रेल बजट में उत्तराखंड की झोली में आए 4641 करोड़, चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन में आएगी तेजी.
रेल बजट से उत्तराखंड की झोली में 4641 करोड़ रुपये आए हैं। बजट का यह आकार पड़ोसी राज्य हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से कहीं अधिक है। राज्य के हिस्से आए बजट से सामरिक और चारधाम यात्रा के महत्व वाली 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण और तेजी गति से करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा 11 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित करने में भी धन की कोई कमी नहीं होगी।
सोमवार को पत्र सूचना कार्यालय में वर्चुअल जुड़े रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 से 2014 के बीच राज्य को कुल 187 करोड़ रुपये रेल बजट में मिले थे। इस लिहाज से देखें तो मौजूदा बजट का आकार 25 गुना है।
केंद्र सरकार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को लेकर गंभीर है। इससे न सिर्फ सामरिक महत्व की पूर्ति होगी, बल्कि चारधाम यात्रा को भी गति मिलेगी। 24 हजार 659 करोड़ रुपये की इस मेगा परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2026 तय किया गया है। वर्तमान तक 49 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा किया जा चुका है।
कवच प्रणाली पर होगा काम-
प्रदेश में जिन 11 रेलवे स्टेशनों का विकास अमृत स्टेशन परियोजना में किया जा रहा है। इनके लिए 147 करोड़ रुपये का प्रविधान है। रेलवे में सुरक्षा की दृष्टि से कवच प्रणाली से उत्तराखंड को भी जोड़ा गया है। राज्य में 49 रूट किलोमीटर के लिए कवच प्रणाली की संस्तुति की गई है।
अमृत स्टेशन परियोजना वाले स्टेशन: देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लालकुआं जंक्शन, रामनगर, रुड़की और टनकपुर।
रेलवे को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी रखा गया: अश्विनी वैष्णव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि बजट में रेलवे को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी रखा गया है। इसके लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और 17,500 सामान्य कोच, 200 वंदे भारत और 100 अमृत भारत ट्रेनों के निर्माण जैसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
वैष्णव ने रेल भवन में संवाददाताओं से कहा कि बजट में 4.6 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाएं शामिल की गई हैं। इन्हें चार से पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा। इनमें नई लाइनें बिछाने, दोहरीकरण, चौगुनीकरण, नए निर्माण, स्टेशन पुनर्विकास, फ्लाईओवर, अंडरपास सहित कई अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन वर्षों में 100 अमृत भारत, 50 नमो भारत और 200 वंदे भारत (स्लीपर और चेयर कार) ट्रेनें बनाई जाएंगी। नई अमृत भारत ट्रेनों से हम कई छोटी दूरी के शहरों को जोड़ेंगे।