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Uttarakhand: 24 गेम चेंजर योजनाओं से प्रदेश को उत्कृष्ट बनाने की तैयारी शुरु, जानिए क्या है सरकार का मास्टर प्लान.

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सरकार ने 24 विभागों की गेम चेंजर योजनाओं पर बजट में खास फोकस किया है। दो वर्षों के भीतर इन योजनाओं का असर धरातल पर नजर आएगा। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सरकार ने इनका जिक्र किया है। माना जा रहा है कि सशक्त उत्तराखंड@25 की परिकल्पना को इससे साकार किया जा सकेगा।

किस विभाग की कौन सी गेम चेंजर योजना-

 

1-कृषि : ई-रूपी योजना। यह कैश का डिजिटल फॉर्म है। बुनियादी ढांचे जैसे डिजिटल पेमेंट सिस्टम, सुरक्षा प्रणाली विकसित होगी। दूरस्थ गांवों तक वित्तीय सेवाएं मिलेंगी। कार्बन फुटप्रिंट कम होगा। राजस्व बढ़ेगा। कागज व धातु का उपयोग कम होगा। इसके लिए बजट में 25 करोड़ दिए गए हैं।

 

2-बदरी: केदार मंदिर समिति: शीतकालीन चारधाम यात्रा योजना। शीतकालीन चारधाम यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए फिल्मी हस्तियों, प्रतिष्ठित खिलाड़ियों व विभिन्न क्षेत्रों के ख्याति प्राप्त महानुभावों से संपर्क कर उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा। इनकी सेवाएं भी ली जा सकती हैं।

3-पशुपालन : वाइब्रेंट विलेज योजना। स्थानीय उत्पादों जैसे जीवित बकरी, भेड़, कुक्कुट, ट्राउट मछली की आपूर्ति आईटीबीपी को देकर हर साल 20 करोड़ व्यावसाय। दूसरी, ग्राम्य गो सेवक योजना में छह जिलों में 54 गो सेवकों को मान्यता। ये सार्वजनिक स्थानों पर घूमते निराश्रित नर गोवंश की संख्या में कमी पर कार्य करेंगे। फसलें व जनमानस को आसानी होगी। रोजगार बढ़ेगा।

4-सगंध पौध केंद्र : महक क्रांति योजना। यह योजना 2035 तक चलेगी। मुख्य लक्ष्य एरोमा वैली की स्थापना। 118 करोड़ के बजट से सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा, किसानों की आय में वृदि्ध, सुगंधित तेलों व उत्पादों का उत्पादन बढ़ाना, राज्य को आत्मनिर्भर बनाने का काम होगा।

मत्स्य हैचरी का पीपीपी मोड पर संचालन-

5-मत्स्य : प्लॉट फार्मिंग योजना, राज्य स्तरीय एकीकृत एक्वा पार्क, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना व ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत मत्स्य हैचरी का पीपीपी मोड पर संचालन। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।

6-उद्यान : एप्पल मिशन, नाबार्ड की आरआईडीएफ योजना के तहत क्लस्टर पॉलीहाउस की स्थापना। ये योजनाएं राज्य में बागवानी के विकास को नई दिशा देंगे।

7-वन : उत्तराखंड में इको-टूरिज्म और गैर प्रकाष्ठ वन उपज का विकास, हर्बल एवं इको-टूरिज्म परियोजना। हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर को छोड़कर बाकी जिलों में ये योजनाएं चलेंगी।

8-ग्राम्य विकास : हाउस ऑफ हिमालयाज योजना। इसके लिए बजट में 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के लिए भी 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

9-शहरी विकास : 100 करोड़ से राज्य में 100 नए पार्कों का निर्माण। एआई के माध्यम से 275 करोड़ से स्ट्रीट लाइट का मैनेजमेंट।

10-स्टाम्प एवं निबंधन विभाग : पेपरलैस रजिस्ट्रेशन।

11-पंचायती राज : ग्राम पंचायतों में अवस्थापना सुविधा, पंचायत डेवलपमेंट इंडेक्स आधारित थीमेटिक ग्राम पंचायत विकास योजना का निर्माण।

12-श्रम: मदृश्रम पोर्टल तैयार करना। हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर को शून्य बाल श्रम क्षेत्र बनाना।

13-पर्यटन : उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना 2024, स्थायी निवासियों को एक करोड़ से पांच करोड़ तक पूंजी निवेश के लिए प्रोत्साहित करना।

70 चार्जिंग स्टेशन की स्थापना-

14-परिवहन : पीएम ई-बस सेवा के तहत इलेक्टि्रक बस संचालन। चारधाम यात्रा मार्ग पर 28 ई-चार्जिंग स्टेशन, जो 856 किमी मार्ग को कवर करेंगे। 7.75 करोड़ खर्च होगा। दूसरे चरण में 41 चार्जिंग स्टेशन, तीसरे चरण में 70 चार्जिंग स्टेशन की स्थापना की जाएगी।

15-माध्यमिक शिक्षा : प्रोजेक्ट प्रज्ञा एवं वैश्विक संस्थाओं के सहयोग से हॉस्पिटैलिटी एंड कलिनरी क्षेत्र में छात्रों का प्रशिक्षण।

16-तकनीकी शिक्षा: ऑनलाइन प्रशिक्षण एवं रोजगार योजनाएं।

17-उच्च शिक्षा : समर्थ ई-गवर्नमेंट पोर्टल फॉर डिजिटलाइनेशन व देवभूमि उद्यमिता योजना।

18-कौशल विकास: मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के लिए 15 करोड़ का प्रावधान। स्किल सेंसस के लिए 50 लाख। नियोक्ता व नौकरी वालों के लिए एकीकृत पोर्टल योजना के लिए 50 लाख, सेवायोजन कार्यालयों का पुनर्गठन के लिए दो करोड़। लक्षित समूह की नौकरी के लिए पांच लाख का प्रावधान।

यूटिलिटी डक्ट पॉलिसी-

19-नियोजन: सेतु आयोग का गठन, यूआईआईडीबी गठन, सर्विस सेक्टर नीति का गठन, परिवार पहचान पत्र।

20-ऊर्जा: मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना।

21-चाय बोर्ड : टी टूरिज्म योजना, होम स्टे योजना।

22- सिंचाई: बांध, बैराज निर्माण। स्लोप स्टेबलाइजेशन। स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज।

23-स्वास्थ्य: दूरस्थ क्षेत्रों के लिए विशेषज्ञ परामर्श, द्वार पर निदान, आत्मनिर्भर मेडिसिटी को बढ़ावा। अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली व नर्सिंग छात्रों का कौशल विकास।

24-लोक निर्माण विभाग: रिस्पना-बिंदाल पर चाल लेन एलिवेटेड सड़क निर्माण। दून-मसूरी कनेक्टिविटी, देहरादून रिंग रोड, यूटिलिटी डक्ट पॉलिसी।

महाकुंभ की तरह सबके लिए समान भाव रखता है यूसीसी’

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देश में सबसे पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के बाद महाकुंभ पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी भी महाकुंभ की तरह ही लोगों में समान भाव रखता है। कोई भेदभाव नहीं है। अब जहां लोगों को शादी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा, वहीं तलाक भी कोर्ट के आदेश पर ही हो सकेगा। महिलाओं को भी समान अधिकार दिए गए हैं,उत्तराखंड देवभूमि है। यहां हर साल करोड़ों श्रद्धालु चारधाम, हरिद्वार, नीम करौली समेत विभिन्न जगहों पर धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेने आते हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि यहां की सामाजिक संरचना में कोई भेदभाव या असमानता न हो। यूसीसी लागू करने का कदम समाज में समान अधिकार और कर्तव्यों की भावना को सुदृढ़ करेगा।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है। यह भारतीय संस्कृति, एकता और समरसता का प्रतीक है। करोड़ों लोगों के इस आयोजन में भाग लेने से यह स्पष्ट होता है कि हमारी संस्कृति विविधता में एकता को मान्यता देती है। यूसीसी इस भावना को और मजबूत करेगा। जब एक समान कानून होगा, तो हर व्यक्ति यह महसूस करेगा कि वह इस देश का अभिन्न हिस्सा है और यही भावना महाकुंभ की आत्मा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य किसी समुदाय की परंपराओं या धर्म में हस्तक्षेप करना नहीं है। बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि सभी नागरिक समान अधिकारों और कर्तव्यों के साथ एक समाज में रहें। महाकुंभ जैसे आयोजन में सभी लोग बिना भेदभाव के एकत्रित हो सकते हैं, तो समाज में भी यह भावना यूसीसी के माध्यम से स्थापित हो सकती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करना नहीं, इसे और सुदृढ़ करना है। यह सुनिश्चित करेगा कि हर व्यक्ति को बिना भेदभाव के अधिकार मिले। महाकुंभ की तरह, जहां लोग अपने तरीके से पूजा-अर्चना करता है, यूसीसी भी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए समानता की भावना को बढ़ावा देगा।उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू (यूसीसी) करने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी को प्रयागराज के संत समागम में सम्मानित किया गया। धामी ने कहा, संतों की ओर से मेरा सम्मान उत्तराखंड के हर नागरिक का सम्मान है। देवभूमि में किसी भी धर्म या जाति के लिए अब समान कानून हैं। समागम में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज, स्वामी चिदानंद मुनि महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी समेत कई संत मौजूद रहे।

National Games 2025: 38वें नेशनल गेम्स में उत्तराखंड का नया रिकॉर्ड, अब तक के इतिहास में पहली बार जीते पांच स्वर्ण पदक.

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राष्ट्रीय खेलों में सोना जीतने में बृहस्पतिवार को उत्तराखंड ने नया रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिया। ताइक्वांडों में राज्य की पूजा यादव के स्वर्ण पदक जीतते ही राज्य को मिले स्वर्ण पदकों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। यह पिछले सभी राष्ट्रीय खेलों में अब तक का रिकॉर्ड है।

राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को अभी बॉक्सिंग और एथलेटिक्स सहित कई खेलों में पदकों की उम्मीद है। राज्य के पांच मुक्केबाज निवेदिता, काजल, हिमांशु सोलंकी, कपिल पोखरिया और नरेंद्र सिंह ने बॉक्सिंग के फाइनल में पहुंच गए हैं। ये खिलाड़ी गोल्ड के लिए आज विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों को अपने मुक्कों का दम दिखाएंगे।

ताइक्वांडों में भी राज्य के चार पदक पक्के हो गए हैं। फुटबॉल में भी राज्य के खिलाड़ियों ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचा है। फुटबॉल के आज होने वाले फाइनल मुकाबले में राज्य के खिलाड़ी गोल्ड के लिए टक्कर देंगे। इसके अलावा, कुछ अन्य खेलों में भी राज्य को पदकों की उम्मीद है।

 

उत्तराखंड को अब तक इन खेलों में मिले पांच स्वर्ण- उत्तराखंड को वुशु में पहला स्वर्ण पदक मिला। लॉन बॉल, योगासन, कैनोइंग और कयाकिंग और ताइक्वांडो में भी उत्तराखंड सोना जीत चुका है।

 

पिछले राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को मिले पदक-

आयोजन राष्ट्रीय खेल रैंक स्वर्ण रजत कांस्य कुल पदक
गोवा 37वें 25वीं  3  7 14 24
गुजरात 36वें 26वीं 1 8 9 18
केरल 35वें 23वीं 2 5 12 19
झारखंड 34वें 19वीं 4 4  5 13
गुवाहटी 33वें 18वीं 4 4  5 13

 

रेल बजट में उत्तराखंड की झोली में आए 4641 करोड़, चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन में आएगी तेजी.

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रेल बजट से उत्तराखंड की झोली में 4641 करोड़ रुपये आए हैं। बजट का यह आकार पड़ोसी राज्य हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से कहीं अधिक है। राज्य के हिस्से आए बजट से सामरिक और चारधाम यात्रा के महत्व वाली 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण और तेजी गति से करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा 11 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित करने में भी धन की कोई कमी नहीं होगी।

 

सोमवार को पत्र सूचना कार्यालय में वर्चुअल जुड़े रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 से 2014 के बीच राज्य को कुल 187 करोड़ रुपये रेल बजट में मिले थे। इस लिहाज से देखें तो मौजूदा बजट का आकार 25 गुना है।

 

केंद्र सरकार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को लेकर गंभीर है। इससे न सिर्फ सामरिक महत्व की पूर्ति होगी, बल्कि चारधाम यात्रा को भी गति मिलेगी। 24 हजार 659 करोड़ रुपये की इस मेगा परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2026 तय किया गया है। वर्तमान तक 49 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा किया जा चुका है।

 

 

कवच प्रणाली पर होगा काम-

प्रदेश में जिन 11 रेलवे स्टेशनों का विकास अमृत स्टेशन परियोजना में किया जा रहा है। इनके लिए 147 करोड़ रुपये का प्रविधान है। रेलवे में सुरक्षा की दृष्टि से कवच प्रणाली से उत्तराखंड को भी जोड़ा गया है। राज्य में 49 रूट किलोमीटर के लिए कवच प्रणाली की संस्तुति की गई है।

 

अमृत स्टेशन परियोजना वाले स्टेशन: देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लालकुआं जंक्शन, रामनगर, रुड़की और टनकपुर।

 

रेलवे को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी रखा गया: अश्विनी वैष्णव

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि बजट में रेलवे को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी रखा गया है। इसके लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और 17,500 सामान्य कोच, 200 वंदे भारत और 100 अमृत भारत ट्रेनों के निर्माण जैसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

 

वैष्णव ने रेल भवन में संवाददाताओं से कहा कि बजट में 4.6 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाएं शामिल की गई हैं। इन्हें चार से पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा। इनमें नई लाइनें बिछाने, दोहरीकरण, चौगुनीकरण, नए निर्माण, स्टेशन पुनर्विकास, फ्लाईओवर, अंडरपास सहित कई अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन वर्षों में 100 अमृत भारत, 50 नमो भारत और 200 वंदे भारत (स्लीपर और चेयर कार) ट्रेनें बनाई जाएंगी। नई अमृत भारत ट्रेनों से हम कई छोटी दूरी के शहरों को जोड़ेंगे।

Uttarakhand Nikay Chunav: अनिल बलूनी के गढ़ में हारी बीजेपी, पौड़ी नगर पालिका में निर्दलीय प्रत्याशी जीती- जानिए कहां किसकी हुई जीत.

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उत्तराखंड में निकाय चुनाव के लिए मतगणना जाारी है. पूरे प्रदेश में 19,81,200 मत आज प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कर रहे हैं. मतगणना 8 बजे से जारी है और मतदान केंद्रों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किए गए हैं. वहीं उत्तराखंड में मतगगणना के लिए 54 केंद्र बनाए गए हैं. प्रदेश की 100 नगर निकायों में कुल 30,29,028 मतदाता में से 19,81,200 मतदाताओं ने मतदान किया है. देहरादून नगर निगम के 100 वार्डों के अलावा मेयर पद पर भी चुनाव परिणाम आज आएंगे, जिस पर सबकी नजर बनी हुआ है. निकाय चुनाव के लिए मतगणना में सबसे पहले पोस्टल बैलेट खोले गए. राजधानी देहरादून नगर निगम में कुल 432000 वोटों की गिनती की जाएगी. वहीं वोटों की गिनती के लिए 7 हाल बनाए गए हैं.

 

जानिए देहरादून किस वार्ड में कौन जीता-
  • वार्ड 65 से भाजपा पार्षद प्रत्याशी ने जीत की हासिल.
  • वार्ड 64 से भाजपा पार्षद प्रत्याशी सुशीला ने की जीत दर्ज.
  • वार्ड 80 से भाजपा पार्षद प्रत्याशी अंजली सिंघल ने 706 वोट से जीत की हासिल.
  • वार्ड नंबर 47 से कांग्रेस प्रत्याशी रोबिन त्यागी की 650 वोटो से जीत.

 

अनिल बलूनी के गढ़ हारी बीजेपी, पौड़ी नगर पालिका में निर्दलीय प्रत्याशी जीती-

नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी का परिणाम घोषित हो गया है. यहां निर्दलीय प्रत्याशी ने भाजपा और कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है. निर्दलीय प्रत्याशी हिमानी नेगी ने पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की. हिमानी नेगी को 3165 वोट मिले हैं. हिमानी की जीत के बाद समर्थकों में जोश है. वहीं भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन इस बार काफी निराशाजनक रहा है.

 

 

नगर निगम श्रीनगर में बीजेपी पार्षदों की लिस्ट- 

नगर निगम श्रीनगर में ये पार्षद चुनाव जीते-

 

  • 1 राजेंद्र नेगी, बीजेपी
  • 2 विजय सोनू चमोली, निर्दलीय
  • 3 उषा देवी, बीजेपी
  • 4 कुसुमलता बिष्ट, निर्दलीय
  • 5 पूजा बर्थवाल, निर्दलीय
  • 6 भावना चौहान, निर्दलीय
  • 7 गुड्डी देवी, बीजेपी
  • 8 मीना देवी, निर्दलीय
  • 9 सुनीता गैरोला, बीजेपी
  • 10 आशीष नेगी, निर्दलीय
  • 11 अंजना डोभाल, बीजेपी
  • 12 शुभम प्रभाकर, बीजेपी
  • 13 अंजनी भंडारी, निर्दलीय
  • 20 – उज्जवल अग्रवाल बीजेपी
  • 21 – अंजना रावत निर्दलीय
  • 22 – कुसुमलता कांग्रेस
  • 23 – दीपक बीजेपी
  • 24 – रमेश रमोला बीजेपी
  • 25 – विकास चौहान निर्दलीय
  • 26 – सूरज नेगी कांग्रेस
  • 27 – मीना असवाल बीजेपी
  • 28 – जयपाल बिष्ट निर्दलीय
  • 29 – पूजा किमोठी निर्दलीय
  • 30 – हिमांशु बहुगुणा बीजेपी

 

पिथौरागढ़ जिले में बीजेपी को लगा झटका-
  • पिथौरागढ़ नगर निगम में मेयर पद की निर्दलीय प्रत्याशी मोनिका महर ने बीजेपी कैंडिडेट कल्पना देवलाल से आगे चल रही है.
  • वहीं बेरीनाग नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी हेमा पंत ने निर्दलीय प्रत्याशी रजनी रावत को 75 वोट से हराया.
  • गंगोलीहाट नगर पालिका में अध्यक्ष पर भाजपा प्रत्याशी विमल रावल ने कांग्रेस प्रत्याशी नारायण बोरा को 271 वोट से पराजित किया.
  • डीडीहाट नगर पालिका में कांग्रेस के गिरीश चुफाल ने निर्दलीय प्रत्याशी ललित मोहन कफलिया को 124 मतों से हराया.
  • पिथौरागढ़ नगर निगम में देर शाम तक परिणाम आने की संभावना है.

 

भवाली नगर पालिका में कांग्रेस जीत-

भवाली नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस उम्मीदवार पंकज कुमार जीते

 

चंपावत जिले का अपडेट-
  1. चंपावत जिले में बनबसा नगर पंचायत अध्यक्ष पर बीजेपी का कब्जा.
  2. बीजेपी प्रत्यासी रेखा देवी जीती.
  3. कांग्रेस प्रत्याशी को 75 वोट से हराया

 

नैनीताल जिला- भीमताल नगर पालिका में कांग्रेस जीती-
  • नैनीताल जिले की भीमताल नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी सीमा टम्टा 150 वोट से जीती.
  • भीमताल नगर पालिका अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी सीमा टम्टा को 2822 वोट मिले.
  • वहीं भाजपा की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी कमला आर्या को 2662 वोट मिले.

 

हरिद्वार नगर निगम अपडेट:
  1. वार्ड नंबर एक से भाजपा के आकाश भाटी 400 वोट से जीते.
  2. वार्ड नंबर दो से भाजपा की सुनीता देवी विजय.
  3. वार्ड नंबर तीन से भाजपा सूर्यकांत शर्मा जीते.
  4. वार्ड नंबर चार में कांग्रेस जीती. महावीर वशिष्ठ बने वार्ड नंबर 4 के पार्षद.
  5. वार्ड नंबर पांच से पांच भाजपा के अनिल वशिष्ठ जीते.
  6. वार्ड नंबर छङ से भाजपा प्रत्याशी सुमित चौधरी चुनाव जीते.
  7. वार्ड नंबर सात श्रुति खेवरिया भाजपा की जीत.
  8. वार्ड नंबर आठ से हिमांशु गुप्ता ने कॉन्ग्रेस जीत की हासिल.
  9. वार्ड नंबर नौ से सोहित सेठी ने कॉन्ग्रेस जीत की हासिल.
  10. वार्ड दस से बीजेपी के सचिन कुमार जीते.
  11. वार्ड 11 से बीजेपी के दीपक शर्मा जीते.
  12. वार्ड 13 से भाजपा के मंजू रावत जीती.
  13. वार्ड 15 से कांग्रेस के विकी भूषण जीते.
  14. वार्ड नंबर 16 से भाजपा प्रत्याशी निशा नौडियाल जीती.
  15. वार्ड नंबर 17 रानी देवी भाजपा से जीती.
  16. वार्ड नंबर 18 से भाजपा प्रत्याशी ममता नेगी जीती.
  17. वार्ड नंबर 19 मोनिका सैनी भाजपा से जीती.

 

चमोली जिले से कांंग्रेस के लिए अच्छी खबर-
  • नगर निकाय चुनाव में चमोली जिले के थराली से कांग्रेस प्रत्याशी सुनीता रावत ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से 544 वोट से जीत दर्ज की.
  • गोपेश्वर में भाजपा प्रत्याशी संदीप रावत उर्फ बबलू 615 वोटो से जीत दर्ज की.
  • गैरसेंण से कांग्रेस प्रत्याशी मोहन भंडारी ने 460 मतों से जीत दर्ज की.
  • पीपल कोटि से निर्दलीय प्रत्याशी ने आरती नवानी ने 194 वोटो से जीत दर्ज की.
  • कर्णप्रयाग से भाजपा प्रत्याशी गणेश शाह ने जीत दर्ज की.
  • ज्योतिर्मठ से देवेश्वरी शाह कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की.
  • नन्दप्रयाग से पृथ्वी सिंह रौतेला कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज किया.
  • नन्दनगर कांग्रेस प्रत्याशी बिना रौतेला ने जीत दर्ज की.
  • गौचर का अभी परिणाम नहीं आया है.

 

Uttarakhand Nikay Chunav: मोर्चे पर सीएम धामी, 12 दिन में की 52 चुनावी सभाएं और रोड शो.

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Nikay Chunav: समान नागरिक संहिता की पहल समेत अनेक ऐतिहासिक निर्णय लेकर देशभर में चर्चा में आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का निकाय चुनाव में भाजपा ने भरपूर उपयोग किया।

पार्टी के स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री धामी ने भी चुनाव अभियान की कमान संभाली और 12 दिन में 52 चुनावी सभाएं, रोड शो समेत अन्य कार्यक्रमों के जरिये प्रचार अभियान को धार दी।

इस दौरान उन्होंने जहां विपक्ष को निशाने पर लिया, वहीं अपनी सरकार की उपलब्धियों और निकायों के विकास के लिए रोडमैप भी रखा। साथ ही समान नागरिक संहिता, लैंड व थूक जिहाद जैसे विषयों को प्रचार अभियान के दौरान प्रमुखता से उठाया।

 

गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक ताबड़तोड़ चुनावी कार्यक्रमों में भागीदारी-

चुनाव चाहे लोकसभा के हों अथवा विधानसभा के, भाजपा नेतृत्व मुख्यमंत्री धामी का भरपूर उपयोग करता आया है। अब जबकि राज्य में निकाय चुनाव हो रहे हैं तो पार्टी ने स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री धामी को मोर्चे पर लगाया। उन्होंने निकाय चुनाव प्रचार अभियान की कमान अपने हाथ में लेने के साथ ही गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक ताबड़तोड़ चुनावी कार्यक्रमों में भागीदारी की।

मुख्यमंत्री ने मुखर होकर अपनी सरकार के निर्णयों और राज्य के खाते में आई उपलब्धियों को जनता के समक्ष रखा।

 

साथ ही वह विपक्ष कांग्रेस पर निरंतर हमलावर रुख अख्तियार किए रहे। उन्होंने विपक्ष पर राज्य की वास्तविक समस्याओं को गंभीरता से न लेने का आक्षेप लगाया तो अपनी सरकार के कार्यकाल में निकायों में हुए कार्यों के साथ ही भविष्य का रोडमैप भी जनता के सामने रखा।

 

पार्टी का तीन सप्ताह का सघन प्रचार अभियान सफल-

उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में पार्टी का तीन सप्ताह का सघन प्रचार अभियान बेहद सफल रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी की सभाओं व रोड शो में उमड़े जनसमूह ने साफ कर दिया है कि राज्य के सभी 100 नगर निकायों में भाजपा परचम फहराएगी।

 

 

National Games: स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करेंगी 141 टीमें.. एंबुलेंस से लेकर हेली एंबुलेंस तक की रहेगी व्यवस्था, जानिए क्या है खास तैयारी.

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राष्ट्रीय खेलः

स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करेंगी 141 टीमें

जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस से लेकर हेली एंबुलेंस तक की व्यवस्था रहेगी उपलब्ध

स्वास्थ्य विभाग ने नामित किए नोडल अफसर, बांट दी जिम्मेदारी

दून व हल्द्वानी के स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए विशेष व्यवस्था

 

38 वें राष्ट्रीय खेल के दौरान खिलाड़ियों और मेहमानों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए 141 टीमों का गठन किया गया है। 28 जनवरी से लेकर 14 फरवरी तक यह टीमें अलर्ट मोड में रहेंगी। इस दौरान जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस से लेकर हेली एंबुलेंस तक की सुविधा तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग ने बडे़ स्तर पर राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां की हैं। स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार के अनुसार-राज्य स्तर पर राज्य नोडल अधिकारी, उप नोडल अधिकारी व सह नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। जनपद स्तर पर जिला नोडल अधिकारी मुख्य चिकित्साधिकारी और सह नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी बनाए गए हैं। एंबुलेंस हेतु जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप स्टेडियम, रायपुर, देहरादून के धनवन्तरी ब्लॉक में 10 बैडेड अस्पताल खिलाड़ियों हेतु संचालित किया जाएगा। इसी तरह, आईजीआईसीएस स्टेडियम, गोला पार हल्द्वानी में दो बैडेट अस्पताल संचालित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त मात्रा में औषधियां, उपकरण क्रय किए जा रहे हैं।

 

डाॅ टम्टा कुमाऊं और डाॅ नेगी गढ़वाल के नोडल अफसर-

-स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार के अनुसार-डॉ० तरूण टम्टा, प्रमुख अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, नैनीताल को कुमाऊं मंडल का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। डाॅ टम्टा ने स्पोर्ट्स मेडिसन में शिक्षा प्राप्त की है। निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, गढ़वाल मंडल पौड़ी गढ़वाल के स्तर पर डाॅ केएस नेगी को गढ़वाल मंडल का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। नोडल अफसरों को स्थलीय निरीक्षण करने के लिए कहा गया है।

 

इस तरह की हैं विभाग की तैयारियां-

1-प्राइमरी हैल्थ केयर, सेकेंड्री हैल्थ केयर व टर्रसियरी हैल्थ केयर के नोडल अधिकारी और सह नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। सेकेंड्री हैल्थ केयर, जो जिला चिकित्सालय है, उनमें चिकित्सा विशेषज्ञ जैसे-न्यूरो, कार्डिक, हैड इंजरी एवं स्पाइन इंजरी को उक्त अवधियों में ऑन-कॉल (24*7) रखे गए हैं।
2-प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 03 ऑन कॉल (24*7) एंबुलेंस मय आवश्यक औषधि सहित तैनात है। खेल स्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के रहने के स्थान के निकटतम चिकित्सा ईकाईयों में ऑन-कॉल (24*7) टीमें तैनात की गई हैं। प्रत्येक जनपद में सूचीबद्ध चिकित्सालयों की व्यवस्था की गई है।
3-प्रत्येक खेल व शिफ्ट में एक टीम बनाई गई है, जिसमें डॉक्टर-01, नर्सिंग स्टॉफ-02, फिजियोथेरेपिस्ट-02(महिला/पुरुष) व वार्ड ब्वाय-01 को टीम में रखा गया है और 01 टीम को स्टैंड बाय रखा गया है।
4-सभी खेल स्थलों में 01-एएलएस एंड 01-बीएलएस एंबुलेंस की तैनाती चिकित्सकीय दल के साथ की गई है। 01 बीएलएस एंबुलेंस को स्टैंड बाय रखा गया है।
5-प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 03 ऑन-कॉल (24*7) एंबुलेंस मय आवश्यक औषधि सहित तैनात है। खेल स्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के रहने के स्थान के निकटतम चिकित्सा इकाईयों में ऑन-कॉल (24*7) टीमें तैनात की गई है।

 

तैयारियों का ये भी लेखा-जोखा-

150 डाॅक्टर, 300 नर्सिंग स्टॉफ, 25 फिजियोथेरेपिस्ट, 30 फार्मासिस्ट व 50 वार्ड ब्वाय तैनात किए गए हैं।

115 एंबुलेंस राष्ट्रीय खेलों के दौरान तैनात रहेंगी। ये एंबुलेंस विभागीय और 108 सेवा की हैं।

05 बैड एम्स ऋषिकेश के ट्रामा विभाग में दिनांक 28 जनवरी 2025 से दिनांक 14 फरवरी 2025 तक) रिजर्व रहेंगे। आवश्यकता पड़ने पर एयरलिफ्ट की सुविधा हेली एंबुलेंस के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।

50 चिकित्साधिकारियों को एम्स ऋषिकेश में कैपिसिटी बिल्डिंग हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। यह चिकित्साधिकारी समस्त जनपद के हैं।

“राष्ट्रीय खेल हमारे राज्य के लिए गौरव का क्षण है। खिलाड़ियों और मेहमानों को उच्चतम स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है। हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखा गया है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

Uttarakhand: अभावों से संघर्ष कर मिसाल पेश करने वाली लड़की अंजना आज चुनावी मैदान में.

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उत्तराखंड प्रदेश के अंदर एक ऐसी लड़की भी चुनाव मैदान में हैं जिसकी कहानी न केवल आपको सोचने को मजबूर कर देगी बल्कि इस प्रदेश की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा भी साबित होगी. तमाम लड़के लड़कियां आजकल रील्स बनाकर वायरल होना चाहते हैं, हालाँकि इसमें कोई बुराई भी नहीं है. लेकिन ये भी सच है कि जब वो सच में सफल हो जाते हैं, तो खुद-ब-खुद उनको प्रसिद्धि मिल जाती है।

 

 

इसका जीता-जागता उदाहरण हैं श्रीनगर गढ़वाल की लड़की अंजना चायवाली, अभावों से भरा जीवन और कम उम्र में मिली जिम्मेदारियां व्यक्ति को जो सीख देती हैं उसे जीवन की कोई पाठशाला नहीं दे सकती है, अभावों एवं जिम्मेदारियों से भरी जीवन की इसी पाठशाला से बनी और तपी वीरांगना तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित अंजना रावत जिनके संघर्षों की कहानी समाज को प्रेरणा देती है, आज वो छोटी सरकार के चुनावी समर में हैं।

साल 2011 में अंजना के पिता जिन्दगी की जंग हार गए। लेकिन अंजना नहीं हारी. उसने चाय की दुकान के साथ साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी, समाज शास्त्र में एमए किया, और साथ ही एम एस डब्ल्यू का डिप्लोमा भी हासिल किया, कम उम्र में पहाड़ सी जिम्मेदारियों को बखूबी संभाला, पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने अपनी बड़ी बहिन की शादी की और छोटे भाई को अपने पैरों पर खड़े होने लायक बनाया, जिस उम्र में लड़कियां अक्सर घूमना फिरना और मौजमस्ती से अपना जीवन काटती हैं उस उम्र में अंजना ने एक छोटी सी चाय की दुकान चलाकर,दुकानों में जाकर चाय बाँटकर न केवल अपने परिवार का भरण पोषण किया बल्कि अपने भाई की पढ़ाई से लेकर अपनी बड़ी बहिन की शादी कर अपने पिता की जिम्मेदारियां निभाई और खुद की भी पढ़ाई पूरी की।

 

स्वभाव से बेहद शालीन अंजना अनेक समस्याओं से पार पाते हुए आज लोगों के कहने पर अपने वार्ड से पार्षद का चुनाव लड़ रही है, उम्मीद है इसमें भी उनको सफलता मिलेगी निश्चित ही अंजना की कहानी इस पहाड़ की नारियों के लिए एक प्रेरणा है जो किसी मुश्किल में होने पर उनका हौसला बढ़ाएगी।

 

Uttarakhand: भू-तापीय ऊर्जा से बिजली बनाने का आइसलैंड के साथ MOU, सीएम धामी और आइसलैंड के राजदूत की उपस्थिति में हुआ समझौता ज्ञापन.

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उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी VERKIS के मध्य संपादित हुआ भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और इसके विकास से संबंधित MoU

मुख्यमंत्री धामी और आइसलैंड के राजदूत बेनेडिक्ट हॉस्कुल्सन की उपस्थिति में हुआ समझौता ज्ञापन

 

उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी वर्किस कंसलटिंग इंजिनियर्स के मध्य सचिवालय में मुख्यमंत्री धामी और आइसलैंड के राजदूत डॉ. बेनेडिक्ट हॉस्कुलसन की गरिमामय उपस्थिति में उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास के संबंध में समझौता संपन्न हुआ।

 

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की उपस्थिति में एमओयू पर उत्तराखंड सरकार की ओर से सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम और आइसलैंड के राजदूत डॉ. बेनेडिक्ट हॉस्कुलसन ने हस्ताक्षर किए। वर्चुअल माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस समझौता ज्ञापन को उत्तराखंड के साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के क्षेत्र में एक माइलस्टोन बताया। उन्होंने कहा कि भू-तापीय ऊर्जा के इस एमओयू के माध्यम से न केवल स्वच्छ और नवीनीकरण ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त होगा बल्कि पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित रहते हुए समावेशी विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आइसलैंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देश है और इनके तकनीकी सहयोग और अनुभव से उत्तराखंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरेगा. कहा कि भारत सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से इसकी अनापत्ति भी प्राप्त हो चुकी है। कहा कि राज्य में भूतापीय ऊर्जा के व्यवहारिकता के अध्ययन का व्यय भार का वहन आइसलैंड सरकार द्वारा किया जाएगा।

मालूम हो कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण एवं वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून के आकलन के अनुसार उत्तराखंड राज्य में लगभग 40 भू-तापीय स्थल चिह्नित किए गए हैं, जिनमें भू-तापीय ऊर्जा का दोहन किया जा सकता है। इस समझौते के दौरान दिलीप जावलकर, दीपेंद्र चौधरी, रेजिडेंट कमिश्नर अजय मिश्रा, अपर सचिव रंजना राजगुरु, वर्किस कंपनी से हैंकर हैरोल्डसन, रंजीत कुंना व आइसलैंड एंबेसी से राहुल चांगथम उपस्थित रहे।

अध्ययन का व्यय भार आइसलैंड सरकार उठाएगी-

मुख्यमंत्री ने कहा कि आइसलैंड भू-तापीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देश है। इसके तकनीकी सहयोग और अनुभव से उत्तराखंड भू-तापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से इसकी अनापत्ति भी प्राप्त हो चुकी है। कहा कि राज्य में भू-तापीय ऊर्जा के व्यवहारिकता के अध्ययन का व्यय भार का वहन आइसलैंड सरकार की ओर से किया जाएगा।

 

MoU में क्या-क्या है खास-

उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास में जुड़ेगा नया आयाम.

आइसलैंड की कंपनी वर्किस की विशेषज्ञता का लाभ.

उत्तराखंड के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास में माइलस्टोन होगा साबित.

उत्तराखंड में भू तापीय ऊर्जा के दोहन योग्य 40 भूतापीय स्थल चिन्हित.

भारत के 2070 के कार्बन न्यूट्रल बनने के संकल्प में होगा सहायक.

 

इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर व दीपेंद्र चौधरी, विशेष सचिव /रेजिडेंट कमिश्नर अजय मिश्रा, अपर सचिव रंजना राजगुरु, प्रबंध निदेशक यू.जे.वी.एन. लिमिटेड संदीप सिंहल, प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी. ध्यानी सहित वर्किस कंपनी से हैंकर हैरोल्डसन, रंजीत कुंना व आइसलैंड एंबेसी से राहुल चांगथम उपस्थित थे।

Uttarakhand-प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा, फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट किए गए जारी.

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दून अस्पताल में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने का मामला सामने आया है। एंटीरेट्रोवाइरल उपचार इकाई (एआरटी) में तैनात एक चिकित्सक ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किए हैं। इसमें एक वार्ड बॉय के संलिप्त होने की बात भी सामने आ रही है। अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से दोनों को हटा दिया है। मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक मरीज का प्रमाण पत्र अस्पताल वापस आया और उसने प्रमाण पत्र को स्वीकार न किए जाने की बात कही। जब प्रमाण पत्र की जांच की गई तो पता चला कि अस्पताल के एआरटी इकाई में तैनात चिकित्सक ने यह प्रमाण पत्र जारी किया है। जानकारी के मुताबिक एक व्यक्ति ने पूर्व में पैसे देकर चिकित्सक से फिटनेस मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाया था। जहां पर उसको वह मेडिकल जमा करवाना था, वहां के अधिकारियों ने स्वीकार करने से इन्कार कर दिया और मेडिकल सही न होने की बात कही।

इसके बाद जब वह मेडिकल लेकर अस्पताल आया तो मेडिकल के फर्जी होने की बात सामने आई। चिकित्सक के साथ अस्पताल का ही एक वार्ड बॉय भी शामिल था। यह पूरा मामला प्रकाश में आने के बाद दोनों को एआरटी सेंटर से हटा दिया गया है। अस्पताल प्रबंधन मामले की उच्च स्तरीय जांच कराएगा।

दो महीने पहले ही चिकित्सक की एआरटी में की गई थी तैनाती-

अस्पताल प्रबंधन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक चिकित्सक को नवंबर में ही दून मेडिकल कॉलेज के कम्यूनिटी मेडिसन से एआरटी सेंटर में तैनात किया गया था। पूर्व में एआरटी सेंटर में चिकित्सक न होने की वजह से संबंधित चिकित्सकों को यहां पर तैनात किया गया था। वे एचआईवी रोगियों की जांच कर रहे थे।

 

सिर्फ फैकल्टी को ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का अधिकार-

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में सिर्फ फैकल्टी ही किसी भी प्रकार का मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए अधिकृत है। ऐसे में इस तरह के सर्टिफिकेट सामने आने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

ऐसे बनता है सही मेडिकल सर्टिफिकेट-

दून अस्पताल में लोग मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आते हैं। इसके लिए उन्हें सबसे पहले ओपीडी का पर्चा बनवाना पड़ता है। इसके बाद संबंधित व्यक्ति को अनिवार्य रूप से फिजिशियन और नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाना पड़ता है। वहां आवश्यक जांच पूरी होने के बाद चिकित्सक ओपीडी पर्चे पर ही अपनी रिपोर्ट लिख देते हैं। यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही कोई भी व्यक्ति मेडिकल सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है।

फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का मामला सामने आने के बाद संबंधित चिकित्सकों और वार्ड बॉय को एआरटी सेंटर से हटा दिया गया है। इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। एआरटी सेंटर में जल्द ही नए चिकित्सक की तैनाती की जाएगी।

-डॉ. गीता जैन, प्राचार्य, दून मेडिकल काॅलेज