Category Archive : उत्तराखंड

जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख पद के चुनाव के लिए पार्टियों ने कसी कमर, पर्यवेक्षक तैनात

30 Views -

जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख पद पर पार्टी समर्थित प्रत्याशियों के लिए भाजपा रणनीति बनाने में जुटी है। रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर भाजपा अध्यक्ष एवं राज्य सभा सांसद महेंद्र भट्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत नतीजों व जिपं अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख पद चुनाव पर चर्चा की। सीएम आवास में भाजपा अध्यक्ष भट्ट व प्रदेश महामंत्री अजेय कुमार सीएम धामी से मिले।

भट्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायतों में पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की जीत पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। इसके अलावा जिला पंचायत व ब्लाक प्रमुख पदों के चुनाव पर पार्टी समर्थित प्रत्याशी की जीत पर मंथन किया। चुनाव जीते निर्दलीय व बागियों का समर्थन जुटाने के लिए भाजपा ने रणनीति बनाई है।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। देहरादून जिले में सात सीटों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। जबकि 13 सीटों पर कांग्रेस समर्थित व 10 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे। भाजपा देहरादून जिले में भाजपा का जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का दावा कर रही है। भाजपा का तर्क है कि निर्दलीय प्रत्याशी भी भाजपा विचारधारा से जुड़े हैं।

सभी जिलों में पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख पद के चुनाव के लिए कमर कसी ली है। कांग्रेस ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जिलों में तैनात पर्यवेक्षकों से संभावित प्रत्याशियों की रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि पार्टी की ओर पंचायत चुनाव के लिए सभी जिलों में पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया था।

इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, पूर्व मंत्रियों व पूर्व विधायकों की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के दिशा-निर्देश पर सभी पर्यवेक्षकों को अपने-अपने जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद पर संभावित प्रत्याशियों की रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए।

पर्यवेक्षक रिपोर्ट देने से पहले जिलाें के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों, लोकसभा व विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के अलावा जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत के नव निर्वाचित सदस्यों से समन्वय बनाकर संभावित प्रत्याशियों का पैनल तैयार कर प्रदेश मुख्यालय को भेजेंगे। उपाध्यक्ष संगठन धस्माना ने कहा, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख पद पर पारदर्शी तरीके से चुनाव हुए तो प्रदेश में बड़ा उलटफेर होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा धन बल का इस्तेमाल कर किसी तरह से चुनाव जीतने का प्रपंच कर रही है।

धार्मिक स्थलों के लिए बनेगा मास्टर प्लान,भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और जनसुविधाओं के लिए तैयार होगा विस्तृत खाका

22 Views -

हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में 27 जुलाई को हुई दुखद घटना के बाद, मुख्यमंत्री ने तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मंगलवार को प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने सचिव पर्यटन को आदेश जारी कर धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण, प्रवेश-निकास व्यवस्था और जनसुविधाओं के लिए शीघ्र मास्टर प्लान तैयार करने को कहा है।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि जिन धार्मिक स्थलों पर तीर्थयात्रियों की अधिक संख्या रहती है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए और मास्टर प्लान के निर्माण एवं क्रियान्वयन में दोनों मंडलों के मंडलायुक्तों का सहयोग लिया जाए। साथ ही तीर्थ स्थलों के मार्गों पर यदि कोई अवैध अतिक्रमण है, तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए।

मास्टर प्लान में शामिल प्रमुख बिंदु:

भीड़ नियंत्रण और मार्गदर्शन व्यवस्था

स्थल की धारण क्षमता का वैज्ञानिक आकलन व विकास

पृथक प्रवेश व निकास मार्ग

प्रतीक्षा स्थलों का निर्माण

आपातकालीन निकासी के विकल्प

स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार केंद्र

सुव्यवस्थित सूचना प्रणाली

पार्किंग की समुचित व्यवस्था

पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि:

> “उत्तराखंड में हर वर्ष करोड़ों तीर्थ यात्री आते हैं। उनकी सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों के आसपास जनसुविधाएं विकसित कर यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित बनाया जाएगा।”

प्रदेश के 550 सरकारी स्कूलों की बदलेगी तस्वीर, देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह लेंगे गोद

33 Views -

उत्तराखंड के 550 सरकारी स्कूलों को देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक समूहों गोद लेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी ऐतिहासिक पहल के साक्षी बन रहे हैं, जो न केवल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करेगी, बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला भी रखेगी।

सीएम धामी ने कहा कि आज का दिन शैक्षणिक इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में अंकित होने जा रहा है। कहा कि मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि राज्य के 550 सरकारी स्कूलों को देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक समूहों द्वारा गोद लिया जा रहा है।मुझे यह भी बताया गया है कि इनमें से अधिकांश स्कूल ऐसे हैं, जिन्हें आज वास्तव में इसकी आवश्यकता है। दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के स्कूल वर्षों से संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं।

पांच अस्पतालों में नहीं मिला इलाज, बेटे शुभांशु की मौत

29 Views -

मैं देश की सरहद पर खड़ा हूं लेकिन अपने ही घर के चिराग को सिस्टम की बेरुखी से नहीं बचा पाया। यह दर्द है उस सैनिक का जिसने अपने डेढ़ साल के बेटे को सिर्फ इसलिए खो दिया क्योंकि एक अस्पताल से दूसरे तक रेफर करते-करते लचर सरकारी स्वास्थ्य तंत्र ने कीमती समय गंवा दिया।

गढ़वाल-कुमाऊं के ग्वालदम, बैजनाथ, बागेश्वर, अल्मोड़ा और हल्द्वानी के अस्पतालों के डॉक्टर मासूम को नहीं बचा सके। उन्होंने हायर सेंटर भेजकर अपनी जिम्मेदारी से हाथ खींच लिए। गढ़वाल मंडल के सुदूर चमोली जिले के चिडंगा गांव के निवासी और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में तैनात सैनिक दिनेश चंद्र के लिए 10 जुलाई की रात कभी न भूलने वाली बन गई। दोपहर बाद उनके डेढ़ साल के बेटे शुभांशु जोशी की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। मां और पत्नी उसे लेकर ग्वालदम अस्पताल पहुंचीं लेकिन वहां इलाज नहीं मिल सका। वहां से बच्चे को कुमाऊं मंडल के बैजनाथ अस्पताल और फिर बागेश्वर के लिए रेफर कर दिया गया। कलेजे के टुकड़े को सीने से लगाए घरवाले धरती और आसमान दोनों के भगवानों से मिन्नतें करते रहे। बागेश्वर जिला अस्पताल में शाम छह बजे भर्ती बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए डॉक्टर ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया।

 

डीएम को सुनाया दुखड़ा तब मिली एंबुलेंस
बेटे के अंतिम संस्कार के बाद दिनेश ने सोशल मीडिया पर एक मार्मिक वीडियो साझा किया। इसमें कहा कि बागेश्वर में जब परिजनों ने 108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया तो सिर्फ आश्वासन मिला। एक घंटा बीत गया। बच्चा तड़प रहा था और एंबुलेंस का कोई पता नहीं था। आखिरकार उन्होंने खुद डीएम को फोन कर मदद मांगी। उनके आदेश पर रात साढ़े नौ बजे एंबुलेंस मिली। बच्चे को अल्मोड़ा ले जाया गया लेकिन वहां से हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। बच्चे को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। वहां शुभांशु की सांसें टूट गईं। अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लेने की बात कही है। अथाह पीड़ा से गुजर रहे परिजनों का कहना है कि अब किसी जांच से क्या होगा जब जिंदगी ही चली गई।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर परिजनों की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी। 108 सेवा के प्रभारी को नोटिस भेजकर सेवा को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। शिकायती पत्र मिलने के वाद पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी। जो भी स्वास्थ्य कर्मी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। -डॉ. कुमार आदित्य तिवारी, सीएमओ, बागेश्वर

धर्मस्थलों की धारण क्षमता के अनुरूप ही श्रद्धालुओं को मिलेगा प्रवेश : सीएम धामी

39 Views -

मनसा देवी मंदिर में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं को धारण क्षमता के अनुसार ही प्रवेश देने के निर्देश दिए। हरिद्वार में हुए हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। धार्मिक स्थल जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं, वहां व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। स्थलों का संभावित विस्तार कराने, पार्किंग एवं ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा मानकों के पालन को प्राथमिकता दी जा रही है।

सीएम धामी सोमवार को एफटीआई में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि मनसा देवी मंदिर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यह व्यवस्थाएं सख्ती से लागू की जाएंगी। पंचायत चुनाव पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के लिए प्रदेशभर की जनता में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला है। गांवों की सरकार चुनने के लिए मतदाताओं ने विशेष जागरूकता दिखाई है। इसके चलते पहले चरण में मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई है। कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रतिनिधियों का पंचायतों के विकास में बड़ा योगदान रहता है।

यह हैं कुमाऊं में अत्यधिक भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थल

1-कैंची धाम-

नैनीताल जिले के कैंची नामक स्थान पर बाबा नीब करौरी महाराज का आश्रम है। पिछले कुछ साल से यहां बाबा के दर्शन करने आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां रोजाना औसतन 10-12 हजार लोग बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। शनिवार और मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 15-18 हजार तक पहुंच जाती है। 15 जून को आश्रम का स्थापना दिवस होता है तब यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक से डेढ़ लाख तक रहती है। श्रद्धालुओं की इस संख्या के हिसाब से यहां व्यवस्थाएं ऊंट के मुंह में जीरा है।

2-जागेश्वर धाम-

अल्मोड़ा जिले में स्थित जागेश्वर धाम 124 मंदिरों का एक समूह है। इसे हिमालय का काशी के रूप में भी जाना जाता है। यहां महाशिवरात्रि और श्रावण मास में विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं। देश भर के विभिन्न हिस्सों से लेकर श्रावण मास में यहां शिवार्चन कराने पहुंचते हैं। राजनीति के अलावा फिल्म इंडस्ट्री के बड़े चेहरे भी यहां अक्सर दर्शनों के लिए आते हैं।

3-चितई गोलू मंदिर-

अल्मोड़ा जिले के चितई क्षेत्र में स्थित गोलू देवता मंदिर को घंटियों वाले मंदिर के रूप में भी पहचान मिली है। मान्यता है कि जो कोई व्यक्ति श्रद्धाभाव से यहां गोलू देवता से फरियाद करता है। भगवान उसकी फरियाद को पूरा करते हैं। मनोकामना पूरी होने के बाद भक्त यहां घंटी चढ़ाते हैं। इस मंदिर में प्रतिदिन औसतन चार से पांच हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं जबकि विशेष अवसरों पर यह संख्या दस हजार से अधिक रहती है।

4-हाट कालिका मंदिर-

गंगोलीहाट के समीप स्थित हाट कालिका मंदिर, देवी कालिका को समर्पित है। यहां श्रद्धालुओं के साथ ही बड़ी संख्या में सैलानी भी पहुंचते हैं। इसे सैनिकों और पूर्व सैनिकों की आस्था वाले मंदिर के रूप में भी पहचान मिली है। नवरात्रि और विशेष पर्वों पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

5- पूर्णागिरी धाम-

चंपावत जिले में टनकपुर के समीप स्थित है पूर्णागिरी धाम। इसे पूर्णागिरि मंदिर भी कहा जाता है। यह एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। चैत्र नवरात्र में यहां मेला लगता है जिसमें प्रति दिन हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

6- गर्जिया मंदिर-

रामनगर के समीप स्थित है गर्जिया माता का मंदिर। यह कोसी नदी में एक टीले पर स्थित है। कार्तिक पूर्णिमा के अलावा गंगा दशहरा, नवरात्र, शिवरात्रि, उत्तरायणी, बसंत पंचमी में भी यहां सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं।

अवैध निर्माण व अतिक्रमण स्वयं हटा लें, अन्यथा अभियान चल ही रहा है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए सरकार पहले ही जिलाधिकारियों को निर्देश दे चुकी है। अधिकारियों से कहा गया है कि वह अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए विधिक सूचना देकर नोटिस जारी करें कि वह स्वयं ही अतिक्रमण अथवा अवैध निर्माण हटा लें। अन्यथा अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चल ही रहा है। सीएम ने कहा कि अभी तक सरकार राज्य में सात हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में विकास को प्राथमिकता से आगे बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है। कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2023-24 के इंडेक्स में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखंड पहले स्थान पर आया है। कहा कि विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

दूसरे चरण में बारिश के बीच जमकर बरसे वोट, 70% हुआ मतदान, पहले में 68 फीसदी

40 Views -

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में कई पर्वतीय जिलों में बारिश के साथ ही जमकर वोट भी बरसे। निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में 70 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा जारी किया। इनमें 65.50 प्रतिशत पुरुष और 74.50 प्रतिशत महिला मतदाता शामिल हैं। सोमवार को सुबह आठ बजे से प्रदेश के 40 विकासखंडों के 4709 मतदेय स्थलों पर मतदान शुरू हुआ। इस चरण के लिए 21,57,199 मतदाता पंजीकृत थे। कई पर्वतीय

क्षेत्रों में बारिश के बावजूद मतदाताओं का उत्साह देखने लायक था। कई मतदान केंद्रों पर दिनभर भीड़ जुटी रही। न केवल पर्वतीय बल्कि मैदानी जिलोंदेहरादून, ऊधमसिंह नगर में भी बंपर वोटिंग हुई। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि सभी विकासखंडों में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया।
पहले चरण के 17,829 और दूसरे चरण के 14,751 प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटी में कैद हो गया है। अब 31 जुलाई को सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। पहले चरण में 68 प्रतिशत मतदान हुआ था। 2019 के चुनाव में 69.59 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि इस बार यह आंकड़ा कुछ नीचे जाने का अनुमान है। 

ऐसे बढ़ता गया मतदान प्रतिशत

समय मतदान प्रतिशत

सुबह 10 बजे तक 12.42

दोपहर 12 बजे तक 24.00

दोपहर 2 बजे तक 41.95

शाम 4 बजे तक 58.12

अंतिम 70.00

 

देर शाम तक जिलावार मतदान प्रतिशत

जिला मतदान प्रतिशत
उत्तरकाशी 75.96
पौड़ी गढ़वाल 69.27
टिहरी 60.05
देहरादून 77.25
चमोली 66.47
चंपावत 70.21
नैनीताल 76.07
अल्मोड़ा 58.20
ऊधमसिंह नगर 84.26
पिथौरागढ़ 64.9

बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा कराने का दावा, वीडियो वायरल होने पर बीकेटीसी ने दर्ज कराई शिकायत

25 Views -

बदरीनाथ धाम में कथित ऑनलाइन पूजा कराए जाने का एक मामला सामने आया है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने पुलिस में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है क्योंकि बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा का कोई नियम नहीं है।

दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें बीकेटीसी का लोगो लगाकर ऑनलाइन पूजा कराने का दावा किया जा रहा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति यह कहता सुनाई दे रहा है कि राशि भेजने पर श्रद्धालु के नाम से ऑनलाइन पूजा की जाएगी। जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को मिली तो समिति के प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट ने तत्काल बदरीनाथ थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।

 

पूजा के लिए सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुक होते हैं

प्रशासनिक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि धाम में ऑनलाइन पूजा नहीं कराई जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर में होने वाली विभिन्न पूजा की ऑनलाइन बुकिंग जरूर की जाती है जिसके तहत श्रद्धालु पूजा के लिए टिकट बुक करते हैं और फिर उन्हें स्वयं मंदिर आकर पूजा में शामिल होना होता है। पूजा का निष्पादन ऑनलाइन नहीं होता है। समिति ने तीन दिन पहले ही इस मामले में पुलिस को शिकायत पत्र देकर जांच की मांग की थी।

 

आईटी सेल कर रही जांच

बीकेटीसी के उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने भी इस बात पर जोर दिया कि बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा का कोई नियम नहीं है। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो की पुलिस के आईटी सेल से भी जांच कराई जा रही है। बदरीनाथ थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ने पुष्टि की है कि ऑनलाइन पूजा को लेकर मिले शिकायती पत्र पर जांच जारी है।

धर्मांतरण के कानून को और सख़्त करेगी धामी सरकार, पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित होगी एसआईटी

25 Views -

धर्मांतरण के कानून को धामी सरकार और सख्त बनाएगी। सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सीमांत प्रदेश होने के साथ ही सनातन की पुण्य भूमि भी है। इसलिए यहां डेमोग्राफी में बदलाव की किसी भी कोशिश को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखे। धर्मांतरण कराने वाले तत्वों के जाल में फंसे लोगों को उचित परामर्श और मार्गदर्शन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं को देखते हुए धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाए जाने की दिशा में तत्काल कदम उठाएं जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमी भी ऐसे तत्वों पर लगाम लगाने में सफल रहा है। इस मुहिम को आगे भी चलाए जाने की जरूरत है, इसलिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर, इसकी निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया जाए।

 

पाखरो रेंज घोटाला…पूर्व डीएफओ अखिलेश तिवारी पर दर्ज होगा मुकदमा, सीएम ने दिया अनुमोदन

43 Views -

विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट टाइगर सफारी निर्माण के बहुचर्चित घोटाले में सीबीआई को तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ अखिलेश तिवारी पर मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभियोजन की अनुमति दे दी है।जिम कॉर्बेट में टाइगर सफारी के नाम पर करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जांच चल रही है। मामले में तत्कालीन डीएफओ अखिलेश तिवारी के खिलाफ सीबीआई विवेचना से संबंधित जांच रिपोर्ट में शामिल बिंदुओं के आधार पर संगत धाराओं के तहत अभियोजन चलाने के लिए सीएम धामी ने अनुमोदन दे दिया है।

वहीं, पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में अनियमितताओं से संबंधित प्रकरण में तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ टाइगर रिजर्व लैंसडौन किशन चंद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 19 एवं दंड संहिता की धारा 197 के तहत अभियोग चलाने की अनुमति दे दी गई है।

हेरिटेज एविएशन कम्पनी पर लटकी ब्लैक लिस्टिंग की तलवार

36 Views -

प्रतिबंध के बावजूद और बिना अनुमति के बद्री-केदार के अध्यक्ष को केदारनाथ धाम ले जाना एविएशन कम्पनी को भारी पड़ता जा रहा है। सम्बंधित हेली कम्पनी को ब्लैक लिस्ट किये जाने की प्रबल संभावना है।

शोरगुल मचने के बाद हुई विभागीय जांच में हेली कम्पनी को काली सूची में डालने की तैयारी चल रही है। फिलहाल, हेरिटेज एविएशन की चारधामों की चार्टर्ड सेवा पर रोक लगाई गई।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए हेरिटेज एविएशन कम्पनी को नोटिस जारी किया है।यूकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय टोलिया ने बताया कि  खराब मौसम में बिना अनुमति के उड़ान भरने पर सम्बंधित हेरिटेज एविएशन कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करने का नोटिस जारी किया गया। हालांकि, यह भी खबर है कि विभाग ने  हेली कम्पनी को उड़ान की सशर्त अनुमति दी  थी।

गौरतलब है कि सावन के पहले सोमवार 14 जुलाई को हेरिटेज एविएशन के चार्टर्ड हेलिकॉप्टर ने देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी।

मौसम खराब होने की वजह से यूकाडा के ऑपरेशन विंग ने हेरिटेज कम्पनी के पायलट को उड़ान भरने की मंजूरी नहीं दी थी।

बावजूद इसके पायलट हेलीकॉप्टर में बद्री-केदार मन्दिर परिषद के अध्यक्ष व अन्य खास लोगों को लेकर केदारनाथ धाम पहुंच गए।

साफ है कि वीआईपी उड़ान के लिए पायलट ने यूकाडा के दिशानिर्देशों का खुला उल्लंघन किया।
नतीजतन, यूकाडा ने हेली कम्पनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, हेरिटेज एविएशन ने लिखित जवाब में माना कि 14 जुलाई को बिना अनुमति के उड़ान भरी है। इस मामले में अनुमति देने और नहीं देने की तस्वीर भी उलझी दिखाई दे रही है।

इधऱ, विभागीय सूत्रों का कहना है कि
खराब मौसम को देखते हुए यूकाडा ने चार्टर्ड उड़ान के लिए मना किया था। ब्लैक लिस्ट सम्बन्धी ताजे नोटिस का जवाब नहीं देने पर डीजीसीए की गाइडलाइन के अनुसार कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

बीकेटीसी के अध्यक्ष के साथ कौन-कौन लोग गए थे ,यह भी साफ नहीं हो पाया। इनमें एक चर्चित शख्सियत का नाम भी सामने आ रहा है। बहरहाल, सावन के पहले सोमवार को केदारनाथ धाम के लिए भरी गयी उड़ान चर्चा का विषय जरूर बन गयी है…