Day: August 26, 2025

नाराजगी की अटकलों पर पूर्व CM त्रिवेंद्र रावत ने किया खारिज, सरकार में नेतृत्व में बदलाव की चर्चा को भी बताया हवा-हवाई

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सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सुर नरम

बोले, नीति और नीलामी से खनन पट्टे दिए जा रहे, इसमें कोई बुराई नहीं

पूर्व मंत्री हरक सिंह बताएं कि जो पैसा दिया, क्या है उसका स्रोत

अधिकारियों को दी नसीहत, जनता के प्रति बनें जवाबदेह

 

देहरादून। दिल्ली में भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार से हुई मुलाकात के बाद देहरादून लौटने पर हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सुर नरम दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने त्रिवेंद्र समेत अन्य नेताओं को पार्टी लाइन पर चलने की ताकीद की है।डिफेंस कालोनी स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में त्रिवेंद्र ने उन अटकलों पर विराम लगाया, जिसमें दिल्ली में सांसदों के साथ हुई पार्टी संगठन की बैठक से तुरंत चले जाने को उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा था। उन्होंने कहा कि नाराजगी जैसी कोई बात नहीं थी। उन्हें कहीं जाना था, इसलिए तुरंत ही बैठक से चले गए थे।

 

उन्होंने राज्य सरकार में नेतृत्व में बदलाव की चर्चा को भी हवा-हवाई करार दिया और कहा कि धामी सरकार पूरे पांच साल चलेगी। बार-बार मुख्यमंत्री बदलना या इसकी चर्चा करना गलत है। उन्होंने विपक्ष कांग्रेस को भी आड़े हाथ लिया।

 

सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात सामान्य प्रक्रिया है। इसमें हर जगह छेद ढूंढते रहें, यह ठीक नहीं है। खनन से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि सरकार नीति के तहत नीलामी के जरिये खनन पट्टे दे रही है तो इसमें बुराई क्या है। एक अन्य प्रश्न पर उन्होंने कहा कि गैरसैंण को भाजपा ने ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया। यह स्थायी राजधानी कब बनेगी, इसका जवाब सरकार बेहतर दे सकती है।

 

पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के आरोपों पर उन्होंने कहा कि वह उनका पूरा इतिहास जानते हैं। पांच-छह दिन से हरक सिंह काफी जोश में हैं। हो सकता है ये उनकी आंतरिक राजनीति का हिस्सा हो या कुछ और कारण हैं अथवा वह स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भाजपा ने संगठन चलाने के लिए पूरी पारदर्शिता के साथ चेक से चंदा लिया। हरक सिंह ने चंदे को लेकर बढ़ा चढ़ाकर बोला, लेकिन जो पैसा लिया गया वह चेक से आया। अब हरक बताएं कि इस पैसे का स्रोत क्या है।

विपक्ष कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस ने सदन में जो व्यवहार किया, वह उचित नहीं है। उनकी जानकारी में आया है कि कार्यमंत्रणा समिति में पहले दिन आपदा का विषय विपक्ष की ओर से लाने पर सहमति बनी थी, लेकिन वह कानून व्यवस्था का मुद्दा लेकर आया। सरकार इस पर जवाब देती, लेकिन यह सब नियमों के तहत लाया जाना चाहिए था।पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के भांजे के प्रकरण पर उन्होंने कहा कि पुलिस का जो काम है, उसे करना चाहिए। यह गंभीर प्रकरण है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस मामले में लापरवाह अधिकारियों को आड़े हाथ लेने की जरूरत है। उन्होंने नौकरशाही को भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि नीतियों व निर्णयों का क्रियान्वयन शासन की जिम्मेदारी है। इसके लिए अधिकारियों को ठीक से काम करना चाहिए। जनता के प्रति उनकी जवाबदेही होनी चाहिए।

रेबीज संक्रमित युवक की निजी अस्पताल में हुई मौत, कुत्ते के काटने के छह माह बाद दिखे थे लक्षण

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रेबीज संक्रमित मरीज की सोमवार सुबह करीब सात बजे मौत हो गई। युवक को एम्स में भी राहत नहीं मिली थी। लिहाजा उसके परिजन उसे एक निजी अस्पताल ले गए थे। वहां पर उसने दम तोड़ दिया। दून अस्पताल में रविवार को रेबीज के गंभीर लक्षण दिखने वाले युवक को लाया गया था। करीब तीन घंटे तक उसे दून अस्पताल में उपचार दिया गया था। बाद में हालत बिगड़ने पर उसे एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया था।

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि व्यक्ति को पानी और उजाले से डर लगने के साथ ही उसके मुंह से लगातार लार गिर रही थी। उसके अंदर तीव्र आक्रामकता के लक्षण भी दिख रहे थे। मृतक की मां शशि शर्मा ने बताया कि उसे दून अस्पताल से एम्स ऋषिकेश लेकर गई थीं जहां पर उसको प्राथमिक उपचार दिया गया था। स्थिति में सुधार नहीं होने पर उसे दूसरे अस्पताल में लेकर गईं, जहां पर सुबह उसकी मौत हो गई।

 

कुत्ते के काटने के छह माह बाद दिखे रेबीज के गंभीर लक्षण, युवक एम्स रेफर

दून अस्पताल में रविवार को रेबीज के गंभीर लक्षण दिखने वाले एक 30 वर्षीय युवक को भर्ती किया गया। करीब चार घंटे बाद हालत बिगड़ने पर उसे एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया। युवक को पानी और उजाले से डर लगने के साथ ही उसके मुंह से लगातार लार गिर रही थी। साथ ही तीव्र आक्रामकता के लक्षण भी दिख रहे थे।

चिकित्सकों समेत वहां मौजूद सभी लोग हैरान हो गए। काफी देर तक चिकित्सक समझ ही नहीं पाए कि युवक को क्या परेशानी है। परिजनों ने जब छह महीने पूर्व युवक को कुत्ते के काटने की बात बताई तो चिकित्सकों को रेबीज होने का संदेह हुआ।

एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लगवाई गई
इसके बाद क्लीनिकल जांच की तो यह बात काफी हद तक पुख्ता भी हो गई। चिकित्सक के अनुसार युवक देहरादून का ही रहने वाला है। परिजनों ने यह बात भी बताई कि युवक को कुत्ते के काटने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लगवाई गई।

रेबीज का नहीं है कोई उपचार 
डॉ. आरएस बिष्ट के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति रेबीज की चपेट में आ जाए तो उसका कोई उपचार नहीं है। ऐसे में लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है। अगर किसी को गली या फिर पालतू कुत्ता काटता है तो उसे जरूरी तौर पर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना चाहिए।

दून अस्पताल में हर रोज वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे 35 लोग 
दून अस्पताल के आपात चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित अरुण ने बताया कि अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने हर रोज करीब 35 लोग पहुंच रहे हैं। इनमें से 10 से 12 लोग गंभीर घायल होते हैं जिनको एंटी रेबीज के साथ ही सीरम भी लगाना पड़ता है। इन दिनों कुत्ते काटने के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है।