नैनीताल। हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को तगड़ा झटका दिया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर अहम आदेश दिया है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि जिन उम्मीदवारों के नाम शहर और गाँव — दोनों जगह की वोटर लिस्ट में दर्ज हैं, वे पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। ऐसे मामलों में तुरंत रोक लगाने के निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा कि यह आदेश चुनाव प्रक्रिया को बाधित नहीं करता, बल्कि चुनावी नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए है।पंचायत चुनाव नाम वापसी के आखिरी दिन हाईकोर्ट के आदेश से खलबली मची है।
गौरतलब है कि 6 जुलाई को राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव के आदेश में नगर निकाय क्व मतदाताओं का पंचायत चुनाव लड़ने का रास्ता साफ ही गया था।
हालांकि, बाद में सचिव ने एक और आदेश जारी कर कहा कि पंचायती राज एक्ट के हिसाब से होंगे चुनाव।
इधऱ, इन आदेशों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 6 जुलाई के आदेश पर रोक लगा दी।
इधऱ, यह भी काबिलेगौर है कि 11 जुलाई ,शुक्रवार को नाम वापसी का अंतिम दिन है। ऐसे में हाईकोर्ट के स्टे के बाद राज्य निर्वाचन आयोग प्रतिबंधित दावेदारों को अब चुनाव लड़ने से कैसे रोक पायेगा?
नैनीताल के बुडलकोट क्षेत्र में 51 बाहरी लोगों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल करने के मामले में भी सरकार से जवाब मांगा गया है। अदालत के इस आदेश से कई प्रत्याशियों की दावेदारी पर असर पड़ सकता है।
नैनीताल। हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव की तारीख को आगे खिसकाने सम्बन्धी याचिका को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंचायती राज सचिव व डीजीपी को सुरक्षात्मक उपायों के बाबत कोर्ट के समक्ष तथ्य पेश करने को कहा।
शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों अधिकारी इस बाबत सरकार की आकस्मिक योजना पेश करें। संकट के समय कैसे स्थिति को कैसे संभाला जाएगा।
याचिकाकर्ता डॉ बैजनाथ शर्मा ने अपनी याचिका में विभिन्न कारणों का उल्लेख करते हुए पंचायत चुनाव की तिथि आगे खिसकाने की मांग की है।
गौरतलब है कि प्रदेश के पंचायत चुनाव में 24 व जुलाई को दो चरणों में मत डाले जाएंगे।
याचिका कर्ता ने कहा कि राज्य में गम्भीर आपदा व बरसात के मौसम में पंचायत चुनाव का कार्यक्रम जारी किया गया।
आपदा की वजह से प्रदेश की दर्जनों सड़कें बन्द होने से ग्रामीण इलाकों में आवाजाही ठप हो गयी है। ऐसे में चुनाव प्रचार व मतदान पर विपरीत असर लड़ेगा।
इसी महीने में कांवड़ यात्रा शुरू हो गयी है। लाखों की संख्या में कांवड़िए उत्तराखण्ड की ओर कूच कर रहे हैं। प्रदेश के कई पर्वतीय जिलों में कांवड़िए पहुंच रहे हैं।
यही नहीं, चारधाम यात्रा के चलने से प्रतिदिन हजारों तीर्थयात्री उत्तराखण्ड पहुंच रहे हैं। कुल मिलाकर उत्तराखण्ड के हरिद्वार से लेकर पर्वतीय जिलों में भारी जनसैलाब उमड़ रहा है।
कांवड़ यात्रा, आपदा प्रभावित इलाके और चारधाम यात्रा के लिए आवश्यक सुरक्षा बलों पर भी भारी बोझ देखा जा रहा है।
पुलिस-प्रशासन की सीमित टीम आपदा व पंचायत चुनाव के अलावा कांवड़ियों के लिए व्यवस्था बनाने में जुटी है। इससे अन्य जिलों में सुरक्षा बलों की कमी भी देखी जा रही है।
याचिकाकर्ता ने चारधाम यात्रा,आपदा, पंचायत चुनाव, कांवड़ यात्रा एक ही समय पर हो रही है। ऐसे में सभी मोर्चों पर जूझना काफी कठिन माना जा रहा है। लिहाजा, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जुलाई महीने के बजाय अन्य महीने में आयोजित किये जायें।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की लीगल टीम ने अपना पक्ष भी रखा। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने किसी भी संकट की घड़ी से निपटने के लिए डीजीपी व पंचायत सचिव को आकस्मिक योजना पेश करने को कहा है। मंगलवार को राज्य सरकार समूची व्यवस्था को लेकर कोर्ट में तथ्य पेश करेंगे।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर लगी अंतरिम रोक को फिलहाल बरकरार रखा है। राज्य सरकार की ओर से आज मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष स्टे वेकेशन (रोक हटाने) का अनुरोध किया गया, जिसे खंडपीठ ने बुधवार दोपहर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त ने 21 जून को प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का कार्यक्रम जारी कर चुके हैं। लेकिन बीते सोमवार को हाईकोर्ट ने पंचायत आरक्षण के मुद्दे को लेकर चुनावों पर रोक लगा दी। इससे सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इस मसले पर नौकरशाही की ढिलाई भी सामने आ रही है।
इधऱ, मामले में अब तक दायर की गई सभी याचिकाओं को एक साथ क्लब कर बुधवार को सुनवाई की जाएगी। हाईकोर्ट ने सरकार को सुनवाई में अपना पक्ष स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह कोर्ट ने पंचायत चुनावों में आरक्षण प्रक्रिया को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चुनावी प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी थी। याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि सरकार ने आरक्षण रोस्टर और अधिसूचना प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की है, जिससे संवैधानिक प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
अब बुधवार की सुनवाई से यह तय होगा कि क्या अदालत पंचायत चुनावों पर लगी रोक हटाती है या मामले में कोई अंतरिम व्यवस्था जारी रखती है।
बहरहाल, प्रत्याशी 25 जून से भरे जाने वाले नामांकन की तैयारी कर रहे थे। अब भारी असमंजस का मंजर देखने को मिल रहा है।
हल्द्वानी- जिले के 25 हजार 402 राशन कार्डधारकों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराई है। ऐसे में एक लाख चार हजार 567 उपभोक्ताओं (यूनिट) पर राशन का संकट मंडराने लगा है। जल्द ही अगर इन 25 हजार राशन कार्डधारकों ने ई-केवाईसी नहीं कराई तो इनके राशन कार्ड निरस्त हो जाएंगे। इसके बाद इन उपभोक्ताओं को सरकार की ओर से मिलने वाला निश्शुल्क व न्यूनतम दरों में राशन नहीं मिल पाएगा।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से राशन कार्ड की ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है। जिले में कुल 2 लाख 46 हजार 662 राशन कार्ड धारक हैं, जिसमें 10 लाख यूनिट राशन वितरण होता है। इसमें से करीब 2 लाख 21 हजार 260 राशन कार्ड धारकों ने ई-केवाईसी करा ली है।
केंद्र सरकार की ओर से अंत्योदय (लाल) व प्राथमिक परिवार (सफेद) के लोगों को मुफ्त राशन दिया जाता है। जबकि राज्य सरकार की ओर से राज्य खाद्य योजना (सफेद) से जुड़े लोगों को न्यूनतम दरों में सस्ता गल्ला दुकानों से राशन मिलता है।
31 मार्च तक अंतिम मौका-
क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी विजय जोशी ने बताया कि ई-केवाईसी नहीं कराने वाले राशन कार्डधारकों को कई बार अंतिम मौका दिया गया। इस बार भी उपभोक्ताओं को 31 मार्च तक अंतिम मौका दिया जा रहा है। अगर इस बार इन उपभोक्ताओं ने ई-केवाईसी नहीं कराई तो इनके राशन कार्ड को निरस्त कर दिया जाएगा। फिर इन्हें सरकार की ओर से राशन की सुविधा नहीं मिलेगी।
ई-केवाईसी के लिए सिर्फ तीन दस्तावेज जरूरी-
राशन कार्ड को ई-केवाईसी कराने के लिए सिर्फ तीन दस्तावेज आधार कार्ड, राशन कार्ड नंबर व पंजीकृत मोबाइल नंबर की जरूरत है, जिसे हम अपने नजदीकी सस्ता गल्ला दुकान में जाकर भी करवा सकते हैं।
घर बैठे खुद से भी कर सकते हैं ई-केवाईसी-
खाद्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, प्ले स्टोर में माई राशन 2.0 एप डाउनलोड करें। इसके बाद एप में मांगी गई जानकारी भरकर लागिन करें, फिर दोबारा जानकारी भरें। इसमें आधार नंबर डालकर वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
नैनीताल हाईकोर्ट ने खानपुर विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन के एक दूसरे के घर जाकर धमकाने, फायरिंग सहित गुंडागर्दी को लेकर स्वत: संज्ञान वाली याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने विधायक उमेश कुमार को दी गई वाई श्रेणी सुरक्षा से संबंधित रिकॉर्ड पेश करने, सुरक्षा की फिर से समीक्षा जल्द करने तथा सिंचाई विभाग के आवासों को खाली कराने के निर्देश सरकार को दिए हैं।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। सरकार की ओर से बताया गया कि विधायक उमेश कुमार को वाई श्रेणी की सुरक्षा का मामला कमेटी के समक्ष लंबित है। सिंचाई विभाग का आवास खाली करने के लिए पूर्व विधायक चैंपियन को नोटिस दिया जा चुका है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि चैंपियन को सिंचाई विभाग का सरकारी आवास 2004 में जबकि विधायक उमेश को 2022 में आवंटित किया गया है।
यह भी बताया गया कि चैंपियन को आवंटित सरकारी आवास का मासिक किराया 9209 रुपये प्रति माह व विधायक उमेश शर्मा को आवंटित सरकारी आवास का मासिक किराया 1693 रुपये प्रति माह है। हाईकोर्ट ने दोनों विधायकों की ओर से एक दूसरे के आवास में जाकर धमकाने, हवाई फायरिंग सहित समर्थकों के हुड़दंग का स्वत: संज्ञान लिया था।
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के यूसीसी में लिव-इन संबंधों के अनिवार्य पंजीकरण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि बिना शादी किए निर्लज्जता के साथ रह रहे हैं तो फिर निजता का हनन कैसे। कहा कि राज्य सरकार ने भी यह नहीं कहा है कि आप साथ नहीं रहते हैं।
याचिका दायर करने वाले देहरादून के जय त्रिपाठी के अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि ऐसे संबंधों के पंजीकरण के लिए अनिवार्य प्रावधान कर राज्य सरकार गपशप को संस्थागत रूप दे रही है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2017 के फैसले का हवाला दे तर्क दिया कि लिव इन अनिवार्य पंजीकरण से निजता का हनन हो रहा है।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि यूसीसी ऐसे रिश्ते के लिए पंजीकरण करने के लिए कह रही है। ‘क्या रहस्य है? आप दोनों एक साथ रह रहे हैं, आपका पड़ोसी जानता है, समाज जानता है और दुनिया जानती है। फिर आप जिस गोपनीयता की बात कर रहे हैं, वह कहां है? बिना शादी के दो लोग निर्लज्जता के साथ रह रहे हैं तो फिर निजता का हनन कैसे, कहां हुआ।
याचिकाकर्ता ने कहा कि अल्मोड़ा के एक युवक की हत्या अंतर-धार्मिक लिव-इन रिलेशनशिप की वजह से कर दी गई। खंडपीठ ने इस याचिका को अन्य याचिकाओं के साथ संबद्ध करते हुए अगली सुनवाई के लिए पहली अप्रैल की तिथि नियत कर दी है।
राज्यपाल के अभिभाषण के साथ विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है। अभिभाषण के दौरान विपक्ष का हंगामा जारी रहा। विपक्षी विधायकों ने वेल में जाकर नारेबाजी की। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री और विपक्षी विधायकों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई।
मुख्यमंत्री ने ई विधानसभा का भी शुभारंभ किया। विधानमंडल भवन नए लुक में दिखाई दे रहा है। पहली बार टैबलेट के माध्यम से विधायी कार्य में विधानसभा सदस्य शामिल हो रहे हैं। 20 फरवरी को प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेगी। सत्र के दौरान विधानसभा परिसर के अंदर व बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
बता दें, कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में 18 से 20 फरवरी तक सदन संचालन के लिए एजेंडा तय किया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के अभिभाषण पर चर्चा और धन्यवाद प्रस्ताव होगा। 20 फरवरी को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल दोपहर 12.30 बजे बजट पेश करेंगे। एक लाख करोड़ से अधिक बजट होने का अनुमान है। इसमें महिला, युवा, गरीब, किसान, अवस्थापना विकास पर बजट में सरकार का फोकस रह सकता है।
भू कानून लागू करने की मांग को लेकर विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर रहे पूर्व विधायक भीम लाल सहित अन्य लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस सभी को वाहन से दूसरे स्थान पर ले गई है।सदन में सरकार की उपलब्धियों पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपाई। वहीं कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच बहस शुरू हो गई।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सत्र की अवधि न बढ़ाने पर विरोध किया। विपक्ष के नेता वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे है।सदन में राज्यपाल का अभिभाषण शुरू हो गया है। राज्यपाल ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड, देश का पहला राज्य है। इसमें प्रमुख रूप से महिला हितों की रक्षा की गई है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के विधायक वेल में नारेबाजी कर रहे हैं।
सदन पटल पर आएंग दो विधेयक व तीन अध्यादेश भी
इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से दो विधेयक व तीन अध्यादेश भी सदन पटल पर आएंगे। पेपरलेस सत्र की पहल के तहत पहली बार सत्र ई-विधानसभा में होगा। इसके लिए सदन में सभी सदस्यों के बैठने के स्थान पर टैबलेट लगाए गए। इसके माध्यम से ही विधायकों को एजेंडा, प्रश्नों की जानकारी मिलेगी।
विधानसभा अध्यक्ष से मिले सीएम
विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, विधायक खजान दास और पार्वती दास भी मौजूद थे।
ई-विधान एप्लीकेशन का लोकापर्ण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण की उपस्थिति में ई-विधान एप्लीकेशन का लोकापर्ण किया। इस बार विधानसभा का बजट सत्र नेशनल ई- विधान एप्लीकेशन के तहत संचालित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड में विधानसभा के कार्यों को डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए ई-विधानसभा प्रणाली अपनाई गई है। इसके माध्यम से विधायकों को कार्यसूची, विधानसभा में पूछे गये प्रश्नों के जवाब और अन्य दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके तहत विधानसभा में विधायकों की टेबल पर टैबलेट लगाए गए हैं, और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही भी अधिक दक्षता से संपन्न होगी
बजट अभिभाषण में राज्यपाल में कहा
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह-
विशेष रूप से उल्लेख करना है कि उत्तराखंड राज्य में वर्ष 2000-2001 में प्रति व्यक्ति आय 16,232 (सोलह हजार दो सौ बत्तीस) रुपये थी, जो वर्ष 2023-24 में 2,46,178 (दो लाख 46 हजार एक सौ 78)रुपये हो गई है। जो हमारी राज्य की निरन्तर प्रगति को दर्शाता है। राज्य में बेरोजगारी दर में कमी आई है। राज्य सरकार द्वारा पारदर्शी और नकल विहीन परीक्षाओं का आयोजन किया गया, जिससे राज्य के प्रतिभावान युवाओं को सरकारी सेवाओं में निरंतर अवसर मिल रहे हैं। सरकार की प्राथमिकताओं, संकल्पों के साथ सदन में राज्यपाल का बजट अभिभाषण समाप्त हुआ।
नववर्ष के जश्न के लिए नैनीताल सज चुका है और होटलों की ओर से तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। शहर के अधिकतर बड़े होटलों में सौ फीसदी कमरे पैक है। इन होटलों के पैकेज में आकर्षक कार्यक्रम व गीत-संगीत की धूम आज शाम देखने को मिलेगी।
नैनीताल में सोमवार को हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचे। होटलों की ओर से लाइव म्यूजिक के साथ ही गाला डिनर व डीजे की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट ने बताया कि मालरोड, ठंडी सड़क समेत नगर के कई हिस्सों को बिजली की मालाओं से सजाया गया है। इस वर्ष मॉलरोड पर 10 गैस हीटर की भी व्यवस्था की गई है। इधर, थर्टी फर्स्ट के दिन मंगलवार होने से मांस विक्रेताओं का काम प्रभावित हुआ है।
मल्लीताल मांस विक्रेता अतुल पाल ने बताया कि अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष मांस की डिमांड कम है। वहीं ईओ दीपक गोस्वामी ने बताया कि अब तक नगर में 20 स्थानों पर अलाव जलाए जा रहे थे। थर्टी फर्स्ट पर 25 स्थानों पर अलाव जलाए जाएंगे। उधर, नए साल के लिए भीमताल, नौकुचियाताल, सातताल, भवाली, कैंची, मुक्तेश्वर और रामगढ़ क्षेत्र के होटलों और होम स्टे में सैलानी पहुंचने लगे हैं। सैलानियों के लिए होटल कारोबारियों की ओर से म्यूजिक नाइट, पहाड़ी व्यंजनों की व्यवस्था की गई है।
नौकुचियाताल और कमलताल झील किनारे लाइटिंग व्यवस्था के साथ मंगलवार की रात म्यूजिक नाइट की व्यवस्था की गई है। पैराग्लाइडिंग, नौकायन, कयाकिंग और जीप लाइन संचालकों को भी कारोबार अच्छा रहने की उम्मीद है।
सुरक्षा-व्यवस्था के लिए छह सीओ व इंस्पेक्टर के साथ 345 पुलिस कर्मी रहेंगे तैनात-
नए साल के जश्न को लेकर जिला पुलिस की ओर से तैयारी पूर्ण कर ली गई हैं। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा की ओर से जिले के सभी राजपत्रित अधिकारियों समेत अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को सुरक्षा ड्यूटी तय की जा चुकी है। छह सीओ व इंस्पेक्टर, 55 एसआई व एएसआई, 244 हेड कांस्टेबल, 40 होमगार्ड व पीआरडी कुल 345 पुलिस बल तैनात किया है। इसके साथ ही तीन पीएसी, दो प्लाटून, 1.5 सेक्शन व इसके अतिरिक्त फायर टेंडर, हॉक तथा होमगार्ड, पीआरडी जवानों की भी ड्यूटी लगाई गई है।
हुड़दंग काटने वालों को दी चेतावनी-
एसएसपी मीणा ने हुड़दंगियों और शरारती तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है। एसएसपी ने यातायात नियमों के उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर भी सख्त कार्रवाई को कहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सोशल मीडिया पर संवेदनशील गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए। कहा यदि कोई व्यक्ति सांप्रदायिक सौहार्द्र को प्रभावित करने वाला, आपत्तिजनक या समाज में अशांति फैलाने वाली पोस्ट करता है, तो ऐसे मामलों में तुरंत और प्रभावी कार्यवाही की जाएगी।
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बेखोफ आए नैनीताल, लेकिन हुड़दंग कतई बर्दाश्त नहीं: SSP
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने यहां पहुंचने वाले सैलानियों से कहा वह बेखोफ होकर नैनीताल आएं पुलिस बल आपकी सुरक्षा के लिए तैनात है। पुलिस की ओर से सहयोग किया जाएगा। लेकिन मान मर्यादा का भी ध्यान रखें, जश्न की आड़ में हुड़दंग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, हुड़दंगियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
उत्तराखंड में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शासन से कारणों की विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है। सुप्रीम कोर्ट कमेटी आन रोड सेफ्टी के सचिव संजय मित्तल ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को पत्र भेजकर दुर्घटनाओं के सभी कारणों व दुर्घटना नियंत्रण को उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट 15 दिसंबर तक उपलब्ध कराने को कहा है।
कमेटी ने देहरादून के ओएनजीसी चौक पर इनोवा कार दुर्घटना में छह युवाओं की मृत्यु और अल्मोड़ा में बस दुर्घटना में 38 यात्रियों की मौत का संज्ञान लिया है। प्रदेश में वाहनों की बेलगाम गति, ओवरलोडिंग व प्रवर्तन एजेंसियों की चेकिंग में लापरवाही के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर भी कमेटी ने चिंता जताई है।
सुप्रीम कोर्ट ने शासन से मांगा जवाब-
जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कमेटी आन रोड सेफ्टी के सचिव संजय मित्तल के पत्र में कमेटी ने 11 नवंबर की देर रात दो बजे देहरादून में ओएनजीसी चौक पर हुई दुर्घटना का मुख्य कारण प्रवर्तन एजेंसियों की रात्रि चेकिंग में बरती गई लापरवाही को भी माना है। कमेटी ने चिंता जताते हुए यह जवाब मांगा है कि शासन की ओर से इस लापरवाही पर क्या कार्रवाई की गई।
बता दें कि, दुर्घटना वाली रात जाखन-मसूरी रोड से पार्टी कर लौट रहे सात युवाओं की बिना पंजीयन नंबर की इनोवा हाइक्रास कार बेलगाम गति से शहर में पुलिस के पांच बैरियर से गुजरती हुई 10 किमी दूर ओएनजीसी चौक तक पहुंच गई, लेकिन कहीं भी यह कार चेकिंग के लिए नहीं रोकी गई। एक बीएमडब्ल्यू कार को ओवरटेक करने के प्रयास में तकरीबन 180 किमी प्रतिघंटा की गति से दौड़ रही यह कार एक कंटेनर से टकराकर पेड़ में जा घुसी थी।
इस भयावह सड़क दुर्घटना में कार सवार दो युवाओं के सिर धड़ से अलग हो गए थे, जबकि शेष के शव भी क्षत-विक्षत स्थिति में सड़क पर बिखर गए थे। सभी युवा 20 से 24 वर्ष के थे और उनमें तीन युवतियां भी शामिल थीं। इस दुर्घटना में कार सवार एक युवक जीवित है, जिसका सिनर्जी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी का पत्र मिलने के बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में सचिव परिवहन बृजेश संत को निर्धारित समय में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट कमेटी आन रोड सेफ्टी ने अल्मोड़ा के मार्चुला में हुई बस दुर्घटना पर भी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। गत चार नवंबर की सुबह ओवरलोड बस खाई में गिरने से 38 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना के बाद दो एआरटीओ को निलंबित कर दिया था। बता दें कि, उपरोक्त दोनों दुर्घटनाओं में शासन स्तर पर पहले से जांच चल रही हैं, लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।
उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम 30 अप्रैल यानी कल जारी होगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के मुताबिक, रिजल्ट घोषित किए जाने को लेकर विभाग की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
उत्तराखंड बोर्ड की कक्षा 10वीं और 12वीं के दो लाख से अधिक छात्रों का कल परिणाम घोषित हो जाएगा। 30 अप्रैल को उत्तराखंड बोर्ड की कक्षा 10वीं और 12वीं का परिणाम जारी किया जाएगा। इस दिन अंक सुधार द्वितीय का रिजल्ट भी जारी किया जाएगा। सुबह 11:30 रिजल्ट घोषित होगा।
उत्तराखंड बोर्ड 12वीं बोर्ड परीक्षाएं 27 फरवरी से 16 मार्च 2024 तक आयोजित की गयी थी। इस साल UK बोर्ड की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में कुल दो लाख 10 हजार 354 छात्र शामिल हुए थे।
जानिए कैसे करें परिणाम डाउनलोड?
सबसे पहले उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट यानी ubse.uk.gov.in पर जाएं।
इसके बाद होम पेज पर उपलब्ध यूके बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2024 लिंक पर क्लिक करें।
अपना रोल नंबर डालें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
अब रिजल्ट स्क्रीन पर दिखाई देगा।
छात्र अपना परिणाम डाउनलोड कर सकते हैं और आगे की आवश्यकता के लिए प्रिंटआउट ले लें।