Uttarakhand Earthquake: उत्तरकाशी में फिर महसूस हुए भूकंप के झटके, दहशत में घरों और दुकानों से बाहर निकले लोग

Uttarakhand Earthquake: उत्तरकाशी में फिर महसूस हुए भूकंप के झटके, दहशत में घरों और दुकानों से बाहर निकले लोग

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय में आज दोपहर फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप महसूस होते ही लोग दहशत में घरों और दुकानों से बाहर निकल आए। एक सप्ताह में तीन दिन लगातार आए झटकों से लोगों में दहशत का माहौल है।

जानकारी के अनुसार, दोपकर करीब 3:28 बजे भूकंप का झटका महसूस हुआ। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 मापी गई। इसका केंद्र तहसील भटवाड़ी के ग्राम साल्ड उपरिकोट निसमोर के मध्य वन क्षेत्र में धरती की सतह से पांच किमी नीचे था ।

राज्य में इस महीने पांच बार आ चुका भूकंप-

उत्तरकाशी में शु्क्रवार(24 जनवरी) को तीन बार भूंकप के झटके महसूस किए गए थे। इस महीने राज्य की बात करें तो बागेश्वर जिले में भी भूंकप आ चुका है। पिछले महीने भी राज्य में भूंकप के झटके महसूस किए गए थे।

नेशनल सेंटर फार सिस्मोलॉजी के अनुसार उत्तरकाशी में सुबह 7:41 पर भूकंप आया था। इसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 2.7 थी, इसके कुछ देर बात 8:19 पर फिर झटका महसूस किया गया। इस बार तीव्रता 3.5 रिएक्टर स्केल पर महसूस की गई। स्थानीय लोगों के अनुसार पौने ग्यारह बजे भी झटके महसूस किए गए थे। इन झटकों से लोगों में भय व्याप्त हो गया।इस महीने की बात करें तो राज्य में बागेश्वर में 10 जनवरी को रात एक बजे के बाद भूंकप आया था, उसकी तीव्रता 2.2 थी। आज उत्तरकाशी में फिर भूकंप महसूस हुआ।

पिछले महीने भी पांच बार आ चुका भूंकप-

राज्य में पिछले महीने भी कई भूंकप आ चुके हैं। नेशनल सेंटर फार सिस्मोलॉजी ने पिछले महीने आए भूंकप को लेकर रिपोर्ट तैयार की है। उसमें बताया गया कि दिसंबर के महीने में देश में 44 भूंकप आया। इसमें सर्वाधिक मणिपुर में छह और उसके बाद उत्तराखंड और असम में पांच-पांच आए।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

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