Day: January 31, 2025

गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी को मिला तीसरा स्थान, दिल्ली में किया गया पुरस्कृत

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नई दिल्ली कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में राज्य की ओर से सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल थीम पर उत्तराखंड की झांकी को पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त करने के लिये पुरस्कृत किया गया।नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में बृहस्पतिवार को केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और झांकी के टीम लीडर/संयुक्त निदेशक के.एस चौहान ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” थीम पर यह झांकी तैयार की गई थी।

Uttarakhand tableau got third place in India on Republic Day 2025 parade, was awarded in Delhi

झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर मुख्यमंत्री धामी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि देश-विदेश के लोग “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी परिचित हुए हैं। कहा कि उत्तराखंड की झांकी ने कर्तव्य पथ पर सभी का ध्यान आकर्षित किया और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व साहसिक खेलों को बखूबी रूप से प्रस्तुत भी किया।

झांकी के थीम सांग में इनका रहा योगदान
झांकी का थीम सांग “झुमैलो“ था। “झुमैलो“ गीत को जितेंद्र पंवार ने लिखा और गायक अभिनव चौहान ने स्वर दिया है। इसे अमित वी. कपूर ने संगीत देकर तैयार किया। झांकी के अग्र भाग में जो ऐपण कला प्रदर्शित की गई उसे चंपावत जिले के हस्त कलाकार निकिता, अंजलि, सुरेश राजन और योगेश कालोनी ने बनाया। झांकी का निर्माण स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवर्टाइजिंग प्रा.लि.के निदेशक सिद्धेश्वर ने किया गया। लीडर केएस चौहान के साथ चंपावत जिले 15 कलाकारों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

राज्य को तीन पुरस्कार मिल चुके
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रतियोगिता में राज्य के कलाकारों ने प्रसिद्ध जागर गायन एवं लोकनृत्य छपेली प्रतियोगिता की प्रस्तुत दी गई। जिसको गठित समिति ने पुरस्कार के लिए चयनित किया। राज्य गठन के बाद से गणतंत्र दिवस समारोह में अब तक राज्य को तीन पुरस्कार मिले हैं जिनमें वर्ष 2021 में केदारखंड झांकी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। वर्ष-2023 में मानसखंड झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ और वर्ष 2025 में सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल झांकी को पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।

हरिद्वार जा रहे खानपुर विधायक उमेश कुमार को लच्छीवाला में पुलिस ने रोका, कोतवाली लाया गया

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हरिद्वार जा रहे खानपुर विधायक उमेश कुमार को पुलिस ने डोईवाला के पास रोक लिया। उमेश कुमार को पुलिस ने टोल टैक्स लच्छीवाला पर रोक कोतवाली लेकर आ गए।इस दौरान भारी पुलिस फोर्स मौजूद रहा। विधायक उमेश कुमार की पत्नी ने बताया कि वह शांतिपूर्वक बैठक में भाग लेने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। बता दें, बीते रविवार को चैंपियन और उनके समर्थक बड़ी संख्या में उमेश कुमार के कार्यालय पर पहुंचे और जमकर तोड़फोड़ करते हुए समर्थकों से मारपीट कर दी थी। इस दौरान ताबड़तोड़ फायरिंग भी की गई है।

कुछ देर बाद विधायक उमेश कुमार भी वहां पहुंच गए। वह भी बंदूक लेकर भागे और हंगामा कर दिया। जिसके बाद समर्थकों ने उन्हें संभाला। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और घटना की जानकारी ली।वहीं, देर शाम देहरादून में नेहरू कालोनी थाना पुलिस ने पूर्व विधायक कुंवर प्रवण सिंह चैंपियन को मामले में हिरासत में ले लिया। हरिद्वार पुलिस की ओर से पूर्व विधायक चैंपियन और वर्तमान विधायक खानपुर उमेश कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा उनके समर्थकों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

सीएम धामी के कंधे पर जुड़ा चुनावी सफलता का एक और सितारा

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निकाय चुनाव की शुरुआत में 11 नगर निगम की मेयर सीट पर भाजपा व कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद लग रही थी। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल सत्ता विरोधी रुझान को कैश कर भारी उलटफेर करने की रणनीति पर काम भी कर रहे थे।

दून, ऋषिकेश,हल्द्वानी ,श्रीनगर, कोटद्वार व पिथौरागढ़ समेत अन्य निगमों में कांग्रेस ने आक्रामक प्रचार कर कुछ सीटों की उम्मीद भी जगा कर रखी। कांग्रेस ने नगर निकाय के ज्वलन्त मुद्दे भी उठाए।

कई निकायों से जुड़े भाजपा के चर्चित मंत्री व विधायकों के खिलाफ कांग्रेस ने जोरदार हमला बोल कर चुनावी माहौल गरमाया।

लेकिन जैसे जैसे मतदान की तारीख करीब आयी ,भाजपा अपनी रणनीति को बखूबी अमलीजामा पहनाती दिखी।

सीएम धामी के 13 जिलों में ताबड़तोड़ जनसभाएं व रोड शो में मतदाता से विकास के वादे के साथ ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने की बात कही।
सीएम धामी ने साफ तौर पर केंद्र, राज्य के साथ अब निकाय में जीत की अपील की। कहा कि, उम्मीदवार को जिताने की बारी आपकी और फिर विकास की गारंटी मेरी।

चुनाव से कुछ दिन पूर्व कुमाऊं के उत्तरायणी मेले में रोटी पर थूक लगाने का वीडियो वायरल होते ही धामी सरकार तुरन्त एक्शन में आ गयी। और दोषियों को गिरफ्तार करते ही सीएम धामी ने थूक जिहाद के खिलाफ जमकर बोला।

 

किसी मेले में रोटी पर थूक लगाने की घटना ने चुनाव के मुद्दों में प्रमुख जगह बनाई। इसी दौरान सीएम धामी ने कैबिनेट से यूसीसी को पास करवा अपनी उपलब्धि को नये सिरे से मतदाताओं के सामने रखा।

सीएम धामी ने अपने चुनाव प्रचार में यह भी कहा कि प्रदेश में फतवे की राजनीति करने वालों को जनता नकारेगी।

बीच चुनाव प्रचार के दौरान धामी सरकार ने काशीपुर में अतिक्रमण किये हुए दो अवैध धार्मिक स्थल तुड़वा दिए।

हाथ से निकल चुकी ऋषिकेश नगर निगम सीट पर सीएम धामी के आखिरी क्षण में कई गयी जनसभा का असर चुनावी नतीजों में झलका।
पहाड़ी बनाम बाहरी के चुनाव में सीएम धामी ने क्षेत्रवाद व जातिवाद से ऊपर उठकर मतदान की अपील की। यहां भाजपा के शम्भू पासवान जीत गए।

रुड़की नगर निगम की सीट पर भी मुकाबला कड़ा हो गया था। चुनाव प्रचार के दौरान इमरान मसूद की ‘बयानबाजी’ को भाजपा ने लपका। और यहां हिन्दू मतों के ध्रुवीकरण का असर भी देखने को मिला।

इस निकाय चुनाव में भाजपा के कई मंत्री व विधायकों के खिलाफ मतदाता नाराज दिखा। कई निकाय में कांग्रेस व निर्दलीय बाजी मार गए। इन सीटों के परिणाम पर कांग्रेस सन्तोष जता सकती है।

लेकिन निगम की मेयर सीट पर भाजपा का कब्जा कांग्रेस की चुनावी रणनीति को फेल कर गया। देहरादून मेयर के कांटे के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सौरभ थपलियाल एक लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत गए। सौरभ ने जीत का श्रेय मतदाताओं व सीएम धामी के विकास आधारित चुनावी प्रचार को दिया।

श्रीनगर नगर निगम सीट को छोड़कर शेष 10 सीटों पर भाजपा का कब्जा सीएम धामी को प्रदेश की राजनीति में एक नया तमगा भी दे गया।

निकाय चुनाव में मंत्री-विधायकों के ‘दमखम’ पर टिका कैबिनेट फेरबदल

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प्रदेश के 11 नगर निगमों में  मेयर के 10 पद जीतने वाली भाजपा के कई मंत्रियों व विधायकों के क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन से कैबिनेट फेरबदल की सुगबुगाहट एक बार फिर तेज हो गयी है।

क्षेत्र में जनता की नाराजगी और 2027 के विधानसभा चुनाव में पड़ने वाले असर को देखते हुए भाजपा में नये चेहरों को कैबिनेट में शुमार किये जाने की संभावना बनती नजर आ रही है।

नगर निकाय में निर्दलीयों व बागियों की जोरदार जीत से भाजपा के साथ कांग्रेस के टिकट वितरण फार्मूले को कई निकाय में गहरा धक्का लगा है।

निकाय चुनाव परिणाम में गढ़वाल क्षेत्र के मंत्री धन सिंह रावत,सतपाल महाराज व सुबोध उनियाल के इलाके में भाजपा उम्मीदवार कांग्रेस व निर्दलीय उम्मीदवार से हार गए।

हालांकि, विवादों व चर्चाओं में रहे मंत्री गणेश जोशी मसूरी व प्रेम अग्रवाल ऋषिकेश सीट पर भाजपा जीत गयी। बेहद कम अंतर से जीत के बाद ऋषिकेश और पिथौरागढ़ नगर निगम सीट पर 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा हाईकमान कुछ समय बाद धामी मन्त्रिमण्डल के विस्तार को हरी झंडी दे सकता है। मंत्रियों और विधायकों की चुनावी परफार्मेंस की इस नये विस्तार में अहम भूमिका रहेगी।

सूत्रों का कहना है कि 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कुछ नये चेहरे मंत्रिमंडल का हिस्सा बनेंगे। बीते कुछ सालों में विभिन्न कारणों से जिन मंत्रियों की साख कम हुई या जनता जिन प्रतिनिधियों को लेकर खासी मुखर रही हो। ऐसे मंत्रियों को किनारे बैठाया जाएगा। कुछ नये व कुछ अनुभवी चेहरों को भी जगह मिलेगी।

देखें निकाय चुनाव में दलीय प्रदर्शन

हालिया सम्पन्न निकाय चुनावों में निर्दलीय व बागियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

यही कारण रहा कि सात निगमों में सत्तारूढ़ भाजपा को सभासद वार्ड में बहुमत नहीं मिला। राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार नगर प्रमुख/अध्यक्ष के कुल 100 पदों में से भाजपा 42, निर्दलीय 29, कांग्रेस 27 व बहुजन समाज पार्टी 2 सीट जीतने में सफल रही। इनमें से नगर निगम के नगर प्रमुखों (मेयर) के 11 पदों में से 10 पर भाजपा को जीत मिली हैं जबकि श्रीनगर की सीट निर्दलीय द्वारा जीती गयी है।

नगर पालिका अध्यक्ष के 43 पदों में से भाजपा केवल 17, निर्दलीय 13, कांग्रेस 12 व 1 सीट बहुजन समाज पार्टी ने जीती।

नगर पंचायत अध्यक्ष की 46 सीट पर भाजपा, कांग्रेस व निर्दलीय क्रमशः 15-15-15 सीट जीती। जबकि 1 पर बहुजन सामज पार्टी को जीत मिली है।

11 में से 7 निगमों में भाजपा के पार्षदों का बहुमत न होने के चलते वहां वह अपने तरीके से नगर की सरकार नहीं चला सकेगी। 11 में से केवल 4 नगर निगमों में ही भाजपा को पार्षदों की आधे से अधिक सीटें मिली हैं। जिसमें रूद्रपुर में 40 में से 21, रूड़की में 24, देहरादून में 100 में से 63 तथा हरिद्वार में 60 में से 40 पार्षद शामिल हैं।

अन्य 40 पार्षदों वाले निगमों में काशीपुर में 19, अल्मोड़ा में 15, ऋषिकेश में 18, श्रीनगर में 16 तथा कोटद्वार में 18 पार्षद ही भाजपा के जीते हैं जबकि 60 पार्षदों वाले हल्द्वानी में भाजपा के एक तिहाई 20 पार्षद ही जीत सके हैं।

सभासद/सदस्यों के कुल 1282 पदों में से 1280 में चुनाव हुआ हैं जिसमें से आधे से कम 445 में ही भाजपा को जीत मिली हैं जबकि कांग्रेस को 169, निर्दलीय को 651, बसपा व अन्य को 2-2 तथा उक्रांद को 1 सीट पर जीत मिली है। नगर पालिका परिषद के 444 सदस्यों में से 129 पर ही भाजपा जीत सकी हैं, जबकि 269 पर निर्दलीय तथा 46 पर कांग्रेस जीती।

नगर पंचायत सदस्यों के 297 पदों में से 67 पर ही भाजपा को जीत मिली । 37 पर कांग्रेस तथा 190 पर निर्दलीय 2 पर आप तथा 1 पर बसपा को जीत मिली है।जिलावार प्रदर्शन में भी अधिकतर जिलों में भाजपा या किसी भी राजनैतिक दल का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। अल्मोड़ा जिले में नगर प्रमुख/अध्यक्ष के 5 पदों में से 3 पर कांग्रेस तथा 2 पर भाजपा ने जीत हासिल कर है। सभासद/सदस्यों में 58 में से 18 पर भाजपा जीती जबकि 40 पर निर्दलीय जीते हैं।

बागेश्वर जिले में अध्यक्ष के 3 पदों में से 2 पर भाजपा 1 पर कांग्रेस जीती जबकि सभासद/सदस्यों के 25 में से 14 पर भाजपा 6 पर कांग्रेस तथा 1 पर निर्दलीय जीते हैं।

चमोली जिले में 10 अध्यक्षों में से 2 पर भाजपा, 6 पर कांग्रेस तथा 5 पर निर्दलीय जीते हैं। 63 सभासदों/सदस्यों में 24 भाजपा, 21 कांग्रेस तथा 18 पर निर्दलीयों को मिले हैं।

चम्पावत के 4 अध्यक्षों में सभी में भाजपा को जीत मिली है जबकि 34 सदस्यों में से 10 पर भाजपा 23 पर निर्दलीय जीते हैं।देहरादून जिले में 7 नगर प्रमुख/अध्यक्ष के पदों में से 5 भाजपा 1-1 कांग्रेस व निर्दलीय जीते हैं। सदस्य/सभासदों के 202 पदों में से 108 भाजपा 40 कांग्रेस तथा 54 निर्दलीय जीते हैं।

हरिद्वार जिले में 14 नगर प्रमुख/अध्यक्ष के पदों में 3 भाजपा 4 कांग्रेस 5 निर्दलीय 2 बसपा ने जीते हैं। जबकि 231 सभासद/सदस्यों के पदों में से 87 भाजपा 27 कांग्रेस 113 निर्दलीय 2 बसपा तथा 2 आप ने जीते हैं।

नैनीताल जिले मंे नगर प्रमुख/अध्यक्ष के 7 पदों में से भाजपा 1, कांग्रेस व निर्दलीय 3-3 पदों पर जीते हैं जबकि सदस्य/सभासद के 125 पदों में से 27 पर भाजपा 3 पर कांग्रेस 94 पर निर्दलीय तथा 1 उक्रंाद ने जीते हैं।

पौड़ी गढ़वाल के 7 प्रमुख/अध्यक्ष में से 1 भाजपा, 3-3 निर्दलीय व कांग्रेस को जीत मिली। जबकि 107 सदस्यों में से 43 भाजपा, 22 कांग्रेस तथा 42 निर्दलीय को मिले है। पिथौरागढ़ जिले के 6 अध्यक्षों मे से 2 भाजपा 3 कांग्रूेस तथा 1 पर निर्दलीय की जीत हुई। जबकि सभासद/सदस्यों के 75 में से 11 भाजपा 3 कांग्रेस 61 निर्दलीय जीतेे है।

रुद्रप्रयाग जिले के अध्यक्षों के 5 पदों में से 2 भाजपा 1 कांग्रेस तथा 2 निर्दलीयों को मिले हैं। जबकि 26 सदस्यों में से 3 भाजपा 1 कांग्रेस 22 निर्दलीय को मिले हैं। टिहरी गढ़वाल के 10 अध्यक्षों में 7 भाजपा, 3 कांग्रेस को मिले है। सदस्यों के 65 पदों में से 25 भाजपा 11 कांग्रेस 29 निर्दलीय जीते हैं।

उधमसिंह नगर के 17 नगर प्रमुख/अध्यक्ष के पदों में से 10 भाजपा 1 कांग्रेस 6 निर्दलीय जीते हैं जबकि 230 सदस्य/सभासदों में से केवल 75 भाजपा 35 कांग्रेस तथा 120 निर्दलीय जीते हैं।