Author: Dilip Singh Rathod

उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही, सीएम धामी ने कहा- सभी को बचाना हमारी प्राथम‍िकता

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से भारी तबाही मची है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना पर कहा क‍ि बादल फटने की सूचना आई है। पानी के साथ बहुत तेज गति से मलबा आया है। उन्‍होंने कहा क‍ि हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द राहत और बचाव का कार्य किया जाए। सेना के लोग, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन विभाग कोशिश कर रहा है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि सभी को बचाया जाए।

 

उत्तरकाशी पुलिस ने कहा, “उत्तरकाशी, हर्षिल क्षेत्र में खीर गाड़ का जलस्तर बढने से धराली में नुकसान होने की सूचना पर पुलिस, SDRF, आर्मी आदि आपदा दल मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।

 

उत्तरकाशी में हर्षिल के समीप खीरगाड़ क्षेत्र स्थित धाराली गांव में भीषण भूस्खलन हुआ। मलबे और पानी का तेज बहाव गांव तक पहुंच गया, जिससे हड़कंप मच गया। जानकारी मिलते ही सेना की आइबेक्स ब्रिगेड के जवानों को मौके पर रवाना किया गया। जनसंपर्क अधिकारी ले. कर्नल मनीष श्रीवास्तव के अनुसार सेना की टुकड़ी ने प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। अब तक हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और सेना की टीमें मौके पर डटी हुई हैं। संकट की इस घड़ी में सेना हरसंभव मदद को तैयार है।

उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल क्षेत्र के धराली गांव में बादल फटने की घटना से हुए जन-धन के नुकसान की सूचना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुःख व्यक्त करते हुए प्रभावितों के प्रति संवेदना प्रकट की है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। सेना, SDRF, NDRF, जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित टीमें मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। मुख्यमंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं तथा स्थिति की नियमित जानकारी ले रहे हैं । मुख्यमंत्री ने ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करते हुए प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।

धर्मस्थलों की धारण क्षमता के अनुरूप ही श्रद्धालुओं को मिलेगा प्रवेश : सीएम धामी

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मनसा देवी मंदिर में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं को धारण क्षमता के अनुसार ही प्रवेश देने के निर्देश दिए। हरिद्वार में हुए हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। धार्मिक स्थल जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं, वहां व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। स्थलों का संभावित विस्तार कराने, पार्किंग एवं ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा मानकों के पालन को प्राथमिकता दी जा रही है।

सीएम धामी सोमवार को एफटीआई में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि मनसा देवी मंदिर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यह व्यवस्थाएं सख्ती से लागू की जाएंगी। पंचायत चुनाव पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के लिए प्रदेशभर की जनता में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला है। गांवों की सरकार चुनने के लिए मतदाताओं ने विशेष जागरूकता दिखाई है। इसके चलते पहले चरण में मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई है। कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रतिनिधियों का पंचायतों के विकास में बड़ा योगदान रहता है।

यह हैं कुमाऊं में अत्यधिक भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थल

1-कैंची धाम-

नैनीताल जिले के कैंची नामक स्थान पर बाबा नीब करौरी महाराज का आश्रम है। पिछले कुछ साल से यहां बाबा के दर्शन करने आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां रोजाना औसतन 10-12 हजार लोग बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। शनिवार और मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 15-18 हजार तक पहुंच जाती है। 15 जून को आश्रम का स्थापना दिवस होता है तब यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक से डेढ़ लाख तक रहती है। श्रद्धालुओं की इस संख्या के हिसाब से यहां व्यवस्थाएं ऊंट के मुंह में जीरा है।

2-जागेश्वर धाम-

अल्मोड़ा जिले में स्थित जागेश्वर धाम 124 मंदिरों का एक समूह है। इसे हिमालय का काशी के रूप में भी जाना जाता है। यहां महाशिवरात्रि और श्रावण मास में विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं। देश भर के विभिन्न हिस्सों से लेकर श्रावण मास में यहां शिवार्चन कराने पहुंचते हैं। राजनीति के अलावा फिल्म इंडस्ट्री के बड़े चेहरे भी यहां अक्सर दर्शनों के लिए आते हैं।

3-चितई गोलू मंदिर-

अल्मोड़ा जिले के चितई क्षेत्र में स्थित गोलू देवता मंदिर को घंटियों वाले मंदिर के रूप में भी पहचान मिली है। मान्यता है कि जो कोई व्यक्ति श्रद्धाभाव से यहां गोलू देवता से फरियाद करता है। भगवान उसकी फरियाद को पूरा करते हैं। मनोकामना पूरी होने के बाद भक्त यहां घंटी चढ़ाते हैं। इस मंदिर में प्रतिदिन औसतन चार से पांच हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं जबकि विशेष अवसरों पर यह संख्या दस हजार से अधिक रहती है।

4-हाट कालिका मंदिर-

गंगोलीहाट के समीप स्थित हाट कालिका मंदिर, देवी कालिका को समर्पित है। यहां श्रद्धालुओं के साथ ही बड़ी संख्या में सैलानी भी पहुंचते हैं। इसे सैनिकों और पूर्व सैनिकों की आस्था वाले मंदिर के रूप में भी पहचान मिली है। नवरात्रि और विशेष पर्वों पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

5- पूर्णागिरी धाम-

चंपावत जिले में टनकपुर के समीप स्थित है पूर्णागिरी धाम। इसे पूर्णागिरि मंदिर भी कहा जाता है। यह एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। चैत्र नवरात्र में यहां मेला लगता है जिसमें प्रति दिन हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

6- गर्जिया मंदिर-

रामनगर के समीप स्थित है गर्जिया माता का मंदिर। यह कोसी नदी में एक टीले पर स्थित है। कार्तिक पूर्णिमा के अलावा गंगा दशहरा, नवरात्र, शिवरात्रि, उत्तरायणी, बसंत पंचमी में भी यहां सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं।

अवैध निर्माण व अतिक्रमण स्वयं हटा लें, अन्यथा अभियान चल ही रहा है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए सरकार पहले ही जिलाधिकारियों को निर्देश दे चुकी है। अधिकारियों से कहा गया है कि वह अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए विधिक सूचना देकर नोटिस जारी करें कि वह स्वयं ही अतिक्रमण अथवा अवैध निर्माण हटा लें। अन्यथा अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चल ही रहा है। सीएम ने कहा कि अभी तक सरकार राज्य में सात हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में विकास को प्राथमिकता से आगे बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है। कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2023-24 के इंडेक्स में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखंड पहले स्थान पर आया है। कहा कि विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

दूसरे चरण में बारिश के बीच जमकर बरसे वोट, 70% हुआ मतदान, पहले में 68 फीसदी

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में कई पर्वतीय जिलों में बारिश के साथ ही जमकर वोट भी बरसे। निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में 70 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा जारी किया। इनमें 65.50 प्रतिशत पुरुष और 74.50 प्रतिशत महिला मतदाता शामिल हैं। सोमवार को सुबह आठ बजे से प्रदेश के 40 विकासखंडों के 4709 मतदेय स्थलों पर मतदान शुरू हुआ। इस चरण के लिए 21,57,199 मतदाता पंजीकृत थे। कई पर्वतीय

क्षेत्रों में बारिश के बावजूद मतदाताओं का उत्साह देखने लायक था। कई मतदान केंद्रों पर दिनभर भीड़ जुटी रही। न केवल पर्वतीय बल्कि मैदानी जिलोंदेहरादून, ऊधमसिंह नगर में भी बंपर वोटिंग हुई। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि सभी विकासखंडों में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया।
पहले चरण के 17,829 और दूसरे चरण के 14,751 प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटी में कैद हो गया है। अब 31 जुलाई को सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। पहले चरण में 68 प्रतिशत मतदान हुआ था। 2019 के चुनाव में 69.59 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि इस बार यह आंकड़ा कुछ नीचे जाने का अनुमान है। 

ऐसे बढ़ता गया मतदान प्रतिशत

समय मतदान प्रतिशत

सुबह 10 बजे तक 12.42

दोपहर 12 बजे तक 24.00

दोपहर 2 बजे तक 41.95

शाम 4 बजे तक 58.12

अंतिम 70.00

 

देर शाम तक जिलावार मतदान प्रतिशत

जिला मतदान प्रतिशत
उत्तरकाशी 75.96
पौड़ी गढ़वाल 69.27
टिहरी 60.05
देहरादून 77.25
चमोली 66.47
चंपावत 70.21
नैनीताल 76.07
अल्मोड़ा 58.20
ऊधमसिंह नगर 84.26
पिथौरागढ़ 64.9

बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा कराने का दावा, वीडियो वायरल होने पर बीकेटीसी ने दर्ज कराई शिकायत

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बदरीनाथ धाम में कथित ऑनलाइन पूजा कराए जाने का एक मामला सामने आया है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने पुलिस में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है क्योंकि बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा का कोई नियम नहीं है।

दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें बीकेटीसी का लोगो लगाकर ऑनलाइन पूजा कराने का दावा किया जा रहा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति यह कहता सुनाई दे रहा है कि राशि भेजने पर श्रद्धालु के नाम से ऑनलाइन पूजा की जाएगी। जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को मिली तो समिति के प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट ने तत्काल बदरीनाथ थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।

 

पूजा के लिए सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुक होते हैं

प्रशासनिक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि धाम में ऑनलाइन पूजा नहीं कराई जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर में होने वाली विभिन्न पूजा की ऑनलाइन बुकिंग जरूर की जाती है जिसके तहत श्रद्धालु पूजा के लिए टिकट बुक करते हैं और फिर उन्हें स्वयं मंदिर आकर पूजा में शामिल होना होता है। पूजा का निष्पादन ऑनलाइन नहीं होता है। समिति ने तीन दिन पहले ही इस मामले में पुलिस को शिकायत पत्र देकर जांच की मांग की थी।

 

आईटी सेल कर रही जांच

बीकेटीसी के उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने भी इस बात पर जोर दिया कि बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा का कोई नियम नहीं है। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो की पुलिस के आईटी सेल से भी जांच कराई जा रही है। बदरीनाथ थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ने पुष्टि की है कि ऑनलाइन पूजा को लेकर मिले शिकायती पत्र पर जांच जारी है।

धर्मांतरण के कानून को और सख़्त करेगी धामी सरकार, पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित होगी एसआईटी

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धर्मांतरण के कानून को धामी सरकार और सख्त बनाएगी। सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सीमांत प्रदेश होने के साथ ही सनातन की पुण्य भूमि भी है। इसलिए यहां डेमोग्राफी में बदलाव की किसी भी कोशिश को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखे। धर्मांतरण कराने वाले तत्वों के जाल में फंसे लोगों को उचित परामर्श और मार्गदर्शन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं को देखते हुए धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाए जाने की दिशा में तत्काल कदम उठाएं जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमी भी ऐसे तत्वों पर लगाम लगाने में सफल रहा है। इस मुहिम को आगे भी चलाए जाने की जरूरत है, इसलिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर, इसकी निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया जाए।

 

पाखरो रेंज घोटाला…पूर्व डीएफओ अखिलेश तिवारी पर दर्ज होगा मुकदमा, सीएम ने दिया अनुमोदन

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विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट टाइगर सफारी निर्माण के बहुचर्चित घोटाले में सीबीआई को तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ अखिलेश तिवारी पर मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभियोजन की अनुमति दे दी है।जिम कॉर्बेट में टाइगर सफारी के नाम पर करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जांच चल रही है। मामले में तत्कालीन डीएफओ अखिलेश तिवारी के खिलाफ सीबीआई विवेचना से संबंधित जांच रिपोर्ट में शामिल बिंदुओं के आधार पर संगत धाराओं के तहत अभियोजन चलाने के लिए सीएम धामी ने अनुमोदन दे दिया है।

वहीं, पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में अनियमितताओं से संबंधित प्रकरण में तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ टाइगर रिजर्व लैंसडौन किशन चंद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 19 एवं दंड संहिता की धारा 197 के तहत अभियोग चलाने की अनुमति दे दी गई है।

हेरिटेज एविएशन कम्पनी पर लटकी ब्लैक लिस्टिंग की तलवार

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प्रतिबंध के बावजूद और बिना अनुमति के बद्री-केदार के अध्यक्ष को केदारनाथ धाम ले जाना एविएशन कम्पनी को भारी पड़ता जा रहा है। सम्बंधित हेली कम्पनी को ब्लैक लिस्ट किये जाने की प्रबल संभावना है।

शोरगुल मचने के बाद हुई विभागीय जांच में हेली कम्पनी को काली सूची में डालने की तैयारी चल रही है। फिलहाल, हेरिटेज एविएशन की चारधामों की चार्टर्ड सेवा पर रोक लगाई गई।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए हेरिटेज एविएशन कम्पनी को नोटिस जारी किया है।यूकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय टोलिया ने बताया कि  खराब मौसम में बिना अनुमति के उड़ान भरने पर सम्बंधित हेरिटेज एविएशन कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करने का नोटिस जारी किया गया। हालांकि, यह भी खबर है कि विभाग ने  हेली कम्पनी को उड़ान की सशर्त अनुमति दी  थी।

गौरतलब है कि सावन के पहले सोमवार 14 जुलाई को हेरिटेज एविएशन के चार्टर्ड हेलिकॉप्टर ने देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी।

मौसम खराब होने की वजह से यूकाडा के ऑपरेशन विंग ने हेरिटेज कम्पनी के पायलट को उड़ान भरने की मंजूरी नहीं दी थी।

बावजूद इसके पायलट हेलीकॉप्टर में बद्री-केदार मन्दिर परिषद के अध्यक्ष व अन्य खास लोगों को लेकर केदारनाथ धाम पहुंच गए।

साफ है कि वीआईपी उड़ान के लिए पायलट ने यूकाडा के दिशानिर्देशों का खुला उल्लंघन किया।
नतीजतन, यूकाडा ने हेली कम्पनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, हेरिटेज एविएशन ने लिखित जवाब में माना कि 14 जुलाई को बिना अनुमति के उड़ान भरी है। इस मामले में अनुमति देने और नहीं देने की तस्वीर भी उलझी दिखाई दे रही है।

इधऱ, विभागीय सूत्रों का कहना है कि
खराब मौसम को देखते हुए यूकाडा ने चार्टर्ड उड़ान के लिए मना किया था। ब्लैक लिस्ट सम्बन्धी ताजे नोटिस का जवाब नहीं देने पर डीजीसीए की गाइडलाइन के अनुसार कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

बीकेटीसी के अध्यक्ष के साथ कौन-कौन लोग गए थे ,यह भी साफ नहीं हो पाया। इनमें एक चर्चित शख्सियत का नाम भी सामने आ रहा है। बहरहाल, सावन के पहले सोमवार को केदारनाथ धाम के लिए भरी गयी उड़ान चर्चा का विषय जरूर बन गयी है…

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला…जांच के दायरे में आए संस्थानों का दोबारा होगा सत्यापन

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शासन ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में रडार पर आए संस्थानों का दोबारा सत्यापन कराने का फैसला किया है। इसके अलावा जांच के दौरान रुद्रप्रयाग में वासुकेदार में संस्कृत महाविद्यालय में गड़बड़ी मिली है, यह संस्थान एक विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा था।यहां पर पश्चिम बंगाल के 24 परगना के रहने वाले छात्राओं का पंजीकरण कराया गया था। मई में शासन ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के विश्लेषण में संदिग्ध पाए गए 92 संस्थानों और स्कूलों में जांच के आदेश दिए थे।

 

जांच में 92 संस्थानों में से 17 संस्थानों में अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति में गड़बड़ी का पता चला था। प्रकरण में शासन ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को जांच रिपोर्ट भेज दी थी। अब शासन ने जांच की रडार पर आए संस्थानों का दोबारा सत्यापन कराने का फैसला किया है, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते कहते हैं कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जांच के दौरान त्रुटिवश कोई संस्थान बच तो नहीं गया है। इस संबंध में जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है।

दूसरे राज्य के छात्राओं के पंजीकरण का मामला सामने आया
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के दौरान रुद्रप्रयाग जिले से जुड़ा मामला सामने आया है। यहां पर विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा वासुकेदार में श्री सरस्वती संस्कृति महाविद्यालय संस्थान संचालित किया जा रहा था। इस संस्थान में जांच के दौरान दो छात्राएं पश्चिम बंगाल की थी, जिनका संबंधित संस्थान से पंजीकरण कराया गया था। विशेष सचिव डॉ. धकाते कहते हैं कि जांच में पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के छात्रों के पंजीकरण की बात सामने आई है। इस संस्थान का संचालन नसरुद्दीन नामक व्यक्ति कर रहा था। प्रकरण में जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी।

ईडी कार्रवाई पर बोले हरक, दोषी साबित हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा, निर्दोष निकला तो करूंगा मुकदमा

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कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ईडी की कार्रवाई पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने साफ कहा कि अगर कोर्ट में उन पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं तो वे राजनीति से हमेशा के लिए संन्यास ले लेंगे। लेकिन अगर अदालत में निर्दोष साबित हुए तो इस “साजिश” में शामिल लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे।

कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान हरक सिंह ने अपने विरोधियों को चेताते हुए कहा, “मैं न दबने वाला हूं, न झुकने वाला। जितनी भी साजिशें कर लो, मैं लड़ता रहूंगा।”

हरक सिंह ने कहा कि वो दूध के धुले नहीं है। लेकिन सहसपुर मामले में उनकी कोई गलती नहीं है। ईडी ने गलत मुद्दे।पर छेड़ दिया जैसे सीबीआई ने 2003 के जेनी प्रकरण में मुझे फंसाया था। बाद में मुझे क्लीन चिट मिली थी।

उन्होंने ईडी की कार्रवाई को बदले की भावना से प्रेरित बताते हुए कहा कि सहसपुर की विवादित जमीन उन्होंने 2002 में पूरी तरह कानूनी तरीके से खरीदी थी। इस जमीन का रिकॉर्ड 1962 से पूर्व मालिक के नाम पर दर्ज था और सारे दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं।

हरक सिंह ने याद दिलाया कि इस मामले की जांच पहले भाजपा सरकार में और फिर कांग्रेस की सरकार में हो चुकी है, लेकिन किसी भी जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिला। अब मामला कोर्ट के सामने है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।

उन्होंने ईडी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर एजेंसी आरोप साबित कर दे, तो वे तुरंत राजनीति से संन्यास ले लेंगे। लेकिन अगर निर्दोष निकले तो कानूनी लड़ाई लड़कर साजिश रचने वालों को बेनकाब करेंगे।

भाजपा पर हमला करते हुए हरक सिंह ने कहा कि पार्टी अब अपने आदर्शों से भटक चुकी है और विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा छोड़ने का उन्हें कोई मलाल नहीं है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को ईडी ने मनी लांड्रिंग के केस में पूर्व मंत्री हरक सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।

 

ईडी की कार्रवाई भाजपा की राजनीतिक साजिश का हिस्सा- धस्माना

देहरादून । उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोप पत्र को राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा पूरे देश में ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है ताकि विपक्ष की आवाज को दबाया जा सके।

धस्माना ने सवाल किया कि हरक सिंह रावत जब लंबे समय तक भाजपा में मंत्री थे, तब उनके खिलाफ कोई जांच या कार्रवाई क्यों नहीं हुई। उन्होंने कहा, “अगर आज भी हरक सिंह भाजपा में होते, तो क्या उनके खिलाफ यह कार्रवाई होती? निश्चित रूप से नहीं।”

कांग्रेस नेता ने विश्वास जताया कि अदालत में हरक सिंह रावत को न्याय मिलेगा। “उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। वे इस मामले में साफ निकल कर आएंगे,” धस्माना ने कहा।

उन्होंने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस इसका पुरज़ोर विरोध करेगी।

उत्तराखण्ड पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार सस्पेंड

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उत्तराखण्ड पेयजल निगम के अध्यक्ष शैलेश बगोली ने कर्मचारी आचरण नियमावली के उल्लंघन पर सुजीत कुमार विकास (प्रभारी मुख्य अभियंता (कु0) मूल पद अधीक्षण अभियंता उत्तराखण्ड़ पेयजल निगम हल्द्वानी) को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया।

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निलंबन आदेश में स्पष्ट किया गया है कि  सुजीत कुमार विकास के विरूद्ध  संजय कुमार पुत्र  चन्द्रपाल सिंह ने अपने शिकायती-पत्र में उल्लेख किया है कि वह पानी की योजनाओं में पेटी पर कार्य करता है। वर्ष 2022 में   सुजीत कुमार विकास, तत्कालीन अधीक्षण अभियन्ता, निर्माण मण्डल, उत्तराखण्ड पेयजल निगम, देहरादून ने संजय कुमार की फर्म मै० हर्ष इन्टरप्राईजेज का उत्तराखण्ड पेयजल निगम में पंजीकरण करवाने एवं विभाग में कार्य दिलाने का आश्वासन दिया।

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इसके एवज में  सुजीत कुमार विकास के कहने पर संजय कुमार ने अपनी प्रोपराइटरशिप फर्म मै० हर्ष इन्टरप्राइजेज के माध्यम से बैंक ऑफ बडौदा, फॉयर स्टेशन के पास बाजपुर रोड, काशीपुर के बैंक खाता सं० 53930200001457 से मै० कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज के कोटक महिन्द्रा बैंक खाते में दिनांक 06.07.2022. दिनांक 06.07.2022. दिनांक 07.07.2022, दिनांक 07.07.2022 एवं दिनांक 08.06.2022 को रू0 2.00 लाख की पांच किस्तों में कुल रू0 10.00 लाख, स्थानान्तरित किये गये।
विभाग में उपलब्ध अभिलेखों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि मै० कुचु-पुचु इन्टरप्राइजेज, वह फर्म है, जिसकी पार्टनर  सुजीत कुमार विकास की पत्नी श्रीमती रंजु कुमारी हैं।  सुजीत कुमार विकास को स्पष्टीकरण हेतु 15 दिनों का समय दिया गया था, परन्तु  सुजीत कुमार विकास द्वारा आतिथि तक कोई प्रत्युत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया है।

अध्यक्ष उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा स्पष्ट किया गया है कि  सुजीत कुमार विकास के विरुद्ध उपरोक्त आरोप बेहद गम्भीर प्रकृति के हैं तथा  सुजीत कुमार विकास द्वारा किया गया उपरोक्त कृत्य उत्तराखण्ड पेयजल निगम कर्मचारी आचरण विनियमावली का स्पष्ट उल्लंघन होना दर्शाता है।  सुजीत कुमार विकास के प्रभारी मुख्य अभियन्ता (कु०), हल्द्वानी के पद पर बने रहने से विभाग के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।

अतः उत्तराखण्ड पेयजल निगम कार्मिक (अनुशासन एवं अपील) विनियमावली में निहित प्राविधानों के तहत  सुजीत कुमार विकास, अधीक्षण अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।
निलम्बन की अवधि में  सुजीत कुमार विकास, कार्यालय महाप्रबंधक (प्रशिक्षण), मानव संसाधन प्रकोष्ठ, उत्तराखण्ड पेयजल निगम, रूडकी में सम्बद्ध रहेंगे।