Author: Pravesh Rana

शहीदों के परिजनों को अब 10 लाख की जगह 50 लाख की अनुग्रह राशि मिलेगी

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को लैंसडाउन में आयोजित शहीद सम्मान समारोह में शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख करने की घोषणा की।

वीर सपूतों की अमर गाथाओं को नमन किया। उन्होंने शहीदों के परिजनों को ताम्रपत्र और अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया तथा अमर शहीद गब्बर सिंह नेगी की प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों से लाई गई शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी से भरे ताम्र कलशों के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह मिट्टी देहरादून में बन रहे सैन्य धाम में स्थापित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैन्य धाम केवल ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं, बल्कि अमर आत्माओं का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि 25 सितंबर से 4 अक्टूबर तक चली शहीद सम्मान यात्रा 2.0 शहीदों के परिजनों के आंसुओं का सम्मान है।

मुख्यमंत्री ने सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं—

शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख की गई।

परमवीर चक्र विजेताओं को ₹1.5 करोड़ की राशि प्रदान की जाएगी।

कोटद्वार के सैनिक विश्राम गृह का जीर्णोद्धार कर आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जाएगा।

वीर नारियों एवं पूर्व सैनिकों के लिए जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर संग्रहालय के जीर्णोद्धार के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।

प्रदेश के कई विद्यालयों, स्वास्थ्य केंद्रों और सड़कों का नाम शहीदों के नाम पर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों के हित में निरंतर कार्य कर रही है। अब तक 28 शहीद परिजनों को सरकारी सेवा में नियुक्ति दी जा चुकी है, जबकि 13 मामलों की प्रक्रिया जारी है। आवेदन की समय सीमा 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दी गई है।

उन्होंने प्रदेशवासियों से “एक पेड़ शहीदों के नाम” अभियान चलाने का भी आग्रह किया।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि शहीद सम्मान यात्रा 2.0 का समापन लैंसडाउन में हुआ। जिसमें 71 शहीदों के आंगन की मिट्टी एकत्र की गई है। राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी है और सरकार सैनिकों के सम्मान व कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम में विधायक दिलीप सिंह रावत, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, एसएसपी लोकेश्वर सिंह सहित अनेक सैन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और शहीद परिवार उपस्थित रहे।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि शहीद सम्मान यात्रा 2.0 का समापन लैंसडाउन में हुआ। जिसमें 71 शहीदों के आंगन की मिट्टी एकत्र की गई है। राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी है और सरकार सैनिकों के सम्मान व कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम में विधायक दिलीप सिंह रावत, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, एसएसपी लोकेश्वर सिंह सहित अनेक सैन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और शहीद परिवार उपस्थित रहे।

सीएम धामी ने किया उत्तराखंड प्रीमियर लीग 2025 का समापन, विजेता टीम को दी बधाई,विकल्प रहित संकल्प’ ही सफलता का मंत्र

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सीएम धामी ने किया उत्तराखंड प्रीमियर लीग 2025 का समापन, विजेता टीम को दी बधाई

खेलों से जुड़ें युवा, जीवन में अनुशासन और टीमवर्क लाएं — मुख्यमंत्री धामी

प्रधानमंत्री मोदी के ‘खेलो इंडिया’ और ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ ने देश में बढ़ाई खेल संस्कृति — सीएम

राज्य में 23 खेल अकादमियों की स्थापना होगी, 920 एथलीट हर साल पाएंगे प्रशिक्षण

हल्द्वानी में बनेगा उत्तराखंड का पहला खेल विश्वविद्यालय, लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज

उत्तराखंड अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का केंद्र

 स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान’ से बनेगा उत्तराखंड खेल प्रतिभाओं का केंद्र — सीएम धामी

खिलाड़ियों को 4% खेल कोटा, ‘उत्तराखंड खेल रत्न’ और ‘हिमालय खेल रत्न’ से सम्मानित कर रही सरकार

‘ विकल्प रहित संकल्प’ ही सफलता का मंत्र — युवाओं को सीएम धामी का संदेश

 

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की द्वारा राजीव गाँधी इंटरनेशनल स्टेडियम रायपुर देहरादून में आयोजित उत्तराखंड प्रीमियर लीग 2025 के समापन समारोह में प्रतिभाग किया | हरिद्वार एलमास उत्तराखंड प्रीमियर लीग 2025 चेपियनशिप का विजेता रहा |


सभी खिलाड़ियों एंव आयोजन समिति के पदाधिकारियों का स्वागत व अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन द्वारा उत्तराखंड प्रीमियर लीग चैंपियनशिप को जीतने वाली टीम के सभी खिलाड़ियों को बधाई दी |

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि वे सभी टीमे और खिलाड़ी जो इस बार जीत से कुछ कदम दूर रह गए हैं उनसे मेरा आग्रह है कि खेल में हार-जीत स्वाभाविक है, लेकिन जो बात सबसे महत्वपूर्ण है वो है आपकी खेल भावना, परिश्रम और निरंतर आगे बढ़ने का जज्बा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल न केवल युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि खेल के माध्यम से युवाओं में अनुशासन, टीमवर्क और संघर्षशीलता जैसे गुणों का भी विकास होता है। इसी को देखते हुए हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने कार्यकाल के प्रारंभ से ही ’’खेलो इंडिया’’ और ’’फिट इंडिया मूवमेंट’’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने की मजबूत नींव रखी। आज प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है तथा वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है। उनके मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और पुरूषों के साथ ही महिला खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जानकार अत्यंत प्रसन्नता हुई है कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड द्वारा पुरूष खिलाडियों के साथ-साथ महिला खिलाडियों के क्रिकेट को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। महिला खिलाड़ियों की चार टीमों ने इस टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन किया और मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस लीग में महिलाओं की भागीदारी भविष्य में मील का पत्थर साबित होगी। मुझे बताया गया है कि इतने कम समय में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की बालिकाओं द्वारा बी.सी.सी.आई. के तत्वाधान में आयोजित अंडर 19 वर्ग की प्रतियोगिता में दो बार चैम्पियन ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया गया है। इसके साथ ही ये हमारे राज्य के लिए अत्यंत गौरव का विषय है कि पर्वतीय राज्य की तीन बालिकाएं राघवी बिष्ट, प्रेमा रावत एवं नंदनी कश्यप अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रही है। उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से वर्तमान में न्यूजीलैंड में होने वाली सीरीज में भारतीय टीम में जगह बनाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड के युवाओं द्वारा बढ़-चढ़कर ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लिया जा रहा है, जो पूरे भारत में उत्तराखंड की अलग पहचान बना रहा है। आज का युवा उत्तराखंड को खेल के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रहा है। लेकिन, यह भी सोचने का विषय है कि उत्तराखंड का टैलेंट बाहर क्यों जा रहा है? हम जब देखते है कि हमारे पहाड़ी मूल के खिलाड़ी आईपीएल में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, पर अपने राज्य से नहीं बल्कि दूसरे राज्यों की टीम से खेल रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहना चाहता हूं कि उत्तराखंड की टीम देश की सबसे मजबूत टीम बने, ऐसी व्यवस्था की जाए। क्योंकि हमारी सरकार प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है। इसी वर्ष हमारे राज्य में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन ने उत्तराखंड को “देवभूमि’’ के साथ ही “खेलभूमि” के रूप में भी स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया है। इस बार के राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर इतिहास रचते हुए राज्य का गौरव बढ़ाने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड विश्वस्तरीय ’’स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर’’ के मामले में भी देश के प्रमुख राज्यों में गिना जाने लगा है और अब हमारे प्रदेश में राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन भी होने लग गए हैं। हमारी सरकार उत्तराखंड को खेलभूमि के रूप में स्थापित करने उद्देश्य से राज्य में शीघ्र ही एक ’’स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान’’ भी लागू करने जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी। इन अकादमियों में प्रत्येक वर्ष 920 विश्वस्तरीय एथलीट और 1000 अन्य खिलाड़ी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हल्द्वानी में उत्तराखंड का प्रथम खेल विश्वविद्यालय एवं लोहाघाट में एक महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित करने की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश में खेलों के समग्र विकास और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने एक नवीन ’’खेल नीति’’ भी लागू की है | इस नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को ’’आउट ऑफ टर्न’’ सरकारी नौकरी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही, हमारी सरकार मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना तथा खेल किट योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य के उभरते हुए युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ’‘उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार’’ और ‘’हिमालय खेल रत्न पुरस्कार’’ प्रदान कर खिलाड़ियों की योग्यता को भी सम्मानित कर रहे हैं। इसके अलावा, हमने राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटे को पुनः लागू कर दिया है, जिससे हमारे खिलाड़ियों के परिश्रम और कौशल को उचित अवसर और सम्मान मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सफलता का एक ही मूल मंत्र है “विकल्प रहित संकल्प“, इस मूल मंत्र को अपनाकर आप अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी-जान से जुट जाएं, जिस भी फील्ड में जाएं, वहां लीडर बनें।

 

केदारनाथ मंदिर के सोने पर फिर कांग्रेस-भाजपा में आरोप प्रत्यारोप, गोदियाल ने जांच रिपोर्ट को नकारा

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केदारनाथ धाम में गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के मामले में फिर से कांग्रेस व भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है। पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सोना गायब होने के मामले की गढ़वाल आयुक्त की रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया।

गोदियाल ने कहा, केदारनाथ मंदिर के सोने को लेकर उन्होंने सवाल खड़े किए थे, लेकिन गढ़वाल आयुक्त की जांच में उन्हें शामिल नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह जांच सिर्फ सरकार की बचाने के लिए की गई। समय आने पर कांग्रेस इस मामले का खुलासा करेगी और इसमें संलिप्त लोगों को बेनकाब किया जाएगा।
विपक्ष के आरोप
बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा, विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों में मैंने सरकार से स्वयं मामले की जांच कराने का आग्रह किया था। इस पर सरकार ने गढ़व़ाल आयुक्त को जांच सौंपी। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने में बीकेटीसी कोई भूमिका नहीं है। एक दानदाता ने शासन को पत्र लिख कर गर्भग्रह को स्वर्ण मंडित करने का आग्रह किया था। एएसआई की रिपोर्ट के बाद सरकार ने इसकी अनुमति दी।कांग्रेस नेता गोदियाल आरोप लगा कर भाग गए। यदि उनके पास कोई तथ्य है तो सक्षम अथाॅरिटी के सामने शिकायत करते या न्यायालय में जाते। कहा, गोदियाल सिर्फ सनसनी फैलाने के लिए केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।

प्रदेश में जमीन खरीदना हुआ महंगा; नए सर्किल रेट लागू, 22 प्रतिशत तक हुई बढ़ोतरी

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प्रदेश में नए सर्किल रेट लागू कर दिए गए हैं। सर्किल रेट में दो साल बाद हुई यह बढ़ोतरी 22 प्रतिशत तक की है। तेजी से हो रहे निर्माण व जमीनों की खरीद फरोख्त को देखते हुए सरकार ने यह वृद्धि की है। इससे अब जमीन खरीदने के साथ बहुमंजिला आवासीय भवन में घर और व्यावसायिक भवनों में दुकान खरीदना महंगा होगा।

प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को रविवार से नए सर्किल रेट लागू करने के आदेश दे दिए हैं। वर्तमान सर्किल रेट में इस बार 9 से 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। जमीनों व आवासीय फ्लैटों की रजिस्ट्री से सरकार का राजस्व बढ़ेगा। इससे पहले प्रदेश सरकार ने वर्ष 2023 में सर्किल रेट में बढ़ोतरी की थी। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने भी नए सर्किल रेट लागू होने की पुष्टि की है।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने उन क्षेत्रों में सर्किल रेट बढ़ाए हैं, जहां पर बड़ी परियोजनाओं और आवासीय भवनों का निर्माण किया जा रहा है। शासन स्तर पर लंबे समय से नए सर्किल रेट को लेकर मंथन चल रहा था।

जिलों की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में सर्किल रेट में त्रुटियों के कारण शासन ने जिलों को दोबारा प्रस्ताव देने को कहा था। रविवार को देहरादून जिला प्रशासन ने नए सर्किल रेट जारी कर पांच अक्तूबर से लागू कर दिए हैं।

पिथौरागढ़-मुनस्यारी, हल्द्वानी-अल्मोड़ा हेली सेवाओं का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को क्षेत्रीय संपर्क योजना (उड़ान योजना) के अंतर्गत पिथौरागढ़-मुनस्यारी-पिथौरागढ़ एवं हल्द्वानी-अल्मोड़ा-हल्द्वानी हवाई सेवाओं का मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन हवाई सेवाओं के शुरू होने से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में आम नागरिकों का आवागमन सुगम होगा।

 

दूरस्थ क्षेत्रों में आम नागरिकों को सुगम परिवहन होगा उपलब्ध : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्मोड़ा और मुनस्यारी उत्तराखंड के प्राचीन नगर होने के साथ ही ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर हैं। ये शहर प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक मंदिरों और समृद्ध संस्कृति के लिए देश और दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। हेली सेवा शुरू होने से अब पर्यटक अल्मोड़ा और मुनस्यारी तक और भी आसानी से पहुँच सकेंगे। इन सेवाओं से हल्द्वानी से अल्मोड़ा पहुँचने का समय 3 से 4 घंटे से घटकर महज़ कुछ मिनटों का रह जाएगा। हेली सेवाओं के प्रारंभ होने से दोनों क्षेत्रों में पर्यटन एवं आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने उड़ान योजना जैसी दूरदर्शी योजना प्रारंभ की थी। इस योजना ने प्रदेश में हवाई संपर्क को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके अंतर्गत राज्य के कई हिस्सों में हवाई पट्टियों और हेलीपोर्ट्स का विकास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 18 हेलीपोर्ट्स से हेली सेवाओं के संचालन की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिनमें से अब तक 12 हेलीपोर्ट्स पर सेवाएँ सफलतापूर्वक प्रारंभ की जा चुकी हैं।

 

राज्य के अन्य क्षेत्रों को भी हेली सेवाओं से जोड़ा जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि हेली सेवाओं से अब तक गौचर, जोशियाड़ा, हल्द्वानी, मुनस्यारी, मसूरी, पिथौरागढ़, पंतनगर, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल और अल्मोड़ा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ा जा चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी हेली सेवाओं से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हवाई संपर्क को सशक्त बनाने के साथ ही उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के विस्तार के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं के लिए विकसित करने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।

गौरतलब है कि पिथौरागढ़ -मुनस्यारी -पिथौरागढ़ एवं हल्द्वानी-अल्मोड़ा-हल्द्वानी के लिए हेलीकॉप्टर सेवा सप्ताह में 7 दिन तथा प्रत्येक दिन दो बार संचालित होगी। पिथौरागढ़ से मुनस्यारी के लिए यह हेली सेवा सुबह 10:30 बजे एवं दोपहर 1:50 बजे चलेगी। वहीं मुनस्यारी से पिथौरागढ़ के लिए यह सेवा सुबह 10:50 बजे एवं दोपहर 2:10 बजे चलेगी।

हल्द्वानी से अल्मोड़ा के लिए हेली सेवा सुबह 11:50 बजे एवं दोपहर 3:10 बजे चलेगी। जबकि अल्मोड़ा से हल्द्वानी के लिए यह सेवा दोपहर 12:50 बजे एवं सायं 4:10 बजे चलेगी। इन हवाई सेवाओं का किराया ₹2500 है, जिसे यात्री https://airheritage.in/ के माध्यम से ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं।

कार्यक्रम में सचिव युकाडा  सचिन कुर्वे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी युकाडा  आशीष चौहान एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

विधायक उमेश कुमार से जुड़े दल-बदल मसले पर विस सचिवालय कठघरे में,मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा, विस सचिव जांच करें, एक माह के अंदर दे सूचना

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उत्तराखण्ड सूचना आयोग ने विधानसभा सचिवालय में आरटीआई से जुड़े पत्रों के रखरखाव और कार्रवाई में गंभीर लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के दल बदल कानून के उल्लंघन से जुड़ी अपील (संख्या 42977/2025-26) की सुनवाई करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय अपीलीय अधिकारी (उप सचिव, विधानसभा सचिवालय) एक माह के भीतर अपीलार्थी को पूर्ण सूचना उपलब्ध कराएं और प्रथम अपील का विधिवत निस्तारण करें।

मामला जन संघर्ष मोर्चा से जुड़े जयपाल सिंह की अपील से जुड़ा था। जिन्होंने निर्दलीय विधायक के दल बदल कानून के उल्लंघन सम्बन्धी याचिका पर विधानसभा सचिवालय से सूचना मांगी थी।

अपीलार्थी ने बताया कि उनका पत्र पंजीकृत डाक से भेजा गया था, लेकिन सचिवालय की ओर से दावा किया गया कि पत्र प्राप्त ही नहीं हुआ। आयोग ने इसे गंभीर व आपत्तिजनक मानते हुए कहा कि सचिवालय में आरटीआई आवेदनों और प्रथम अपीलों का समुचित रखरखाव नहीं हो रहा है।

मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूडी ने सचिव, विधानसभा सचिवालय को निर्देशित किया है कि प्रकरण की जांच करें और भविष्य में आरटीआई से संबंधित आवेदनों एवं प्रथम अपीलों के निस्तारण के लिए सुदृढ़ नियमावली तैयार कर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दें। साथ ही की गई कार्रवाई की सूचना आयोग को भी भेजी जाए।

स्पीकर की रहस्यमय चुप्पी- मोर्चा

जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने आरोप लगाया कि खानपुर विधायक उमेश कुमार के दल-बदल मामले में विधानसभाध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने बचाव की भूमिका निभाई। इस प्रकरण का खुलासा मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने जन संघर्ष मोर्चा के जयपाल सिंह की अपील पर हुई सुनवाई के दौरान भी हुआ।

नेगी ने बताया कि ढाई से तीन वर्ष तक याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने पंजीकृत डाक से विधानसभा अध्यक्ष एवं सचिव को कार्रवाई हेतु पत्र भेजे, लेकिन विधानसभा सचिवालय ने मौखिक निर्देशों और दबाव में आकर पत्रों के सचिवालय तक न पहुंचने का हवाला दिया। यह दर्शाता है कि पूरा मामला दबाने की कोशिश की गई।

मुख्य सूचना आयुक्त ने सुनवाई में विधानसभा सचिवालय की लापरवाही को गंभीर मानते हुए उपसचिव और सचिव को समुचित जांच तथा अनुरोध पत्रों/अपीलों के निस्तारण के निर्देश दिए।

नेगी ने कहा कि हैरानी की बात है कि जिस विधायक पर ब्लैकमेलिंग, जालसाजी, यौन शोषण और संपत्ति हड़पने जैसे गंभीर आरोप हों, ऐसे विधायक का बचाव विधानसभाध्यक्ष क्यों कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले ने विधानसभाध्यक्ष की मिलीभगत की पोल खोल दी है।

गौरतलब है कि अप्रैल 2022 में खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था। मई में विधानसभा में दल बदल कानून के उल्लंघन सम्बन्धी याचिका दाखिल की गई थी। लेकिन विधानसभा भर्ती घोटाले में तुरत फुरत 200 से अधिक तदर्थ कर्मियों को नौकरी से हटाने वालीं स्पीकर ऋतु खण्डूडी उमेश कुमार के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं ले पायीं।
तीन साल से अधिक समय बीतने के बाद भी विधायक उमेश कुमार की सदस्यता पर फैसला नहीं होने पर कई सवाल उठ रहे हैं।

पूर्व के सालों में भी विधानसभा स्पीकर दल बदल कानून के उल्लंघन के मामले में कई विधायकों से इस्तीफा के चुके हैं। लेकिन स्पीकर ऋतु खंडूड़ी किस दबाव में उमेश कुमार की विधायकी पर निर्णय नहीं ले पा रही है। यह भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
यहां यह भी अहम बात है कि बीते मई महीने में विस सचिवालय ने याचिकाकर्ता और विधायक को नोटिस जारी किया था। लेकिन उसके बाद क्या फैसला लिया गया। यह किसी को पता नहीं।

इधऱ, मोर्चा सदस्य जयपाल की आरटीआई पर मांगी गई सूचना पर भी विधानसभा सचिवालय ने कह दिया कि उन्हें यह पत्र मिला ही नहीं। जबकि पंजीकृत डाक से पत्र भेजा गया था।
इधऱ, जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ नेगी ने कहा कि दल बदल कानून के उल्लंघन पर चुप्पी ओढ़ने वालीं स्पीकर ऋतु खंडूरी के इस्तीफे तक मोर्चा चुप बैठने वाला नहीं है।

स्पीकर नहीं लें समय पर फैसला तो लोकतंत्र को होगा नुकसान” – सुप्रीम कोर्ट

देश की सर्वोच्च अदालत ने विधायकों और सांसदों की अयोग्यता याचिकाओं में समय-बद्धता न बरतने वाले स्पीकरों की प्रक्रिया पर कड़ी नाराज़गी जताई है। जुलाई 2025 के इस आदेश से हलचल मच गई ।

चीफ जस्टिस बी.आर. गवई एवं जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच की तल्ख टिप्पणी और स्पीकर को तीन महीने में निर्णय लेने के आदेश के बाद हलचल मच गई

सुप्रीम कोर्ट ने ये तीखी टिप्पणी गुरुवार 31 जुलाई 2025 को की। सर्वोच्च न्यायालय ने तेलंगाना विधानसभा के स्पीकर को दस BRS विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं का निर्णय तीन महीने के भीतर लेने का निर्देश देते हुए, गम्भीर विलंब और लोकतंत्र पर संभावित खतरों को लेकर स्पष्ट टिप्पणी कर सिस्टम को कठघरे में खड़ा कर दिया।

 

दल-बदल कानून के उल्लंघन का एक चर्चित मसला उत्तराखण्ड से भी जुड़ा है। इस मुद्दे पर स्पीकर ने तीन महीने ही नहीं बल्कि तीन साल से ज्यादा निकाल दिए। लेकिन कोई फैसला नहीं दिया।

 

युवा अब स्पीकर की विधानसभा कोटद्वार में भरेंगे हुंकार,उमेश कुमार के दल बदल उल्लंघन से जुड़ी लंबित याचिका पर जल्द निर्णय लेने का बनाएंगे दबाव

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हालिया बेरोजगार आंदोलन की अपार सफलता के बाद युवा शक्ति पूरे जोश में है। युवा शक्ति का रथ कोटद्वार की ओर मोड़ने की पूरी तैयारी हो चुकी है।आंदोलित युवा शक्ति ने पेपर लीक के मुद्दे पर प्रदेश सरकार से सीबीआई जांच समेत अन्य प्रमुख मांगे मनवाने के बाद आराम न करते हुए नयी जंग का ऐलान कर दिया। इस बार निशाने पर स्पीकर को लिया गया है।

 

बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार ने स्पीकर ऋतु खंडूड़ी को पत्र लिख कर खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के दल बदल उल्लंघन से जुड़ी लंबित याचिका पर जल्द निर्णय लेने को कहा है।स्पीकर को सम्बोधित पत्र में बॉबी पंवार ने कहा की लोकतंत्र संविधान से चलता है। न कि व्यक्तिगत पसंद -नापसन्द से।बॉबी ने कहा कि तीन साल से अधिक समय बीतने के बाद भी स्पीकर ने इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया। उन्होंने कहा कि दल बदल कानून के उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट की तल्खी के बाद भी स्पीकर ने संविधान के तहत कोई ठोस फैसला नहीं लिया।स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने उमेश कुमार की सदस्यता पर चुप्पी साधे कांग्रेस के नेताओं को भी आड़े हाथ लिया।

 

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने 30 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को लिखे पत्र में खानपुर विधायक उमेश कुमार की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। संगठन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में विधानसभा अध्यक्षों पर दल बदल याचिकाओं को लंबित रखने को लेकर की गई तल्ख टिप्पणी के बावजूद, मई 2022 से दर्जनों याचिकाएं लंबित हैं और उन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।

मोर्चा ने पत्र में लिखा कि पूर्व अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पुरोला विधायक राजकुमार, धनोल्टी विधायक प्रीतम पवार और भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा की सदस्यता समाप्त कर संवैधानिक परंपराओं का सम्मान किया था। जबकि वर्तमान अध्यक्ष की ओर से खानपुर मामले में कोई फैसला न लेना गलत संदेश देता है।

पत्र में कहा गया कि यदि किसी व्यक्तिगत कारण से निर्णय नहीं लिया जा रहा है तो विधानसभा अध्यक्ष को जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि इस पर शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई तो यह संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं के विपरीत एक गलत उदाहरण बनेगा।

गौरतलब है कि मार्च 2022 में खानपुर से निर्दलीय विधायक का चुनाव जीतने के बाद उमेश कुमार ने एक नए दल में शामिल हो गए थे। इस कार्यक्रम की खूब खबरें छपी थी। मई 2022 में रविंद्र पनियाला समेत कई अन्य ने दल बदल कानून के उल्लंघन सम्बन्धी याचिका विधानसभा में पेश की थी।

लेकिन इतना लंबा समय बीतने के बाद स्पीकर ने नियमों के तहत कोई फैसला नहीं लिया। स्पीकर पर किसका दबाव है, राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी सरगर्म है।
दूसरी ओर, पूर्व सीएम हरीश रावत भी स्टिंग करने वाले उमेश कुमार पर अन्य मुद्दों पर तो आक्रमण करते हैं। लेकिन उनकी विधायक बेटी अनुपमा रावत ने कभी भी उमेश कुमार के दल बदल कानून के उल्लंघन पर कोई सवाल नहीं उठाया। अन्य बड़े कांग्रेस नेता भी मौन साधे हुए हैं।

कुछ दिन पूर्व, मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूडी ने भी विधानसभा सचिवालय को उमेश कुमार से जुड़े मसले पर पत्रावली के रख रखाव की सख्त हिदायत दी थी।

इधर, बॉबी पंवार ने इस मुद्दे पर लीड लेते हुए स्पीकर की विधानसभा कोटद्वार में युवा शक्ति रथ मोड़ने का ऐलान कर हड़कंप मचा दिया है। देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट की तल्खी व बॉबी पंवार की चेतावनी के बाद भी स्पीकर ऋतु खंडूड़ी लंबित फैसले को कितने दिन और टाले रखती है..

सेवा में,

श्रीमती ऋतू खंडूरी जी माननीय विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड

विषय : सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बावजूद खानपुर विधानसभा की दलबदल याचिका विषयक।

माननीय अध्यक्ष विधानसभा

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्षों द्वारा दल बदल याचिकाओं को जानबूझकर लटकाने को लेकर जो तल्ख टिप्पणी की गई उसके बाद उत्तराखंड के लोगों को यकीन था कि उत्तराखंड में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का सम्मान किया जाएगा।

मई 2022 आपके कार्यालय में खानपुर के विधायक उमेश कुमार के दल बदल करने और उनकी विधायकी समाप्त करने को लेकर जो दर्जनों याचिकाएं डाली गई इसके बावजूद आपने उपरोक्त विधायक की विधायकी समाप्त नहीं की। आपसे पहले विधानसभा अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल के सम्मुख जब पुरोला के विधायक राजकुमार धनोल्टी के विधायक प्रीतम पवार और भीमताल के विधायक राम सिंह कैड़ा की इसी प्रकार दल बदल की याचिकायें आई तो प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष की पद की गरिमा रखते हुए तीनों विधायकी समाप्त कर कानून का पालन किया जिस कुर्सी पर आप बैठी है वह नियम कायदे कानून और परंपराओं के लिए जानी जाती है। इतने लंबे समय से आप द्वारा दल बदल की उस याचिका पर निर्णय न लेने से बहुत स्पष्ट संदेश जा रहा है कि आप उस कुर्सी से न्याय नहीं कर रही है जिस पर आप आसीन हैं।
अगर आपकी कोई व्यक्तिगत मजबूरी है तो उसे आपको कोटद्वार की जनता से लेकर यमकेश्वर के लोगों तक जरूर बताना चाहिए।। हमारा स्पष्ट मानना है यह देश संविधान से चलता है और सदन में नियम कायदे कानून और परंपराएं ही सदन को आगे बढ़ाते ती हैं हम यह भी जानते हैं कि जिन लोगों ने राम सिंह कैड़ा राजकुमार और प्रीतम पंवार की विधायकी समाप्त करने के लिए छाती पीठ कर शोर मचाया था वह आज मित्र विपक्ष के रूप में मलाई खा रहे हैं।
यह प्रदेश की जनता अपनी खुली नजर से देख रही है। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने आपको इस बारे में पहले भी कई बार विभिन्न तरीके से अनुरोध किया कि आप दल बदल की इस स्पष्ट श्रेणी की याचिका पर निर्णय देकर खानपुर के विधायक उमेश कुमार की विधायकी को समाप्त करने का आदेश दें। ऐसा ना हो कि आपने बाद बनने वाले विधानसभा अध्यक्ष आपके द्वारा इन गलत निर्णय को आत्मसात करने को मजबूर हों ऐसा होना संविधान के खिलाफ होगा और नियम कायदे कानून और परंपराओं के विपरीत होगा

कृपया शीघ्र कार्यवाही कर दल बदल की इस गलत परंपरा को समाप्त करने की कृपा करें।

 

 

विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतू खंडूरी जी उत्तराखंड का युवा सीबीआई जांच करवाने का दम रखता है ।

एक प्रदेश में दो प्रकार के कानून नहीं हो सकते हैं इसी प्रकार दलबदल के लिए भारत के संविधान में जो व्यवस्था दी है उसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता। मई 2022 से दल बदल की जो याचिकाएं दबाई गई है सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यदि बात समझ में ना आ रही हो तो युवा शक्ति का रथ बहुत जल्द कोटद्वार की ओर ही कूच करेगा।
उत्तराखंड में किसी को भी संविधान का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा।

पेपर लीक…… समस्या जनता की याददाश्त की है !

55 Minutes Read -

परीक्षाएं सही से नहीं करवा पाएंगे,,पेपर लीक होते रहेंगे,,नकल माफिया जेल से बाहर आते रहेंगे,,,और जब बेरोजगार अपनी आवाज उठाने के लिए इक्क्ठे होंगे,,,तो धारा 163 लगा देंगे,,,क्या  अब सच में इस प्रदेश में युवाओं की सबसे बड़ी समस्या रोजगार से जुड़े इस अहम पहलू पर कोई ध्यान दे भी रहा है की नहीं ,,,,,,क्या इस प्रदेश में एक सख्त नकल विरोधी कानून के बाद भी नौकरियों की खरीद फरोख्त जारी है,,,,ताजा घटनाक्रम ने कई पुराने सवालों को एक बार फिर से ज़िंदा कर दिया है ,,,जो सवाल थोड़े से मद्दम हो चले थे,,एक बार फिर उठने शुरू हो गए हैं,,,आज के वीडियो में विस्तार से पुरे घटनाक्रम को आपको बताएंगे,,,पुलिस से लेकर आयोग और छात्रों के हर आरोप से आपको रु बरु करवाएंगे,,,साथ ही वो ऑडियो भी आपको दिखाएंगे जो इन उठते  सारे सवालों की वजह बना है,,

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है,,,रविवार को परीक्षा शुरू होने के कुछ ही देर बाद पेपर लीक होने का दावा सामने आया, जिससे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगे हैं ,,,मामला तब और गंभीर हो गया जब बेरोजगार संघ अध्यक्ष राम कंडवाल और सुरेश सिंह के साथ ही उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार सहित त्रिभुवन सिंह चौहान और मोहित डिमरी ने भी इस मुहीम को आगे बढ़ा दिया ,,,,,,उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष और बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार ने  दावा किया कि परीक्षा का पेपर शुरू होते ही बाहर आ गया था।  पंवार ने वायरल स्क्रीनशॉट का हवाला देते हुए तत्काल जांच की मांग की। बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि संघ ने पहले ही प्रशासन को पेपर लीक की आशंका जताई थी। उन्होंने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इतनी सतर्कता के बावजूद पेपर बाहर आना सरकार और आयोग की नाकामी ही है। कंडवाल ने कहा  कि हर बार पेपर लीक कैसे हो जाता है????/ सरकार और आयोग जवाब दें।  मामला तब और गरमा गया जब इस मामले में पूछताछ के लिए उत्तराखंड पुलिस और हरिद्वार SOG ने बॉबी पंवार पर ही सवालों की बौछार कर दी ,, पंवार के सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर उठाये आयोग के विरुद्ध सवालों पर ,,जिससे युवाओं में और ज्यादा रोष बढ़ गया 

 

दरअसल रविवार की दोपहर लगभग 12 बजे सोशल मीडिया पर वायरल हुए कथित पेपर के स्क्रीनशॉट ने अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया,,,,यहां गौर करने वाली बात ये है कि एक दिन पहले ही यानी शनिवार को एसटीएफ और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप एसओजी ने कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह  और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को परीक्षा के संबंध में  देहरादून से  ही  गिरफ्तार  कर लिया था ,,, ये दोनों अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर 12 से 15 लाख रुपये तक की मांग कर रहे थे,,,,जिसका एक कथित ऑडियो भी वायरल हुआ,,, ये ऑडियो पंकज गौड़ का  का बताया जा रहा है,

यह ऑडियो जिसमें कोटद्वार के एक अभ्यर्थी से 15 लाख में चयन करवाने का दावा किया जा रहा है,,,,इसके वायरल होने के बाद पुरे प्रदेश के युवाओं में रोष फैल गया,,,,हाकम सिंह के एक बार फिर एक्टिव होने पर लोग हर जगह यही पूछ रहे हैं कि आखिर हाकम सिंहं का हाकिम कौन है,,,जबकि पुलिस कह रही है कि हाकम सिंह का कोई हाकिम नहीं,,, पुलिस ने ये साफ़ इशारा कर दिया की हाकम का कोई हाकम नहीं ,, बल्कि ये एक गिरोह है ,,,पुलिस का ये इशारा भी कई सवालों को जन्म दे रहा है कि  आखिर कोई भी एक मामूली सा आदमी इतना बड़ा खेल करता आ रहा है और वो भी बिना किसी सरपरस्ती के ????।खैर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मामले के खुलासे के साथ कहा था कि हाकम कुछ अभ्यार्थियों को कोरा झांसा देकर 12 से 15 लाख रुपये ऐंठने के फिराक में था, लेकिन वहीं दूसरी ओर सह-आरोपी पंकज गौड़ का इकबालिया बयान और हाकम की कॉल रिकॉर्डिंग गहरी साजिश का खुलासा कर रही है।

पंकज गौड़ के बयान के  मुताबिक़ वो खुद परीक्षा में बैठने वाला था। उसने हाकम तक पहचान निकाली और उससे संपर्क बनाया। हाकम ने उसे परीक्षा पास करवा नौकरी लगवाने का भरोसा दिलाया। उसने पंकज को कहा कि यदि वह 15-15 लाख के पांच उम्मीदवार लाएगा तो उसके 12 लाख रुपये बच जाएंगे, यानी उसका काम फ्री में हो जाएगा। यह बयान खुद पंकज ने पुलिस को दिया है, जिससे जाहिर होता है कि वह हाकम की पहुंच पर भरोसा कर रहा था, इसलिए वह खुद भी रुपये देने को तैयार था।
पुलिस की जांच के मुताबिक शुरुआत में पंकज की मुलाक़ात उत्तरकाशी के ओटगांव निवासी रोबिन प्रसाद से हुई थी, जो परीक्षा पास करने के लिए पंकज गौड़ के संपर्क में था। पंकज से पूछताछ में पता चला कि वह अरुण पंवार, रोबिन नौटियाल, गुलशन, मोनिका डोभाल, काला के संपर्क में था, जिन्हें उसने यकीन दिलाया था कि हाकम उसके संपर्क में है। उन्हें यकीन दिलाया है कि 15 लाख रुपये देने पर परीक्षा पास करवा कर नौकरी लगवा दी जाएगी।

इसी क्रम हाकम सिंह  की कॉल रिकॉर्डिंग भी वायरल हो रही है, जिसमें वह साफ कह रहा है कि इस बार पिछली गलती नहीं करनी। पिछली बार 12-12 लाख में ज्यादा अभ्यर्थियों का जिम्मा लिया था, जिस वजह से मामला बिगड़ गया। इस बार ज्यादा पैसे और कम काम होगा, यानी 15 लाख लेकर कुछ अभ्यर्थियों का ही काम किया जाएगा, ताकि किसी को शक न हो। पंकज ने इकबालिया बयान दिया है कि उसने अन्य अभ्यर्थियों को परीक्षा पास कराने के लिए अपनी तरफ से तीन लाख रुपये बढ़ाकर बताए थे, ताकी उसका काम फ्री में हो जाए। उसे हाकम के जरिये रुपये कमाने का लालच भी आ गया था। इस बयान से विरोधाभास सामने आ रहा है कि पंकज एक तरफ तो हाकम की पहुंच पर भरोसा करके खुद भी 12 लाख देने वाला था,
 

जांच के क्रम में एक पैन ड्राइव की रिकॉर्डिंग भी पुलिस को मिली, जिसमें हाकम 21 सितंबर को होने वाली परीक्षा पास कराने व नौकरी लगाने का दावा कर रहा है, यह रिकॉर्डिंग भी जाहिर करती है कि साजिश कहीं गहरी थी, जिसमें बड़े स्तर पर मिलीभगत की आशंका है। इसमें हाकम 15 लाख रुपये की राशि के एवज में अभ्यर्थी को परीक्षा में ओएमआर शीट खाली छोड़ने को कह रहा है, जिसे बाद में भरा जाएगा, इससे जाहिर होता है कि वह अभ्यर्थियों को कोरा झांसा नहीं दे रहा था। उसके पास ट्रिक और लिंक दोनों थे।  दूसरी तरफ  पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कह रहे हैं कि दोनों गिरफ्तार आरोपी अभ्यर्थियों को कोरा झांसा दे रहे थे, उनके परीक्षा पास कराने के दावे को लेकर कोई लिंक नहीं मिले।

अब पुलिस जांच का एक पहलू और देखिये,,,,देहरादून  पुलिस और आयोग ने  प्रेस वार्ता करके खुलासा किया कि पेपर का सिर्फ एक सेट यानी तीन ही पन्ने हरिद्वार के एक सेंटर से एक अभ्यर्थी के लिए बाहर आया था,,, इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह शामिल नहीं, इसलिए पूरी परीक्षा की शुचिता पर सवाल खड़ा नहीं होता,,,यह पेपर सिर्फ कुछ लोगों के बीच ही पहुंचा,,, है न कमाल की बात,,, पुलिस खुद कह रही है कि एक सेट बाहर आया था,,और कुछ लोगों के बीच पहुंचा था,,,और ऐसे में कहा जा रहा है कि इससे पूरी परीक्षा की शुचिता पर सवाल खड़ा नहीं होता,,,इतनी बड़ी लापरवाही सामने आती है और आयोग कह रहा है कि सवाल उठाना लाजमी नहीं है,,,खासकर तब जब आयोग के मुखिया  गणेश मर्तोलिया कोई और नहीं बल्कि उत्तराखंड पुलिस के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं ,, कई जिलों की कमान खुद संभल चुके हैं,, उसके बाद भी उनका ये जवाब गले से नीचे नहीं उतरता ,,,

जांच में एक और बात सामने आयी है कि खालिद नाम का कोई शख्स है जिसके लिए पेपर बाहर आया,,,अब  उसके संपर्क में आए छात्रों की जांच व तलाश जारी है,,, पुलिस के अनुसार  खालिद पूरे कांड का प्रमुख है, जो खुद हरिद्वार के एक सेंटर में परीक्षा देने बैठा था,,,पुलिस को  आशंका है कि उसके लिए ही पेपर बाहर आया ताकि उस तक सवालों के जवाब पहुंचाए जा सके,,,सेंटर से खालिद की बहन तक के पास पेपर के स्क्रीन शॉट पहुंचे,,, बहन ने टिहरी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत सहायक प्रोफेसर सुमन तक वो स्क्रीनशॉट भेजे और सवालों के जवाब मांगे,,, सुमन ने जवाब भेज दिए लेकिन बाद में शक होने पर पुलिस के पास जाने लगीं लेकिन उससे पहले बॉबी पंवार से बात की,,,,इससे एक बात और स्पष्ट होती  है कि अब ऐसी धांधलियों में पुलिस से ज्यादा लोगों को उत्तराखंड के युथ और  बॉबी पंवार पर भरोसा है,,,

यहां एक और चीज घटित हुई,,,महिला प्रोफेसर  पुलिस के सामने बताती है कि उनके  द्वारा  प्रकरण की जानकारी पुलिस को देने हेतु एक प्रार्थना पत्र लिखा गया था लेकिन बॉबी पंवार द्वारा उक्त महिला से पेपर के स्क्रीनशॉट मांगते हुए उसे इस सम्बन्ध में पुलिस को अवगत न करने के लिये कहा गया,,,,जिसके बॉबी पंवार द्वारा बिना किसी सक्षम अधिकारी को प्रकरण के सम्बन्ध में  अवगत कराये बिना  परीक्षा प्रणाली को सनसनीखेज बनाने के उद्देश्य से उक्त स्क्रीनशॉट्स को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया,,,जिन्हें कुछ अन्य लोगों द्वारा भी सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रसारित करते हुए सरकार तथा सिस्टम के विरूद्ध आपत्ति जनक पोस्ट की गई। अब इन बातों की भी पुलिस जांच कर रही है,,,,की आखिर बॉबी पंवार ने पुलिस के सक्षम अधिकारी को इस मामले से अवगत कराये बगैर खुद ही जज बनने की कोशिश क्यों की 

 
 
 

इन्हीं सवालों के बीच पुलिस ने बॉबी की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है,,,मुख्य आरोपी खालिद फरार बताया जा रहा है,,जबकि उसकी बहिन को गिरफ्तार कर लिया गया है,,,साथ ही इस पुरे प्रकरण को सामने लाने वाली महिला प्रोफ़ेसर के खिलाफ भी जांच शुरू हो गयी है,,,बॉबी पंवार भी कह रहे हैं ,,,कि इस पुरे प्रकरण की जांच सीबीआई करे और पहली शुरुआत उनसे ही की जाय,,,सरकार भी कह रही है कि अब आरोपी बख्से नहीं जायेंगे,,,,सवाल कई हैं कि आखिरकार जब परीक्षा में मोबाईल नहीं ले जा सकते तो फिर अंदर से फोटो बाहर कैसे आ गए,,,जब परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगे होते हैं,ऐसे में फोटो बाहर आना अपने आप में परीक्षा की तैयारियों पर सवाल उठाता है,,,इस पुरे प्रकरण में हाकम सिंह की गिरफ्तारी में जिस  युवा ने प्रमुख भूमिका निभाई वो हैं बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल,,,उन्होंने पांच दिन तक रिक्शे में घूम कर नकल माफिया की खोज की,,,,स्कूटी से उत्तरकाशी तक गए,,,,जो 15 लाख वाला ऑडियो हमने आपको इससे पहले सुनाया वो भी राम कंडवाल के कारन ही हो पाया,,,,ऐसे युवाओं को इस प्रदेश को आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरत है,,,

अब जरा  जिन पर इन सभी परीक्षाओं को निर्विवाद रूप से कराने की जिम्मेदारी है उन आयोग के चेयरमैन गणेश शंकर मर्तोलिया का बयान भी  सुन लीजिए,,,ताकि सनद रहे ,,, मर्तोलिया साहब कह रहे हैं कि सिर्फ तीन पन्ने बाहर आये हैं इसको पेपर  लीक होना नहीं कहा जा सकता,,,,तो साहिब पेपर लीक होना कहते किसको हैं ,,जरा ये ज्ञान वर्षा भी कर दीजिये ,,,खैर बयां सुनिए साहब का 
तो पूछा ये भी जाना चाहिए कि आखिर पेपर लीक फिर किसे कहा जाता है,,,

सवाल ये है कि 11 बजे पेपर शुरू होता है और दावे के अनुसार 11. 30 बजे वो तीन पन्ने बाहर आ जाते हैं,,,और मर्तोलिया साहब कह रहे हैं कि  इसको पेपर  लीक होना नहीं कहा जा सकता,,,,तो फिर वही बता दें कि इसको क्या कहा जाता है,,,और फिर पेपर लीक किसे कहते हैं,,,उनका बयान सुन कर तो एक वरिष्ठ भूवैज्ञानिक एमपीएस बिष्ट ने , What a joke.,,कहकर मर्तोलिया साहब को सर्टिफिकेट ही दे दिया ,,,,,,..खैर चेयरमैन आयोग गणेश मर्तोलिया ने यह भी बताया कि परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए गए थे, जिससे यह सवाल उठता है कि इतने सुरक्षा उपायों के बावजूद ये पन्ने बाहर कैसे आए,,,,,कमाल की बात ये है कि भाजपा के कुछ नेता खुद कह रहे हैं कि तीन पन्ने बाहर आये लेकिन पेपर लीक नहीं हुआ और ये सरकार के खिलाफ षड्यंत्र है,,,कमाल करते हैं हमारे नेता जी
सवाल फिर वही कि किसके दम पर जमानत पर जेल से बाहर आया शख्स फिर ऐसे घटनाक्रम करने की हिम्मत जुटा पा  रहा है,,मतलब हाकम का हाकिम तो कहीं न कहीं vip बना बैठा ही है ,,वैसे vip से हमारा अभिप्राय सिर्फ हाकम के हाकिम को लेकर ही है ,, कृपया इसे किसी बच्ची की निर्मम हत्या से न जोड़ा जाए ,,,,
एक बात और है पानी पी पी कर त्रिवेंद्र सिंह रावत को हाकम के मामले में कोसने वाले खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को अब सोचना होगा ,, क्यूंकि हाकम के खिलाफ सबसे पहले और बुलंद आवाज़ में विरोध करने वाले पहले भाजपाई खुद त्रिवेंद्र सिंह रावत ही बन गए हैं ,, ,, अक्सर
पूर्व मुख्य्मंत्री और हरिद्वार संसद त्रिवेंद्र सिंह रावत जो 2023 में बेरोजगारों पर लाठीचार्ज का भी विरोध कर चुके हैं,,,उन्होंने एक बार फिर कड़ी कार्यवाही  और न्यायिक जांच की मांग की है,,,अब त्रिवेंद्र के नक़ल को लेकर लिए गए कड़े तेवर ये तो साबित करते ही हैं की हाकम सिंह की तस्वीर सिर्फ एक ही ज़ुबान नहीं बोलती ,,यकीन नहीं तो इन कुछ तस्वीरों पर ही नज़र दाल लीजिये ,,,ऐसे में उमेश कुमार की आवाज़ बाकी के चित्रित नेताओं को घेरने के लिए भी उठेगी ये देखना महत्वपूर्ण होगा ,, और अगर आवाज़ उठी तो उसका तीखापन भी मायने रखेगा ,,, खैर अपने बयान से ये तो त्रिवेंद्र ने साफ़ कर दिया की हाकम का हाकिम अभी वाइट कॉलर में आसपास ही मौजूद है जिसपर कड़ी कार्यवाही की बात वो कर रहे हैं ,,,

खैर त्रिवेंद्र सिंह रावत को छोड़कर सत्ता पक्ष का कोई भी नेता फिर चाहे वो महेंद्र बाहुबली हों या फिर कुछ दिन पहले पुलिस को कोसने वाले विधायक ख़ज़ान दास हों या आपदा में जिलाधिकारी देहरादून को अपशब्द कहने वाले मंत्री गणेश जोशी हों ,,  कोई भी बेरोजगार युवाओं की मांग पर साथ नहीं दिखाई दे रहा है,,,,,सब के सब ऐसे चुप्पी साधे बैठे हैं ,,उम्मीद विपक्ष से भी थी ,,,,,कि युवाओं की इस पीड़ा में वो उनकी आवाज में अपनी आवाज मिलाते,,,,लेकिन अफ़सोस विपक्ष के नेता सिर्फ शोसल मिडिया और अपने मुख्यालय में ही इसका विरोध करते रह गए,,,,इससे एक बात और साबित होती है कि विपक्ष के रूप में कांग्रेस भी सिर्फ उन मुद्दों पर आगे आती है जो उनकी राजनीती को सूट  करता है,,,एक तरफ राहुल गांधी युवाओं की बात करते नहीं थकते तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी का कोई भी बड़ा नेता युवाओं के साथ सड़क पर खड़ा नहीं दिखाई दिया,, गढ़वाल से लोकसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने जरूर दिल्ली एयरपोर्ट से एक सन्देश युवाओं को दिया जिसमे साफ़ उनकी तरफ से कहा गया की वो निजी तौर पर युवाओं के साथ कंधे से कन्धा मिलकर खड़े हैं ,, देहरादून वापिस पहुँचते ही तमाम प्रदेश के युवा मुझे परेड गरिउण्ड में अपने बीच पाएंगे

कुछ और भी सवाल हैं जो इस परीक्षा के बाद सामने आये हैं ,,,,कुछ परीक्षा देने वाले छात्रों ने कई शंशय इस परीक्षा पर जताये हैं,,,इन युवाओं की कुछ और शंकाएं हैं जो इस परीक्षा ही नहीं इस पुरे सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा कर रही हैं,,,

अब इस पुरे घटनाक्रम के बाद बेरोजगार संघ के आह्वाहन पर देहरादून की सड़कों पर एक बार फिर सरकार और आयोग के खिलाफ युवाओं की भारी भीड़ जमा है ,,,,पुलिस ने इस पुरे इलाके में धारा 163 लागू की,,,लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में युवा यहां पहुंचे,,,हालत बिगड़े नहीं इसके लिए कई जगहों से आ रहे युवाओं को रास्ते  में भी रोका गया,,,,बावजूद इसके युवाओं की भारी भीड़ देहरादून में जमा हो गयी,,,हालाँकि पिछली बार से सबक लेते हुए पुलिस इस बार काफी सतर्क दिखाई दे रही है ,,,संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल के साथ पेपर लीक से गुस्साए प्रदेश भर के युवा देहरादून के परेड मैदान में डटे हुए हैं। बेरोजगार संघ ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच करने की मांग रखी है।उनकी साथ ही मांग है कि 21 सितंबर को होने वाली परीक्षा को स्थगित किया जाए।पूर्व में  इसके लिए मुख्यमंत्री से लेकर आयोग के अध्यक्ष से भी संघ के पदाधिकारियों ने मुलाकात की थी। लेकिन युवाओं की इस बात को पूरी तरह से अनदेखा किया गया।सिर्फ देहरादून ही नहीं कुमाऊं के हल्द्वानी में भी युवा इसके खिलाफ एकत्र हुए,,,,

 
 
 

बेरोजगार युवा परेड ग्राउंड में सोमवार सुबह से अभी तक डटे हुए हैं,,, सड़क पर ही रात गुजार रहे हैं ,,वहीँ चूल्हा जला खाना भी खा रहे हैं ,, मतलब एक बार फिरसे युवाओं ने खूँटा गाड़ दिया है अपनी मांगों को लेकर ,,,वैसे इसे इस प्रदेश का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि प्रदेश का भविष्य सड़कों पर सोने को मजबूर हो गया है,,, जब प्रदेश के लोग अपने घरों में चैन की नींद सोये हुए हैं ,,ये युवा उन्हीं के बच्चों के भविष्य के लिए  सड़कों पर ,सर के नीचे ईंट पत्थर को तकिया बना खुले में सोये हुए हैं , इन युवाओं के जज्बे को सलाम जरूर किया जाना चाहिए ,,, 
ऐसे में हमारी भी प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील है की वो निष्पक्ष रूप से प्रदेश के भविष्यकर्ता  युवाओं के दोषियों को ऐसी सजा दिलवाएं की अगली बार कोई माफिआ कैसा भी हो ,,,वो हिम्म्मत न कर सके प्रदेश के भविष्य से खिलवाड़ करने की ,, 

इस मुद्दे पर तेज़ तर्रार पत्रकार और प्रदेश गठन कीलड़ाइ में शामिल रहे आंदोलनकारी गजेंद्र रावत की कलम भी गरज़ पड़ी है ,, गजेंद्र तीखा व्यंग करते हुए लिखते हैं कि पेपर लीक नहीं हुआ… बस एक सेंटर से तीन पेज टहलने निकल गए ठीक वैसे ही जैसे नैनीताल में जिला पंचायत सदस्य किडनैप नहीं हुए… वो तो बस घूमने-फिरने गए थे ,,,दरअसल असल में समस्या पेपर या नेताओं की नहीं है, समस्या जनता की याददाश्त की है…क्योंकि इस प्रदेश में हर बार नई पैकिंग में वही पुराना सामान बिक ही जाता है,और खरीदार भी जनता ही होती है,,,, उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों से हजारों लोगों ने सिर्फ इसलिए पलायन किया कि उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले और उनका बच्चा भी कॉम्पिटेटिव एक्जाम में बैठने लायक बन जाए । अपना पेट काटकर बच्चों को प्ले ग्रुप से लेकर 12वीं तक पढाने के बाद अपना तन मन धन झोंककर बच्चों को कोचिंग दिलवाई उन्हें परीक्षा में पास करने लायक भी बनाया  की वो इस लायक बन सके की  प्रतियोगी परीक्षा पास कर सके ,,,  लेकिन हाकम सिंह जैसे अपराधियों ने योग्य बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए 12 से 15 लाख रुपए में पेपर खरीदने वालों को नौकरियां बेचने का काम कर दिया ,, वो भी फिर से,,,
यह सिर्फ किसी बच्चे के सपने खत्म होने का मसला नहीं है बल्कि सरहद पर बैठे उस फौजी के साथ भी बहुत बड़ी धोखाधड़ी है जिसने अपने बच्चों को इस आस के साथ पढ़ने के लिए शहरों में भेजा है कि कल के दिन उसका बच्चा किसी लायक बन जाएगा,,,,,18 से 20 साल तक किसी परिवार की मेहनत, उसके बच्चे की लगन, उसका पैसा सब कुछ हाकम सिंह जैसों के सामने सरेआम बिकने लग जाए तो ऐसे हाकम सिंह को जेल से बाहर ही क्यों आने दिया जाए , ,जिस   देहरादून की गलियों में कभी जाकर देखिए किस प्रकार गरीब के बच्चे परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं.कभी उन लाइब्रेरी में जाकर देखिए जहाँ एक वक्त का खाना खाकर बहुत सारे बच्चे इस आस में पढ़ने के लिए बैठे होते हैं कि इस बार तो पेपर पास हो ही जाएगा. ऐसे प्रतिभावान बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करना किसी भी बड़े अपराद से कम नहीं हो सकता ,,,,
उत्तराखंड के 70 विधायक और आठ सांसदों से यह पूछा जाना चाहिए कि तुम अपने बच्चों को क्यों बेहतरीन स्कूलों में पढ़ा रहे हो?इसलिए ना कि कल के दिन तुम्हारे बच्चे किसी लायक बन जाए अगर तुम्हारे बच्चों के भविष्य के साथ हाकम सिंह जैसे अपराधी आज सरेआम इतने बड़े अपराध को अंजाम दे रहे हैं तो तुम्हारा विधायक और सांसद होना क्या मायने रखता है?
यह सवाल उन अधिकारियों कर्मचारी और समाज के हर उस व्यक्ति से भी है कि जो अपने बच्चों को अच्छा भविष्य दिलाना चाहते हैं
गजेंद्र लिखते हैं कि   आखिरकार इतना बड़ा भारी भरकम नकल विरोधी कानून आने के बावजूद हाकम सिंह जैसी ताकत जिंदा क्यों है?

अंत में एक बात तो साफ़ है कि  सरकार को सख्ती और बरतनी होंगी ,युवाओं की आवाज़ को गंभीरता से सुन्ना होगा ,,और नक़ल माफिआ हाकम सिंह ,झूठा रॉब ग़ालिब कर लोगों के पैसे ऐंठने वाले हिमांशु चमोली ,सत्ता की लालसा में अपनी बेटी का सौदा करने वाली अनामिका शर्मा और चन्दन मनराल जैसे प्रदेश पर लगे धब्बों को पूरी ताकत से न केवल मिटाना होगा ,, बल्कि इंच बराबर भी ऐसे ककरोज़ फिर से न पनप पाएं उसके लिए मजबूत तरीके से पुलिसिया पेस्ट कण्ट्रोल करना होगा ,,,धामी जी आपको अपने नेताओं अधिकारिओं में से उनकी पहचान भी करनी होगी जो ऐसे गंदे कृत्य में शामिल हैं ,, उनको भी सलाखों के पीछे पहुंचाने की जिम्मेदारी आपकी ही है

रिकॉर्ड 25 हजार युवाओं को पारदर्शिता से मिली सरकारी नौकरी, नकल माफिया जाएगा जेल-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में बोर्ड परीक्षाओं में शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के 75 मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया.

 

समारोह के दौरान संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में जहां एक ओर, 226 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है, वहीं सभी 13 जनपदों के 1300 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं। साथ ही, दूरस्थ क्षेत्रों तक बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 5-पीएम ई-विद्या चैनल भी संचालित किए जा रहे हैं।

धामी ने कहा कि राज्य के सभी राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा एक से 12 तक के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा उत्तराखंड के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छठवीं से 12वीं कक्षा तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को, मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से प्रत्येक माह छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है, राज्य के बच्चों के व्यक्तित्व विकास के उद्देश्य से प्रत्येक विकासखंड के 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भी भेजा जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा, संघ लोक सेवा आयोग, एनडीए, सीडीएस आदि की लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।

 

एक शिकायत के आधार पर अराजकता का प्रयास –

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए उत्तराखंड में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। उनकी माने तो चार वर्षों में राज्य के 25 हजार से अधिक युवाओं का चयन सरकारी नौकरी में हुआ है,जबकि राज्य बनने के शुरुआती 21 साल में कुल 16 हजार नियुक्तियां ही हुई थी।

सख्त नकल विरोधी कानून के लागू होने के बाद से अब तक 100 से अधिक नकल माफियाओं को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया जा चुका है। धामी ने कहा कि कुछ लोगों को पारदर्शिता के साथ युवाओं का सरकारी नौकरियों में जाना रास नहीं आ रहा है। इसलिए कुछ लोग युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलने के लिए संगठित रूप से पेपर लीक का षड्यंत्र रच रहे हैं। हाल ही में राज्य में पेपर लीक कराने का असफल प्रयास किया गया, सिर्फ एक जगह की शिकायत के आधार पर अराजकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के मामलों के लिए पहले से ही सख्त कानून बना है, जिससे इस प्रकरण में सख्ती से कार्यवाही की जाएगी।

 

एक – एक नकल माफिया को करेंगे गिरफ्तार-

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल में सामने आई परीक्षा गड़बड़ी की जांच के लिए एक एसआईटी गठन का निर्णय लिया है। एसआईटी जांच के आधार पर इस मामले में निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। सरकार राज्य में एक-एक नकल माफिया को चुन-चुन कर गिरफ्तार कर, सजा दिलवाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शपथ लेने के बाद ही संकल्प लिया था कि रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरा जाएगा। इसके बाद रिकॉर्ड भर्तियां हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई जांच के जरिए भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि सरकार का उद्देश्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ भर्ती करना है। सरकार भर्ती में देरी के कारण किसी भी युवा के साथ अन्याय नहीं होने देगी।

कार्यक्रम में सम्मलित उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि इस साल बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास होने वाले छात्र- छात्राओं की संख्या 18 प्रतिशत बढ़ी है। अब अंक सुधार परीक्षा भी हो रही है, इससे छात्र- छात्राओं पर परीक्षा को लेकर रहने वाला दवाब कम हुआ है।

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