Day: November 21, 2024

Kedarnath By-Poll: केदारनाथ उपचुनाव के परिणाम को लेकर भाजपा और कांग्रेस को है इंतजार, दोनों पार्टियों ने चुनाव में लगाया जोर.

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केदारनाथ विधानसभा सीट पर बुधवार को हुए उपचुनाव का ऊंट किस करवट बैठेगा, इसे लेकर तस्वीर शनिवार को साफ होगी। उपचुनाव को लेकर अक्सर उदासीन दिखने वाले मतदाताओं ने जिस उत्साह के साथ मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, उससे सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्ष कांग्रेस के खेमों में नई उम्मीद के साथ हलचल भी बढ़ा दी है। अब दोनों ही दलों की नजरें 23 नवंबर को उपचुनाव के परिणाम पर टिक गई हैं।

 

केदारनाथ विधानसभा सीट भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन से रिक्त हुई है। यह उपचुनाव हाई प्रोफाइल बन गया है तो उसके कारण हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का केदारनाथ धाम से विशेष लगाव रहा है। सक्रिय राजनीति में कदम रखने से पहले नरेन्द्र मोदी इस स्थान पर साधना कर चुके हैं।

वर्ष 2013 की आपदा से तहस-नहस हुए केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही मोदी की शीर्ष प्राथमिकता में रहा है। बाबा केदार के धाम के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास कार्यों में रुचि और यहां उनके आगमन को भाजपा के पक्ष में हिंदू मतों के ध्रुवीकरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण आंका जाता रहा है।
लगातार तीसरे लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की समस्त पांच सीट जीतने के बाद भाजपा को गत जुलाई माह में हुए उपचुनाव से खासा झटका लगा। यद्यपि, बदरीनाथ सीट कांग्रेस के कब्जे में ही थी, लेकिन कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के भाजपा में सम्मिलित होने के बाद इस सीट पर मिली हार ने भाजपा को पर्वतीय क्षेत्रों में जनाधार को बचाने के लिए सोचने पर विवश किया है।
केदारनाथ उपचुनाव इसी दृष्टि से भाजपा के लिए महत्वपूर्ण बन चुका है। सरकार और सत्ताधारी दल के बहुमत या मजबूती को लेकर यह उपचुनाव भले ही बड़ी चुनौती न हो, लेकिन इस सीट के परिणाम काे हिंदू मतों पर भाजपा की पकड़ को लेकर विपक्ष के नजरिये को प्रभावित अवश्य करेगा। इस रणनीति के आधार पर भाजपा ने उपचुनाव में पूरी सतर्कता तो बरती ही, ढील भी नहीं छोड़ने दी।
कांग्रेस का मनोबल गत जुलाई माह में बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीटों पर मिली जीत से बढ़ा हुआ है। बदरीनाथ धाम से जुड़ी सीट पर विजय मिलने के बाद कांग्रेस ने इसे हिंदू मतों पर भाजपा की ढीली होती पकड़ के रूप में प्रचारित किया था। केदारनाथ उपचुनाव के बहाने कांग्रेस के निशाने पर भाजपा के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हैं।
कांग्रेस हाईकमान ने इसी कारण उपचुनाव को पार्टी की प्रतिष्ठा से जोड़ने में कसर नहीं छोड़ी। प्रदेश में पार्टी के सभी दिग्गजों को चुनाव प्रचार में झोंका गया। बदरीनाथ की सफलता ने गढ़वाल के पर्वतीय क्षेत्रों में जनाधार वापस पाने की आशा कांग्रेस में नए सिरे से जगाई हैं। पौड़ी व टिहरी लोकसभा क्षेत्रों की कुल 28 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के पास मात्र तीन सीट हैं। केदारनाथ में सफलता मिली तो यह कांग्रेस के लिए संजीवनी से कम नहीं होगा।

उत्तराखंड में बढ़ती दुर्घटनाओं पर अब सुप्रीम कोर्ट ने तलब की रिपोर्ट, मुख्य सचिव को भेजा पत्र.

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 उत्तराखंड में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शासन से कारणों की विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है। सुप्रीम कोर्ट कमेटी आन रोड सेफ्टी के सचिव संजय मित्तल ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को पत्र भेजकर दुर्घटनाओं के सभी कारणों व दुर्घटना नियंत्रण को उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट 15 दिसंबर तक उपलब्ध कराने को कहा है। 

कमेटी ने देहरादून के ओएनजीसी चौक पर इनोवा कार दुर्घटना में छह युवाओं की मृत्यु और अल्मोड़ा में बस दुर्घटना में 38 यात्रियों की मौत का संज्ञान लिया है। प्रदेश में वाहनों की बेलगाम गति, ओवरलोडिंग व प्रवर्तन एजेंसियों की चेकिंग में लापरवाही के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर भी कमेटी ने चिंता जताई है। 

सुप्रीम कोर्ट ने शासन से मांगा जवाब-

जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कमेटी आन रोड सेफ्टी के सचिव संजय मित्तल के पत्र में कमेटी ने 11 नवंबर की देर रात दो बजे देहरादून में ओएनजीसी चौक पर हुई दुर्घटना का मुख्य कारण प्रवर्तन एजेंसियों की रात्रि चेकिंग में बरती गई लापरवाही को भी माना है। कमेटी ने चिंता जताते हुए यह जवाब मांगा है कि शासन की ओर से इस लापरवाही पर क्या कार्रवाई की गई।

बता दें कि, दुर्घटना वाली रात जाखन-मसूरी रोड से पार्टी कर लौट रहे सात युवाओं की बिना पंजीयन नंबर की इनोवा हाइक्रास कार बेलगाम गति से शहर में पुलिस के पांच बैरियर से गुजरती हुई 10 किमी दूर ओएनजीसी चौक तक पहुंच गई, लेकिन कहीं भी यह कार चेकिंग के लिए नहीं रोकी गई। एक बीएमडब्ल्यू कार को ओवरटेक करने के प्रयास में तकरीबन 180 किमी प्रतिघंटा की गति से दौड़ रही यह कार एक कंटेनर से टकराकर पेड़ में जा घुसी थी। 

इस भयावह सड़क दुर्घटना में कार सवार दो युवाओं के सिर धड़ से अलग हो गए थे, जबकि शेष के शव भी क्षत-विक्षत स्थिति में सड़क पर बिखर गए थे। सभी युवा 20 से 24 वर्ष के थे और उनमें तीन युवतियां भी शामिल थीं। इस दुर्घटना में कार सवार एक युवक जीवित है, जिसका सिनर्जी अस्पताल में उपचार चल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की कमेटी का पत्र मिलने के बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में सचिव परिवहन बृजेश संत को निर्धारित समय में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट कमेटी आन रोड सेफ्टी ने अल्मोड़ा के मार्चुला में हुई बस दुर्घटना पर भी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। गत चार नवंबर की सुबह ओवरलोड बस खाई में गिरने से 38 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना के बाद दो एआरटीओ को निलंबित कर दिया था। बता दें कि, उपरोक्त दोनों दुर्घटनाओं में शासन स्तर पर पहले से जांच चल रही हैं, लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।