Author: Pravesh Rana

बिहार में तेज हुई सियासी हलचल, BJP के साथ सरकार बना सकते हैं नीतीश कुमार, सुशील मोदी बनेंगे डिप्टी CM?

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Bihar Politics: बिहार में इस वक्त सियासी भूकंप आया हुआ है। बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल (यूनाइटेड) के तनाव के बीच सूत्रों के हवाले से कई ख़बरें निकलकर सामने आ रही है. ख़बर ये निकलकर आ रही है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का भाजपा के साथ जाना लगभग पूरी तरह से तय माना जा रहा है. 

अगले 48 घंटे बिहार की राजनीति में काफी अहम माने जा रहे हैं।  सूत्रों के अनुसार, 28 जनवरी नीतीश का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी की माने तो नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे, जबकि उपमुख्यमंत्री बीजेपी से सुशील मोदी होंगे।

ये तो सूत्रों के हवाले से निकलकर सामने आया है. जैसे ही ख़बर मीडिया में आई, बयानबाजी का दौर शुरू हो गया. इस पूरे मसले पर नीतीश कुमार ने कोई बयान नहीं दिया लेकिन लेकिन सुशील मोदी, जिनके कहीं न कहीं फिर से डिप्टी सीएम बनने के योग हैं – उन्होंने कहा, कि  जो दरवाजे बंद हैं, वे खुल सकते हैं. राजनीति संभावनाओं का खेल है. इससे ज्यादा कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.दूसरी तरफ,पटना और दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। राजधानी पटना में भाजपा ने अपने सभी विधायकों को मौजूद रहने को कहा है।

कथित तौर पर नीतीश कुमार अपने दोनों सहयोगियों यानी लालू प्रसाद यादव की राजद और इंडिया ब्लॉक की कांग्रेस से नाराज़ हैं. कांग्रेस सीट शेयरिंग लगातार टाल रही थी. सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो पाए, इससे पहले ही भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू कर दी.

नीतीश कुमार INDIA ब्लॉक के पहले नेता नहीं हैं, जो सीट बंटवारे पर नाराज़ हैं. बल्कि हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने ये ऐलान किया  कि सीट बंटवारे से असंतुष्ट होकर वो राज्य में अकेले ही चुनाव लड़ेंगी.

लालू कैंप भी हुआ एक्टिव

सूत्रों के अनुसार, नीतीश बीजेपी के साथ जा सकते हैं, इसलिए अब लालू कैंप एक्टिव हो चुका है। नीतीश कुमार को हटाकर महागठबंधन के 114 विधायक हैं। बहुमत के लिए 122 विधायक चाहिए। एआईएमआईएम के इकलौते विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान, निर्दलीय विधायक सुमित सिंह (मंत्री) से संपर्क साधे जाने की संभावना है। साथ ही आरजेडी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के असंतुष्टों से भी संपर्क कर सकती है।

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे का विरोध प्रदर्शन , कहा- CM और उनके विधायक मुद्दे को हल करें.

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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। गुरुवार को मराठा आरक्षण की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे लोनावाला से हजारों समर्थकों के साथ मुंबई की ओर बढ़ गए हैं। मनोज जरांगे ने इस दौरान सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उनके विधायकों से एक साथ आने और मराठा आरक्षण के मुद्दे को हल करने की अपील की। 

हम अपनी मांग पर अभी भी कायम हैं- जरांगे
मनोज जरांगे ने कहा कि दो आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों ने पहले दिन में उनसे मुलाकात की, लेकिन उनके पास देने के लिए कुछ नया नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्हीं पुराने बिंदुओं पर विचार विमर्श कर रहे थे। गौरतलब है कि 20 जनवरी को हजारों समर्थकों के साथ जालना जिले से मुंबई की ओर निकले थे। उनकी मांग है कि राज्य की सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में ओबीसी समूह के तहत मराठों को कोटा दें।

बड़ा प्रतिनिधिमंडल ने जताई मुलाकात की इच्छा- जरांगे
जरांगे ने बताया कि उन्हें बताया गया कि एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल उनसे मुलाकात करने आएगा। जरांगे ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो वे बीच रास्ते में ही प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि हम यहां मौज मस्ती के लिए नहीं आए हैं। मराठा समुदाय की ओर से मैं अपील करता हूं कि सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार से चर्चा के लिए एक साथ आए और मुद्दे का समाधान करें। वहीं पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मुंबई के आजाद मैदान में मंच तैयार हो गया है। जहां हम अपनी मांगों को लेकर धरना देंगे।

 समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील- जरांगे 
इससे पहले लोनावाला में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए जरांगे ने शांत बनाए रखने और उत्तेजित न होने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि त्रपति संभाजीनगर संभागीय आयुक्त मधुकर अरदाद ने नेतृत्व वाली एक टीम सहित अधिकारियों की दो टीमों ने उनसे पहले मुलाकात की थी, लेकिन उनके पास कोई नया प्रस्ताव नहीं था।

  Lok Sabha Chunav: ममता बनर्जी ने दिया INDIA गठबंधन को बड़ा झटका, बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी तृणमूल।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी पार्टियों से मिलकर बने इंडिया गठबंधन को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका दिया है। उन्होंने एलान किया है कि आम चुनाव में सीट साझा करने पर उनका किसी से संपर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी अकेले उतरेगी। इसे राज्य में कांग्रेस और लेफ्ट के टीएमसी के साथ लाने की कोशिशों को बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या बोलीं ममता बनर्जी? 

ममता ने कहा कि इंडिया गठबंधन ने मेरा कोई भी प्रस्ताव नहीं माना है। ऐसे में हमारी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि बंगाल में किसी भी पार्टी में तालमेल नहीं है। इतना ही नहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए भी उन्हें अब तक न्योता नहीं भेजा गया है।

ममता ने कहा कि हम सेक्युलर पार्टी हैं और भाजपा को हराने के लिए हमें जो करना होगा हम करेंगे। हम इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, इसके बावजूद भारत जोड़ो यात्रा निकालने को लेकर हमसे बात नहीं की गई। बंगाल से जुड़े किसी भी मामले में हमारा उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ है। 
ममता ने एक दिन पहले ही कांग्रेस को दी थी नसीहत-

 
गौरतलब है कि बंगाल सीएम ने एक दिन पहले ही कांग्रेस को नसीहत दी थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस लोकसभा की 300 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन उसे कुछ क्षेत्रों को पूरी तरह क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ देना चाहिए। पर कांग्रेस अपनी मनमानी पर अड़ी है। उन्होंने कहा कि कोई भी भाजपा का उतना सीधा मुकाबला नहीं करता, जितना वह करती हैं। उन्होंने साफ कहा था कि अगर इंडिया गठबंधन की पार्टियां उनका साथ नहीं देतीं तो टीएमसी सभी 42 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। 

गठबंधन पर माकपा का कब्जा मंजूर नहीं

ममता ने कहा कि गठबंधन की बैठक में वह जब भी शामिल होती हैं तो पाती हैं माकपा विपक्षी एजेंडे को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है। यह मुझे स्वीकार नहीं है। मैं उनसे सहमत नहीं हो सकती जिनसे मैंने 34 साल तक संघर्ष किया।

पहली बार यहां हुई श्री राम और रावण की एक साथ पूजा, लंकापति के मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा.

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अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो सोमवार को ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख स्थित शिव मंदिर में वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की गई। रावण की जन्मस्थली कहे जाने वाले बिसरख के प्राचीन शिव मंदिर में पहली बार भगवान श्री राम परिवार के साथ विराजमान हो गए।

अब तक इस शिव मंदिर में शिवलिंग ही था और इसे लोग रावण मंदिर के नाम से जानते थे। इस दौरान गांव का माहौल पूरी तय राममय था और बच्चों, महिलाओं व लोगों की जुबान पर राम नाम रहा। वहीं, कुछ साल पहले ही शिव मंदिर के पास ही रावण मंदिर का भी निर्माण कराया गया है। जिसमें रावण की प्रतिमा स्थापना की गई है।

मंदिर परिसर में सुबह से ही जय श्रीराम के जयकारों की गूंज के बीच भक्तों ने राममूर्ति स्थापना से पहले गांव के सभी गलियारों से शोभायात्रा निकाली गई। डीजे बज रहे भजनों पर युवा और महिलाएं भी थिरकने से रोक न सकीं। बच्चों, महिलाओं व युवाओं ने हाथों में भगवा झंडा लिए जय श्री राम के जयघोष से वातावरण को राममय बना दिया।  

 

लोगों ने घरों के ऊपर से राम भक्तों की भीड़ पर फूल बरसाएं। अयोध्या में रामलला की मूर्ति की स्थापना के दौरान ही मंदिर परिसर में श्री राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्ति स्थापित की गई। राम परिवार की स्थापना के बाद प्रसाद का वितरित किया गया। इस अवसर पर आसपास की सोसायटियों से भी रामभक्त प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल हुए।

 

प्राचीन शिव मंदिर की दीवार पर बनी हैं रावण की प्रतिमा-

 

बिसरख गांव में प्राचीन शिव मंदिर की बाहरी दीवारों पर सीमेंट से रावण व उनके परिवार की बड़ी प्रतिमाएं भी बनी हैं। मंदिर के अंदर प्राचीन शिवलिंग हैं जो बाहर से ही दिखाई देता है। दूर से दूर से लोग आज भी इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।

शिव मंदिर में शिवलिंग का नहीं पाया कोई आकार, चंद्रा स्वामी ने कराई थी खुदाई-

 

ग्रामीण बताते हैं कि जब विश्रवा पंडित के द्वारा शिवलिंग स्थापित करने की बात राजनेता चंद्रा स्वामी के समक्ष आई तो वह पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ पहुंचे और शिवलिंग की खुदाई कराई। मगर करीब 100 फीट खुदाई करने के बाद भी कोई ओर-छोर नहीं मिला था। थक-हारकर खुदाई बंद कर गी गई थी।

 

यह है मान्यता…

बिसरख गांव के लोगों का मानना है कि रावण का नाता बिसरख गांव से माना जाता है। रावण के पिता ऋषि विश्रवा की बिसरख तपोस्थली हुआ करती थी। रावण के जन्म के लिए उन्होंने इसी जगह पर शिवलिंग की स्थापना कर पूजा-अर्चना की थी। रावण के जन्म के बाद वह भी यहां आकर पूजा-अर्चना करते थे।
इसलिए बोलचाल की भाषा में लोग अकसर इस मंदिर को रावण का मंदिर भी कह देते थे। मान्यता तो यह भी है कि बिसरख गांव का नाम भी रावण के पिता विश्रवा पंडित के नाम पर रखा गया था। जिस वजह से लंबे समय तक इस गांव में दशहरा नहीं मनाया गया। हालांकि ग्रामीणों ने कुछ साल पहले गांव में दशहरा मनाना भी शुरू कर दिया है।
शिव मंदिर में श्रीराम परिवार की स्थापना की गई है। इस मंदिर में जो शिवलिंग है उस पर रावण और उनसे पहले रावण के पिता विश्रवा पंडित ने भी पूजा-अर्चना की थी। -रामदाय महाराज, महंत शिवमंदिर बिसरख।

Ayodhya: सील हुई राम नगरी, बिना पास के नहीं मिलेगा प्रवेश, SPG ने कब्जे में लिया आयोजन स्थल.

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प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर रामनगरी सील हो चुकी है। सभी प्रवेश मार्गों पर सुरक्षा घेरा सख्त कर दिया गया है। यहां से बिना पास के किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। सुरक्षा एजेंसियों ने प्रधानमंत्री समेत अन्य अतिथियों के गुजरने वाले मार्ग पर बने मकानों का सत्यापन किया है। इनके छतों पर भी कार्यक्रम के दौरान सशस्त्र जवान मुस्तैद रहेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर रामनगरी का सुरक्षा घेरा सख्त किया गया है। शनिवार की रात से ही जिले समेत अयोध्या धाम की सीमाएं सील कर दी गई हैं। अयोध्या धाम को जाने वाले मार्गों उदया चौराहा, साकेत पेट्रोल पंप, रानोपाली, टेढ़ी बाजार, मोहबरा, बूथ नंबर चार, बालूघाट, नयाघाट, रेलवे स्टेशन आदि पर सुरक्षा व्यवस्था चुस्त रहेगी। यहां सिविल पुलिस के अलावा अर्ध सैनिक बलों के जवान भी तैनात किए गए हैं। किसी को भी यहां से वाहन लेकर अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।

कार्यक्रम स्थल पर सिर्फ अतिथि, व्यवस्था से जुड़े लोग व सुरक्षाकर्मी ही रहेंगे। उदया चौराहा से लेकर लता मंगेश्कर चौक तक दोनों पटरियों पर बैरिकेडिंग की गई है। दुकानों को बंद करने के निर्देश तो नहीं हैं, लेकिन दुकानों के सामने भी बैरिकेडिंग की गई है, जिससे आवागमन बाधित रहेगा। गलियों से प्रवेश करने के मार्ग भी बंद कर दिए गए हैं। प्रत्येक 100 मीटर की दूरी पर सशस्त्र जवान तैनात किए गए हैं। साकेत महाविद्यालय से लेकर सरयू तट तक सड़क के दोनों तरफ बने मकानों में रहने वालों का सत्यापन किया गया है। बिना प्रशासन के अनुमति के यहां किसी को भी पनाह न देने के निर्देश हैं। ड्रोन कैमरों व अन्य तकनीक से इन मकानों में ठहरने वालों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। 

एसपीजी ने कब्जे में लिया कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा-

 
प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व एसपीजी का एक और दल अयोध्या पहुंच गया है। अधिकारियों के साथ बैठक करके उन्होंने कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा व्यवस्था अपने कब्जे में ले ली है। पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में शामिल सभी सुरक्षा एजेंसियों के जवानों की ब्रीफिंग करके दिशा-निर्देश दिए गए हैं। वीआईपी के ठहरने वाले स्थानों व होटलों पर भी सुरक्षा घेरा सख्त किया गया है। यहां भी किसी के आने-जाने व ठहरने को लेकर एजेंसियां सतर्क हैं। 

डायवर्जन प्लान जारी-  

रविवार से रामनगरी में प्रवेश वर्जित होगा। आवश्यक सेवाएं संचालित रहेंगी। सुरक्षा के मजबूत इंतजाम किए गए हैं। अयोध्या के लोग मेजबान हैं, इसलिए व्यवस्था में सहयोग करें। शहर में प्रवेश के लिए डायवर्जन प्लान जारी किया जाएगा।

Bharat Jodo Nyay Yatra: असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान, राहुल गांधी होंगे गिरफ्तार!

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ों न्याय यात्रा पर हैं। राहुल गांधी की यात्रा असम पहुंच चुकी है असम में यह यात्रा 17 जिलों से होकर गुजरेगी वहीं राहुल गांधी की न्याय यात्रा को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है राहुल गांधी की यात्रा को लेकर बीजेपी लगातार हमलावर है।

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा राहुल गांधी के न्याय यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिए हैं। उन्होंने कहा है कि,  राहुल गांधी को शहर के अंदर प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जाएगी,, अगर वह फिर भी जिद्द कर शहर में आते हैं तो उनके खिलाफ केस दर्ज होगी औऱ उनकी गिरफ्तारी होगी। 

राहुल गांधी की यात्रा नगालैंड से असम पहुंच चुकी है असम के शिवसागर जिले से शुरू होकर यह यात्रा राज्य के अन्य 17 जिलों से गुजरेगी इसी में गुवाहाटी शहर भी शामिल है जिसको लेकर राजनीतिक भूचाल आया है उन्होंने कहा कि, “हमने कहा है कि शहरों के अंदर से नहीं जाना है जो भी वैकल्पिक रास्ता मांगा जाएगा उसकी अनुमति दे दी जाएगी लेकिन अगर शहर के अंदर से जाने की जिद की जाएगी तो हम पुलिस की व्यवस्था नहीं करेंगे ”मैं केस दर्ज कर लूंगा और चुनाव के बाद गिरफ्तार करूंगा अभी कुछ नहीं करूंगा”।

और अब खबर आ रही है कि राहुल गांधी के खिलाफ असम पुलिस ने FIR भी दर्ज कर दी गयी है न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पुलिस अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है अधिकारी ने कहा, ”जोरहाट सदर पुलिस स्टेशन ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यह एफआईआर यात्रा और उसके मुख्य आयोजक के खिलाफ दर्ज की है ” अधिकारी के अनुसार, एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि यात्रा ने जिला प्रशासन के मानदंडों का पालन नहीं किया और सड़क सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन किया.

 

इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने  शिवसागर जिले में दावा किया कि देश में शायद सबसे भ्रष्ट सरकार और सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा इस राज्य में है.कुल मिलाकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ चुके हैं ।  

Ayodhya : नए सिरे से बस रही है रामनगरी, 4 साल में 10 गुना बढ़ी जमीन की कीमत, जानिए क्या कुछ बदला. 

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चार वर्षों में सरकार अयोध्या में करीब 31 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर इसे नए सिरे से बसा रही है। यह यूपी के किसी भी जिले में इन वर्षों में किए गए निवेश से अधिक ही है। 2017-18 में यहां जमीन के करीब छह हजार सौदे हुए। 2022-2023 में सौदे साढ़े चार गुना बढ़कर 27,000 तक पहुंच गए।
एक साल में ही पर्यटक सवा दो लाख से बढ़कर सवा दो करोड़ हो गए। जमीन की कीमत सिर्फ चार साल में दस गुना बढ़ गई। 30 साल पहले इस शहर में कोई आना नहीं चाहता था। लोग कहते थे, इस नगरी को माता सीता का श्राप लगा है। घर वीरान पड़े थे, क्योंकि नई पीढ़ी नौकरी के लिए दूर चली गई थी। मगर, राममंदिर से खड़े हुए धार्मिक पर्यटन ने नई अयोध्या तैयार कर दी है।

महंगी हो रही जमीन-

प्रॉपर्टी डीलर बृजेंद्र दुबे करीब दस साल से जमीन की खरीद-फरोख्त का काम कर रहे हैं। वह बताते हैं कि जो जमीन चार साल पहले 1,000 रुपये/वर्ग फुट में आसानी से मिल जाती थी, वह आज 4000 रुपये/वर्ग फुट में भी नहीं मिल रही है। पहले इस काम से 10-20 लोग ही जुड़े थे, अब एक हजार से ऊपर हो गए हैं। कोसी परिक्रमा के आसपास जमीन पांच लाख में मिल जाती थी। अब 30 लाख तक में मिल रही है। शहर के अंदर रामपथ पर जमीन के दाम बहुत बढ़े हैं। दो साल में कीमत एक हजार से बढ़कर छह हजार रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई है।

बाजार दर बहुत अधिक, सरकार को हो रहा नुकसान

सरकार का सर्किल रेट कम है और बाजार का रेट बहुत अधिक है। रोजाना सैकड़ों रजिस्ट्री हो रही हैं। इससे सरकार को अच्छी-खासी चपत भी लग रही है। एक अफसर के मुताबिक सर्किल रेट बढ़ाने के लिए कई बार फाइल गई, मगर रुक जा रही है। सरकार का मानना है कि सर्किल रेट बढ़ने से उसे मुआवजा अधिक देना पड़ेगा। हालांकि जितना मुआवजा सरकार को भविष्य में नहीं देना पड़ेगा, उससे अधिक तो राजस्व में नुकसान हो जा रहा है। इसीलिए लक्ष्य के सापेक्ष आय नहीं हो पा रही है। 2023-24 वित्तीय वर्ष में दिसंबर में 1,028.81 लाख रुपये आय हुई, जो तय लक्ष्य का 74.71 फीसदी था।

नए सिरे से बस रही रामनगरी
अयोध्या में अब तक सबसे बड़ी रजिस्ट्री राम मंदिर ट्रस्ट ने कराई है। ट्रस्ट ने बैकुंठ धाम के पास 14 हजार 730 वर्गमीटर जमीन ली। इससे सरकार को 55 करोड़ 47 लाख 800 रुपये का राजस्व मिला। इसके अलावा आवास विकास प्राधिकरण ने टाउनशिप विकसित करने के लिए 1,194 एकड़ जमीन की खरीद की।

. बैनामे में आई कमी : विभागों की ओर से जहां-जहां जमीन का अधिग्रहण किया गया है, वहां जमीन की बिक्री में कमी आई है। दरअसल अधिग्रहण के आसपास की जमीन महंगी हो गई हैं। किसान भी नहीं बेच रहे हैं। इसमें सहादतगंज से नयाघाट मार्ग, गोसाईगंज बाईपास के आसपास के गांव, हवाई पट्टी के आसपास और प्रवेश द्वार राजेपुर उपरहार, दर्शन नगर रेलवे स्टेशन, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग, चौदह परिक्रमा मार्ग और चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के आसपास यही स्थिति है।

लोढ़ा ग्रुप ने सरकार से भी दिए अधिक दाम-
बृजेंद्र दुबे बताते हैं कि लोढ़ा ग्रुप के आने के बाद जमीन के दाम आसमान छूने लगे। इस ग्रुप ने किसानों को सरकार के चार गुना सर्किल रेट के मुकाबले छह गुना तक दाम दिए। इस ग्रुप ने अयोध्या से बाहर रामपुर हलवारा, राजेपुर क्षेत्र के बीच में सोसायटी बनाने के लिए जमीन खरीदी। यहां 2020 तक हाल यह था कि 50 हजार रुपये बिस्वा जमीन मिल रही थी। आज दाम चार लाख रुपये बिस्वा हो गया है।

नौकरी छोड़ अपने शहर लौट रहे युवा
मलावन के अनूप पांडेय गुजरात में नौकरी करते थे। यहां के बढ़ते वैभव व संभावनाओं को देखते हुए नौकरी छोड़ दी और कार खरीदकर पर्यटकों के लिए लगा दी है। कहते हैं, अब घर पर ही रोजगार मिल रहा है। इंजीनियर बृजेश पाठक प्रयागराज से नौकरी छोड़कर आए और आयुर्वेदिक दवा बनाने लगे हैं। अविनाश दुबे ने नौकरी छोड़कर गुड़ बनाने का काम शुरू किया है। 50 रुपये से लेकर 5 हजार रुपये किलो तक गुड़ तैयार कर रहे हैं। गुड़ में स्वर्ण भस्म भी डाल रहे हैं। अरविंद चौरसिया चंडीगढ़ से लौटकर यहां डोसा की दुकान चला रहे हैं।

बानगी हैं तस्वीरें…

तस्वीरें बानगी हैं रामनगरी में आस्था और वैभव के संगम की। पहली तस्वीर महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की है, जो नई अयोध्या है। पहले चरण में इस पर 1450 करोड़ की लागत आई है। छह जनवरी से यहां उड़ान भी शुरू हो गई। अनुमान है कि प्रतिवर्ष लाखों यात्री यहां आएंगे। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन भी अद्भुत बन पड़ा है। वहीं, दूसरी तस्वीर है दुनिया की सबसे बड़ी 108 फुट लंबी अगरबत्ती की। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की मौजूदगी में इसे मंगलवार को प्रज्वलित किया गया। इस अगरबत्ती की खुशबू विकास में डूबी पूरी अयोध्या को 45 दिन तक सुगंधित करती रहेगी। इस अगरबत्ती का वजन 3610 किलो और चौड़ाई 3.5 फुट है। यह पर्यावरण के अनुकूल है। इसके निर्माण में 376 किलो नारियल के गोले, 1470 किलो गाय का गोबर, 420 किलो जड़ी बूटियां और 190 किलो घी का इस्तेमाल किया गया है।

SC: 7 फीसदी से भी कम अदालतों में महिलाओं के अनुकूल शौचालय, सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट में खुलासा.

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देश के केवल 6.7 फीसदी जिला न्यायालय परिसरों में मौजूद शौचालय ही महिलाओं के अनुकूल हैं। 19.7 फीसदी में महिलाओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है। 73.4 फीसदी जिला अदालतों के शौचालयों में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की सेंटर फॉर रिसर्च एंड प्लानिंग की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट स्टेट ऑफ द जुडिशरी : रिपोर्ट ऑन इंफ्रास्ट्रक्चर, बजटिंग, ह्यूमन रिसोर्सेज एंड आईसीटी के मुताबिक, 88% कोर्ट परिसरों में पुरुषों के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। महिलाओं की गरिमा, स्वच्छता और स्वास्थ्य अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए महिला शौचालयों में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें उपलब्ध होनी चाहिए। महाराष्ट्र की जिला अदालतों में तो केवल 18 सैनिटरी नैपकिन डिस्पेंसर मशीनें उपलब्ध हैं।

35 % परिसर कक्षों से जुड़े नहीं शौचालय-

 
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 35 फीसदी परिसरों में शौचालय न्यायिक अधिकारियों के कक्षों से जुड़े नहीं होने के कारण पुरुष और महिला दोनों न्यायाधीशों को साझा शौचालय का उपयोग करना पड़ता है।

सुविधाओं के अभाव की दी जानकारी-

12 उच्च न्यायालयों ने जिला अदालत परिसरों में न्यायाधीशों, कर्मचारियों, वकीलों और वादियों के लिए शौचालयों की महत्वपूर्ण कमी को लेकर अवगत कराया है। जिला अदालतों में न केवल शौचालयों का अभाव है, बल्कि ऐसे शौचालय भी हैं जो महज नाम के लिए हैं। इनमें से कुछ काम नहीं कर रहे, जबकि कुछ के दरवाजे टूटे हुए हैं।

62.8% में प्यूरीफायर-

सभी जिला अदालत परिसरों में पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन केवल 62.8 फीसदी में पानी को शुद्ध करने के लिए प्यूरीफायर मौजूद हैं। शेष अदालत परिसरों में सीधे नल से पानी सप्लाई किया जा रहा है।

सीजेआई जता चुके हैं चिंता-

एक कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने मौजूदा स्थिति को स्वीकार करते हुए कहा था कि मुझे बताया गया है कि महिला जिला न्यायाधीशों के पास शौचालय सुविधाओं का अभाव है। वे सुबह आठ बजे घर से निकलती हैं और शाम छह बजे घर लौटने पर ही इसका उपयोग कर पाती हैं।

दो घंटे की यात्रा अब सिर्फ 15 मिनट में, इन राज्यों का सफर आसान और पैसे की भी होगी बचत; जानिए अटल सेतु से क्या बदलेगा?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। अपने दौरे में पीएम मुंबई में अटल सेतु को जनता को समर्पित किया। देश की आर्थिक राजधानी में बना यह पुल देश का सबसे लंबा पुल है। अधिकारियों ने कहा है कि पुल से हर रोज करीब 70 हजार यात्री सफर करेंगे जिनके समय और ईंधन खर्च में बहुत अधिक कमी आएगी।

जानिये कहाँ बनाया गया है अटल सेतु ?

इसका पूरा नाम अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु है। पहले इसे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) के नाम से भी जाना जाता था। यह अरब सागर में ठाणे क्रीक पर 22 किलोमीटर लंबा ट्विन-कैरिज वे छह-लेन पुल है। अटल सेतु मुंबई में सेवरी को रायगढ़ जिले में चिरले से जोड़ता है।

पुल कितने समय में हुआ बनकर तैयार ?

पहली बार 1962 में ‘मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के लिए सड़क प्रणाली की योजना’ के नाम से इसका विचार सामने आया था। 34 साल बाद 1994 में परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट शुरू हुई। वहीं 2006 में निविदाएं बुलाई गईं जबकि इसके 10 साल बाद 2016 में पीएम मोदी ने इस पुल का शिलान्यास किया। आखिरकार परियोजना पर काम अप्रैल 2018 में शुरू हुआ।

परियोजना की लागत कितनी है?
अटल सेतु का निर्माण 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है। आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अनुमानित लागत से ज्यादा व्यय हुआ है। 14,712.70 करोड़ रुपये इसकी मूल लागत थी लेकिन कोविड के कारण लगने वाले लॉकडाउन की वजह से इसमें देरी हुई और व्यय ज्यादा हुआ।

इस पुल की विशेषता क्या है? 
अटल सेतु लगभग 21.8 किमी लंबा और 6-लेन वाला है जो 16.5 किमी लंबा समुद्र के ऊपर और लगभग 5.5 किमी जमीन पर बना है। यह भारत का सबसे लंबा पुल है, जो देश का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। यह मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तेज कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा में लगने वाले समय को भी कम करेगा। अटल सेतु मुंबई से नवी मुंबई के बीच लगने वाले मौजूदा दो घंटे के समय को कम करके 15-20 मिनट कर देगा। वहीं अधिकारियों ने कहा कि इस पुल से गुजरने वाले लोगों को हर यात्रा में कम से कम 500 रुपये तक के ईंधन की भी बचत होगी। इसके साथ ही यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाएगा।

इसका आम लोगों को कितना फायदा होगा? 
हजारों करोड़ की लागत से बना अटल सेतु मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ेगा। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए यह पुल नई जीवन रेखा बनेगा, वहीं बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में यह भारत के विकास की नई इबारत है। एक अनुमान के मुताबिक पुल से हर रोज करीब 70 हजार लोग सफर करेंगे। यहां 400 कैमरे लगे हैं, इसके अलावा ट्रैफिक के दबाव की जानकारी जुटाने के लिए एआई आधारित सेंसर लगे हैं।

इस बीच, मुंबई पुलिस ने जानकारी दी है कि समुद्री पुल पर चार पहिया वाहनों जैसे कार, टैक्सी, हल्के मोटर वाहन, मिनीबस और टू-एक्सल बस की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और पुल के चढ़ने और उतरने पर गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक सीमित रहेगी। हालांकि, मोटर बाइक, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर को इस पुल पर अनुमति नहीं होगी।

अधिकारियों ने यह भी बताया कि मुंबई की ओर जाने वाले मल्टी-एक्सल भारी वाहनों, ट्रकों और बसों को ईस्टर्न फ्रीवे पर प्रवेश नहीं मिलेगा।

Uttarakhand: 3 घंटे से ज्यादा देरी से चली ट्रेन तो टिकट की रकम होगी वापस, जानिए रेलवे ने क्यों लिया ये फैसला.

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देहरादून रेलवे स्टेशन के मुख्य वाणिज्य निरीक्षक ने कहा कि कोहरे के चलते सुबह के समय ही ट्रेन का संचालन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में अगर किसी यात्री को ट्रेन का तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा और वह यात्रा नहीं करता तो उसके टिकट की पूरी रकम उसे लौटाई जाएगी।

अगर यात्रियों को तीन घंटे से अधिक समय तक ट्रेन का इंतजार करना पड़ा तो उनके टिकट की पूरी रकम उन्हें लौटाई जाएगी। मैदानी इलाकों में सुबह के समय कोहरा छाने से ट्रेन की रफ्तार धीरे होने लगी है। दून में ट्रेन देरी से पहुंचने के कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इन दिनों हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, दिल्ली समेत पंजाब, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में घना कोहरा छा रहा है। देहरादून रेलवे स्टेशन के मुख्य वाणिज्य निरीक्षक सुभाष अग्रवाल ने कहा कोहरे के चलते सुबह के समय ही ट्रेन का संचालन प्रभावित हो रहा है।

धीमी गति होने की वजह से ट्रेन देरी से पहुंच रही है। ऐसे में अगर किसी यात्री को ट्रेन का तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा और वह यात्रा नहीं करता तो उसके टिकट की पूरी रकम उसे लौटाई जाएगी। हालांकि दिन के समय मौसम साफ होने से संचालन किया जा रहा है।