भाजपा के 4 जिला पंचायत अध्यक्ष और 11 ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध विजयी
उत्तराखंड के जिला पंचायत चुनावों में भाजपा ने नामांकन के आखिरी दिन लीड ले ली है।प्रदेश में भाजपा के 4 जिला पंचायत अध्यक्ष और 11 ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध चुने गए।जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर उत्तरकाशी से रमेश चौहान, पिथौरागढ़ से जितेंद्र प्रसाद, उधम सिंह नगर से अजय मौर्या और चंपावत से आनंद सिंह अधिकारी निर्विरोध विजयी हुए। वहीं ब्लॉक प्रमुख पदों पर चंपावत से अंचला बोरा, काशीपुर से चंद्रप्रभा, सितारगंज से उपकार सिंह, खटीमा से सरिता राणा, भटवाड़ी से ममता पंवार, डुंडा से राजदीप परमार, जाखणीधार से राजेश नौटियाल, चंबा से सुमन सजवाण, विकासनगर से नारायण ठाकुर, पाबौ से लता देवी और ताकुला से मीनाक्षी आर्य बिना मुकाबले जीत गईं। 14 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख व अन्य पदों पर मतदान होगा।
उधर, कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत रावत के पुत्र व पुत्रवधु सल्ट विकासखण्ड से निर्विरोध निर्वाचित हुए। उनकी पुत्र वधु निर्विरोध ब्लाक प्रमुख चुनीं गयी। जबकि पुत्र विक्रम रैयत ज्येष्ठ प्रमुख पर निर्विरोध चुने गए। कनिष्क प्रमुख पद पर कंचना देवी भी निर्विरोध चुनीं गईं। पूर्व विधायक रणजीत रावत ने इसे कांग्रेस की नीतियों की जीत बताते हुए जनता का आभार जताया।
सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन था और माहौल पूरी तरह भाजपा के पक्ष में रहा। अभी तक प्रदेश में भाजपा के 4 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए, जबकि 11 ब्लॉक प्रमुख पदों पर भी भाजपा प्रत्याशी बिना मुकाबले जीत गए।यह नतीजा केवल संयोग नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री धामी व संगठन की महीनों पहले से तैयार की गई रणनीति, बूथ स्तर तक की सूक्ष्म मैनेजमेंट और संगठन के सामंजस्य का नतीजा मानी जा रही है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की जीत में प्रत्याशी चयन में सामाजिक व भौगोलिक संतुलन, बूथ स्तर तक की सक्रियता और संगठनात्मक तालमेल की अहम भूमिका रही।
दूसरी ओर, कांग्रेस कई सीटों पर नामांकन दाखिल तक नहीं कर पाई, जिससे उसकी कमजोर तैयारी और अंदरूनी गुटबाज़ी उजागर हो गई। इन नतीजों ने यह भी संकेत दे दिया है कि भाजपा ने 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं।
भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि
जिला पंचायत चुनावों में उत्तराखंड की राजनीति ने एक बार फिर साफ़ कर दिया कि अगर रणनीति सटीक हो, टीम मज़बूत हो और नेतृत्व दृढ़ इच्छाशक्ति से लैस हो, तो जीत केवल संभावनाओं में नहीं, बल्कि हकीकत में बदल जाती है।
मुख्यमंत्री धामी व संगठन की अगुवाई में भाजपा ने जिला पंचायत चुनावों में ऐसा चौका मारा कि कांग्रेस पस्त होकर मैदान से बाहर हो गई।
भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि
विपक्ष को मैदान में उतरने का अवसर ही न दिया जाए। स्थानीय समीकरणों को साधते हुए, हर जिले और ब्लॉक में भाजपा के पक्ष में माहौल तैयार किया गया। भाजपा प्रत्याशियों के चयन में जातीय, भौगोलिक और सामाजिक संतुलन का बारीकी से ध्यान रखा गया, जिससे कांग्रेस अंदर ही अंदर बिखरती चली गई।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सतीश लखेड़ा ने कहा कि
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस कई स्थानों पर तो नामांकन करने तक की स्थिति में नहीं रही। पार्टी के भीतर गुटबाज़ी, नेतृत्वहीनता और संगठनात्मक ढील ने स्थिति इतनी खराब कर दी कि धामी की रणनीति के सामने वह पूरी तरह बेबस नज़र आई।