ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को विश्व कप 2023 के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हराया। इस हार के बाद सभी भारतीय खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में थे और उनके भावुक होने की कई तस्वीरें भी सामने आई थी। रोहित शर्मा समेत तमाम सभी खिलाड़ी भावुक नजर आए। ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रेसिंग रूम में पहुंचकर भारतीय क्रिकेटरों से मुलाकात भी की। इसकी कई तस्वीरें सामने आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया।
जडेजा ने शेयर की तस्वीर-
भारत के स्टार ऑलराउंडर खिलाड़ी रविंद्र जडेजा ने पीएम मोदी के ड्रेसिंग रूम में आने की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने लिखा कि- हमारा टूर्नामेंट बहुत अच्छा था, लेकिन फाइनल में हम हार गए। हम सभी दुखी हैं, लेकिन हमारे देश के लोगों का समर्थन हमें खूब आगे बढ़ा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ड्रेसिंग रूम में पहुंचे। उनका दौरा विशेष और बहुत प्रेरणादायक था।
प्रधानमंत्री ने शमी को लगाया गले-
शमी ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने लिखा है कि दुर्भाग्य से कल हमारा दिन नहीं था। मैं पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमारी टीम और मेरा समर्थन करने के लिए सभी भारतीयों को खूब धन्यवाद देना चाहता हूं। विशेष रूप से ड्रेसिंग रूम में आने और हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं। हम फिर वापसी करेंगे!
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया मैच के देखने के लिए कई बड़ी हस्तियां पहुंचीं थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दूसरी पारी के दौरान स्टेडियम में नजर आए। पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह नजर आए। फाइनल मुकाबले को देखने के लिए पीएम मोदी के अलावा बॉलीवुड हस्तियां भी पहुंचीं। शाहरूख खान, गौरी खान, आशा भोसले, अनुष्का शर्मा, आथिया शेट्टी समेत अन्य कई दिग्गज स्टेडियम में मौजूद रहे
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। भारतीय टीम 50 ओवर में 240 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया ने 43 ओवर में चार विकेट पर 241 रन बनाकर मैच को जीत लिया। कंगारू टीम के लिए ट्रेविस हेड ने 141 रन की मैज जिताऊ पारी खेली। मार्नश लाबुशेन ने नाबाद 58 रन बनाए। मिचेल मार्श 15, डेविड वॉर्नर सात, स्टीव स्मिथ चार रन बनाकर आउट हुए। ग्लेन मैक्सवेल ने नाबाद दो रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया छठी बार विश्व विजेता बना है। वहीं, भारत का तीसरी बार ट्रॉफी जीतने का सपना टूट गया। उसने टूर्नामेंट में लगातार 10 मैच जीते, लेकिन 11वें मुकाबले में टीम पिछड़ गई। भारत को दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। पिछली बार 2003 में रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली टीम ने हराया था।
कोहली और राहुल ने लगाया अर्धशतक
इससे पहले भारत के लिए केएल राहुल ने सबसे ज्यादा 66 और विराट कोहली ने 54 रन बनाए। कप्तान रोहित शर्मा ने 47 और सूर्यकुमार यादव ने 18 रन बनाए। कुलदीप यादव ने 10 रनों का योगदान दिया। इन पांच खिलाड़ियों के अलावा कोई भी दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। रवींद्र जडेजा नौ, मोहम्मद शमी छह, श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल चार-चार रन बनाकर आउट हुए। जसप्रीत बुमराह एक रन ही बना पाए। मोहम्मद सिराज नौ रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को दो-दो सफलता मिली। ग्लेन मैक्सवेल और एडम जम्पा ने एक-एक विकेट लिए।
विश्व कप में पहली बार ऑल आउट हुई भारतीय टीम
भारत के लिए इस मैच में विराट कोहली और केएल राहुल ने चौथे विकेट के लिए 67 रन की सबसे बड़ी साझेदारी की। रोहित शर्मा और विराट कोहली ने दूसरे विकेट के लिए 46 रन जोड़े। रोहित, कोहली और राहुल अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाए। श्रेयस अय्यर, शुभमन गिल, सूर्यकुमार बड़े मौके पर फेल हो गए। भारत पहली बार इस विश्व कप में ऑल आउट हुआ है और मैच भी हार गया। इस तरह भारत का 10 साल का आईसीसी ट्रॉफी का सूखा अब भी जारी है।
भारतीय क्रिकेट टीम विश्व कप के फाइनल में पहुंच गई है। उसने बुधवार (15 नवंबर) को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को 70 रन से हरा दिया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मिली जीत के बाद भारतीय टीम फाइनल में पहुंच गई है। 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में उसका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका से होगा। वह भारत के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ का आखिरी मैच हो सकता है।
विश्व कप के बाद राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। वह 2021 में टी20 विश्व कप के बाद टीम के कोच बने थे। रवि शास्त्री की जगह उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बीसीसीआई ने द्रविड़ के साथ दो साल का अनुबंध किया था, जो विश्व कप के बाद समाप्त हो जाएगा। ऐसे में अगर उन्हें नया अनुबंध नहीं मिलता है तो बतौर भारतीय कोच यह उनका आखिरी मुकाबला होगा। वह ट्रॉफी के साथ विदा होना चाहेंगे।
राहुल ने बदली बोर्ड के अधिकारियों की धारणा-
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने द्रविड़ के साथ अब तक नए अनुबंध को लेकर कोई बात नहीं की है। भारत के पूर्व कप्तान और उनके सहयोगी स्टाफ के पास विश्व कप तक का अनुबंध था और कोचिंग टीम के भविष्य को लेकर बीसीसीआई के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोण थे। शुरुआत में द्रविड़ की कोचिंग शैली को लेकर बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों को आपत्ति थी, लेकिन भारतीय टीम के हालिया प्रदर्शन ने उन धारणाओं को बदल दिया है।
क्या द्रविड़ कोच पद पर बने रहना चाहते हैं?
भारत विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और पूरे टूर्नामेंट में अब तक एक भी मैच नहीं हारा है। ऐसे में अनुबंध नवीनीकरण या विस्तार की संभावना प्रबल हो सकती है। हालांकि, अहम सवाल यह है कि क्या द्रविड़ खुद भी पद पर बने रहने के इच्छुक हैं। जब उन्होंने 2021 में पदभार संभाला तो शुरुआती धारणा यह थी कि वह एक अनिच्छुक कोच थे। उनके कुछ करीबी लोगों ने सुझाव दिया था कि टीम के प्रदर्शन की परवाह किए बिना वह विश्व कप के बाद स्वेच्छा से पद छोड़ सकते हैं। हालांकि, संभावित विस्तार पर द्रविड़ का वर्तमान रुख किसी को पता नहीं है। पिछले महीने या उससे पहले द्रविड़ से उनके भविष्य को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने अपने काम पर ध्यान केंद्रित किया है।
द्रविड़ कोच पद पर रहे या नहीं, यह अनुमान है कि उनके सहयोगी स्टाफ के सदस्यों का अनुबंध बढ़ाया जा सकता है। बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़, गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे और क्षेत्ररक्षण कोच टी दिलीप को आगे टीम के साथ जोड़े रखा जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया सीरीज में लक्ष्मण हो सकते हैं कोच –
वीवीएस लक्ष्मण के नेतृत्व में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के कोच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 23 नवंबर से शुरू होने वाली टी20 सीरीज के दौरान टीम इंडिया के साथ रहेंगे। यह व्यवस्था बीसीसीआई को द्रविड़ के भविष्य पर निर्णय को अंतिम रूप देने के लिए कुछ समय देती है। बीसीसीआई ने अभी तक टी20 सीरीज के लिए टीम के चयन की तारीख की पुष्टि नहीं की है। अनुमान है कि टीम की घोषणा फाइनल के अगले दिन यानी 20 नवंबर को हो सकती है। इसके दो दिन बाद विशाखापत्तनम में पहला मैच होगा।
एक लड़का जो गली मोहल्ले में क्रिकेट खेलते हुए ख्वाब सजा लेता है कि वो क्रिकेटर बनेगा उस लड़के का दिन के उजाले में देखा गया ये ख्वाब जुनून बनता जाता है। उस लड़के को लगता है कि कोई एकेडमी ज्वाइन करने पर उसके खेल में निखार आ जाएगा तो वो और कमाल का क्रिकेट खेलने लगेगा, मगर गरीबी का दंश कई बार टैलेंट को निगल जाता है। वही उस लड़के के साथ हुआ। लेकिन वो लड़का पढ़ने में काफी बुद्धिमान था। तब उसने बच्चों को ट्यूशन देना शुरू कर दिया। मगर उस शौक का क्या करता जो उसके अंदर समंदर की तरह मौजें मार रहा था। क्रिकेट का शौक उसे बच्चों की एकेडमी ले जाता है। वो बच्चों को क्रिकेट खेलना सिखाने लगता है। बच्चे सीख कर जब अच्छा परफॉर्म करते तो उसे लगता है जैसे उसके खुद के खेल में निखार आ रहा है। और वो बच्चों की कामयाबी को अपनी खुशी मान लेता। फिर एक दिन किस्मत उसे हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से असिस्टेंट फील्डिंग कोच की जॉब दिला देती है।
ये लड़का कोई और नहीं T दिलीप था। वही टी दिलीप जो फिलहाल वर्ल्ड कप 2023 में खेल रही टीम इंडिया के फील्डिंग कोच हैं। टी दिलीप ऐसे कोच बनकर उभरे हैं कि मैदान पर टीम इंडिया पूरी तरह से स्पाइडरमैन बनी नज़र आ रही है। लिहाजा ये कहानी टी दिलीप की है।
तारीख 22 अक्टूबर 2023, उस रोज धर्मशाला के मैदान पर थीं न्यूजीलैंड और भारत की टीमें। भारत 20 साल से न्यूजीलैंड को हराने की कोशिश कर रहा था, मगर कामयाबी नहीं मिल रही थी। इस बार ऐसा जादू हुआ कि मोहम्मद शमी के 5 विकेट के दम पर टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 273 के स्कोर पर रोक दिया। और फिर भारत ने 4 विकेट से न्यूजीलैंड को करारी शिकस्त दे डाली।
इस मैच में जिस तरह श्रेयस अय्यर ने हवा में उड़कर न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेवोन कॉन्वे का कैच लपका उसने सुर्खियां बटोर लीं। कैच लपकते ही श्रेयस ने एक इशारा किया। ये इशारा था अपने फील्डिंग कोच टी दिलीप के लिए। जिसका मयना था कि कोच साहब ज़रा इस कैच को उस वक्त याद रखना जब आप बेस्ट फील्डर का मेडल देने का ऐलान करो। टी दिलीप जब से टीम इंडिया के फील्डिंग कोच बने हैं, तब से उन्होंने ड्रेसिंग रूम में बेस्ट फील्डिंग करने वाले इंडियन प्लेयर को मेडल देने की व्यवस्था की है। और इस मेडल को पाने के लिए सभी खिलाड़ी लालायित रहते हैं। यही वजह है कि कोई भी चूक वो मैदान पर नहीं करना चाहते,,
उस रोज मैच में कॉन्वे ने सिराज की गेंद पर लेग साइड में मारा और स्क्वायर लेग पर फिल्डिंग में लगे श्रेयस ने हवा में गोता लगाकर एकदम स्पाइडर रैन की तरह ये कैच लपक लिया।
मैच खत्म होने के बाद टीम ड्रेसिंग रूम में पहुंची। तो बेस्ट फिल्डिंग का मेडल देने के लिए सभी जमा हो गए। इस मौके पर टी दिलीप ने कहा, भारत ने इस मैच में कई कैच छोड़े, लेकिन कई खिलाड़ियों ने शानदार फील्डिंग भी की और कैच भी पकड़े। एक खिलाड़ी पानी में मछली की तरह नजर आया, उसने स्क्वेयर लेग पर शानदार कैच लपका और फील्डिंग में भी कई अहम बचाव किए। इस मैच का बेस्ट फील्डर का मेडल उसे दिया जाता है। इतना कहने के बाद टी दिलीप ने प्लेयर का नाम नहीं लिया, बल्कि उसे और इंटरेस्टिंग बनाने के लिए स्पाइडर कैम का सहारा लिया। हवा में चलते हुए स्पाइडरमैन की तरह स्पाइडर कैम आया, उस पर मेडल को जीतने वाले खिलाड़ी श्रेयस अय्यर की तस्वीर लटकी थी। ये देखकर सभी खिलाड़ी खुशी से उछल पड़े.
कितना कूल और कितना एक्साइटेड माहौल क्रिएट कर दिया टी दिलीप ने। तभी तो मैदान पर टीम की एकजुटता बता रही है कि कैसे उसके सामने कोई भी धुरंधर टिक नहीं पा रहा है। इसमें कोई शक नहीं टीम प्लेयर टैलेंटेड और मजबूत है। मगर जिस तरह टीम इंडिया परफॉर्म कर रही है, उसके पीछे टी दिलीप जैसे कई लोगों की मेहनत शामिल है। फील्डिंग कोच जिस तरह टीम के लिए अपने एफर्ट लगा रहे हैं वो बेहद ही काबिले तारीफ हैं। लेकिन टी दिलीप का यहां तक पहुंचना, उनके शौक और जज़्बे की बेमिसाल कहानी है। वो उस ख़्वाब को ताबीर दे रहे हैं, जो वो बचपन में देखा करते थे कि काश मैं भी टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेलूं। भले वो कोई फर्स्ट क्लास मैच ना खेले हों, मगर जिस तरह उन्होंने फील्डिंग के लिए खिलाड़ियों को तैयार किया है, वो यकीनन उनके खेलने जैसा ही है।
उन्होंने कैसे किया ये सब?
हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन ने जब टी दिलीप को असिस्टेंट फील्डिंग कोच बनाया तो उन्होंने शादी करने का प्लान पोस्टपोन कर दिया। उन्हें लगा अगर शादी की तो जिम्मेदारियों में क्रिकेट पर फोकस नहीं कर पाऊंगा। उनका लक्ष्य सिर्फ नेशनल क्रिकेट एकेडमी से जुड़ना था। किस्मत भी शायद उनके जुनून और मेहनत के सामने रेड कारपेट बिछा रही थी। आईपीएल टीम डेक्कन चार्जर्स में उन्हें नौकरी करने का मौका मिल गया। यहां उन्होंने क्रिकेट की बारीकियों पर रिसर्च कर डाली। और फिर जब नैशनल क्रिकेट एकेडमी में उन्हें जॉइनिंग मिल गई, तो ना जाने कितने ऑफर उनके पास आने लगे। पैसे की पेशकश की जाने लगी। मगर दिलीप ने तो सिर्फ नैशनल क्रिकेट एकेडमी का ख्वाब देखा था, जो मुकम्मल हो रहा था। साल 2017 में इंडिया ए की टीम बांग्लादेश गई, उनके साथ फील्डिंग कोच बनकर टी दिलीप भी गए। यहीं उनकी मुलाक़ात राहुल द्रविड़ से हुई। इसके बाद उन्हें टीम इंडिया का फील्डिंग कोच चुन लिया गया।
टी दिलीप जानते थे कि टीम इंडिया में सारे कीमती मोती हैं, मगर जब तक उनको एक माला में नहीं पिरोया गया, वो बिखरे रहेंगे। उसी दौरान उन्होंने बेस्ट फिल्डिंग मेडल देने का प्रस्ताव सामने रखा। और ये एक अच्छा आइडिया था। इससे मैदान पर खिलाड़ियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई। जिसके नतीजे अब हमारे सामने आने लगे हैं। दिलीप की कामयाबी के सबूत मैदान पर देखने को मिल रहे हैं। जैसे ही कोई खिलाड़ी बेस्ट फील्डिंग करता है तो इशारा करता है, वो इशारे से जताना चाहते हैं, जनाब ये मैंने मेडल वाली फील्डिंग की है।
इतना ही नहीं टी दिलीप उस मेडल को देने के लिए भी सेरेमनी को दिलचस्प बना दे रहे हैं, इससे खिलाड़ियों का उत्साह हर मैच को जीतने के बाद अगले मैच में और भी शानदार प्रदर्शन करने के लिए बढ़ रहा है। टीम इंडिया अपनी परफॉर्मेंस के लिए बधाई की पात्र है, तो टीम इंडिया की कामयाबी के लिए जुटे टी दिलीप जैसे लोग भी बधाई के पात्र हैं। भले ही टी दिलीप के पास कोई मेडल या रेकॉर्ड ना हो। भले कोई बड़ा मैच ना खेला हो। मगर आज उनका जुनून मैदान पर क्रिकेट खेलकर उनका ख्वाब पूरा कर रहा है।
आज भारत विश्व कप 2023 जीतने से बस एक कदम दूर है, अगर भारत इस बार विश्व कप जीतता है तो एक बार फिर इतिहास रचा जाएगा,जैसा टीम इंडिया इस समय खेल रही है, उसे देख ये कोई मुश्किल काम नहीं लग रहा,अगर भारत विश्व कप जीतने में कामयाब हो गया तो कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा के अलावा टी दिलीप का सबसे बड़ा योगदान होगा,क्योकि पर्दे के पीछे टीम इंडिया को निखारने मे सबसे बड़ा काम उन्होंने ही किया है, जिस तरह टीम इंडिया इस समय खेल रही है उसमें टी दिलीप की बड़ी भूमिका है देश को भी भारत की टीम से इस बार कप की आशा है.