Author: Pravesh Rana

Arvind Kejriwal Arrest: आज कोर्ट में होगी अरविन्द केजरीवाल की पेशी।

7,897 Minutes Read -

Arvind Kejriwal Arrested in Liquor Policy Case-  ईडी की टीम ने गुरुवार शाम को छापेमारी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक की मांग को लेकर लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची है। इस मामले में आज सुनवाई हो सकती है।

हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक से इनकार के बाद गुरुवार देर शाम ईडी की टीम ने अरविंद केजरीवाल के घर पर पहुंची। करीब 2 घंटे की छापेमारी और पूछताछ के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री को जांच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया। उधर शराब घोटाले के मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक की मांग को लेकर लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची है। इस मामले में आज सुनवाई हो सकती है। वहीं, ईडी अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को कोर्ट में पेश करके पूछताछ के लिए हिरासत की मांग करेगी।

ED Arrest kejriwal: सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच करेगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना, एमएम सुंदरेश और बेला त्रिवेदी की विशेष पीठ आज ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी।

ED Arrest kejriwal: पुलिस ने आतिशी और अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया

आईटीओ पर प्रदर्शन कर रहे आप कार्यकर्ताओं और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी व सौरभ भारद्वाज को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस दौरान आईटीओ पर यातायात खुलवाया जा रहा है।

ED Arrest kejriwal: हिरासत में लिए जा रहे AAP कार्यकर्ता-

दिल्ली पुलिस ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना शुरू कर दिया है। मालूम हो कि आप कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय से आइटीओ के लिए मार्च कर रहे हैं। आप कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर आइटीओ चौक जाम कर दिया है।

Arvind Kejriwal Arrest: आईटीओ पर दिल्ली पुलिस की चेतावनी- सभी लोग यहां से चले जाएं-

आईटीओ पर दिल्ली पुलिस ने चेतावनी दी है कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों को यहां से चले जाने की अपील की है। पुलिस ने कहा कि नहीं तो हमें बल प्रयोग करना पड़ेगा। दिल्ली पुलिस के अधिकारी बार-बार यह कह रहे हैं कि यहां पर धारा 144 लागू है इसलिए तुरंत यहां से चल जाएं, यहां पर लोगों के इकट्ठा होने पर मनाही है।

Liquor Scam: शराब घोटाले में कैसे शुरू हुई जांच और कितने लोग हुए अब तक गिरफ्तार? जानिये क्या है पूरा मामला।

243 Minutes Read -

Haryana: कौन हैं हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सैनी? जो है मनोहर लाल खट्टर के बेहद करीबी; पढ़ें राजनीतिक सफर.

401 Minutes Read -

नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए सीएम होंगे। नायब सैनी 25 जनवरी 1970 को अंबाला के गांव मिर्जापुर माजरा में सैनी परिवार में जन्मे थे। वे बीए और एलएलबी हैं। सैनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं। सैनी ओबीसी समुदाय से आते हैं। उन्हें संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है।

वे साल 2002 में युवा मोर्चा बीजेपी अंबाला से जिला महामंत्री बने। इसके बाद साल 2005 में युवा मोर्चा भाजपा अंबाला में जिला अध्यक्ष रहे। सैनी 2009 में किसान मोर्चा भाजपा हरियाणा के प्रदेश महामंत्री भी रहे। 2012 में वे अंबाला भाजपा के जिला अध्यक्ष बने। आरएसएस के समय से सैनी को मनोहर लाल का करीबी माना जाता है। सूत्र बताते हैं कि सीएम ने ही उन्हें कुरुक्षेत्र से टिकट देने की पैरवी की थी।

2014 में सैनी ने नारायणगढ़ विधानसभा से चुनाव जीता। साल 2016 में वे हरियाणा सरकार में मंत्री पद पर रहे। पिछले लोकसभा चुनाव में वे कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए। कुछ समय पहले ही उन्हें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी।

Uttarakhand: मानक से ज्यादा बिजली खर्च की तो आपके घर की कट जाएगी बिजली, खत्म होगी अब ये समस्या.

147 Minutes Read -
बिजली की भारी मांग के बीच कटौती से पूरे मोहल्ले को जूझने का समय खत्म होने वाला है। अब आपकी बिजली कटौती आपके हाथ में होगी। मानक से ज्यादा बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं से यूपीसीएल मुख्यालय से ही सीधे कटौती होगी। इसके लिए मई माह से बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने शुरू होंगे।

स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग योजना के तहत प्रदेश के 15 लाख 87 हजार 870 बिजली उपभोक्ताओं के घरों पर प्रीपेड मीटर लगेंगे। गढ़वाल मंडल में देहरादून और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी में मई महीने से इसकी शुरुआत होगी। इसका कंट्रोल रूम यूपीसीएल मुख्यालय में बनेगा। हर बिजली मीटर की अलग से मॉनिटरिंग हो सकेगी।

पहले यूपीसीएल चेतावनी संदेश भेजेगा-


मीटर लगने के बाद इसमें रिचार्ज किया जाएगा, जिसमें से मोबाइल की तर्ज पर बिजली खपत के हिसाब से कटौती होती रहेगी। खास बात ये भी है कि हर महीने का बिजली बिल का हिसाब होगा। बिलों की अवधि या शुल्क संबंधी सभी विवाद खत्म हो जाएंगे। उपभोक्ताओं को प्रतिभूति राशि भी नहीं देनी होगी।जो प्रतिभूति राशि पहले से जमा है, वह लौटा दी जाएगी। रिचार्ज खत्म होने के बाद एक अवधि तक बिजली आपूर्ति होगी और इसके बाद स्वत: कट जाएगी। बिजली कनेक्शन जोड़ने, काटने, मीटर रीडिंग लेने, बिल पहुंचाने, बिल भुगतान देरी पर जुर्माने की सभी परंपराएं भी इसके साथ ही खत्म हो जाएंगी।

आने वाले समय में सभी उपभोक्ताओं को एक साथ बिजली कटौती से नहीं जूझना होगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बिजली विभाग को पता चल जाएगा कि कौन उपभोक्ता निर्धारित से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में उसी उपभोक्ता विशेष को पहले यूपीसीएल चेतावनी संदेश भेजेगा, इसके बाद बिजली कटौती शुरू कर देगा।

मोहल्लों के ट्रांसफार्मर ही बताएंगे कहां हो रही चोरी-

स्मार्ट प्रीपेड मीटर से ये पता चल जाएगा कि किस मोहल्ले में आवंटित भार से अधिक बिजली की खपत हो रही है। बिजली चोरी का भी पता चल जाएगा, जिसके आधार पर तत्काल यूपीसीएल के अफसर कार्रवाई कर सकेंगे।
किस वृत्त में कितने प्रीपेड मीटर लगेंगे-
देहरादून शहर-2,10,327, देहरादून ग्रामीण-2,78,545, रुड़की-2,04,102, हरिद्वार-1,98,745, हल्द्वानी-1,82,317, रुद्रपुर-2,39,894, काशीपुर-1,45,641, रानीखेत-28,113, पिथौरागढ़-29,870, कर्णप्रयाग-5,453, श्रीनगर-31,054, टिहरी-33,809

स्मार्ट प्रीपेड मीटर का काम मई से शुरू होगा। मीटर लगने के बाद बिजली बिल भुगतान संबंधी कई प्रक्रियाओं में बदलाव आ जाएगा। कंट्रोल रूम से पूरी आपूर्ति पर बारीकी से नजर रखी जा सकेगी और कार्रवाई हो सकेगी।

Lok Sabha Election: जल्द उत्तराखंड दौरे पर आ सकते हैं नड्डा, 2 सीटों पर इस दिन उम्मीदवार घोषित करेगी भाजपा।

186 Minutes Read -
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 10 मार्च के बाद उत्तराखंड का राजनीतिक दौरा कर सकते हैं। उनके नौ या 10 मार्च तक आने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन उनकी राजनीतिक व्यस्तता के चलते समय तय नहीं हो पाया है।
माना जा रहा कि केंद्रीय चुनाव समिति 10 मार्च तक लोस चुनाव के प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया में व्यस्त रहेगी, इसलिए नड्डा प्रत्याशियों की सूची फाइनल करने के बाद उत्तराखंड आएंगे। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी चाहती है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लोस चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले एक दौरा कर लें।

प्रदेश में पार्टी ने नड्डा के तीन कार्यक्रम तय किए हैं। पहला कार्यक्रम हल्द्वानी में होना है, जहां बूथ स्तर तक के पदाधिकारियों का सम्मेलन होगा। इसके बाद दूसरा कार्यक्रम हरिद्वार में होगा, जहां चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक रखी गई है। तीसरा कार्यक्रम देहरादून में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के तौर पर होगा।

10 मार्च तक उम्मीदवार घोषित होने की संभावना-

पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, भाजपा हरिद्वार और गढ़वाल लोस सीट पर 10 मार्च तक उम्मीदवार घोषित कर सकती है। इस बीच केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश नेतृत्व से फीड बैक लिया है। साथ ही एक एजेंसी भी दावेदारों का दमखम टटोल रही है।

गढ़वाल और हरिद्वार लोकसभा सीट पर अभी पेच फंसा-

गढ़वाल और हरिद्वार लोकसभा सीट पर अभी पेच फंसा है। इन दोनों सीटों पर उम्मीदवार बदले जा सकते हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने टिहरी लोस सीट पर राजशाही परिवार पर भरोसा जताते हुए माला राज्य लक्ष्मी शाह पर फिर से भरोसा जताया है। हालांकि, प्रत्याशियों की घोषणा से पहले तक माला राज्य लक्ष्मी शाह के टिकट को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं।

इस सीट पर कई दावेदारों के नाम भी सामने आ रहे थे, लेकिन अंततः माला राज्य लक्ष्मी को पार्टी ने लगातार तीसरे चुनाव अपना उम्मीदवार बनाया है। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट पर पार्टी ने अजय टम्टा पर फिर से विश्वास जताया है। इस सीट को लेकर अटकलों का बाजार खासा गर्म था

Lok Sabha Chunav 2024: उत्तराखंड में गठबंधन के बीच हरिद्वार लोस सीट पर सपा की निगाहें, जानिए कैसा है वोटों का गणित।

333 Minutes Read -

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के बीच अब समाजवादी पार्टी उत्तराखंड की टीम को हरिद्वार सीट पर टिकट का इंतजार है। इस सीट पर लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी एक बार जीत दर्ज कर चुका है। वहीं, एक बार विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशी ने यहां जीत दर्ज की थी। आलाकमान ने अभी 10 मार्च तक का समय दिया है।

वोटों के गणित के हिसाब से समाजवादी पार्टी अपने लिए हरिद्वार सीट को मुफीद मानती है। 1996 के विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी अमरीश कुमार और 2004 लोकसभा चुनाव में उनके प्रत्याशी राजेंद्र कुमार के चुनाव जीतने के बाद से हर चुनाव में सपा इस सीट पर अपनी जीत की जुगत भिड़ाती आई है। इस बार भी राज्य के सपा नेताओं की निगाहें इस सीट पर हैं, जिसकी तैयारी भी अंदरखाने चल रही है।

हरिद्वार सीट पर ही दावा पेश किया-

इस बीच यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन हो गया है। ऐसे में मुश्किल ये है कि कांग्रेस के हाथों से उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों में से कोई सपा के हाथ आएगी या नहीं, इस पर पार्टी आलाकमान को निर्णय लेना है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष शंभूनाथ पोखरियाल का कहना है कि आलाकमान ने अभी 10 मार्च तक इंतजार करने को कहा है।

इसके बाद तय होगा कि उनका प्रत्याशी उत्तराखंड के चुनावी मैदान में दम दिखाएगा या नहीं। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. सत्यनारायण सचान का कहना है कि अभी आलाकमान को इस पर निर्णय लेना है। बताया, राज्य की ओर से हरिद्वार सीट पर ही दावा पेश किया गया है।

सीट न मिली तो कांग्रेस को समर्थन-

यूपी के गठबंधन के हिसाब से देखें तो अगर सपा को उत्तराखंड में कोई सीट नहीं मिली तो पार्टी पांचों सीटों पर कांग्रेस को समर्थन दे सकती है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को इस पर निर्णय लेना है।

चुनाव आयोग: सरकार ने बदला नियम, अब 80 के बजाय 85 वर्ष से अधिक आयु वालों को घर से ही मतदान करने की मिलेगी सुविधा।

151 Minutes Read -

लोकसभा चुनाव में इस बार 80 के बजाए 85 से अधिक आयु वाले मतदाताओं को घर से वोट डालने की सुविधा मिली है। चुनाव आयोग ने नियम में बदलाव कर दिया है। अब निर्वाचन कार्यालय की ओर से 85 से अधिक आयु वर्ग के मतदाताओं का चिन्हीकरण किया जा रहा है।

इसी हिसाब से उन्हें घर से वोट की सुविधा दी जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया, प्रदेश में 80 से अधिक आयु वर्ग के एक लाख 54 हजार 259 मतदाता हैं। इनमें से उन्हीं मतदाताओं को घर से वोट डालने की सुविधा मिलेगी, जिनकी आयु 85 वर्ष से अधिक है। ऐसे मतदाताओं को निर्वाचन कार्यालय तक अपना अनुरोध भेजना पड़ता है।

ऐसे वोटरों को बीएलओ से 12-डी फार्म भरना होता है। अनुमति मिलने पर मतदानकर्मी उनके घर जाकर मतदान कराते हैं। मतदान दल में करीब सात लोग होते हैं, जिसमें एक सेक्टर अधिकारी, दो मतदान अधिकारी, एक माइक्रो ऑब्जर्वर, एक पुलिसकर्मी, एक वाहन चालक शामिल है। खास बात ये है कि घर से होने वाले मतदान की जानकारी संबंधित क्षेत्र के राजनीतिक दलों को भी दी जाती है, ताकि मतदान प्रक्रिया को देख सकें।

मतदाता और मतदेय स्थल बढ़े

प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मुकाबले लोकसभा चुनाव के मतदेय स्थल बढ़ गए हैं। 2022 के विस चुनाव में प्रदेश में कुल 11,697 मतदेय स्थल थे, जिनकी संख्या लोकसभा चुनाव में बढ़कर 11,729 हो गई है। इसी प्रकार, विस चुनाव में प्रदेश में 81 लाख 72 हजार 173 मतदाता थे, जिनकी संख्या लोकसभा चुनाव में अब तक 82 लाख 43 हजार 423 पर पहुंच चुकी है।

 

हल्द्वानी के इन 5 जगहों पर जल संकट, हालात नहीं सुधरे तो मचेगी तबाही,  1500 परिवार पेयजल को तरसे।

250 Minutes Read -

हल्द्वानी में गर्मी शुरू होने से पहले ही जगह-जगह पानी और बिजली की किल्लत शुरू हो गई है। बिजली-पानी नहीं आने से न केवल लोगों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं बल्कि लोगों को जरूरी कामकाज छोड़कर आधा दिन पानी की व्यवस्था करने में ही बिताना पड़ रहा है। जीजीआईसी का नलकूप पंप संचालन रुकने से सोमवार को 1500 परिवारों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ा। वहीं फॉरेस्ट चौकी के नलकूप की मरम्मत का काम भी बीते पांच दिनों से जारी है।

पानी की किल्लत झेल रहे फॉरेस्ट चौकी दमुवाढूंगा, लोहरिया मल्ला, बजुनिया हल्दु, साईं मंदिर हिम्मतपुर मल्ला और जीजीआईसी क्षेत्र के निवासियों को जल संस्थान की ओर से नौ टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति कराई गई। इधर जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है नलकूप की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। जल्द प्रभावित क्षेत्रों में आपूर्ति सुचारु कर दी जाएगी।

ऊंचापुल और पंचायतघर में गुल रही बिजली-

ऊंचापुल में नहर कवरिंग कार्य के चलते सोमवार को सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक पांच हजार की आबादी को बिजली के लिए परेशान रहना पड़ा। दूसरी ओर ट्रांसपोर्ट नगर से लगे बेलबाबा फिटर से भी सोमवार को रामपुर रोड और पंचायत घर क्षेत्र में सुबह 11 से शाम पांच बजे तक लाइन शिफ्टिंग के कार्य के चलते बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। विद्युत वितरण खंड ग्रामीण के अधिशासी अभियंता डीडी पांगती ने बताया की विभिन्न क्षेत्रों में लाइन शिफ्टिंग और सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है जिसके चलते रोस्टर जारी कर सप्लाई को बंद किया गया था। उन्होंने बताया कि शाम के समय आपूर्ति को बहाल कर दिया गया।

Uttarakhand Education: उत्तराखंड में ऐसा विकास, पर्वतीय जिलों में स्थायी शिक्षकों के 10 हजार से अधिक पद खाली, शिक्षक नहीं चढ़ रहे पहाड़।

290 Minutes Read -

उत्तराखंड  प्रदेश के भाग्य निर्माण की जिम्मेदारी सबसे अधिक इस प्रदेश की सरकार की होती है सरकार की नीति ही प्रदेश का भविष्य तय करती है लेकिन जब इस पहाडी प्रदेश की दो मूलभूत सुविधाएं ही यहां से गायब दिखाई दें तो फिर किस विकास की आशा हम रख सकते हैं. प्रदेश के पर्वतीय जिलों में स्थायी शिक्षकों के 10,946 पद खाली हैं। इसमें 6,632 पद माध्यमिक और 4,314 बेसिक शिक्षा के हैं। पारदर्शी तबादलों के लिए तबादला एक्ट बनने के बाद भी शिक्षकों के पहाड़ न चढ़ने और राज्य लोक सेवा एवं अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से भर्ती में देरी इसकी वजह बताई जा रही है।

विधानसभा में प्रश्नकाल में विधायक संजय डोभाल के प्रदेश के पर्वतीय जिलों में शिक्षकों की कमी के सवाल पर शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने बताया, पर्वतीय जिलों में प्रवक्ताओं के 4,253 और सहायक अध्यापक एलटी के 2,379 पद खाली हैं। इन खाली पदों के विपरीत प्रवक्ता पद पर 2,594 और सहायक अध्यापक एलटी के पद पर 1,123 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं।

45 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक ही नहीं- 


बेसिक शिक्षा में 516 प्राथमिक विद्यालयों और 45 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं। प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 3,253 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 500 पद खाली हैं। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा, जिलों में शिक्षकों की समय-समय पर सेवानिवृत्ति, पदोन्नति, तबादले आदि से शिक्षकों के खाली पदों की संख्या बदलती रहती है।

कहा, सभी खाली पदों पर शिक्षकों की उपलब्धता की आदर्श स्थिति कभी संभव नहीं है। खाली पदों को स्थानांतरण, समायोजन, पदोन्नति और सीधी भर्ती आदि के माध्यम से भरे जाने का यथासंभव लगातार प्रयास किया जाता रहा, ताकि छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो।

 

सीआरपी, बीआरपी भर्ती में एससी को मिलेगा 19 प्रतिशत आरक्षण-

विधानसभा में विधायक ममता राकेश की ओर से पूछे गए प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा, सीआरपी, बीआरपी के पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से तैनाती की जाएगी। अनुसूचित जाति के लिए 19, अनुसूचित जनजाति के लिए चार और अन्य पिछड़ा वर्ग में 14 प्रतिशत के आरक्षण की व्यवस्था है। मंत्री ने यह भी बताया कि इन पदों को भरने के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी का चयन कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के शासनादेश के अनुसार किया जाएगा।

डायटों के लिए अलग से होगी शिक्षकों की भर्ती-

प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की एक वजह राज्य के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में विद्यालयों से शिक्षकों को तैनात किया जाना है। शिक्षा मंत्री ने अमर उजाला से बातचीत में बताया, प्रदेश में जो डायट हैं, उनका अलग कैडर व नियमावली नहीं है। सरकार इसके लिए अलग कैडर व नियमावली बनाने जा रही है। वर्तमान में विद्यालयों से डायटों में शिक्षकों की तैनाती की जा रही, जिससे स्कूल खाली हो रहे हैं। इनके लिए कैडर व नियमावली बनने से इनमें अलग से नए शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, जबकि इनमें तैनात शिक्षक मूल तैनाती पर जाएंगे।

 

Uttarakhand News: राज्य में अस्पताल चलाना है तो आयुष्मान में इलाज करना होगा जरूरी… सरकार ने दी चेतावनी।

263 Minutes Read -

आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त इलाज कराने से बच रहे निजी अस्पतालों को लेकर सरकार सख्त है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में अस्पताल चलाना है तो आयुष्मान में इलाज करना होगा। अस्पताल प्रबंधकों के साथ बैठक हो चुकी है। जल्द ही विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे।

कांग्रेस विधायक ममता राकेश के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में चल रहे सभी छोटे-बड़े अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड धारकों को इलाज सुविधा देनी होगी।

कई बड़े अस्पताल कार्ड धारकों को इलाज की सुविधा नहीं दे रहे हैं। इस पर सरकार ने साफ निर्देश दिए कि राज्य में अस्पताल चलाना है तो आयुष्मान में इलाज करना होगा।

 

 

अब तक 4.87 लाख कर्मचारियों के कार्ड बन चुके हैं। इसमें 1.15 लाख कर्मचारियों ने विभिन्न बीमारियों का कैशलेस इलाज कराया। इस पर 349 करोड़ राशि खर्च हुई है। कर्मचारियों को ओपीडी में कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं है। इसका कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति की जाती है। भर्ती होने पर असीमित व्यय पर कैशलेस इलाज किया जा रहा है।