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चैंपियन से विवाद के बीच MLA उमेश के कैंप कार्यालय पर नकाबपोशों ने की फायरिंग, घटना CCTV में कैद

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उत्तराखंड में खानपुर विधायक उमेश कुमार के रुड़की स्थित कैंप कार्यालय के बाहर नकाबपोश बदमाशों ने कई राउंड हवाई फायरिंग कर दी। फायरिंग से कैंप कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों में दहशत फैल गई। फायरिंग की घटना कैंप कार्यालय के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। मामले में पुलिस ने अज्ञात में केस दर्ज कर फायरिंग करने वालों की तलाश शुरू कर दी है।

 

बता दें कि खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक चैंपियन के बीच जनवरी माह में विवाद हुआ था। जिसके बाद चैंपियन ने 26 जनवरी को समर्थकों के साथ रुड़की स्थित उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर पहुंचकर उनके समर्थकों से मारपीट कर दी थी। साथ ही कई राउंड हवाई फायरिंग कर दी थी। जबकि उमेश भी पिस्टल लेकर चैंपियन के कार्यालय की तरफ दौड़े थे। मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों पर केस दर्ज कर लिया था। साथ ही चैंपियन और उनके समर्थकों को जेल भेज दिया था। तभी से चैंपियन जेल में ही बंद है। इसे लेकर पुलिस की ओर से गंगनहर पटरी किनारे स्थित दोनों के कैंप कार्यालय पर सुरक्षा बढ़ा दी थी। लेकिन अब एक बार फिर विधायक उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर नकाबपोश बदमाशों ने हवाई फायरिंग कर पुलिस की चिंता फिर से बढ़ा दी है।

 

दरसअल, बृहस्पतिवार की अलसुबह बाइक सवार नकाबपोश बदमाश विधायक उमेश के कैंप कार्यालय के बाहर पहुंचे और हवाई फायरिंग कर दी। कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों ने घटना की सूचना विधायक उमेश कुमार और उनके निजी सचिव जुबैर काजमी को दी। वहीं, सूचना मिलते ही पुलिस में भी खलबली मच गई। पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली। इस दौरान पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो नकाबपोश संदिग्ध फायरिंग करते भी दिखे। मामले में निजी सचिव की ओर से सिविल लाइंस कोतवाली में पुलिस को तहरीर दी गई है। एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि तहरीर के आधार पर अज्ञात बदमाशों पर केस दर्ज कर लिया है। साथ ही आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के आधार पर बदमाशों और उनकी बाइक की पहचान की जा रही है। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।

 

24 फरवरी को हटी थी पुलिस सुरक्षा

विधायक उमेश कुमार के कैंप कार्यालय के बाहर और अंदर 26 जनवरी की घटना के बाद से पुलिस तैनात की गई थी। अब मामला शांत हुआ था तो 24 फरवरी को पुलिस सुरक्षा हटा दी गई थी। जबकि बैरिकेडिंग हटाकर भी चार पहिया वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई थी। अब फायरिंग के बाद फिर से पुलिस सुरक्षा का कड़ा पहरा बैठा दिया गया है।

…तो सुरक्षा हटने की थी पूरी जानकारी

जिस तरह से उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर नकाबपोश बदमाशों ने फायरिंग की है उससे आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों को यह जानकारी थी कि अब पुलिस सुरक्षा हट गई है। इसलिए उन्होंने फायरिंग की घटना को अंजाम दिया है। वहीं, पुलिस मामले में हर बिंदू पर गहनता से जांच कर रही है।

लोकल या बाहरी, इसकी चल रही जांच

चैंपियन और उमेश के विवाद के बाद भी सोशल मीडिया पर दोनों के समर्थक आपस में भिड़ रहे हैं। हाल ही में विधायक उमेश कुमार ने एक वीडियो पोस्ट की थी जिसमें मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर 28 फरवरी को पहुंचने की बात कही थी। साथ ही एक युवक को भी धमकी दी थी। ऐसे में पुलिस की जांच इस तरफ चल रही है कि फायरिंग करने वाले लोकल हैं या बाहरी हैं।

Uttarakhand: वन विभाग में करोड़ों का घोटाला, अपने  ऐशो-आराम पर लुटा दिया फंड !

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वन विभाग में करोड़ों का घोटाला,अपने  ऐशो-आराम पर लुटा दिया फंड !

उत्तराखंड में कैग यानि CAG की रिपोर्ट आने के बाद उत्तराखंड सरकार के वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. कैग ने राज्य में 2019-20 से 2021-23 के दौरान कैंपा के तहत हुए कार्याें का मूल्यांकन किया है। इसमें कई अनियमितता का खुलासा किया.. CAG रिपोर्ट में वन विभाग के CAMPA फंड में घोटालों की लंबी फेहरिस्त सामने आयी जिससे वन विभाग के अधिकारीयों के साथ-साथ वन मंत्री सुबोध उनियाल पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

उत्तराखंड में वनों के संरक्षण और पुनर्वनीकरण के लिए आवंटित फंड को घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ताजा रिपोर्ट (2019-2022) में ₹13.86 करोड़ की अवैध निकासी और वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है, सवाल यही है कि क्या वन मंत्री को इस घोटाले का कुछ भी पता नहीं था, जो इतने साल तक उनके सामने नहीं आ सका.. सबसे पहले आपको बताते हैं कि CAMPA फंड कहां-कहां बर्बाद हुआ।

पर्यावरण संरक्षण के नाम पर सरकारी अधिकारी ऐशो-आराम का सामान खरीदते रहे जिनमें iPhones, लैपटॉप, फ्रिज और कूलर की खरीद की बात सामने आयी है सरकारी इमारतों की मरम्मत और साज-सज्जा के पैसे से वन विभाग के ऑफिस और अफसरों के आवास चमकते रहे, लेकिन जंगल उजड़ते रहे जंगल बचाने के बजाय CAMPA फंड को कानूनी लड़ाइयों पर लुटाया गया ऐसी जगह को पौध रोपण के लिए चुना गया जहां  हकीकत में  पेड़ टिक ही नहीं सकते थे. 7 मामलों में 8 साल से ज्यादा की देरी से वृक्षारोपण किया गया.. देर से वृक्षारोपण, लागत में बेतहाशा बढ़ोतरी से धन को लुटाया गया वनीकरण की स्थिति एकदम नाकाम रही. CAG के अनुसार, लगाए गए पेड़ों का सिर्फ 33.51% ही जिंदा बचा, जबकि Forest Research Institute के मानकों के अनुसार 60-65% सफलता दर होनी चाहिए थी.. मतलब वन विभाग लगाए गए पेड़ों को भी बचाने में नाकमयाब रहा, अफसरों की मिलीभगत ऐसी कि बिना सही जांच किए ही भूमि को उपयुक्त बताया गया और ऐसे अधिकारीयों के  खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 

कैग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा-

इतना ही नहीं सरकार की बड़ी लापरवाही और वित्तीय घोटाले का भी कैग की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है विभाग द्वारा  275 करोड़ का ब्याज नहीं चुकाया गया CAMPA ने कई बार अनुरोध किया, लेकिन राज्य सरकार ने 2019-22 के दौरान ब्याज नहीं चुकाया. 76.35 करोड़ के मंजूर प्लान पर कोई फंड जारी नहीं किया गया.  सरकार ने स्वीकृत योजनाओं पर भी पैसा नहीं दिया, जिससे परियोजनाएं ठप पड़ी रहीं जबकि जुलाई 2020 से नवंबर 2021 के बीच CEO ने Head of Forest Force की अनुमति के बिना फंड जारी किया, जो नियमों के खिलाफ था बिना केंद्र की मंजूरी के जंगलों की कटाई की गयी, राज्य सरकार ने केंद्र की मंजूरी के बिना ही जंगलों को उद्योगों और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सौंप दिया।

ये हाल वन विभाग के तब हैं जब उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाओं में साल दर साल बेतहाशा वृद्धि हो रही है। 2002 में जंगल की आग की 922 घटनाएं हुई थीं जिनकी संख्या 2024 में 21 हजार पार हो गई। इन घटनाओं में एक लाख 80 हजार हेक्टेयर से अधिक जंगल जल गए, भारतीय वन सर्वेक्षण  की हाल में जारी हुई रिपोर्ट पर गौर करें तो नवंबर 2023 से जून 2024 के बीच देश में वनों में दो लाख से अधिक घटनाएं हुईं। इनमें सर्वाधिक 74% की वृद्धि उत्तराखंड में रिकॉर्ड की गई। इसी कारण वनाग्नि में पिछले वर्ष 13वें नंबर पर रहा उत्तराखंड अब पहले स्थान पर है, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी में न्याय मित्र की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि उत्तराखंड में वनाग्नि प्रबंधन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की कमी है इसमें अग्निशमन उपकरणों, गश्ती वाहन और समन्वय के लिए संचार उपकरणों की कमी शामिल है.. लेकिन इस पर धायण देने के बजाय अधिकारी पैसा अपने ऐशो-आराम का सामान जुटाने में पैसे लुटा रहे हैं।

 

Uttarakhand: आवास बनाने वालों के लिए धामी सरकार ने खोले छूट के द्वार, सपना होगा साकार, जानिए कैसे मिलेगा फायदा.

 

वन विभाग का काम करने का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अभी हाल ही में हल्द्वानी में आग से बचाने के लिए की जाने वाली कंट्रोल बर्निग में कई नए लगाए पौधे भी जल गए इस पुरे घटनाक्रम से वन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं कि वन विभाग आग बुझाने के बजाय नए पौधे ही जलाने में लग गया है,,, अब सवाल ये है इस सबके  जिम्मेदारों पर क्या कोई कार्रवाई होगी भी या नहीं CAG की रिपोर्ट ने वन विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है,,, क्या उत्तराखंड सरकार दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी या ये रिपोर्ट भी अन्य घोटालों की तरह फाइलों में ही दफन हो जाएगी ?

Uttarakhand: इस बार 2 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, महाशिवरात्रि के शुभ पर्व पर घोषित हुई तिथि.

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ऊधमसिंह नगर जिले में ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर लगे प्रतिबंध को इस साल के लिए हटा लिया गया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक समाचार एजेंसी के माध्यम से दी। इस प्रतिबंध का किसान संगठनों ने लगातार विरोध किया था। किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने आंदोलन की चेतावनी दी थी, जबकि गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर प्रतिबंध हटाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले साल इस पाबंदी को फिर से लागू किया जा सकता है।

पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में आज महाशिवरात्रि के अवसर पर केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई। आचार्य द्वारा पंचांग गणना के अनुसार मंदिर के कपाट खुलने की तिथि व समय घोषित किया गया।

इसके लिए केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग भी ऊखीमठ पहुंच गए थे। पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग और गंगाधर लिंग ने बताया कि ओंकारेश्वर मंदिर में सुबह छह बजे से पूजा-अर्चना शुरू हुई। बाबा केदार को बाल भोग, महाभोग लगाते हुए आरती की गई। इसके उपरांत रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में श्री केदारनाथ धाम के कपाट दो मई को खोले जाने की तिथि घोषित की गई।

 

Uttarakhand: आवास बनाने वालों के लिए धामी सरकार ने खोले छूट के द्वार, सपना होगा साकार, जानिए कैसे मिलेगा फायदा.

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धामी सरकार ने नई आवास नीति में गरीबों का आशियाने का सपना पूरा करने के लिए विकासकर्ताओं के लिए छूट के द्वार खोल दिए हैं। ईडब्ल्यूएस श्रेणी में नौ लाख के आवास पर 3.5 से 4.5 लाख रुपये राज्य व केंद्र सरकार देगी। केवल 4.5 से 5.5 लाख रुपये लाभार्थी को देने होंगे। इस रकम के लिए बैंक से लोन लेने की प्रक्रिया और खर्च भी आसान कर दिए गए हैं।

 

इस तरह से मिलेंगे लाभ-

मैदानी क्षेत्रों में भवन पर छूट

 

ईडब्ल्यूएस आवास पर मैदानी क्षेत्रों में प्रति आवास अधिकतम नौ लाख रुपये तय किए गए हैं। इसमें 5.5 लाख रुपये लाभार्थी को वहन करने हैं। दो लाख रुपये का अनुदान राज्य सरकार और 1.5 लाख रुपये का अनुदान केंद्र सरकार देगी। आवास बनाने वाले को नौ लाख रुपये या 30 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, जो भी अधिक होगा, वह मिलेगा।

 

 

पर्वतीय क्षेत्रों में बाखली शैली की छूट-

बाखली शैली में भवन बनाने पर और सुविधा होगी। ईडब्ल्यूएस के प्रति आवास नौ लाख में से केवल 4.5 लाख लाभार्थी को देने होंगे। तीन लाख रुपये का अनुदान राज्य सरकार देगी, जबकि 1.5 लाख रुपये का अनुदान केंद्र सरकार देगी। यानी आधा पैसा सरकार देगी।

 

स्टाम्प शुल्क में छूट-

ईडब्ल्यूएस के लिए 1000, एलआईजी के लिए 5000, एलएमआईजी के लिए 10,000 रुपये तय हुआ है। अभी तक छह प्रतिशत स्टाम्प शुल्क और दो प्रतिशत पंजीकरण शुल्क लगता था। जैसे अगर 10 लाख का घर है तो उसका छह प्रतिशत के हिसाब से 60,000 रुपये स्टाम्प शुल्क और दो प्रतिशत पंजीकरण के हिसाब से 20,000 रुपये पंजीकरण शुल्क लगता था। 80,000 रुपये के बजाए अब ये काम महज 1500 रुपये(500 रुपये पंजीकरण) में होगा। इसी प्रकार, बैंक से लोन लेने पर अनुबंध में स्टाम्प शुल्क 0.5 प्रतिशत लगता था जो अब नहीं लगेगा। यानी 10 लाख के आवास में 5000 रुपये भी बचेंगे।

 

ये वीडियो भी देखें..

 

ईडब्ल्यूएस पर ये भी छूट-

10,000 वर्ग मीटर का भू-उपयोग परिवर्तन प्राधिकरण के स्तर से तीन माह के भीतर होगा। ईडब्ल्यूएस का नक्शा पास कराने का कोई शुल्क प्राधिकरण नहीं लेगा। परियोजना के लिए जमीन खरीदने वाली बिल्डरों को अलग से स्टाम्प शुल्क में छूट मिलेगी। यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने पर इसकी प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। परियोजना में कॉमर्शियल फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) मैदानी क्षेत्र में 25 प्रतिशत और पर्वतीय क्षेत्र में 30 प्रतिशत होगा। राज्य कर की प्रतिपूर्ति भी सरकार करेगी। परियोजना के लिए बैंक से लोन लेने पर ब्याज की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी।

 

मैदान में अब ऊंची इमारतें बनेंगी-

मैदानी क्षेत्रों में आमतौर पर चार मंजिला भवन ईडब्ल्यूएस श्रेणी के बनते रहे हैं, जिनमें लिफ्ट का प्रावधान नहीं था। नई आवास नीति के हिसाब से अब आठ मंजिला या निर्धारित 30 मीटर ऊंचाई तक के भवन बना सकेंगे। इसमें लिफ्ट लगा सकेंगे, जिसका 10 साल तक रख-रखाव बिल्डर को करना होगा।

Uttarakhand: 24 गेम चेंजर योजनाओं से प्रदेश को उत्कृष्ट बनाने की तैयारी शुरु, जानिए क्या है सरकार का मास्टर प्लान.

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सरकार ने 24 विभागों की गेम चेंजर योजनाओं पर बजट में खास फोकस किया है। दो वर्षों के भीतर इन योजनाओं का असर धरातल पर नजर आएगा। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सरकार ने इनका जिक्र किया है। माना जा रहा है कि सशक्त उत्तराखंड@25 की परिकल्पना को इससे साकार किया जा सकेगा।

किस विभाग की कौन सी गेम चेंजर योजना-

 

1-कृषि : ई-रूपी योजना। यह कैश का डिजिटल फॉर्म है। बुनियादी ढांचे जैसे डिजिटल पेमेंट सिस्टम, सुरक्षा प्रणाली विकसित होगी। दूरस्थ गांवों तक वित्तीय सेवाएं मिलेंगी। कार्बन फुटप्रिंट कम होगा। राजस्व बढ़ेगा। कागज व धातु का उपयोग कम होगा। इसके लिए बजट में 25 करोड़ दिए गए हैं।

 

2-बदरी: केदार मंदिर समिति: शीतकालीन चारधाम यात्रा योजना। शीतकालीन चारधाम यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए फिल्मी हस्तियों, प्रतिष्ठित खिलाड़ियों व विभिन्न क्षेत्रों के ख्याति प्राप्त महानुभावों से संपर्क कर उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा। इनकी सेवाएं भी ली जा सकती हैं।

3-पशुपालन : वाइब्रेंट विलेज योजना। स्थानीय उत्पादों जैसे जीवित बकरी, भेड़, कुक्कुट, ट्राउट मछली की आपूर्ति आईटीबीपी को देकर हर साल 20 करोड़ व्यावसाय। दूसरी, ग्राम्य गो सेवक योजना में छह जिलों में 54 गो सेवकों को मान्यता। ये सार्वजनिक स्थानों पर घूमते निराश्रित नर गोवंश की संख्या में कमी पर कार्य करेंगे। फसलें व जनमानस को आसानी होगी। रोजगार बढ़ेगा।

4-सगंध पौध केंद्र : महक क्रांति योजना। यह योजना 2035 तक चलेगी। मुख्य लक्ष्य एरोमा वैली की स्थापना। 118 करोड़ के बजट से सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा, किसानों की आय में वृदि्ध, सुगंधित तेलों व उत्पादों का उत्पादन बढ़ाना, राज्य को आत्मनिर्भर बनाने का काम होगा।

मत्स्य हैचरी का पीपीपी मोड पर संचालन-

5-मत्स्य : प्लॉट फार्मिंग योजना, राज्य स्तरीय एकीकृत एक्वा पार्क, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना व ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत मत्स्य हैचरी का पीपीपी मोड पर संचालन। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।

6-उद्यान : एप्पल मिशन, नाबार्ड की आरआईडीएफ योजना के तहत क्लस्टर पॉलीहाउस की स्थापना। ये योजनाएं राज्य में बागवानी के विकास को नई दिशा देंगे।

7-वन : उत्तराखंड में इको-टूरिज्म और गैर प्रकाष्ठ वन उपज का विकास, हर्बल एवं इको-टूरिज्म परियोजना। हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर को छोड़कर बाकी जिलों में ये योजनाएं चलेंगी।

8-ग्राम्य विकास : हाउस ऑफ हिमालयाज योजना। इसके लिए बजट में 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के लिए भी 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

9-शहरी विकास : 100 करोड़ से राज्य में 100 नए पार्कों का निर्माण। एआई के माध्यम से 275 करोड़ से स्ट्रीट लाइट का मैनेजमेंट।

10-स्टाम्प एवं निबंधन विभाग : पेपरलैस रजिस्ट्रेशन।

11-पंचायती राज : ग्राम पंचायतों में अवस्थापना सुविधा, पंचायत डेवलपमेंट इंडेक्स आधारित थीमेटिक ग्राम पंचायत विकास योजना का निर्माण।

12-श्रम: मदृश्रम पोर्टल तैयार करना। हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर को शून्य बाल श्रम क्षेत्र बनाना।

13-पर्यटन : उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना 2024, स्थायी निवासियों को एक करोड़ से पांच करोड़ तक पूंजी निवेश के लिए प्रोत्साहित करना।

70 चार्जिंग स्टेशन की स्थापना-

14-परिवहन : पीएम ई-बस सेवा के तहत इलेक्टि्रक बस संचालन। चारधाम यात्रा मार्ग पर 28 ई-चार्जिंग स्टेशन, जो 856 किमी मार्ग को कवर करेंगे। 7.75 करोड़ खर्च होगा। दूसरे चरण में 41 चार्जिंग स्टेशन, तीसरे चरण में 70 चार्जिंग स्टेशन की स्थापना की जाएगी।

15-माध्यमिक शिक्षा : प्रोजेक्ट प्रज्ञा एवं वैश्विक संस्थाओं के सहयोग से हॉस्पिटैलिटी एंड कलिनरी क्षेत्र में छात्रों का प्रशिक्षण।

16-तकनीकी शिक्षा: ऑनलाइन प्रशिक्षण एवं रोजगार योजनाएं।

17-उच्च शिक्षा : समर्थ ई-गवर्नमेंट पोर्टल फॉर डिजिटलाइनेशन व देवभूमि उद्यमिता योजना।

18-कौशल विकास: मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के लिए 15 करोड़ का प्रावधान। स्किल सेंसस के लिए 50 लाख। नियोक्ता व नौकरी वालों के लिए एकीकृत पोर्टल योजना के लिए 50 लाख, सेवायोजन कार्यालयों का पुनर्गठन के लिए दो करोड़। लक्षित समूह की नौकरी के लिए पांच लाख का प्रावधान।

यूटिलिटी डक्ट पॉलिसी-

19-नियोजन: सेतु आयोग का गठन, यूआईआईडीबी गठन, सर्विस सेक्टर नीति का गठन, परिवार पहचान पत्र।

20-ऊर्जा: मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना।

21-चाय बोर्ड : टी टूरिज्म योजना, होम स्टे योजना।

22- सिंचाई: बांध, बैराज निर्माण। स्लोप स्टेबलाइजेशन। स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज।

23-स्वास्थ्य: दूरस्थ क्षेत्रों के लिए विशेषज्ञ परामर्श, द्वार पर निदान, आत्मनिर्भर मेडिसिटी को बढ़ावा। अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली व नर्सिंग छात्रों का कौशल विकास।

24-लोक निर्माण विभाग: रिस्पना-बिंदाल पर चाल लेन एलिवेटेड सड़क निर्माण। दून-मसूरी कनेक्टिविटी, देहरादून रिंग रोड, यूटिलिटी डक्ट पॉलिसी।

महाकुंभ की तरह सबके लिए समान भाव रखता है यूसीसी’

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देश में सबसे पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के बाद महाकुंभ पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी भी महाकुंभ की तरह ही लोगों में समान भाव रखता है। कोई भेदभाव नहीं है। अब जहां लोगों को शादी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा, वहीं तलाक भी कोर्ट के आदेश पर ही हो सकेगा। महिलाओं को भी समान अधिकार दिए गए हैं,उत्तराखंड देवभूमि है। यहां हर साल करोड़ों श्रद्धालु चारधाम, हरिद्वार, नीम करौली समेत विभिन्न जगहों पर धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेने आते हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि यहां की सामाजिक संरचना में कोई भेदभाव या असमानता न हो। यूसीसी लागू करने का कदम समाज में समान अधिकार और कर्तव्यों की भावना को सुदृढ़ करेगा।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है। यह भारतीय संस्कृति, एकता और समरसता का प्रतीक है। करोड़ों लोगों के इस आयोजन में भाग लेने से यह स्पष्ट होता है कि हमारी संस्कृति विविधता में एकता को मान्यता देती है। यूसीसी इस भावना को और मजबूत करेगा। जब एक समान कानून होगा, तो हर व्यक्ति यह महसूस करेगा कि वह इस देश का अभिन्न हिस्सा है और यही भावना महाकुंभ की आत्मा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य किसी समुदाय की परंपराओं या धर्म में हस्तक्षेप करना नहीं है। बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि सभी नागरिक समान अधिकारों और कर्तव्यों के साथ एक समाज में रहें। महाकुंभ जैसे आयोजन में सभी लोग बिना भेदभाव के एकत्रित हो सकते हैं, तो समाज में भी यह भावना यूसीसी के माध्यम से स्थापित हो सकती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करना नहीं, इसे और सुदृढ़ करना है। यह सुनिश्चित करेगा कि हर व्यक्ति को बिना भेदभाव के अधिकार मिले। महाकुंभ की तरह, जहां लोग अपने तरीके से पूजा-अर्चना करता है, यूसीसी भी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए समानता की भावना को बढ़ावा देगा।उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू (यूसीसी) करने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी को प्रयागराज के संत समागम में सम्मानित किया गया। धामी ने कहा, संतों की ओर से मेरा सम्मान उत्तराखंड के हर नागरिक का सम्मान है। देवभूमि में किसी भी धर्म या जाति के लिए अब समान कानून हैं। समागम में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज, स्वामी चिदानंद मुनि महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी समेत कई संत मौजूद रहे।

National Games 2025: 38वें नेशनल गेम्स में उत्तराखंड का नया रिकॉर्ड, अब तक के इतिहास में पहली बार जीते पांच स्वर्ण पदक.

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राष्ट्रीय खेलों में सोना जीतने में बृहस्पतिवार को उत्तराखंड ने नया रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिया। ताइक्वांडों में राज्य की पूजा यादव के स्वर्ण पदक जीतते ही राज्य को मिले स्वर्ण पदकों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। यह पिछले सभी राष्ट्रीय खेलों में अब तक का रिकॉर्ड है।

राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को अभी बॉक्सिंग और एथलेटिक्स सहित कई खेलों में पदकों की उम्मीद है। राज्य के पांच मुक्केबाज निवेदिता, काजल, हिमांशु सोलंकी, कपिल पोखरिया और नरेंद्र सिंह ने बॉक्सिंग के फाइनल में पहुंच गए हैं। ये खिलाड़ी गोल्ड के लिए आज विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों को अपने मुक्कों का दम दिखाएंगे।

ताइक्वांडों में भी राज्य के चार पदक पक्के हो गए हैं। फुटबॉल में भी राज्य के खिलाड़ियों ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचा है। फुटबॉल के आज होने वाले फाइनल मुकाबले में राज्य के खिलाड़ी गोल्ड के लिए टक्कर देंगे। इसके अलावा, कुछ अन्य खेलों में भी राज्य को पदकों की उम्मीद है।

 

उत्तराखंड को अब तक इन खेलों में मिले पांच स्वर्ण- उत्तराखंड को वुशु में पहला स्वर्ण पदक मिला। लॉन बॉल, योगासन, कैनोइंग और कयाकिंग और ताइक्वांडो में भी उत्तराखंड सोना जीत चुका है।

 

पिछले राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को मिले पदक-

आयोजन राष्ट्रीय खेल रैंक स्वर्ण रजत कांस्य कुल पदक
गोवा 37वें 25वीं  3  7 14 24
गुजरात 36वें 26वीं 1 8 9 18
केरल 35वें 23वीं 2 5 12 19
झारखंड 34वें 19वीं 4 4  5 13
गुवाहटी 33वें 18वीं 4 4  5 13

 

रेल बजट में उत्तराखंड की झोली में आए 4641 करोड़, चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन में आएगी तेजी.

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रेल बजट से उत्तराखंड की झोली में 4641 करोड़ रुपये आए हैं। बजट का यह आकार पड़ोसी राज्य हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से कहीं अधिक है। राज्य के हिस्से आए बजट से सामरिक और चारधाम यात्रा के महत्व वाली 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण और तेजी गति से करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा 11 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित करने में भी धन की कोई कमी नहीं होगी।

 

सोमवार को पत्र सूचना कार्यालय में वर्चुअल जुड़े रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 से 2014 के बीच राज्य को कुल 187 करोड़ रुपये रेल बजट में मिले थे। इस लिहाज से देखें तो मौजूदा बजट का आकार 25 गुना है।

 

केंद्र सरकार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को लेकर गंभीर है। इससे न सिर्फ सामरिक महत्व की पूर्ति होगी, बल्कि चारधाम यात्रा को भी गति मिलेगी। 24 हजार 659 करोड़ रुपये की इस मेगा परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2026 तय किया गया है। वर्तमान तक 49 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा किया जा चुका है।

 

 

कवच प्रणाली पर होगा काम-

प्रदेश में जिन 11 रेलवे स्टेशनों का विकास अमृत स्टेशन परियोजना में किया जा रहा है। इनके लिए 147 करोड़ रुपये का प्रविधान है। रेलवे में सुरक्षा की दृष्टि से कवच प्रणाली से उत्तराखंड को भी जोड़ा गया है। राज्य में 49 रूट किलोमीटर के लिए कवच प्रणाली की संस्तुति की गई है।

 

अमृत स्टेशन परियोजना वाले स्टेशन: देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लालकुआं जंक्शन, रामनगर, रुड़की और टनकपुर।

 

रेलवे को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी रखा गया: अश्विनी वैष्णव

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि बजट में रेलवे को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी रखा गया है। इसके लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और 17,500 सामान्य कोच, 200 वंदे भारत और 100 अमृत भारत ट्रेनों के निर्माण जैसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

 

वैष्णव ने रेल भवन में संवाददाताओं से कहा कि बजट में 4.6 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाएं शामिल की गई हैं। इन्हें चार से पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा। इनमें नई लाइनें बिछाने, दोहरीकरण, चौगुनीकरण, नए निर्माण, स्टेशन पुनर्विकास, फ्लाईओवर, अंडरपास सहित कई अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन वर्षों में 100 अमृत भारत, 50 नमो भारत और 200 वंदे भारत (स्लीपर और चेयर कार) ट्रेनें बनाई जाएंगी। नई अमृत भारत ट्रेनों से हम कई छोटी दूरी के शहरों को जोड़ेंगे।

Uttarakhand Nikay Chunav: अनिल बलूनी के गढ़ में हारी बीजेपी, पौड़ी नगर पालिका में निर्दलीय प्रत्याशी जीती- जानिए कहां किसकी हुई जीत.

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उत्तराखंड में निकाय चुनाव के लिए मतगणना जाारी है. पूरे प्रदेश में 19,81,200 मत आज प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कर रहे हैं. मतगणना 8 बजे से जारी है और मतदान केंद्रों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किए गए हैं. वहीं उत्तराखंड में मतगगणना के लिए 54 केंद्र बनाए गए हैं. प्रदेश की 100 नगर निकायों में कुल 30,29,028 मतदाता में से 19,81,200 मतदाताओं ने मतदान किया है. देहरादून नगर निगम के 100 वार्डों के अलावा मेयर पद पर भी चुनाव परिणाम आज आएंगे, जिस पर सबकी नजर बनी हुआ है. निकाय चुनाव के लिए मतगणना में सबसे पहले पोस्टल बैलेट खोले गए. राजधानी देहरादून नगर निगम में कुल 432000 वोटों की गिनती की जाएगी. वहीं वोटों की गिनती के लिए 7 हाल बनाए गए हैं.

 

जानिए देहरादून किस वार्ड में कौन जीता-
  • वार्ड 65 से भाजपा पार्षद प्रत्याशी ने जीत की हासिल.
  • वार्ड 64 से भाजपा पार्षद प्रत्याशी सुशीला ने की जीत दर्ज.
  • वार्ड 80 से भाजपा पार्षद प्रत्याशी अंजली सिंघल ने 706 वोट से जीत की हासिल.
  • वार्ड नंबर 47 से कांग्रेस प्रत्याशी रोबिन त्यागी की 650 वोटो से जीत.

 

अनिल बलूनी के गढ़ हारी बीजेपी, पौड़ी नगर पालिका में निर्दलीय प्रत्याशी जीती-

नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी का परिणाम घोषित हो गया है. यहां निर्दलीय प्रत्याशी ने भाजपा और कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है. निर्दलीय प्रत्याशी हिमानी नेगी ने पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की. हिमानी नेगी को 3165 वोट मिले हैं. हिमानी की जीत के बाद समर्थकों में जोश है. वहीं भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन इस बार काफी निराशाजनक रहा है.

 

 

नगर निगम श्रीनगर में बीजेपी पार्षदों की लिस्ट- 

नगर निगम श्रीनगर में ये पार्षद चुनाव जीते-

 

  • 1 राजेंद्र नेगी, बीजेपी
  • 2 विजय सोनू चमोली, निर्दलीय
  • 3 उषा देवी, बीजेपी
  • 4 कुसुमलता बिष्ट, निर्दलीय
  • 5 पूजा बर्थवाल, निर्दलीय
  • 6 भावना चौहान, निर्दलीय
  • 7 गुड्डी देवी, बीजेपी
  • 8 मीना देवी, निर्दलीय
  • 9 सुनीता गैरोला, बीजेपी
  • 10 आशीष नेगी, निर्दलीय
  • 11 अंजना डोभाल, बीजेपी
  • 12 शुभम प्रभाकर, बीजेपी
  • 13 अंजनी भंडारी, निर्दलीय
  • 20 – उज्जवल अग्रवाल बीजेपी
  • 21 – अंजना रावत निर्दलीय
  • 22 – कुसुमलता कांग्रेस
  • 23 – दीपक बीजेपी
  • 24 – रमेश रमोला बीजेपी
  • 25 – विकास चौहान निर्दलीय
  • 26 – सूरज नेगी कांग्रेस
  • 27 – मीना असवाल बीजेपी
  • 28 – जयपाल बिष्ट निर्दलीय
  • 29 – पूजा किमोठी निर्दलीय
  • 30 – हिमांशु बहुगुणा बीजेपी

 

पिथौरागढ़ जिले में बीजेपी को लगा झटका-
  • पिथौरागढ़ नगर निगम में मेयर पद की निर्दलीय प्रत्याशी मोनिका महर ने बीजेपी कैंडिडेट कल्पना देवलाल से आगे चल रही है.
  • वहीं बेरीनाग नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी हेमा पंत ने निर्दलीय प्रत्याशी रजनी रावत को 75 वोट से हराया.
  • गंगोलीहाट नगर पालिका में अध्यक्ष पर भाजपा प्रत्याशी विमल रावल ने कांग्रेस प्रत्याशी नारायण बोरा को 271 वोट से पराजित किया.
  • डीडीहाट नगर पालिका में कांग्रेस के गिरीश चुफाल ने निर्दलीय प्रत्याशी ललित मोहन कफलिया को 124 मतों से हराया.
  • पिथौरागढ़ नगर निगम में देर शाम तक परिणाम आने की संभावना है.

 

भवाली नगर पालिका में कांग्रेस जीत-

भवाली नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस उम्मीदवार पंकज कुमार जीते

 

चंपावत जिले का अपडेट-
  1. चंपावत जिले में बनबसा नगर पंचायत अध्यक्ष पर बीजेपी का कब्जा.
  2. बीजेपी प्रत्यासी रेखा देवी जीती.
  3. कांग्रेस प्रत्याशी को 75 वोट से हराया

 

नैनीताल जिला- भीमताल नगर पालिका में कांग्रेस जीती-
  • नैनीताल जिले की भीमताल नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी सीमा टम्टा 150 वोट से जीती.
  • भीमताल नगर पालिका अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी सीमा टम्टा को 2822 वोट मिले.
  • वहीं भाजपा की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी कमला आर्या को 2662 वोट मिले.

 

हरिद्वार नगर निगम अपडेट:
  1. वार्ड नंबर एक से भाजपा के आकाश भाटी 400 वोट से जीते.
  2. वार्ड नंबर दो से भाजपा की सुनीता देवी विजय.
  3. वार्ड नंबर तीन से भाजपा सूर्यकांत शर्मा जीते.
  4. वार्ड नंबर चार में कांग्रेस जीती. महावीर वशिष्ठ बने वार्ड नंबर 4 के पार्षद.
  5. वार्ड नंबर पांच से पांच भाजपा के अनिल वशिष्ठ जीते.
  6. वार्ड नंबर छङ से भाजपा प्रत्याशी सुमित चौधरी चुनाव जीते.
  7. वार्ड नंबर सात श्रुति खेवरिया भाजपा की जीत.
  8. वार्ड नंबर आठ से हिमांशु गुप्ता ने कॉन्ग्रेस जीत की हासिल.
  9. वार्ड नंबर नौ से सोहित सेठी ने कॉन्ग्रेस जीत की हासिल.
  10. वार्ड दस से बीजेपी के सचिन कुमार जीते.
  11. वार्ड 11 से बीजेपी के दीपक शर्मा जीते.
  12. वार्ड 13 से भाजपा के मंजू रावत जीती.
  13. वार्ड 15 से कांग्रेस के विकी भूषण जीते.
  14. वार्ड नंबर 16 से भाजपा प्रत्याशी निशा नौडियाल जीती.
  15. वार्ड नंबर 17 रानी देवी भाजपा से जीती.
  16. वार्ड नंबर 18 से भाजपा प्रत्याशी ममता नेगी जीती.
  17. वार्ड नंबर 19 मोनिका सैनी भाजपा से जीती.

 

चमोली जिले से कांंग्रेस के लिए अच्छी खबर-
  • नगर निकाय चुनाव में चमोली जिले के थराली से कांग्रेस प्रत्याशी सुनीता रावत ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से 544 वोट से जीत दर्ज की.
  • गोपेश्वर में भाजपा प्रत्याशी संदीप रावत उर्फ बबलू 615 वोटो से जीत दर्ज की.
  • गैरसेंण से कांग्रेस प्रत्याशी मोहन भंडारी ने 460 मतों से जीत दर्ज की.
  • पीपल कोटि से निर्दलीय प्रत्याशी ने आरती नवानी ने 194 वोटो से जीत दर्ज की.
  • कर्णप्रयाग से भाजपा प्रत्याशी गणेश शाह ने जीत दर्ज की.
  • ज्योतिर्मठ से देवेश्वरी शाह कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की.
  • नन्दप्रयाग से पृथ्वी सिंह रौतेला कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज किया.
  • नन्दनगर कांग्रेस प्रत्याशी बिना रौतेला ने जीत दर्ज की.
  • गौचर का अभी परिणाम नहीं आया है.

 

Uttarakhand Nikay Chunav: मोर्चे पर सीएम धामी, 12 दिन में की 52 चुनावी सभाएं और रोड शो.

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Nikay Chunav: समान नागरिक संहिता की पहल समेत अनेक ऐतिहासिक निर्णय लेकर देशभर में चर्चा में आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का निकाय चुनाव में भाजपा ने भरपूर उपयोग किया।

पार्टी के स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री धामी ने भी चुनाव अभियान की कमान संभाली और 12 दिन में 52 चुनावी सभाएं, रोड शो समेत अन्य कार्यक्रमों के जरिये प्रचार अभियान को धार दी।

इस दौरान उन्होंने जहां विपक्ष को निशाने पर लिया, वहीं अपनी सरकार की उपलब्धियों और निकायों के विकास के लिए रोडमैप भी रखा। साथ ही समान नागरिक संहिता, लैंड व थूक जिहाद जैसे विषयों को प्रचार अभियान के दौरान प्रमुखता से उठाया।

 

गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक ताबड़तोड़ चुनावी कार्यक्रमों में भागीदारी-

चुनाव चाहे लोकसभा के हों अथवा विधानसभा के, भाजपा नेतृत्व मुख्यमंत्री धामी का भरपूर उपयोग करता आया है। अब जबकि राज्य में निकाय चुनाव हो रहे हैं तो पार्टी ने स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री धामी को मोर्चे पर लगाया। उन्होंने निकाय चुनाव प्रचार अभियान की कमान अपने हाथ में लेने के साथ ही गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक ताबड़तोड़ चुनावी कार्यक्रमों में भागीदारी की।

मुख्यमंत्री ने मुखर होकर अपनी सरकार के निर्णयों और राज्य के खाते में आई उपलब्धियों को जनता के समक्ष रखा।

 

साथ ही वह विपक्ष कांग्रेस पर निरंतर हमलावर रुख अख्तियार किए रहे। उन्होंने विपक्ष पर राज्य की वास्तविक समस्याओं को गंभीरता से न लेने का आक्षेप लगाया तो अपनी सरकार के कार्यकाल में निकायों में हुए कार्यों के साथ ही भविष्य का रोडमैप भी जनता के सामने रखा।

 

पार्टी का तीन सप्ताह का सघन प्रचार अभियान सफल-

उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में पार्टी का तीन सप्ताह का सघन प्रचार अभियान बेहद सफल रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी की सभाओं व रोड शो में उमड़े जनसमूह ने साफ कर दिया है कि राज्य के सभी 100 नगर निकायों में भाजपा परचम फहराएगी।