Category Archive : धर्म संस्कृति

Chardham Yatra: इस बार नए पथ से बद्रीनाथ पहुंचेंगे तीर्थयात्री, 12 मई को खुलेंगे कपाट।

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इस साल बद्रीनाथ धाम की यात्रा 12 मई से शुरू हो रही है। ऐसे में बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्य तेजी से चल रहे हैं। यहां आस्था पथ में भी बदलाव किया गया है। बदरीनाथ धाम तक पहुंचने वाला पुराना आस्था पथ ध्वस्त होने के कारण अब साकेत तिराहे से अलकनंदा किनारे से होते हुए करीब 100 मीटर का नया रास्ता बनाया जा रहा है।

इस मार्ग को नगर पंचायत बदरीनाथ की ओर से अंतिम रूप दिया जा रहा है। वहीं, बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए भी करीब 300 मीटर नए रास्ते का निर्माण किया जा रहा है। यहां रीवर फ्रंट के कार्यों से पुराना रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया है।

बदरीनाथ धाम परिसर के इर्द-गिर्द होटल, धर्मशाला और आवासीय मकान थे। अब उन्हें हटा दिया गया है। इन दिनों लोक निर्माण विभाग पीआईयू की ओर से मलबे का निस्तारण भी कर रहा है।
साथ ही नगर पंचायत के 45 पर्यावरण मित्र बदरीनाथ धाम पहुंच गए हैं। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने बताया कि धाम में नए आंतरिक मार्गों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। साकेत तिराहा से नए मार्ग का निर्माण अंतिम चरण में है।

उधर, बदरीनाथ धाम की यात्रा को लेकर इन दिनों तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। जहां प्रशासन की ओर से व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। वहीं बीकेटीसी की ओर से मंदिर की साज सज्जा, सफाई व अन्य कार्य शुरू कर दिए गए हैं।

इसी के तहत समिति की ओर से इन दिनों बदरीनाथ धाम में साफ सफाई के साथ नक्काशीदार लकड़ियों पर रंगरोगन कार्य कराया जा रहा है।

Holi 2024: उत्तराखंड में यहां भक्तों ने खेली भस्म की होली, जयकारों से गूंजी भोलेनाथ की नगरी, देखें तस्वीरें

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Holi: आस्था और पर्यटन का संगम कही जाने वाली बाबा भोलेनाथ की नगरी उत्तरकाशी होली के रंग में रंग चुकी है। उत्तरकाशी में आज छोटी होली की सुबह बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में भस्म की होली के साथ होली के त्योहार का शुभारंभ हुआ।

उत्तरकाशी में बाबा काशी विश्वनाथ प्रांगण से भस्म की होली के साथ पूरे जनपद में होली शुरू होती है। रविवार सुबह भोलेनाथ के भक्त मंदिर में एकत्रित हुए। जहां मंदिर के महंत अजय पुरी ने पहले स्वयंभू शिवलिंग पर भस्म लगाकर उनका आशीर्वाद लिया। उसके बाद सभी भक्तों पर भस्म लगाकर होली शुरू हुई।

सभी भक्तों ने आपस में भस्म लगाकर एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी। उसके बाद बाबा काशी विश्वनाथ मंडली की और से होली और बसंत के गीत गाए गए। वहीं, भस्म लगाकर शिव भक्त जमकर झूमे।
महंत अजय पुरी ने बताया कि जहां आज के समय में रसायनिक होली का प्रचलन बढ़ गया है। ऐसे समय में भोलेनाथ के दरबार से भस्म की होली खेलकर यह संदेश दिया जा रहा है कि हम रसायनिक रंग छोड़ प्राकृतिक रंगो का प्रयोग करें।
भस्म होली के बाद मंदिर में प्रसाद वितरण का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीं इस मौके पर देश के विभिन्न प्रदेशो से आए श्रद्धालु भी भस्म होली के गवाह बने। कहा कि उत्तरकाशी कलयुग की काशी कही जाती है।
कलयुग में बाबा काशी विश्वनाथ अस्सी वरुणा नदी के बीच वरुणावत पर्वत की तलहटी में निवास करेंगे। वहीं, भस्म होली के गवाह बने दिल्ली के पर्यटकों का कहना है कि उन्होंने भस्म की होली पहली बार देखी है। यह उनके जीवन का अनमोल अनुभव है। उन्होंने बाबा काशी विश्वनाथ से देश मे खुशहाली की कामना की।

Kedarnath Dham: 10 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर घोषित हुई तिथि।

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महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर आज शुक्रवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि पंचांग गणना से तय कर घोषित की गई। 10 मई को बाबा केदार के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

बाबा केदार के कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति के चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से अपने धाम के लिए प्रस्थान का दिन भी तय हुआ।

बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डां. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया, आठ मार्च को महाशिवरात्रि पर्व पर ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में सुबह नौ बजे से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुए।

बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मौजूदगी में केदारनाथ के रावल भीमाशंकर के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित की।

Badrinath Dham: 12 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट, बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर घोषित की गई तिथि

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बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को ब्रह्ममुहुर्त में सुबह 6 बजे खुलेंगे। आज बसंत पंचमी के अवसर पर नरेंद्रनगर (टिहरी) स्थित राजदरबार में कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई।

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करने की प्रक्रिया के लिए गाडूघड़ा (तेल-कलश) श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर डिम्मर से मंगलवार शाम श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के चंद्रभागा स्थित विश्राम गृह पहुंच गया था। जहां श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति सहित श्रद्धालुओं ने तेल-कलश का स्वागत किया।

बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की ओर से गाडूघड़ा राजमहल को सौंपा गया। इसके बाद राजमहल से गाडूघड़ा में तिल का तेल पिरोया गया।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व तिल का तेल पिरोने के बाद गाडूघड़ा नरेंद्रनगर राजदरबार से डिम्मर होते हुए श्री नृसिंह मंदिर, योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा। कपाट खुलने के बाद यह तेल-कलश भगवान बदरी विशाल के नित्य अभिषेक के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।

Haridwar: 5 साल के बच्चे को हरकी पैड़ी लेकर पहुंचे परिजन, ब्रह्मकुंड पर गंगा में डुबोकर ले ली जान.

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हरिद्वार में बुधवार को सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां एक परिवार ने अपने ही पांच साल के बच्चे को हरकी पैड़ी पर गंगा में डुबोकर मार डाला। पुलिस ने फिलहाल बच्चे के शव को कब्जे में ले लिया है।  

पुलिस के अनुसार, घटना बुधवार दोपहर की है। एक परिवार बच्चे को लेकर हरकी पैड़ी पर आया। बच्चे की मां के अलावा अन्य परिजन भी साथ थे। उन्होंने बच्चे को ब्रह्मकुंड में ले जाकर डुबो दिया। इतना ही नहीं उसे लगातार डुबोते रहे। आस-पास के लोगों ने जब ये देखा वहां अफरा-तफरी मच गई। बच्चे को तुरंत बाहर निकाला गया।

सूचना मिलने पर नगर कोतवाली प्रभारी भावना कैंथोला, हरकी पैड़ी चौकी इंचार्ज संजीव चौहान टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कोतवाली प्रभारी भावना कैंथोला ने बताया कि शव को कब्जे में ले लिया गया है। साथ में आए परिजनों को हिरासत में लेते हुए पूछताछ शुरू कर दी गई है। उनके बात के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

भीड़ ने आरोपियों को पकड़ा-

घटना का पता लगते ही मौके पर सैकड़ों लोगों की भीड़ वहां जुट गई। इस दौरान लोगों ने आरोपियों को पकड़ लिया और पीट दिया।

Ram Mandir: राम मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, ढाई लाख से ज्यादा लोग कर चुके हैं दर्शन।

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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए श्री रामजन्मभूमि मंदिर के बाहर सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए। इस बीच यह बात सामने आई क‍िअयोध्या में श्रद्धालुओं की कई किलोमीटर लंबी भीड़ की वजह से रामलला के दर्शन अस्थाई रूप से बंद कर द‍िए गए हैं। हालांक‍ि, यह बात पूरी तरह से गलत है। अयोध्‍या पुल‍िस ने इस खबर को भ्रामक बताते हुए इसका खंडन क‍िया है।
अयोध्‍या पुल‍िस ने अपने ऑफ‍िशि‍यल एक्‍स हैंडल पर इस खबर का खंडन करते हुए ल‍िखा, ”कतिपय सोशल मीडिया के माध्यम से असत्य खबर फोटो के साथ सार्वजनिक रुप से प्रसारित की जा रही है कि जनपद अयोध्या में श्रद्धालुओं की कई किलोमीटर लम्बी भीड़ की वजह से श्री रामलला के दर्शन अस्थाई रूप से बंद किया गया है। अयोध्‍या पुल‍िस इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खण्डन करती है।”
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा कर्मी तैनात, पुल‍िस ने कहा- धैर्य न खोएं

बता दें, अयोध्या के राम मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ को संभालने के ल‍िए पुल‍िस बल को काफी मशक्‍कत करनी पड़ी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए श्री राम जन्मभूमि मंदिर के बाहर सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए। इस बीच लखनऊ जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की। उन्‍होंने कहा क‍ि लोगों की संख्या ज्यादा है, इसलिए लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। सभी के दर्शन होंगे, भारी वाहनों को डायवर्ट किया गया है, जिससे लोगों को परेशानी न हो।”

मंदिर के ‘गर्भ गृह’ में मौजूद प्रमुख सचिव गृह और विशेष डीजी कानून और व्यवस्था

अयोध्या राम मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों की आमद के साथ, यूपी के प्रमुख सचिव, गृह, संजय प्रसाद और विशेष डीजी कानून और व्यवस्था, प्रशांत कुमार भक्तों की व्यवस्थित आवाजाही की निगरानी के लिए मंदिर के ‘गर्भ गृह’ के अंदर मौजूद हैं।

पहली बार यहां हुई श्री राम और रावण की एक साथ पूजा, लंकापति के मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा.

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अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो सोमवार को ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख स्थित शिव मंदिर में वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की गई। रावण की जन्मस्थली कहे जाने वाले बिसरख के प्राचीन शिव मंदिर में पहली बार भगवान श्री राम परिवार के साथ विराजमान हो गए।

अब तक इस शिव मंदिर में शिवलिंग ही था और इसे लोग रावण मंदिर के नाम से जानते थे। इस दौरान गांव का माहौल पूरी तय राममय था और बच्चों, महिलाओं व लोगों की जुबान पर राम नाम रहा। वहीं, कुछ साल पहले ही शिव मंदिर के पास ही रावण मंदिर का भी निर्माण कराया गया है। जिसमें रावण की प्रतिमा स्थापना की गई है।

मंदिर परिसर में सुबह से ही जय श्रीराम के जयकारों की गूंज के बीच भक्तों ने राममूर्ति स्थापना से पहले गांव के सभी गलियारों से शोभायात्रा निकाली गई। डीजे बज रहे भजनों पर युवा और महिलाएं भी थिरकने से रोक न सकीं। बच्चों, महिलाओं व युवाओं ने हाथों में भगवा झंडा लिए जय श्री राम के जयघोष से वातावरण को राममय बना दिया।  

 

लोगों ने घरों के ऊपर से राम भक्तों की भीड़ पर फूल बरसाएं। अयोध्या में रामलला की मूर्ति की स्थापना के दौरान ही मंदिर परिसर में श्री राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्ति स्थापित की गई। राम परिवार की स्थापना के बाद प्रसाद का वितरित किया गया। इस अवसर पर आसपास की सोसायटियों से भी रामभक्त प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल हुए।

 

प्राचीन शिव मंदिर की दीवार पर बनी हैं रावण की प्रतिमा-

 

बिसरख गांव में प्राचीन शिव मंदिर की बाहरी दीवारों पर सीमेंट से रावण व उनके परिवार की बड़ी प्रतिमाएं भी बनी हैं। मंदिर के अंदर प्राचीन शिवलिंग हैं जो बाहर से ही दिखाई देता है। दूर से दूर से लोग आज भी इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।

शिव मंदिर में शिवलिंग का नहीं पाया कोई आकार, चंद्रा स्वामी ने कराई थी खुदाई-

 

ग्रामीण बताते हैं कि जब विश्रवा पंडित के द्वारा शिवलिंग स्थापित करने की बात राजनेता चंद्रा स्वामी के समक्ष आई तो वह पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ पहुंचे और शिवलिंग की खुदाई कराई। मगर करीब 100 फीट खुदाई करने के बाद भी कोई ओर-छोर नहीं मिला था। थक-हारकर खुदाई बंद कर गी गई थी।

 

यह है मान्यता…

बिसरख गांव के लोगों का मानना है कि रावण का नाता बिसरख गांव से माना जाता है। रावण के पिता ऋषि विश्रवा की बिसरख तपोस्थली हुआ करती थी। रावण के जन्म के लिए उन्होंने इसी जगह पर शिवलिंग की स्थापना कर पूजा-अर्चना की थी। रावण के जन्म के बाद वह भी यहां आकर पूजा-अर्चना करते थे।
इसलिए बोलचाल की भाषा में लोग अकसर इस मंदिर को रावण का मंदिर भी कह देते थे। मान्यता तो यह भी है कि बिसरख गांव का नाम भी रावण के पिता विश्रवा पंडित के नाम पर रखा गया था। जिस वजह से लंबे समय तक इस गांव में दशहरा नहीं मनाया गया। हालांकि ग्रामीणों ने कुछ साल पहले गांव में दशहरा मनाना भी शुरू कर दिया है।
शिव मंदिर में श्रीराम परिवार की स्थापना की गई है। इस मंदिर में जो शिवलिंग है उस पर रावण और उनसे पहले रावण के पिता विश्रवा पंडित ने भी पूजा-अर्चना की थी। -रामदाय महाराज, महंत शिवमंदिर बिसरख।

Ayodhya: सील हुई राम नगरी, बिना पास के नहीं मिलेगा प्रवेश, SPG ने कब्जे में लिया आयोजन स्थल.

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प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर रामनगरी सील हो चुकी है। सभी प्रवेश मार्गों पर सुरक्षा घेरा सख्त कर दिया गया है। यहां से बिना पास के किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। सुरक्षा एजेंसियों ने प्रधानमंत्री समेत अन्य अतिथियों के गुजरने वाले मार्ग पर बने मकानों का सत्यापन किया है। इनके छतों पर भी कार्यक्रम के दौरान सशस्त्र जवान मुस्तैद रहेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर रामनगरी का सुरक्षा घेरा सख्त किया गया है। शनिवार की रात से ही जिले समेत अयोध्या धाम की सीमाएं सील कर दी गई हैं। अयोध्या धाम को जाने वाले मार्गों उदया चौराहा, साकेत पेट्रोल पंप, रानोपाली, टेढ़ी बाजार, मोहबरा, बूथ नंबर चार, बालूघाट, नयाघाट, रेलवे स्टेशन आदि पर सुरक्षा व्यवस्था चुस्त रहेगी। यहां सिविल पुलिस के अलावा अर्ध सैनिक बलों के जवान भी तैनात किए गए हैं। किसी को भी यहां से वाहन लेकर अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।

कार्यक्रम स्थल पर सिर्फ अतिथि, व्यवस्था से जुड़े लोग व सुरक्षाकर्मी ही रहेंगे। उदया चौराहा से लेकर लता मंगेश्कर चौक तक दोनों पटरियों पर बैरिकेडिंग की गई है। दुकानों को बंद करने के निर्देश तो नहीं हैं, लेकिन दुकानों के सामने भी बैरिकेडिंग की गई है, जिससे आवागमन बाधित रहेगा। गलियों से प्रवेश करने के मार्ग भी बंद कर दिए गए हैं। प्रत्येक 100 मीटर की दूरी पर सशस्त्र जवान तैनात किए गए हैं। साकेत महाविद्यालय से लेकर सरयू तट तक सड़क के दोनों तरफ बने मकानों में रहने वालों का सत्यापन किया गया है। बिना प्रशासन के अनुमति के यहां किसी को भी पनाह न देने के निर्देश हैं। ड्रोन कैमरों व अन्य तकनीक से इन मकानों में ठहरने वालों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। 

एसपीजी ने कब्जे में लिया कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा-

 
प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व एसपीजी का एक और दल अयोध्या पहुंच गया है। अधिकारियों के साथ बैठक करके उन्होंने कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा व्यवस्था अपने कब्जे में ले ली है। पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में शामिल सभी सुरक्षा एजेंसियों के जवानों की ब्रीफिंग करके दिशा-निर्देश दिए गए हैं। वीआईपी के ठहरने वाले स्थानों व होटलों पर भी सुरक्षा घेरा सख्त किया गया है। यहां भी किसी के आने-जाने व ठहरने को लेकर एजेंसियां सतर्क हैं। 

डायवर्जन प्लान जारी-  

रविवार से रामनगरी में प्रवेश वर्जित होगा। आवश्यक सेवाएं संचालित रहेंगी। सुरक्षा के मजबूत इंतजाम किए गए हैं। अयोध्या के लोग मेजबान हैं, इसलिए व्यवस्था में सहयोग करें। शहर में प्रवेश के लिए डायवर्जन प्लान जारी किया जाएगा।

Ram Mandir: 22 जनवरी को उत्तराखंड में सरकारी दफ्तरों में रहेगी आधे दिन की छुट्टी, जानिए कितने बजे खुलेंगे दफ्तर।

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अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर उत्तराखंड सरकार ने 22 जनवरी को सरकारी दफ्तरों में आधे दिन की छुट्टी घोषित की है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेश के बाद कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा सरकारी कार्यों में आधा दिन का अवकाश किया गया है जो की औचित्यहीन है।

आदेश से नाखुश कर्मचारियों ने कहा कि क्या कर्मचारी शिक्षक पहले प्राण प्रतिष्ठा में भाग लेंगे और 2:30 बजे बाद अपने कार्यालय में आएंगे जोकि असंभव है। सरकार अवकाश पर पुनर्विचार करके 22 जनवरी 2024 को पूरे दिन का अवकाश घोषित करें।

पूरा देश इस समय राममय

भाजपा के राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने भी मुख्यमंत्री से सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का अनुरोध किया था। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा था।बंसल ने अपने पत्र में कहा कि 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है। इसकी उत्तराखंड समेत पूरे विश्व में भव्य आयोजन की तैयारी चल रही है। पूरा देश इस समय राममय है। आस्था और विश्वास का यह महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।

हर व्यक्ति 22 जनवरी का कार्यक्रम देखने को उत्सुक है। प्रत्येक रामभक्त इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह का साक्षी बनना चाहता है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा आदि प्रदेशों में 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है, ताकि लोग धूमधाम से यह उत्सव मना सकें।

Ayodhya : नए सिरे से बस रही है रामनगरी, 4 साल में 10 गुना बढ़ी जमीन की कीमत, जानिए क्या कुछ बदला. 

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चार वर्षों में सरकार अयोध्या में करीब 31 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर इसे नए सिरे से बसा रही है। यह यूपी के किसी भी जिले में इन वर्षों में किए गए निवेश से अधिक ही है। 2017-18 में यहां जमीन के करीब छह हजार सौदे हुए। 2022-2023 में सौदे साढ़े चार गुना बढ़कर 27,000 तक पहुंच गए।
एक साल में ही पर्यटक सवा दो लाख से बढ़कर सवा दो करोड़ हो गए। जमीन की कीमत सिर्फ चार साल में दस गुना बढ़ गई। 30 साल पहले इस शहर में कोई आना नहीं चाहता था। लोग कहते थे, इस नगरी को माता सीता का श्राप लगा है। घर वीरान पड़े थे, क्योंकि नई पीढ़ी नौकरी के लिए दूर चली गई थी। मगर, राममंदिर से खड़े हुए धार्मिक पर्यटन ने नई अयोध्या तैयार कर दी है।

महंगी हो रही जमीन-

प्रॉपर्टी डीलर बृजेंद्र दुबे करीब दस साल से जमीन की खरीद-फरोख्त का काम कर रहे हैं। वह बताते हैं कि जो जमीन चार साल पहले 1,000 रुपये/वर्ग फुट में आसानी से मिल जाती थी, वह आज 4000 रुपये/वर्ग फुट में भी नहीं मिल रही है। पहले इस काम से 10-20 लोग ही जुड़े थे, अब एक हजार से ऊपर हो गए हैं। कोसी परिक्रमा के आसपास जमीन पांच लाख में मिल जाती थी। अब 30 लाख तक में मिल रही है। शहर के अंदर रामपथ पर जमीन के दाम बहुत बढ़े हैं। दो साल में कीमत एक हजार से बढ़कर छह हजार रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई है।

बाजार दर बहुत अधिक, सरकार को हो रहा नुकसान

सरकार का सर्किल रेट कम है और बाजार का रेट बहुत अधिक है। रोजाना सैकड़ों रजिस्ट्री हो रही हैं। इससे सरकार को अच्छी-खासी चपत भी लग रही है। एक अफसर के मुताबिक सर्किल रेट बढ़ाने के लिए कई बार फाइल गई, मगर रुक जा रही है। सरकार का मानना है कि सर्किल रेट बढ़ने से उसे मुआवजा अधिक देना पड़ेगा। हालांकि जितना मुआवजा सरकार को भविष्य में नहीं देना पड़ेगा, उससे अधिक तो राजस्व में नुकसान हो जा रहा है। इसीलिए लक्ष्य के सापेक्ष आय नहीं हो पा रही है। 2023-24 वित्तीय वर्ष में दिसंबर में 1,028.81 लाख रुपये आय हुई, जो तय लक्ष्य का 74.71 फीसदी था।

नए सिरे से बस रही रामनगरी
अयोध्या में अब तक सबसे बड़ी रजिस्ट्री राम मंदिर ट्रस्ट ने कराई है। ट्रस्ट ने बैकुंठ धाम के पास 14 हजार 730 वर्गमीटर जमीन ली। इससे सरकार को 55 करोड़ 47 लाख 800 रुपये का राजस्व मिला। इसके अलावा आवास विकास प्राधिकरण ने टाउनशिप विकसित करने के लिए 1,194 एकड़ जमीन की खरीद की।

. बैनामे में आई कमी : विभागों की ओर से जहां-जहां जमीन का अधिग्रहण किया गया है, वहां जमीन की बिक्री में कमी आई है। दरअसल अधिग्रहण के आसपास की जमीन महंगी हो गई हैं। किसान भी नहीं बेच रहे हैं। इसमें सहादतगंज से नयाघाट मार्ग, गोसाईगंज बाईपास के आसपास के गांव, हवाई पट्टी के आसपास और प्रवेश द्वार राजेपुर उपरहार, दर्शन नगर रेलवे स्टेशन, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग, चौदह परिक्रमा मार्ग और चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के आसपास यही स्थिति है।

लोढ़ा ग्रुप ने सरकार से भी दिए अधिक दाम-
बृजेंद्र दुबे बताते हैं कि लोढ़ा ग्रुप के आने के बाद जमीन के दाम आसमान छूने लगे। इस ग्रुप ने किसानों को सरकार के चार गुना सर्किल रेट के मुकाबले छह गुना तक दाम दिए। इस ग्रुप ने अयोध्या से बाहर रामपुर हलवारा, राजेपुर क्षेत्र के बीच में सोसायटी बनाने के लिए जमीन खरीदी। यहां 2020 तक हाल यह था कि 50 हजार रुपये बिस्वा जमीन मिल रही थी। आज दाम चार लाख रुपये बिस्वा हो गया है।

नौकरी छोड़ अपने शहर लौट रहे युवा
मलावन के अनूप पांडेय गुजरात में नौकरी करते थे। यहां के बढ़ते वैभव व संभावनाओं को देखते हुए नौकरी छोड़ दी और कार खरीदकर पर्यटकों के लिए लगा दी है। कहते हैं, अब घर पर ही रोजगार मिल रहा है। इंजीनियर बृजेश पाठक प्रयागराज से नौकरी छोड़कर आए और आयुर्वेदिक दवा बनाने लगे हैं। अविनाश दुबे ने नौकरी छोड़कर गुड़ बनाने का काम शुरू किया है। 50 रुपये से लेकर 5 हजार रुपये किलो तक गुड़ तैयार कर रहे हैं। गुड़ में स्वर्ण भस्म भी डाल रहे हैं। अरविंद चौरसिया चंडीगढ़ से लौटकर यहां डोसा की दुकान चला रहे हैं।

बानगी हैं तस्वीरें…

तस्वीरें बानगी हैं रामनगरी में आस्था और वैभव के संगम की। पहली तस्वीर महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की है, जो नई अयोध्या है। पहले चरण में इस पर 1450 करोड़ की लागत आई है। छह जनवरी से यहां उड़ान भी शुरू हो गई। अनुमान है कि प्रतिवर्ष लाखों यात्री यहां आएंगे। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन भी अद्भुत बन पड़ा है। वहीं, दूसरी तस्वीर है दुनिया की सबसे बड़ी 108 फुट लंबी अगरबत्ती की। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की मौजूदगी में इसे मंगलवार को प्रज्वलित किया गया। इस अगरबत्ती की खुशबू विकास में डूबी पूरी अयोध्या को 45 दिन तक सुगंधित करती रहेगी। इस अगरबत्ती का वजन 3610 किलो और चौड़ाई 3.5 फुट है। यह पर्यावरण के अनुकूल है। इसके निर्माण में 376 किलो नारियल के गोले, 1470 किलो गाय का गोबर, 420 किलो जड़ी बूटियां और 190 किलो घी का इस्तेमाल किया गया है।