Day: June 22, 2024

Cabinet Meeting: चुनाव के बाद धामी मंत्रिमंडल की आज पहली बैठक, जानिए किन 12 प्रस्तावों को मिली मंजूरी।

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चुनाव के बाद धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक आज हुई। बैठक में शहरी विकास, आवास, वित्त, राजस्व, कार्मिक, नियोजन, उच्च शिक्षा समेत कई अन्य विभागों से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा हुई। कुल 12 प्रस्ताव बैठक में आए।

बैठक में उत्तराखंड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक 2024 को कैबिनेट को मंजूरी मिली। स्टेट के शहरी क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए विधेयक। शहरी क्षेत्रों में बिजली, पानी की योजनाओं को इससे मंजूरी जरूरी होगी।

ये प्रस्ताव आए
-आवास विभाग के विभिन्न प्राधिकरण में मिनिस्टीरियल कार्मिक की नियमावली को मंजूरी।

-वित्त- कर्मियों की ट्रेनिंग अलग-अलग चरणों मे होगी। प्रोमोशन के बाद भी ट्रेनिंग। इसी तरह की लगातार ट्रेनिंग सचिवालय सेवा और पीसीएस अफसरों के लिए भी करने के लिए सीएम धामी ने निर्देश दिए।

-वित्त- कर्मियों के वेतन खातों का किसी न किसी बैंक में खाता होता है। बैंक सुविधा देते हैं, लेकिन कर्मियों को लाभ नहीं मिल रहा था। स्टेट बैंक, बड़ोदा, यूनियन और केनरा बैंक में जिनके भी खाते होंगे, उनके कर्मचारियों को एक्सीडेंटल बीमे 30 लाख से करोड़ तक मिलेगा। अपंगता में भी मिलेगा। बच्चों को शिक्षा आदि भी मिलेगी। अलग से कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। राज्य सरकार ने इन चार बैंकों से एमओयू के लिए डायरेक्टर ट्रेजरी को अधिकृत किया गया है।

-स्टेट बैंक में ही 62 हजार, पीएनबी में 24 हजार हैं।
-पर्यटन नीति 2018 में आई थी, जिसमें जिलों के हिसाब से कैपिटल सब्सिडी मिलती थी। ये तय कर दिया है कि इसके तहत एसजीएसटी रिम्बर्समेंट के तौर पर अगले पांच साल तक और मिलेगा। पहले अवधि तय नहीं थी। कुल 10 साल तक लाभ।

-महासू देवता मंदिर का मास्टर प्लान बन रहा है। उसमें प्रभावित होने वालों के विस्थापन की नीति लाई गई है। जिनके पास अपनी जमीन है, उन्हें उस पर मकान बनाने को 10 लाख मिलेंगे। जिनके पास अपनी जमीन नहीं, उन्हें सरकारी जमीन पर बसाया जाएगा।

-सहकारी समितियों में 33% पद महिलाओं के लिए सभापति और सदस्यों के लिए आरक्षित करने को मंजूरी।

-6 व 7 अप्रैल 2024 को परिवार न्यायालय का क्षेत्रीय सम्मेलन हुआ था, जिसमें 1 करोड़ खर्च को मंजूरी।

-खाद्य विश्लेषण शाखा में 13 पद सृजन को मंजूरी।

-चिकित्सा विभाग के तहत एफडीआई में 8 पद आउटसोर्सिंग से भरने को मंजूरी।

 

Uttarakhand: विधानसभा सचिवालय भर्ती मामले में हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब, 16 जुलाई को होगी अगली सुनवाई।

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नैनीताल हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय में हुई नियुक्तियों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार और विधानसभा सचिवालय से पूछा है कि पूर्व के आदेश पर क्या कार्यवाही हुई है। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने जवाब पेश करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी।

हाईकोर्ट ने पूर्व में हुई सुनवाई में राज्य सरकार, विधानसभा सचिवालय को निर्देश दिए थे कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्यवाही कर शपथपत्र के माध्यम से रिपोर्ट पेश करें लेकिन इसे तय समय में पेश नहीं किया गया है। इस पर राज्य सरकार और सचिवालय ने रिपोर्ट पेश करने के लिए पुनः तीन हफ्ते का समय मांगा।

 
 
यह है मामला 
देहरादून निवासी अभिनव थापर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर विधानसभा सचिवालय में हुई बैकडोर भर्ती, भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को चुनौती दी गई थी। इसमें कहा गया था कि विधानसभा ने एक जांच समिति बनाकर 2016 के बाद की विधान सभा सचिवालय में हुई भर्तियों को निरस्त कर दिया जबकि उससे पहले की नियुक्तियों को नहीं।

सचिवालय में यह खेल 2000 में राज्य बनने से अब तक होता रहा है। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई कि विधानसभा भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले ताकतवर लोगों के खिलाफ जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जाए। इन लोगों से सरकारी धन की वसूली कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

सरकार ने 6 फरवरी 2003 का शासनादेश जिसमें तदर्थ नियुक्ति पर रोक, संविधान का अनुच्छेद 14, 16 व 187 का उल्लंघन है। इसमें हर नागरिक को सरकारी नौकरियों में समान अधिकार व नियमानुसार भर्ती होने का प्रावधान है और उत्तर प्रदेश विधानसभा की 1974 की सेवा नियमावली तथा उत्तराखंड विधानसभा की 2011 नियमावली का उल्लंघन किया है।