Author: Dilip Singh Rathod

हेरिटेज एविएशन कम्पनी पर लटकी ब्लैक लिस्टिंग की तलवार

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प्रतिबंध के बावजूद और बिना अनुमति के बद्री-केदार के अध्यक्ष को केदारनाथ धाम ले जाना एविएशन कम्पनी को भारी पड़ता जा रहा है। सम्बंधित हेली कम्पनी को ब्लैक लिस्ट किये जाने की प्रबल संभावना है।

शोरगुल मचने के बाद हुई विभागीय जांच में हेली कम्पनी को काली सूची में डालने की तैयारी चल रही है। फिलहाल, हेरिटेज एविएशन की चारधामों की चार्टर्ड सेवा पर रोक लगाई गई।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए हेरिटेज एविएशन कम्पनी को नोटिस जारी किया है।यूकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय टोलिया ने बताया कि  खराब मौसम में बिना अनुमति के उड़ान भरने पर सम्बंधित हेरिटेज एविएशन कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करने का नोटिस जारी किया गया। हालांकि, यह भी खबर है कि विभाग ने  हेली कम्पनी को उड़ान की सशर्त अनुमति दी  थी।

गौरतलब है कि सावन के पहले सोमवार 14 जुलाई को हेरिटेज एविएशन के चार्टर्ड हेलिकॉप्टर ने देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी।

मौसम खराब होने की वजह से यूकाडा के ऑपरेशन विंग ने हेरिटेज कम्पनी के पायलट को उड़ान भरने की मंजूरी नहीं दी थी।

बावजूद इसके पायलट हेलीकॉप्टर में बद्री-केदार मन्दिर परिषद के अध्यक्ष व अन्य खास लोगों को लेकर केदारनाथ धाम पहुंच गए।

साफ है कि वीआईपी उड़ान के लिए पायलट ने यूकाडा के दिशानिर्देशों का खुला उल्लंघन किया।
नतीजतन, यूकाडा ने हेली कम्पनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, हेरिटेज एविएशन ने लिखित जवाब में माना कि 14 जुलाई को बिना अनुमति के उड़ान भरी है। इस मामले में अनुमति देने और नहीं देने की तस्वीर भी उलझी दिखाई दे रही है।

इधऱ, विभागीय सूत्रों का कहना है कि
खराब मौसम को देखते हुए यूकाडा ने चार्टर्ड उड़ान के लिए मना किया था। ब्लैक लिस्ट सम्बन्धी ताजे नोटिस का जवाब नहीं देने पर डीजीसीए की गाइडलाइन के अनुसार कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

बीकेटीसी के अध्यक्ष के साथ कौन-कौन लोग गए थे ,यह भी साफ नहीं हो पाया। इनमें एक चर्चित शख्सियत का नाम भी सामने आ रहा है। बहरहाल, सावन के पहले सोमवार को केदारनाथ धाम के लिए भरी गयी उड़ान चर्चा का विषय जरूर बन गयी है…

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला…जांच के दायरे में आए संस्थानों का दोबारा होगा सत्यापन

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शासन ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में रडार पर आए संस्थानों का दोबारा सत्यापन कराने का फैसला किया है। इसके अलावा जांच के दौरान रुद्रप्रयाग में वासुकेदार में संस्कृत महाविद्यालय में गड़बड़ी मिली है, यह संस्थान एक विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा था।यहां पर पश्चिम बंगाल के 24 परगना के रहने वाले छात्राओं का पंजीकरण कराया गया था। मई में शासन ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के विश्लेषण में संदिग्ध पाए गए 92 संस्थानों और स्कूलों में जांच के आदेश दिए थे।

 

जांच में 92 संस्थानों में से 17 संस्थानों में अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति में गड़बड़ी का पता चला था। प्रकरण में शासन ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को जांच रिपोर्ट भेज दी थी। अब शासन ने जांच की रडार पर आए संस्थानों का दोबारा सत्यापन कराने का फैसला किया है, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते कहते हैं कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जांच के दौरान त्रुटिवश कोई संस्थान बच तो नहीं गया है। इस संबंध में जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है।

दूसरे राज्य के छात्राओं के पंजीकरण का मामला सामने आया
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के दौरान रुद्रप्रयाग जिले से जुड़ा मामला सामने आया है। यहां पर विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा वासुकेदार में श्री सरस्वती संस्कृति महाविद्यालय संस्थान संचालित किया जा रहा था। इस संस्थान में जांच के दौरान दो छात्राएं पश्चिम बंगाल की थी, जिनका संबंधित संस्थान से पंजीकरण कराया गया था। विशेष सचिव डॉ. धकाते कहते हैं कि जांच में पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के छात्रों के पंजीकरण की बात सामने आई है। इस संस्थान का संचालन नसरुद्दीन नामक व्यक्ति कर रहा था। प्रकरण में जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी।

ईडी कार्रवाई पर बोले हरक, दोषी साबित हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा, निर्दोष निकला तो करूंगा मुकदमा

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कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ईडी की कार्रवाई पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने साफ कहा कि अगर कोर्ट में उन पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं तो वे राजनीति से हमेशा के लिए संन्यास ले लेंगे। लेकिन अगर अदालत में निर्दोष साबित हुए तो इस “साजिश” में शामिल लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे।

कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान हरक सिंह ने अपने विरोधियों को चेताते हुए कहा, “मैं न दबने वाला हूं, न झुकने वाला। जितनी भी साजिशें कर लो, मैं लड़ता रहूंगा।”

हरक सिंह ने कहा कि वो दूध के धुले नहीं है। लेकिन सहसपुर मामले में उनकी कोई गलती नहीं है। ईडी ने गलत मुद्दे।पर छेड़ दिया जैसे सीबीआई ने 2003 के जेनी प्रकरण में मुझे फंसाया था। बाद में मुझे क्लीन चिट मिली थी।

उन्होंने ईडी की कार्रवाई को बदले की भावना से प्रेरित बताते हुए कहा कि सहसपुर की विवादित जमीन उन्होंने 2002 में पूरी तरह कानूनी तरीके से खरीदी थी। इस जमीन का रिकॉर्ड 1962 से पूर्व मालिक के नाम पर दर्ज था और सारे दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं।

हरक सिंह ने याद दिलाया कि इस मामले की जांच पहले भाजपा सरकार में और फिर कांग्रेस की सरकार में हो चुकी है, लेकिन किसी भी जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिला। अब मामला कोर्ट के सामने है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।

उन्होंने ईडी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर एजेंसी आरोप साबित कर दे, तो वे तुरंत राजनीति से संन्यास ले लेंगे। लेकिन अगर निर्दोष निकले तो कानूनी लड़ाई लड़कर साजिश रचने वालों को बेनकाब करेंगे।

भाजपा पर हमला करते हुए हरक सिंह ने कहा कि पार्टी अब अपने आदर्शों से भटक चुकी है और विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा छोड़ने का उन्हें कोई मलाल नहीं है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को ईडी ने मनी लांड्रिंग के केस में पूर्व मंत्री हरक सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।

 

ईडी की कार्रवाई भाजपा की राजनीतिक साजिश का हिस्सा- धस्माना

देहरादून । उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोप पत्र को राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा पूरे देश में ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है ताकि विपक्ष की आवाज को दबाया जा सके।

धस्माना ने सवाल किया कि हरक सिंह रावत जब लंबे समय तक भाजपा में मंत्री थे, तब उनके खिलाफ कोई जांच या कार्रवाई क्यों नहीं हुई। उन्होंने कहा, “अगर आज भी हरक सिंह भाजपा में होते, तो क्या उनके खिलाफ यह कार्रवाई होती? निश्चित रूप से नहीं।”

कांग्रेस नेता ने विश्वास जताया कि अदालत में हरक सिंह रावत को न्याय मिलेगा। “उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। वे इस मामले में साफ निकल कर आएंगे,” धस्माना ने कहा।

उन्होंने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस इसका पुरज़ोर विरोध करेगी।

उत्तराखण्ड पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार सस्पेंड

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उत्तराखण्ड पेयजल निगम के अध्यक्ष शैलेश बगोली ने कर्मचारी आचरण नियमावली के उल्लंघन पर सुजीत कुमार विकास (प्रभारी मुख्य अभियंता (कु0) मूल पद अधीक्षण अभियंता उत्तराखण्ड़ पेयजल निगम हल्द्वानी) को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया।

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निलंबन आदेश में स्पष्ट किया गया है कि  सुजीत कुमार विकास के विरूद्ध  संजय कुमार पुत्र  चन्द्रपाल सिंह ने अपने शिकायती-पत्र में उल्लेख किया है कि वह पानी की योजनाओं में पेटी पर कार्य करता है। वर्ष 2022 में   सुजीत कुमार विकास, तत्कालीन अधीक्षण अभियन्ता, निर्माण मण्डल, उत्तराखण्ड पेयजल निगम, देहरादून ने संजय कुमार की फर्म मै० हर्ष इन्टरप्राईजेज का उत्तराखण्ड पेयजल निगम में पंजीकरण करवाने एवं विभाग में कार्य दिलाने का आश्वासन दिया।

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इसके एवज में  सुजीत कुमार विकास के कहने पर संजय कुमार ने अपनी प्रोपराइटरशिप फर्म मै० हर्ष इन्टरप्राइजेज के माध्यम से बैंक ऑफ बडौदा, फॉयर स्टेशन के पास बाजपुर रोड, काशीपुर के बैंक खाता सं० 53930200001457 से मै० कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज के कोटक महिन्द्रा बैंक खाते में दिनांक 06.07.2022. दिनांक 06.07.2022. दिनांक 07.07.2022, दिनांक 07.07.2022 एवं दिनांक 08.06.2022 को रू0 2.00 लाख की पांच किस्तों में कुल रू0 10.00 लाख, स्थानान्तरित किये गये।
विभाग में उपलब्ध अभिलेखों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि मै० कुचु-पुचु इन्टरप्राइजेज, वह फर्म है, जिसकी पार्टनर  सुजीत कुमार विकास की पत्नी श्रीमती रंजु कुमारी हैं।  सुजीत कुमार विकास को स्पष्टीकरण हेतु 15 दिनों का समय दिया गया था, परन्तु  सुजीत कुमार विकास द्वारा आतिथि तक कोई प्रत्युत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया है।

अध्यक्ष उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा स्पष्ट किया गया है कि  सुजीत कुमार विकास के विरुद्ध उपरोक्त आरोप बेहद गम्भीर प्रकृति के हैं तथा  सुजीत कुमार विकास द्वारा किया गया उपरोक्त कृत्य उत्तराखण्ड पेयजल निगम कर्मचारी आचरण विनियमावली का स्पष्ट उल्लंघन होना दर्शाता है।  सुजीत कुमार विकास के प्रभारी मुख्य अभियन्ता (कु०), हल्द्वानी के पद पर बने रहने से विभाग के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।

अतः उत्तराखण्ड पेयजल निगम कार्मिक (अनुशासन एवं अपील) विनियमावली में निहित प्राविधानों के तहत  सुजीत कुमार विकास, अधीक्षण अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।
निलम्बन की अवधि में  सुजीत कुमार विकास, कार्यालय महाप्रबंधक (प्रशिक्षण), मानव संसाधन प्रकोष्ठ, उत्तराखण्ड पेयजल निगम, रूडकी में सम्बद्ध रहेंगे।

सीएम ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ विजिलेंस को दी खुली छूट

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए खुली छूट प्रदान की हुई है। इसका असर, साल दर साल बढ़ते विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों की संख्या में रूप में नजर आ रहा है। यही नहीं मजबूत साक्ष्य के आधार विजिलेंस गत साढ़े चार साल में 71 प्रतिशत मामलों में आरोपियों को कोर्ट से सजा दिलाने में कामयाब रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य का पदभार संभालते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस पर रुख साफ कर दिया था।

बीते चार साल में बडे से बड़े आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में साल दर साल विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों के साथ ही सजा के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस दौरान विजिलेंस ने कुल 82 ट्रैप में 94 गिरफ्तारियों को अंजाम दिया, जिसमें 13 राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। बीते साढ़े चार साल से विजिलेंस के पास कुल 125 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें 18 में सामान्य जांच, 25 में खुली जांच के बाद 82 ट्रैप किए गए। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ठोस साक्ष्य और मजबूत पैरवी से कोर्ट में सजा की दर को भी 71 प्रतिशत तक ले जान में कामयाब रही है। इससे साफ है कि सरकार भ्रष्टाचार की समस्या को जड़ से खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सतर्कता विभाग ने शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नम्बर 1064 भी जारी किया है। यही नहीं मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को अंतिम फैसला आने तक आरोपियों को पूर्व के दायित्व या अहम जिम्मेदारी नहीं देने के साथ ही ट्रैप के मामलों में अभियोजन की प्रक्रिया में तेजी जाने के निर्देश दिए हैं।

भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार जारी

वर्ष गिरफ्तारी निर्णय सजा
2021 07 02 02
2022 15 03 01
2023 20 18 16
2024 38 13 07
2025 14 03 02
(नोट साल 2025 के आंकड़े जुलाई 15 तक के हैं)

बड़े बड़ों को किया गिरफ्तार

01 – लोनिवि एई
नैनीताल जिले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता को ठेकेदार से ₹10 हजार रिश्वत मांगने पर रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया ।

02 – यूपीसीएल जेई
देहरादून के हरबर्टपुर सब स्टेशन के एक जेई को विजिलेंस ने ₹15000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

03 – एलआईयू कर्मी
नैनीताल जिले के रामनगर में विजिलेंस की टीम ने एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

04 -रोडवेज एजीएम
काशीपुर में रोडवेज सहायक महाप्रबंधक को अनुबंधित बस संचालन के बदले 90 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।

05 – खंड शिक्षा अधिकारी
हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी को ₹10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया गया।

06 – जीएसटी सहायक आयुक्त
देहरादून में कार्यरत जीएसटी सहायक आयुक्त को 75 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।

07 – जिला आबकारी अधिकारी
रुद्रपुर में तैनात जिला आबकारी अधिकारी को शराब कारोबारी से 10 लाख रुपए के माल के एवज में 10 फीसदी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।

हम देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त करते हुए, सुशासन की कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। इसी क्रम में मुख्य सेवक के रूप में कार्यभार संभालने के दिन से ही विजिलेंस को भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने के निर्देश दिए, जिसका असर अब नजर आ रहा है। भ्रष्टाचारियों को अंतिम अदालत सजा दिलाए जाने के लिए भी मजबूत पैरवी की जा रही है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

कांवड़ियों के चरण धोकर मुख्यमंत्री ने किया सम्मान

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ओम पुल के निकट गंगा घाट पर आयोजित कार्यक्रम में देशभर से आए शिव भक्त कांवड़ियों के पांव धोकर उनका स्वागत और सम्मान किया। उन्होंने भजन संध्या में भी भाग लिया और कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें शिव भक्तों का चरण प्रक्षालन कर आशीर्वाद लेने का अवसर मिला। इस दौरान हरिद्वार पहुंचे कांवड़ियों और शिव भक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी कराई गई।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि हरिद्वार में गंगा तट पर गंगा सभा और भारतीय नदी परिषद के तत्वावधान में दुनिया का सबसे ऊंचा, 251 फीट का भगवा ध्वज स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा केवल भक्ति नहीं, बल्कि सेवा, अनुशासन और सनातन संस्कृति का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार अब तक एक करोड़ से ज्यादा शिव भक्त अपनी यात्रा पूरी कर चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे धार्मिक स्थलों के पुनरोद्धार कार्यों — जैसे काशी कॉरिडोर, राम मंदिर, महाकाल लोक, केदारनाथ पुनर्निर्माण — का भी उल्लेख किया और कहा कि हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर का निर्माण भी प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों के लिए स्वास्थ्य केंद्र, शौचालय, पार्किंग, विश्राम स्थल, वाटर एंबुलेंस, सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों के जरिये सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित की गई है। उन्होंने अपील की कि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु अनुशासन और मर्यादा बनाए रखें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यात्रा के उद्देश्य को भुलाकर अशांति फैलाने का प्रयास करते हैं, जो अनुचित है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता लागू की गई है। ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के जरिए सनातन धर्म के नाम पर धोखा देने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं, संतों, स्वयंसेवी संगठनों और प्रशासन के सहयोग के लिए आभार जताया और अपील की कि यात्रा को सफल बनाने के लिए नियमों का पालन करें।

इस दौरान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी,राज्यसभा सासंद कल्पना सैनी,राज्यमंत्री ओमप्रकाश जमदग्नि,शोभाराम प्रजापति,देशराज कर्णवाल, हरिद्वार मेयर किरण जैसल,रुड़की मेयर अनीता देवी,जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी ,विधायक प्रदीप बत्रा ,आदेश चौहान, मदन कौशिक,जिलाध्यक्ष हरिद्वार आशुतोष शर्मा, जिलाध्यक्ष रुड़की मधु,श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम,महामंत्री तन्मय वशिष्ठ,सभापति कृष्ण कुमार ठेकेदार,पूर्व विधायक संजय गुप्ता,प्रणव सिंह चैंपियन, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित,आईजी राजीव स्वरूप,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि  आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे |

 

 

केदारनाथ में खच्चर चलाने से लेकर देश के शीर्ष संस्थान तक पहुंचने वाला साधारण मेहनती लड़का।

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उत्तराखंड के एक छोटे से गांव से निकलकर देश के शीर्ष संस्थान तक पहुंचने वाला साधारण लेकिन बेहद मेहनती लड़का।

यह कहानी है केदारनाथ में खच्चर से सामान ढोने वाले अतुल कुमार की — उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले के छोटे से गांव बीरों देवल से निकलकर IIT मद्रास तक का सफर तय करने वाले उस युवा की, जिसने साबित कर दिया कि हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, मेहनत और हौसला कभी हार नहीं मानते।

अतुल का बचपन बेहद सामान्य रहा। उसके माता-पिता आज भी केदारनाथ धाम में खच्चर और घोड़े चलाकर यात्रियों का सामान ढोते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसलिए स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ अतुल भी हर साल केदारनाथ में खच्चर से सामान ढोने का काम करता था ताकि अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सके।लेकिन मुश्किलें कभी उसके सपनों के आड़े नहीं आईं।

पहाड़ की चढ़ाई और सपनों की उड़ान

अतुल शुरू से ही पढ़ाई में होशियार था। उसने 10वीं में 94.8%, 12वीं में 92.8% अंक हासिल किए और जिले में टॉप रैंक पाई। आज वह हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से B.Sc. अंतिम वर्ष का छात्र है।

गांव में न कोचिंग थी और न ही अच्छी किताबें। उसने केदारनाथ यात्रा में जो पैसे कमाए, उनसे किताबें और मोबाइल डेटा रिचार्ज किया। नेटवर्क और बिजली की दिक्कतों के बावजूद वह रात-दिन जुटा रहा। सुबह से शाम तक यात्रियों का सामान ढोने के बाद वह रात को टॉर्च और स्टडी लैंप की रोशनी में पढ़ता। कई बार पहाड़ के किसी ऊंचे कोने में खड़े होकर मोबाइल नेटवर्क पकड़कर ऑनलाइन लेक्चर सुनता।

IIT JAM में बड़ी सफलता

इन्हीं संघर्षों के बीच उसने IIT JAM 2025 की परीक्षा दी और All India Rank 649 हासिल की। अब उसे M.Sc. Mathematics के लिए IIT मद्रास में दाख़िला मिल रहा है।

यह उपलब्धि सिर्फ अतुल की नहीं, बल्कि हर उस युवा की है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत रखता है।

गांव में जश्न, पूरे प्रदेश को गर्व

अतुल अपने गांव से IIT में चयनित होने वाला पहला छात्र है। गांव वालों ने ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं से उसका स्वागत किया। उसके शिक्षकों और दोस्तों ने भी उसकी मेहनत को सलाम किया। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने भी सोशल मीडिया पर उसे बधाई दी और कहा कि अतुल उत्तराखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा है।

माता-पिता ही सबसे बड़ी प्रेरणा

अतुल ने कहा —
“मेरे माता-पिता ने हमेशा कहा कि कोई काम छोटा नहीं होता, लेकिन पढ़ाई से जिंदगी बदल सकती है। मैंने वही किया। अब मेरा सपना है कि गणित में रिसर्च करूं और पहाड़ के बच्चों के लिए एक कोचिंग सेंटर खोलूं, ताकि वे भी बड़े सपने देख सकें।”

सर्कुलर पर रोक से बिगड़ गया प्रत्याशियों का चुनावी गणित, मतदाताओं को गांव तक लाना हुआ मुश्किल

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पंचायत मतदाता सूची के आधार पर मतदान के अधिकार संबंधी सर्कुलर पर हाईकोर्ट की रोक लगने के बाद प्रत्याशियों का चुनाव गणित गड़बड़ा गया है। अब उन मतदाताओं को गांव तक लाना मुश्किल हो गया है, जिनका नाम निकाय की मतदाता सूची में भी है।दरअसल, हाईकोर्ट ने ये स्पष्ट कर दिया है कि पंचायती राज एक्ट के हिसाब से जिनका नातम निकायों की मतदाता सूची में है, उन्हें पंचायत की मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जा सकता है। ऐसे में मतदान करने, चुनाव लड़ने का सर्कुलर बेमतलब है। तमाम ऐसे प्रत्याशी हैं, जिनकी जीत का दारोमदार इन शहरी ग्रामीण मतदाताओं पर होता है। पंचायत चुनाव के समय वे आसपास के निकायों से ग्रामीणों को वोट डालने के लिए वापस लाते हैं।

 

कई मतदाता तो रिश्तेदारी की लिहाज में वोट डालने आ जाते हैं। कई अन्य कारणों से भी गांव में वोट डालने आते हैं। लेकिन दोहरे नामों के नियम के कारण अब प्रत्याशियों को उन्हें गांव तक लाने में पसीने छूट रहे हैं। इसका असर कई प्रत्याशियों की जीत पर भी नजर आ सकता है।

ऑपरेशन कालनेमि- पुलिस ने 25 ढोंगी बाबा किये गिरफ्तार

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देहरादून। मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलाए जा रहे “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत दून पुलिस ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए साधु-संतों का भेष धरकर लोगों को ठगने वाले 25 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया। इनमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है, जिस पर विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

एसएसपी खुद नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में पहुंचे और सड़क किनारे बैठे बाबाओं से पूछताछ की। ज्योतिष विद्या और साधु परंपरा का कोई प्रमाण न देने पर उन्होंने मौके पर ही पुलिस को कार्यवाही के निर्देश दिए।
विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस ने फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया, जिनमें 20 से अधिक अन्य राज्यों के हैं।

गिरफ्तारियां:

बांग्लादेशी नागरिक रूकन रकम उर्फ शाह आलम (26), प्रदीप (सहारनपुर), अजय चौहान (सहारनपुर), अनिल गिरी (हिमाचल), मंगल सिंह और रोझा सिंह (देहरादून), कोमल कुमार व अश्वनी कुमार (हाथरस), राजानाथ (देहरादून), रामकृष्ण और शौकीनाथ (यमुनानगर), मदन सिंह (चंपावत/हरिद्वार), राहुल जोशी (बिजनौर/देहरादून), मोहम्मद सलीम (हरिद्वार), और अन्य राजस्थान, असम, उत्तर प्रदेश व हरिद्वार के निवासी शामिल हैं।

एसएसपी ने बताया कि ऐसे फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि देवभूमि में धर्म के नाम पर ठगी और आस्था से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त शिकंजा कसा जा सके।

पंचायत चुनाव पर फिर मंडराया खतरा ! हाईकोर्ट में बहस 

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव की तारीख को आगे खिसकाने सम्बन्धी याचिका को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंचायती राज सचिव व डीजीपी को सुरक्षात्मक उपायों के बाबत कोर्ट के समक्ष तथ्य पेश करने को कहा।

शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों अधिकारी इस बाबत सरकार की आकस्मिक योजना पेश करें। संकट के समय कैसे स्थिति को कैसे संभाला जाएगा।

याचिकाकर्ता डॉ बैजनाथ शर्मा ने अपनी याचिका में विभिन्न कारणों का उल्लेख करते हुए पंचायत चुनाव की तिथि आगे खिसकाने की मांग की है।

गौरतलब है कि प्रदेश के पंचायत चुनाव में 24 व जुलाई को दो चरणों में मत डाले जाएंगे।

याचिका कर्ता ने कहा कि राज्य में गम्भीर आपदा व बरसात के मौसम में पंचायत चुनाव का कार्यक्रम जारी किया गया।

आपदा की वजह से प्रदेश की दर्जनों सड़कें बन्द होने से ग्रामीण इलाकों में आवाजाही ठप हो गयी है। ऐसे में चुनाव प्रचार व मतदान पर विपरीत असर लड़ेगा।

इसी महीने में कांवड़ यात्रा शुरू हो गयी है। लाखों की संख्या में कांवड़िए उत्तराखण्ड की ओर कूच कर रहे हैं। प्रदेश के कई पर्वतीय जिलों में कांवड़िए पहुंच रहे हैं।

यही नहीं, चारधाम यात्रा के चलने से प्रतिदिन हजारों तीर्थयात्री उत्तराखण्ड पहुंच रहे हैं। कुल मिलाकर उत्तराखण्ड के हरिद्वार से लेकर पर्वतीय जिलों में भारी जनसैलाब उमड़ रहा है।

कांवड़ यात्रा, आपदा प्रभावित इलाके और चारधाम यात्रा के लिए आवश्यक सुरक्षा बलों पर भी भारी बोझ देखा जा रहा है।

पुलिस-प्रशासन की सीमित टीम आपदा व पंचायत चुनाव के अलावा कांवड़ियों के लिए व्यवस्था बनाने में जुटी है। इससे अन्य जिलों में सुरक्षा बलों की कमी भी देखी जा रही है।

याचिकाकर्ता ने चारधाम यात्रा,आपदा, पंचायत चुनाव, कांवड़ यात्रा एक ही समय पर हो रही है। ऐसे में सभी मोर्चों पर जूझना काफी कठिन माना जा रहा है। लिहाजा, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जुलाई महीने के बजाय अन्य महीने में आयोजित किये जायें।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की लीगल टीम ने अपना पक्ष भी रखा। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने किसी भी संकट की घड़ी से निपटने के लिए डीजीपी व पंचायत सचिव को आकस्मिक योजना पेश करने को कहा है। मंगलवार को राज्य सरकार समूची व्यवस्था को लेकर कोर्ट में तथ्य पेश करेंगे।