Category Archive : उत्तराखंड

Uttarakhand: सीएम धामी ने दी पूर्व PM मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि, देश के लिए उनके योगदान को किया याद.

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नहीं रहे। का बीते गुरुवार को निधन हो गया.  92 साल की उम्र में उनका दिल्ली एम्स में निधन हो गया। उनके निधन पर खटीमा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हम सभी के लिए एक दुख भरा समाचार है। भगवान से प्रार्थना है कि उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें और उनके सभी परिवारजनों, चाहने वालों को इस दुख की घड़ी में शक्ति प्रदान करें।

CM धामी ने दी पूर्व PM मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि-

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि साधारण पृष्ठभूमि से आकर उन्होंने वित्त मंत्री समेत विभिन्न पदों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया. उन्होंने कहा भारतीय आर्थिक नीति को नई दिशा देने में मनमोहन सिंह का योगदान सराहनीय है.

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उत्तराखंड में 7 दिन का शोक घोषित-

पूर्व पीएम के निधन पर उत्तराखंड में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. सात दिन तक राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे. इसके साथ ही शासकीय और मनोरंजन के कार्य नहीं होंगे. मनमोहन सिंह ने 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. बताया जा रहा है वह काफी वक्त से स्वास्थय संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे. गुरुवार शाम को अचानक उनकी तबियत बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

नोटों पर हस्ताक्षर करने वाले देश के एकमात्र पीएम-

2005 में डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री के पद पर थे तब भारत सरकार ने 10 रुपये का एक नया नोट जारी किया था। उस पर मनमोहन सिंह के हस्ताक्षर थे। हालांकि नियमों के अनुसार उस समय नोटों पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर होते थे। लेकिन 10 रुपये के नोट पर मनमोहन सिंह का हस्ताक्षर एक विशेष बदलाव के तहत किया गया था।डॉ. मनमोहन सिंह ने 16 सितंबर 1982 से लेकर 14 जनवरी 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का पदभार संभाला था। उस दौरान छपने वाले नोटों पर मनमोहन सिंह के हस्ताक्षर हुआ करते थे। भारत में यह व्यवस्था आज भी है कि करेंसी पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की नहीं, बल्कि आरबीआई गवर्नर ही साइन करते हैं।

 

डॉ. मनमोहन सिंह से जुड़ी खास बातें-

  • भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दो गवर्नर वित्त मंत्री बने- उनमें एक मनमोहन सिंह और दूसरे थे सीडी देशमुख।
  • चार वित्त मंत्री प्रधानमंत्री बने- ये नाम हैं मोरारजी देसाई, चरण सिंह , वी.पी. सिंह और मनमोहन सिंह।
  • चार शीर्ष नौकरशाह जो वित्त मंत्री बने- उनमें एचएम पटेल, सीडी देशमुख, यशवंत सिन्हा और मनमोहन सिंह का नाम।
  • मनमोहन सिंह धाराप्रवाह हिंदी बोल सकते थे, लेकिन उर्दू में भाषा में उनकी दक्षता के कारण उनके भाषण उर्दू में लिखे जाते थे।
  • मनमोहन सिंह को 1993 में यूरोमनी और एशियामनी की ओर से “फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ दर ईयर” के रूप में नामित किया गया
  • 1962 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मनमोहन सिंह को सरकार में पद की पेशकश की तो सिंह ने कर दिया था अस्वीकार

 

Uttarakhand: आगामी नगर निकाय चुनाव के दृष्टिगत दून पुलिस की बडी कार्यवाही…भारी मात्रा में विदेशी/इम्पोर्टेड शराब का जखीरा किया बरामद..

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Dehradun:आगामी नगर निकाय चुनाव तथा नव वर्ष/विन्टर कार्निवाल में अवैध शराब की तस्करी/भण्डारण की सम्भावना के दृष्टिगत एसएसपी देहरादून द्वारा अवैध शराब/मादक पदार्थों की तस्करी/भण्डारण पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु सभी अधीनस्थों को अपने-अपने क्षेत्र मे अवैध शराब/मादक पदार्थों की तस्करी/भण्डारण में लिप्त अभियुक्तों को चिन्हित करते हुए उनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही किये जाने के कडे निर्देश निर्गत किये गये हैं.. उक्त आदेशों के अनुपालन में जनपद के नगर तथा देहात क्षेत्र के सभी थाना क्षेंत्रों में ऐसे अभियुक्तों के चिन्हिकरण/धरपकड हेतु लगातार सत्यापन/चैकिंग अभियान चलाया जा रहा हैं.

 

इसी क्रम में एसएसपी देहरादून को मिली गोपनीय सूचना के आधार पर थाना राजपुर पुलिस द्वारा क्षेत्राधिकारी सदर के नेतृत्व में राजपुर क्षेत्रान्तर्गत प्लॉट नंबर 5 ,शिप्रा विहार, कैनाल रोड उक्त फ्लैट में बनाये गये अवैध शराब के गोदाम पर छापा मारते हुए वहां से 16 पेटी (कुल 181 बोतल ) अवैध इम्पोर्टेड शराब बरामद की. जिसमें से कुछ शराब की बोतलें हरियाणा मार्का भी थी.. पुलिस द्वारा फ्लैट में रहने वाले व्यक्ति के विरूद्ध मु0अ0सं0: 284/24 धारा 60 आबकारी अधिनियम पंजीकृत किया गया.

 

बरामदगी:-

01: 16 पेटी (कुल 181 बोतले) इम्पोर्टेड शराब

(अनुमानित कीमत लगभग 25 लाख रू.

 

 

Uttarakhand: भीमताल बस दुर्घटना में 4 लोगों की मौत, CM धामी ने किया 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान.

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Uttarakhand:  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भीमताल के ओखल में हुई बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। बस दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इसमें उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा ₹5 लाख जबकि सड़क सुरक्षा निधि से 2 लाख और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 3 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसी प्रकार गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को ₹3 लाख एवं सामान्य रूप से घायल व्यक्तियों को ₹15- ₹25 हजार दिए जाएंगे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि के साथ ही सरकार के स्तर से उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को गंभीर रूप से घायल लोगों को आवश्यकता अनुसार हायर सेंटर रेफर करने के भी निर्देश दिए।

 

 

Uttarakhand: मंत्री रेखा आर्य ने किया आचार संहिता का उल्लंघन, राज्य निर्वाचन आयोग ले संज्ञान- गरिमा दसौनी

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Uttarakhand: मंत्री रेखा आर्य ने किया आचार संहिता का उल्लंघन, राज्य निर्वाचन आयोग ले संज्ञान- गरिमा दसौनी

क्या सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अलग-अलग होंगे नियम कायदे कानून??

उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने विज्ञप्ति जारी कर मंत्री रेखा आर्य द्वारा विभिन्न योजनाओं के लोकार्पण पर सवाल उठाया है। गरिमा दसौनी ने कहा कि धामी सरकार में
प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री  रेखा आर्या ने अन्तर्राष्ट्रीय स्पोर्टस काम्लैक्स स्टेडियम गौलापार में पूर्व निर्मित क्रिकेट मैदान मेॅ फुटबाल मैदान के निर्माण लागत 288.06 लाख और अन्तर्राष्ट्रीय हल्द्वानी स्पोर्टस काम्पलैक्स स्टेडियम के निर्माण लागत 1510.93 लाख की योजनाओं का लोकापर्ण किया।

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गरिमा दसौनी ने कहा कि उपरोक्त कार्यक्रम के मध्य नजर यह सवाल लाजिमी हो जाता है कि क्या प्रदेश के अंदर दो अलग कानून चल रहे हैं? शहरी निकायों के चुनावी कार्यक्रम जारी होने के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो चुकी है ऐसे में विपक्षी दलों के राजनीतिक कार्यक्रमों पर स्वत रोक लगा दी गई है। पर सत्ता पक्ष है कि वह अपनी हठ धर्मिता से बाज नहीं आ रहा है गरिमा ने कहा कि अब सभी की नजर राज्य निर्वाचन आयोग पर हैं कि वह वीआईपी कल्चर को पल्लवित पुष्पित करते हुए मंत्री रेखा आर्य पर कोई कार्यवाही करते हैं या नहीं?

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दसौनी ने कहा कि अपनों पर करम गैरों पर सितम राज्य के लिए यह अच्छी परिपाटी नहीं है और राज्य निर्वाचन आयोग को इसका संज्ञान लेते हुए मंत्री रेखा आर्य को कारण बताओं नोटिस भेजना चाहिए वरना आने वाले दिनों में कोई भी राजनीतिक दल राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस की अनदेखी करने में पीछे नहीं रहेगा।

Uttarakhand News: अब अफसर-कर्मचारी नहीं डाल सकेंगे कोई भी विवादित पोस्ट, बनने जा रही है सोशल मीडिया आचार संहिता.

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Uttarakhand: प्रदेश सरकार अब सरकारी अफसरों और कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया आचार संहिता बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्मिक एवं सतर्कता विभाग से एक सोशल मीडिया पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पॉलिसी का एक ड्राफ्ट दो सप्ताह के भीतर पेश करने को कहा है।

मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने सोशल मीडिया पॉलिसी ड्राफ्ट तलब करने की पुष्टि की है। सरकारी कामकाज में सूचना प्रौद्योगिकी और स्मार्टफोन के इस्तेमाल के बाद से अधिकारियों और कर्मचारियों की सोशल मीडिया पर सक्रियता पिछले कुछ वर्षों से बढ़ गई है। उनकी यह सक्रियता सरकारी कामकाज व योजनाओं के प्रमोशन और नितांत सामाजिक गतिविधियों तक तो सरकार को स्वीकार्य है। लेकिन, पिछले कुछ महीनों में सोशल मीडिया पर सरकार को असहज करने वाली विवादित पोस्ट भी चर्चाओं में रही हैं।

 

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विवादित पोस्ट पर सहायक अध्यापक को किया गया था निलंबित-

शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षकों को विवादित पोस्ट के लिए कारण बताओ नोटिस तक जारी हो चुके हैं। इतना ही नहीं अल्मोड़ा स्याल्दे विकास खंड में एक राजकीय इंटर कॉलेज के सहायक अध्यापक को विवादित पोस्ट के कारण निलंबित तक कर दिया गया था। अन्य महकमों में भी इस तरह के उदाहरण सामने आ चुके हैं।

इन्हीं को ध्यान में रखकर अब शासनस्तर पर सोशल मीडिया पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया गया है। कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग को हाल ही में यूपी सरकार द्वारा बनाई गई सोशल मीडिया पॉलिसी का अध्ययन करने की भी सलाह दी गई है।

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उत्तराखंड पुलिस विभाग ने भी सोशल मीडिया के लिए एक एसओपी तैयार की है। इस एसओपी का भी अध्ययन करने को कहा गया है। सरकार नए वर्ष में सोशल मीडिया पॉलिसी तैयार कर उसे लागू करना चाहती है।

38 वां राष्ट्रीय खेल: 99 स्थानों में बिखरेगी मशाल की रोशनी, 35 दिनों में 3823 किलोमीटर का रास्ता होगा तय.

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  • राष्ट्रीय खेलः 99 स्थानों में बिखरेगी मशाल की रोशनी
  • 35 दिनों में 3823 किलोमीटर का रास्ता नापेगी मशाल रैली
  • अल्मोड़ा व पौड़ी जिले में सबसे ज्यादा 14-14 मशाल केंद्र
  • 26 दिसंबर कोे हल्द्वानी से शुरू होने जा रही है मशाल रैली

38 वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए माहौल बनता जा रहा है। राष्ट्रीय खेलों की मशाल (टार्च) अब उत्तराखंड के कोने-कोने में घूमकर रोशनी फैलाने के लिए तैयार है। हल्द्वानी से गुरूवार 26 दिसंबर को मशाल रैली का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद, सभी 13 जिलों के 99 स्थानों पर यह मशाल घूमेगी और राष्ट्रीय खेलों के लिए जागरूकता फैलाएगी।

मशाल रैली का जो 35 दिन का रूट प्लान तैयार किया गया है, उसमें यह रैली 3823 किलोमीटर का सफर तय करेगी। 26 दिसंबर 2024 से 27 जनवरी 2025 तक मशाल रैली का कार्यक्रम तय किया गया है। मशाल रैली जिस दिन समाप्त होगी, उसके अगले दिन यानी 28 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय खेलों का विधिवत शुभारंभ हो जाएगा। मशाल रैली के रूट प्लान में सभी 13 जिलों को कवर किया गया है। सबसे ज्यादा 14-14 स्थान अल्मोड़ा व पौड़ी जैसे जिले में हैं, जहां पर मशाल घूमेेगी। जिस तरह का कार्यक्रम तय किया गया है, उसमेें मशाल किसी भी जिले में दो से तीन दिन तक ही रहेगी।

राष्ट्रीय खेलों के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मशाल रैली का हल्द्वानी से शुभारंभ किया जा रहा है। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है. मशाल रैली पूरे उत्तराखंड मेें घूमेगी। साथ ही साथ प्रचार केे लिए अन्य तमाम कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

CM Dhami: पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की जयंती..मुख्यमंत्री धामी ने दी श्रद्धांजलि, बोले- उत्तराखंड के रहे प्रणेता.

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत व रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कहा, भारत रत्न वाजपेयी कुशल प्रशासक, राजनीतिज्ञ एवं लोकप्रिय जननेता होने के साथ महान वक्ता भी थे, जिन्हें समाज के सभी वर्गों के लोग सम्मान देते हैं।

उनके लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि था। वे उत्तराखंड राज्य के प्रणेता रहे। उन्होंने न केवल राज्य का निर्माण किया, बल्कि राज्य विकास के लिए आधार भी तैयार किए। कहा, वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने विश्व में अपनी नई पहचान बनाई और 21वीं सदी में मजबूती से कदम आगे बढ़ाए। उनमें सभी को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी। 

Uttarakhand Nikay Chunav: 57 निकायों के लिए 171 दावेदार, प्रत्याशियों के चयन के लिए भाजपा में हुआ मंथन शुरू.

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निकाय चुनाव में उतारे जाने वाले प्रत्याशियों के चयन के लिए भाजपा ने मंथन शुरू कर दिया है। मंगलवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में कुमाऊं मंडल और रुद्रप्रयाग व चमोली जिले की कुल 57 निकायों में मेयर व अध्यक्ष पद पर टिकट की दावेदारी करने वाले दावेदारों के नामों पर विचार हुआ।

पर्यवेक्षकों के माध्यम से तैयार किए गए नामों पर चर्चा के बाद तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया गया। इस तरह सभी 57 निकायों में 171 नाम छांटे गए। सभी नाम प्रदेश चुनाव समिति के समक्ष रखे जाएंगे। समिति नगर पालिका व नगर पंचायतों के अध्यक्ष व वार्ड सदस्यों के नामों पर विचार करेगी। वहीं, नगर निगमों में मेयर के पैनल केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजे जाएंगे।

सक्रियता और लोकप्रियता के पैमाने के आधार पर विचार-

इन सभी पैनलों पर निर्णय केंद्रीय नेतृत्व लेगा। प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की उपस्थिति में कुमाऊं के आठ सांगठनिक जिलों समेत चमोली व रुद्रप्रयाग निकायों के दावेदारों के नामों पर सिलसिलेवार चर्चा हुई। हल्द्वानी नगर निगम का आरक्षण बदलने के बाद वहां मेयर पद पर जोगेंद्र रौतेला, गजराज बिष्ट, प्रमोद तोलिया, प्रकाश हरबोला व कौस्तुभानंद जोशी के नामों पर विचार हुआ।

 

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प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान के मुताबिक, बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने जिलावार पर्यवेक्षकों, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और विधायकों से विमर्श किया। इसमें अब तक निकाय क्षेत्रों में की गई रायशुमारी से सामने आए सभी नामों पर सामाजिक, सक्रियता और लोकप्रियता के पैमाने के आधार पर विचार किया गया।

 

बैठक में महापौर, पालिकाध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष के शीर्ष तीन नामों का पैनल तैयार कर लिया गया है। बताया, सभी निकायों के लिए चुनाव संचालन समिति बना दी गई है, जिसमें आने वाले दिनों में घोषित होने वाले प्रत्याशियों की सहमति से दो और सदस्य बनाए जाएंगे। नामों की घोषणा के बाद चुनाव प्रचार शुरू कर दिया जाएगा। वहीं बुधवार को गढ़वाल मंडल के शेष जिलों के पर्यवेक्षकों से मिलकर वहां के निकायों के पैनल तैयार किए जाएंगे।

Uttarakhand: अमित शाह ने की CM धामी की उपस्थिति में 3 नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा, इंप्लीमेंटेशन पर की उत्तराखंड की तारीफ.

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Amit Shah: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में उत्तराखंड में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, BPR&D के महानिदेशक, NCRB के महानिदेशक और केन्द्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

बैठक में चर्चा के दौरान केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं। गृह मंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।

 

 

कानूनी प्रक्रियाओं के बीच तालमेल-

मेडलीप्र (MedLEaPR) के माध्यम से चिकित्सा और कानूनी प्रक्रियाओं के बीच तालमेल बनाया गया है. मुकदमों के निस्तारण में प्रगति की जानकारी देते हुए बताया गया कि अदालतों द्वारा मामलों के शीघ्र निस्तारण में बेहतरीन प्रदर्शन किया गया है. 41 प्रतिशत मामलों का निपटान और दोषसिद्धि दर प्रभावी न्याय प्रणाली का प्रमाण है.

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केन्द्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को नए कानूनों पर शत-प्रतिशत अमल की दिशा में तकनीक और अन्य क्षेत्रों में gaps भरने के प्रयास करने चाहिएं।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज़्यादा FIR दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राज्य के हर ज़िले में एक से अधिक फॉरेन्सिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों।

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गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनीटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज की गई कुल Zero FIRs में से कितनी FIRs में न्याय मिला और कितनी FIRs राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए। गृहमंत्री शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समयसीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं को बढ़ाने का सुझाव-

केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य सरकार को ऑनलाइन तंत्र के क्रियान्वयन से हुई लागत में बचत का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया. उन्होंने राज्य में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) सुविधाओं की संख्या बढ़ाने का भी सुझाव दिया, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में न्याय प्रक्रिया को और सुलभ बनाया जा सके.

गृहमंत्री शाह ने कहा कि फॉरेन्सिक विज़िट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों – गंभीर, सामान्य और अति सामान्य – में विभाजित करना चाहिए जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। इसके साथ ही गृह मंत्री ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।

बैठक के दौरान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन नए कानूनों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास में भारत सरकार से समर्थन का अनुरोध किया. गृह मंत्री ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए राज्य को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.

Uttarakhand: CM धामी ने किया “पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था” द्वारा आयोजित 5 दिवसीय महाकौथिक में प्रतिभाग.

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने  सेक्टर 21 नोएड़ा स्टेडियम गौतमबुद्ध नगर में “पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था” द्वारा आयोजित पांच दिवसीय महाकौथिक पारंपरिक लोक कला, संस्कृति एवं हस्तशिल्प मेले में प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्था के सदस्य अपने राज्य से दूर रहकर भी उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को न केवल संजोए हुए हैं, बल्कि इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने और आगे बढ़ाने का प्रशंसनीय कार्य भी कर रहे हैं जिसमें विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से हमारे पारंपरिक हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद और उत्तराखंडी व्यंजनों को प्रदर्शित किया गया है। यहाँ आने वाले लोग न केवल इन उत्पादों की खरीदारी कर सकते हैं, बल्कि हमारे पहाड़ी व्यंजनों के विविध और अद्भुत स्वाद का भी आनंद ले सकते हैं।

उत्तराखंड की लोक संस्कृति अपने आप में गौरवशाली है- CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति अपने आप में अद्वितीय और गौरवशाली है। हमारे राज्य के प्रत्येक क्षेत्र की अपनी विशिष्ट पहचान है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों में हमें अपनी लोक कलाओं, पारंपरिक वेशभूषा, हस्तशिल्प और कारीगरी का अनूठा संगम देखने को मिलता है। हमारी संस्कृति ही हमारी मूल पहचान है, चाहे हम जीवन में किसी भी स्तर पर पहुँचें या दुनिया के किसी भी कोने में जाएं, हमारी पहली पहचान ये है कि हम उत्तराखंड वासी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक ओर हमारी सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर “लोकल फॉर वोकल’’, और “मेक इन इंडिया’’ जैसी पहलों के माध्यम से हमारी स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी दिशा में हमारी सरकार ने भी प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों को सफलतापूर्वक लागू किया है, जिससे राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित हो रहा है। आज राज्य में रोड – रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के साथ ही हम पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं।

 

 

राज्य में इकॉनमी के साथ समग्र विकास की दिशा में बढ़ाये जा रहे हैं कदम- CM

उन्होंने कहा कि हम इकॉनमी और इकोलॉजी के समन्वय के साथ राज्य के समग्र विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि आज नीति आयोग द्वारा जारी एस.डी.जी. इंडेक्स रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखण्ड देश में प्रथम पायदान पर हैं। साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी भी प्राप्त हुई है। यही नहीं आज हमारा राज्य युवाओं को रोजगार देने में भी अग्रणी राज्य बनकर उभरा है, हमने एक वर्ष में बेरोजारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है।

उन्होंने कहा कि राज्य में ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं, हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने का काम भी किया जा रहा है। स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे मॉडल, वेड इन उत्तराखंड जैसी योजनाओं के माध्यम से राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था को निरंतर सुदृढ़ करने का प्रयास किये जा रहे हैं।

राज्य में पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में भी नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं- CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न रोजगार परक योजनाओं से राज्य में न केवल रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, बल्कि पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में भी नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश हित में कई ऐतिहासिक निर्णय भी लिए हैं, जिन्हें पूर्व की सरकारों ने अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

 

उत्तराखण्ड में जनवरी 2025 से लागू होगा यू.सी.सी- CM

उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता कानून अर्थात यू.सी.सी. को लागू करने की दिशा में कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जनवरी 2025 में हम राज्य में यू.सी.सी. को लागू भी करने जा रहे हैं। समान नागरिक संहिता की गंगा उत्तराखण्ड से निकलकर पूरे देश को लाभान्वित करने का कार्य करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं के व्यापक हित में प्रदेश में देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। जिसके परिणाम स्वरुप उत्तराखंड में पिछले 3 वर्ष में लगभग 19 हजार युवाओं ने सरकारी नौकरियां पाने में सफलता प्राप्त की है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु लव जिहाद, लैंड जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी क़ानून भी लागू किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भूमि ख़रीदने वाले बाहरी लोगों की गहनता से जाँच की जा रही है, अगर कोई भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके भूखंड को सरकारी संपत्ति में निहित किये जाने की व्यवस्था की जा रही है। शीघ्र ही सख्त भू-कानून लागू कर राज्य के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने वालों के ख़िलाफ़ भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

 

उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं- CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराएं और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं और इन्हें जीवंत रखने तथा आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के हमारी सरकार के विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने सभी प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों का राज्य के विकास में सहयोगी बनने का भी आवाहन किया।

इस अवसर पर पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था की संस्थापिका कल्पना चौहान, संयोजक राजेन्द्र चौहान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरीश असवाल, व्यवस्थापक हरेन्द्र शर्मा, इंदिरा चौहान, लक्ष्मण रावत, सुबोध थपलियाल सहित बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखण्डवासी उपस्थित थे।