Author: Dilip Singh Rathod

Pahalgam Attack: उत्तराखंड में पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर बढ़ी सतर्कता, चारधाम यात्रा को लेकर खुफिया तंत्र सक्रिय.

51 Views -

पहलगाम आतंकी हमले के बाद राज्य में सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस ने रातभर चेकिंग के बाद दिन में भी बॉर्डर क्षेत्रों में चेकिंग जारी रखी। इसी बीच सरकार की ओर से पर्यटन और धार्मिक स्थलों को लेकर भी सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके अलावा यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। इसके लिए खुफिया तंत्र को अति सक्रियता से काम करने के निर्देश भी दिए गए हैं। हर छोटी बड़ी सूचना को गंभीरता से लिया जाए, ताकि भविष्य में कोई अप्रिय घटना न हो। 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। इसके लिए सारी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

हर साल चारधाम यात्रा और धार्मिक आयोजनों को लेकर विभिन्न माध्यमों से धमकियों की बात भी सामने आती है। लिहाजा, पुलिस और खुफिया तंत्र यहां पर अतिरिक्त सतर्कता बरतती है।ऐसे में अब पहलगाम की घटना के बाद पुलिस और खुफिया तंत्र पहले से भी अधिक सतर्क हुआ है। इंटेलीजेंस सूत्रों के मुताबिक सभी पर्यटन स्थलों पर भी अतिरिक्त सुरक्षा और सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

बॉर्डर क्षेत्रों में भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात-

सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से जो जानकारी मिलती है उसे गंभीरता से लेकर इनपुट जुटाने के लिए कहा गया है। बॉर्डर क्षेत्रों में भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा। इसके अलावा सीमावर्ती राज्यों से भी सूचनाओं के आदान प्रदान को लगातार करने के निर्देश दिए गए हैं।बता दें कि चारधाम के अलावा देहरादून, मसूरी, टिहरी, नैनीताल आदि जगहों पर लाखों की तादाद में सैलानी आते हैं। इनकी सुरक्षा में भी कोई चूक न हो इसके लिए भी अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इंटेलीजेंस को राष्ट्रीय एजेंसियों के लगातार संपर्क में रहने के लिए भी कहा गया है। ताकि, हर प्रकार की सूचनाओं का आदान प्रदान हो सके।

 

इसी के मद्देनजर राज्य में भी सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता की जाएगी। बता दें कि समय-समय पर हरिद्वार रेलवे स्टेशन, देहरादून के विभिन्न सैन्य संस्थान, टिहरी बांध आदि पर हमले की धमकियां मिलती हैं। इन्हें गंभीरता से लेते हुए पुलिस कार्रवाई भी करती है। इनमें कुछ असामाजिक तत्वों की संलिप्तता की बात भी सामने आती है।

Dehradun: स्थापना दिवस पर भाजपा शुरू करेगी गांव चलो अभियान, कार्यकर्ता अपने घरों में फहाराएंगे पार्टी का झंडा.

185 Views -

भाजपा अपने स्थापना दिवस पर प्रदेश में गांव चलो अभियान शुरू करेगी। इस अभियान के तहत विधानसभा स्तर पर विचार गोष्ठी, घर-घर ध्वजारोहण किया जाएगा। सप्ताह भर चलने वाले इन कार्यक्रमों के संचालन के लिए भाजपा ने प्रदेश टोली का गठन किया है। जो जिला व मंडल स्तरीय टीम बनाकर कार्यक्रमों में जनसहभागिता को सुनिश्चित कराएगी।

प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर पार्टी छह अप्रैल को स्थापना दिवस पर प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगी। सभी पार्टी कार्यालयों और कार्यकर्ताओं के घरों पर पार्टी का झंडा फहराया जाएगा। कार्यकर्ताओं से अपेक्षा की गई है कि झंडे के साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया #BJP4ViksitBharat हैशटैग के साथ पोस्ट करेंगे।

ग्रामीणों की चौपाल होगी-

जिला स्तर पर संगठन और सरकार से जुड़ीं उपलब्धियों पर प्रदर्शनी तैयार करके उन्हें प्रदर्शित किया जाएगा। 6 से 7 अप्रैल को प्रत्येक बूथ पर प्राथमिक सदस्य स्थापना दिवस मनाएंगे। इसके बाद 8 से 9 अप्रैल को विधानसभा स्तर पर सभी सक्रिय सदस्यों के सम्मेलन होंगे, जिनमें भाजपा की चुनावी सफलता व संगठनात्मक विस्तार, भारतीय राजनीति में भाजपा की ओर से लाया गया परिवर्तन, प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के साथ लगभग 11 वर्षों में विकसित भारत की ओर यात्रा पर चर्चा की जाएगी।

10 से 12 अप्रैल तक मंडल अध्यक्ष स्तर से ऊपर के सभी नए और पुराने भाजपा पदाधिकारियों, जिला पंचायत सदस्यों और पार्षदों के स्तर से ऊपर के सभी निर्वाचित प्रतिनिधि गांव बस्ती चलो अभियान में भाग लेंगे। इस दौरान प्रत्येक कार्यकर्ता पूरे दिन न्यूनतम 8 घंटे के लिए गांव, मोहल्ला या सेवा बस्ती का दौरा करेंगे। मंदिर, अस्पताल, स्कूल व मोहल्लों में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।

चौहान ने बताया कि अभियान के तहत आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल, पशु चिकित्सालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत कार्यालय के साथ अन्य सरकारी संस्थानों का दौरा करना, बूथ समिति की बैठक करना, शाम के समय ग्रामीणों की चौपाल होगी। पार्टी की तरफ से कार्यक्रमों के संचालन के लिए प्रदेश टोली गठित की गई है, जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कुंदन परिहार, नलिन भट्ट व पूर्व जिलाध्यक्ष गुंजन सुखीजा को शामिल किया गया है।

Uttarakhand News: प्रदेश के इन 8 शहरों में बनेंगी 23 खेल अकादमी, लेगेसी प्लान का ड्राफ्ट किया गया तैयार.

92 Views -

उत्तराखंड के आठ शहरों में 23 खेल अकादमी खोली जाएंगी। इसके लिए लेगेसी प्लान का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। इसके तहत 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए देश-विदेश से मंगाए गए लगभग 100 करोड़ के खेल उपकरणों की देखरेख सुनिश्चित होगी। साथ ही 23 खेलों की अलग-अलग अकादमी बनने से राज्य से श्रेष्ठ खिलाड़ी तैयार हो सकेंगे। इस योजना पर करीब 33 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज बुधवार को होने वाली बैठक में लेगेसी प्लान के ड्राफ्ट पर मुहर लग सकती है। ड्राफ्ट की खेल मंत्री रेखा आर्या के स्तर पर समीक्षा हो चुकी है। ये सभी अकादमी देहरादून के महाराणा प्रताप स्टेडियम व परेड ग्राउंड, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, रुद्रपुर, पिथौरागढ़, हल्द्वानी गोलापार स्टेडियम समेत आठ शहरों के उन्हीं स्थानों पर शुरू होंगी, जहां राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताएं हुई हैं। अकादमी के जरिये वहां मौजूदा खेल अवस्थापनाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल हो सकेगा।

राज्य सरकार करेगी संचालित-

सभी अकादमी राज्य सरकार की ओर से संचालित होंगी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, अकादमी संचालन में संबंधित खेल की एसोसिएशन और फेडरेशन की भी अहम भूमिका रहेगी। इनमें शूटिंग, स्वीमिंग, एथलेटिक्स, जिमनास्टिक, तीरंदाजी, मॉडर्न पैंथालॉन, कुश्ती, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, फुटबॉल, हैंडबॉल समेत 23 खेलों की अकादमी बनाने का प्रस्ताव है।

Uttarakhand: अभिभावकों को मिलेगी राहत…शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों की शिकायत के लिए जारी किया ये टोल फ्री नंबर.

214 Views -

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों से संबंधित विभिन्न शिकायतों के निपटारे के लिए टोल फ्री नंबर 1800 180 4275 जारी कर दिया है। अब इस नंबर पर अभिभावक निजी विद्यालयों से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। शिक्षा मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने शिक्षा निदेशालय में आयोजित कार्यक्रम में नंबर जारी करते हुए कहा कि इस पर आने वाली शिकायतों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा मंत्री ने टोल फ्री नंबर के साथ ही विभागीय वेबसाइट schooleducation.uk.gov.in का भी विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, प्रदेशभर से अभिभावकों की निजी स्कूलों के शुल्क बढ़ाने, स्कूल ड्रेस एवं महंगी किताबें थोपे जाने की विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही हैं। जिसको देखते हुए विभाग ने टोल फ्री नंबर जारी किया है।

मंत्री ने कहा, इस नंबर पर अभिभावक प्रत्येक कार्यदिवस पर सुबह 9ः30 से शाम 5ः30 बजे तक कॉल करके अपनी समस्याएं एवं शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। निदेशालय स्तर से सक्षम अधिकारी दर्ज शिकायतों का हर दिन मूल्यांकन कर संबंधित जिले के अधिकारियों को निस्तारण के लिए भेजेंगे। वहीं, संबंधित जिले के अधिकारी प्राप्त शिकायत का निराकरण करते हुए निदेशालय को रिपोर्ट करेंगे।

एक क्लिक में मिलेगी जानकारी-

इसके अलावा विभाग की नई वेबसाइट का शुभारंभ किया गया है। वेबसाइट की खास बात यह है कि यह हिन्दी व अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में उपलब्ध है। जिसमें सभी संवर्गों की नियमावली, अशासकीय विनिमय, स्थानांतरण अधिनियम, आरटीई मैन्युअल सहित तमाम विभागीय गतिविधियों को समाहित किया गया है। यही नहीं वेबसाइट में सभी संवर्गों की वरिष्ठता सूची को भी अपलोड किया गया है। जिसकी जानकारी कोई भी व्यक्ति एक क्लिक में हासिल कर सकता है।

ये भी पढ़ें..Uttarakhand: अशासकीय विद्यालयों-महाविद्यालयों में आयोग से होगी शिक्षकों की भर्ती, आयोग के माध्यम से तैयारीबैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल सती,निदेशक बेसिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल, एपीडी समग्र शिक्षा कुलदीप गैरोला, संयुक्त निदेशक पदमेन्द्र सकलानी, जेपी. काला, राज्य पोर्टल प्रभारी मुकेश बहुगुणा आदि मौजूद रहे।

Dehradun: कुट्टू का आटा खाने से बीमार पड़े कई लोग, हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे CM पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री.

798 Views -

कुट्टू का आटा खाने कई लोग बीमार पड़ गए। राजधानी के कोरोनेशन और दून अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज़ भर्ती हैं। सीएम धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने देहरादून जिला अस्पताल में जाकर बीमार हुए लोगों का हालचाल जाना। इस दौरान उन्होंने मरीजों को बेहतर उपचार के लिए अस्पताल प्रशासन को दिशा निर्देश दिए।

बताया जा रहा है कि कुट्टू का आटा खाने से फूड प्वाइजनिंग हुई है। लगभग सौ से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। इस घटना के कारणों की जांच के लिए डॉ रावत ने स्थानीय प्रशासन को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वहीं  विकासनगर, पटेलनगर, कोतवाली क्षेत्र से देहरादून के विभिन्न स्टोरों ,गोदामों में कुट्टू का आटा वितरित किया गया है। पुलिस द्वारा तत्काल संबंधित दुकानों,गोदामों से उक्त कुट्टू के आटे को जप्त किया गया। लगातार कार्रवाई जारी है।

मामले तत्काल पुलिस द्वारा 22 दुकानों/स्टोरों को चिन्हित कर उन पर रेड कर सील कर दिया गया, जहां से लोगों द्वारा कुट्टू के आटे को खरीदकर उसका सेवन किया गया था। पुलिस प्रशाशन की टीमों द्वारा लगातार उक्त दुकानों व स्टोरों में छापा मारा गया। ऐसे सभी खाद्य पदार्थों को भी सीज किया गया है जिसमें मिश्रण किए जाने की सम्भावना है।

दुकानदारों को थाने लाकर सघन पूछताछ की जा रही है। अबतक की प्राथमिक पूछताछ में जानकारी प्राप्त हुई है कि उक्त कट्टू के आटे का मेन सप्लायर सहारनपुर का है। जिस सम्बन्ध में जिलाधिकारी सहारनपुर से वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक देहरादून  ने वार्ता कर सप्लायर के गोदाम में कार्यवाही करने के लिए बताया गया है। देहरादून से भी तत्काल एक पुलिस टीम गठित कर सहारनपुर रवाना की गई है।

Chardham Yatra 2025: पंजीकरण का आंकड़ा पहुंचा 10 लाख पार… केदारनाथ धाम जाने के लिए हुए सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन.

795 Views -

चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन आधार आधारित पंजीकरण का आंकड़ा 10 लाख पार हो चुका है। इसमें केदारनाथ धाम के लिए सबसे अधिक 3.29 लाख तीर्थयात्री पंजीकरण कर चुके हैं। यात्रा शुरू होने के बाद 40 प्रतिशत पंजीकरण ऑफलाइन किए जाएंगे।

पर्यटन विभाग ने 30 अप्रैल से शुरू हाे रही चारधाम यात्रा के लिए 20 मार्च से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया था। 10 दिन के भीतर यात्रा के लिए अलग-अलग तिथियों में 10 लाख से अधिक तीर्थयात्री पंजीकरण कर चुके हैं। बाबा केदार के कपाट दो मई को खुल रहे हैं। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट चार मई को खुलेंगे। 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ यात्रा का आगाज होगा।

पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार केदारनाथ धाम के लिए 3.29 लाख, बदरीनाथ धाम के लिए 3.02 लाख, गंगोत्री के लिए 1.85 लाख व यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए 1.79 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस बार 60 प्रतिशत पंजीकरण ऑनलाइन किए जा रहे हैं। जबकि 40 प्रतिशत पंजीकरण यात्रा शुरू होने के बाद आफलाइन की जाएगी। इसके लिए हरिद्वार, ऋषिकेश के साथ यात्रा मार्गों पर पंजीकरण केंद्र खोले जाएंगे।

 

 

Kedarnath Heli Service: इस बार भी IRCTC करेगा बुकिंग, 24 घंटे पहले टिकट रद्द किया तो वापस नहीं मिलेगा पैसा.

332 Views -

चारधाम यात्रा में केदारनाथ धाम के लिए हेलिकॉप्टर टिकटों की बुकिंग अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू करने की तैयारी है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) जल्द ही बुकिंग की तिथि घोषित करेगा।

इस बार भी ऑनलाइन हेली टिकटों की बुकिंग आईआरसीटीसी के माध्यम से की जाएगी। यूकाडा ने टिकटों को रद्द करने व किराया वापस करने के लिए नीति बनाई है। यदि कोई यात्री उड़ान समय से 24 घंटे पहले टिकट रद्द करता है तो हेली कंपनी किराया वापस नहीं करेगी। 48 घंटे पहले टिकट रद्द करने पर किराये का 25 प्रतिशत ही वापस मिलेगा।

यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा केदारनाथ हेली सेवा के लिए मारामारी रहती है। इस बार भी केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी, फाटा व सिरसी हेलिपैड से पवन हंस, हिमालयन हेली, ट्रांस भारत, ग्लोबल विक्ट्रा, थंबी एविएशन, केस्ट्रल एविएशन, एयरो एयरक्राफ्ट के माध्यम से हेली सेवा संचालित की जाएगी।

टिकट रद्द एवं किराया वापस नीति के अनुसार यात्रा तिथि से पांच दिन पहले टिकट रद्द करने पर 50 प्रतिशत किराया वापस होगा। जबकि पांच से अधिक दिन पहले टिकट रद्द करने पर किराया राशि का 75 प्रतिशत वापस मिलेगा। इसके अलावा खराब मौसम या तकनीकी कारणों के चलते उड़ान रद्द होने पर हेली कंपनी यात्रियों को पूरा किराया वापस करेगी।

 

ये भी पढ़ें..

Uttarakhand: ‘चारधाम यात्रा की परंपराओं को मानना होगा, रील पर रोक’, लिव इन सहित इन मुद्दों पर CM धामी का बड़ा बयान.

यूकाडा की सीईओ सोनिका ने बताया कि केदारनाथ हेली सेवा के लिए सभी तैयारी पूरी है। जल्द ही टिकटों की बुकिंग के लिए तिथि तय की जाएगी। हेली टिकट बुकिंग करने के बाद यदि यात्री किसी कारण से टिकट रद्द करता है तो उसे नीति के अनुसार किराया वापस किया जाएगा।

 

यमुनोत्री व गंगोत्री हेली सेवा के लिए डीजीसीए की अनुमति का इंतजार-

प्रदेश सरकार इस बार यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के लिए हवाई सेवा से जोड़ने की तैयारी कर रही है। इसके लिए डीजीसीए से अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है। डीजीसीए तकनीकी व सुरक्षा मानकों का परीक्षण करने के बाद ही अनुमति देती है। हालांकि यमुनोत्री धाम के लिए हेलिकॉप्टर की लैंडिंग का ट्रायल भी हो चुका है।

 

केदारनाथ हेली सेवा का किराया-

रूट                           2023     2024    प्रस्तावित किराया
सिरसी से केदारनाथ      5498     5,772      6061
फाटा से केदारनाथ        5500    5,774      6063
गुप्तकाशी से केदारनाथ  7740     8,126     8533
नोट-प्रति किराया आने व जाने का है।

Uttarakhand: ‘चारधाम यात्रा की परंपराओं को मानना होगा, रील पर रोक’, लिव इन सहित इन मुद्दों पर CM धामी का बड़ा बयान.

307 Views -

राज्य में लागू समान नागरिक संहिता के तहत लिव इन रिलेशनशिप के विरोध पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी सरकार इस पर पीछे नहीं हटेगी। अलबत्ता जो भी सुझाव आएंगे, उनका स्वागत करेंगे। मुख्यमंत्री नई दिल्ली में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में बोल रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 के चुनाव में हमने प्रदेश की जनता को वचन दिया था कि भाजपा की सरकार बनेगी तो राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करेंगे। हमने अपना वचन पूरा किया। लिव इन रिलेशनशिप के विरोध पर उन्होंने कहा कि बेशक यह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। लेकिन उच्चतम न्यायालय में यह विषय कई बार आया है।

हम लोकतांत्रिक मान्यताओं को मानने वाले लोग हैं। लिव इन रिलेशनशिप पर यदि कोई सुझाव आएगा तो उसका स्वागत करेंगे। लेकिन सरकार इस पर अब पीछे नहीं हटेगी।चारधाम यात्रा के दौरान रील कल्चर पर रोक से जुड़े प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थांटन और पर्यटन के फर्क को समझना होगा।
बैकफुट में नहीं जाएंगे: धामी

चारधाम यात्रा विशुद्ध रूप से यात्रा होनी चाहिए। हमारे पूर्वजों के समय से यात्रा के नियम बने हैं। ये यात्रा धर्म के लिए है। पुराने रील चलाने से देश और दुनिया में गलत संदेश जाता है। सीएम ने कहा कि 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ में पीएम मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में पुनर्निर्माण कार्य हुए।

केदारनाथ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए इकोलॉजी का पूरा ध्यान रखा गया। इकोलॉजी और इकॉनमी में संतुलन हमारी सरकार के विकास का मॉडल है। धामों की अपनी एक धारण क्षमता है। इसलिए हम भीड़ के दबाव को नियंत्रित करने के लिए आसपास के क्षेत्रों में नए स्थान विकसित कर रहे हैं। इन रिलेशनशिप का अब रिकॉर्ड है। कोई चेंज नहीं होगा। बैकफुट में नहीं जाएंगे। सुझावों को शामिल करेंगे।

 

 

आपदाएं राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती- धामी

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती आपदाएं हैं। यहां बादल फटने, भूस्खलन, हिमस्खलन की घटनाएं अकसर होती हैं। सिलक्यारा टनल हादसे पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन, संवेदनशीलता और सहयोग से यह ऑपरेशन सफल रहा। आज वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं।

 

 

हम कानून पर चलने वाले, इसलिए विरोध नहीं होता- धामी

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और दुनिया के लोग देवभूमि को आस्था व श्रद्धा से देखते हैं। इसलिए राज्य में अतिक्रमण किसी भी कीमत पर सही नहीं है। अतिक्रमण हटाने का अभियान रुकने वाला नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अवैध मदरसों और मजारों के खिलाफ छेड़े गए अभियान का इसलिए विरोध नहीं होता क्योंकि हम कानून पर चलने वाले लोग हैं। राज्य में हर कार्रवाई और अभियान कानून के तहत हो रहे हैं। अनेक स्थानों में सरकारी भूमि पर अवैध मजारें बनीं थीं। इस लैंड जिहाद के खिलाफ हमने अभियान चलाया। करीब 6000 एकड़ सरकारी जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई। राज्य में मदरसों में पढ़ने वालों की पहचान छुपाई जा रही थी। जहां भी मदरसे अवैध पाए गए, उन्हें सील किया गया। हमारा मानना है कि देवभूमि की पवित्रता बनीं रहनी चाहिए।

 

वक्फ कानून भी राज्य में लागू कराएंगे-

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि की सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण और डेमोग्राफी में बदलाव रोकने के लिए हमने सत्यापन अभियान चलाया। यूसीसी लागू किया। लैंड जिहाद रोकने के लिए अतिक्रमण हटाए। जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून बनाया। उत्तराखंड में वक्फ कानून भी लागू कराएंगे।

 

पीएम मोदी आधुनिक भारत के शिल्पकार- धामी

प्रधानमंत्री के साथ काम करने के अनुभव को भी सीएम धामी ने साझा किय। उन्होंने पीएम को आधुनिक भारत का शिल्पकार बताया। उन्होंने पीएम के साथ अपनी पहली मुलाकात के अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि पीएम हर छोटी चीज पर ध्यान देते हैं। सामान्य व्यक्ति की चिंता करते हैं।

उत्तराखंड में मदरसों की मान्यता प्रक्रिया में हुआ बड़ा बदलाव, अब लेनी होगी इनकी इजाजत.

163 Views -
उत्तराखंड में संचालित अवैध मदरसों पर सख्त रुख अपनाने के बाद सरकार अब मदरसों को मान्यता देने की व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। मान्यता के लिए जिलाधिकारी की अनुमति जरूरी होगी। इसके साथ ही कुछ नए प्रविधान भी किए जाएंगे। 

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से इस सिलसिले में भेजे गए प्रस्ताव पर शासन मंथन में जुटा है। इसे वित्त, न्याय व कार्मिक विभाग को भेजा गया है।
मदरसा शिक्षा परिषद के अंतर्गत राज्य में लगभग 450 मदरसे पंजीकृत हैं, जो अपने सभी दस्तावेजों के साथ ही आय-व्यय का ब्योरा शासन को देते हैं।  यही नहीं, राज्य में 500 से अधिक मदरसे बिना किसी मान्यता के चल रहे हैं। इन अवैध मदरसों पर पिछले एक माह से कार्रवाई चल रही है और अभी तक 159 मदरसे सील किए जा चुके हैं। यही नहीं, सरकार ने अवैध मदरसों को मिलने वाली फंडिंग की जांच के आदेश भी दिए हैं। 

इसी क्रम में अब मदरसों को मान्यता देने की व्यवस्था को सख्त किया जा रहा है। इसके लिए नियमावली में बदलाव किया जाएगा। मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से इसका प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है। इसमें मदरसों की मान्यता के लिए जिला प्रशासन की भूमिका तय करने पर जोर दिया गया है।

जिला प्रशासन की भूमिका तय करने पर बल

प्रस्ताव किया गया है कि मान्यता से संबंधित प्रत्येक आवेदन की डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी सभी पहलुओं से जांच पड़ताल करेगी। फिर डीएम की संस्तुति के बाद आवेदन को मदरसा शिक्षा परिषद को भेजा जाएगा। 

अभी तक जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के माध्यम से प्राप्त होने वाले आवेदन मदरसा शिक्षा परिषद को भेजे जाने की व्यवस्था है। इसके अलावा मदरसों की मान्यता के नवीनीकरण में भी जिला प्रशासन की भूमिका तय करने पर बल दिया गया है।

Uttarakhand: त्रिस्तरीय पंचायतों में अब नहीं बढ़ेगा प्रशासकों का कार्यकाल, 2 महीने के अंदर होंगे चुनाव.

136 Views -

प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रशासकों का अब कार्यकाल नहीं बढ़ेगा। सहकारिता सचिव चंद्रेश कुमार के मुताबिक विभाग चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। राज्य निर्वाचन आयोग से भी वार्ता हुई है, हालांकि अभी तिथि तय नहीं हुई, लेकिन अगले महीने के भीतर पंचायतों के चुनाव करा लिए जाएंगे।

राज्य में करीब 7832 ग्राम पंचायतें और 3162 क्षेत्र एवं 385 जिला पंचायतें हैं। जिनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद शासन ने ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायत प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर प्रशासन नियुक्त किए थे। निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को ही पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किया गया था। छह महीने के लिए नियुक्त प्रशासकों में जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल एक जून को और ग्राम प्रधानों का 10 जून को खत्म हो रहा है।

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पंचायतों के परिसीमन के बाद चुनाव के लिए आरक्षण और अन्य सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जल्द ही चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की जा सकती है। हरिद्वार को छोड़कर अन्य सभी जिलों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे।

यह बनी है दुविधा-

प्रदेश में अगले दो महीने के भीतर यदि पंचायत के चुनाव नहीं हुए तो बरसात में चुनाव करा पाना संभव नहीं होगा। यदि वजह है कि पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा।