Uttarakhand: प्रतिबंधित कफ सिरप और घटिया दवाओं के खिलाफ अभियान हुआ जारी.
अब तक 370 से अधिक सैंपल जांच के दायरे में
Dehradun- राज्यभर में औषधि विभाग द्वारा प्रतिबंधित कफ सिरप और निम्न गुणवत्ता की औषधियों के विरुद्ध सघन औचक निरीक्षण अभियान संचालित किया जा रहा है अभियान का नेतृत्व अपर आयुक्त (एफडीए) एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी कर रहे हैं। उनके निर्देशन में सभी जिलों में औषधि निरीक्षकों की टीमें लगातार फील्ड पर सक्रिय हैं। अब तक 370 से अधिक सैंपल जांच हेतु संकलित किए जा चुके हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रामनगर, देहरादून और रुड़की में छापेमारी-
जनपद नैनीताल में 14 अक्टूबर 2025 को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने रामनगर के खताड़ी क्षेत्र में औचक निरीक्षण किया।
बच्चों की सुरक्षा और कफ सिरप की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए की गई इस कार्रवाई में गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर एक मेडिकल स्टोर को तत्काल प्रभाव से बंद कराया गया, जबकि दो स्टोरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए और दो स्टोर मौके पर बंद मिले।
संयुक्त टीम ने एक क्लीनिक का भी निरीक्षण किया, जहां से पांच औषधीय नमूने जांच हेतु संकलित किए गए।
इस निरीक्षण में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट, नीरज कुमार, औषधि निरीक्षक अर्चना, निधि शर्मा और शुभम कोटनाला शामिल रहे।
सेलाकुई की औषधि इकाइयों का निरीक्षण-
देहरादून में औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में टीम ने दून मेडिकल कॉलेज के समीप स्थित मेडिकल स्टोर्स और थोक विक्रेता फर्मों का औचक निरीक्षण किया। जांच में बच्चों के लिए प्रयुक्त खांसी और सर्दी-जुकाम की दवाएं अलग कर रखी मिलीं, जिनके विक्रय पर रोक थी। टीम ने इन दवाओं को सील कर अग्रिम आदेशों तक विक्रय न करने के निर्देश दिए। साथ ही, सेलाकुई स्थित औषधि विनिर्माण इकाइयों से चार नमूने गुणवत्ता जांच हेतु संकलित किए गए।
रुड़की में सरकारी दवाओं का अवैध भंडारण पकड़ा गया-
जनपद हरिद्वार के रुड़की क्षेत्र में औषधि निरीक्षक हरीश सिंह और मेघा ने गुप्त सूचना पर ग्राम सलीयर स्थित एक प्रतिष्ठान पर छापेमारी की। यहां बिना लाइसेंस के सरकारी दवाओं का अवैध भंडारण और बिक्री करते हुए पाया गया। टीम ने मौके से 12 प्रकार की एलोपैथिक दवाएं जब्त कीं, जिनमें राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार की सप्लाई की गई औषधियां भी शामिल थीं। सभी दवाएं सील कर जांच हेतु भेजी गईं। आगे की कार्रवाई Drugs and Cosmetics Act, 1940 के अंतर्गत की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी स्थिति में प्रतिबंधित सिरप न दिए जाएं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि विभाग की कार्रवाई सतत और प्रभावी रहेगी। बच्चों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि औषधि निरीक्षण अभियान लगातार जारी रहेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य और जनसुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अनधिकृत बिक्री, भंडारण या मिलावट में लिप्त पाए जाने वालों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी ताकि नागरिकों को केवल सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण औषधियां ही मिल सकें।
