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राजस्थान में सरकार की तस्वीर साफ, भजन लाल शर्मा होंगे राजस्थान के नए मुख्यमंत्री, दिया और बैरवा बनेंगे डिप्टी सीएम.

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राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया गया है। भजन लाल शर्मा के हाथों में अब राज्य की सत्ता की कमान होगी। भाजपा विधायक दल की बैठक में भजन लाल शर्मा के नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लगाई गई। वे सांगानेर विधानसभा सीट से विधायक हैं। इनके नाम का प्रस्ताव पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रखा। इसके साथ ही पार्टी ने तय किया है कि राजस्थान में दो डिप्टी सीएम भी होंगे। इसके लिए प्रेम चंद बैरवा और दीया कुमारी के नाम पर मुहर लगी है। स्पीकर के लिए वासुदेव देवनानी का नाम फाइनल किया गया है।

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। वसुंधरा ने चुनावी नजीतों के बाद पार्टी के कई विधायकों को डिनर पार्टी दी थी, जिसे दबाव की राजनीति के तौर पर देखा गया था। हालांकि, नड्डा से मुलाकात के बाद वसुंधरा के सुर बदले-बदले नजर आए थे और उन्होंने खुद को पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता बताया था।

 

 

विधायक दल की बैठक में चुना गया नेता 
इसके बाद पार्टी ने राज्य के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी थी। उन्हें राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी सस्पेंस पर विराम लगाने और विधायक दल का नेता चुनने के लिए सभी की सहमति बनाने का जिम्मा सौंपा गया था। इसके बाद मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में भजन लाल शर्मा को चुना गया। 

विधायक बने सांसदों के इस्तीफे ने बढ़ा दी थी सरगर्मी 
इससे पहले राजस्थान के राजसमंद की सांसद दीया कुमारी, जयपुर के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा और अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि पार्टी वसुंधरा के अलावा किसी दूसरे चेहरे पर दांव खेल सकती है। 

21 सांसदों को उम्मीदवार बनाया था 
भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में कुल 21 सांसदों को उम्मीदवार बनाया था। इनमें से 12 ने जीत दर्ज की है। भाजपा ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में सात-सात, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में तीन सांसदों को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा था। 

मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में चौंकाया 
इससे पहले भाजपा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाकर सभी चौंका दिया था। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। यह भी तय किया गया कि मध्य प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री भी होंगे। इनके लिए जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला का चुना गया। जगदीश देवड़ा मल्हारगढ़ और राजेंद्र शुक्ला रीवा से विधायक हैं। इसके अलावा स्पीकर पद के लिए नरेंद्र सिंह तोमर के नाम का एलान किया गया था। 

वहीं, छत्तीसगढ़ में भाजपा ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री के लिए चुनकर सियासी गलियारे में हलचल मचा दी थी। इसके साथ ही यह भी बताया गया कि राज्य में दो डिप्टी सीएम होंगे और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह स्पीकर हो सकते हैं।  

25 नवंबर को मतदान, तीन दिसंबर को आए थे नतीजे 
राजस्थान में करणपुर विधानसभा सीट को छोड़कर बाकी सभी 199 सीटों पर 25 नवंबर को चुनाव कराए गए थे।इसके नतीजे 3 दिसंबर को आए। राजस्थान विधानसभा चुनाव के सियासी घमासान में कांग्रेस को पछाड़ कर भाजपा ने 115 सीटें जीतीं। वहीं कांग्रेस को 69 सीटें ही मिल सकीं। इसके अलावा 15 सीटें अन्य के खाते में गईं।

भजन लाल शर्मा होंगे राजस्थान के नए सीएम, विधायक दल की बैठक में हुआ फैसला

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दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों ने विधायक दल की बैठक के बाद सांगानेर से विधायक भजनलाल शर्मा का नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री के लिए तय कर लिया है. भाजपा आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया था, राजस्थान में नए सीएम को लेकर सस्पेंस अब खत्म हो गया है. सांगानेर सीट से विधायक बने भजनलाल शर्मा ही राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे. दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों ने विधायक दल की बैठक के बाद भजनलाल शर्मा का नाम तय कर लिया है. भाजपा आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया था. आज दोपहर तीनों नेता जयपुर पहुंचे, विधायकों संग बैठक की. आज दोपहर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे से वन टू वन मीटिंग की थी. उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राजनाथ सिंह से फोन पर बात की थी.
बताते चलें कि राजस्थान का रण जीतने के बाद भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि सीएम किसे चुना जाए. लेकिन सीएम पद की यह रेस अब थम गई है. इस रेस में कई नाम चल रहे थे. इस लिस्ट में सबसे पहला नाम वसुंधरा राजे का चल रहा था. वो पहले भी राजस्थान की कमान संभाल चुकी हैं. इसके अलावा राजस्थान में हिंदुत्व के पोस्टर बॉय बन गए बाबा बालकनाथ के नाम पर भी चर्चा थी वहीं गजेंद्र शेखावत, सीपी जोशी, दीया कुमारी और राजवर्धन राठौड़ जैसे नाम भी रेस में थे.

छात्र राजनीति से शुरुआत,मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव,मां सीता पर दिया था विवादित बयान,, पढ़ें मोहन की कहानी

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मप्र के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव का नाम चौंकाने वाला रहा। इसके साथ ही मध्यप्रदेश का सीएम बनने की दौड़ से सभी नाम बाहर हो गए। अब मप्र की कमान मोहन यादव के हाथ में रहेगी। यानी प्रदेश में अब शिव का राज नहीं मोहन राज होगा। मोहन यादव ने अपने राजनीति सफर की शुरुआत छात्र जीवन से की थी। अब वे प्रदेश के सत्ता के शीर्ष पर विराजमान हो गए हैं।

 

छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत करने वाले डॉ. मोहन यादव को भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। अगले पांच साल के लिए डॉ. मोहन यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके अलावा जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं नरेंद्र सिंह तोमर को एमपी विधानसभा स्पीकर की जिम्मेदारी दी गई है। डॉ. मोहन यादव 2013 और 2018 के बाद 2023 में भी उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनाव जीते हैं। डॉ. मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था। उनके पिता पूनमचंद यादव और माता लीलाबाई यादव हैं। उनकी पत्नी सीमा यादव हैं।

 

मोहन यादव की शिक्षा और करियर
डॉ. मोहन यादव माधव विज्ञान महाविद्यालय से पढ़ाई की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री रहे हैं। 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए थे। भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य रहे हैं। मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण केप्रमुख, पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं।

कांग्रेस के इन आरोपों का कर चुके हैं सामना
उज्जैन के मास्टर प्लान को लेकर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए थे। कहा था कि मोहन यादव ने अपने परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए मास्टर प्लान को गलत तरीके से पास कराया है। यादव ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। लोगों ने भी इनआरोपों को गंभीरता से नहीं लिया और मोहन यादव को ही दोबारा विधायक बनाकर भोपाल भेजा है।

इन मामलों में रहे चर्चा में
माता सीता को लेकर एक विवादित बयान भी चर्चा में रहा है। उन्होंने कहा था कि मर्यादा के कारण भगवा राम को सीता को छोड़ना पड़ा था। उन्होंने वन में बच्चों को जन्म दिया। कष्ट झेलकर भी राम की मंगलकामनना करती रहीं। आज के दौर में ये जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है।

Madhya Pradesh CM: मोहन यादव होंगे मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री; सस्पेंस आखिरकार खत्म.

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मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी कौन संभालेगा, इसे लेकर कई दिनों से जारी सस्पेंस आज खत्म हो गया। विधायक दल की बैठक में मोहन यादव के नाम पर सहमति बन गई है। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। मोहन यादव को संघ का करीबी बताया जाता है। यादव उज्जैन दक्षिण से सीट से 2013, 2018 और 2023 में चुनाव जीत चुके हैं।

जानकारी के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान ने ही मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव विधायक दल की बैठक में किया था। इस एलान के साथ ही सभी कयासों पर विराम लग गया है। अब सूबे की कमान मोहन यादव के हाथों में होगी। सूत्रों का कहना है कि मोहन यादव का नाम आरएसएस ने ही दिल्ली हाईकमान को प्रस्तावित किया था। इसके बाद इनके नाम पर सहमति बन गई। नाम की घोषणा से बाद सबसे पहले संघ ने ही यादव को बधाई दी। उन्होंने भरे समारोह में फोन उठा कर बधाई स्वीकार भी की।

मध्यप्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री भी होंगे। इनमें जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला शामिल हैं। जगदीश देवड़ा मल्हारगढ़ और राजेंद्र शुक्ला  बिजावर से विधायक हैं। इसके अलावा स्पीकर पद के लिए नरेंद्र सिंह तोमर के नाम का एलान किया गया है।

यादव का विवादों से भी रहा है नाता-

मोहन यादव शिवराज सिंह चौहान की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री का पद संभाल चुके हैं। वह साल 2013 में पहली बार विधायक बन कर आए थे। मोहन यादव एबीवीपी और संघ से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। साल 1984 में मोहन यादव छात्र संघ के अध्यक्ष और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री चुने गए थे।

मध्यप्रदेश के नए सीएम मोहन यादव का विवादों से काफी पुराना नाता रहा है। साल 2020 में उपचुनाव के समय असंयमित भाषा के प्रयोग के कारण चुनाव आयोग ने उनपर एक दिन के लिए प्रचार करने पर प्रतिबंधित लगा दिया था।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह में पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह, उत्तराखंड को लेकर कह दी ये बात

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उत्तराखंड में आयोजित दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दूसरे और अंतिम दिन शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दूसरे दिन पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन, इंफ्रास्ट्रक्चर, वन एवं सहयोग क्षेत्र, उद्योग-स्टार्टअप, आयुष व वेलनेस, सहकारिता एवं खाद्य प्रसंस्करण विषय पर छह सत्र आयोजित किए गए।

 

इस खास मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के समापन सत्र में भाग लिया और संबोधन दिया। इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि मैंने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी से लक्ष्य के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि 2 लाख करोड़ रुपये, लेकिन आज 3.5 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। मैं इसके लिए राज्य प्रशासन को बधाई देना चाहता हूं। सीएम धामी के नेतृत्व में प्रदेश ने कमाल किया है।

 

दुनिया के सामने उदाहरण बनेगा उत्तराखंड

गृह मंत्री शाह ने कहा कि अब उत्तराखंड बनेगा। इसका विकास होगा और इसकी अलग पहचान बनेगी। ये इन्वेस्टर्स समिट दुनिया भर में यह एक मजबूत उदाहरण है कि यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता से समझौता किए बिना और पर्यावरण-अनुकूल तरीकों का पालन करके खुद को व्यापार से जोड़ सकता है।

बतौर गृह मंत्री अमित शाह, सीएम धामी कहते हैं कि यहां कुदरत है…देव हैं…लेकिन मैं इसके साथ ये भी कहूंगा कि यहां भ्रष्टाचार मुक्त शासन भी है। जोकि इनवेस्टमेंट मुक्त निवेश के लिए भी जरूरी है। कहा कि पारदर्शिता उत्तराखंड का स्वभाव है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि वह निश्चिंत होकर राज्य में निवेश करें, उन्हें भ्रष्टाचार नहीं मिलेगा।

 

कई हस्तियां भी बनीं निवेशक सम्मेलन की गवाह

निवेशक सम्मेलन में निवेशकों के अलावा कवि, लेखक व गीतकार प्रसून जोशी, पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष चिदानंद मुनि व अलग-अलग क्षेत्रों की मशहूर हस्तियां भी गवाह बनीं। सम्मेलन में प्रदेश सरकार के सात मंत्रियों के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत, विजय बहुगुणा, तीरथ सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण, टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी, अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा, पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, पार्टी विधायक खजानदास, विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव पुंडीर, पार्टी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान, प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी समेत कई अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

परमार्थ निकेतन जाएंगे गृहमंत्री

परमार्थ निकेतन में गृहमंत्री अमित शाह के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एसएसपी पौड़ी, टिहरी व एसपी चमोली ने पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को ब्रीफ किया। आज शनिवार शाम गृहमंत्री अमित शाह का परमार्थ निकेतन की आरती में शामिल होने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। अमित शाह का हेलिकॉप्टर वेद निकेतन के समीप हेलीपैड पर पर लैंड करेगा। यहां से वह कार से परमार्थ निकेतन पहुंचेंगे। इस दौरान पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी।

‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ बना उत्तराखंड के उत्पादों का ब्रांड, पीएम मोदी ने किया लॉन्च

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राज्य के सभी उत्पादों को अब एक नाम से पहचाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान हाउस ऑफ हिमालयाज की लांचिंग की। अभी तक हिमाद्री, हिलांस, ग्राम्यश्री जैसे तमाम उत्पाद अलग-अलग नाम से बाजार में जाते हैं, लेकिन अब सभी हाउस ऑफ हिमालयाज के नाम से पहचाने जाएंगे।

फरवरी में धामी कैबिनेट ने एक निर्णय लिया था कि प्रदेश के सभी उत्पादों की क्वालिटी, मार्केटिंग व ब्रांडिंग के लिए समिति का गठन किया जाए। इस आधार पर एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति ने हाउस ऑफ हिमालयाज नाम पर मुहर लगाई। इस नाम का रजिस्ट्रेशन करा दिया गया है। ट्रेडमार्क के लिए आवेदन भी कर दिया गया है।

सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा ने बताया कि अब हाउस ऑफ हिमालयाज उत्तराखंड का ब्रांड होगा। हिमाद्री, हिलांस समेत तमाम समितियों, स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को इसी ब्रांड नाम के साथ बाजार में उतारा जाएगा। इससे न केवल राष्ट्रीय, बल्कि भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उत्पादों को बेहतर बाजार मिलेगा।अपर सचिव ग्राम्य विकास नितिका खंडेलवाल ने बताया, हाउस ऑफ हिमालयाज उत्तराखंड का ब्रांड नाम हो गया है। जैसे टाटा या अन्य कंपनियों का एक नाम चलता है और विभिन्न उत्पाद बाजार में आते हैं। उसी तरह यह ब्रांड नाम चलेगा। उन्होंने कहा, सभी उत्पादों की अपनी पहचान के साथ हाउस ऑफ हिमालयाज का टैग उनके साथ रहेगा।

Uttarkashi Tunnel: 2 रोबोट जाएंगे सुरंग के अंदर, कल फिर होगी ड्रोन उड़ाने की कवायद .

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 दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे  41 श्रमिकों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। रेस्क्यू ऑपरेशन का आज नौवां दिन है। अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी आज उत्तरकाशी पहुंचे हैं। उन्होंने भी यहां पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
कल फिर होगी ड्रोन उड़ाने की कवायद-

ऑपरेशन सिल्क्यारा के तहत कल यानी मंगलवार को विशेषज्ञों की टीम अत्याधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल करेगी। इसके लिए जहां डीआरडीओ के 70 किलो के दो रोबोट पहुंच चुके हैं, वहीं ड्रोन को भी नए सिरे से उड़ाया जाएगा। एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने कहा, सुरंग के भीतर डीआरडीओ के 2  रोबोट आए हैं, जिनमें एक 50 किलो और दूसरा 20 किलो का है। कहा कि, ड्रोन पहले दिन अच्छे नतीजे नहीं दे पाया। लेकिन न अब उन्हें मंगलवार को फिर से उड़ाया जाएगा।

57 मीटर लंबा पाइप हुआ सुरंग के आर पार-

सिल्क्यारा सुरंग में 6 इंच का एक अतिरिक्त पाइप आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रिल किया जा रहा था। वह अब आर-पार हो गया है। इसकी कुल लंबाई 57 मीटर है। इस पाइप से मजदूरों को खाद्य सामग्री भेजी जाएगी। पहले लगाया गया पाइप छोटा होने की वजह से उन्हें केवल ड्राई फ्रूट और मुरमुरे ही भेजे जा रहे थे। अब उन्हें अन्य खाने की वस्तुएं भी भेजी जा सकेंगी।

2 रोबोट पहुंचे सिल्क्यारा-

एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशू मनीष ने कहा कि डीआरडीओ ने 20 किलो और 50 किलो वजन वाले दो रोबोट भेजे हैं। रोबोट जमीन पर चलते हैं और जमीन रेत की तरह काम कर रही है, हमें आशंका है कि रोबोट वहां चल पाएंगे या नहीं।

रोबोटिक्स मशीन पहुंची सिल्क्यारा-

उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए रोबोटिक्स मशीन सिल्क्यारा सुरंग स्थल पहुंच गई है। बीतते वक्त के साथ खतरा बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई जा रही है।

दो से तीन दिन में पूरी हो सकेगी ड्रिल-

सुरंग के ऊपर ड्रिलिंग के लिए जगह चुन ली गई है। 1.2 मीटर डायमीटर की ड्रिल होगी। जिसका सेटअप अगले 24 घंटे में होने की संभावना है। अब दो से तीन दिन में ड्रिल पूरी हो सकेगी।

क्या कहा अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने- 
अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स आज उत्तरकाशी पहुंचे। उन्होंने यहां पर निरीक्षण करने के बाद कहा कि हम श्रमिकों को बाहर निकालने की कोशिश में जुटे हैं। कहा कि मेरे साथ हिमालय भूविज्ञान के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ हैं। हमें तुलना करने की आवश्यकता है। हमने यहां सुरंग के ऊपर जो देखा है और जो हम जानते हैं कि सुरंग के अंदर क्या हो रहा है। हम उन 41 लोगों को बचा रहे हैं और ऐसा करते समय हम किसी को भी चोट नहीं पहुंचने देंगे। यह किसी भी जटिल काम की तरह है। जहां हमें चारों ओर ऊपर से नीचे तक देखना होता है। यहां की टीम बचाव पर इतना ध्यान केंद्रित कर रही है और इतना ध्यान केंद्रित कर रही है कि किसी और को चोट न पहुंचे। फिलहाल, यह सकारात्मक दिख रहा है। हम सभी एक टीम हैं। टनल के ऊपर 320 मीटर दूरी पर टीम ने ड्रिल के लिए स्थान चुना है। यहां से 89 मीटर गहराई तक ड्रिल होगी।

उत्‍तरकाशी टनल में 41 जान: मजदूरों का फूटा गुस्सा, बोले- मजदूर नहीं टनल बचाना चाहते हैं.

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देहरादून: उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को लेकर कंपनी की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। सिल्क्यारा सुरंग में 40 नहीं बल्कि 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। मजदूरों के फंसने के सातवें दिन यह खुलासा हुआ है जिससे साफ जाहिर होता है कि एनएचआईडीसीएल और निर्माण कंपनी नवयुग कंस्ट्रक्शन ने इस मामले में कितनी बड़ी लापरवाही की है। डीएम अभिषेक रोहिल्ला के अनुसार, बिहार मुजफ्फरपुर निवासी श्रमिक के बारे में पता चला है कि वह भी सुरंग में फंसा हुआ है।
सिल्क्यारा सुरंग में 12 नवंबर की सुबह से श्रमिक फंसे हुए हैं। पूर्व में कंपनी ने 40 श्रमिकों की सूची जारी की थी, लेकिन शनिवार सुबह यह बड़ा खुलासा हुआ है कि सुरंग में 40 नहीं बल्कि 41 मजदूर फंसे हुए हैं। 41वें श्रमिक की पहचान बिहार मुजफ्फरपुर के गिजास टोला निवासी दीपक कुमार के रूप में हुई है।

सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में देरी से साथी मजदूरों में आक्रोश है। शनिवार को मजदूरों ने सुरंग निर्माण से जुड़ी एनएचआईडीसीएल व निर्माण कंपनी नवयुगा के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कंपनी गरीब मजदूरों को नहीं बल्कि सुरंग बचाना चाहती है। इसी कारण मजदूरों को बाहर निकालने में देरी की जा रही है। अंदर फंसे उनके साथियों का हौसला टूट रहा है और वह रो रहे हैं। 

अंदर फंसे साथियों की चिंता कर रहे कुछ मजदूर रोने लगे, जिन्हें अधिकारियों ने ढांढस बंधाया। यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन शनिवार को सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है। लेकिन अब तक कोई सफलता मिलती नजर नहीं आ रही है। इससे गुस्साए मजदूरों ने शनिवार को एकजुट होकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत प्रसाद के नेतृत्व में एनएचआईडीसीएल व नवयुगा कंपनी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी प्रशांत ने आरोप लगाया कि कंपनी यहां मजदूरों को नहीं बल्कि सुरंग को बचाना चाहती है। मजदूर हंसराज ने कहा कि यहां रेस्क्यू ऑपरेशन को गंभीरता से नहीं चल रहा है। अधिकारी पिकनिक मना रहे हैं। चंदन ने कहा कि अंदर फंसे उनके साथियों का हौसला अब टूट रहा है और वह रो रहे हैं। कहा कि एक मशीन फेल हो रही है तो दूसरी आती है। अंदर फंसे आदमी को कैसे समझाएं। वह तो यही कहते हैं कि हमको निकाल लो भाई।

चंदन ने बताया कि उनका इलेक्ट्रिशियन दोस्त सोनू कुमार हिम्मत हार रहा है। वह कह रहा है कि हमें कब तक बाहर निकालोगे, अंदर दम घुट रहा है। मजदूरों ने बैठक कर रहे अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। बाद में एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक मोहम्मद अहमद व अधिशासी निदेशक संदीप सुगेरा ने रेस्क्यू के तहत किए जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। 

ईडी संदीप सुगेरा ने कहा कि अंदर फंसे सभी लड़के उनके बच्चें की तरह हैं। वह भी उन्हें सुरंग से जल्द से जल्द बाहर निकालने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने रेस्क्यू के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। प्रबंधक निदेशक मोहम्मद अहमद ने सभी मजदूरों से रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयेाग की अपील की। इस दौरान अंदर फंसे साथियों की चिंता कर रहे कुछ मजदूर रोने लगे। जिन्हें ईडी]संदीप सुगेरा ने ढांढस बंधाया कि सब को जल्द बाहर निकालेंगे।

J&k: जम्मू-कश्मीर में भयानक हादसा, 36 लोगों की मौत, 19 लोग बुरी तरह घायल.

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डोडा में एक बस अनियंत्रित होकर करीब 300 फीट गहरी खाई में जा गिरी है। इस हादसे में 36 लोगों मौत हो गई है जबकि 19 लोग घायल हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर शोक जताया है।

श्रीनगर- जम्मू संभाग के जिला डोडा में बड़ा सड़क हादसा हो गया है। जिले के अस्सर में एक बस अनियंत्रित होकर करीब 300 फीट गहरी खाई में जा गिरी। बस किश्तवाड़ से जम्मू की ओर जा रही थी। हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई है जबकि 19 लोग घायल हो गए हैं। सभी घायलों को किश्तवाड और डोडा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से घायलों को एयरलिफ्ट कर जम्मू भेजा गया है।

ओवरटेक के चलते हुआ हादसा-

पुलिस ने बताया कि शुरुआती जानकारी में पता चला है कि इस मार्ग पर तीन बसें एक साथ चल रही थी और एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में यह बड़ा हादसा हो गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे पर दुख जताया-

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि इस घटना से बेहद दुखी हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करता हूं। बता दें कि उपराज्यपाल ने सभी घायलों को तुरंत मदद पहुंचाने का निर्देश दिया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने भी जताया दुख-

गृहमंत्री शाह ने भी हादसे पर दुःख जताया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के डोडा में सड़क हादसे की घटना जानकर बहुत दुख हुआ। स्थानीय प्रशासन उस खाई में बचाव अभियान चला रहा है जहां बस हादसे का शिकार हुई है। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।

विधानसभा में ये क्या बोल गए CM नीतीश कुमार, मुंह दबाकर हंसने लगे पुरुष विधायक; झेंप गईं महिलाएं

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Nitish Kumar Viral Statement- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पेश की। जब जाति आधारित गणना पर चर्चा चल रही थी तो सीएम नीतीश कुमार ने ऐसा बयान दे दिया, जिसे सुन हर कोई हैरान है। इस दौरान उन्होंने प्रजनन दर पर भी चर्चा की। चर्चा के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने पति-पत्नी के बीच बनने वाले शारीरिक संबंधों पर टिप्पणी की। उनके बयान सुन पूरे सदन का माहौल एकाएक बदल गया। पुरुष विधायक हंसने लगे तो महिलाएं झेंप गईं।

सदन में बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि सब लोग ठीक से समझ लीजिए। यहां जो पत्रकार लोग बैठे हैं, वो लोग भी समझ लें। दरअसल, नीतीश कुमार ने प्रजनन दर पर चर्चा करते हुए हाथों से कुछ इशारे किए और कहा, “हम चाहते हैं लड़की पढ़ाई करे। जब शादी होगा लड़का-लड़की में, तो जो पुरुष है वो तो रोज रात में करता है ना… तो उसी में और (बच्चा) पैदा हो जाता है। और लड़की पढ़ लेती है तो उसको मालूम रहेगा कि ऊ (पति) करेगा ठीक है, लेकिन अंतिम में भीतर मत घुसाओ, उसको बाहर कर दो। उसी वजह से संख्या घट रही है।
पूरे सदन में इस बयान के दौरान अजीब स्थिति देखने को मिली. नीतीश कुमार जब जनसंख्या नियंत्रण पर ज्ञान दे रहे थे, उस वक्त उनके पीछे बैठे मंत्री और विधायक मुस्कुरा रहे थे। हालांकि जब उन्हें लगा कि नीतीश कुमार कंट्रोल खो दिए हैं, तो वो झेंप गए। जिस वक्त नीतीश कुमार सदन में बोल रहे थे, उस वक्त महिला विधायक भी मौजूद थीं।
अपने संबोधन में नीतीश ने कहा कि 2011 की जनगणना की तुलना में साक्षरता दर 61 फीसदी से बढ़कर 79 फीसदी से ऊपर हो गई है.महिला शिक्षा की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है. मैट्रिक पास संख्या 24 लाख से बढ़कर 55 लाख से ऊपर है. इंटर पास महिलाओं की संख्या पहले 12 लाख 55 हजार थी. अब 42 लाख से ऊपर है. ग्रैजुएट महिलाओं की संख्या 4 लाख 35 हजार से बढ़कर 34 लाख के पार हो गई है.
 
बीजेपी विधायकों ने सीएम को घेरा
नीतीश के बयान पर विधायकों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. पूरे सदन में इस बयान के दौरान अजीब स्थिति देखने को मिली. महिला विधायक इसपर नाराज दिखीं. वहीं कुछ अन्य विधायक हंस रहे थे. नीतीश के बयान पर विधायकों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. बीजेपी नेता तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि इस बात को सीएम और अच्छे तरीके से कह सकते थे. वहीं बीजेपी विधायक निक्की हेम्ब्रम ने कहा कि इस बात को सीएम मर्यादित तरीके से कह सकते थे. महिलाओं के प्रति उनके मन में सम्मान नजर नहीं आया.