Day: August 22, 2025

उत्तरकाशी: स्यानाचट्टी में कृत्रिम झील मचा सकती है तबाही, होटल- स्कूल सब डूबे; अब कैसे होगी पंक्चर? लोगों ने पानी में उतर जताया विरोध

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उत्तरकाशी में धराली आपदा के बाद हर्षिल घाटी में बनी कृत्रिम झील  बड़ी तबाही मचा सकती है. दरअसल यमुना नदी में स्यानाचट्टी के पास बनी कृत्रिम झील ने विकराल रूप ले लिया है. यह झील वॉटर बम’ बनती जा रही है. क्या होटल और क्या घर, सब पानी में डूब गए हैं. चार मंजिला कालिंदी होटल की तीन मंजिलें पानी में डूब गई है. पास में बनी पुलिस चौकी का एक मंजिल भी पानी में डूब गया है. पहले यमुनोत्री जाने वाले श्रद्धालु भी यहां बने पुल से होकर गुजरते थे. लेकिन कत्रिम झील की वजह से पुल भी पानी में पूरी तरह से डूब चुका है

हालांकि यमुना में बनी झील का जलस्तर देर रात से  एक मीटर घटा है. लेकिन खतरा टला नहीं है. यमुना नदी की मूल धारा में लगातार गढ़ गाड़ बाधा बन रहा है. गढ़ गाड़ में लगातार मलवा और बोल्डर अपना रुख बदल रहा है. स्यानाचट्टी में बड़ी पार्किंग भी पानी में डूब चुकी है.

इतना ही नहीं स्यानाचट्टी सरकारी स्कूल की एक मंजिल पानी में पूरी डूब गई है.सभी सरकारी कागज भी पानी में नष्ट हो गए हैं. कुपड़ा गाड़ के मलवे ने यमुना नदी के मुहाना को ब्लॉक कर दिया है. झील से पानी निकाले जाना बहुत जरूरी है. लेकिन अगर झील टूटी तो यमुना नदी के पानी का वेग बढ़ जाएगा, जिससे तटीय क्षेत्रों में बड़ी तबाही मच सकती है.

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कृत्रिम झील से अब तक हुआ कितना नुकसान?

  • यमुनोत्री नेशनल हाइवे का मोटर पुल और सड़क जलस्तर से डूबा
  • चार मंजिला होटल कालिंदी का दो मंजिल होटल पानी में डूबा
  • पुलिस चौकी स्यानाचट्टी का एक मंजिला भवन पानी में डूबा
  • GMVN गेस्ट हाउस पानी में डूबा
  • स्यानाचट्टी बड़ी पार्किंग के पास पहुंचा यमुना नदी का पानी
  • जूनियर हाईस्कूल के मैदान तक पहुंचा झील का पानी

झील को पंक्चर करना बड़ी चुनौती

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF-SDRF पहले से मौजूद है. झील को पंक्चर करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. क्यों कि पानी लगातार बढ़ रहा है. पिछले चौबीस घंटे में पुल पूरा डूब चुका है, जो पहले साफ दिखाई दे रहा था. क्रत्रिम झील में पानी इतना ज्यादा है कि 25 फीट तक होटल इसमें डूब चुका है. पहले 10-15 फीट नीचे नदी बहती थी. झील को पंक्टर करने और आसपास के लोगों के रेस्क्यू के लिए टीम मौके पर मौजूद है. ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा सके.

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वहीं पानी को निकालने की कोशिश की जा रही है. लेकिन यहां पर एक और फ्लड आया है.हालांकि उसने अपना रास्ता बदल लिया है. राहत की बात यह है कि रास्ता दूसरी तरफ गया है. कोशिश यही है कि पानी को किसी तरह से झील से निकाला जा सके.स्यानाचट्टी में आक्रोशित लोगों ने झील उतरकर  प्रशाशन के विरुद्ध नारेबाजी की।

हालांकि प्रशासन ने एहतियातन स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। शुक्रवार को जिलाधिकारी प्रशांत आर्य और क्षेत्रीय विधायक संजय डोभाल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

                                            Uttarkashi DM-प्रशांत आर्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की चिकित्सकों को बड़ी सौगात, चिकित्सकों को मिलेगा एसडी एसीपी (SD ACP) का लाभ

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के चिकित्सकों को बड़ी राहत और सौगात दी है। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के चिकित्साधिकारियों को अब एसडी एसीपी (SD ACP) का लाभ प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आदेश जारी कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हमारे डॉक्टर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर पहाड़ की कठिन परिस्थितियों में भी चिकित्सक पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं। उनके हितों का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता है। एसीपी का लाभ मिलने से चिकित्सकों को न केवल आर्थिक मजबूती मिलेगी बल्कि सेवा के प्रति और अधिक समर्पण की भावना भी बढ़ेगी। सरकार हमेशा अपने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ खड़ी है।

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के आदेशानुसार प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के चिकित्साधिकारियों को एसीपी का लाभ शासनादेश संख्या 654 (दिनांक 14.07.2016) तथा शासनादेश संख्या 154 (दिनांक 04.02.2019) में निहित प्रावधानों के तहत प्रदान किया जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी की संस्तुति के आधार पर इस लाभ की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कुल 196 पदों का विवरण इस प्रकार है। लेवल 11 में 70 पद स्वीकृत हैं जिनका ग्रेड पे ₹5400 है। लेवल 12 में 56 पद हैं जिनका ग्रेड पे ₹6600 निर्धारित है। लेवल 13 में दो श्रेणियाँ हैं, जिनमें 27 पद ₹7600 ग्रेड पे तथा 43 पद ₹8700 ग्रेड पे वाले हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर सभी स्तरों को मिलाकर 196 पद बनते हैं।

इस फैसले से बड़ी संख्या में चिकित्साधिकारियों को लाभ मिलेगा और स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।