जनपद में रात 10 से सुबह 4 बजे तक वाहनों के आवागमन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। आगामी मानसून सीजन में चारधाम यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। इसी के साथ गंगोत्री हाईवे पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र सोनगाड में अस्थायी पुलिस चौकी खोली गई है, जहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि चारधाम यात्रा के सुरक्षित संचालन के लिए पूर्व में जारी विशेष कार्य योजना में आंशिक संशोधन किया गया है। नई एसओपी में रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक यातायात प्रतिबंधित रहेगा।
इस अवधि में ऐसे यात्री वाहन जिनकी होटल बुकिंग होगी, उन्हीं को बैरियरों से आगे होटल तक भेजा जाएगा। जबकि रात 10 बजे बाद किसी वाहन को आगे नहीं भेजा जाएगा। सुबह 4 बजे के बाद ही यातायात पुन: संचालित किया जाएगा। बताया कि पूर्व में जारी एसओपी के अन्य बिंदू यथावत रहेंगे। एसपी ने बताया कि दुर्घटना संभावित क्षेत्र सोनगाड में अस्थाई चौकी भी स्थापित कर दी गई है।
कांग्रेस ने बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। लखपत बुटोला को पार्टी ने बदरीनाथ सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। जबकि काजी निजामुद्दीन को मंगलौर सीट पर उतारा है।
वहीं भाजपा ने भी बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा पहले कर दी है। बदरीनाथ से पार्टी ने पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी को प्रत्याशी बनाया है। भंडारी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने विधानसभा सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था।
जबकि भाजपा ने मंगलौर विधानसभा सीट से करतार सिंह भड़ाना को प्रत्याशी बनाया है। भड़ाना हरियाणा और उत्तर प्रदेश में विधायक रह चुके हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। उसी दौरान यह माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें मंगलौर विस सीट से उम्मीदवार बना सकती है।
दूसरी तरफ मंगलौर सीट से बसपा ने की ओर से दिवंगत विधायक सरवत करीम अंसारी के पुत्र उबेदुर्रहमान को मैदान में उतारा है।
प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच शुक्रवार को बिजली की मांग और बढ़ गई। वहीं, हरिद्वार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती से लोग बेहाल रहे। हालांकि यूपीसीएल का दावा है कि मांग के सापेक्ष पूरी उपलब्धता होने के चलते कहीं भी घोषित कटौती नहीं की जा रही है।
राज्य में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग रिकॉर्ड 6.2 करोड़ से भी ऊपर पहुंच गई। यूपीसीएल प्रबंधन के मुताबिक, इसके सापेक्ष पांच करोड़ यूनिट बिजली उपलब्ध है। बाकी 1.2 करोड़ यूनिट बिजली बाजार से खरीदी जा रही है। वहीं, बिजली की भारी मांग, विद्युत लाइनों के ओवरलोड के बीच प्रदेशभर में कई जगहों पर कटौती से लोग बेहाल रहे।
हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर के ग्रामीण इलाकों में भी कटौती से लोग परेशान रहे। हालांकि यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमआर आर्य का कहना है कि फिलहाल मांग के सापेक्ष बिजली की उपलब्धता पूरी है। लिहाजा, कहीं भी घोषित विद्युत कटौती नहीं की जा रही है।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में आज शनिवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। दिल्ली नोएडा के यात्रियों को टेंपो ट्रैवलर अलकनंदा नदी में जा गिरा। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 13 घायल है। छह गंभीर घायलों को पांच हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स लाया गया है, जहां एक घायल ने दम तोड़ दिया। जबकि सात अस्पताल में भर्ती है।
दिल्ली नोएडा से 26 यात्रियों को लेकर रात को वाहन निकला था। जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग शहर से पांच किलोमीटर आगे बदरीनाथ हाईवे पर रैतोली के पास एक टेंपो ट्रैवलर पैरापिट को तोड़ते हुए अलकनंदा नदी में गिर गया। हादसे का कारण ड्राइवर को नींद की झपकी आना बताया जा रहा है।
सूचना पर पुलिस प्रशासन जिला आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ समेत अन्य टीम मौके पर रेस्क्यू के लिए पहुंची। वाहन के नदी में गिरने पर यहां रेलवे लाइन पर काम कर रहे तीन लोग भी यात्रियों को बचाने के लिए कूदे, जिनमें से एक की मौत हो गई।
सीएम धामी ने हादसे पर की संवेदना व्यक्त-
हादसे के खबर पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि टेंपो ट्रैवलर के दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत पीड़ादायक समाचार प्राप्त हुआ। स्थानीय प्रशासन व एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई है। घायलों को नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर उपचार के लिए भेज दिया गया है। जिलाधिकारी को घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगतों की आत्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। बाबा केदार से घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।
गृह मंत्री अमित शाह ने जताया दुख-
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में हुई सड़क दुर्घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दुख जताया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट साझा कर कहा कि मेरी संवेदनाएं इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के साथ हैं। स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं और घायलों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। ईश्वर से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।
हरीश रावत ने जताया दुःख-
रुद्रप्रयाग घटना पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि मृतकों की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूं और जो घायल हैं उनके स्वास्थ्य के लिए कामना करता हूं। उनको बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए राज्य सरकार से याचना करता हूं। इस समय पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं। इस पर चिंता करने की आवश्यकता है।
गुरुवार को अल्मोड़ा के बिनसर अभयारण्य में भीषण आग से चार कर्मिकों की दर्दनाक मौत हुई है, जबकि चार लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। सभी घायलों को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहीं, घायलों की हालत गंभीर देखते हुए सीएम धामी ने उनको एम्स दिल्ली एयरलिफ्ट करने के निर्देश दिए थे।
सीएम के निर्देश के बाद शुक्रवार को वनाग्नि में झुलसे सभी वन कर्मियों को एयरलिफ्ट करके दिल्ली भेजा गया है। सबसे पहले गंभीर रूप से झुलसे कृष्ण कुमार (44) और पीआरडी जवान कुंदन सिंह को एयरलिफ्ट करके दिल्ली एम्स भेजा गया। इसके बाद कैलाश भट्ट और भगवत सिंह को भेजा गया। बता दें कि, कृष्ण कुमार फायर वाचर निवासी भेटुली अल्मोड़ा 82 प्रतिशत जले हैं। इनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। उधर कैलाश भट्ट उम्र (45) दैनिक श्रमिक निवासी घनेली अल्मोड़ा 42% प्रतिशत, कुंदन सिंह (42) पीआरडी जवान निवासी खाखरी 40% जबकि भगवत सिंह (36) चालक निवासी भेटुली आयरपानी 50% प्रतिशत जले हैं।
बता दें कि, अल्मोड़ा बिनसर अभयारण्य वनाग्नि में झुलसे हुए वन कर्मियों को शुक्रवार को एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स भेजा गया है। इस दौरान हल्द्वानी के सिटी मजिस्ट्रेट एबी वाजपेयी और एसडीएम रुद्रपुर मनीष बिष्ट मौजूद रहे।
सीटी मजिस्ट्रेट एबी बाजपेई ने बताया की गुरुवार हादसे में चार वन कर्मियों की मौत हो गई थी जबकि चार वनकर्मी आग की चपेट में आने से झुलस गए थे। सरकार के निर्णय के बाद झुलसे हुए चारों वनकर्मियों को एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स भेजा जा रहा है।
वहीं, उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जंगल की आग की चपेट में आकर चार वन कर्मियों की माैत के मामले में सीएम धामी ने सख्त रुख अपनाया है। कुमाऊं के तीन अधिकारियों पर गाज गिरी है। चीफ कंजरवेटर नॉर्थ और डीएफओ अल्मोड़ा को निलंबित कर दिया है। वहीं, सीसीएफ कुमाऊं को अटैच किया है। सीएम धामी के निर्देश के बाद अब विभाग इनपर कार्रवाई करने जा रहा है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) संसदीय दल ने नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना। भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने लोकसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और भाजपा के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। इसके बाद वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह, नितिन गडकरी और राजद के साथी तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, जदयू के नीतीश कुमार, शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत अन्य नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
इस दौरान कार्यवाहक पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि जो साथ विजय होकर आए हैं, वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। जिन लाखों कार्यकर्ताओं ने दिन-रात परिश्रम किया है, उन लोगों ने न दिन देखा, न रात देखी। इतनी भयंकर गर्मी में हर दल के कार्यकर्ता ने जो पुरुषार्थ, परिश्रम किया है, मैं आज संविधान सदन से उन्हें सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं। साथियों मेरा बहुत सौभाग्य है कि एनडीए के नेता के रूप में आप सब साथियों ने सर्वसम्मति से चुनकर मुझे नया दायित्व दिया है। इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।
सांसदों-सहयोगियों के लिए कहा, जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है-PM
उन्होंने कहा, ”व्यक्तिगत जीवन में मुझे जवाबदारी का एहसास करता हूं। 2019 में जब आप सभी ने मुझे नेता के रूप में चुना था, तब मैंने एक बात पर बल दिया था- विश्वास। आज जब आप मुझे फिर से एक बार ये दायित्व दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि हमारे बीच विश्वास का सेतु बहुत मजबूत है। अटूट रिश्ता विश्वास के मजबूत धरातल पर है। ये पल भावुक करने वाला भी है। आप सबके प्रति जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है।”
एनडीए के लिए कहा- महान लोकतंत्र की ताकत देखिए- PM
पीएम मोदी ने कहा, ”बहुत कम लोग इन बातों की चर्चा करते हैं, उन्हें शायद सूट नहीं करता होगा। इतने महान लोकतंत्र की ताकत देखिए। एनडीए को आज देश के 22 राज्यों में लोगों ने सरकार बनवाकर सेवा का मौका दिया है। हमारा गठबंधन सच्चे अर्थ में भारत की असली आत्मा, भारत की जड़ों में जो रचा-बसा है, उसका प्रतिबिंब है। हमारे देश में 10 ऐसे राज्य हैं, जहां आदिवासी बंधुओं की संख्या प्रभावी रूप से है, निर्णायक रूप से है। जहां आदिवासियों की आबादी ज्यादा है, ऐसे 10 राज्यों में से सात में एनडीए सेवा कर रहा है। हम सर्वधर्म समभाव वाले संविधान को समर्पित हैं। गोवा हो, पूर्वोत्तर हो, जहां बहुत बड़ी मात्रा में ईसाई भाई-बहन रहते हैं, उन राज्यों में भी एनडीए के रूप में हमें सेवा का अवसर मिला है।”
‘देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी’- PM
पीएम मोदी ने कहा, ”हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास में और गठबंधन की राजनीति के इतिहास में चुनाव पूर्व गठबंधन इतना कभी मजबूत नहीं हुआ, जितना एनडीए हुआ है। यह गठबंधन की जीत है। हमने बहुमत हासिल किया है। मैं कई बार कह चुका हूं। सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लोकतंत्र का वही एक सिद्धांत है। देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है। मैं आज देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जिस तरह बहुमत देकर सरकार चलाने का सौभाग्य दिया है, हम सभी का दायित्व है कि सर्वमत का सम्मान कर देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। एनडीए को करीब-करीब तीन दशक हो चुके हैं। आजादी के 75 साल में तीन दशक एनडीए का होना सामान्य घटना नहीं है। विविधता के बीच तीन दशक की यह यात्रा बहुत बड़ी मजबूती का संदेश देती है। आज गर्व के साथ कहता हूं कि एक समय संगठन के कार्यकर्ता के रूप में मैं इस गठबंधन का हिस्सा था और आज सदन में बैठकर आपके साथ काम करते-करते मेरा भी नाता इससे तीस सालों का हो गया है। मैं कह सकता हूं कि यह सबसे सफल गठबंधन है। पांच साल का कार्यकाल होता है, लेकिन इस गठबंधन ने तीस साल में से पांच-पांच साल के तीन कार्यकाल पूरे किए हैं और गठबंधन चौथे कार्यकाल में प्रवेश कर रहा है।”
उत्तरकाशी-टिहरी जनपद की सीमा पर करीब 14500 फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल ट्रैक पर गए 22 सदस्यीय दल में से नौ ट्रैकर्स की मौत हो गई। दस ट्रैकर्स को सुरक्षित वापस लाया जा चुका है। वर्ष 2022 में हुए निम के द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन हादसे के बाद यह दूसरा बड़ा हादसा है।
चार अक्तूबर 2022 को निम के इतिहास में वह तारीख है जिसने निम प्रबंधन को कभी न भूलने वाला गम दिया। हादसे में निम के 34 प्रशिक्षुओं का दल द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आ गया था जिसमें कुल 27 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं दो लोग अब भी लापता चल रहे हैं।
इनमें उत्तराखंड से नौसेना में नाविक विनय पंवार व हिमाचल निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक वशिष्ट शामिल थे। हालांकि उस दौरान निम के साथ एसडीआरएफ की टीम ने दोनों लापता लोगों की खोजबीन के लिए माइनस 25 डिग्री तापमान में भी विशेष अभियान चलाया।
अब एक और हादसे के खबर उत्तरकाशी-टिहरी जनपद की सीमा पर करीब 14500 फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल ट्रैक से आई।
कल मंगलवार को चार ट्रैकर की ठंड लगने से मौत हो गई। वहीं आज पांच ट्रैकर्स की और मौत हो गई। दस ट्रैकर्स को सुरक्षित लाया जा चुका है। मौसम खराब होने के कारण ट्रैकर्स रास्ता भटक गए थे। जिले की ट्रैकिंग एजेंसियों के माध्यम से जिला आपदा प्रबंधन को इसकी सूचना मिली। जिससे विभाग ने रेस्क्यू के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।
29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। दो जून को यह दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा।
तीन जून को वह सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए। वहां अचानक मौसम खराब होने, घने कोहरे और बर्फबारी के बीच ट्रैकर फंस गतए। पूरी रात उन्हें ठंड में बितानी पड़ी। ट्रैकर्स में से किसी ने इसकी सूचना दल को ले जाने वाली गढ़वाल माउंटनेरिंग एवं ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक को दी। बताया कि ठंड लगने से चार ट्रैकर की मौत हो गई है जबकि सात की तबीयत खराब है और 11 वहां फंसे हुए हैं।
उत्तराखंड प्रदेश में जुलाई के माह में बिजली का बिल महंगा आएगा। फ्यूल और पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) के तहत उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं से 14 करोड़ 21 लाख रुपये वसूली की अनुमति दे दी है।
दरअसल, केंद्र के नियमों के तहत अब यूपीसीएल निर्धारित मूल्य के सापेक्ष जिस दर पर बिजली खरीदता है, उसकी वसूली उपभोक्ताओं से की जाती है। यूपीसीएल ने नियामक आयोग में एक याचिका दायर की थी, जिसमें बताया गया था कि दिसंबर, जनवरी और फरवरी की तिमाही में यूपीसीएल ने जो बिजली खरीदी है, उसका 14 करोड़ 21 लाख रुपये बकाया है।
यूपीसीएल ने आयोग से इस रकम की वसूली की मांग की थी। आयोग अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने एफपीपीसीए नियमों के तहत इस रकम को जुलाई माह के बिल में वसूली करने की अनुमति दे दी है। साथ ही ये भी निर्देश दिए कि इसका रिकॉर्ड अलग से मेंटेन रखा जाए। इस रकम के हिसाब से प्रति उपभोक्ता जुलाई के बिल में चार पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हो जाएगी।
बिजली की मांग ने तोड़े रिकॉर्ड, 6.2 करोड़ पहुंची-
प्रदेश में बिजली की मांग ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बृहस्पतिवार को मांग 6.2 करोड़ यूनिट पर पहुंच गई। यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने बताया, इतनी मांग के सापेक्ष पूरी उपलब्धता है। कहीं भी बिजली की किल्लत की वजह से कटौती नहीं की जा रही है। बताया, चारधाम यात्रा के मद्देनजर सुचारू विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि प्रदेश हित में वे बिजली बचाएं।
हर नए महीने में कई वित्तीय नियमों में बदलाव किया जाता है। एक जून 2024 से भी नियमों में बदलाव हो होने वाला है। चिलचिलाती गर्मी के बीच जून महीने में रसोई गैस सिलेंडर, बैंकों की छुट्टियां, आधार कार्ड में अपडेट और ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े नियमों में परिवर्तन होने वाले हैं। इन बदलावों का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है। आइए जानते हैं 1 जून से कौन-कौन से नियम बदलने वाले हैं?
एलपीजी सिलेंडर समेत अन्य पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में हो सकता है बदलाव-
हर महीने की पहली तारीख को रसोई गैस सिलेंडर समेत अन्य पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें नए सिरे से तय की जाती हैं। पेट्रोलियम कंपनियां इसका एलान महीने के आखिरी दिन मध्यरात्रि को करती हैं। ऐसे में उम्मीद है कि 1 जून 2024 को पेट्रोलियम कंपनियां एलपीजी समेत पेट्रोल डीजल की कीमतों में बदलाव कर सकती है। इससें पहले मई में, पेट्रोलियम कंपनियों ने वाणिज्यिक (कमर्शियल) सिलेंडरों की कीमतों में कटौती की थी। जून में भी सिलेंडर की कीमतों में परिवर्तन हो जाए तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। एक जून से लंबे समय से स्थिर रहे पेट्रोल डीजल की कीमतों में भी बदलाव दिख सकता है। हालांकि कीमतें बदलेंगी या नहीं इस पर स्थिति 31 मई 2024 की मध्य रात्रि तक ही साफ हो सकेंगी।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ का चक्कर लगाने से मिलेगी निजात-
1 जून से नए परिवहन नियम लागू हो रहे हैं। नए महीने से ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए आरटीओ में ही टेस्ट देना अनिवार्य नहीं रह जाएगा। ऐसे में ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट पास करने की प्रक्रिया अब आसान होने की उम्मीद है। एक जून से आप सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों में भी ड्राइविंग टेस्ट दे सकते हैं। इससे लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट देने के लिए आरटीओ का चक्कर लगाने से निजात मिल जाएगी।
ट्रैफिक नियम होंगे सख्त-
नए यातायात नियमों के तहत ट्रैफिक नियमों को और कड़ा किया जा रहा है। 18 साल से कम उम्र के लोगों पर ट्रैफिक नियम के उल्लंघन करने या उनके वाहन चलाने पर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर लाइसेंस रद्द तो किया ही जाएगा इसके साथ-साथ 25 साल तक नया लाइसेंस भी जारी नहीं किया जाएगा। अन्य यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।तेज़ गति से गाड़ी चलाने वाले पर 1000 रुपये से 2000 रुपये, बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 500 रुपये, हेलमेट न पहनने पर 100 रुपये और सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
14 जून तक मुफ्त में कर सकेंगे आधार अपडेट-
यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी यूआईडीएआई के अनुसार, अगर आपने 10 साल से अपना आधार कार्ड अपडेट नहीं किया है तो 14 जून तक आप ऐसा फ्री में कर सकते हैं। यूआईडीएआई पोर्टल पर 14 जून 2024 तक आधार कार्ड अपडेट करने की प्रक्रिया मुफ्त है। अगर आप 14 जून के बाद अपना आधार कार्ड अपडेट करवाते हैं तो आपको इसके लिए कुछ शुल्क चुकाना पड़ सकता है। आप अपने आधार कार्ड को घर बैठे या आधार कार्ड सेंटर पर जाकर भी अपडेट करवा सकते हैं। अगर आप आधार कार्ड केंद्र पर जाकर अपना आधार कार्ड अपडेट करवाते हैं तो आपको 50 रुपये शुल्क के तौर पर चुकाना होगा। वहीं, यूआईडीएआई पोर्टल पर जाकर खुद से आधार कार्ड अपडेट करने पर फिलहाल कोई शुल्क नहीं चुकाना पड़ता है।
जून महीने में 14 दिन बंद रहेंगे बैंक-
जून महीने में बकरीद, वट सावित्री व्रत समेत अलग-अलग पर्व त्योहारों के मौके पर सार्वजनिक और साप्ताहिक छुट्टियां के चलते कई दिन बैंक बंद रहने वाले हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, जून में कुल 12 दिन बैंक शाखाएं बंद रहेंगी। लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के मतदान के कारण जून महीने की पहली तारीख को भी कई राज्यों के कुछ क्षेत्रों में बैंक शाखाएं बंद रहेंगी। बैंक शाखाएं बंद रहने के दौरान आप बैंक जाकर कोई भी सेवा हासिल नहीं कर सकेंगे। ऐसे में आप अपने बैंकिंग से जुड़े कार्यों को बैंकों की छुट्टियों को देखते हुए प्लान करें यही बेहतर रहेगा।
पैन-आधार लिंक नहीं किया तो होगी ये परेशानी-
आयकर विभाग ने हाल में एक अधिसूचना में कर दाताओं को अपने स्थायी खाता संख्या (पैन) को 31 मई तक आधार के साथ जोड़ने के लिए कहा है ताकि उच्च दर पर कर कटौती से बचा जा सके।मौजूदा नियमों के अनुसार यदि करदाता का पैन उसके आधार से नहीं जुड़ा है, तो स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) को एक जून से सामान्य दर से दोगुनी दर से काटा जाना अनिवार्य कर दिया है।
फर्जी वेबसाइट पर पुलिस ने नकेल कसना शुरू किया तो साइबर ठगों ने नया पैंतरा अपना लिया है। ठग अब खुद को आईआरसीटीसी का अधिकारी बताकर लोगों को फंसाने में लगे हैं। इसके लिए पहले सच्ची बात बताई जा रही है ताकि लोगों को यकीन हो सके।
बताया जा रहा है कि चारधाम के लिए टिकटों की बुकिंग फुल हो चुकी है। लेकिन, अब कंपनी अपने कोटे के टिकटों को बेचकर यात्रा करा सकती है। इसके लिए ठगों ने सोशल मीडिया पर हेली बुकिंग के नाम से इश्तिहार प्रसारित किए हैं। ठगों के इस जाल से लोगों को बचाया जा सके इसके लिए अमर उजाला ने इस इश्तिहार के नंबर पर कॉल कर सारी स्थिति जानी। जो बात निकलकर सामने आई उससे यही लगा कि जरा सी सावधानी हटी तो ठगी का शिकार आसानी से बना जा सकता है।
हेली टिकट के लिए फेसबुक पर एक पेज मिला था। यहां पर हेलीकॉप्टर की फोटो के साथ डिस्प्ले पिक्चर में श्रीकेदारनाथ धाम का फोटो भी लगा था। नीचे एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ था। अमर उजाला की ओर से इस नंबर पर कॉल की गई तो दूसरी ओर से परिचय आईआरसीटीसी के अधिकारी के रूप में दिया गया। अमर उजाला के प्रतिनिधि को अब तक की सारी बातों का पता था। ऐसे में ठग को इन बातों की जानकारी दी गई। उसे यह समझते देर न लगी कि यह वह मछली नहीं है जो उनके जाल में फंस जाए। ऐसे में एकाएक उसने फोन काट दिया।
ज्यादातर प्रदेश के बाहर के लोग हो रहे शिकार
फर्जी रजिस्ट्रेशन हो या फिर हेली टिकट का फर्जीवाड़ा। सभी मामलों में ज्यादातर ठगी के शिकार प्रदेश के बाहर के ही लोग हो रहे हैं। इसका कारण है कि प्रचार-प्रसार में कमी। प्रदेश के बाहर के लोगों में अब भी केदारनाथ व अन्य धामों की व्यवस्था के बारे में कम ही जानकारी है। यही नहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो किसी तरह जुगाड़ करने के चक्कर में जाल में फंस रहे हैं।
बचाव के लिए क्या करें
-आईआरसीटीसी की अधिकारिक वेबसाइट पर सर्च करें।
-आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर कोई भी मोबाइल नंबर नहीं है।
-फर्जी वेबसाइट पर मोबाइल नंबर लिखे होते हैं जो कि ठगों के होते हैं।
-सोशल मीडिया फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम आदि पर कोई टिकट बुकिंग की व्यवस्था नहीं है।
-किसी भी नंबर के संदिग्ध होने पर तत्काल पुलिस को सूचित करें।
-साइबर वित्तीय हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
एसटीएफ और साइबर पुलिस लगातार फर्जी वेबसाइट की निगरानी कर रही है। अपने फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया हैंडल से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जो शिकायतें आ रही हैं उनकी भी जांच की जा रही है। इस साल अब तक 20 फर्जी वेबसाइट ब्लॉक की जा चुकी हैं। यदि कोई ठगी का शिकार होता है या आशंका है तो साइबर वित्तीय हेल्पलाइन पर मदद मांग सकता है। एसटीएफ की ओर से मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं। – आयुष अग्रवाल, एसएसपी, एसटीएफ