंपरानुसार, सुबह आठ बजे से ओंकारेश्वर मंदिर में द्वितीय केदार की विशेष पूजा-अर्चना शुरू की गई। आराध्य का शृंगार, अभिषेक व भोग के साथ ही विद्वान आचार्यगणों पंचांग गणना कर शीतकाल के लिए कपाट बंद करने की तिथि व समय तय किया।

इस दिन बंद होंगे तुंगनाथ मंदिर के कपाट-

वहीं, आज ही तुंगनाथ के कपाट बंद करने की तिथि घोषित की गई। तुंगनाथ मंदिर के कपाट आगामी एक नवंबर को बंद होंगे। तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मर्कटेश्वर मंदिर में भी सुबह आठ बजे से विशेष पूजा-अर्चना शुरू हुई थी। इस वर्ष मंदिर में आराध्य के दर्शनों को अभी तक रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं।

Uttarakhand Police: साइबर अपराधियों ने किया उत्तराखंड पुलिस का फेसबुक पेज हैक, मचा हड़कंप, फोटो वायरल.

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साइबर अपराधियों ने उत्तराखंड पुलिस का ऑफिशियल फेसबुक पेज हैक कर चुनौती दे डाली। फेसबुक पेज पर पुलिस के लोगो वाली तस्वीर को हटाकर वहां महिला की अश्लील तस्वीर लगा दी। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया टीम के सदस्य की ओर से साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें एसटीएफ और साइबर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

उत्तराखंड पुलिस का फेसबुक पेज दोपहर को अचानक बदला हुआ नजर आया। शुरुआत में कोई समझ ही नहीं पाया कि ये पुलिस का ऑफिशियल पेज ही है या फिर किसी ने दूसरा पेज बनाया है। इस पर एक महिला की अश्लील तस्वीर लगी हुई थी। देखते ही देखते इस पर कमेंट की बाढ़ आ गई।

लोगों ने इसे उत्तराखंड पुलिस को साइबर अपराधियों की खुली चुनौती के रूप में बताया। इससे पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया टीम ने इस पेज पर कंट्रोल लिया और डिस्प्ले पिक्चर के स्थान पर फिर से पुलिस का लोगो वाली तस्वीर लगा दी।

 

कुछ लोगों ने इसे साइबर सुरक्षा के लिए भी खतरा बताया। लोगों का कहना था कि जब पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट ही सुरक्षित नहीं तो आम लोगों की साइबर सुरक्षा किस तरह की जा सकती है। इस मामले में सोशल मीडिया टीम के कांस्टेबल हिमांशु डंगवाल की ओर से साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस के अनुसार किसी ने इस पेज की एक्सेस हासिल कर यह काम किया है।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इस मामले में साइबर थाना पुलिस को तत्काल टीम गठित कर गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा।