Day: November 23, 2024

Kedarnath By Election Result 2024: भाजपा को मिला बाबा केदार का आशीर्वाद, 5623 वोटों से की जीत दर्ज, केदारनाथ में खिला कमल.

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विधानसभा की केदारनाथ सीट के उपचुनाव में बाजी भाजपा के हाथ लग चुकी है। भाजपा प्रत्‍याशी आशा नौटियाल ने कांग्रेस प्रत्‍याशी मनोज रातव को हराकर जीत दर्ज की है। भाजपा प्रत्‍याशी आशा नौटियाल को 23814 वोट‍ मिले। वहीं कांग्रेस प्रत्‍याशी मनोज रावत को 18191 मत प्राप्‍त हुए हैं। भाजपा ने 5623 वोटों से जीत दर्ज की है।

90 हजार से अधिक मतदाता वाली केदारनाथ विधानसभा की जनता ने शनिवार को अपना जनादेश दिया। जनता ने भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल को अपना विधायक चुना है। इसी के साथ केदारनाथ विधानसभा में महिला प्रत्याशी की जीत का मिथक भी भाजपा ने दोहराया।
पिछले करीब तीन महीने से उपचुनाव की तैयारी में जुटे सियासी दलों की तैयारियों और प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के लगातार 17 दिन तक किए धुआंधार प्रचार का फल जनता ने भाजपा की झोली में डाला। अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए भाजपा ने कई कसर नहीं छोड़ी। वहींकेदारनाथ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस ने नई दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास को मुद्दा बनाने पर पूरा जोर दिया। लेकिन केदारनाथ मंदिर के चक्रव्यूह में कांग्रेस खुद ही फंस गई और पार नहीं पा पाई। 

तीन महीने पहले चुनावी प्रबंधन के रणनीतिकारों को मैदान में उतारा-
उपचुनाव का विधिवत एलान से तकरीबन तीन महीने पहले चुनावी प्रबंधन के रणनीतिकारों को मैदान में उतार दिया था। युवा मंत्री सौरभ बहुगुणा और प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी संग विधायक भरत चौधरी का वहां प्रचार थमने तक अधिकतम समय गुजरा है।

महिला प्रत्याशी पर लगाया दांव-
महिला मतदाता बहुल सीट पर दो बार की विधायक रही महिला चेहरे आशा नौटियाल पर लगाया गया दांव भाजपा का मजबूत पक्ष बना। भाजपा को उम्मीद थी कि  महिला प्रत्याशी पर लगाया गया दांव सही साबित होगा और महिला उम्मीदवार की जीत का मिथक दोहराएगा।

ये प्रत्याशी थे मैदान में-

उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने आशा नौटियाल, कांग्रेस ने मनोज रावत और उत्तराखंड क्रांति दल ने डा. आशुतोष भंडारी को मैदान में उतारा है। तीन अन्य उम्मीदवार आरपी सिंह, त्रिभुवन सिंह चौहान और प्रदीप रोशन रुड़िया निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

Maharashtra Election Result: महाराष्ट्र में किसके सिर सजेगा ताज ? क्या फडणवीस बनेंगे अगले CM या फिर शिंदे के सिर ही रहेगा ताज?

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Maharashtra Election Result 2024 महाराष्ट्र के चुनावी दंगल में भाजपा नीत महायुति गठबंधन की बंपर जीत होती दिख रही है। महायुति महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीटों में से 223 पर आगे चल रही है। वहीं, एमवीए को बड़ी हार मिलती दिख रही है।
इस बीच चुनावी नतीजों के बाद सबसे बड़ा सवाल अब ये है कि महाराष्ट्र की सत्ता कौन संभालेगा। क्या एकनाथ शिंदे ही सीएम बनेंगे या देवेंद्र फडणवीस के सिर ये ताज सजेगा।

फडणवीस का पलड़ा भारी

सीएम की रेस में देवेंद्र फडणवीस का पलड़ा भारी दिख रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र में भाजपा 145 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और वो 127 सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा का जीत का स्ट्राइक रेट सबसे ज्यादा है। वहीं, एकनाथ शिंदे की शिवसेना 81 सीटों पर लड़कर 53 सीटों पर आगे चल रही है।

जीत के अंतर को देखते हुए फडणवीस का पलड़ा भारी दिख रहा है, क्योंकि वो भाजपा के सबसे बड़े चेहरे हैं।

शिंदे को भी मिल सकता है इनाम-

भाजपा ने पिछली बार फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाकर चौंकाया था, हालांकि देवेंद्र खुद सरकार में शामिल नहीं होना चाहते थे, लेकिन आलाकमान के दबाव के बाद उन्होंने अपना फैसला पलटा था।

वहीं, एकनाथ शिंदे को भी सीएम बनने की रेस में पीछे नहीं माना जा सकता है। दरअसल, शिंदे ने ऐसे समय में भाजपा का साथ दिया था, जब उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत थी। शिंदे ने शिवसेना को तोड़कर उद्धव ठाकरे को सबसे बड़ा झटका दिया था। इसी कारण भाजपा उन्हें इनाम दे सकती है।

वहीं, महायुति की एकता को बनाए रखने के लिए भी भाजपा शिंदे को ही दौबारा सीएम बना सकती है। भाजपा नहीं चाहती कि कोई बगावत करे।

CM पद पर फडणवीस का बयान, बोले- उम्मीद से बड़ी जीत

महाराष्ट्र में बड़ी जीत की ओर बढ़ रही महायुति को लेकर फडणवीस का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि ये उम्मीद से बड़ी जीत है। हम अब मिलकर अगले सीएम का फैसला करेंगे। वहीं, देवेंद्र फडणवीस के करीबी नेता प्रवीन दरेकर ने कहा है कि अगले मुख्यमंत्री ही देवेंद्र फडणवीस हो सकते हैं।

Maharashtra Result: महाराष्ट्र में लाडकी बहीण योजना ने कैसे बदला खेल, जानिए लोकसभा के बाद महायुति ने कैसे पलटी बाजी?

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं। शुरुआती दौर में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति नतीजों में बहुत आगे दिख रही है तो महाविकस अघाड़ी काफी पीछे है। एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शपा) जैसे दल शामिल हैं। चुनाव से पहले महायुति सरकार ने महिलाओं के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री- माझी लाडकी बहीण योजना को ‘गेमचेंजर’ बताया था और इसे पूरे प्रचार में एक अहम मुद्दा बनाया था। यह योजना महायुति और एमवीए के लिए इस लिहाज से भी अहम रही कि दोनों ने इस योजना को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल किया। सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने महाराष्ट्र के नतीजों के पीछे लाडकी बहीण योजना को बताया है।

क्या है माझी लाडकी बहीण योजना जो बनी ‘गेमचेंजर’?
महाराष्ट्र सरकार ने 28 जून 2024 को ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहीण’ योजना शुरू करने को मंजूरी दी थी। इस योजना के जरिए महाराष्ट्र में 21 से 65 साल की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है। इस योजना का लाभ सीधे डीबीटी द्वारा महिलाओं को उनके खाते में दिया जा रहा है। सरकार का कहना है कि राज्य में महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता, उनके स्वास्थ्य और पोषण में सुधार और परिवार में उनकी अहम भूमिका को मजबूत करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी।
किन महिलाओं को योजना का लाभ मिला?
1. लाभार्थी महाराष्ट्र राज्य का निवासी होना चाहिए।
2. राज्य में विवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता एवं निराश्रित महिलाएं और परिवार में केवल एक अविवाहित महिला।
3. न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 65 वर्ष पूरी होने तक।
4. लाभार्थी के पास आधार लिंक के साथ अपना बैंक खाता होना चाहिए।
5. लाभार्थी परिवार की वार्षिक आय रु. 2.50 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

इस योजना की कितनी महिलाएं लाभार्थी बनीं?
माझी लाडकी बहीण योजना के पोर्टल पर मौजूद जानकारी के अनुसार इस योजना के लिए कुल 1.12 करोड़ प्राप्त आवेदन मिले थे। वहीं पोर्टल पर स्वीकृत आवेदनों की कुल संख्या 1.06 करोड़ है। वहीं, महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि मुख्यमंत्री माझी लड़की बहीण योजना का उद्देश्य 2.34 करोड़ पात्र महिलाओं को आर्थिक लाभ देना है।

रक्षा बंधन पर शुरू की गई इस योजना को सरकार द्वारा महाराष्ट्र के अनुपूरक बजट में शामिल किया गया है। इस योजना के लिए राज्य के खजाने से सालाना 46,000 करोड़ रुपये के आवंटन की आवश्यकता होगी। महाराष्ट्र सरकार ने योजना के तहत दिवाली बोनस 2024 की घोषणा भी की थी। पात्र महिलाओं को लाडकी बहीण योजना दिवाली बोनस 2024 पहल के जरिए चौथी और पांचवीं किस्त के भुगतान में 3,000 रुपये सीधे उनके बैंक खातों में जमा किए गए थे।

चुनाव में लाडकी बहीण योजना कैसे मुद्दा बनी?
सत्ताधारी महायुति ने अपने पूरे प्रचार के दौरान लाडकी बहीण योजना को चुनावी मुद्दा बनाकर इसका प्रचार किया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चुनावी अभियान में कहा कि यह योजना चुनाव में सरकार के लिए गेमचेंजर साबित होगी। वहीं विधानसभा चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में महायुति ने लाडकी बहना योजना के तहत महिलाओं को हर माह 2,100 रुपये देने का वादे किया था। वहीं महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र ‘महाराष्ट्रनामा’ में मुख्यत: पांच गारंटियों पर केंद्रित किया था। इस घोषणा पत्र में महिलाओं को हर माह 3,000 रुपये देने का वादा किया गया था।

महाराष्ट्र में बुधवार को विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान कराया गया था। राज्य के 36 जिलों की सभी 288 सीटों पर वोटिंग हुई जहां कई जिलों के मतदाताओं में जबरदस्त रुझान दिखा। आंकड़े के अनुसार राज्य में कुल 66.05% मतदान दर्ज किया गया। महाराष्ट्र के इस चुनाव में 9.70 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पात्र थे। इनमें से 5.00 करोड़ पुरुष, 4.69 करोड़ महिलाएं और 6,101 थर्ड जेंडर मतदाता थे। 2019 में महाराष्ट्र में कुल 61.44% वोटिंग दर्ज की गई थी। इस तरह से राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव में मुकाबले 4.61% ज्यादा वोटिंग हुई।

महाराष्ट्र में इस विधानसभा चुनाव में कुल मतदान में लगभग 4.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन इस वृद्धि में महिलाओं का योगदान अहम है। 2019 के चुनावों में महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 59.26 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 65.21 प्रतिशत हो गया है। यानी 5.95 प्रतिशत अंकों की वृद्धि हुई है। मुंबई, इसके उपनगरों और इसके आस-पास के जिलों में भी महिला मतदाताओं की संख्या में काफी वृद्धि देखी गई। इसमें ठाणे जिले में 11 प्रतिशत अंकों की वृद्धि देखी गई, इसके बाद आदिवासी जिले पालघर में नौ प्रतिशत अंकों की वृद्धि हुई और मुंबई महानगर क्षेत्र में 2019 के चुनावों की तुलना में कम से कम सात प्रतिशत अंकों की वृद्धि हुई।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विधानसभा चुनावों के दौरान मतदान में हुई वृद्धि का श्रेय ‘सत्ता समर्थक भावना’ को दिया। उन्होंने दावा किया, ‘प्रारंभिक फीडबैक से पता चलता है कि मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं के बीच मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई है। हमें जानकारी मिली है कि लाडकी बहीण योजना के कारण हमारे लिए वोट करने वाली महिलाओं का प्रतिशत बढ़ा है।’

Kedarnath Assembly By Election: केदारघाटी की जनता ने आशा नौटियाल पर दिखाया विश्वास, जानिए यहां पर कब से है महिला प्रत्याशी की जीत का मिथक बरकरार.

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हॉट सीट केदारनाथ विधानसभा में महिला प्रत्याशी की जीत का मिथक भाजपा ने दोहराया है। धुआंधार प्रचार का फल भाजपा को मिला और केदारघाटी की जनता ने आशा पर उम्मीद जताई। केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक आशा नौटियाल को प्रत्याशी बनाया। वर्ष 2017 के बाद वह एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरीं।

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में वह केदारनाथ विस की पहली विधायक चुनी गईं, तब वह भाजपा से प्रत्याशी थीं। वर्ष 2007 में भी उन्हें क्षेत्रीय जनता ने अपना विधायक चुना था। इसके बाद दो बार चुनाव में उन्हें पराजय मिली। ऊखीमठ विकासखंड के दिलमी गांव निवासी आशा नौटियाल एक सामान्य परिवार से संबंध रखती हैं।
उनके पति रमेश नौटियाल पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं। वह वर्ष 1996 में पहली बार ऊखीमठ वार्ड से निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं।इसके बाद वर्ष 1997-98 में उन्हें भाजपा ने जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी और वर्ष 1999 में उन्हें महिला मोर्चा का जिलाध्यक्ष चुना गया। सौम्य व्यवहार और निरंतर जनसंपर्क की वजह से वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में आशा नौटियाल को भाजपा ने केदारनाथ विस से प्रत्याशी बनाया और वह विजयी हुईं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी दिवंगत विधायक शैलारानी रावत को पराजित किया था।
आशा नौटियाल की जब पुन: पार्टी में हुई वापसी-
वर्ष 2007 में भी भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कुंवर सिंह नेगी को पराजित कर विजयश्री हासिल की। वर्ष 2012 में लगातार तीसरी बार वह भाजपा की प्रत्याशी घोषित हुईं, पर इस बार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी शैलारानी रावत से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वर्ष 2016 में शैलारानी रावत भाजपा में शामिल हो गईं और वर्ष 2017 में भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया, जिस पर आशा नौटियाल ने पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहीं। तब, कांग्रेस से मनोज रावत विधायक चुने गए और निर्दलीय कुलदीप रावत दूसरे स्थान पर रहे।
कुछ समय बाद आशा नौटियाल की पुन: पार्टी में वापसी हुई और वह क्षेत्र में सक्रिय हो गईं। वर्ष 2022 में पार्टी ने पुन: शैलारानी रावत को प्रत्याशी बनाया और वह जीत गईं। वहीं, आशा नौटियाल को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया, जिसके बाद वह सीधे हाईकमान के संपर्क में आ गईं। इस बार सदस्यता अभियान में भी वह गांव-गांव संपर्क करती दिखीं। विस क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।

Kedarnath Assembly By Election: चुनाव परिणाम तय करेगा बीजेपी और कांग्रेस की 2027 की राह, जानिए अब तक कैसा रहा इस सीट का इतिहास.

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केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव का परिणाम भाजपा और कांग्रेस की 2027 की राह भी तय करेगा। साथ ही दोनों के प्रत्याशियों के राजनीतिक जीवन के लिए भी यह उपचुनाव परिणाम अहम है। राज्य बनने के बाद हुए विस चुनाव में अभी तक केदारनाथ विस चुनाव में तीन बार भाजपा और दो बार कांग्रेस को जीत मिली है। बीते दो विस चुनाव में निर्दलीय ने दोनों दलों के पसीने छुड़ाए थे।

पहले विस चुनाव से लेकर बीते चुनाव तक केदारनाथ विधानसभा में राजनीतिक रूप से भाजपा और कांग्रेस का ही दबदबा देखने को मिला है। यहां पहले व दूसरे विस चुनाव में भाजपा से आशा नौटियाल विधायक चुनी गईं। वर्ष 2012 में कांग्रेस ने पहली बार जीत दर्ज करने के साथ अपने वोट बैंक में सुधार किया। तब शैलारानी रावत ने आशा नौटियाल को पराजित किया।
वर्ष 2017 में यहां भाजपा को हार का सामान करना पड़ा और पार्टी चौथे स्थान पर रही। तब भाजपा ने शैलारानी रावत पर दांव खेला, जिससे आशा नौटियाल बागी होकर निर्दलीय मैदान में उतरी। लेकिन दोनों महिला उम्मीदवार हार गईं और कांग्रेस के मनोज रावत विधायक चुने गए।
वर्ष 2022 में कांग्रेस तीसरे स्थान पर खिसक गई। भाजपा की शैलारानी रावत निर्दलीय कुलदीप रावत को पराजित कर दूसरी बार विधायक चुनी गई। इस वर्ष शैलारानी रावत के निधन के बाद केदारनाथ विस में उपचुनाव हो रहा है, जिसमें भाजपा से आशा नौटियाल और कांग्रेस से मनोज रावत में सीधा मुकाबला है।