Day: September 19, 2024

Delhi CM: आतिशी के साथ ये 5 नेता भी लेंगे मंत्री पद की शपथ, मंत्रिमंडल में होगा एक नया चेहरा शामिल।

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दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री आतिशी और उनका मंत्रिमंडल 21 सितंबर को शपथ लेंगे। आतिशी मार्लेना अरविंद केजरीवाल की जगह लेंगी। कहा जा रहा है कि आतिशी के साथ 5 मंत्री शपथ ले सकते हैं।

कैबिनेट में शामिल होने वाले संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा जोरों पर है। इन नामों में गोपाल राय (Gopal Rai), कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot), सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj), इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत (Mukesh Ahlawat) शपथ ले सकते हैं।

फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे केजरीवाल- आतिशी

दिल्ली (Delhi News) के अगले मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने इससे पहले मंगलवार को कहा था कि वह निवर्तमान सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा उन पर जताए गए भरोसे से खुश हैं, लेकिन इस बात से भी दुखी हैं कि भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता फिर से केजरीवाल को सीएम चुनेगी।

दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी आतिशी-

43 साल की आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित दिल्ली की सीएम रह चुकी हैं। आतिशी, मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के शिक्षा मंत्री रहते हुए उनकी सलाहकार के रूप में काम कर चुकी हैं।

Uttarakhand: गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग की मरम्मत में जुटे 400 से अधिक मजदूर, रामबाड़ा में स्थापित होगा बैलीब्रिज।

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लगभग डेढ़ महीने पूर्व अतिवृष्टि से प्रभावित हुआ गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग अब अपने मूल स्वरूप में लौटने लगा है। लोक निर्माण विभाग से 400 मजदूर रास्ते को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। संवेदनशील स्थानों पर रास्ते को पर्याप्त चौड़ा करने के साथ ही सुरक्षा के इंतजाम भी किए जा रहे हैं।

16 किलोमीटर लंबा गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग 31 जुलाई को अतिवृष्टि से व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। मार्ग 29 स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। इसमें 16 स्थानों पर पूरी तरह से वॉशआउट हो गया है। जगह-जगह बरसाती नाले बह रहे थे, जिससे रास्ते को पार करना मुश्किल हो गया था।

एक अगस्त से ही लोक निर्माण विभाग के 60 मजदूरों ने पैदल मार्ग का सुधारीकरण कार्य शुरू कर दिया था। आए दिन बारिश सहित अन्य विषम परिस्थितियों के बावजूद 26 अगस्त को यात्रा के दोबारा शुरू होने तक पैदल मार्ग को घोड़ा-खच्चरों के संचालन के साथ ही पैदल आवाजाही लायक बना दिया था।

इन दिनों 400 मजदूर रास्ते को उसका मूल स्वरूप में लौटाने में जुटे हुए हैं। जंगलचट्टी, भीमबली, छोटी लिनचोली, थारू कैंप, कुवेर गदेरा, टीएफटी आदि स्थानों पर गेविन वाल व सीसी पुश्ता तैयार कर रास्ते को पर्याप्त चार किलोमीटर चौड़ा किया जा रहा है। साथ ही बरताती नाले और एवलॉन्च जोन में पुलिया बनाई गई हैं। इससे आवाजाही में यात्रियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो।

गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर 70 मीटर लंबा बैलीब्रिज प्रस्तावित है। अभी यहां पर हल्का लोहे का पुल बनाया गया है, इससे यात्रा का संचालन हो रहा है।

बता दें कि जून 2013 की आपदा में रामबाड़ा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था, तब से यहां के हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। इस वर्ष भी बीते 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि से रामबाड़ा में दोनों हल्की पुलिया मंदाकिनी के बहाव में बह गईं थीं।

केदारनाथ पैदल मार्ग दुरुस्त किया जा रहा है। पर्याप्त चौड़ाई और सुरक्षा के लिए 400 मजदूर कार्य में जुटे हुए हैं। मौसम ने साथ दिया तो एक महीने में रास्ते को पूरी तरह से सुरक्षित कर लिया जाएगा।-विनय झिक्वांण, अधिशासी अभियंता, लोनिवि, गुप्तकाशी

Uttarakhand: अब मोबाइल एप से दे सकेंगे जंगलों में आग लगने की सूचना, 5 हजार स्वयं सेवकों को जोड़ा जाएगा।

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आगामी फायर सीजन में वनों में आग की घटनाओं पर रोकथाम को लेकर जंगलात अभी से जुटा है। वन मुख्यालय में वनाग्नि नियंत्रण को लेकर हुई बैठक में अधिकारियों ने मोबाइल एप और डैश बोर्ड का इस्तेमाल के संबंध में एक प्रस्तुतिकरण दिया।

प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने कहा कि जंगल की आग की रियल टाइम सूचना के लिए आधुनिक माध्यमों का प्रयोग किया जाएगा। इस मोबाइल एप के माध्यम से पांच हजार वन कर्मियों और पांच हजार स्वयं सेवकों को जोड़ा जाएगा। इस एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सूचना भेज सकता है। इससे वनाग्नि नियंत्रण के काम में मदद मिलेगी।
अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बताया कि इसके माध्यम से कितनी आग की घटनाएं हैं, उसे बुझाने का रिस्पांस टाइम कितना रहा है समेत अन्य जानकारी मिल जाएगी। इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। बैठक में सीसीएफ गढ़वाल नरेश कुमार, डीएफओ वैभव कुमार सिंह आदि मौजूद थे।

Uttarakhand: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले, पौड़ी जिले से आये सबसे अधिक मामले सामने।

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प्रदेश में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। अब तक पांच जिलों में कुल 75 मामले सामने आए हैं। इसमें पौड़ी जिले में सबसे अधिक 59 मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों के सीएमओ को डेंगू रोकथाम व बचाव के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर पर डेंगू मामलों की निगरानी की जा रही है।

आगामी नवंबर व दिसंबर तक डेंगू संक्रमण के फैलने की आशंका रहती है। हालांकि गत वर्ष की तुलना में इस बार अप्रैल से लेकर 17 सितंबर तक डेंगू के कुल 75 मामले सामने आए हैं। ऋषिकेश में एक डेंगू मरीज की मौत हुई है। मरीज को पहले से कई तरह की बीमारी होने से विभाग मौत के कारणों की वास्तविकता के लिए डेथ ऑडिट करा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि सभी जिलों के सीएमओ को डेंगू रोकथाम के लिए अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशालय से भी नियमित रूप से मानीटरिंग करने को कहा गया है। आगामी दो माह तक डेंगू संक्रमण की संभावना को देखते हुए एहतियात बरतने की आवश्यकता है।

प्रदेश में अब तक डेंगू मरीजों की संख्या

जिला            डेंगू मरीज

पौड़ी                   59

देहरादून              09

हरिद्वार                03

नैनीताल                03

ऊधमसिंह नगर    01