Day: August 6, 2025

आपदा- धराली के मलबे में जिंदगी तलाशने की कोशिश जारी

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मंगलवार को धराली व हर्षिल इलाके में मची तबाही के 24 घण्टे बाद भी मृत लोगों का आंकड़ा पता नहीं चल पाया। धराली तक जाने वाले गंगोत्री हाईवे के कई जगह से टूटने की वजह से राहत व बचाव कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र का दौरा कर आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने प्रभावितों का हालचाल लिया और उन्हें हरसंभव सरकारी सहायता का भरोसा दिलाया।उधर, मंगलवार को गंगोत्री हाईवे के भटवाड़ी के निकट क्षतिग्रस्त होने के बाद वैकल्पिक मार्ग तैयार करने की कोशिश हो रही है। इस मार्ग पर वाहन फंसे हुए हैं। आवागमन बन्द होने से राहत व बचाव दल भी धराली तक पहुंचने के लिए मशक्कत कर रहे हैं।

इलाके में बिजली व दूर संचार का संकट भी देखने में आ रहा है।

गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी के पास बना पुल भो बाढ़ में बह गया। इस पुल के टूटने व जगह-जगह रास्ते टूटने से धराली तक पहुंचना काफी कठिन हो गया है।

मलबे से अटे धराली में राहत व बचाव दल जिंदगी तलाश रहे हैं। इस आपदा में चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि लगभग 100 लोग इस आपदा के शिकार हुए हैं। हर्षिल के आर्मी कैम्प को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

इधऱ,मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि “कोई भी प्रभावित परिवार सहायता से वंचित न रहे और सभी को समयबद्ध तरीके से राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए।”

राहत कार्यों को गति देने के लिए दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से खाद्य सामग्री एवं आवश्यक वस्तुएं धराली पहुंचाई गईं। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी भेजी जा रही है, जिससे मार्ग मरम्मत, मलबा हटाने और अन्य आवश्यक कार्य तेजी से पूरे हो सकें।

ताश के पत्तों की तरह ढह गये होटल-होमस्टे, अब तक 70 से ज्‍यादा लोगों को बचाया; तस्‍वीरों में दूसरे दिन के हालात

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में खीरगंगा के किनारे बसे गंगोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव धराली गांव में बादल फटने से मंगलवार को भारी तबाही हुई।बताया जा रहा है कि यह बादल खीरगंगा नदी के ऊपरी क्षेत्र में कहीं फटा, जिससे दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक खीरगंगा नदी में पानी व मलबे के साथ सैलाब आया और इस सैलाब में धराली बाजार समेत आसपास के होटल, होमस्टे ताश की पत्तों की तरह ढह गये।

अभी तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। अब तक 70 से ज़्यादा लोगों को बचाया जा चुका है। अधिकारिक तौर पर 19 लोगों के लापता होने की सूचना है।

सूचना पर हर्षिल में तैनात सेना की आइबैक्स रेजीमेंट समेत एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राजस्व, पुलिस, आपदा प्रबंधन आदि की टीमों ने राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

गंगोत्री और धराली में दो अतिरिक्त बचाव और राहत टुकड़ियां तैनात की गई हैं। हर्षिल से धराली तक सड़क मार्ग खोलने के लिए ज़मीन हटाने वाले उपकरण तैनात किए गए हैं।फंसे हुए नागरिकों का पता लगाने के लिए ड्रोन और बचाव कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है। निकाले गए लोगों को चिकित्सा सहायता और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।भारतीय सेना प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। खोज और बचाव अभियान जारी है, और हर प्रभावित व्यक्ति तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

 

केंद्र-राज्य ने झौंकी ताकत, एक और शव बरामद; मृतकों की संख्‍या हुई पांच

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 गंगोत्री धाम का प्रमुख पड़ाव धराली खीर गंगा नदी में बादल फटने से आए सैलाब से तबाह हो गया, दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक आए सैलाब के चलते चारों और पसरा मलबा ही मलबा फैल गया। इस घटना में करीब 15 से 20 होटल व घरों को नुकसान की सूचना मिल रही है। जिला प्रशासन के अनुसार आपदा में चार लोगों के मौत की हो चुकी है।आपदा की सूचना पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस, राजस्व, आपदा प्रबंधन आदि की टीमों ने राहत एवं बचाव कार्य शुरु कर दिया है। धराली के ठीक सामने स्थिति मुखबा गांव से लोगों से खीर गंगा नदी में आए सैलाब मोबाइल में कैद किया, कुछ ही देर में जलप्रलय के वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित होने लगे। सैलाब की दिल दहलाने वाले कई वीडियो सामने आए हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कुछ ही पलों में पूरा इलाका मलबे से ढक गया।

 

 

केंद्र और राज्य सरकार ने राहत- बचाव अभियान में ताकत झौंक दी है। मौसम की चुनौतियों के बावजूद सीएम पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। सेना, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, प्रशासन सहित तमाम एजेंसियां बचाव अभियान में जुटी हैं।

आपदा ग्रस्त धराली (उत्तरकाशी) में राहत एवं बचाव अभियान में केंद्र के साथ ही राज्य की एजेंसियां भी युद़धस्तर पर जुटी हुई हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मौसम की चुनौतियों के बावजूद, आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की है। सीएम ने बचाव और राहत अभियान में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं।

 

उत्तरकाशी के धराली में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के संबंध में सांसदों अनिल बलूनी, महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, त्रिवेंद्र सिंह रावत व अजय भट्ट जी के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री उत्तरकाशी में आई इस भीषण विपदा से मर्माहत, शोकाकुल और व्यथित हैं। वे स्वयं राहत एवं बचाव कार्य की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की तमाम एजेंसियां राहत, बचाव एवं पुनर्वास के कार्य में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार धराली सहित सभी आपदा प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है। साथ ही, केंद्र सरकार उत्तराखंड को इस आपदा से लड़ने और बाहर निकालने में हर तरह से मदद दे रही है।

प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों से कहा कि वे अपने लोकसभा क्षेत्र के अतिवृष्टि और भूस्खलन के इलाकों में रह रहे लोगों से संपर्क में रहें एवं उन्हें हर संभव हर सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत रहें।