Month: November 2024

Uttarakhand: अब केवल अधिकृत ढाबों पर ही रुकेंगी रोडवेज की बसें, नियम न मानने पर ड्राइवर और कंडक्टर पर होगी कार्रवाई.

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कई मार्गों पर रोडवेज की बसें केवल अधिकृत ढाबों पर ही रुकेंगी। अगर ड्राइवर-कंडक्टर ने मनमर्जी से बसें रोकी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। महाप्रबंधक संचालन पवन मेहरा ने सभी सहायक महाप्रबंधकों को कड़ा पत्र जारी किया है।

कहा, देहरादून-दिल्ली, देहरादून-नैनीताल, टनकपुर-देहरादून, देहरादून-हरिद्वार-अंबाला, चंडीगढ़-देहरादून, दिल्ली-नैनीताल, टनकपुर-दिल्ली मार्गों पर परिवहन निगम प्रबंधन ने ढाबे और रेस्टोरेंट अधिकृत किए हुए हैं।

लेकिन, संज्ञान में आया है कि कई ड्राइवर-कंडक्टर बसों का ठहराव अवैध ढाबों या रेस्टोरेंट पर कर रहे हैं, जिससे यात्रियों से खाने के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। निगम की छवि धूमिल हो रही है। स्पष्ट किया कि अग्रिम आदेशों या नए ढाबे अधिकृत करने तक पूर्व के अधिकृत ढाबों पर ही रोडवेज बसों का ठहराव सुनिश्चित किया जाए। अन्यथा कार्रवाई होगी।

Uttarakhand: पीएम आवास 2.0 से बदलेगी अब मलिन बस्तियों की सूरत, विस्थापन और पुनर्वास को लेकर किए खास प्रावधान.

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प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 से मलिन बस्तियों की सूरत बदल सकती है। इस बार योजना में मलिन बस्तियों के पुनर्वास और विस्थापन को लेकर भी खास प्रावधान किए गए हैं। राज्य में 582 मलिन बस्तियां पुनर्वास के इंतजार में हैं। पीएम आवास योजना 2.0 लॉन्च हो चुकी है।

उत्तराखंड ने इसके लिए केंद्र से करार भी कर लिया है। मलिन बस्तियों के पुनर्वास, विस्थापन को लेकर दो श्रेणियों में सरकार सहायता करेगी। पहली श्रेणी बीएलसी यानी लाभार्थी आधारित है।इसमें अपनी जमीन पर मकान बनाने के लिए केंद्र सरकार 2.25 लाख रुपये और राज्य सरकार 50 हजार रुपये की मदद देगी।
जमीन की कागजी प्रक्रिया भी निशुल्क होगी। मलिन बस्तियों के अपग्रेडेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत बनाने के लिए भी इस योजना में पैसा मिलेगा।दूसरी श्रेणी एफॉर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप यानी एएचपी है। इसमें निजी विकासकर्ता की मदद से मलिन बस्तियों का पुनर्वास किया जा सकता है।
मलिन बस्ती की लोकेशन सही न होने पर अन्य किसी क्षेत्र में विकसित की जा सकती है। इसमें भी सरकार अलग से मदद करेगी। राज्य सरकार कई साल से मलिन बस्तियों के पुनर्वास और विस्थापन को लेकर प्रयास कर रही है। पीएमएवाई 2.0 से इसमें तेजी आने की संभावना है।

Tehri Lake: अब क्रूज बोट में बैठकर करें खूबसूरत वादियों का दीदार, टिहरी झील में सैलानी बिता सकेंगे रात.

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उत्तराखंड के टिहरी बांध की झील में साहसिक खेलों के शौकीनों के लिए अब नया लुत्फ उठाने का मौका भी मिलेगा। फ्लोटिंग हट्स के बाद अब झील में क्रूज बोट में भी सैलानी रात बिताकर पर्यटन गतिविधियों का आनंद उठा सकते हैं। झील में 12 कमरों के क्रूज बोट का पीपीपी मोड पर संचालन शुरू हो गया है। क्रूज बोट का संचालन कोटीकाॅलोनी से डोबरा-चांठी पुल तक किया जा रहा है।

टिहरी बांध की झील में तीन साल से कूज बोट निर्माणाधीन था। पर्यटन विभाग के सहयोग से पीपीपी मोड पर एक निजी कंपनी ने लगभग आठ करोड़ की लागत से क्रूज तैयार किया है। इसमें पर्यटकों के रुकने के लिए 12 कमरे, रेस्टोरेंट, शौचालय आदि सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। क्रूज की छत पर पर्वतीय क्षेत्र के घरों में लगे पठाल की प्रतिकृति की तरह बनाया गया है।

वर्तमान में कई तरह की 100 से अधिक बोट संचालित-

टिहरी झील में वर्ष 2014-15 में बोटिंग सेवा शुरू हुई थी। वर्तमान में कोटीकाॅलोनी बोटिंग प्वाइंट से पैरासेलिंग, बनाना राइडिंग, स्पीड बोट, जेट स्की, जॉर्बिंग, वाटर रोलर, वाटर स्कूटर समेत 100 से अधिक बोट संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा डोबरा-चांठी और पीपलडाली में एक-एक नई बोट प्वाइंट जल्द शुरू होने की उम्मीद है।

टिहरी झील में क्रूज बोट का संचालन शुरू किया गया है। कोटीकॉलोनी से डोबरा-चांठी तक क्रूज बोट का संचालन होगा। फिलहाल क्रूज ट्रायल के तौर पर चलेगा। दो-तीन दिन में कंपनी विधिवत बुकिंग शुरू कर देगी।
– सोबत सिंह राणा, जिला पर्यटन अधिकारी, टिहरी

Uttarakhand: वर्ष 2026 तक सोलर प्लांट से मिलेगी 60 मेगावाट बिजली, बढ़ेगी आय, 100 करोड़ का बजट.

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 प्रदेश में सौर ऊर्जा आने वाले वर्षों में सरकार की आय का बड़ा साधन भी बनेगी। सरकारी भवनों में लग रहे सोलर पावर प्लांट से मिलने वाली अतिरिक्त विद्युत से होने वाली आय ऊर्जा निगम को सरकारी कोष में जमा करानी होगी।

इसके लिए विभागों के साथ निगम विद्युत खरीद अनुबंध करेगा। अभी 305 सरकारी भवनों में नौ मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित हो रही है। इसे वर्ष 2026 तक 60 मेगावाट करने का लक्ष्य है।

 

सौर ऊर्जा को सरकार कर रही प्रोत्साहित-

प्रदेश में सौर ऊर्जा को सरकार प्रोत्साहन दे रही है। इसके लिए सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों में सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी के रूप में आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।

 

विशेष रूप से सरकारी भवनों में सोलर प्लांट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। यही नहीं, प्लांट लगाने के लिए इस पर होने वाले खर्च को सरकारी भवनों की निर्माण लागत में जोड़ा जाएगा।

 

इसके लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में 307 सरकारी भवनों में नौ मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं।

 

1965 सरकारी भवनों में प्लांट की स्थापना प्रस्तावित-

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1965 सरकारी भवनों में सोलर प्लांट की स्थापना प्रस्तावित है। इनके प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। चालू वित्तीय वर्ष में इसके लिए 100 करोड़ रुपये बजट रखा गया है।

 

अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन ने कहा कि शासकीय भवनों में स्थापित सोलर प्लांट से ऊर्जा निगम को अतिरिक्त बिजली मिल रही है। निगम को इस आय को सरकारी कोष में जमा कराना होगा।

 

इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से सरकारी भवनों से उनकी खपत के अतिरिक्त मिलने वाली विद्युत ऊर्जा निगम को प्राप्त हो रही है।

 

इस संबंध में अब ऊर्जा निगम को संबंधित विभाग के साथ विद्युत खरीद अनुबंध करना है। इससे अतिरिक्त विद्युत से सरकार को भी आय होगी। इस योजना से संबंधित गाइडलाइन में भी संशोधन किया जाएगा।

 

Maharashtra: महाराष्ट्र के अगले CM के नाम पर सस्पेंस बरकरार, एकनाथ शिंदे ने दिया मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा।

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महाराष्ट्र में अगले सीएम को लेकर सस्पेंस बरकार है। अभी तक किसी नेता के नाम पर मुहर नहीं लगी है। इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई के राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया। इस दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस उनके साथ मौजूद रहे। हालांकि, अगले सीएम के चुनाव तक एकनाथ शिंदे बतौर कार्यवाहक सीएम पद की जिम्मेदारियां संभालेंगे। दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है।

 

देवेंद्र फडणवीस को मिल सकती है जिम्मेदारी-
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महायुति में भाजपा को सीएम पद देने पर सहमति बन गई है और भाजपा की तरफ से देवेंद्र फडणवीस को यह जिम्मेदारी मिल सकती है। साथ ही शिवसेना और राकांपा गुट से भी एक-एक डिप्टी सीएम होगा। विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बाद भाजपा और शिवसेना के बीच सीएम पद को लेकर खींचतान चल रही है। दरअसल शिवसेना एकनाथ शिंदे को ही सीएम बनाने की मांग कर रही है। शिवसेना महाराष्ट्र में भी बिहार फार्मूला लागू करने की मांग कर रही है, जहां भाजपा ने ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद नीतीश कुमार को सीएम बनाया है। शिवसेना के सात सांसद भी प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। इसे शिवसेना द्वारा दबाव की राजनीति करने के तौर पर भी देखा जा रहा है।
सीएम के नाम का एलान 30 नवंबर को हो सकता है-
वहीं शिवसेना विधायक और पार्टी प्रवक्ता संजय पांडुरंग शिरसाट ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया है कि राज्य के नए सीएम का एलान 30 नवंबर यानी शनिवार को किया जाएगा। पहले ऐसी खबरें आ रहीं थी कि मंगलवार शाम तक ही सीएम के नाम का एलान हो सकता है, लेकिन अब शिवसेना विधायक के बयान से साफ है कि महायुति में सीएम पद पर दावे को लेकर खींचतान जारी है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एकनाथ शिंदे अगर सीएम नहीं बनते हैं तो वे डिप्टी सीएम का पद भी नहीं लेंगे और अपनी जगह पार्टी के ही किसी नेता को डिप्टी सीएम बना सकते हैं। महाराष्ट्र में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह कब होगा, ये अभी तय नहीं है।
ऐसे रहे परिणाम-
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन ने शानदार जीत हासिल करते हुए राज्य की 288 सीटों में से 234 सीटों पर कब्जा कर लिया। इनमें से भाजपा ने सबसे ज्यादा 132, शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की है।

Dehradun: भू-कानून और मूल निवास को लेकर भूख हड़ताल शुरु, शहीद स्मारक पर पुलिस फोर्स तैनात।

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सशक्त भू-कानून और मूल निवास की मांग को लेकर आमरण अनशन करने की तैयारी में मूल निवास, भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी को पुलिस ने रोक दिया। पुलिस ने शहीद स्मारक के गेट पर ताला भी लगा दिया है। मोहित ने निर्णय लिया है कि वह शहीद स्मारक के गेट के बाहर ही भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने आज मंगलवार से शहीद स्मारक पर आमरण अनशन शुरु करने का एलान किया था। समिति को महिला मंच और राज्य आंदोलनकारी मंच सहित कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। समिति का कहना है कि भूमि कानूनों में हुए संशोधनों को रद्द किया जाए।

इसके साथ ही निवेश के नाम पर दी गई जमीनों का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार मजबूत भू-कानून को लेकर गंभीर नहीं है। सरकार बजट सत्र में भू-कानून लाने की बात कर रही है, लेकिन किस तरह का भू-कानून सरकार लाएगी, स्थिति स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि 2018 के बाद भूमि कानूनों में हुए सभी संशोधनों को अध्यादेश के जरिये रद्द किया जाय।

 

 

400 से अधिक गांव नगरीय क्षेत्र में हुए शामिल-
भूमि कानून की धारा-2 को हटाया जाए। इस धारा की वजह से नगरीय क्षेत्रों में गांवों के शामिल होने से कृषि भूमि खत्म हो रही है। 400 से अधिक गांव नगरीय क्षेत्र में शामिल हुए हैं और 50 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि को खुर्द-बुर्द करने का रास्ता खोल दिया गया। साथ ही भूमि कानून के बिल को विधानसभा में पारित करने से पूर्व इसके ड्राफ्ट को जन समीक्षा के लिए सार्वजनिक किया जाए।

 

 

निवेश के नाम पर दी गई जमीनों का ब्यौरा और इससे मिले रोजगार को सार्वजनिक किया जाय। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 250 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खरीदी है, उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाय। समिति ने कहा कि मूल निवासियों को चिह्नित किया जाए। वहीं, 90 प्रतिशत नौकरियों और सरकारी योजनाओं में मूल निवासियों की भागीदारी होनी चाहिए।

 

सरकार भू कानून और मूल निवास पर अपनी मंशा साफ करे-
समिति के महासचिव प्रांजल नौडियाल ने कहा कि सरकार भू कानून और मूल निवास पर अपनी मंशा साफ करे। महिला मंच की उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट ने कहा, राज्य आंदोलन में महिलाओं ने सर्वोच्च बलिदान देकर इस राज्य के सपने को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाई। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मोहन सिंह रावत ने कहा, 42 शहीदों ने अपनी शहादत देकर राज्य के निर्माण का सपना साकार किया, लेकिन आज जमीन के कानून खुर्द बुर्द किए गए और मूल निवासियों के अधिकार छीने गए।

 

 

समिति को इन संगठनों का मिला समर्थन-

मूल निवास, भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के आंदोलन को पूर्व सैनिक संगठन, महिला मंच, आंदोलनकारी मंच, उत्तराखंड संयुक्त आंदोलनकारी मंच, पहाड़ी स्वाभिमान सेना, धाद, देवभूमि संगठन, महानगर ऑटो यूनियन, दून गढ़वाल जीप कमांडर कल्याण समिति, उपनल महासंघ, अतिथि शिक्षक संगठन, पूर्व कर्मचारी संगठन, ओपीएस संगठन, चारधाम महापंचायत, गढ़ कुमाऊं मंडल, गढ़वाल सभा, उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन, राठ महासभा, आर्यन छात्र संगठन सहित कई संगठनों का समर्थन मिला है।

Badrinath: धाम में हुई सीजन की पहली बर्फबारी, चोटियों ने ओढ़ी बर्फ की सफेद चादर.

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बदरीनाथ धाम में शनिवार देर शाम को सीजन की पहली हल्की बर्फबारी हुई, जबकि चोटियों पर भी बर्फ गिरी। हालांकि, शनिवार सुबह मौसम साफ होने पर बर्फ पिघल गई, लेकिन धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

शनिवार को जिले में मौसम बदलता रहा। देर शाम को बदरीनाथ धाम में बर्फबारी शुरू हो गई। हालांकि, बर्फबारी ज्यादा देर नहीं हुई, लेकिन थोड़ी देर की बर्फबारी से धाम की चोटियां सफेद हो गईं। रविवार सुबह जैसे ही मौसम खुला तो बर्फ पिघलने लगी।

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो चुके हैं। यहां आईटीबीपी, सेना और पुलिस के जवान ही तैनात रहते हैं। साथ ही मास्टर प्लान के काम में लगे मजदूर और मंदिर की देखरेख के लिए बीकेटीसी के कर्मचारी तैनात हैं।

Accident: ऋषिकेश में बड़ा हादसा, ट्रक ने कई वाहनों को मारी टक्कर, UKD नेता त्रिवेंद्र पंवार समेत 3 की मौत.

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ऋषिकेश में देर रात दर्दनाक हादसा हो गया। नटराज चौक के पास भीषण दुर्घटना में यूकेडी नेता व राज्य आंदोलनकारी त्रिवेंद्र पंवार समेत तीन लोगों की मौत हो गई। हादसे में एक व्यक्ति गंभीर घायल था, जिसने आज सुबह दम तोड़ दिया। हादसा इतना भीषण था कि दूर तक वाहनों के टुकड़े फैल गए। घटनास्थल के पास घंटों तक अफरा-तफरी का माहौल रहा।

पुलिस के मुताबिक रविवार देर रात एक तेज रफ्तार सीमेंट से लदे ट्रक ने नटराज चौक के पास स्थित वेडिंग प्वाइंट के सामने खड़ी पांच गाड़ियों को टक्कर मार दी। इस भिड़ंत के दौरान वहां पर मौजूद अन्य लोग भी चपेट में आ गए। घटनास्थल पर अफरा-तरफी मच गई। घटना के बाद ट्रक चालक फरार हो गया। हादसे में घायल यूकेडी के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष और संरक्षक राज्य आंदोलनकारी त्रिवेंद्र सिंह पंवार को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया।
जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एम्स के पीआरओ संदीप कुमार ने बताया कि पंवार के साथ ही एम्स लाए गए लालतप्पड़ निवासी गुरजीत सिंह की भी मौत हो गई। वहीं, एक व्यक्ति के गंभीर ने भी आज सुबह दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि पंवार एक पूर्व राज्यमंत्री के बेटे की शादी में शामिल होने यहां पहुंचे थे, इसी दौरान यह हादसा हो गया।

Uttarakhand: प्रदेश के 13वें डीजीपी बने दीपम सेठ, गृह विभाग ने जारी किए आदेश, 1995 बैच के हैं आईपीएस अधिकारी.

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दीपम सेठ उत्तराखंड के 13वें डीजीपी बन गए हैं। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। एडीजी दीपम सेठ ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटकर सोमवार को मूल कैडर ज्वाइन किया। ज्वाइन करते ही उन्हें पुलिस के 13वें मुखिया की जिम्मेदारी भी दी गई।
दीपम सेठ 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। और वर्ष 2019 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। अभी उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी नहीं हुई थी कि शासन ने उन्हें वापस बुलाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। पत्र के एक दिन बाद ही केंद्र ने उन्हें रिलीव भी कर दिया। बता दें कि एडीजी दीपम सेठ उत्तराखंड कैडर के वर्तमान में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। पिछले साल पूर्व डीजीपी अशोक कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद सेठ के वापस आने की चर्चाएं हुई थीं।
सरकार ने उनका नाम भी डीजीपी के पैनल में शामिल करते हुए यूपीएससी को भेजा था। लेकिन, वह प्रतिनियुक्ति से वापस नहीं आए थे। ऐसे में सभी जरूरी अर्हताएं पूरी करने वाले अधिकारियों में एडीजी अभिनव कुमार का नंबर आ गया था। उन्होंने पिछले साल 30 नवंबर की शाम को प्रदेश के 12वें डीजीपी (कार्यवाहक) के रूप में पुलिस की कमान संभाली थी। लेकिन, पिछले दिनों फिर से डीजीपी के चयन के लिए एक पैनल यूपीएससी भेजा गया। मगर, इस पैनल में अभिनव कुमार का नाम शामिल नहीं था।
यूपी की तर्ज पर डीजीपी का करने की सिफारिश
पिछले दिनों कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने गृह सचिव को पत्र लिखकर यहां डीजीपी का चयन यूपी की तर्ज पर करने की सिफारिश की थी। उन्होंने मौजूदा उत्तराखंड पुलिस एक्ट के नियमों का हवाला भी दिया था। इसमें दो साल के लिए शासन की समिति ही डीजीपी का चयन कर सकती है। लेकिन, अब एकाएक गृह विभाग की ओर से केंद्र सरकार को शुक्रवार को पत्र लिखकर आईपीएस दीपम सेठ को वापस भेजने की मांग की थी।

Uttarakhand: 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर बैठेगी भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति।

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प्रेस क्लब देहरादून में मूल निवास, भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता की इस अवसर पर उन्होंने संविधान दिवस यानि की 26 नवंबर से शहीद स्मारक देहरादून में भूख हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है। संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी भूख हड़ताल पर बैठेंगे। वही प्रेसवार्ता करते हुए मूल, निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार मजबूत भू-कानून को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। सरकार बजट सत्र में भू-कानून लाने की बात कर रही है, लेकिन किस तरह का भू-कानून सरकार लाएगी, स्थिति स्पष्ट नहीं है। कहीं ऐसा तो नहीं हर बार की तरह भू-माफिया के पक्ष में सरकार कानून लेकर आए।