Category Archive : ब्रेकिंग न्यूज

सीएम धामी देश के ताकतवर राजनीतिज्ञों में 32वें पायदान पर

387 Views -

देश के मीडिया समूह इंडियन एक्सप्रेस द्वारा जारी की गई 100 सबसे ताकतवर भारतीयों की सूची में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को देश के सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में 32वां स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि पिछले वर्ष वह 61वें स्थान पर थे।सरकारी प्रेस नोट में यह जानकारी देते हुए कहा गया कि यह छलांग इस बात का प्रमाण है कि मुख्यमंत्री  ने अपनी नेतृत्व क्षमता, कड़ी मेहनत और समर्पण से राज्य के विकास को नया आयाम दिया है।

हाल ही में सीएम धामी सरकार ने तीन साल पूरे किए हैं। इस अवधि में यूसीसी, नकल कानून ,भू कानून समेत कई मुद्दों पर अहम फैसले लिए गए।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं और अनेक योजनाओं को धरातल पर उतारा हैं, जो न केवल राज्य की प्रगति को सुनिश्चित करते हैं, बल्कि देश की राजनीति में भी उनका प्रभाव और सम्मान बढ़ाते है।

Image

 

रैंकिंग का आधार

यूसीसी – अन्य राज्यों के लिए बनी ब्ल्यू प्रिंट
इंडियन एक्सप्रेस ने सीएम पुष्कर सिंह धामी की शानदार रैंकिंग के लिए उनके पिछले एक साल के कार्यकाल को आधार बनाया है। जिसमें उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने को सबसे महत्वूपर्ण कदम बताया गया है। अखबार के मुताबिक उत्तराखंड समान नागरिक संहिता अन्य राज्यों के लिए ब्ल्यू प्रिंट की तरह काम कर रही है, इसके बाद, गुजरात ने भी अपने यहां समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कमेटी का गठन कर लिया है।

राजनैतिक स्थिरता – इंडियन एकसप्रेस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राज्य में राजनैतिक स्थिरता कायम करने का भी श्रेय दिया है। अखबार के मुताबिक उत्तराखंड में 2017 से 2022 के बीच तीन- तीन मुख्यमंत्री बने, लेकिन अब पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में राजनैतिक स्थिरता लौट आई है। अखबार ने राष्ट्रीय खेलों के जरिए उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व की तारीफ की है।

चुनावी सफलता- अखबार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के काम काज का मूल्यांकन करते हुए कहा है कि, उनके नेतृत्व में भाजपा ने लोकसभा चुनाव और स्थानीय निकाय चुनावों में शानदार सफलता हासिल की है, अब उनका लक्ष्य 2027 विधानसभा चुनाव है।

इसलिए महत्वपूर्ण है लिस्ट
इंडियन एक्स्रपेस समूह हर साल देश के 100 ताकतवर लोगों की लिस्ट जारी करता है, जिसमें राजनीति, लोक प्रशासन, उद्योग- कारोबार, सिनेमा, खेल सहित सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम करने वाले लोगों को उनके कार्यों और इसके असर के आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है। इस साल की लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रथम स्थान पर रखा गया है। दूसरे स्थान पर गृहमंत्री अमित शाह, चौथे स्थान पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को रखा गया है। साथ ही उद्योगपति मुकेश अंबानी, गौतम अड़ानी, जय शाह, एनएसए अजित डोभाल, शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद, क्रिकेटर रोहित शर्मा, विराट कोहली, दक्षिण भारतीय अभिनेता विजय, अल्लू अर्जुन, बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन सहित यूपी, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री और कई विपक्षी नेताओं को स्थान प्रदान किया गया है।

धामी सर्वाधिक युवा प्रभावशालियों में अखबार की लिस्ट में 49 वर्षीय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 32वां स्थान प्रदान किया गया है। इस लिस्ट में 50 वर्ष से कम उम्र की बहुत कम राजनीतिक हस्तियां हैं जिनमें सीएम धामी भी हैं।

आनन्द वर्धन उत्तराखंड के नये मुख्य सचिव बने

284 Views -

वरिष्ठ आईएएस आनन्द वर्धन उत्तराखण्ड के नये मुख्य सचिव होंगे। 1992 बैच के आईएएस वर्द्धन मौजूदा मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की जगह लेंगे।

 

प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद बर्द्धन को उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आनंद बर्द्धन एक अप्रैल को पदभार ग्रहण करेंगे।राधा रतूड़ी का सेवा विस्तार 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। आईएएस आनन्द वर्द्धन ही राज्य में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह हैं।

उत्तराखंड में यहां पेड़ों से चिपक गई महिलाएं, सड़कों पर उतरे हजारों पर्यावरण प्रेमी

113 Views -

भानियावाला-ऋषिकेश मार्ग चौड़ीकरण के नाम पर करीब 3300 पेड़ों को काटने के विरोध में दो-दो पद्मश्री, लोकगायिका समेत बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी सड़क पर उतर गए। पेड़ों से चिपक कर महिलाओं ने उनके रक्षा का संकल्प लिया और चिपको आंदोलन 2.0 शुरू करने का एलान किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया।

चिपको आंदोलन' चलाने वाली एक थी 'चिपको वुमेन' फ्रॉम इंडियाNaN

ऋषिकेश से भानियावाला के बीच सड़क को फोरलेन किया जाना है। करीब 21 किमी के दायरे में 600 करोड़ रुपये की लागत से चौड़ीकरण कार्य किया जाना है। चौड़ीकरण के दौरान करीब 3300 पेड़ भी कटान की जद में हैं। जिनका इन दिनों छंटाई कार्य चल रहा है। इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों के कटान की जद में आने पर पर्यावरणविदों व लोगों ने कड़ा आक्रोश जताया है।

Chipko movement Again in Uttarakhand Women Hug to trees in rishikesh against tree cutting

रविवार को विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग सात मोड़ क्षेत्र में एकत्र हुए। पर्यावरणविदों का कहना था कि पिछले कुछ दशकों में, देहरादून और उसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यावरणीय असंतुलन तेजी से बढ़ा है। बढ़ते तापमान, घटते भूजल स्तर और खराब होती वायु गुणवत्ता लोगों के स्वास्थ्य और जीवन पर गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शुरू हुआ चिपको आंदोलन 2.0, रोजाना दो  सिगरेट के बराबर हवा में सांस ले रहे नागरिक | Loksaakshya

इन गंभीर संकेतों के बावजूद, बिना किसी दीर्घकालिक पर्यावरणीय योजना के बड़े-बड़े विकास परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। उत्तराखंड के लोग लंबे समय से वनों की अंधाधुंध कटाई और प्राकृतिक संसाधनों के विनाश का विरोध कर रहे हैं। लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने सातमोड़ क्षेत्र में पेड़ों को रक्षा सूत्र बांध कर उनकी रक्षा का संकल्प लिया। कहा कि यह चिपको आंदोलन 2.0 का आगाज है।

Chipko Movement Again In Uttarakhand Women Hug To Trees In Rishikesh  Against Tree Cutting - Amar Ujala Hindi News Live - चिपको आंदोलन 2.0: उत्तराखंड में यहां पेड़ों से चिपक गई महिलाएं, सड़कों

प्रमुख रूप से पद्मश्री डॉ. माधुरी बर्तवाल, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, लोकगायिका कमला देवी, इरा चौहान, अनूप नौटियाल, सूरज सिंह नेगी, नितिन मलेथा, इंद्रेश मैखुरी आदि

26 march ko Chipko Andolan se bache the uttarakhand ke jangal: 26 मार्च को चिपको  आंदोलन से बचे थे उत्तराखंड के जंगल
यह हैं प्रदर्शनकारियों की मांग
1. ऋषिकेश-जौलीग्रांट हाईवे परियोजना और इसके तहत 3,300 पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई जाए।
2. देहरादून और इसके आसपास के पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में वनों के व्यावसायिक उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। भविष्य की सभी परियोजनाओं में सतत विकास को प्राथमिकता दी जाए।
3. देहरादून की पारंपरिक नहरों का संरक्षण और पुनरुद्धार किया जाए। ये नहरें भूजल रिचार्ज और अत्यधिक गर्मी के दौरान तापमान को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
4. देहरादून की प्रमुख नदियों (रिस्पना, बिंदाल और सौंग) को पुनर्जीवित किया जाए। इन्हें प्लास्टिक कचरे और अनुपचारित सीवेज से बचाया जाना चाहिए।
5. हरे भरे स्थानों को बढ़ावा देने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं। देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में आने वाली सभी नई आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं में कम से कम 25% भूमि हरित क्षेत्र के लिए आरक्षित होनी चाहिए।
6. वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए।
7. 1980 के वन अधिनियम में संशोधन कर जंगलों में लगने वाली आग को रोकने के लिए प्रभावी रणनीतियां अपनाई जाएं।

अग्रवाल के इस्तीफे के बाद पांच कुर्सियां खाली, मंत्री के लिए इन नामों की चर्चा

87 Views -

कैबिनेट मंत्री के पद से प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफा देने के साथ ही धामी कैबिनेट में फेरबदल की जल्द संभावनाएं बन गई हैं। इस्तीफा प्राप्त होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्यपाल को भेज दिया है।माना जा रहा है कि इस संबंध में केंद्रीय नेतृत्व से मार्गदर्शन लेने सोमवार को मुख्यमंत्री दिल्ली जा सकते हैं। तेज हुई राजनीतिक हलचल के बीच कैबिनेट में नए मंत्री बनाए जाने और एक और मंत्री को बदले जाने की अटकलें भी तेज हो गई हैं। 23 मार्च को धामी सरकार का तीन साल कार्यकाल पूरा हो रहा है। सूत्र इससे पहले कैबिनेट बदलाव की संभावना जता रहे हैं। धामी कैबिनेट में चार नए चेहरों को जगह मिल सकती है।

 

दरअसल, क्षेत्रवाद को लेकर दिए बयान पर विवाद गहराने के बाद पार्टी के भीतर ही प्रेमचंद अग्रवाल की कैबिनेट से विदाई की चर्चाएं जोरों पर थीं। हालांकि उनके बयान को लेकर पाटी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और स्वयं अग्रवाल ने डेमेज कंट्रोल की काफी कोशिश की, लेकिन पार्टी के भीतर से ही उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रियाओं ने विवाद को और हवा दे दी।

 

केंद्रीय नेतृत्व ने एक्शन को लेकर दिया था संकेत
प्रदेश नेतृत्व ने अग्रवाल को तलब कर उन्हें विवादित बयानबाजी से बचने की नसीहत दी थी और रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी थी। बाद में पार्टी ने मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष से भी इस बारे में फीडबैक लिया। पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की ओर से बयान पर जन प्रतिक्रियाओं और उसके राजनीतिक नफा नुकसान का आकलन करने के बाद मंत्री अग्रवाल को होली के बाद इस्तीफा देने के लिए इशारा कर दिया गया था, ताकि वह कैबिनेट से सम्मानजनक ढंग से विदा हो जाएं।

धामी कैबिनेट में अब पांच कुर्सियां खालीं
तीन साल से कम कार्यकाल में धामी कैबिनेट में दो और कुर्सियां खाली हो चुकी हैं। सरकार गठन के दिन से ही तीन कुर्सियां खाली रखी गई थीं। कैबिनेट मंत्री रहे चंदन राम दास के निधन के बाद एक कुर्सी खाली चल रही थी। अग्रवाल का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद खाली कुर्सियों की संख्या पांच हो जाएगी।

विधायकों के अरमानों को लगे पंख, मंत्री बनने को बेताब
धामी मंत्रिमंडल में खाली कुर्सियों को भरने की संभावना के बीच पार्टी के विधायकों के अरमानों को पंख लग गए हैं। वर्तमान में पार्टी में बिशन सिंह चुफाल, मदन कौशिक, बंशीधर भगत, खजानदास और अरविंद पांडेय, पांच ऐसे वरिष्ठ विधायक हैं जो पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हैं। लेकिन ये सभी नाम उम्र, अनुभव, क्षेत्रीय, जातीय और राजनीतिक समीकरणों के हिसाब से कितने उपयुक्त होंगे, यह केंद्रीय नेतृत्व व सीएम धामी को तय करना है।

 

 

मंत्री पद को लेकर इन नामों की है खास चर्चा
कैबिनेट में भाजपा संसदीय क्षेत्र के हिसाब से प्रतिनिधित्व तय करती है। माना जा रहा है कि क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के हिसाब से धामी कैबिनेट का नया स्वरूप तय होगा। फेरबदल के दौरान विभागीय कामकाज को लेकर जांच को लेकर चर्चाओं में रहे एक और कैबिनेट मंत्री की विदाई हो सकती है। मंत्री पद की दौड़ में जो नाम तैर रहे हैं, उनमें हरिद्वार संसदीय क्षेत्र से मदन कौशिक, आदेश चौहान व विनोद चमोली प्रमुख हैं। अग्रवाल के इस्तीफे के बाद हरिद्वार लोस का प्रतिनिधित्व खाली हो जाएगा। टिहरी लोस से प्रतिनिधित्व घटा तो तीन प्रमुख नाम खजानदास, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव पुंडीर और उमेश शर्मा काऊ का नाम कतार में है। क्षेत्रीय संतुलन कसौटी पर इनमें से कोई एक नाम फिट हो सकता है। चर्चा यह भी है कि स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। ऐसे में गढ़वाल संसदीय सीट से एक हैवीवेट मंत्री को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। नैनीताल यूएसनगर लोस से विधायक अरविंद पांडेय व शिव अरोड़ा के नामों की चर्चा है। कायस यह भी हैं कि अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ से बिशन सिंह चुफाल की किस्मत खुल सकती है।

 

सीएम नहीं खोल रहे पत्ते
अग्रवाल की विदाई की संभावनाओं और कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के गरमाने के बावजूद सीएम धामी ने चुप्पी

क्षेत्रवाद के बयान से घिरे वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दिया इस्तीफा, फफक कर रो पड़े

83 Views -

बजट सत्र के दौरान सदन में क्षेत्रवाद पर दिए बयान से विवादों में घिरे कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस्तीफा दे दिया है। अपने सरकारी आवास में इस्तीफे की घोषणा करने के बाद उन्होंने सीएम आवास पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को त्यागपत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने अग्रवाल का त्यागपत्र अग्रिम कार्यवाही के लिए राज्यपाल को भेज दिया है। इससे पहले अग्रवाल पत्नी के साथ रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्मारक पहुंचे और राज्य आंदोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

बीती फरवरी में हुए बजट सत्र के दौरान सदन में क्षेत्रवाद को लेकर दिए बयान से कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल विवादों में घिर गए थे। हालांकि विवाद बढ़ने पर उन्होंने सदन के अंदर व बाहर खेद भी जताया था। लेकिन इससे मचे सियासी घमासान ने भाजपा को असहज कर दिया था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने अग्रवाल को पार्टी मुख्यालय में तलब तक स्पष्टीकरण लिया था। मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा के बीच केंद्र सरकार ने कैबिनेट मंत्री अग्रवाल को मंत्री समूह (जीओएम) का सदस्य नामित किया, जिससे उन्हें कैबिनेट मंत्री से हटाने की चर्चा पर विराम लग गया था।

रविवार को अग्रवाल ने पत्नी शशि प्रभा अग्रवाल के साथ रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्मारक पहुंच कर राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद यमुना कालोनी स्थित सरकारी आवास पहुंचकर प्रेसवार्ता बुलाई और इस्तीफे की घोषणा कर दी। इस दौरान वह भावुक होकर फफक पड़े।

Uttarakhand Cabinet Minister Prem Chand Agarwal Resigned Today amid statement on regionalism

अग्रवाल ने कहा कि उनके जैसे व्यक्ति को साबित करना पड़ रहा है कि उत्तराखंड के लिए क्या योगदान दिया। सदन में उनके बयान को तरोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है, इससे वह आहत हैं। कहा, राज्य आंदोलन के दौरान मैंने लाठियां खाई हैं।

घटनाओं और लोगों का जिक्र किया

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मुजफ्फरनगर कांड, मसूरी गोली कांड से लेकर राज्य आंदोलन से जुड़ीं कई घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने राज्य आंदोलन की लड़ाई के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी, उत्तराखंड के गांधी इंद्रमणि बडोनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, मनोहरकांत ध्यानी, पूर्व राज्य सभा सदस्य मालती शर्मा से जुड़े स्मरण साझा किए। बताया कि मुजफ्फरनगर में गोली चल रही थी, इसके बाद भी वे ट्रक में बैठ कर पहुंचे थे। मसूरी पहुंचे तो हाथ जोड़कर लोगों ने कहा कि यहां से चले जाएं, वर्ना आप का एनकाउंटर हो जाएगा या फिर एनएसए लग जाएगा।

कैबिनेट में चार कुर्सियां पहले ही खाली थी

धामी कैबिनेट में चार कुर्सियां लंबे समय से खाली चल रही हैं। इन चार खाली कुर्सियों को भरने के साथ ही कुछ बदलाव होने के कयास भी लगाए जा रहे थे। वहीं, आज मंत्री अग्रवाल के इस्तीफा देने के बाद अब एक और कुर्सी खाली हो गई है।

प्रेमचंद अग्रवाल का राजनीतिक सफर

  • 2007 में पहली बार बने विधायक, सदस्य आवास समिति विधान सभा।
  • 2008 में सदस्य याचिका समिति विधान सभा।
  • 2009 में संसदीय सचिव, औद्योगिक विकास, संबद्ध सीएम।
  • 2012 में दूसरी बार बने विधायक, सदस्य अनुसूचित जाति जनजाति एवं विमुक्त जाति समिति विधान सभा।
  • 2013 में सदस्य आवास समिति विधान सभा।
  • 2014 सदस्य, प्राक्लन समिति विधान सभा।
  • 2017 में तीसरी बार विधायक
  • 2017 विधान सभा अध्यक्ष।
  • 2017 में कार्यकारी सदस्य राष्ट्रमंडलीय संसदीय संघ, भारत परिक्षेत्र।
  • 2022 में चौथी बार विधायक, कैबिनेट मंत्री वित्त, शहरी विकास एवं आवास, विधायी एवं संसदीय कार्य, जनगणना एवं पुर्नगठन मंत्री।

अस्पताल से छुट्टी के बाद श्रमिकों की चिंता…जेब में एक पैसा तक नहीं, कैसे पहुंचेंगे घर?

69 Views -

माणा हिमस्खलन की चपेट में आए श्रमिकों के लिए अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद घर पहुंचना बड़ी चुनौती बन गया है। उनका सामान व पैसा बर्फ में दब गया, अब उनके एक पैसा तक नहीं है, वहीं कंपनी ने हरिद्वार तक भेजने की व्यवस्था की है। ऐसे में वे घर तक कैसे पहुंचेंगे इसकी चिंता है।

हिमस्खलन से सुरक्षित निकाले गए 44 श्रमिकों को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दो श्रमिक एम्स ऋषिकेश में भर्ती हैं। अब श्रमिकों के स्वास्थ्य में सुधार होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है। एक श्रमिक को सोमवार को छुट्टी दी गई, जबकि 36 श्रमिकों को मंगलवार को घर भेजा गया है। लेकिन उनके सामने अब दूसरी चुनौती खड़ी हो गई है।

श्रमिकों का कहना है कि उनका सारा सामान बर्फ में दब गया। उनके पास बस तन के कपड़े और पैरों में जूते या चप्पल ही हैं। जबकि कंपनी ने उनके लिए हरिद्वार तक ही जाने की व्यवस्था की है। आगे भगवान भरोसे है। उनके पास कुछ भी नहीं है, जो होगा देखा जाएगा। फिलहाल हरिद्वार तक पहुंच जाएं तो वहां से अपने-अपने घर जाएंगे।

प्रदेश में नर्सिंग अफसरों के 1000 पदों पर जल्द होगी भर्ती, नए पदों के सृजन के भी निर्देश

55 Views -

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण के दृष्टिगत चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में नर्सिंग अधिकारियों के 1000 और पदों पर भर्ती की जाएगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को आईपीएचएस मानकों के अनुरूप नए पदों के सृजन के निर्देश दे दिए गए हैं।

संस्कृति विभाग के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हरिद्वार व पिथौरागढ़ मेडिकल कालेज में नर्सिंग अधिकारी के 480 पद सृजित किए गए हैं। इसके अलावा 15 छोटे अस्पतालों को उच्चीकृत कर उप जिला चिकित्सालय बनाया जा रहा है। इनमें भी नर्सिंग अधिकारी के 150–200 पदों में बढ़ोतरी होगी। पूर्व में की गई भर्ती में भी कुछ पद रिक्त रह गए हैं।

 

ऐसे में करीब 1000 पदों पर जल्द ही भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेजों में चयनित नर्सिंग अधिकारियों को 30 मार्च तक नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे। जिन्हें एक सप्ताह में ज्वाइन करना होगा। इसके बाद 10 अप्रैल तक वेटिंग लिस्ट भी जारी कर दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में चयनित कुछ नर्सिंग अधिकारी चिकित्सा शिक्षा विभाग की नर्सिंग भर्ती में भी शामिल हुए हैं। जबकि उन्हें आवेदन के लिए मना किया गया था। उनके आवेदन करने से 60-70 नए लोगों का हक मारा जा रहा है।

नई आबकारी नीति 2025 को मंजूरी,ओवररेटिंग की शिकायत सही पाए जाने पर दुकान का लाइसेंस होगा रद्द

75 Views -

नई आबकारी नीति 2025 – निवेश, रोजगार और राजस्व के नए आयाम।

राज्य के धार्मिक क्षेत्रों के निकटवर्ती मदिरा अनुज्ञापनों को बंद करने का लिया गया निर्णय ।

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य

ओवररेटिंग की शिकायत सही पाए जाने पर दुकान का लाइसेंस होगा रद्द

नई आबकारी नीति 2025 को कैबिनेट ने दी मंजूरी।

 

 

राज्य की नई आबकारी नीति 2025 में धार्मिक क्षेत्रों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए उनके निकटवर्ती मदिरा अनुज्ञापनों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। जनसंवेदनाओं को सर्वोपरि रखते हुए, शराब की बिक्री पर और अधिक नियंत्रण किया जायेगा। उप-दुकानों और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को समाप्त किया गया है। नई आबकारी नीति में किसी दुकान पर एमआरपी से अधिक कीमत ली जाती है, तो लाइसेंस निरस्त करने का प्राविधान किया गया है। डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी mrp लागू होगी, जिससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी।

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य

पिछले दो वर्षों में आबकारी राजस्व में राज्य में काफी वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 4038.69 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य के सापेक्ष अब तक लगभग 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।

पर्वतीय क्षेत्रों में से वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में दी जाएगी छूट ।

नई आबकारी नीति के तहत स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। थोक मदिरा अनुज्ञापन केवल उत्तराखंड निवासियों को जारी किए जाएंगे, जिससे राज्य में आर्थिक अवसर बढ़ेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में उत्पादित फलों से वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी। इससे कृषकों और बागवानी क्षेत्र में कार्य करने वालों को आर्थिक लाभ मिलेगा। मदिरा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्यात शुल्क में कटौती की गई है। माल्ट एवं स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।

स्थानीय कृषि उत्पादों को डिस्टिलरी द्वारा प्रयोग करने के लिए किया जा रहा है प्रोत्साहित ।

आबकारी नीति के तहत नवीनीकरण, लॉटरी और अधिकतम ऑफर जैसी पारदर्शी प्रक्रियाओं के माध्यम से दुकानें आवंटित की जाएंगी। आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है। स्थानीय कृषि उत्पादों को डिस्टिलरी (आसवनी इकाइयों) द्वारा प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उन्हें नए बाजार उपलब्ध होंगे। आबकारी नीति-2025 में जनसाधारण को मदिरा के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक बनाने के विशेष अभियान चलाने का प्राविधान किया गया है। नई आबकारी नीति प्रदेश में आर्थिक सुदृढ़ीकरण, पारदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

Cabinet बैठक में आए 17 प्रस्ताव, उत्तराखंड आंदोलन का इतिहास पढ़ेंगे बच्चे, ये अहम फैसले भी शामिल

86 Views -

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 17 प्रस्ताव आए। सीएम की घोषणा के तहत उत्तराखंड आंदोलन और सांस्कृतिक विरासत का इतिहास कक्षा 6 से 8 तक हमारी विरासत एवं विभूतियां पढ़ाए जाने के  प्रस्ताव पर मुहर लगी। इसके साथ ही धामी कैबिनेट कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।

सोमवार को कैबिनेट समाप्त होने के बाद सचिव गृह शैलेश बगोली ने जानकारी दी। कक्षा 10 के बाद जो छात्र तीन वर्षीय पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करते हैं, उन्हें कक्षा 12 के समकक्ष माना जाएगा। चीनी मिलों के लिए अगेती 375 रुपये, सामान्य प्रजाति 365 रुपए प्रति कुंतल की गई। जबकि गन्ना समर्थन मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उप महानिरीक्षक, अधीक्षक कारागार की नियमावली पास की गई। वहीं भारतीय न्याय संहिता के तहत नियमालिओं को अनुमोदन किया गया। मंत्रिमंडल ने आबकारी नीति को भी मंजूरी दे दी है।

 

ये महत्वपूर्ण फैसले भी

-राज्य कर्मियों के लिए शिथिलीकरण का लाभ एक बार मिलेगा। कुछ नियमावली में शिथिलीकरण की व्यवस्था है। ये सभी कर्मचारियों के लिए लागू हो गई है। 50% तक छूट।

-राज्य संपत्ति विभाग की समूह-क व समूह-ख की सेवा नियमावली को अनुमोदन।
-मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना लागू करने पर कैबिनेट की मंजूरी। स्वरोजगार के लिए 2 लाख रुपये तक मिलेंगे।
-पेंशन एवं हकदारी निदेशालय में कनिष्ठ सहायक के 13 पद सृजित करने पर।
-उत्तराखंड में यूपीएस लागू करने पर कैबिनेट की मंजूरी। जो कर्मचारी चाहेंगे, वो इसमें आ सकेंगे।
-स्टाम्प व निबंधन विभाग में 213 से बढ़कर पड़ 240 हुए।
-अपर पुलिस अधीक्षक उच्चतम वेतनमान की नियमावली को मंजूरी।
-ट्राउट प्रोत्साहन योजना मंजूर। 200 करोड़ की योजना। मत्स्य पालकों को 5 साल तक इनपुट दिया जाएगा।
-कार्मिक : रिवोल्विंग फंड इस्तेमाल करने की नियमावली को मंजूरी।
– उधमसिंह नगर की प्रयाग फार्म की 1354 एकड़ भूमि इंडस्ट्री को दी जाएगी।
-एकीकृत स्वयं सहायता योजना। 2.3 करोड़ सीएलएफ के लिए।
-गौला, कोसी, दाबका नदियों में सुरक्षा एवं सीमांत शुल्क आदि को रिवाइस किया गया।

कई फैसलों पर होंगे निर्णय, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 2347 पदों पर होगी भर्ती

70 Views -

प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में 2347 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती होगी। भर्ती को पहले प्रयाग पोर्टल के माध्यम से कराया जाना प्रस्तावित था, लेकिन अब जेम पोर्टल से कराया जा सकता है। इसके लिए आगामी कैबिनेट में प्रस्ताव आएगा।

प्रदेश के विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के कई पद खाली हैं। इन पदों को आउटसोर्स से भरा जा सके इसके लिए पिछले काफी समय से प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने पहले निर्णय लिया था कि प्रयाग पोर्टल के माध्यम से इन पदों को भरा जाए, लेकिन इससे इन पदों को भरने में तकनीकी दिक्कत आ रही है। यही वजह है कि भर्ती से संबंधित इस प्रस्ताव को अब कैबिनेट में लाया जा रहा है।