प्रदेश में नामांकन वापसी पूरी होने के बाद बृहस्पतिवार को सभी निकायों के प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी गई। अब शुक्रवार को प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे।
मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन एवं कृषि प्रदर्शनी के ब्रोशर और पोस्टर का विमोचन किया। कृषि विज्ञान सम्मेलन में पचास से भी ज्यादा देशों के प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे।
सीएम ने 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन का पोस्टर किया जारी-
सीएम धामी ने आज 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन का पोस्टर जारी किया। बता दें कि ये कृषि महाकुंभ 20 फरवरी से 22 फरवरी 2025 को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर में प्रस्तावित है। जो कि राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी एवं गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा संयुक्त रूप आयोजित किया जा रहा है।

50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि करेंगे शिरकत-
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के कुलपति प्रो. एमएस चौहान ने बताया कि 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के 04 हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। सम्मेलन में पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि में नवाचार, कृषि क्षेत्र में युवा पेशेवरों को बढ़ावा देने, डिजिटल एग्रीकल्चर, जलवायु परिवर्तन, स्मार्ट लाइवस्टॉक फार्मिंग जैसे विषय पर पैनल चर्चा की जाएगी।
कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी में 200 से ज्यादा संस्थान लेंगे भाग-
सम्मेलन में विज्ञान में नई खोज के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा, मधुमक्खी पालन की संभावनाएं, गरीबी और कुपोषण से मुक्ति के लिए नए उपाय जैसे विषयों पर सेमिनार का भी आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर एक कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी जिसमें देश-विदेश के 200 से अधिक संस्थान भाग लेंगे।
Dehradun: वन विभाग आगामी वनाग्नि सत्र से पहले प्रदेश में सात नई पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट तैयार कर देगा। इससे पिरुल एकत्रितकरण के जरिए वनाग्नि रोकथाम में मदद मिलेगी। इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर वन विभाग ने वनाग्नि रोकथाम के लिए पांच साल की योजना तैयार करते हुए, केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजी है।
अब यूनिट बढ़ाने की तैयारी-
अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा के मुताबिक पिरुल एकत्रितकरण से वनाग्नि रोकथाम में प्रभावी कमी आती है। इसलिए वर्तमान में चल रही ब्रेकेटस यूनिट की संख्या बढ़ाकर 12 किए जाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर, जल्द ही अल्मोड़ा, चम्पावत, गढ़वाल और नरेंद्र नगर वन प्रभाग में सात नई यूनिट स्थापित हो जाएंगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी हो सकेगा।
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सीएम धानी ने कहा कि वनाग्नि रोकथाम के लिए, विभागों को समय से तैयारी करने को कहा गया है। प्रदेश में सात जगह नई ब्रेकेटस यूनिट बनने से ग्रामीणों को रोजगा मिलेगा, साथ ही पिरुल से लगने वाली वनाग्नि में भी प्रभावी कमी आएगी। इसके साथ ही वनाग्नि रोकथाम के लिए भारत सरकार के पास पांच साल की कार्ययोजना तैयार करके भेजी गई है।
हाईलाट्स-
15 प्रतिशत वनाच्छादित क्षेत्र में हैं चीड़ वन
05 स्थानों पर वर्तमान में हैं ब्रिकेट्स यूनिट
05 साल की कार्ययोजना भेजी गई भारत सरकार के पास
1.13 करोड़ रुपए गत वर्ष स्वयं सहायता समूहों को दिए गए पिरुल जमा करने पर
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Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिद्धपीठ माँ सुरकण्डा मन्दिर, पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को प्रसिद्ध सिद्धपीठ सुरकंडा देवी मंदिर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने मां सुरकंडा देवी के दर्शन कर विधिवत पूजा अर्चना कर देश प्रदेश की सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की तथा मंदिर की परिक्रमा भी की।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं के साथ बातचीत कर उनसे यात्रा के संबंध में जानकारी ली। श्रद्धालु अपने बीच मुख्यमंत्री को देखकर काफी खुश नजर आए तथा उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी भी ली। मुख्यमंत्री ने स्थानीय दुकानदारों से वार्ता कर उनका हाल चाल जाना। मुख्यमंत्री ने स्थानीय स्वयं सहायता महिला समूहों की महिलाओं द्वारा उत्पादित स्थानीय सामग्री की खरीददारी भी की।
मुख्यमंत्री ने सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में शीतकालीन यात्रा प्रारंभ की गई है। जिसमें श्रद्धालु काफी संख्या में आ रहे हैं। उत्तराखण्ड देवभूमि है। राज्य के हर मन्दिर का अपना अलग महत्व है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों को शीतकालीन यात्रा हेतु तैयार किया जा रहा है और अधिकांश स्थलों पर तैयारियां पूर्ण कर ली गई है, जिनका असर आज इस श्रद्धालुओं की संख्या को देखकर लगाया जा सकता है।
इस दौरान एसएसपी आयुष अग्रवाल, एडीएम ए.के. पाण्डेय, एएसपी जे. आर. जोशी सहित अन्य गणमान्य एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।
उत्तराखंड में जल्द ही यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा. मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया एक्स पर साल के पहले दिन एक पोस्ट किया. इस पोस्ट का निष्कर्ष यही है कि उत्तराखंड में बहुत जल्द समान नागरिक संहिता लागू होने जा रही है. इससे पहले भी सीएम धामी जनवरी 2025 में यूसीसी लागू करने की बात कह चुके हैं.
उत्तराखंड में जल्द लागू होगा यूसीसी:
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा- ‘देवभूमि उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के आशीर्वाद से हम प्रदेश में नागरिकों को समान अधिकार देने के लिए यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड लागू करने जा रहे हैं, यह क़ानून न केवल समानता को बढ़ावा देगा बल्कि देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा।’
सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर लिखी पोस्ट:
इस पोस्ट के साथ सीएम धामी ने जो पोस्टर साझा किया है उसमें शीर्षक है ‘उम्मीदों का नया साल 2025’. पोस्टर में बाएं ओर लिखा है ‘समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड’. दाएं तरफ लिखा है ‘प्रदेश के समस्त नागरिकों को मिलेंगे समान अधिकार, अन्य राज्यों के लिए उत्तराखंड बनेगा पथ प्रदर्शक’. पोस्टर में समान नागरिक संहिता का सांकेतिक चित्र है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ सीएं धामी की फोटो भी लगी है. पीएम मोदी ने तस्वीर में भगवा रंग की उत्तराखंडी टोपी पहनी है. वहीं सीएम धामी ने भी उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी पहनी हुई है.
पीएम और गृहमंत्री कर चुके हैं तारीफ:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस पोस्ट से लग रहा है कि बहुत जल्द उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा. अगर ऐसा होता है तो उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा. पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पहले ही उत्तराखंड के यूनिफॉर्म सिविल कोड की तारीफ कर चुके हैं.
Uttarakhand: राज्य सरकार के अधिवर्षात आयु प्राप्त कर 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को राज्य सरकार ने राहत दी है। इन तिथियों पर रिटायर होने वाले कर्मचारियों को सरकार नोशनल इंक्रीमेंट का लाभ देगी। मंगलवार को सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
जारी शासनादेश के मुताबिक, 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले जिन कर्मचारियों को एक जनवरी और एक जुलाई को एक इंक्रीमेंट दिया जाना है, उनके अंतिम वेतन वेतन के साथ एक नोशनल इंक्रीमेंट भी जोड़ा जाएगा। इस वेतन के आधार पर ही उनकी पेंशन की गणना होगी। हालांकि रिटायरमेंट पर मिलने वाले बाकी सभी लाभ में इस नोशनल इंक्रीमेंट को शामिल नहीं किया जाएगा।

यह लाभ उन्हें तत्काल प्रभाव से मिलेगा। लेकिन एरियर भुगतान नहीं किया जाएगा। बता दें कि राज्य सरकार के कई कर्मचारी हर साल अपनी सेवा पूरी करने के बाद 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होते हैं। इनमें ऐसे कर्मचारी भी होते हैं जो एक ही वेतन स्तर पर उस तिथि पर एक साल की संतोषजनक सेवा पूरी कर लेते हैं। उन्हें एक जुलाई और एक जनवरी को इंक्रीमेंट मिलता है। लेकिन उन्हें अगला इंक्रीमेंट नहीं मिल पाता, क्योंकि वे केवल एक दिन पहले ही 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर हो जाते हैं।
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कर्मचारी संगठनों ने नोशनल इंक्रीमेंट दिए जाने के फैसले का स्वागत किया। लेकिन साथ ही शासनादेश को वर्ष 2006 से लागू करने की मांग की है।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडेय और महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने कहा कि यूपी सरकार ने यह लाभ वर्ष 2006 से दिए जाने का शासनादेश जारी किया है, जबकि सचिव वित्त के आदेश में यह अप्लै 2023 के बाद से लागू होगा।
निकाय चुनाव के प्रचार को धार देने के लिए भाजपा ने प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का गठन कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के संयोजन में गठित यह समिति सभी निकायों की संचालन समिति से समन्वय बनाएगी।

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राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुके उत्तराखंड के लिए प्रशासनिक और सामाजिक बदलाव के लिहाज नया साला काफी अहम होगा। धामी सरकार नए साल में कई बड़े कदम उठाने जा रही है। इनमें राज्य के लोगों के तीन बड़ी सौगातें शामिल हैं।
सरकार इस साल समान नागरिक संहिता लागू करेगी। साथ ही सशक्त भू-कानून भी राज्य में लागू हो जाएगा। हरियाणा राज्य की तरह उत्तराखंड सरकार भी राज्यवासियों के लिए परिवार पहचान पत्र योजना शुरू करेगी। अमर उजाला ने नए साल में राज्य सरकार के स्तर पर शुरू की जाने वाली नई पहलों की पड़ताल की। पेश है एक रिपोर्ट।
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नए साल में उत्तराखंड में ओला उबर की तर्ज पर महिला सारथी यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचती नजर आएंगी। सरकार की महत्वाकांक्षी महिला सारथी परियोजना पायलट तौर पर देहरादून जिले से शुरू होने जा रही है। इसमें परिवहन विभाग जरूरतमंद महिलाओं को वाहन चलाने का प्रशिक्षण देने के साथ ही उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी बनाएगा। इन महिलाओं के लिए ही वाहनों की व्यवस्था सीएसआर फंड और निर्भया योजना से की जानी प्रस्तावित है। इन गाड़ियों के संचालन के लिए एक पूरी तरह प्रोफेशनल मोबाइल एप बनाया जाएगा, उसमें यूजर इंटरफेस तकरीबन वैसा ही होगा जैसा आजकल ऑनलाइन गाड़ियां बुक करने वाली कमर्शियल कंपनियों के एप में होता है।