Day: February 4, 2025

रेल बजट में उत्तराखंड की झोली में आए 4641 करोड़, चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन में आएगी तेजी.

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रेल बजट से उत्तराखंड की झोली में 4641 करोड़ रुपये आए हैं। बजट का यह आकार पड़ोसी राज्य हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से कहीं अधिक है। राज्य के हिस्से आए बजट से सामरिक और चारधाम यात्रा के महत्व वाली 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण और तेजी गति से करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा 11 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित करने में भी धन की कोई कमी नहीं होगी।

 

सोमवार को पत्र सूचना कार्यालय में वर्चुअल जुड़े रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 से 2014 के बीच राज्य को कुल 187 करोड़ रुपये रेल बजट में मिले थे। इस लिहाज से देखें तो मौजूदा बजट का आकार 25 गुना है।

 

केंद्र सरकार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को लेकर गंभीर है। इससे न सिर्फ सामरिक महत्व की पूर्ति होगी, बल्कि चारधाम यात्रा को भी गति मिलेगी। 24 हजार 659 करोड़ रुपये की इस मेगा परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2026 तय किया गया है। वर्तमान तक 49 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा किया जा चुका है।

 

 

कवच प्रणाली पर होगा काम-

प्रदेश में जिन 11 रेलवे स्टेशनों का विकास अमृत स्टेशन परियोजना में किया जा रहा है। इनके लिए 147 करोड़ रुपये का प्रविधान है। रेलवे में सुरक्षा की दृष्टि से कवच प्रणाली से उत्तराखंड को भी जोड़ा गया है। राज्य में 49 रूट किलोमीटर के लिए कवच प्रणाली की संस्तुति की गई है।

 

अमृत स्टेशन परियोजना वाले स्टेशन: देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लालकुआं जंक्शन, रामनगर, रुड़की और टनकपुर।

 

रेलवे को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी रखा गया: अश्विनी वैष्णव

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि बजट में रेलवे को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी रखा गया है। इसके लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और 17,500 सामान्य कोच, 200 वंदे भारत और 100 अमृत भारत ट्रेनों के निर्माण जैसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

 

वैष्णव ने रेल भवन में संवाददाताओं से कहा कि बजट में 4.6 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाएं शामिल की गई हैं। इन्हें चार से पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा। इनमें नई लाइनें बिछाने, दोहरीकरण, चौगुनीकरण, नए निर्माण, स्टेशन पुनर्विकास, फ्लाईओवर, अंडरपास सहित कई अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन वर्षों में 100 अमृत भारत, 50 नमो भारत और 200 वंदे भारत (स्लीपर और चेयर कार) ट्रेनें बनाई जाएंगी। नई अमृत भारत ट्रेनों से हम कई छोटी दूरी के शहरों को जोड़ेंगे।

Uttarakhand: नेशनल गेम्स के लिए तैयार हो रहा खेल वन, पदक विजेताओं के नाम पर लगेंगे 1600 रुद्राक्ष के पौधे.

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उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हो रहे राष्ट्रीय खेलों से ग्रीन गेम्स का संदेश देने का तैयारी है। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के समीप वन विभाग की 2.77 हेक्टेयर जमीन को खेल वन के रूप में तैयार किया जाएगा। इस भूमि पर राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने वाले 1600 खिलाड़ियों के नाम से रुद्राक्ष के पौधे लगाए जाएंगे। 10 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खेल वन का शुभारंभ करेंगे।

38वें राष्ट्रीय खेलों की थीम ग्रीन गेम्स की रखी गई है। प्रदेश सरकार ने हरित पहल करते हुए राष्ट्रीय खेलों में कई कदम ऐसे उठाए हैं। इसमें खेल वन भी शामिल है। राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश सरकार की हरित पहल की सराहना की थी। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के पास वन विभाग की 2.77 हेक्टेयर जमीन में खेल वन विकसित करने के लिए तारबाड़ का काम चल रहा है। 10 फरवरी को यहां पर रुद्राक्ष के पौधे लगाए जाएंगे।

चैंपियन हमें प्रेरित करते हैं-

 

खेल वन के लिए जो बड़ा बोर्ड तैयार कराया जा रहा है उसमें चैंपियन हमें प्रेरित करते हैं। लाइनें खासतौर पर उकेरी जा रही है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा का कहना है कि यहां लगाए जाने वाले हर पौधे से हमारी स्मृतियों में विजेताओं का सुनहरा प्रदर्शन ताजा रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हम ग्रीन गेम्स की थीम पर राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन कर रहे हैं। हमने हरित पहल करते हुए कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे दूर-दूर तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश जाएगा। खेल वन इस कड़ी में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

National Games: उत्तराखंड को वेटलिफ्टिंग में मिला कांस्य पदक, एक गोल्ड समेत 19 पदक जीतकर 19 वें स्थान पर है राज्य.

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राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक मिला है। पुरुषों के 109 व इससे अधिक किलोग्राम भार वर्ग में विवेक पांडे ने कांस्य पदक जीता है। इसे मिलाकर अब तक राज्य 19 पदकों के साथ पदक तालिका में 19 वें स्थान पर है।

वेटलिफ्टिंग पुरुष प्लस 109 किलोग्राम में उत्तराखंड के विवेक ने 280 किलोग्राम भार उठाकर राज्य के लिए कांस्य पदक जीता। टनकपुर निवासी विवेक ने दो साल पहले वेटलिफ्टिंग की शुरुआत की थी।

हालांकि 12 साल की उम्र से उनका फिटनेस पर ध्यान था। इससे पहले वर्ष 2022 में उन्होंने छत्तीसगढ़ में आयोजित पावर वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। वहीं, बैडमिंटन में दो कांस्य और दो रजत पदक पक्के हैं।

अब तक इन खेलों में जीते इतने पदक-

उत्तराखंड ने अब तक वुशु, बैटमिंटन, वेटलिफ्टिंग, हैंडबॉल और योगासन में अच्छा प्रदर्शन किया है। वुशु में राज्य को सबसे अधिक एक स्वर्ण सहित 12 पदक मिले हैं। जबकि बैडमिंटन में दो रजत, हैंडबॉल में एक रजत और योगासन में एक रजत पदक मिला है। अब बॉक्सिंग, कैनोइंग एंड कयाकिंग, एथलेटिक्स आदि खेलों में राज्य को पदक की उम्मीद है।

विवेक की इस सफलता ने राज्य को वेटलिफ्टिंग क्षेत्र में नई पहचान दी है, उनके इस पदक से प्रेरित होकर उत्तराखंड के और युवा इस खेल की ओर आकर्षित होंगे।
– रेखा आर्या, खेल मंत्री