Author: Dilip Singh Rathod

38 वां राष्ट्रीय खेल: 99 स्थानों में बिखरेगी मशाल की रोशनी, 35 दिनों में 3823 किलोमीटर का रास्ता होगा तय.

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  • राष्ट्रीय खेलः 99 स्थानों में बिखरेगी मशाल की रोशनी
  • 35 दिनों में 3823 किलोमीटर का रास्ता नापेगी मशाल रैली
  • अल्मोड़ा व पौड़ी जिले में सबसे ज्यादा 14-14 मशाल केंद्र
  • 26 दिसंबर कोे हल्द्वानी से शुरू होने जा रही है मशाल रैली

38 वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए माहौल बनता जा रहा है। राष्ट्रीय खेलों की मशाल (टार्च) अब उत्तराखंड के कोने-कोने में घूमकर रोशनी फैलाने के लिए तैयार है। हल्द्वानी से गुरूवार 26 दिसंबर को मशाल रैली का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद, सभी 13 जिलों के 99 स्थानों पर यह मशाल घूमेगी और राष्ट्रीय खेलों के लिए जागरूकता फैलाएगी।

मशाल रैली का जो 35 दिन का रूट प्लान तैयार किया गया है, उसमें यह रैली 3823 किलोमीटर का सफर तय करेगी। 26 दिसंबर 2024 से 27 जनवरी 2025 तक मशाल रैली का कार्यक्रम तय किया गया है। मशाल रैली जिस दिन समाप्त होगी, उसके अगले दिन यानी 28 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय खेलों का विधिवत शुभारंभ हो जाएगा। मशाल रैली के रूट प्लान में सभी 13 जिलों को कवर किया गया है। सबसे ज्यादा 14-14 स्थान अल्मोड़ा व पौड़ी जैसे जिले में हैं, जहां पर मशाल घूमेेगी। जिस तरह का कार्यक्रम तय किया गया है, उसमेें मशाल किसी भी जिले में दो से तीन दिन तक ही रहेगी।

राष्ट्रीय खेलों के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मशाल रैली का हल्द्वानी से शुभारंभ किया जा रहा है। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है. मशाल रैली पूरे उत्तराखंड मेें घूमेगी। साथ ही साथ प्रचार केे लिए अन्य तमाम कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

CM Dhami: पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की जयंती..मुख्यमंत्री धामी ने दी श्रद्धांजलि, बोले- उत्तराखंड के रहे प्रणेता.

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत व रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कहा, भारत रत्न वाजपेयी कुशल प्रशासक, राजनीतिज्ञ एवं लोकप्रिय जननेता होने के साथ महान वक्ता भी थे, जिन्हें समाज के सभी वर्गों के लोग सम्मान देते हैं।

उनके लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि था। वे उत्तराखंड राज्य के प्रणेता रहे। उन्होंने न केवल राज्य का निर्माण किया, बल्कि राज्य विकास के लिए आधार भी तैयार किए। कहा, वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने विश्व में अपनी नई पहचान बनाई और 21वीं सदी में मजबूती से कदम आगे बढ़ाए। उनमें सभी को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी। 

Uttarakhand Nikay Chunav: 57 निकायों के लिए 171 दावेदार, प्रत्याशियों के चयन के लिए भाजपा में हुआ मंथन शुरू.

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निकाय चुनाव में उतारे जाने वाले प्रत्याशियों के चयन के लिए भाजपा ने मंथन शुरू कर दिया है। मंगलवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में कुमाऊं मंडल और रुद्रप्रयाग व चमोली जिले की कुल 57 निकायों में मेयर व अध्यक्ष पद पर टिकट की दावेदारी करने वाले दावेदारों के नामों पर विचार हुआ।

पर्यवेक्षकों के माध्यम से तैयार किए गए नामों पर चर्चा के बाद तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया गया। इस तरह सभी 57 निकायों में 171 नाम छांटे गए। सभी नाम प्रदेश चुनाव समिति के समक्ष रखे जाएंगे। समिति नगर पालिका व नगर पंचायतों के अध्यक्ष व वार्ड सदस्यों के नामों पर विचार करेगी। वहीं, नगर निगमों में मेयर के पैनल केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजे जाएंगे।

सक्रियता और लोकप्रियता के पैमाने के आधार पर विचार-

इन सभी पैनलों पर निर्णय केंद्रीय नेतृत्व लेगा। प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की उपस्थिति में कुमाऊं के आठ सांगठनिक जिलों समेत चमोली व रुद्रप्रयाग निकायों के दावेदारों के नामों पर सिलसिलेवार चर्चा हुई। हल्द्वानी नगर निगम का आरक्षण बदलने के बाद वहां मेयर पद पर जोगेंद्र रौतेला, गजराज बिष्ट, प्रमोद तोलिया, प्रकाश हरबोला व कौस्तुभानंद जोशी के नामों पर विचार हुआ।

 

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प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान के मुताबिक, बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने जिलावार पर्यवेक्षकों, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और विधायकों से विमर्श किया। इसमें अब तक निकाय क्षेत्रों में की गई रायशुमारी से सामने आए सभी नामों पर सामाजिक, सक्रियता और लोकप्रियता के पैमाने के आधार पर विचार किया गया।

 

बैठक में महापौर, पालिकाध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष के शीर्ष तीन नामों का पैनल तैयार कर लिया गया है। बताया, सभी निकायों के लिए चुनाव संचालन समिति बना दी गई है, जिसमें आने वाले दिनों में घोषित होने वाले प्रत्याशियों की सहमति से दो और सदस्य बनाए जाएंगे। नामों की घोषणा के बाद चुनाव प्रचार शुरू कर दिया जाएगा। वहीं बुधवार को गढ़वाल मंडल के शेष जिलों के पर्यवेक्षकों से मिलकर वहां के निकायों के पैनल तैयार किए जाएंगे।

Uttarakhand: अमित शाह ने की CM धामी की उपस्थिति में 3 नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा, इंप्लीमेंटेशन पर की उत्तराखंड की तारीफ.

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Amit Shah: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में उत्तराखंड में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, BPR&D के महानिदेशक, NCRB के महानिदेशक और केन्द्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

बैठक में चर्चा के दौरान केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं। गृह मंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

 

 

कानूनी प्रक्रियाओं के बीच तालमेल-

मेडलीप्र (MedLEaPR) के माध्यम से चिकित्सा और कानूनी प्रक्रियाओं के बीच तालमेल बनाया गया है. मुकदमों के निस्तारण में प्रगति की जानकारी देते हुए बताया गया कि अदालतों द्वारा मामलों के शीघ्र निस्तारण में बेहतरीन प्रदर्शन किया गया है. 41 प्रतिशत मामलों का निपटान और दोषसिद्धि दर प्रभावी न्याय प्रणाली का प्रमाण है.

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केन्द्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में gaps भरने के प्रयास करने चाहिएं।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज़्यादा FIR दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राज्य के हर ज़िले में एक से अधिक फॉरेन्सिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों।

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गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनीटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज की गई कुल Zero FIRs में से कितनी FIRs में न्याय मिला और कितनी FIRs राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए। गृहमंत्री शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समयसीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं को बढ़ाने का सुझाव-

केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य सरकार को ऑनलाइन तंत्र के क्रियान्वयन से हुई लागत में बचत का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया. उन्होंने राज्य में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) सुविधाओं की संख्या बढ़ाने का भी सुझाव दिया, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में न्याय प्रक्रिया को और सुलभ बनाया जा सके.

गृहमंत्री शाह ने कहा कि फॉरेन्सिक विज़िट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों – गंभीर, सामान्य और अति सामान्य – में विभाजित करना चाहिए जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। इसके साथ ही गृह मंत्री ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

बैठक के दौरान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन नए कानूनों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास में भारत सरकार से समर्थन का अनुरोध किया. गृह मंत्री ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए राज्य को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.

Uttarakhand: CM धामी ने किया “पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था” द्वारा आयोजित 5 दिवसीय महाकौथिक में प्रतिभाग.

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने  सेक्टर 21 नोएड़ा स्टेडियम गौतमबुद्ध नगर में “पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था” द्वारा आयोजित पांच दिवसीय महाकौथिक पारंपरिक लोक कला, संस्कृति एवं हस्तशिल्प मेले में प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्था के सदस्य अपने राज्य से दूर रहकर भी उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को न केवल संजोए हुए हैं, बल्कि इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने और आगे बढ़ाने का प्रशंसनीय कार्य भी कर रहे हैं जिसमें विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से हमारे पारंपरिक हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद और उत्तराखंडी व्यंजनों को प्रदर्शित किया गया है। यहाँ आने वाले लोग न केवल इन उत्पादों की खरीदारी कर सकते हैं, बल्कि हमारे पहाड़ी व्यंजनों के विविध और अद्भुत स्वाद का भी आनंद ले सकते हैं।

उत्तराखंड की लोक संस्कृति अपने आप में गौरवशाली है- CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति अपने आप में अद्वितीय और गौरवशाली है। हमारे राज्य के प्रत्येक क्षेत्र की अपनी विशिष्ट पहचान है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों में हमें अपनी लोक कलाओं, पारंपरिक वेशभूषा, हस्तशिल्प और कारीगरी का अनूठा संगम देखने को मिलता है। हमारी संस्कृति ही हमारी मूल पहचान है, चाहे हम जीवन में किसी भी स्तर पर पहुँचें या दुनिया के किसी भी कोने में जाएं, हमारी पहली पहचान ये है कि हम उत्तराखंड वासी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक ओर हमारी सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर “लोकल फॉर वोकल’’, और “मेक इन इंडिया’’ जैसी पहलों के माध्यम से हमारी स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी दिशा में हमारी सरकार ने भी प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों को सफलतापूर्वक लागू किया है, जिससे राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित हो रहा है। आज राज्य में रोड – रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के साथ ही हम पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं।

 

 

राज्य में इकॉनमी के साथ समग्र विकास की दिशा में बढ़ाये जा रहे हैं कदम- CM

उन्होंने कहा कि हम इकॉनमी और इकोलॉजी के समन्वय के साथ राज्य के समग्र विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि आज नीति आयोग द्वारा जारी एस.डी.जी. इंडेक्स रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखण्ड देश में प्रथम पायदान पर हैं। साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी भी प्राप्त हुई है। यही नहीं आज हमारा राज्य युवाओं को रोजगार देने में भी अग्रणी राज्य बनकर उभरा है, हमने एक वर्ष में बेरोजारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है।

उन्होंने कहा कि राज्य में ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं, हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने का काम भी किया जा रहा है। स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे मॉडल, वेड इन उत्तराखंड जैसी योजनाओं के माध्यम से राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था को निरंतर सुदृढ़ करने का प्रयास किये जा रहे हैं।

राज्य में पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में भी नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं- CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न रोजगार परक योजनाओं से राज्य में न केवल रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, बल्कि पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में भी नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश हित में कई ऐतिहासिक निर्णय भी लिए हैं, जिन्हें पूर्व की सरकारों ने अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

 

उत्तराखण्ड में जनवरी 2025 से लागू होगा यू.सी.सी- CM

उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता कानून अर्थात यू.सी.सी. को लागू करने की दिशा में कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जनवरी 2025 में हम राज्य में यू.सी.सी. को लागू भी करने जा रहे हैं। समान नागरिक संहिता की गंगा उत्तराखण्ड से निकलकर पूरे देश को लाभान्वित करने का कार्य करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं के व्यापक हित में प्रदेश में देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। जिसके परिणाम स्वरुप उत्तराखंड में पिछले 3 वर्ष में लगभग 19 हजार युवाओं ने सरकारी नौकरियां पाने में सफलता प्राप्त की है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु लव जिहाद, लैंड जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी क़ानून भी लागू किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भूमि ख़रीदने वाले बाहरी लोगों की गहनता से जाँच की जा रही है, अगर कोई भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके भूखंड को सरकारी संपत्ति में निहित किये जाने की व्यवस्था की जा रही है। शीघ्र ही सख्त भू-कानून लागू कर राज्य के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने वालों के ख़िलाफ़ भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

 

उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं- CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराएं और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं और इन्हें जीवंत रखने तथा आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के हमारी सरकार के विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने सभी प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों का राज्य के विकास में सहयोगी बनने का भी आवाहन किया।

इस अवसर पर पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था की संस्थापिका कल्पना चौहान, संयोजक राजेन्द्र चौहान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरीश असवाल, व्यवस्थापक हरेन्द्र शर्मा, इंदिरा चौहान, लक्ष्मण रावत, सुबोध थपलियाल सहित बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखण्डवासी उपस्थित थे।

उत्तराखंड हिंदी भाषा में एआई (Artificial Intelligence) आधारित कोर्स तैयार करने वाला बना पहला राज्य।

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केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज तीन नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 के उत्तराखंड राज्य में क्रियान्वयन में की गई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विशेष रूप से राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों और त्वरित क्रियान्वयन की प्रशंसा की। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह आज नई दिल्ली में आयोजित बैठक में तीन नए आपराधिक कानूनों के उत्तराखंड में क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे।

 

उत्तराखंड AI आधारित कोर्स तैयार करने वाला पहला राज्य- CM 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में बताया कि उत्तराखंड राज्य में तकनीकी एकीकरण जैसे कि ई-साक्ष्य, ई-कोर्ट और ई-समन का सफल एकीकरण किया गया है। इन प्रौद्योगिकियों के प्रभावी उपयोग ने न्याय प्रणाली को तेज, पारदर्शी, और प्रभावी बनाया है।

मेडलीप्र (MedLEaPR) के माध्यम से चिकित्सा और कानूनी प्रक्रियाओं के बीच तालमेल बनाया गया है।
मुकदमों के निस्तारण में प्रगति की जानकारी देते हुए बताया गया कि अदालतों द्वारा मामलों के शीघ्र निस्तारण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया है। 41% मामलों का निपटान और दोषसिद्धि दर प्रभावी न्याय प्रणाली का प्रमाण है।

कानूनों के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण और जनशक्ति विकास के अंतर्गत 23,000 से अधिक पुलिस कर्मियों और अभियोजकों का सफल प्रशिक्षण किया गया है। उत्तराखंड हिंदी भाषा में एआई (Artificial Intelligence) आधारित कोर्स तैयार करने वाला पहला राज्य है। नए तीन कानूनों के संबंध में जन जागरूकता अभियान संचालित किए गए है।सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए नुक्कड़ नाटक, चौपाल, और सेमिनार जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए।

जानिए क्या कहा गृह मंत्री ने- 

केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य सरकार को ऑनलाइन तंत्र के क्रियान्वयन से हुई लागत में बचत का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया। उन्होंने राज्य में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) सुविधाओं की संख्या बढ़ाने का भी सुझाव दिया, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में न्याय प्रक्रिया को और सुलभ बनाया जा सके।

बैठक के दौरान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन नए कानूनों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास में भारत सरकार से समर्थन का अनुरोध किया। गृह मंत्री ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए राज्य को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

बैठक में ये सभी अधिकारी मंत्री रहे मौजूद- 

समीक्षा बैठक में भारत सरकार के गृह सचिव के साथ ही उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (कानून), सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, उपमहानिरीक्षक उपस्थित थे। बैठक में महानिदेशक बीपीआरएनडी (Bureau of Police Research and Development), गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के अधिकारी भी मौजूद थे।

 

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Uttarakhand: चारधाम यात्रियों की सुविधाओं में होगा इजाफा.. CM धामी के नेतृत्व में चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियां शुरु.

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उत्तराखंड के चारधाम—बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. तीर्थयात्रा के दौरान उमड़ने वाली भीड़ और धामों की सीमित धारण क्षमता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इनकी क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. शुक्रवार को अपने आवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में उन्होंने चारधाम यात्रा के प्रबंधन और अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विस्तार से चर्चा की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य के सम्मान और धार्मिक महत्व से जुड़ी है. इसे सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू करनी होंगी. उन्होंने यात्रा प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया को 30 जनवरी तक पूरा करने और तीर्थ पुरोहितों व अन्य हितधारकों से 15 जनवरी तक सुझाव लेने के निर्देश दिए. चारधाम की मौजूदा धारण क्षमता को ध्यान में रखते हुए इसे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. केदारनाथ की मौजूदा क्षमता 17,894, बदरीनाथ की 15,088, गंगोत्री की 9,016 और यमुनोत्री की 7,871 श्रद्धालुओं की है.

 

‘धारण क्षमता को बढ़ाने के लिए बनानी होगी ठोस योजना’ –

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ यात्रियों की संख्या हर साल बढ़ रही है, इसलिए अवस्थापना सुविधाओं में सुधार और धारण क्षमता को बढ़ाने के लिए ठोस योजना बनानी होगी. मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए डिजिटल तकनीकी के बेहतर उपयोग पर जोर दिया. उन्होंने यात्रा पंजीकरण प्रक्रिया को और मजबूत बनाने की बात कही. इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर पार्किंग, होटल, पेयजल, स्वच्छता और अन्य सुविधाओं का भी ध्यान रखने के निर्देश दिए.

 

 

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के तहत यात्रा प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. यह प्राधिकरण सालभर धार्मिक यात्राओं और मेलों के प्रबंधन और संचालन में सहायक होगा. इसके गठन से यात्रा प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता आएगी. चारधाम यात्रा के संचालन और सुधार के लिए तीर्थ पुरोहितों, स्थानीय समुदायों और अन्य हितधारकों से सुझाव लेने की बात कही गई. मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि यात्रियों की सुविधा के साथ ही स्थानीय हितधारकों के विचारों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

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2025 चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू करने के निर्देश-

मुख्यमंत्री ने 2025 की चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान हर पहलू पर ध्यान दिया जाए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो. मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्गों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई. उन्होंने पार्किंग स्थलों, होटलों, स्वच्छता और पेयजल की सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया. इसके अलावा, यात्रा मार्गों की स्थिति और यातायात प्रबंधन पर भी फोकस करने की बात कही. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चारधाम की धारण क्षमता बढ़ाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा है. इससे तीर्थयात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी और यात्रा का अनुभव बेहतर होगा.

 

 

चारधाम यात्रा उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए धामों की धारण क्षमता बढ़ाना और अवस्थापना सुविधाओं का विकास राज्य के लिए महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. इससे न केवल श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिलेगा, बल्कि राज्य की पर्यटन अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा.

Nikay Chunav : उत्तराखंड में बैलेट पेपर से होंगे निकाय चुनाव.

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निकाय चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। इस बार उत्तराखंड में निकाय चुनाव में बैलेट पेपर से मतदान कराया जाएगा। इसके लिए निर्वाचन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं।

निकाय चुनाव में बैलेट पेपर से कराया जाएगा मतदान-

निकाय चुनावों के लिए तैयारियां अंतिम चरण में है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव का बिगुल बज गया है। इस बार उत्तराखंड में निकाय चुनाव में बैलेट पेपर से मतदान कराया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि नागर स्थानीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2024 के लिए मतदान प्रक्रिया बैलेट पेपर के माध्यम से कराई जाएगी।

23 जनवरी को होगा मतदान-

निकाय चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। 27 से 30 दिसंबर तक निकाय चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। इसके बाद 31 से एक जनवरी 2025 तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। दो जनवरी तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे।

तीन जनवरी 2025 को प्रतीक आवंटित किए जाएंगे। उत्तराखंड में निकाय चुनाव के लिए 23 जनवरी 2025 को मतदान होगा। जबकि 25 जनवरी को मतगणना की जाएगी और इसी दिन चुनाव के नतीजे आएंगे। निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो गई है।

 

 

 

Uttarakhand: 38वें राष्ट्रीय खेलों का काउंटडाउन शुरू, उत्तराखंड सरकार ने की तैयारियां तेज, 5 खेलों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया तय.

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Dehradun: 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने तैयारियां तेज कर ली है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों की तैयारी चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार पहली बार उत्तराखण्ड में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय खेलों के भव्य आयोजन के लिए प्रतिबद्ध है। 

38वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत पांच खेलों के लिए पंजीकरण प्रणाली तय कर ली गई है। गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (जीटीसीसी) ने इस संबंध में निर्णय ले लिया है। पंजीकरण प्रणाली को तय करते हुए जीटीसीसी ने राज्य खेल संघों के लिए प्रविष्टि की अंतिम तिथि भी तय कर दी है। राज्य खेल संघों को तीन चरणों में तीन से 13 जनवरी तक प्रविष्टि सुनिश्चित करनी होगी। जिन खेलों के लिए पंजीकरण प्रणाली तय की गई है, उसमें हैंडबाॅल, बीच हैंडबाॅल, ताइक्वांडो, वाॅलीबाॅल और बीच वाॅलीबाॅल शामिल हैं। 

पंजीकरण प्रणाली के अंतर्गत राष्ट्रीय खेल महासंघ अपने संबंधित खेलों के दिशा निर्देशों के अनुसार योग्य एथलीटों के नाम संबंधित राज्य खेल संघों को प्रदान करेंगे। एनएसएफ खेल सूची को संबंधित राज्य खेल संघों के साथ साझा करेगें। हैंडबाॅल और बीच हैंडबाॅल खेल के लिए वर्ष 2023 में गोवा में आयोजित 37वें राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाली शीर्ष सात टीमों को उत्तराखण्ड में 38वें राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

 

पांडवाज बैंड मचाएगा धूम-

राष्ट्रीय खेलों के दौरान देश भर के लोगों के सामने उत्तराखंड की संस्कृति को एक नए तेवर और कलेवर के साथ पेश करने की तैयारी है। इसकी शुरुआत मशाल यात्रा से की जा रही है। मशाल यात्रा के दौरान मशहूर पांडवाज बैंड के प्रदेश भर में कुल 5 शो आयोजित किए जाएंगे। इनके अलावा कमला देवी जैसे लोक कलाकारों से भी बातचीत की जा रही है और हर जनपद में एक या दो ऐसे बड़े आयोजन करने की योजना है, जो प्रदेश की संस्कृति को दिखाते हों।

 

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ताइक्वांडो खेल में एथलीटों का चयन आईओसी/जीटीसीसी द्वारा नियुक्त चयन समिति के तहत देहरादून में आयोजित किया जाएगा। ये चयन सभी ताइक्वांडो एथलीटों के लिए खुले रहेंगे। व्यक्तिगत स्पर्धाओं के लिए प्रत्येक भार वर्ग में शीर्ष एथलीट (पुरूष व महिला) अपने-अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए पात्र होंगे। टीम स्पर्धाओं में चयन समिति टीमों की रैंकिंग घोषित करेगी और शीर्ष आठ टीमें (पुरूष व महिला), जिनमें से प्रत्येक में तीन एथलीट पात्र होंगे। मिश्रित जोड़ी स्पर्धा के लिए, चयन समिति शीर्ष आठ जोड़ियां की सूची घोषित करेगी, जो भाग लेने के पात्र होंगे। इन परीक्षणों में योग्य एथलीटों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए मानकीकृत और पारदर्शी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।

 

राष्ट्रीय खेलों के रंग में रंगा होगा गणतंत्र दिवस- 

इस साल प्रदेश में हाेने वाले 26 जनवरी के आयोजन भी राष्ट्रीय खेलों के रंग में रंगे होंगे। स्कूल कालेजों में होने वाले आयोजनों में राष्ट्रीय खेलों से जुडे प्रतीकों की झांकियां भी शामिल की जाएंगी। इसके अलावा गणतंत्र दिवस पर हर स्कूल में राष्ट्रीय खेलों के महत्व और इसके इतिहास से बच्चों को परिचित कराया जाएगा। साथ ही उन्हें खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने पर मिलने वाले लाभों की जानकारी भी दी जाएगी।

 

वाॅलीबाॅल और बीच वाॅलीबाॅल टीमों के लिए 2022 में अहमदाबाद, गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाली राज्य टीमों (गुजरात को छोड़कर) को उत्तराखण्ड में 38वें राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। राज्य ओलंपिक संघों और संबंधित राज्य वॉलीबॉल संघों को वॉलीबॉल और बीच वॉलीबॉल के लिए टीम चयन परीक्षण आयोजित करने का अधिकार है। इन परीक्षणों में योग्य एथलीटों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए मानकीकृत और पारदर्शी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।

 

 

Uttarakhand: 23 जनवरी को होंगे प्रदेश में निकाय चुनाव, आचार संहिता हुई लागू, पढ़ें ये अपडेट.

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Dehradun- उत्तराखंड के 100 नगर निकायों में 23 जनवरी को चुनाव होंगे। सोमवार को शासन से सहमति के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी। इसके साथ ही प्रदेश के नगर निकायों में आचार संहिता लागू हो गई है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने आयोग कार्यालय में प्रेस वार्ता कर अधिसूचना जारी की। उन्होंने बताया कि राज्य में 107 नगर निकाय हैं, जिनमें से तीन निकायों (बदरीनाथ, गंगोत्री, केदारनाथ) में प्रशासनिक व्यवस्था लागू है। दो नगर निकाय पाटी (चंपावत) और गढ़ीनेगी (ऊधमसिंह नगर) नए बने हैं, जिनका परिसीमन उपलब्ध नहीं है, जिस कारण चुनाव नहीं होगा।

दो नगर निकायों किच्छा (ऊधमसिंह नगर) और नरेंद्रनगर (टिहरी) का परिसीमन भी आयोग को उपलब्ध नहीं हुआ है। लिहाजा, सात नगर निकायों में चुनाव नहीं होंगे। 100 निकायों (11 नगर निगम, 43 नगर पालिका, 46 नगर पंचायतों) में यह चुनाव कराया जा रहा है।

चुनाव कार्यक्रम-

नामांकन की तिथि : 27 से 30 दिसंबर 2024

नामांकन जांच : 31 दिसंबर 2024 से 01 जनवरी 2025

नाम वापसी : 02 जनवरी (सुबह 10 से शाम 4 बजे)

चुनाव चिह्न आवंटन : 03 जनवरी (सुबह 10 से दोपहर 3 बजे)

मतदान : 23 जनवरी 2025 (सुबह 8 से शाम 5 बजे तक)

मतगणना : 25 जनवरी (सुबह 8 बजे से)

30 लाख से अधिक मतदाता-

कुल मतदाता : 30,63,143

पुरुष मतदाता : 15,79,789

महिला मतदाता : 14,82,809

अन्य मतदाता : 545

इन नगर निगमों में चुनाव-

देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, श्रीनगर, रुद्रपुर, काशीपुर, हल्द्वानी, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा।