पंचायत चुनाव पर फिर मंडराया खतरा ! हाईकोर्ट में बहस
नैनीताल। हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव की तारीख को आगे खिसकाने सम्बन्धी याचिका को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंचायती राज सचिव व डीजीपी को सुरक्षात्मक उपायों के बाबत कोर्ट के समक्ष तथ्य पेश करने को कहा।
शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों अधिकारी इस बाबत सरकार की आकस्मिक योजना पेश करें। संकट के समय कैसे स्थिति को कैसे संभाला जाएगा।
याचिकाकर्ता डॉ बैजनाथ शर्मा ने अपनी याचिका में विभिन्न कारणों का उल्लेख करते हुए पंचायत चुनाव की तिथि आगे खिसकाने की मांग की है।
गौरतलब है कि प्रदेश के पंचायत चुनाव में 24 व जुलाई को दो चरणों में मत डाले जाएंगे।
याचिका कर्ता ने कहा कि राज्य में गम्भीर आपदा व बरसात के मौसम में पंचायत चुनाव का कार्यक्रम जारी किया गया।
आपदा की वजह से प्रदेश की दर्जनों सड़कें बन्द होने से ग्रामीण इलाकों में आवाजाही ठप हो गयी है। ऐसे में चुनाव प्रचार व मतदान पर विपरीत असर लड़ेगा।
इसी महीने में कांवड़ यात्रा शुरू हो गयी है। लाखों की संख्या में कांवड़िए उत्तराखण्ड की ओर कूच कर रहे हैं। प्रदेश के कई पर्वतीय जिलों में कांवड़िए पहुंच रहे हैं।
यही नहीं, चारधाम यात्रा के चलने से प्रतिदिन हजारों तीर्थयात्री उत्तराखण्ड पहुंच रहे हैं। कुल मिलाकर उत्तराखण्ड के हरिद्वार से लेकर पर्वतीय जिलों में भारी जनसैलाब उमड़ रहा है।
कांवड़ यात्रा, आपदा प्रभावित इलाके और चारधाम यात्रा के लिए आवश्यक सुरक्षा बलों पर भी भारी बोझ देखा जा रहा है।
पुलिस-प्रशासन की सीमित टीम आपदा व पंचायत चुनाव के अलावा कांवड़ियों के लिए व्यवस्था बनाने में जुटी है। इससे अन्य जिलों में सुरक्षा बलों की कमी भी देखी जा रही है।
याचिकाकर्ता ने चारधाम यात्रा,आपदा, पंचायत चुनाव, कांवड़ यात्रा एक ही समय पर हो रही है। ऐसे में सभी मोर्चों पर जूझना काफी कठिन माना जा रहा है। लिहाजा, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जुलाई महीने के बजाय अन्य महीने में आयोजित किये जायें।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की लीगल टीम ने अपना पक्ष भी रखा। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने किसी भी संकट की घड़ी से निपटने के लिए डीजीपी व पंचायत सचिव को आकस्मिक योजना पेश करने को कहा है। मंगलवार को राज्य सरकार समूची व्यवस्था को लेकर कोर्ट में तथ्य पेश करेंगे।