Category Archive : धर्म संस्कृति

Uttarakhand: अब बदरी-केदार मंदिर समेत 47 मंदिरों के परिसरों की सुरक्षा BKTC के जिम्मे, पहली बार बना आईटी संवर्ग।

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बदरीनाथ, केदारनाथ समेत 47 मंदिरों में परिसर के दायरे में अब दर्शन व्यवस्था से लेकर सुरक्षा का सभी जिम्मा अब बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के पास होगा। पहली बार बीकेटीसी में सुरक्षा और आईटी संवर्ग के लिए शासन ने मंजूरी दे दी है। इन संवर्गों में 58 पद सृजित किए जाएंगे।

डीएसपी रैंक का अधिकारी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगा। इस पद को नागरिक पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र बल, अर्द्ध सैनिक बल से प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरा जाएगा। सरकार ने बीकेटीसी में सुरक्षा संवर्ग और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संवर्ग के लिए पदों के सृजन की अनुमति दे दी है। सुरक्षा संवर्ग में 57 और आईटी संवर्ग में एक पद सृजित किया गया है।

संस्कृति व धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। बीते वर्ष बीकेटीसी की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर सुरक्षा संवर्ग और आईटी संवर्ग के लिए पद सृजन का प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा था। बीकेटीसी का तर्क था कि वर्ष 1982-83 में सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षा गार्ड व खजाना गार्ड के पांच पद सृजित किए गए थे।

धामों में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि

 

वर्तमान में बीकेटीसी बदरीनाथ, केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ, त्रियुगीनारायण, नृसिंह मंदिर जोशीमठ, कालीमठ, काशी विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ, भविष्य बदरी समेत 47 मंदिरों का प्रबंधन देखती है। वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम थी। वर्तमान समय में धामों में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

इससे धामों में सुगम दर्शन कराना बीकेटीसी के समक्ष बड़ी चुनौती है। दर्शन व्यवस्था के लिए बीकेटीसी की ओर से जिन कार्मिकों की तैनाती की जाती है, वह प्रशिक्षित नहीं होते हैं। अभी तक पुलिस को भी दर्शन व्यवस्था में तैनात किया जाता है। पुलिस पर बीकेटीसी का नियंत्रण नहीं होता है। वो अपने विभागीय निर्देशों से संचालित होती है, जिससे कई तरह की दिक्कतें भी पैदा होती हैं।

ऐसा होगा सुरक्षा संवर्ग का ढांचा

बीकेटीसी के सुरक्षा संवर्ग का प्रमुख मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी होगा। यह पद डीएसपी रैंक के अधिकारी होगा। जिसे नागरिक पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र बल अथवा अर्द्ध सैनिक बल से प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरा जाएगा। मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी के नीचे दो मंदिर सुरक्षा अधिकारी के पद होंगे। जो इंस्पेक्टर रैंक के होंगे। इसके आलवा सब इंस्पेक्टर रैंक के चार उप मंदिर सुरक्षा अधिकारी होंगे। ये सभी पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे। आउटसोर्स के माध्यम से 10 मुख्य मंदिर रक्षक और 40 मंदिर रक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।

आईटी संवर्ग में ये होंगे पद

वर्तमान में बीकेटीसी में सूचना प्रौद्योगिकी संवर्ग में इंटरनेट कोआर्डिनेटर का एक पद पूर्व से सृजित है और यह पद वर्तमान में रिक्त चला आ रहा है। कुछ माह पूर्व में बीकेटीसी में सेवा नियमावली बनने के बाद इस पद पर अब नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। शासन ने अब बीकेटीसी में सहायक प्रोग्रामर का एक पद सृजित कर दिया है। इस पर नियत मानदेय पर नियुक्ति की जाएगी।

दर्शन व्यवस्था होगी और अधिक सुव्यवस्थित : अजेंद्र

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सुरक्षा संवर्ग और आईटी संवर्ग में पद सृजन के लिए सीएम धामी का आभार जताते हुए कहा, बीकेटीसी का अपना सुरक्षा संवर्ग होने से मंदिरों में दर्शन व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित किया जा सकेगा। बदरीनाथ व केदारनाथ के अलावा अन्य अधीनस्थ मंदिरों में भी सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। आईटी संवर्ग में पदों के सृजन से कई व्यवस्थाओं में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग होगा। कहा, ई-ऑफिस, ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग होने से कामकाज में पारदर्शिता आएगी।

Sawan 2024: सावन के पहले सोमवार को शिवालय में उमड़ा आस्था का सैलाब, बारिश के बीच बम-बम भोले की गूंज।

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झमाझम बारिश के बीच जय भोले की गूंज। बम-बम भोले की जयकारों से देवभूमि उत्तराखंड के शिवालय गूंज उठे। सावन माह सोमवार आज से शुरू हो गए हैं। सावन माह भगवान शिव को बेहद प्रिय है। शहर से देहात तक के सभी शिवालयों की खास सजावट की गई है और सुबह से शिवालय में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी है।

इस बार सोमवार से ही सावन माह का प्रारंभ हुआ है। शिवालयों में भगवान शिव की विशेष-पूजा अर्चना हो रही है। लाखों कांवडि़ए जल भरने के लिए हरिद्वार पहुंच चुके हैं। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कांवड़ पटरी पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। कांवड़ पटरी से ही पैदल शिवभक्तों को निकाला जा रहा है।

सोलानी पार्क मार्ग से हाईवे को जाने वाले मार्ग को बंद दिया गया है। नगर निगम चौक पर भी पुलिसकर्मी तैनात हो गए हैं जो कांवड़ यात्रियों को ट्रैफिक रोककर निकाल रहे हैं। चंद्रशेखर चौक पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। बोट क्लब तिराहे को भी बंद कर दिया गया है। एसबीआई मुख्य शाखा वाले मार्ग पर भी बांस और बल्लियां लगा दी गई हैं। गणेशपुर पुल से पटरी वाले मार्ग पर भी बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। इसी तरह से आसफनगर झाल के तिराहे को भी बंद कर दिया गया है। केवल कांवड़ यात्रियों के लिए ही कांवड़ पटरी को रखा गया है।

हाईवे हुआ शिवमय, गूजे भोले के जयकारे-

महाशिवरात्रि पर जल से शिव का जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिवभक्त रवाना हो रहे हैं। इसी के चलते हाईवे पर कांवड़ियों की भीड़ बढ़ने लगी है। कांवड़ियों का उत्साह देखने लायक है। वे भगवान शिव के जयकारे लगाते हुए और भक्ति गीत गाते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं।

दिल्ली की ओर से हरिद्वार गंगाजल लेने जा रहे कांवड़ियों का काफी संख्या में ट्रकों, बसों, निजी वाहनों से काफिला लगातार बढ़ रहा है। हाईवे पर जगह-जगह कांवड़ियों का जत्था देखने को मिल रहा है। सुबह व शाम में नारसन कस्बे में भारी संख्या में कांवड़िए हाईवे से गुजर रहे हैं। दोपहर में धूप बढ़ने पर कांवड़िए हाईवे किनारे ढाबों, दुकानों आदि पर आराम करते हैं। देर शाम को नारसन तिराहे, मोहम्मदपुर जट्ट, उल्हेड़ा आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग कांवड़ियों को देखने के लिए पहुंच रहे हैं।

 

श्रीनगर में कमलेश्वर महादेव, नागेश्वर, किलकिलेश्वर, घसिया महादेव,अल्केश्वर मंदिर सहित अन्य शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। हालांकि सुबह 6 बजे से साढ़े सात बजे तक बारिश होने के चलते श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शिवालयों में बम बम भोले के जयकारे गूंजते रहे।

उत्‍तराखंड की धामी सरकार का फैसला, यूपी की तर्ज पर ढाबे और फलवालों को भी लगानी होगी नेमप्‍लेट

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यूपी की तर्ज पर अब उत्‍तराखंड सरकार ने फैसला लिया है कि हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों के आगे मालिक का नाम लिखना जरूरी होगा। हरिद्वार एसएसपी ने इस बात की पुष्टि की है। अब दुकान मालिक और स्‍टाफ का नाम लिखना जरूरी होगा। इसी आधार पर दुकानदारों का वेरिफिकेशन किया जाएगा।

हरिद्वार में कांवड़ मेले को लेकर पुलिस मुस्तैद हो गई है। उत्तर प्रदेश के बाद अब हरिद्वार में भी होटल और ढाबा संचालकों के साथ बोर्ड में नाम लिखने को लेकर सख्ती की जा रही है। हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने होटल और ढाबों पर संचालकों/प्रोपराइटरों का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया है।

 

संचालकों और प्रोपराइटरों का नाम अंकित न करने वालों पर पुलिस शिकंजा कस रही है। पुलिस इस मामले में चेकिंग अभियान भी चला रही है। सावन के कावड़ मेल की शुरुआत 22 जुलाई से होने जा रही है। जिसके लिए पुलिस पूरी तरह से सतर्क है। यात्रा और यात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम को लेकर पुलिस मुस्तैदी से जुटी हुई है। वहीं होटल और ढाबा कारोबारियों के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही इसका पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

 

इसी सिलसिले में पुलिस ने होटल और ढाबों पर संचालकों व प्रोपराइटरों के नाम न लिखने वालों के चालान करना शुरू कर दिया है। पुलिस ने होटल और ढाबा संचालकों को साफ तौर पर हिदायत दी है कि साइन बोर्ड पर अपना नाम लिखें। रेट लिस्ट और सीसीटीवी कैमरा लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई अमल में लाने की चेतावनी भी पुलिस ने दी है। हालांकि इसके बावजूद हरिद्वार क्षेत्र में कई होटल संचालकों ने पुलिस के निर्देशों का पालन नहीं किया।

 

अंडा, लहसुन, प्‍याज भी बैन

पुलिस ने होटल ढाबा संचालकों को यह भी निर्देश दिए हैं कि कावड़ मेले के दौरान होटल ढाबे में मांस, अंडा, लहसुन, प्याज का उपयोग नहीं किया जाएगा। मदिरा और मादक पदार्थों का सेवन भी नहीं करायेंगे। होटल और ढाबे में खाने की लिस्ट मुख्य स्थान पर चस्पा की जाएगी। भुगतान के लिए होटल ढाबे पर संचालक के नाम का क्यूआर कोड रखा जाएगा। वहीं कांवड़ मेला 2024 को सकुशल संपन्न करने के लिए सभी थाना प्रभारी ने अपने-अपने क्षेत्र में सीएलजी सदस्यों, ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्य और ग्राम प्रधानों के साथ गोष्ठी भी की है। जिसमें इन सभी को कांवड़ मेला पर्व के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सहयोग करने की अपील की गई है।

Uttarakhand: चारधाम बचाओ धामी हटाओ को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने नारेबाजी कर किया जमकर प्रदर्शन, सरकार पर लगाए ये आरोप।

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बडकोट में चारधाम बचाओ धामी हटाओ को लेकर यमुना के मायके खरशालीगांव स्थित यमुना मंदिर परिसर में पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल के नेतृत्व में नारेबाजी की गई। वहीं, बदरीनाथ धाम में भी ब्रह्म कपाल के तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।

बता दें कि, दिल्ली में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक निर्माण के विरोध में केदारनाथ में तीर्थपुरोहित, हक-हकूकधारी और अन्य लोगों का आंदोलन चल रहा है। प्रदर्शनकारी नारेबाजी के साथ-साथ जुलूस निकालकर धरना दे रहे है। तीर्थपुरोहितों ने दिल्ली में केदारनाथ धाम नाम से मंदिर का निर्माण बंद होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी भी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर धाम की उपेक्षा का आरोप लगाया है।

वहीं, सोमवार को भी तीर्थपुरोहित व अन्य लोग केदारनाथ मंदिर परिसर में एकत्रित हुए। उन्होंने दिल्ली में श्रीकेदारनाथ धाम ट्रस्ट की ओर से श्रीकेदारनाथ धाम नाम से मंदिर बनाने का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की। आंदोलनकारियों ने मंदिर परिसर की सीढ़ियों पर बैठकर धरना दिया। यहां पर केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी, विनोद शुक्ला, आचार्य संतोष त्रिवेदी आदि का कहना था कि प्रदेश सरकार ने भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ की उपेक्षा की है, जो माफीलायक नहीं है।
आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के चलते अब उप चुनाव होना है, इसे देखते हुए भाजपा के कुछ लोग ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे वह यह संदेश देने प्रयास कर रहे हैं कि वह केदारनाथ धाम के पक्ष में हैं, पर हकीकत में ऐसा नहीं है। उन्हें सिर्फ राजनीति नजर आ रही है। इधर, गुप्तकाशी में विरोध प्रदर्शन करते हुए जनप्रतिनिधियों के साथ तीर्थपुरोहित, व्यापारियों ने प्रदेश सरकार और श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का पुतला भी फूंका।

Chardham Yatra 2024: इस बार 50 दिन में 30 लाख तीर्थयात्रियों ने किए धाम में दर्शन, नया रिकॉर्ड बनाने की तरफ है यात्रा।

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चारधाम यात्रा में इस बार भी तीर्थयात्रियों की संख्या नया रिकॉर्ड बनाने की तरफ आगे बढ़ रही है। इस बार 50 दिन में 30 लाख तीर्थयात्री चारधामों व हेमकुंड साहिब में दर्शन कर चुके हैं। जबकि पिछले साल 68 दिन में इतने यात्रियों ने दर्शन किए थे। केदारनाथ धाम में दर्शन करने वालों का आंकड़ा 10 लाख पार हो चुका है।

10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक 30 लाख श्रद्धालु चारधामों में दर्शन कर चुके हैं। पिछले साल 22 अप्रैल से यात्रा शुरू हुई थी। 30 जून तक यानी 68 दिनों में 30 लाख यात्रियों ने दर्शन किए थे। इस बार 18 दिन पहले 30 लाख ने दर्शन किए।

Chardham Yatra: उत्तरकाशी में रात 10 से सुबह 4 बजे तक यातायात पर लगी रोक, जानिये क्यों लिया गया फैसला।

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जनपद में रात 10 से सुबह 4 बजे तक वाहनों के आवागमन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। आगामी मानसून सीजन में चारधाम यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। इसी के साथ गंगोत्री हाईवे पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र सोनगाड में अस्थायी पुलिस चौकी खोली गई है, जहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि चारधाम यात्रा के सुरक्षित संचालन के लिए पूर्व में जारी विशेष कार्य योजना में आंशिक संशोधन किया गया है। नई एसओपी में रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक यातायात प्रतिबंधित रहेगा।

इस अवधि में ऐसे यात्री वाहन जिनकी होटल बुकिंग होगी, उन्हीं को बैरियरों से आगे होटल तक भेजा जाएगा। जबकि रात 10 बजे बाद किसी वाहन को आगे नहीं भेजा जाएगा। सुबह 4 बजे के बाद ही यातायात पुन: संचालित किया जाएगा। बताया कि पूर्व में जारी एसओपी के अन्य बिंदू यथावत रहेंगे। एसपी ने बताया कि दुर्घटना संभावित क्षेत्र सोनगाड में अस्थाई चौकी भी स्थापित कर दी गई है। 

Chardham Yatra 2024: चारधाम यात्रा में लगातार बढ़ रही है श्रद्वालुओं की भीड़, अब तक 15.67 लाख श्रद्धालु कर चुके है दर्शन। 

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Kedarnath: केदारनाथ धाम में अब VVIP और बुजुर्ग कर सकेंगे SUV की सवारी, चिनूक हेलीकॉप्टर से पहुंचा वाहन।

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चारधाम हेली सेवा बुकिंग के लिए खुद को IRCTC का अधिकारी बता कर सोशल मीडिया पर जाल फैला रहे ठग, जानिए बचाव के लिए क्या करें।

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फर्जी वेबसाइट पर पुलिस ने नकेल कसना शुरू किया तो साइबर ठगों ने नया पैंतरा अपना लिया है। ठग अब खुद को आईआरसीटीसी का अधिकारी बताकर लोगों को फंसाने में लगे हैं। इसके लिए पहले सच्ची बात बताई जा रही है ताकि लोगों को यकीन हो सके।

बताया जा रहा है कि चारधाम के लिए टिकटों की बुकिंग फुल हो चुकी है। लेकिन, अब कंपनी अपने कोटे के टिकटों को बेचकर यात्रा करा सकती है। इसके लिए ठगों ने सोशल मीडिया पर हेली बुकिंग के नाम से इश्तिहार प्रसारित किए हैं। ठगों के इस जाल से लोगों को बचाया जा सके इसके लिए अमर उजाला ने इस इश्तिहार के नंबर पर कॉल कर सारी स्थिति जानी। जो बात निकलकर सामने आई उससे यही लगा कि जरा सी सावधानी हटी तो ठगी का शिकार आसानी से बना जा सकता है।

हेली टिकट के लिए फेसबुक पर एक पेज मिला था। यहां पर हेलीकॉप्टर की फोटो के साथ डिस्प्ले पिक्चर में श्रीकेदारनाथ धाम का फोटो भी लगा था। नीचे एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ था। अमर उजाला की ओर से इस नंबर पर कॉल की गई तो दूसरी ओर से परिचय आईआरसीटीसी के अधिकारी के रूप में दिया गया। अमर उजाला के प्रतिनिधि को अब तक की सारी बातों का पता था। ऐसे में ठग को इन बातों की जानकारी दी गई। उसे यह समझते देर न लगी कि यह वह मछली नहीं है जो उनके जाल में फंस जाए। ऐसे में एकाएक उसने फोन काट दिया।

ज्यादातर प्रदेश के बाहर के लोग हो रहे शिकार

फर्जी रजिस्ट्रेशन हो या फिर हेली टिकट का फर्जीवाड़ा। सभी मामलों में ज्यादातर ठगी के शिकार प्रदेश के बाहर के ही लोग हो रहे हैं। इसका कारण है कि प्रचार-प्रसार में कमी। प्रदेश के बाहर के लोगों में अब भी केदारनाथ व अन्य धामों की व्यवस्था के बारे में कम ही जानकारी है। यही नहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो किसी तरह जुगाड़ करने के चक्कर में जाल में फंस रहे हैं।

बचाव के लिए क्या करें

-आईआरसीटीसी की अधिकारिक वेबसाइट पर सर्च करें।

-आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर कोई भी मोबाइल नंबर नहीं है।

-फर्जी वेबसाइट पर मोबाइल नंबर लिखे होते हैं जो कि ठगों के होते हैं।

-सोशल मीडिया फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम आदि पर कोई टिकट बुकिंग की व्यवस्था नहीं है।

-किसी भी नंबर के संदिग्ध होने पर तत्काल पुलिस को सूचित करें।

-साइबर वित्तीय हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।

एसटीएफ और साइबर पुलिस लगातार फर्जी वेबसाइट की निगरानी कर रही है। अपने फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया हैंडल से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जो शिकायतें आ रही हैं उनकी भी जांच की जा रही है। इस साल अब तक 20 फर्जी वेबसाइट ब्लॉक की जा चुकी हैं। यदि कोई ठगी का शिकार होता है या आशंका है तो साइबर वित्तीय हेल्पलाइन पर मदद मांग सकता है। एसटीएफ की ओर से मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं। – आयुष अग्रवाल, एसएसपी, एसटीएफ

 

Uttarakhand: चारधाम यात्रा के दौरान अब तक हुई 52 लोगों की मौत, केदारनाथ में हार्ट अटैक से हुई सबसे ज्यादा मौतें।

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चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें बदरीनाथ में 14, केदारनाथ में 23, गंगोत्री में 03 और यमुनोत्री में 12 श्रद्धालुओं की जान गई है। केदारनाथ में बीते 10 वर्ष में 350 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जिसका प्रमुख कारण सीने में दर्द, बेचैनी और दिल का दौरा पड़ना रहा है।

बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आए केरल के एक श्रद्धालु की गुरुवार को हृदय गति रुकने से मौत हो गई। परिजनों ने विष्णुप्रयाग में ही अंतिम संस्कार करा दिया। अब तक बदरीनाथ धाम की यात्रा पर आए आठ श्रद्धालुओं की हृदय गति रुकने से मौत हो चुकी है।

हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए पंजाब के एक यात्री की मौत
केरल के तिरुवनंतपुरम से चार महिलाएं और दो पुरुष दर्शन करने के लिए बदरीनाथ आए हुए थे। बुधवार को अचानक श्रीनिवास (63) की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। सीएमओ डॉ. राजीव शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। इसके बाद परिजन शव को विष्णुप्रयाग लेकर आए, लेकिन उनके पास अंतिम संस्कार कराने के लिए कोई सामान नहीं था। इस पर उन्होंने नगर पालिका जोशीमठ से मदद मांगी। इस पर पालिका ने उन्हें सामग्री उपलब्ध करवाई, तब जाकर अंतिम संस्कार किया गया।

 

वहीं हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए पंजाब के एक यात्री की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुलेंगे और पहला जत्था शुक्रवार को गोविंदघाट से घांघरिया के लिए रवाना होगा। कुछ श्रद्धालु पहले ही घांघरिया पहुंच रहे हैं। गोविंदघाट एसओ लक्ष्मी प्रसाद बिजल्वाण ने बताया, बृहस्पतिवार को गोविंदघाट से घांघरिया जा रहे यात्री जसविंदर सिंह (60) निवासी लुधियाना, पंजाब की भ्यूंडार के आगे राम ढुंगी के पास हृदय गति रुकने से मौत हो गई।