जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में हुए बहुचर्चित घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को चार अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में चार्जशीट दाखिल कर दी।
आरोपियों में तत्कालीन डीएफओ किशनचंद, तत्कालीन डीएफओ अभिषेक तिवारी, रेंजर बृज बिहारी शर्मा और रेंजर मथुरा सिंह मावदी शामिल हैं।
इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की भूमिका की भी जांच हो रही है।
घोटाले में बड़े अधिकारियों के नाम भी सामने आए थे। विभागीय जवाब तलब का खेल भी कुछ समय चला था। लेकिन फिलहाल डीएफओ व रेंज स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत पायी गयी।
ईडी की जांच में सामने आया कि इन अधिकारियों ने मिलीभगत कर पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर अवैध निर्माण कराया और सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों की संपत्ति जुटाई।
ईडी ने इसी महीने किशनचंद के बेटों और बृज बिहारी शर्मा की पत्नी के नाम पर अर्जित करीब 1.75 करोड़ की संपत्ति अटैच की है।
क्या है मामला?
साल 2019 में पाखरो रेंज की 106 हेक्टेयर वन भूमि पर टाइगर सफारी बनाने का काम बिना किसी वित्तीय मंजूरी के शुरू कर दिया गया। पेड़ों की कटाई और अवैध निर्माण की शिकायत पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने निरीक्षण किया, जिसमें भारी अनियमितताएं पाई गईं।
जांच में खुलासा हुआ कि इस योजना के नाम पर करीब 215 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। पहले विजिलेंस और फिर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया और चार्जशीट दाखिल की। अब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच करते हुए चार अधिकारियों को आरोपी बनाया है।