केंद्र सरकार के लिए फिर मुसीबत बनेंगे किसान, संसद को घेरने की तैयारी.
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नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण से बेहतर मुआवजे की मांग को लेकर किसान दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं। इस कारण नोएडा से दिल्ली आने वाले रास्तों पर भारी जाम लग गया है। प्रशासन ने सख्ती से किसानों को दिल्ली आने से रोकने की कोशिश कर उन्हें दिल्ली बॉर्डर पर ही रोक दिया है। इससे किसान आंदोलन जैसी स्थिति बनती दिख रही है। लेकिन सरकार के लिए आने वाले समय में किसानों के मोर्चे पर परेशानी बढ़ सकती है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण भारत बंद करने का निर्णय लिया है। इस आंदोलन को विपक्ष के कुछ बड़े राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिलने का दावा किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान संगठन एक दिन के लिए भारत बंद रखेंगे। सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच पूरे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदर्शन और रैलियां निकाले जाने की योजना है। इसका आयोजन भी स्वामीनाथन आयोग के अनुसार सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा और मनरेगा से किसानी को जोड़ने जैसी मांगों को लेकर की जायेगी। किसानों का आरोप है कि उनके आंदोलन को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने जो वादे किए थे, वह पूरे नहीं हुए।इसी दिन विभिन्न विभागों के वामपंथी श्रमिक संगठनों ने भी एक दिन के बंद का आह्वान किया है। इससे भी किसान आंदोलन को मजबूती मिल सकती है। इसके साथ कुछ अन्य वर्गों को भी जोड़ने की कोशिश की जा रही है। बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे युवाओं को भी इससे जोड़ने की तैयारी की जा रही है।