राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने की घोषणा के तुरंत बाद आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों की एक शीर्ष बैठक हो रही है। बैठक में राम मंदिर उद्घाटन समारोह को भव्य बनाने के लिए खास योजना तैयार की जाएगी। इस बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे। वे पहले ही विजयादशमी पर राम मंदिर उद्घाटन के दिन पूरे देश के मंदिरों में खास पूजा कार्यक्रम आयोजित करने की बात कह चुके हैं। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने बताया है कि इस बैठक में संघ के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक इस वर्ष गुजरात के कच्छ क्षेत्र भुज में हो रही है। यह बैठक 5, 6 और 7 नवंबर 2023 को होगी, जिसमें संघ के 45 सांगठनिक प्रांतों से प्रांत संघचालक, कार्यवाह एवं प्रांत प्रचारक, उनके सरसंघचालक, सहकार्यवाह और सह प्रांत प्रचारक सहभागी होंगे। आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले एवं सभी अखिल भारतीय पदाधिकारियों सहित कार्यकारिणी के सभी सदस्य भी उपस्थित रहेंगे। कुछ विविध संगठन के चयनित संगठन मंत्री भी बैठक में भाग लेने वाले हैं।
बैठक में संघ के सांगठनिक कामकाज की समीक्षा के साथ ही सितंबर में पुणे में सम्पन्न हुई अखिल भारतीय समन्वय बैठक में कई विषयों पर चर्चा होगी। विजयादशमी उत्सव पर मोहन भागवत के संबोधन के उल्लेखनीय मुद्दों पर भी चर्चा होगी। 22 जनवरी 2024 को हो रहे श्री राम मंदिर प्रतिष्ठापना समारोह और उससे जुड़े देश भर में प्रस्तावित कार्यक्रम आदि विषयों पर भी इस बैठक में चर्चा होगी।
अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने के लिए वैज्ञानिक लंबे समय से शोध कर रहे हैं। अब वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च के आधार पर चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि मंगल ग्रह पर चूहे जिंदा रह सकते हैं।
धरती से कई मायनों में समानता के चलते मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। मंगल ग्रह पर वायुमंडल होने के साथ ही पानी की भी पुष्टि हो चुकी है। इसी बीच अमेरिकामेंविवि के वैज्ञानिकों ने शोध में दावा किया कि मंगल ग्रह के वातावरण में चूहे रह सकते हैं।
लंबे समय से वैज्ञानिक धरती के अलावा सौरमंडल के दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावना तलाशने के लिए शोध करते आ रहे हैं. इसी बीचमंगल ग्रहपर जीवन की संभावनाओं को लेकर बड़ी खबर आई है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस ग्रह पर चूहे जिंदा रह सकते हैं।
ज्वालामुखियों के शिखर पर चूहों की जिंदगी के सबूत मिले
वैज्ञानिकों को इसके लिए दक्षिण अमेरिकी देश चिली और अर्जेंटीना के अटाकामा के पठार में ज्वालामुखियों के बेहद शुष्क और हवा से बहने वाले शिखरों में कुछ चूहे मिले हैं। अटाकामा के पठार का वातावरण और कम तापमान की कंडीशन मंगल ग्रह से सबसे ज्यादा मिलती जुलती धरती की जगह है। इस स्टडी के आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा है कि ज्वालामुखियों के शिखर पर रहने वाले चूहों की खोज के बाद पता चलता है कि स्तनधारी मंगल ग्रह पर रह सकते हैं।
नेब्रास्का विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की रिसर्च
जब अमेरिका के नेब्रास्का विवि के अनुसार प्रोफेसर स्टॉर्ज और उनकी टीम ने इन चट्टानों की खोज शुरू की तो चूहों की ममियां मिलीं। 21 ज्वालामुखियों की जांच की गई। 6 हजार से अधिक हाइट वाले ज्वालामखियों में 13 चूहों के कंकाल मिले। कार्बन डेटिंग से पता चला कि इनमें से कुछ चूहों के अवशेष दशक पुराने थे। इससे ये सवाल सामने आया कि स्तनधारी चट्टान और बर्फ की बंजर दुनिया में कैसे रह सकते हैं, जहां तापमान शून्य से ऊपर नहीं होता है और ऑक्सीजन भी बेहद कम होता है।
शोधकर्ताओं ने बदली मंगल पर जीवन की पुरानी थ्योरी
समुद्र तल से 6 हजार मीटर से ज्यादा की ऊंचाई के बारे में विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला था कि ऐसी जगहों पर स्तनधारी जीवन संभव नहीं है। अब शोधकर्ताओं का कहना है कि मुश्किल वातावरण में चूहों के कंकाल मिलने से इस पुरानी थ्योरी को बदल दिया है। अमेरिका के प्रोफेसर जे स्टोर्ज और उनके साथी पर्वतारोही मारियो पेरेज ममानी ने 2020 की शुरुआत में चिली-अर्जेंटीना सीमा पर फैले ज्वालामुखी लुल्ला इलाकों की 22000 फीट ऊंची चोटी के ऊपर एक पत्ती-कान वाले चूहे के जिंदा होने का सबूत पाया था। इससे पहले इतनी ज्यादा ऊंचाई पर कभी कोई स्तनपायी जीव नहीं पाया गया था
मुश्किल वातावरण में भी जिंदा रह सकते हैं चूहे
स्टडी लिखने वाले प्रोफेसर स्टोर्ज ने कहा, हमारी खोज के बारे में सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि स्तनधारी ऐसे दुर्गम, मंगल जैसे वातावरण में ज्वालामुखियों के शिखर पर रह सकते हैं। प्रशिक्षित पर्वतारोही यहां जाते हैं तो अपनी ट्रेनिंग के चलते एक दिन इतनी ऊंचाई को सहन कर लेते हैं। ये चूहे अपना जीवन इसी वातावरण में गुजरा देते हैं, यह इस बात को दर्शाता है कि छोटे स्तनधारियों की सहनशीलता को अब तक कम करके आंका गया है।
वैज्ञानिकों ने धरती पर की आश्चर्यजनक खोज
प्रोफेसर स्टोर्ज ने कहा कि ये तो स्पष्ट लगता है कि चूहे अपनी मर्जी से वहां पहुंचे थे। अटाकामा की दुर्गम जलवायु में इन चूहों की मौजूदगी से यह स्पष्ट हो रहा है कि इसी तरह की मिलते जुलते वातावरण के कारण चूहों के मंगल ग्रह के वातावरण में जीवित रह सकते हैं।
क्यों है मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना
मंगल ग्रह सूर्य से दूरी के क्रम में हमारी धरती के ठीक बाद चौथे स्थान पर है। हमारे ग्रह की तरह ही मंगल ग्रह भी अपने अक्ष पर झुका हुआ है। मंगल ग्रह पर वायुमंडल होने के साथ ही पानी की भी पुष्टि हो चुकी है। इसके धरती से कई मायनों में समानता के चलते भी यहां जीवन के लिए संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
मंगल पर पाया जाता है वायुमंडल
मंगल ग्रह पर वायुमंडल मौजूद है। इसमें सबसे ज्यादा लगभग 95 प्रतिशत कार्बन-डाइऑक्साइड, 2.7 प्रतिशत नाइट्रोजन, 1.6 प्रतिशत ऑर्गन और 0.13 प्रतिशत ऑक्सीजन है। इस तरह से धरती की तरह ही वहां भी अलग-अलग गैसें पाई जाती हैं। मंगल ग्रह पर वायुमंडल बहुत ही विरल है।
यूरोप के ऑस्ट्रिया से साइकिल से 14 हजार किमी की यात्रा करना शायद ही किसी के बस की बात है। लेकिन ऐसा कर दिखाया है ऑस्ट्रिया के 31 वर्षीय फिलिक्स ने। आप भी ये पढ़कर हैरान रह गए होंगे। लेकिन फिलिक्स इन दिनों साइकिल से यात्रा कर उत्तरकाशी पहुंचे हैं।
साइकिल से 14 देशों की 14 हजार किमी की यात्रा, ऐसा करना हर किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन, यह कारनामा किया है यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया के फिलिक्स ने। 31 वर्षीय फिलिक्स इन दिनों भारत की यात्रा पर उत्तरकाशी पहुंचे हुए हैं। वे पेशे से योग शिक्षक हैं और साइकिलिंग के जरिये लोगों को योग को अपनाने का संदेश दे रहे हैं।
फिलिक्स ने एक साल पहले जर्मनी से अपनी साइकिल यात्रा शुरू की थी। इसके बाद वह स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया, क्रोएशिया, बोस्निया, माँटेनीग्रो, अल्बानिया, ग्रीस, तुर्की, अरमेनिया, ईरान से पाकिस्तान होते हुए वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत पहुंचे हैं। उत्तरकाशी पहुंचे फिलिक्स ने बताया कि उन्होंने योगाभ्यास की शुरुआत भले पश्चिम देशों से की हो, लेकिन भारत योग की जन्मभूमि है। ऐसे में लंबे समय से उनकी भारत आने की इच्छा थी जो अब जाकर पूरी हुई।
सीखना चाहते हैं योग और ध्यान के तरीके-
फिलिक्स भारत में योगाभ्यास व ध्यान आदि के तौर-तरीकों को सीखना चाहते हैं। इसके लिए वह ऋषिकेश गए थे, लेकिन वहां पर्यटकों की भारी भीड़ देखकर उन्होंने उत्तरकाशी के शिवानंद आश्रम पहुंचने का मन बनाया।
उन्होंने बताया कि वह साइकिल यात्रा के दौरान जगह-जगह लोगों से मिलकर उन्हें योग व ध्यान का महत्व बताते हैं। वे साइकिल पर खाना बनाने के सभी जरूरी संसाधनों से लेकर कैंपिंग टैंप भी लेकर चलते हैं। ऐसे में रात में कैंपिंग करने में भी उन्हें दिक्कत नहीं होती। एक दिन में वह 50 से 70 किमी तक का सफर तय कर लेते हैं।
साइबर अपराधियों ने उत्तराखंड पुलिस का ऑफिशियल फेसबुक पेज हैक कर चुनौती दे डाली। फेसबुक पेज पर पुलिस के लोगो वाली तस्वीर को हटाकर वहां महिला की अश्लील तस्वीर लगा दी। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया टीम के सदस्य की ओर से साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें एसटीएफ और साइबर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
उत्तराखंड पुलिस का फेसबुक पेज दोपहर को अचानक बदला हुआ नजर आया। शुरुआत में कोई समझ ही नहीं पाया कि ये पुलिस का ऑफिशियल पेज ही है या फिर किसी ने दूसरा पेज बनाया है। इस पर एक महिला की अश्लील तस्वीर लगी हुई थी। देखते ही देखते इस पर कमेंट की बाढ़ आ गई।
लोगों ने इसे उत्तराखंड पुलिस को साइबर अपराधियों की खुली चुनौती के रूप में बताया। इससे पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया टीम ने इस पेज पर कंट्रोल लिया और डिस्प्ले पिक्चर के स्थान पर फिर से पुलिस का लोगो वाली तस्वीर लगा दी।
कुछ लोगों ने इसे साइबर सुरक्षा के लिए भी खतरा बताया। लोगों का कहना था कि जब पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट ही सुरक्षित नहीं तो आम लोगों की साइबर सुरक्षा किस तरह की जा सकती है। इस मामले में सोशल मीडिया टीम के कांस्टेबल हिमांशु डंगवाल की ओर से साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस के अनुसार किसी ने इस पेज की एक्सेस हासिल कर यह काम किया है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इस मामले में साइबर थाना पुलिस को तत्काल टीम गठित कर गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है। हालांकि, मतदान से पहले ही मध्य प्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। मध्य प्रदेश में टिकट वितरण होते ही कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में बगावत की आग भड़क गई है। इस आग की तपिश में उनके झुलसने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।
राज्य में विधानसभा की 230 सीटें हैं और भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस अब तक 228-228 विधानसभा क्षेत्र के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने विधायकों के टिकट काटे हैं। वहीं कई दावेदारों की मंशा को पूरा नहीं होने दिया। लिहाजा आक्रोश और असंतोष चरम पर पहुंच गया है।
बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं ने दिए इस्तीफे-
बीजेपी की पांचवी सूची जारी होते ही प्रत्याशियों के समर्थकों ने बवाल खड़ा कर दिया है,,और ये बवाल बीजेपी के बड़े बड़े नेताओं और मंत्रियों को झेलना पड़ रहा है,,21 अक्टूबर को जहां धर्मेंद्र यादव के साथ धक्का मुक्की हुई तो 22 अक्टूबर को ज्योतिरादित्य सिंधिया के घर के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन हुए जिसके बाद खुद संधिया को बाहर आना पड़ा और अब खबर है कि bjp से हजारों कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे कर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है.
बीजेपी के नाराज प्रत्याशियों ने किया हंगामा-
पांचवी सूची जारी होने के बाद बीजेपी दफ्तर में जमकर बवाल हुआ,,केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ भी धक्का मुक्की की गयी,उनके गनमैन के साथ मारपीट भी की गयी. दरअसल शहर की उत्तर मध्य विधानसभा सीट से बाहरी प्रत्याशी को टिकट देने से नाराज बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश चुनाव के प्रभारी भूपेंद्र यादव के साथ भी धक्का मुक्की की गई. साथ ही उनके गनमैन के साथ मारपीट भी की. इस दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु शर्मा के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी और आपत्तिजनक टिप्पणी की गई.
बीजेपी से हैं कई समर्थक नाराज-
बीजेपी ने अपनी पांचवीं लिस्ट घोषित की, जिसमें जबलपुर की उत्तर मध्य विधानसभा सीट से अभिलाष पांडेय को उम्मीदवार बनाया गया. बताया जाता है कि इसके बाद पूर्व मंत्री शरद जैन, अब पार्टी में वापसी कर चुके पूर्व बागी नेता धीरज पटेरिया और एक पार्षद कमलेश अग्रवाल के नाराज समर्थक बीजेपी के संभागीय बैठक में जबरन घुस गए. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा किया।
इस दौरान बैठक में मौजूद केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश चुनाव के प्रभारी भूपेंद्र यादव के साथ भी नाराज कार्यकर्ताओं ने धक्का मुक्की कर दी. बीजेपी के संभागीय दफ्तर में तकरीबन एक घंटे तक हंगामा होता रहा. इस दौरान जमकर गाली गलौज भी हुई. नाराज कार्यकर्ताओं ने एक सिक्योरिटी गार्ड को भी धक्का मुक्की देते हुए नीचे गिरा दिया पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
कांग्रेस के भी कई विधायकों ने दिए इस्तीफे-
ऐसा नहीं है कि सिर्फ अकेले बीजेपी का ये हाल है,बल्कि कांग्रेस में भी अब उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद बगावत शुरू हो गयी है. कांग्रेस में पहली सूची जारी होते ही धड़ाधड़ तीन विकेट गिर गए. नारयोली और नागौद विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस के दो नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। इसके साथ ही कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष ने भी इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस पार्टी के एक पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने सतना जिले के नागौद विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। रविवार को ही बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। ग्रेस की 144 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी करने के कुछ घंटों बाद ही पार्टी को पहला झटका लग गया था। कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ अन्याय का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस ने अपने इन 6 विधायकों को नहीं दिए टिकट-
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार को देर रात अपनी दूसरी सूची जारी की थी. इसके बाद से ही पार्टी को कई जगहों पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, कांग्रेस ने अपने छह विधायकों को टिकट नहीं दिया. इसके चलते राज्य में इन विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक बगावत करने वाले विधायकों में से चार ने नवंबर 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादारों के खिलाफ विधानसभा उपचुनाव जीते थे. इनमें सुमावली विधायक अजब सिंह कुशवाह, ब्यावरा विधायक रामचंद्र दांगी, गोहद के मेवाराम जाटव और मुरैना के राकेश मावई शामिल हैं. इस सूची में शामिल विधायकों में बड़नगर सीट से मुरली मोरवाल और सेंधवा सीट से ग्यारसी लाल रावत भी शामिल हैं.
एक तरफ जहां भाजपा में असंतोष उभर रहा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस में भी नाराजगी लगातार बढ़ रही है और यही कारण रहा कि पार्टी को तीन उम्मीदवारों में बदलाव लाना पड़ा है। इसके अलावा कई कार्यकर्ता तो प्रदेश कार्यालय भी पहुंच गए और उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुतलों का दहन भी किया। कांग्रेस और भाजपा में बढ़ते असंतोष और विरोध प्रदर्शन के चलते दोनों ही राजनीतिक दल चिंतित हैं। इस बार का चुनाव कांटे का है और हार जीत में ज्यादा अंतर न रहने की संभावना जताई जा रही है।
मध्य प्रदेश में दिया शिवराज सिंह का एक बयान अब बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, एक तरफ मामा जी ने ये बयान दिया दूसरी तरफ उनके विधानसभा क्षेत्र बुधनी में ED ने छापेमारी कर दी. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ये अब तक का सबसे बड़ा एक्शन है और जैसे ही ये छापेमारी की गयी वैसे ही कांग्रेस की तरफ से इस पर खूब चुटकी ली गयी है. कांग्रेस कह रही है कि मोदी जी ने आखिरकार शिवराज को ठिकाने लगा ही दिया.
ED ने की छापेमारी-
अब मामा जी के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में ED की छापेमारी हुई है, बड़ा एक्शन है, बड़ी खबर है, इस खबर से मध्य प्रदेश में हल्ला मचा हुआ है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के चुनावी क्षेत्र दतिया में एक दिन पहले ED ने रेड किया था. अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चुनावी क्षेत्र में भी आईटी टीम ने छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया. जिसको लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर जोरदार तंज कसा है. कांग्रेस नेता पीयूष बबेले ने सोशल मीडिया पर लिखा, ”मोई जी ने ठाना है, मामा को निपटाना है.”कांग्रेस के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गए संदेश में आगे लिखा कि मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र बुधनी में ट्राइडेंट कंपनी पर आयकर का छापा.
सोमवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के चुनाव क्षेत्र दतिया में कारोबारी के यहां ईडी का छापा पड़ा था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ”स्थानीय लोगों को पता है कि नरोत्तम मिश्रा और शिवराज सिंह चौहान का छापा पड़ने वालों से क्या संबंध है.
शिवराज और मोदी के बीच खींचतान-
“दसरल शिवराज सिंह चौहान ने मंच से जो कहा वो कथित बगावत कही जा सकती है. आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी और शिवराज के बीच खींचतान साफ़ दिखाई देती है,पहले mp को लेकर बने थीम सांग से शिवराज को गायब किया गया,फिर टिकट में देरी की गयी, इतना ही नहीं मोदी जब भी प्रचार में मध्य प्रदेश आते हैं मंच से शिवराज या उनकी योजनाओं का कभी भी नाम नहीं लेते। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान ने कथित तौर पर बगावती तेवर दिखाए और अब खबर निकल कर सामने आ रही है कि उनके विधानसभा क्षेत्र बुधनी में ED की छापेमारी हुई है और इसके बाद शिवराज का ये बयान वायरल हो रहा है.
एक दिन पहले प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के विधानसभा चुनावी क्षेत्र दतिया में ईडी ने रेड मारी थी. 16 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दतिया शहर के काले महादेव मंदिर के पास रहने वाले बीजेपी पार्षद के भाई के घर पर छापा मारा था. टीम सुबह 6 बजे उनके घर पर पहुंची और 11 घंटे बाद शाम पांच बजे बाहर निकाली. ईडी घर से बड़ा बैग लेकर निकली, जिसमें लाखों रुपए नकदी और जमीन व बैंकों से जुड़े दस्तावेज थे. अब इनकम टैक्स टीम ने बुधनी विधानसभा क्षेत्र में स्थित ट्राइडेंट कंपनी में छापेमारी की कार्रवाई की है.
इनकम टैक्स टीम के अफसर 60 गाड़ियों से ट्राइडेंट कंपनी के कार्यालय पहुंचे हैं. इस दौरान कंपनी कैंपस को जांच के लिए सील कर दिया गया था. इनकम टैक्स की टीम कंपनी के दस्तावेजों की पड़ताल करने में जुट गई है.
ED की कार्रवाई ने बढ़ाई शिवराज की मुश्किलें-
दरअसल, ये जो ट्राइडेंट कंपनी है ये शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में पड़ती है और शिवराज ने ही इसको यहां स्थापित किया है लेकिन ये कम्पनी शिवराज के करीबी की बताई जाती है. अब इस पर ED की छापेमारी हुई है, आज तक खबरें आ रही थी कि विपक्ष पर छापेमारी हो रही है लेकिन अब जिस तरह से शिवराज के ही करीबियों पर ही छापेमारी की जा रही है ये अपने आप में समझने के लिए काफी है कि ये चुनाव किस दिशा में जा रहा है.
राजनीतिक विश्लेषक भी समझते हैं कि चुनाव से ठीक पहले इस तरह की छापेमारी करके क्या संदेश देने की कोशिश की जा रही है. बुधनी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और शिवराज की मुश्किलें पहले ही बढ़ी हुई है क्योकि यहां के सांसद ने पार्टी छोड़ दी है, यहां से एक बड़े काफिले के साथ राजेश पटेल ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. पहले ही शिवराज यहां फंसे हुए हैं ऊपर से ed की कार्रवाई ने शिवराज की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
क्या MP में BJP हारने वाली है ?
अब ऐसे में सवाल उठता है कि जिस तरह से मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री की खिलाफत की गयी है क्या वो भारी पड़ती नजर आ रही है? क्या मध्य प्रदेश में भाजपा बुरी तरीके से हारने वाली है. इसलिए अब छापेमारी पर छापेमारी की जा रही है ताकि बाद में सफाई देने के लिए खबरें रहे, कई सवाल इससे निकल कर सामने आ रहे हैं क्या मध्य प्रदेश के जरिये अन्य राज्यों में पार्टी की खिलाफत करने वालों को संदेश दिया जा रहा है कि आप भी सम्भल जाइये नहीं तो आपकी भी मुश्किलें पैदा हो सकती है.
उत्तराखंड के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 3 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं की अब हर महीने मासिक परीक्षा के स्थान पर साल में चार परीक्षाएं होंगी। दो परीक्षाएं अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पहले और दो इसके बाद होंगी। शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया है।
प्रदेश में सरकारी विद्यालयों में कक्षा तीन से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं की अब हर महीने मासिक परीक्षा के स्थान पर साल में चार परीक्षाएं होंगी।
शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया है। शिक्षा निदेशक ने परीक्षा कार्यक्रम जारी करते हुए कहा, कक्षा तीन से पांचवीं तक के छात्रों की पहली परीक्षा मई माह में मासिक परीक्षा के स्थान पर पहली इकाई परीक्षा होगी। इसके बाद अगस्त में दूसरी इकाई परीक्षा होगी।
अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद तीसरी चौथी परीक्षा-
अक्टूबर में अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद नवंबर व दिसंबर में तीसरी और चौथी परीक्षा होगी। इसी तरह कक्षा छह से 10वीं तक के छात्र-छात्राओं की अक्तूबर में अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पहले मई व अगस्त में परीक्षा होगी, जबकि दो अन्य परीक्षाएं नवंबर व दिसंबर में होगी।
वहीं, कक्षा 11वीं एवं 12 वीं के छात्रों की पहली परीक्षा जुलाई और दूसरी परीक्षा अगस्त में होगी। अक्टूबर में अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद तीसरी परीक्षा नवंबर और चौथी दिसंबर में होगी। निर्देश में अधिकारियों को कहा गया कि मासिक, अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षाएं तय समय में कराई जाएं।
देश की राजनीति में परिवारवाद एक बड़ा मुद्दा बनकर पिछले काफी समय से उठता आ रहा है,जिसको लेकर सबसे अधिक आरोप भाजपा की ओर से कांग्रेस पर लगते है जिस पर कांग्रेस कई बार बैकफुट पर नजर आयी है,लेकिन पिछले कुछ समय से जिस तरह से कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाया है उससे भाजपा को करारा जवाब मिल रहा है.
कांग्रेस भी अब इस पर भाजपा को मुंहतोड़ जवाब दे रही है और सबसे अधिक हमलावर राहुल गांधी लग रहे हैं जो लगातार मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं,चाहे वो बेरोजगारी हो या महंगाई या फिर अडानी मुद्दा हो, राहुल लगातार भाजपा और मोदी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, राहुल गांधी देश के हर हिस्से में जहां भी वो जा रहे हैं प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं और हर सवाल का जवाब दे रहे है. इस बीच एक प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी से जब परिवारवाद पर सवाल किया गया तो उनका जवाब सुन कर वहां सन्नाटा पसर गया.
राहुल गांधी का जवाब सुनकर पसरा सन्नाटा-
दरअसल एक रिपोर्टर ने जब परिवारवाद पर राहुल गांधी से सवाल किया तो जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि ”’अमित शाह का बेटा क्या कर रहा है, राजनाथ सिंह का बेटा क्या कर रहा है. मैने सुना अमित शाह का बेटा भारतीय क्रिकेट चला रहा है, बीजेपी नेता के कई बेटे वंशवादी हैं. कृपया निष्पक्ष रहें और यही सवाल भाजपा से पूछिए कि उनके बच्चे क्या कर रहे हैं ””राहुल गांधी का ये जवाब सुनते ही हॉल में सन्नाटा फ़ैल गया क्योंकि पहली बार राहुल गांधी ने भाजपा के लहजे में ही भाजपा को जवाब दिया और वंशवाद के नाम पर राहुल गांधी ने सीधे अमित शाह को टारगेट किया,राजनाथ सिंह को टारगेट किया,इस बार राहुल गांधी डिफेंसिव नहीं बल्कि अटैकिंग मोड़ में दिखे।
फिलहाल आपको बता दें कि दो दिवसीय दौरे पर राहुल गांधी मिजोरम गए थे जहां उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की थी और उनसे ये सवाल पूछे गए थे, वहीं पांच राज्यों के चुनावों को लेकर भी राहुल गांधी से सवाल पूछे गए. इस पर भी राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा को कम मत आंकिये, हम सभी राज्यों में जीत दर्ज करने वाले हैं. राहुल गांधी ने कहा कि हमने कर्नाटक में बीजेपी को हराया, हिमाचल में बीजेपी को हराया और अब यही हम नार्थ ईस्ट में भी प्लान कर रहे हैं. यहां भी हम बीजेपी को हराएंगे और सभी राज्यों में जीत हासिल करेंगे। मणिपुर के मुद्दे पर भी राहुल गांधी ने बीजेपी को जमकर घेरा।
जब वंशवाद की बात हो ही रही है और बीजेपी वंशवाद को लेकर कांग्रेस को हमेशा घेरती है तो कुछ तथ्य हम भी आपके सामने रखना चाहते हैं. जिससे वंशवाद पर कांग्रेस और विपक्ष पर हमेशा हमला करने वाली बीजेपी को शायद खुद का वंशवाद भी दिखाई दे.
कई नेता और परिवारवाद-
सबसे पहले आपको कुछ बड़े नेताओं के नाम और उनके वंशवाद के बारे में भी बताते हैं। सबसे पहले अमित शाह जिनके बेटे हैं जय शाह, राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह हैं, ऐसे ही नारायण राणे के बेटे निलेश राणे, हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर, और उनके भाई अरुण कुमार धूमल, वेद प्रकाश गोयल के बेटे पीयूष गोयल, पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे देवेंद्र प्रधान के बेटे धर्मेंद्र प्रधान, कैलाश विजयवर्गीय के बेटे अक्ष विजयवर्गीय, गंगाधर फडणवीस के बेटे देवेंद्र फडणवीस, माधवराव सिंधिया के बेटे ज्योतिराज सिंधिया, रिनचिन खारू के बेटे किरण रिजिजू और चाहे फिर वो बी. एस येदुरप्पा हो या यशवंत सिन्हा से लेकर इनके बेटे जयंत सिन्हा हो या फिर विजयाराजे से लेकर वसुंधरा राजे या फिर रमन सिंह से लेकर उनके बेटे अभिषेक सिंह हो.
ये सभी भाजपा के वो नेता हैं जो अपने वंश के नेताओं के दम पर ही राजनीति में आये हैं और अच्छे मुकाम पर है, सिर्फ ये ही नहीं कई और नेता इस लिस्ट में शामिल हैं लेकिन लगता है कि भाजपा को शायद ये वंशवाद नहीं लगता इसलिए अक्सर वो कांग्रेस या विपक्ष को ही निशाने पर रखते हैं. लेकिन अब कांग्रेस भी भाजपा को उसी के अंदाज में जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही जिसका एक छोटा सा उदाहरण राहुल गांधी के जवाब को देखकर लगता है और शायद जिसका जवाब बीजेपी के पास भी नहीं है.
बेटों के टिकट बंटवारे में उलझी भाजपा-
अब इस खबर को देखिये जिसमें लिखा है ये खबर इंदौर के एक अखबार में छपी है. जिसमें लिखा है कि भाजपा ने 24 टिकट बेटों और 15 टिकट रिश्तेदारों को बाँट दिए खबर में लिखा है कि बेटों के टिकट बंटवारे में उलझी भाजपा की सूची में न अगड़ों का वर्चस्व है न पिछड़ों का, इसमें तो वर्चस्व है परिवारवाद का. कांग्रेस को वंशवाद पर कोसने वाली पार्टी में अब तक 193 प्रत्याशियों में 39 नेताओं के परिवार के लोगों को ही टिकट दिए हैं. यानी हर पांचवा उम्मीदवार किसी नेता का रिश्तेदार है.
कुल मिलाकर कांग्रेस और विपक्षी दलों को कोसने वाली बीजेपी भी इस राजनीतिक हमाम में नग्न नजर आती है, लेकिन इस बार राहुल गांधी का जवाब बीजेपी के लिए संकेत भी है कि अब कांग्रेस ने परिवारवाद का जवाब भी ढूंढ लिया है.
राजस्थान में भाजपा में मची खुली बगावत के बाद आखिरकार क्या राजस्थान लॉबी के आगे गुजरात लॉबी को हार माननी पड़ गयी है ? जिस तरह से संकेत मिल रहे रहे हैं उससे तो यही लगता है कि भाजपा आलाकमान ने जिस तरह से शिवराज को किनारे लगाया उस तरह से वसुंधरा को भी किनारे लगाने की कोशिश कामयाब होती नहीं दिखाई दे रही.
बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ अनबन की खबरों के बीच राजस्थान की पूर्व सीएम रही वसुंधरा राजे एक बार फिर रेस में वापसी करती हुई दिखाई दे रही हैं. राजस्थान में इस साल नवंबर अंत विधानसभा चुनाव हो सकते हैं जिसको लेकर पूरे राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मी उफान पर है राजस्थान बीजेपी में राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और केंद्रीय नेतृत्व के बीच सब कुछ ठीक नहीं था. लेकिन अमित शाह-वसुंधरा राजे के बीच मीटिंग हुई और वसुंधरा राजे यह कहते हुई निकलीं कि मीटिंग बहुत अच्छी रही.
रात 2 बजे तक चली मीटिंग-
बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक शुरू होने के बाद जब बैठक की तस्वीरें सामने आईं तो लोगों की निगाह सिर्फ वसुंधरा के हाव-भाव पर थी. लोग उनकी बॉडी लैंग्वेज को देखना और समझना चाह रहे थे. मीटिंग में देखा गया कि वसुंधरा के एक तरफ गजेंद्र सिंह शेखावत बैठे हैं और दूसरी तरफ राज्यवर्धन राठौड़. ये सीटिंग अरेंजमेंट तब तक का है, जब तक अमित शाह और जेपी नड्डा मीटिंग के लिए पहुंचे नहीं थे. जैसे ही दोनों नेता मीटिंग के लिए पहुंचे सीटिंग अरेंजमेंट बदल गया. शाम करीब साढ़े सात बजे शुरू हुई यह बैठक रात दो बजे तक चलती रही. उम्मीदवारों से लेकर प्रचार की रणनीति तक पर चर्चा हुई. कोर ग्रुप की बैठक में अमित शाह और जेपी नड्डा समेत राज्य और केंद्र सरकार के करीब 17-18 लोग मौजूद थे.
जब मीटिंग खत्म हुई और नेता होटल से बाहर निकलने लगे तो मीडिया के कैमरे में वसुंधरा, गजेंद्र सिंह शेखावत और कुलदीप बिश्नोई नजर आए. पत्रकारों ने वसुंधरा से सवाल पूछना चाहा, लेकिन उन्होंने दिलचस्पी नहीं दिखाई. वो ये कहते हुए गाड़ी में बैठ गई कि मीटिंग बहुत अच्छी रही.
क्या वसुंधरा सच में रेस में वापस आ गयी हैं ?
जानकारी के मुताबिक मीटिंग में बनी रणनीति ने वसुंधरा को फिर से रेस में वापस ला दिया है. बुधवार की रात कोर कमेटी की मीटिंग के बीच अमित शाह, जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष के बीच गुप्त मीटिंग हुई. माना जा रहा है कि इस मीटिंग में वसुंधरा को भरोसा दिया गया है कि पार्टी चुनाव में उनके सम्मान का पूरा ख्याल रखेगी. ऐसे में सवाल है कि क्या राजस्थान में इस बार वसुंधरा राजे एक बार फिर चुनावी कमान संभालेंगी. क्या प्रदेश में एक बार फिर से उनके चेहरे को कमान दी जाएगी.
राजस्थान में वसुंधरा क्यों अहम ?
राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा बीजेपी की सबसे बड़ी नेता हैं. प्रदेश में अब भी उनको भीड़ जुटाने वाली नेता के तौर पर जाना जाता है. पार्टी पॉलिटिक्स में वो भले ही खुद को साइड लाइन समझ रहीं थीं लेकिन समर्थकों के बीच उनकी लोकप्रियता बनी हुई है और माना जा रहा है कि इसी लोकप्रियता की बदौलत उन्होंने चुनावी रेस में वापसी की है. माना जा रहा है कि आरएसएस नेताओं ने वसुंधरा की पैरवी की है. संघ का भी पहले से मानना है कि बिना क्षेत्रीय क्षत्रप को आगे रखे सिर्फ प्रधानमंत्री के नाम पर विधानसभा का चुनाव नहीं जीता जा सकता.
कई सर्वे में वसुंधरा सबसे बड़ा चेहरा-
ऐसे में राजस्थान में चेहरे के नाम पर किये गए अलग अलग सर्वे में वसुंधरा सबसे बड़ा चेहरा सामने आ रहा है. अभी हाल ही में भी एबीपी न्यूज के सर्वे में 36 फीसदी लोगों ने माना था कि वसुंधरा ही पार्टी का सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं, जबकि गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम लेने वाले महज 9 फीसदी लोग ही थे. वहीं राजेंद्र राठौर और अर्जुन मेघवाल का नाम 7 फीसदी लोगों ने लिया था. यही वजह है कि प्रधानमंत्री के चेहरे को ही आगे रखकर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई जा रही है. हालांकि 200 सीटों वाले राजस्थान में सिर्फ इतने से काम नहीं चलने वाला और ये सच्चाई पार्टी भी समझती है. बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व जानता है कि राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा की जड़ें काफी गहरी हैं. इसलिए उनको नजरअंदाज करके सत्ता हासिल करना आसान नहीं रहने वाला.
राजस्थान में नाराज चल रही वसुंधरा राजे को साधने से लिए भाजपा के भीतर मंथन चल रहा है। चर्चा है कि भाजपा यहां कर्नाटक फॉर्मूला अपना सकती है। इसके तहत जैसे वहां बीएस येदियुरप्पा को साधा गया था वैसा ही प्रयोग राजस्थान में हो सकता है.
जानकारी के अनुसार, शीर्ष स्तर पर विचार चल रहा है कि वसुंधरा राजे को कैम्पेन कमेटी का मुखिया बना कर पार्टी सामूहिक नेतृत्व में लड़े. वसुंधरा राजे का पार्टी पूरा सम्मान रखेगी कुछ ऐसा ही प्रयोग भाजपा ने येदियुरप्पा को साधने के लिए किया था. सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा आलाकमान जिस तरह से वसुंधरा राजे की अनदेखी कर रहा है, उससे पार्टी को नुकसान हो सकता है। भाजपा ने जिन 41 लोगों की पहली सूची जारी की है उसमें वसुंधरा समर्थकों के टिकट काट दिए गए हैं। ऐसे में वसुंधरा पर उनके समर्थकों का दबाव भी है हाल ही में बड़ी संख्या में वसुंधरा समर्थक जयपुर स्थित आवास पर भी आए थे।
वसुंधरा की अनदेखी चुनाव में पड़ सकती है भारी-
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वसुंधरा से बड़ा राजस्थान भाजपा में कोई नेता नहीं है। ऐसे में अगर वसुंधरा राजे की पार्टी अनदेखी करती है तो उसे सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए भाजपा के रणनीतिकार वसुंधरा को साधने के तरीके खोज रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राजस्थान के नेताओं से संपर्क में हैं और लगातार फीडबैक ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, कार्यकर्ताओं ने साफ कह दिया है कि वसुंधरा राजे की अनदेखी चुनाव में भारी पड़ सकती है. कांग्रेस को कम नहीं आंकना चाहिए। अति आत्मविश्वास से पार्टी को नुकसान हो सकता है.
बता दें कि हाल ही में वसुंधरा राजे की नई दिल्ली में संगठन महामंत्री बीएल संतोष, राज्य के प्रभारी महासचिव अरुण सिंह और अन्य नेताओं से बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार बैठक में कर्नाटक मॉडल पर विस्तार से चर्चा हुई. वसुंधरा आश्वस्त नजर आई.
दोनों की मुलाकात के बाद कई तरह के कयास-
इस सब के बीच वसुंधरा भी प्रेशर पॉलिटिक्स जारी रखे हुए हैं, इस कड़ी में उन्होंने गत रविवार को राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अचानक अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी और वर्तमान में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के उदयपुर स्थित आवास पर पहुंच गई। दोनों की इस मुलाकात के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कटारिया और वसुंधरा राजे की मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली. इस मीटिंग में दोनों के बीच क्या बातचीत हुई इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है।
वसुंधरा राजे के उदयपुर दौरे के बारे में किसी को पहले से कोई जानकारी नहीं थी। कहा जा रहा है कि उनका यह दौरा पहले से गुप्त था। गुलाब चंद कटारिया ने अपनी और वसुंधरा राजे की मुलाकात की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा, ‘दोनों एक ही परिवार से संबंध रखते हैं और एक–दूसरे से मिलते रहते हैं। आजकल मैं सियासत पर चर्चा नहीं करता, क्योंकि मैंने अपनी लाइन बदल ली है।’
भाजपा हाईकमान ने जिस तरह से वसुंधरा को साइड लाइन लगाने की काफी कोशिश की वो कहीं न कहीं सफल नहीं होती नजर आ रही. इसलिए अब वसुंधरा को साधने की कोशिश की जा रही है. वसुंधरा के अडिग रवैये और विरोध के चलते आखिरकार भाजपा हाईकमान को झुकना पड़ा और शायद अब उनको भी लगने लगा है कि बिना वसुंधरा राजस्थान जीतना मुश्किल है या यूँ कहें कि वसुंधरा को राजस्थान से अलग करना संभव नहीं है.
कलर टीवी पर प्रसारित होने वाले बड़े शो बिग बॉस के 17वें संस्करण में बॉलीवुड स्टार सलमान खान के साथ इस बार देवभूमि उत्तराखंड के युवा बाबू भैया भी दिखाई देंगे. अठूरवाला निवासी अनुराग डोभाल उर्फ बाबू भैया एक मोटो-ब्लॉगर है।
बाबू भैया ने मोटो ब्लॉगिंग के क्षेत्र में करिअर वर्ष 2018 में शुरू किया था। उनके यूट्यूब चैनल द यू-के-07 राइडर में 71 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं, जबकि इंस्टाग्राम में 51 लाख से अधिक फॉलोअर हैं। कलर टीवी पर प्रसारित होने वाले चर्चित रियलिटी शो बिग बॉस से बाबू भैया को काफी समय पहले ऑफर आया था।
इसके बाद वह काफी समय से तैयारी कर रहे थे।बाबू भैया ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के साथ 15 अक्टूबर को बिग बॉस के शो में एंट्री ली है। बिग बॉस-17 में बाबू भैया के अलावा 15 अन्य बड़े-बड़े कलाकार प्रतिभाग कर रहे हैं।
बाबू भैया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नैनबाग टिहरी गढ़वाल के अलावा दूधली के प्रसिद्ध स्कूल डीडीएच और श्री गुरु राम राय स्कूल भनियावाला से प्राप्त की है।
डीएवी कॉलेज देहरादून से स्नातक करने के बाद बाबू भैया ने 31 दिसंबर, वर्ष 2017 अपना मोटो ब्लॉगिंग के क्षेत्र में अपना करियर केटीएम बाइक से शुरू किया था। बाबू भैया की माता गृहिणी हैं, जबकि पिता सरकारी स्कूल में गणित के शिक्षक हैं।
लॉकडाउन में अनुराग की नौकरी छूट गई थी। इसके बाद यूट्यूबर बन गए। बताया, शौक-शौक में बनाए वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट करने लगे।