Author: Dilip Singh Rathod

धराली-हर्षिल आपदा के लापता लोगों की सूची जारी,सबसे अधिक नेपाल के लोग

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धराली हर्षिल आपदा के एक हफ्ते बाद प्रदेश सरकार ने 68 लापता लोगों की सूची जारी की है। लापता लोगों में 24 नेपाल के निवासी हैं। उत्तरकाशी के आपदा परिचालन केंद्र की ओर से जारी सूची में नेपाल के 24 लोग लापता हैं। उत्तराखण्ड, बिहार,उत्तर प्रदेश ,हरियाणा ,राजस्थान के 44 लोग आपदा के बाद से गायब है।

इनमें 9 सेना के जवान, धराली व आसपास के 13 स्थानीय लोग, टिहरी का 1, बिहार के 13, उत्तर प्रदेश के 6 व्यक्ति और 24 नेपाली मजदूर शामिल हैं। नेपाली मजदूरों में से 5 से संपर्क हो चुका है, शेष की तलाश जारी है। गौरतलब है कि 5 अगस्त की आपदा के बाद दो शव मिले थे। एक हफ्ते से जारी कवायद के बाद भी धराली व हर्षिल क्षेत्र में मलबे में दबे लोगों को नहीं निकाला जा सका है। इतने दिन बीत जाने के बाद किसी चमत्कार से ही किसी के जीवित मिलने की संभावना है।

गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि युद्धस्तर पर चलाए गए रेस्क्यू अभियान में अब तक 1,278 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। सभी बाहरी व जरूरतमंद स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। मलवे में दबे लोगों की खोज के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और भूवैज्ञानिकों की टीमें लगातार काम कर रही हैं।

इस बीच, लापता लोगों के परिजन आपदाग्रस्त इलाके में डेरा डाले हुए हैं। धराली के मलबे में दबे लोगों की खोज के लिए बचाव दल डॉग्स व उपकरणों की मदद से तलाश में जुटे हैं । लेकिन सात दिन बाद भी कोई सफलता नहीं मिली है।

आपदा- धराली के मलबे में जिंदगी तलाशने की कोशिश जारी

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मंगलवार को धराली व हर्षिल इलाके में मची तबाही के 24 घण्टे बाद भी मृत लोगों का आंकड़ा पता नहीं चल पाया। धराली तक जाने वाले गंगोत्री हाईवे के कई जगह से टूटने की वजह से राहत व बचाव कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र का दौरा कर आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने प्रभावितों का हालचाल लिया और उन्हें हरसंभव सरकारी सहायता का भरोसा दिलाया।उधर, मंगलवार को गंगोत्री हाईवे के भटवाड़ी के निकट क्षतिग्रस्त होने के बाद वैकल्पिक मार्ग तैयार करने की कोशिश हो रही है। इस मार्ग पर वाहन फंसे हुए हैं। आवागमन बन्द होने से राहत व बचाव दल भी धराली तक पहुंचने के लिए मशक्कत कर रहे हैं।

इलाके में बिजली व दूर संचार का संकट भी देखने में आ रहा है।

गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी के पास बना पुल भो बाढ़ में बह गया। इस पुल के टूटने व जगह-जगह रास्ते टूटने से धराली तक पहुंचना काफी कठिन हो गया है।

मलबे से अटे धराली में राहत व बचाव दल जिंदगी तलाश रहे हैं। इस आपदा में चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि लगभग 100 लोग इस आपदा के शिकार हुए हैं। हर्षिल के आर्मी कैम्प को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

इधऱ,मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि “कोई भी प्रभावित परिवार सहायता से वंचित न रहे और सभी को समयबद्ध तरीके से राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए।”

राहत कार्यों को गति देने के लिए दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से खाद्य सामग्री एवं आवश्यक वस्तुएं धराली पहुंचाई गईं। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी भेजी जा रही है, जिससे मार्ग मरम्मत, मलबा हटाने और अन्य आवश्यक कार्य तेजी से पूरे हो सकें।

ताश के पत्तों की तरह ढह गये होटल-होमस्टे, अब तक 70 से ज्‍यादा लोगों को बचाया; तस्‍वीरों में दूसरे दिन के हालात

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में खीरगंगा के किनारे बसे गंगोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव धराली गांव में बादल फटने से मंगलवार को भारी तबाही हुई।बताया जा रहा है कि यह बादल खीरगंगा नदी के ऊपरी क्षेत्र में कहीं फटा, जिससे दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक खीरगंगा नदी में पानी व मलबे के साथ सैलाब आया और इस सैलाब में धराली बाजार समेत आसपास के होटल, होमस्टे ताश की पत्तों की तरह ढह गये।

अभी तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। अब तक 70 से ज़्यादा लोगों को बचाया जा चुका है। अधिकारिक तौर पर 19 लोगों के लापता होने की सूचना है।

सूचना पर हर्षिल में तैनात सेना की आइबैक्स रेजीमेंट समेत एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राजस्व, पुलिस, आपदा प्रबंधन आदि की टीमों ने राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

गंगोत्री और धराली में दो अतिरिक्त बचाव और राहत टुकड़ियां तैनात की गई हैं। हर्षिल से धराली तक सड़क मार्ग खोलने के लिए ज़मीन हटाने वाले उपकरण तैनात किए गए हैं।फंसे हुए नागरिकों का पता लगाने के लिए ड्रोन और बचाव कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है। निकाले गए लोगों को चिकित्सा सहायता और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।भारतीय सेना प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। खोज और बचाव अभियान जारी है, और हर प्रभावित व्यक्ति तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

 

केंद्र-राज्य ने झौंकी ताकत, एक और शव बरामद; मृतकों की संख्‍या हुई पांच

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 गंगोत्री धाम का प्रमुख पड़ाव धराली खीर गंगा नदी में बादल फटने से आए सैलाब से तबाह हो गया, दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक आए सैलाब के चलते चारों और पसरा मलबा ही मलबा फैल गया। इस घटना में करीब 15 से 20 होटल व घरों को नुकसान की सूचना मिल रही है। जिला प्रशासन के अनुसार आपदा में चार लोगों के मौत की हो चुकी है।आपदा की सूचना पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस, राजस्व, आपदा प्रबंधन आदि की टीमों ने राहत एवं बचाव कार्य शुरु कर दिया है। धराली के ठीक सामने स्थिति मुखबा गांव से लोगों से खीर गंगा नदी में आए सैलाब मोबाइल में कैद किया, कुछ ही देर में जलप्रलय के वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित होने लगे। सैलाब की दिल दहलाने वाले कई वीडियो सामने आए हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कुछ ही पलों में पूरा इलाका मलबे से ढक गया।

 

 

केंद्र और राज्य सरकार ने राहत- बचाव अभियान में ताकत झौंक दी है। मौसम की चुनौतियों के बावजूद सीएम पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। सेना, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, प्रशासन सहित तमाम एजेंसियां बचाव अभियान में जुटी हैं।

आपदा ग्रस्त धराली (उत्तरकाशी) में राहत एवं बचाव अभियान में केंद्र के साथ ही राज्य की एजेंसियां भी युद़धस्तर पर जुटी हुई हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मौसम की चुनौतियों के बावजूद, आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की है। सीएम ने बचाव और राहत अभियान में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं।

 

उत्तरकाशी के धराली में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के संबंध में सांसदों अनिल बलूनी, महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, त्रिवेंद्र सिंह रावत व अजय भट्ट जी के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री उत्तरकाशी में आई इस भीषण विपदा से मर्माहत, शोकाकुल और व्यथित हैं। वे स्वयं राहत एवं बचाव कार्य की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की तमाम एजेंसियां राहत, बचाव एवं पुनर्वास के कार्य में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार धराली सहित सभी आपदा प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है। साथ ही, केंद्र सरकार उत्तराखंड को इस आपदा से लड़ने और बाहर निकालने में हर तरह से मदद दे रही है।

प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों से कहा कि वे अपने लोकसभा क्षेत्र के अतिवृष्टि और भूस्खलन के इलाकों में रह रहे लोगों से संपर्क में रहें एवं उन्हें हर संभव हर सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत रहें।

उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही, सीएम धामी ने कहा- सभी को बचाना हमारी प्राथम‍िकता

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से भारी तबाही मची है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना पर कहा क‍ि बादल फटने की सूचना आई है। पानी के साथ बहुत तेज गति से मलबा आया है। उन्‍होंने कहा क‍ि हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द राहत और बचाव का कार्य किया जाए। सेना के लोग, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन विभाग कोशिश कर रहा है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि सभी को बचाया जाए।

 

उत्तरकाशी पुलिस ने कहा, “उत्तरकाशी, हर्षिल क्षेत्र में खीर गाड़ का जलस्तर बढने से धराली में नुकसान होने की सूचना पर पुलिस, SDRF, आर्मी आदि आपदा दल मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।

 

उत्तरकाशी में हर्षिल के समीप खीरगाड़ क्षेत्र स्थित धाराली गांव में भीषण भूस्खलन हुआ। मलबे और पानी का तेज बहाव गांव तक पहुंच गया, जिससे हड़कंप मच गया। जानकारी मिलते ही सेना की आइबेक्स ब्रिगेड के जवानों को मौके पर रवाना किया गया। जनसंपर्क अधिकारी ले. कर्नल मनीष श्रीवास्तव के अनुसार सेना की टुकड़ी ने प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। अब तक हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और सेना की टीमें मौके पर डटी हुई हैं। संकट की इस घड़ी में सेना हरसंभव मदद को तैयार है।

उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल क्षेत्र के धराली गांव में बादल फटने की घटना से हुए जन-धन के नुकसान की सूचना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुःख व्यक्त करते हुए प्रभावितों के प्रति संवेदना प्रकट की है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। सेना, SDRF, NDRF, जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित टीमें मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। मुख्यमंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं तथा स्थिति की नियमित जानकारी ले रहे हैं । मुख्यमंत्री ने ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करते हुए प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।

धर्मस्थलों की धारण क्षमता के अनुरूप ही श्रद्धालुओं को मिलेगा प्रवेश : सीएम धामी

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मनसा देवी मंदिर में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं को धारण क्षमता के अनुसार ही प्रवेश देने के निर्देश दिए। हरिद्वार में हुए हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। धार्मिक स्थल जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं, वहां व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। स्थलों का संभावित विस्तार कराने, पार्किंग एवं ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा मानकों के पालन को प्राथमिकता दी जा रही है।

सीएम धामी सोमवार को एफटीआई में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि मनसा देवी मंदिर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यह व्यवस्थाएं सख्ती से लागू की जाएंगी। पंचायत चुनाव पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के लिए प्रदेशभर की जनता में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला है। गांवों की सरकार चुनने के लिए मतदाताओं ने विशेष जागरूकता दिखाई है। इसके चलते पहले चरण में मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई है। कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रतिनिधियों का पंचायतों के विकास में बड़ा योगदान रहता है।

यह हैं कुमाऊं में अत्यधिक भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थल

1-कैंची धाम-

नैनीताल जिले के कैंची नामक स्थान पर बाबा नीब करौरी महाराज का आश्रम है। पिछले कुछ साल से यहां बाबा के दर्शन करने आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां रोजाना औसतन 10-12 हजार लोग बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। शनिवार और मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 15-18 हजार तक पहुंच जाती है। 15 जून को आश्रम का स्थापना दिवस होता है तब यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक से डेढ़ लाख तक रहती है। श्रद्धालुओं की इस संख्या के हिसाब से यहां व्यवस्थाएं ऊंट के मुंह में जीरा है।

2-जागेश्वर धाम-

अल्मोड़ा जिले में स्थित जागेश्वर धाम 124 मंदिरों का एक समूह है। इसे हिमालय का काशी के रूप में भी जाना जाता है। यहां महाशिवरात्रि और श्रावण मास में विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं। देश भर के विभिन्न हिस्सों से लेकर श्रावण मास में यहां शिवार्चन कराने पहुंचते हैं। राजनीति के अलावा फिल्म इंडस्ट्री के बड़े चेहरे भी यहां अक्सर दर्शनों के लिए आते हैं।

3-चितई गोलू मंदिर-

अल्मोड़ा जिले के चितई क्षेत्र में स्थित गोलू देवता मंदिर को घंटियों वाले मंदिर के रूप में भी पहचान मिली है। मान्यता है कि जो कोई व्यक्ति श्रद्धाभाव से यहां गोलू देवता से फरियाद करता है। भगवान उसकी फरियाद को पूरा करते हैं। मनोकामना पूरी होने के बाद भक्त यहां घंटी चढ़ाते हैं। इस मंदिर में प्रतिदिन औसतन चार से पांच हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं जबकि विशेष अवसरों पर यह संख्या दस हजार से अधिक रहती है।

4-हाट कालिका मंदिर-

गंगोलीहाट के समीप स्थित हाट कालिका मंदिर, देवी कालिका को समर्पित है। यहां श्रद्धालुओं के साथ ही बड़ी संख्या में सैलानी भी पहुंचते हैं। इसे सैनिकों और पूर्व सैनिकों की आस्था वाले मंदिर के रूप में भी पहचान मिली है। नवरात्रि और विशेष पर्वों पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

5- पूर्णागिरी धाम-

चंपावत जिले में टनकपुर के समीप स्थित है पूर्णागिरी धाम। इसे पूर्णागिरि मंदिर भी कहा जाता है। यह एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। चैत्र नवरात्र में यहां मेला लगता है जिसमें प्रति दिन हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

6- गर्जिया मंदिर-

रामनगर के समीप स्थित है गर्जिया माता का मंदिर। यह कोसी नदी में एक टीले पर स्थित है। कार्तिक पूर्णिमा के अलावा गंगा दशहरा, नवरात्र, शिवरात्रि, उत्तरायणी, बसंत पंचमी में भी यहां सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं।

अवैध निर्माण व अतिक्रमण स्वयं हटा लें, अन्यथा अभियान चल ही रहा है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए सरकार पहले ही जिलाधिकारियों को निर्देश दे चुकी है। अधिकारियों से कहा गया है कि वह अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए विधिक सूचना देकर नोटिस जारी करें कि वह स्वयं ही अतिक्रमण अथवा अवैध निर्माण हटा लें। अन्यथा अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चल ही रहा है। सीएम ने कहा कि अभी तक सरकार राज्य में सात हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में विकास को प्राथमिकता से आगे बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है। कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2023-24 के इंडेक्स में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखंड पहले स्थान पर आया है। कहा कि विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

दूसरे चरण में बारिश के बीच जमकर बरसे वोट, 70% हुआ मतदान, पहले में 68 फीसदी

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में कई पर्वतीय जिलों में बारिश के साथ ही जमकर वोट भी बरसे। निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में 70 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा जारी किया। इनमें 65.50 प्रतिशत पुरुष और 74.50 प्रतिशत महिला मतदाता शामिल हैं। सोमवार को सुबह आठ बजे से प्रदेश के 40 विकासखंडों के 4709 मतदेय स्थलों पर मतदान शुरू हुआ। इस चरण के लिए 21,57,199 मतदाता पंजीकृत थे। कई पर्वतीय

क्षेत्रों में बारिश के बावजूद मतदाताओं का उत्साह देखने लायक था। कई मतदान केंद्रों पर दिनभर भीड़ जुटी रही। न केवल पर्वतीय बल्कि मैदानी जिलोंदेहरादून, ऊधमसिंह नगर में भी बंपर वोटिंग हुई। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि सभी विकासखंडों में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया।
पहले चरण के 17,829 और दूसरे चरण के 14,751 प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटी में कैद हो गया है। अब 31 जुलाई को सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। पहले चरण में 68 प्रतिशत मतदान हुआ था। 2019 के चुनाव में 69.59 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि इस बार यह आंकड़ा कुछ नीचे जाने का अनुमान है। 

ऐसे बढ़ता गया मतदान प्रतिशत

समय मतदान प्रतिशत

सुबह 10 बजे तक 12.42

दोपहर 12 बजे तक 24.00

दोपहर 2 बजे तक 41.95

शाम 4 बजे तक 58.12

अंतिम 70.00

 

देर शाम तक जिलावार मतदान प्रतिशत

जिला मतदान प्रतिशत
उत्तरकाशी 75.96
पौड़ी गढ़वाल 69.27
टिहरी 60.05
देहरादून 77.25
चमोली 66.47
चंपावत 70.21
नैनीताल 76.07
अल्मोड़ा 58.20
ऊधमसिंह नगर 84.26
पिथौरागढ़ 64.9

बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा कराने का दावा, वीडियो वायरल होने पर बीकेटीसी ने दर्ज कराई शिकायत

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बदरीनाथ धाम में कथित ऑनलाइन पूजा कराए जाने का एक मामला सामने आया है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने पुलिस में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है क्योंकि बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा का कोई नियम नहीं है।

दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें बीकेटीसी का लोगो लगाकर ऑनलाइन पूजा कराने का दावा किया जा रहा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति यह कहता सुनाई दे रहा है कि राशि भेजने पर श्रद्धालु के नाम से ऑनलाइन पूजा की जाएगी। जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को मिली तो समिति के प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट ने तत्काल बदरीनाथ थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।

 

पूजा के लिए सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुक होते हैं

प्रशासनिक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि धाम में ऑनलाइन पूजा नहीं कराई जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर में होने वाली विभिन्न पूजा की ऑनलाइन बुकिंग जरूर की जाती है जिसके तहत श्रद्धालु पूजा के लिए टिकट बुक करते हैं और फिर उन्हें स्वयं मंदिर आकर पूजा में शामिल होना होता है। पूजा का निष्पादन ऑनलाइन नहीं होता है। समिति ने तीन दिन पहले ही इस मामले में पुलिस को शिकायत पत्र देकर जांच की मांग की थी।

 

आईटी सेल कर रही जांच

बीकेटीसी के उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने भी इस बात पर जोर दिया कि बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा का कोई नियम नहीं है। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो की पुलिस के आईटी सेल से भी जांच कराई जा रही है। बदरीनाथ थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ने पुष्टि की है कि ऑनलाइन पूजा को लेकर मिले शिकायती पत्र पर जांच जारी है।

धर्मांतरण के कानून को और सख़्त करेगी धामी सरकार, पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित होगी एसआईटी

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धर्मांतरण के कानून को धामी सरकार और सख्त बनाएगी। सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सीमांत प्रदेश होने के साथ ही सनातन की पुण्य भूमि भी है। इसलिए यहां डेमोग्राफी में बदलाव की किसी भी कोशिश को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखे। धर्मांतरण कराने वाले तत्वों के जाल में फंसे लोगों को उचित परामर्श और मार्गदर्शन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं को देखते हुए धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाए जाने की दिशा में तत्काल कदम उठाएं जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमी भी ऐसे तत्वों पर लगाम लगाने में सफल रहा है। इस मुहिम को आगे भी चलाए जाने की जरूरत है, इसलिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर, इसकी निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया जाए।

 

पाखरो रेंज घोटाला…पूर्व डीएफओ अखिलेश तिवारी पर दर्ज होगा मुकदमा, सीएम ने दिया अनुमोदन

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विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट टाइगर सफारी निर्माण के बहुचर्चित घोटाले में सीबीआई को तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ अखिलेश तिवारी पर मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभियोजन की अनुमति दे दी है।जिम कॉर्बेट में टाइगर सफारी के नाम पर करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जांच चल रही है। मामले में तत्कालीन डीएफओ अखिलेश तिवारी के खिलाफ सीबीआई विवेचना से संबंधित जांच रिपोर्ट में शामिल बिंदुओं के आधार पर संगत धाराओं के तहत अभियोजन चलाने के लिए सीएम धामी ने अनुमोदन दे दिया है।

वहीं, पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में अनियमितताओं से संबंधित प्रकरण में तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ टाइगर रिजर्व लैंसडौन किशन चंद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 19 एवं दंड संहिता की धारा 197 के तहत अभियोग चलाने की अनुमति दे दी गई है।