Author: Pravesh Rana

Lok Sabha 2024: तीसरे चरण में 93 सीटों पर 64.58 फीसदी तक हुआ मतदान, जानिए सबसे ज्यादा कहां और कितनी प्रतिशत हुई वोटिंग.

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लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में अब तक 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की 93 सीटों पर मंगलवार को औसतन 64.58 फीसदी मतदान हुआ है। असम में सबसे अधिक 81.71 फीसदी और उत्तर प्रदेश में सबसे कम 57.34 फीसदी मत पड़े हैं। पश्चिम बंगाल में भी मतदान शांतिपूर्ण रहा है। मतदान प्रतिशत में अभी बदलाव की उम्मीद है क्योंकि चुनाव आयोग की तरफ से अंतिम आंकड़े नहीं जारी किए गए हैं।तीसरे चरण में 280 सीटों पर मतदान के साथ ही लोकसभा की आधी से अधिक सीटों पर चुनाव पूरा हो गया।

ईवीएम से साफ़ होंगी दिग्गजों की तस्वीरें- 
इस चरण में गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों की किस्मत ईवीएम से साफ़ होंगी। अमित शाह गांधीनगर से चुनावी मैदान में हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना, मनसुख मांडविया पोरबंदर, पुरुषोत्तम रुपाला राजकोट, प्रहलाद जोशी धारवाड़ और एसपी सिंह बघेल आगरा से मैदान में हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज चौहान विदिशा, दिग्विजय सिंह राजगढ़, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले बारामती से प्रत्याशी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में किया मतदान-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में व गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को अहमदाबाद में वोट डाला। कर्नाटक में सबसे पहले वोट डालने वालों में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी व राज्य के मंत्री प्रियांक खरगे प्रमुख रहे। महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बारामती से एनडीए प्रत्याशी अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार के साथ मतदान किया। एनसीपी के दूसरे धड़े के अध्यक्ष शरद पवार ने भी बारामती के मालेगांव में वोट दिया। असम में सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने पत्नी रिनिकी भुइयां व बेटी सुकन्या के साथ बारपेटा सीट के अमीन गांव में वोट डाला।

बैतूल में मतदान दल को वापस ला रही बस आग में जलकर खाक-
तीसरे चरण का मतदान पूरा होने के बाद बैतूल में छह मतदान केंद्रों से मतदान सामग्री और कर्मचारियों को लेकर लौट रही बस में मंगलवार रात आग लग गई। आग में बस पूरी तरह खाक हो गई। हादसे में सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। मतदान सामग्री को आंशिक नुकसान होने की खबर है। हालांकि, अभी मतदान सामग्री को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। चुनाव कर्मचारियों और ईवीएम को लाने के लिए दूसरी बस मौके पर बुलवाई गई। हादसा साईंखेड़ा थानाक्षेत्र के बिसनूर और पौनी गौला गांवों के बीच हुआ। बस का ड्राइवर जलती बस से कूद गया था, जबकि कर्मचारियों ने मुश्किल से जान बचाई। सूचना मिलते ही बैतूल से अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंची। बैतूल, मुलताई और आठनेर से फायर ब्रिगेड बुलाकर आग पर काबू किया गया।

 

UKSSSC: समूह-ग की 9 भर्तियों का कैलेंडर हुआ जारी, मई से अगस्त के बीच में होंगी परीक्षाएं, यहां पढ़ें पूरी डिटेल।

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने समूह-ग की नौ भर्तियों का कैलेंडर जारी कर दिया है। इस साल मई से अगस्त के बीच में ये भर्ती परीक्षाएं कराई जाएंगी। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत की ओर से जारी कैलेंडर में बताया गया है कि वन विभाग स्केलर भर्ती के लिए शारीरिक नाप जोख परीक्षा 15 मई को होगी।

हवलदार प्रशिक्षक की शारीरिक नाप जोख परीक्षा एक जून को, आबकारी सिपाही, परिवहन आरक्षी, उप आबकारी निरीक्षक, हॉस्टल मैनेजर ग्रेड-3, गृह माता भर्ती की परीक्षा नौ जून को, अनुदेशक विद्युतकार, फिटर व अन्य की परीक्षा 26 से 29 जून को, सहायक अध्यापक एलटी भर्ती परीक्षा 30 जून को, वाहन चालक भर्ती परीक्षा सात जुलाई को, सहायक भंडारी भर्ती परीक्षा 14 जुलाई को, स्केलर भर्ती की परीक्षा चार अगस्त को और हवलदार प्रशिक्षक भर्ती की परीक्षा 11 अगस्त को होगी।

 

Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड में धधक रहे हैं जंगल, कुमाऊं में 24 घंटे में 14 जगह आग का तांडव, प्रदेश में 24 घंटे में 40 नई घटनाएं।

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 उत्तराखंड में गर्मी से राहत मिली है, लेकिन जंगलों के धधकने का सिलसिला थम  नहीं रहा है। बुधवार को 24 घंटे के भीतर प्रदेश में आग की 40 नई घटनाएं हुईं, जिनमें कुल 46 हेक्टेयर वन क्षेत्र को क्षति पहुंची है। वन विभाग की ओर से जंगल में आग लगाने वालों की गिरफ्तारी और मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई भी जारी है।

अब तक जंगल में आग लगाने पर वन अपराध के तहत कुल 315 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और 52 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, फायर सीजन में अब तक कुल 761 घटनाओं में 949 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। उत्तराखंड में जंगलों के झुलसने का सिलसिला जारी है। वन विभाग सेना के सहयोग से लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है।

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग आदि में जंगल धधक रहे-

टिहरी बांध प्रथम वन प्रभाग, नैनीताल वन प्रभाग, भूमि संरक्षण रानीखेत वन प्रभाग, अल्मोड़ा वन प्रभाग, सिविल सोयम अल्मोड़ा वन प्रभाग, तराई पूर्वी वन प्रभाग, रामनगर वन प्रभाग, मसूरी वन प्रभाग, लैंसडौन भूमि संरक्षण वन प्रभाग, सिविल सोयम पौड़ी वन प्रभाग, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग आदि में जंगल धधक रहे हैं। अब तक दो फायर वाचर समेत चार लोग आग से झुलस चुके हैं।

52 व्यक्तियों को जंगल में आग लगाने पर गिरफ्तार किया-

अब तक इस सीजन में जंगल में आग लगाने पर वन संरक्षण अधिनियम और वन अपराध के तहत 315 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं। जिनमें 267 मुकदमे अज्ञात और 48 मुकदमे ज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध कराए गए हैं। साथ ही अब तक कुल 52 व्यक्तियों को जंगल में आग लगाने पर गिरफ्तार किया जा चुका है। वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही जंगल की आग की सूचना देने के लिए नंबर भी जारी किए गए हैं।

इन नंबरों पर करें शिकायत-

18001804141, 01352744558 पर काल कर कोई भी विभाग को जंगल की आग की सूचना दे सकता है। साथ ही 9389337488 व 7668304788 पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी सूचित कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य आपदा कंट्रोल रूम देहरादून को भी 9557444486 और हेल्पलाइन 112 पर भी आग की घटना के बारे में जानकारी दी जा सकती है।

जंगलों की आग पर मानव अधिकार आयोग हुआ सख्त-

उत्तराखंड के जंगलों में लगातार आग लगने का मामला उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग देहरादून पहुंच चुका है। आयोग ने जंगलों में लग रही आग पर सख्त रूप अपनाते हुए वन अग्निकांड पर प्रमुख सचिव वन और प्रमुख मुख्य वन संरक्षक से छह बिंदुओं पर आख्या मांगी है।

उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग ने ग्रीष्म ऋतु में लगने वाले इस अग्निकांड को वन संपदा, पर्यावरण, वन्य जीवों और मानव जीवन के लिए घातक बताया है और प्रथम दृष्टतया वृहद रूप से मानवाधिकारों को विपरीत रूप से प्रभावित करने वाला बताया है।

इस ज्वलंत समस्या पर मानव अधिकार आयोग सदस्य पूर्व जज गिरधर सिंह धर्मशक्तू के समक्ष आयोग ने स्वतः इसका संज्ञान लेकर एक आदेश जारी करते हुए वन अग्निकांड पर प्रमुख सचिव वन एवं प्रमुख मुख्य वन संरक्षक उत्तराखंड को छह बिंदुओं पर आख्या मांगी है।

 

दक्षिण भारत कई इलाकों में गहराया जल संकट, जलाशयों का स्तर घटकर सिर्फ 17 प्रतिशत बचा. जानिए कौन हैं वो राज्य।

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गर्मियां शुरू होने के साथ ही देश में जल संकट गहराना शुरू हो गया है। दक्षिण भारत में स्थिति ज्यादा खराब है। दक्षिण भारत के राज्य गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं और स्थिति ये है कि जल भंडारण जलाशयों की क्षमता घटकर केवल 17 प्रतिशत रह गई है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने यह जानकारी मिली।

दक्षिणी राज्यों में जलसंकट की स्थिति गंभीर
दक्षिण भारत के राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु आते हैं। सीडब्ल्यूसी द्वारा भारत के विभिन्न क्षेत्रों के जलाशयों के भंडारण स्तर के संबंध में बृहस्पतिवार को जारी बुलेटिन में बताया गया कि दक्षिणी क्षेत्र में आयोग की निगरानी के तहत 42 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 53.334 बीसीएम (अरब घन मीटर) है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इन जलाशयों में मौजूदा कुल भंडारण 8.865 बीसीएम है, जो उनकी कुल क्षमता का केवल 17 प्रतिशत ही है।

यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान भंडारण स्तर (29 प्रतिशत) और इसी अवधि के दस साल के औसत (23 प्रतिशत) की तुलना में काफी कम है। दक्षिणी क्षेत्र के जलाशयों में भंडारण का कम स्तर इन राज्यों में पानी की बढ़ती कमी और सिंचाई, पेयजल और पनबिजली के लिए संभावित चुनौतियों का संकेत है।

पूर्वी क्षेत्र में हालात थोड़े सुधरे
पूर्वी क्षेत्र, जिसमें असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य आते हैं, में पिछले साल और दस साल के औसत की तुलना में जल भंडारण स्तर में सकारात्मक सुधार दर्ज किया गया है। आयोग ने कहा कि इस क्षेत्र में, 20.430 बीसीएम की कुल भंडारण क्षमता वाले 23 निगरानी जलाशयों में अभी 7.889 बीसीएम पानी है, जो उनकी कुल क्षमता का 39 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि (34 प्रतिशत) और दस साल के औसत (34 प्रतिशत) की तुलना में सुधार का संकेत है।
पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं और वहां भंडारण स्तर 11.771 बीसीएम है जो 49 निगरानी जलाशयों की कुल क्षमता का 31.7 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष के भंडारण स्तर (38 प्रतिशत) और दस साल के औसत (32.1 प्रतिशत) की तुलना में कम है। इसी तरह, उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में भी जल भंडारण स्तर में गिरावट देखी गई है।

Electricity: उत्तराखंड के 27 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को लगा बड़ा झटका, महंगी होगी बिजली।

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उत्तराखंड में बिजली इस सप्ताह से महंगी हो सकती है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग नई विद्युत दरें जारी करने जा रहा, जो एक अप्रैल से लागू मानी जाएंगी। आचार संहिता के बीच चुनाव आयोग ने नियामक आयोग को इसकी अनुमति दे दी है।

27 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के लिए ये दरें जारी होंगी। दरअसल, यूपीसीएल को राज्य की मांग पूरी करने के लिए बिजली खरीद पर 1281 करोड़ ज्यादा देने पड़ रहे हैं। इसकी भरपाई के लिए एक अप्रैल से शुरू हुए वित्तीय वर्ष में यूपीसीएल ने बिजली दरों में 23 से 27 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की थी।

इस बढ़ोतरी को लेकर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर नियामक आयोग ने प्रदेशभर में जनसुनवाई की। इसके अलावा सभी हितधारकों से भी बातचीत करके सुझाव लिए। यह दरें एक अप्रैल से लागू की जानी थीं, लेकिन इससे पहले ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।

19 अप्रैल को राज्य में लोस चुनाव संपन्न होने के बाद नियामक आयोग ने चुनाव आयोग से नई विद्युत दरें जारी करने को लेकर निर्देश मांगे थे। नियामक आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया, चुनाव आयोग ने अनुमति दे दी है। अब वह तैयारी कर रहे हैं। इस सप्ताह के अंत तक नई दरों की घोषणा की जा सकती है, जो एक अप्रैल से लागू मानी जाएंगी।

Uttarakhand: धधकते जंगलों की आग बुझाने इस साल नहीं आएंगे हेलिकॉप्टर, न ही कोई प्रस्ताव और न ही विभाग को जरूरत।

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उत्तराखंड में जंगल इस साल पूरी गर्मी धधकते रहेंगे, लेकिन आग बुझाने के लिए हेलिकॉप्टर नहीं आएंगे। मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा बताते हैं कि जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए हेलिकॉप्टरों से मदद लिए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है, विभाग को इसकी जरूरत नहीं है।

प्रदेश के जंगलों में आग के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। गर्मी तेज होते ही जगह-जगह से आग के प्रकरण सामने आ रहे हैं। बुधवार को गढ़वाल और कुमाऊं में 31 जगह जंगलों में आग लगी। हालांकि बृहस्पतिवार को वनाग्नि के प्रकरणों में राहत है। गढ़वाल, कुमाऊं और वन्यजीव क्षेत्र में पिछले 24 घंटे में वनाग्नि के 9 प्रकरण सामने आए हैं, जिससे 10 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा बताते हैं कि जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही क्रू टीम मौके पर जाकर आग बुझा रही है। विभाग के पास फायर वाचर हैं, कुछ नए कर्मचारी भी मिले हैं। राज्य वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन कक्ष को जहां कहीं से भी जंगल में आग लगने की सूचना मिलती है, प्रयास किया जाता है कि जल्द से जल्द टीम मौके पर पहुंचे। कुछ जगह जंगलों के नजदीक खेतों में खरपतवार जलाने से जंगलों में आग फैलने की शिकायत मिली है, इसके लिए ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है।

 

2020-21 में वनाग्नि बुझाने के लिए लगाए थे हेलीकॉप्टर-
दुनियाभर में जंगलों में आग लगने पर हेलीकॉप्टरों की मदद ली जाती है। इसमें लचीली बाल्टी या बेली टैंक होता है। हर बार आग पर उड़ान भरने पर ये हेलीकॉप्टर चार हजार लीटर तक पानी गिराते हैं। देश में जंगलों की आग बुझाने में वायुसेना के एमआई 17-वी 5 हेलीकॉप्टर काफी उपयोगी रहे हैं। वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि उत्तराखंड में वर्ष 2020-21 में हेलीकॉप्टर से जंगलों की आग बुझाने के प्रयास किए गए थे, लेकिन पहाड़ में इस तरह के प्रयास सफल नहीं रहे।

उत्तराखंड में तीन दिन में जंगलों में 56 जगह लगी आग-
उत्तराखंड में पिछले तीन दिन में 56 स्थानों पर जंगल में आग लगने के मामले सामने आए हैं। जिससे 73 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इसे मिलाकर अब तक वनाग्नि की 131 घटनाओं में 188 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र प्रभावित हो चुका है। बृहस्पतिवार को नैनीताल वन प्रभाग के आरक्षित क्षेत्र में दो, तराई पूर्वी वन प्रभाग में पांच, लैंसडाउन वन प्रभाग में एक और राजाजी टाइगर रिजर्व आरक्षित क्षेत्र में वनाग्नि का एक मामला सामने आया है।

Election: चुनाव प्रचार को धार देने पहुंचे राजनाथ सिंह, जानिये गौचर में जनसभा के दौरान क्या बोले रक्षा मंत्री।

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PM Modi- ये मोदी की मजबूत सरकार है ये आतंकियों को घर में घुस कर मारती है, पीएम ने कांग्रेस पर भी साधा निशाना।

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पीएम नरेंद्र मोदी ने ऋषिकेश में आयोजित जनसभा में कहा कि जब-जब देश में कमजोर और अस्थिर सरकारें रहीं, तब-तब दुश्मनों ने फायदा उठाया। आतंकवाद ने पैर पसारे। आज भारत में मोदी की मजबूत सरकार है, इसलिए आतंकवादियों को घर में घुस कर मारा जाता है। उन्होंने ऐलान किया कि अगले पांच साल तक लोगों को इलाज और राशन मुफ्त मिलता रहेगा। चुनाव में भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पर उन्होंने जमकर निशाने साधे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों में सब कुछ लुट जाता था। लेकिन मोदी ने यह लूट बंद कर दी है। इसलिए उनका गुस्सा सातवें आसमान पर है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ब्रह्म कमल की भूमि है।

ऋषिकेश में हुई पीएम की रैली में गढ़वाल की तीन सीटों हरिद्वार, टिहरी और गढ़वाल लोस सीट की 24 विधानसभा क्षेत्रों से पार्टी कार्यकर्ता पहुंचे थे। प्रधानमंत्री के मंच पर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें पहाड़ी वाद्य यंत्र हुडका उपहार स्वरूप दिया। पीएम ने अपने भाषण की शुरुआत हुड़का से की। कहा, उत्तराखंड देवभूमि है और देवभूमि में देवताओं का आह्वान करने की परंपरा है। हुड़का की थाप से देवताओं का आह्वान किया जाता है। मुझे देवता रूपी जनता जनार्दन का आह्वान करने के लिए हुड़का बजाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

कांग्रेस सरकार होती तो वन रैंक वन पेंशन कभी भी लागू नहीं होता-
मोदी कांग्रेस पर जमकर बरसे। कहा, कांग्रेस की सरकार होती तो वन रैंक वन पेंशन कभी भी लागू नहीं होता। मोदी यह गांरटी दी थी, इसे पूरा किया। कांग्रेस कहती थी कि ओआरपी लागू करक पूर्व सैनिकों को 500 करोड़ रुपये देंगे। हमने पूर्व सैनिकों के बैंक खातों में एक लाख करोड़ रुपये ज्यादा पहुंचा दिए। उत्तराखंड में पूर्व सैनिक परिवारों को 3500 करोड़ रुपये से ज्यादा मिले। कांग्रेस के समय तो जवानों के पास बुलेट प्रूफ जैकेट तक की कमी थी। दुश्मन की गोली से बचाने का पुख्ता इंतजाम नहीं था।

कांग्रेस विकास और विरासत दोनों की है विरोधी-
उन्होंने कांग्रेस को विकास और विरासत विरोधी करार दिया। कहा, कांग्रेस ने राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए। यह कांग्रेस ही है जिसने पहले राम मंदिर का विरोध किया। जितने अड़ंगे डाल सकते थे डाले। अदालतों में रुकावट डालने की कोशिश की। लेकिन राम मंदिर बनाने वालों ने कांग्रेस के सारे गुनाह माफ करके उनके घर जा कर निमंत्रण दिया। इनका दिमाग कैसा है, पता नहीं। राम के प्राण प्रतिष्ठा का अवसर था, उन्होंने उसका भी बहिष्कार किया।

कांग्रेस कहती है भ्रष्टाचारियों को बचाओ-
मोदी ने कहा कि कांग्रेसी कुछ भी बोलते जा रहे हैं। जब मैं कहता हूं कि भ्रष्टाचार हटाओ तो वह कह रहे हैं भ्रष्टाचारी बचाओ। उन्होंने भीड़ से प्रश्न किया कि भ्रष्टाचार हमारे देश के लिए विनाशक है कि नहीं है? भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए कि नहीं?
 धामी सरकार अच्छा काम कर रही है-

पीएम ने कहा कि अब आपको राशन और दवा की चिंता करने की जरूरत नहीं रही। आने वाले पांच साल तक मुफ्त राशन और अस्पताल में मुफ्त इलाज मिलता रहेगा। धामी और उनकी सरकार इन सारी बातों के लिए बहुत मेहनत करके शानदार काम कर रही है।

पीएम मोदी का परिवारवाद पर निशाना-
पीएम ने कांग्रेस के परिवारवाद पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली का शाही परिवार फिर खुद का परिवार यही सब कुछ कांग्रेस की परंपरा में है। लेकिन मोदी के लिए तो मेरा भारत ही मेरा परिवार है।
उन्होंने कहा, विकसित भारत के संकल्प के लिए विकसित उत्तराखंड हमारी प्राथमिकता है। इस काम के लिए मेरा पल-पल आपके नाम है। मेरा पल-पल देश के नाम है। मेरी गारंटी है 24×7 और 2047 ये मोदी की आपको गारंटी है। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि पांचों सीटों पर पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दें। उन्हें पोलिंग बूथ को जीतना है।

 पर्यटन को दिया जा रहा बढ़ावा –

पर्यटन और चारधाम यात्रा का उत्तराखंड को विकसित करने में बड़ा योगदान है। इसलिए हम यहां रोडवेज, रेलवे, एयरवेज की लगातार सुविधा दे रहे हैं। यहां ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से काम हो रहा है। दिल्ली से देहरादून की दूरी सिमट रही है। उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव को कांग्रेस अंतिम गांव कहती थी, हमने उसे पहला गांव बनाकर विकास किया है। आदि कैलाश के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो गई है। चारधाम यात्रा को भी सुगम बनाने की ओर सरकार काम कर रही है। यह सब इसलिए हो रहा भाजपा की नियत सही है। जब नियत सही होती है तो नतीजे भी सही मिलते हैं। केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। बीते वर्ष 55 लाख तीर्थयात्री यहां पहुंचे। मानसखंड में आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा पर भी यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। पर्यटन बढ़ने का मतलब है रोजगार का बढ़ना। उत्तराखंड में हो रहे विकास में अब पलायन की जड़ों को बीते दिनों बात बताया गया है। उत्तराखंड के नौजवानों ने स्टार्टअप शुरू किए। यहां बेटियां आगे बढ़ रही हैं।

 

PM Modi In Rishikesh: राम मंदिर से लेकर गंगा के अस्तित्व पर सवाल उठा रही कांग्रेस, जानिये क्या कुछ कहा पीएम मोदी ने, पढ़ें भाषण की बड़ी बातें।

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लोकसभा चुनाव प्रचार के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड पहुंचे। इस दाैरान उन्होंने ऋषिकेश में जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी की जनसभा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इस दाैरान मोदी-मोदी के नारे लगते रहे। यहां पीएम मोदी ने जहां एक तरफ सरकार के काम गिनाए, वहीं, कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। साथ ही कहा कि अगर विकसित भारत बनाना है तो कमल खिलाना होगा। वहीं, पीएम ने जनसभा में आए कार्यकर्ताओं से सवाल किया कि मेरा एक पर्सनल काम है, आप करोगे? उन्होंने कहा कि राम नवमी आने वाली है। गांव-गांव जाकर मेरी तरफ से देवता के आगे माथा टेक कर प्रणाम करना है। हर घर जाकर बड़े बुजुर्गों को कहना मोदी जी ऋषिकेश आए थे, उन्होंने आपको राम-राम भेजा है।

पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें…

  • पीएम ने कहा कि कांग्रेस विकास और विरासत की विरोधी है।
  • कांग्रेस ने राम मंदिर का निमंत्रण अस्वीकार किया। अब ये लोग गंगा के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं।
  • तब सीमा पर विकास नहीं हो रहा था, आज सीमाओं पर सड़कें चकाचक बनी हैं
  • ‘मोदी कह रहा भ्रष्टाचार हटाओ, कांग्रेस कह रही भ्रष्टचारी बचाओ’: पीएम मोदी
  • तब सेना के पास अच्छे बूट तक नहीं होते थे, अब हम दुश्मनों को घर में घुसकर जवाब दे रहे।
  • पीएम ने कहा कि मोदी सरकार ना होती तो वन रैंक वन पेंशन कभी लागू ना होता।
  • भाजपा की नीयत सही है। जब नीयत सही होती है तो नतीजे भी सही मिलते हैं।
  • उत्तराखंड में हो रहे विकास में अब पलायन की जड़ें बीते दिनों की बात हो गई है।
  • हमनें देश में लूट को बंद किया। इसलिए उनका गुस्सा सातवें आसमान पर है।
  • पीएम ने कहा कि लोग कुछ भी कहें, मेरा भारत ही मेरा परिवार है।

 

 

Lok Sabha Chunav: उत्तराखंड में इन तीन सीटों पर खिसक सकती है भाजपा की जमीन, जानिए कौन सी है वो 3 सीटें !

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उत्तराखंड में लोकसभा चुनावों का शंखनाद हो चुका है लेकिन इस बार पिछले 2019 की तरह कोई ख़ास तरह का रुझान नहीं देखने को मिल रहा है,,जिससे अंदाजा लगाया जा सके कि किस सीट पर किसका पलड़ा भारी है लेकिन 3 सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है।