Category Archive : राजनीति

शराब घोटाला: CM अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और के. कविता को नहीं मिली कोर्ट से राहत, कोर्ट ने तीनों की बढ़ाई न्यायिक हिरासत।

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया है। अब आठ अगस्त को सुनवाई होगी। तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केजरीवाल की पेशी हुई। सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ जेल से ही गिरफ्तार किया था।

मनीष सिसोदिया और के कविता की भी बढ़ी न्यायिक हिरासत
सीएम केजरीवाल के अलावा पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के कविता की भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुई है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 31 जुलाई और के.कविता की भी न्यायिक हिरासत 31 जुलाई तक बढ़ा दी है।

इससे पहले 12 जुलाई को अदालत ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत शुक्रवार को 25 जुलाई तक बढ़ा दी थी, जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है।

केजरीवाल को विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया था। वह अपनी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामलों के सिलसिले में पेश हुए थे।

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें आबकारी नीति मामले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी।

केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है। वहीं सीबीआई ने कहा कि पूरे साक्ष्य आने पर ही कानून के तहत गिरफ्तारी की। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर भी आदेश सुरक्षित रखा है।

Bihar Special Status: सीएम नीतीश कुमार को लगा बड़ा झटका, बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा।

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Bihar Special Status: केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में शामिल जनता दल यूनाईटेड ने सीधे-सीधे लोकसभा में अपनी ही सरकार से पूछ दिया कि क्या वह बिहार और शेष ऐसे राज्यों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा देना चाहती है? अगर सरकार ऐसा विचार रखती है तो बताए और नहीं रखती है तो इसका कारण स्पष्ट करे।

लोकसभा में बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार की ओर से वित्त राज्य मंत्री पकंज चौधरी ने बड़ा बयान दिया है। दरअसल पंकज चौधरी ने लोकसभा में केंद्र सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है।

बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है- 

मंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए जिन प्रावधानों को पूरा करना होता है वह बिहार में नहीं है। बता दें, बीते कई सालों से बिहार को विषेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठती रही है। अभी हाल ही में रविवार को भी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठती रही है। अभी हाल ही में रविवार को भी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक के दौरान जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज देने की मांग को उठाया था।

 

यह बिहार के लोगों का हक- JUD ने कहा-

वहीं सोमवार को आम बजट से पहले जेडीयू ने एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष सहायता देने की मांग की है। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग बिहार की जनता की आवाज है। जेडीयू ने मांग पत्र नहीं अधिकार पत्र भेजा है। हमने कहा है कि बिहार को विशेष सहायता मिलना ही चाहिए। बता दें, केंद्र की नई सरकार का आम बजट कल पेश होने वाला है।

कोमा में जा सकते हैं सीएम केजरीवाल, शुगर लेवल 50 से नीचे- आतिशी

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दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. आतिशी ने कहा कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल को जेल में मारने की कोशिश कर रही है. केजरीवाल का शुगर लेवल 50 से नीचे आ गया है ऐसे में वो कोमा में जा सकते हैं. आतिशी ने कहा कि केजरीवाल को ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा है. वहीं दिल्ली एलजी के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर कहा कि अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर सही डाइट नहीं ले रहे हैं जिसकी वजह से उनका वजन तेजी से कम हो रहा है. केजरीवाल डाइट चार्ट का पालन नहीं कर रहे हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले के चलते तिहाड़ जेल में बंद हैं. हाल ही में दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर सीएम केजरीवाल की डाइट को लेकर सवाल उठाए हैं. एलजी के प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर कहा कि जेल में अरविंद केजरीवाल जानबूझकर कम कैलोरी ले रहे हैं. अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य का जिक्र करते हुए कहा गया है कि कम कैलोरी से उन का वजन कम हो रहा है, साथ ही सवाल उठाए गए हैं कि केजरीवाल प्रॉपर डाइट नहीं ले रहे हैं.

सीएम केजरीवाल नहीं ले रहे प्रॉपर डाइट

प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर आरोप लगाए कि सीएम न तो प्रॉपर डाइट ले रहे हैं और न ही उन्होंने डाइट चार्ट का पालन किया है. सचिव ने कहा, केजरीवाल ने 6 जून से 13 जुलाई के बीच प्रॉपर डाइट नहीं ली है, वो डाइट चार्ट का पालन नहीं कर रहे हैं.

AAP ने दिया जवाब

एलजी के प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर सीएम की डाइट पर आरोप लगाए जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने इस पर जवाब दिया. मंत्री आतिशी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सीएम केजरीवाल को मारने की साजिश रच रही है. सीएम की सेहत के बारे में जानकारी देते हुए आतिशी ने कहा कि सीएम केजरीवाल का शुगर लेवल 8 से ज्यादा बार 50 से नीचे आ चुका है, इन सब चीजों के चलते सीएम केजरीवाल कोमा में जा सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों में ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा है.

 

यूपी में शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था दो माह के लिए हुई स्थगित, योगी सरकार बनाएगी कमेटी।

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यूपी डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है। मामले में शिक्षकों की समस्या के समाधान और डिजिटल अटेंडेंस की दिक्कतों को खत्म करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। ये जानकारी प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. एमकेएस सुंदरम ने दी। आपको बता दें कि मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ बेसिक के शिक्षक संगठनों की वार्ता हुई। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।

उत्तर प्रदेशीय में प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि शासन ने फिलहाल डिजिटल अटेंडेंस स्थगित करने पर सहमति दी है। जल्द इसका आदेश जारी होगा। शिक्षकों की समस्या के समाधान और डिजिटल अटेंडेंस की दिक्कत के समाधान के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। इसमें शिक्षाविद, शिक्षक नेता और अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डा. एमकेएस सुंदरम, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा आदि अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने संवाद कर समाधान निकालने का दिया था निर्देश- 

डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दिन पहले ही सभी डीएम, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) के साथ मिलकर शिक्षकों व शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि विद्यालयों में पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इससे पहले भी सीएम ने विभागीय अधिकारियों को शिक्षकों से वार्ता कर समाधान निकालने के निर्देश दिए थे।परिषदीय विद्यालयों में आठ जुलाई से शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस लगाने के निर्देश दिए गए थे। इसे लेकर शिक्षक पिछले एक सप्ताह से आंदोलनरत थे। सोमवार को भी उन्होंने हर जिले में प्रदर्शन कर सीएम को संबोधित ज्ञापन भेजा।

Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू, AAP ने बनाई खास रणनीति।

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हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. राजनीतिक पार्टियों की बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है. इसके मद्देनजर आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की. मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की विचारधारा को घर-घर पहुंचाने के लिए अलग-अलग कैंपेन चलाया जाएगा.

AAP प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने आगे कहा कि जन सभाओं और रैलियों के माध्यम से हरियाणा के एक-एक गांव में AAP की विचारधारा को पहुंचाया जाएगा. प्रदेश के एक-एक बूथ पर हम अपनी मजबूत टीम को भेंजेगे जो दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार में हुए विकास कार्यों की जानकारी लोगों तक पहुंचाएंगे.

अनुराग ढांडा ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी दिल्ली से हरियाणा पहुंचेगे, जो जन सभाओं और रैलियों में जनता को अपनी पार्टी का संदेश देंगे. साथ ही उनसे वोट की अपील कर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार लाने का अनुरोध करेंगे.

संदीप पाठक के साथ बैठक-
वहीं हरियाणा आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में वरिष्ठ नेता संदीप पाठक के साथ भी बैठक की. बैठक को लेकर AAP प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा हमने हरियाणा चुनावों के लिए अपने अभियान और रणनीति के बारे में चर्चा की है. पार्टी की तरफ से प्रदेश नेतृत्व को प्रत्येक बूथ के लिए एक मजबूत टीम तैयार करने का निर्देश दिया है. अनुराग ढांडा ने कहा हम अपनी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे और हरियाणा में सरकार बनाएंगे.

बता दें, हरियाणा में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 अक्टूबर 2024 को समाप्त होने वाला है. इसी के चलते प्रदेश की 90 सीटों वाली विधानसभा चुनाव के लिए बिसात बिछनी शुरू हो गई है.

Uttarakhand By Election 2024: कांग्रेस ने मंगलौर और बद्रीनाथ सीट पर की प्रत्याशियों की घोषणा, जानिये किन पर लगाया दांव।

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कांग्रेस ने बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। लखपत बुटोला को पार्टी ने बदरीनाथ सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। जबकि काजी निजामुद्दीन को मंगलौर सीट पर उतारा है।

वहीं भाजपा ने भी बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा पहले कर दी है। बदरीनाथ से पार्टी ने पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी को प्रत्याशी बनाया है। भंडारी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने विधानसभा सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था।

जबकि भाजपा ने मंगलौर विधानसभा सीट से करतार सिंह भड़ाना को प्रत्याशी बनाया है। भड़ाना हरियाणा और उत्तर प्रदेश में विधायक रह चुके हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। उसी दौरान यह माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें मंगलौर विस सीट से उम्मीदवार बना सकती है।

दूसरी तरफ मंगलौर सीट से बसपा ने  की ओर से दिवंगत विधायक सरवत करीम अंसारी के पुत्र उबेदुर्रहमान को मैदान में उतारा है।

विधानसभा उप चुनाव के लिए आज से नामांकन, 10 जुलाई को मतदान, 13 जुलाई को होगी मतगणना।

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राज्य में विधानसभा उप चुनाव के लिए आज से नामांकन शुरू होने जा रहे हैं। 21 जून तक प्रत्याशी नामांकन कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, शुक्रवार को बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उप चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। इसके साथ ही नामांकन पत्रों की बिक्री, नामांकन भी शुरू हो जाएगा जो 21 जून तक चलेगा। 24 जून तक नामांकन पत्रों की जांच होगी। जो प्रत्याशी नाम वापस लेना चाहेंगे, उनके लिए नाम वापसी की अंतिम तिथि 26 जून तक होगी।

दोनों विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को मतदान होगा और 13 जुलाई को मतगणना होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया, विस उप चुनाव के लिए बदरीनाथ में 210 पोलिंग बूथ पर एक लाख दो हजार 145 मतदाता, 2,566 सर्विस मतदाता हैं। मंगलौर विधानसभा क्षेत्र में 132 पोलिंग बूथ और एक लाख 19 हजार 930 मतदाता व 255 सर्विस मतदाता होंगे।

Assembly Election : इस बार आम आदमी पार्टी लड़ेगी बिहार विधानसभा चुनाव; संजय सिंह ने दी जानकारी,

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अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी बिहार में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। आप के राज्यसभा सांसद संजय कुमार सिंह ने स्पष्ट कहा है कि बिहार में हमारी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। आम आदमी पार्टी के चुनावी तैयारी शुरू कर दे। ताकि आगामी चुनाव के बाद अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली में दिए जा रहे गुड गवर्नेंस का लाभ बिहार को भी मिल सके।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को देंगे चुनौती-
बताया जा रहा है कि इंडी गठबंधन की सहयोगी पार्टियों में से एक आम आदमी पार्टी बिहार में भी गठबंधन धर्म का पालन करेगी। इंडी गठबंधन में सीट बंटवारे के फॉर्मूला तय होने के बाद ही आप अपनी सीटों का खुलासा करेगी। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी बिहार विधानसभा में उतरती है तो सीधे तौर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को ही टक्कर देगी। खास तौर पर केजरीवाल सीएम नीतीश कुमार की पार्टी और पीएम मोदी की नेतृत्व वाली भाजपा को चुनौती देंगे।

 

पिछले साल पटना आए थे केजरीवाल-
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पिछले साल 22 जून को पटना आए थे। केजरीवाल को सीएम नीतीश कुमार ने न्योता दिया था। उस वक्त सीएम नीतीश कुमार इंडी गठबंधन के साथ थे। केजरीवाल भी इंडी गठबंधन की मीटिंग में शामिल होने आए थे। हालांकि, उस वक्त उन्होंने बिहार विधानसभा के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं थी। केवल लोकसभा पर फोकस करने की बात कही। अब उनकी पार्टी के सांसद संजय सिंह के बयान ने सियासी गलियारे में हलचल पैदा कर दी है। हालांकि, आम आदमी पार्टी इससे पहले भी बिहार विधानसभा चुनाव अपना भाग्य आजमा चुकी है। लेकिन, उसमें सफलता हाथ नहीं लगी थी।  

Rahul Gandhi: क्या राहुल गांधी बनेंगे नेता विपक्ष?

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कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक शनिवार को दिल्ली में है। इस बैठक में पार्टी के सभी नवनिर्वाचित सांसद राहुल गांधी से नेता विपक्ष पद स्वीकार करने की मांग करेंगे। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इससे राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने होंगे और वे उन मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठा सकेंगे, जिनके आधार पर पार्टी ने इन चुनावों में बेहतर सफलता हासिल की है। राहुल गांधी लगातार पांच साल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहेंगे, तो इससे आने वाले चुनाव में वे विपक्षी गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार होंगे। इससे पार्टी को आगे के चुनावों में लाभ मिलेगा।


संविधान के अनुसार नेता विपक्ष आधिकारिक पद होता है। इसे कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा और उसे मिलने वाली सभी सुविधाएं हासिल होती हैं। नेता विपक्ष ईडी-सीबीआई के प्रमुख की नियुक्ति सहित कई महत्त्वपूर्ण समितियों में शामिल होता है। नेता विपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी लोकसभा के पटल से लेकर संसद के बाहर तक मजबूती के साथ अपनी बात रख सकेंगे और महत्त्वपूर्ण मुद्दों को उठा सकेंगे।

उत्तर-दक्षिण भारत का पार्टी में संतुलन-
साथ ही राहुल गांधी के नेता विपक्ष बनने से पार्टी में उत्तर और दक्षिण भारत का संतुलन बनाने में भी मदद मिलेगी। अभी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महासचिव केसी वेणुगोपाल दक्षिण से हैं, जबकि उत्तर भारत से पार्टी का कोई बड़ा नेता पार्टी के बड़े पद पर मौजूद नहीं है। दिग्विजय सिंह, आनंद शर्मा जैसे उत्तर भारत के नेता चुनाव हार गए हैं, तो अशोक गहलोत जैसे नेता चुनाव में उतरे ही नहीं थे। इससे उत्तर भारत का पार्टी में प्रतिनिधित्व कमजोर पड़ गया है।

गांधी परिवार कांग्रेस में सबसे मजबूत हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर सोनिया गांधी या राहुल गांधी पार्टी के किसी आधिकारिक पद पर नहीं हैं, जबकि प्रियंका गांधी महासचिव हैं। चुनावों की दृष्टि से उत्तर भारत में पार्टी का मजबूत होना जरूरी है और इसको ध्यान में रखकर ही राहुल गांधी को नेता विपक्ष का पद स्वीकार करने का आग्रह किया जा रहा है।

कांग्रेस नेताओं के अनुसार, राहुल गांधी से यह आग्रह किया जा रहा है कि वे रायबरेली की सीट भी अपने पास रखें। इससे भी पार्टी को उत्तर भारत में मजबूत करने में मदद मिलेगी। इसके पहले चर्चा थी कि राहुल गांधी रायबरेली की सीट छोड़ेंगे और प्रियंका गांधी इस सीट पर चुनाव लड़कर परिवार की राजनीति को आगे बढ़ाएंगी।

गरीब, वंचित, बेरोजगारों की आवाज है राहुल गांधी- विश्व विजय सिंह-
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता विश्व विजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी इस समय देश की राजनीति में गरीबों, वंचितों, बेरोजगार युवाओं, आदिवासियों, अनुसूचित जातियों-जनजातियों और अल्पसंख्यकों की सबसे मजबूत आवाज बनकर उभरे हैं। कांग्रेस ने इन्हीं वर्गों के मुद्दों को उठाते हुए लोकसभा चुनाव लड़ा और सफलता हासिल की। ऐसे में यदि राहुल गांधी नेता विपक्ष की भूमिका में होंगे, तो वे संसद से लेकर सड़क तक सरकार पर लगातार इन वर्गों के लिए काम करने का दबाव बनाने में सफल होंगे। इससे कांग्रेस पार्टी को उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

विश्व विजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के नेता विपक्ष बनने से केवल कांग्रेस को ही लाभ नहीं मिलेगा। इंडिया गठबंधन के सभी सहयोगी दल कमोबेस इन्हीं वर्गों के मुद्दों पर चुनाव लड़ते रहे हैं। इसलिए यदि राहुल गांधी इन मुद्दों को उठाएंगे तो इससे गठबंधन के सभी सहयोगियों को भी लाभ होगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बार एनडीए के 293 सीटों के मुकाबले इंडिया गठबंधन 234 सीटों तक पहुंचने में सफल रहा है, जो कि बहुमत के बहुत करीब है। उन्होंने दावा किया कि इन वर्गों की आवाज उठाकर हम अगली बार केंद्र में सरकार बनाने में सफल रहेंगे।

 

 

 

PM Modi: NDA संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा- ‘सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक और देश चलाने के लिए सर्वमत।

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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) संसदीय दल ने नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना। भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने लोकसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और भाजपा के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। इसके बाद वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह, नितिन गडकरी और राजद के साथी तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, जदयू के नीतीश कुमार, शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत अन्य नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया।

 

इस दौरान कार्यवाहक पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि जो साथ विजय होकर आए हैं, वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। जिन लाखों कार्यकर्ताओं ने दिन-रात परिश्रम किया है, उन लोगों ने न दिन देखा, न रात देखी। इतनी भयंकर गर्मी में हर दल के कार्यकर्ता ने जो पुरुषार्थ, परिश्रम किया है, मैं आज संविधान सदन से उन्हें सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं। साथियों मेरा बहुत सौभाग्य है कि एनडीए के नेता के रूप में आप सब साथियों ने सर्वसम्मति से चुनकर मुझे नया दायित्व दिया है। इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।

 

सांसदों-सहयोगियों के लिए कहा, जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है-PM
उन्होंने कहा, ”व्यक्तिगत जीवन में मुझे जवाबदारी का एहसास करता हूं। 2019 में जब आप सभी ने मुझे नेता के रूप में चुना था, तब मैंने एक बात पर बल दिया था- विश्वास। आज जब आप मुझे फिर से एक बार ये दायित्व दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि हमारे बीच विश्वास का सेतु बहुत मजबूत है। अटूट रिश्ता विश्वास के मजबूत धरातल पर है। ये पल भावुक करने वाला भी है। आप सबके प्रति जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है।”

एनडीए के लिए कहा- महान लोकतंत्र की ताकत देखिए- PM
पीएम मोदी ने कहा, ”बहुत कम लोग इन बातों की चर्चा करते हैं, उन्हें शायद सूट नहीं करता होगा। इतने महान लोकतंत्र की ताकत देखिए। एनडीए को आज देश के 22 राज्यों में लोगों ने सरकार बनवाकर सेवा का मौका दिया है। हमारा गठबंधन सच्चे अर्थ में भारत की असली आत्मा, भारत की जड़ों में जो रचा-बसा है, उसका प्रतिबिंब है। हमारे देश में 10 ऐसे राज्य हैं, जहां आदिवासी बंधुओं की संख्या प्रभावी रूप से है, निर्णायक रूप से है। जहां आदिवासियों की आबादी ज्यादा है, ऐसे 10 राज्यों में से सात में एनडीए सेवा कर रहा है। हम सर्वधर्म समभाव वाले संविधान को समर्पित हैं। गोवा हो, पूर्वोत्तर हो, जहां बहुत बड़ी मात्रा में ईसाई भाई-बहन रहते हैं, उन राज्यों में भी एनडीए के रूप में हमें सेवा का अवसर मिला है।”

‘देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी’- PM
पीएम मोदी ने कहा, ”हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास में और गठबंधन की राजनीति के इतिहास में चुनाव पूर्व गठबंधन इतना कभी मजबूत नहीं हुआ, जितना एनडीए हुआ है। यह गठबंधन की जीत है। हमने बहुमत हासिल किया है। मैं कई बार कह चुका हूं। सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लोकतंत्र का वही एक सिद्धांत है। देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है। मैं आज देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जिस तरह बहुमत देकर सरकार चलाने का सौभाग्य दिया है, हम सभी का दायित्व है कि सर्वमत का सम्मान कर देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। एनडीए को करीब-करीब तीन दशक हो चुके हैं। आजादी के 75 साल में तीन दशक एनडीए का होना सामान्य घटना नहीं है। विविधता के बीच तीन दशक की यह यात्रा बहुत बड़ी मजबूती का संदेश देती है। आज गर्व के साथ कहता हूं कि एक समय संगठन के कार्यकर्ता के रूप में मैं इस गठबंधन का हिस्सा था और आज सदन में बैठकर आपके साथ काम करते-करते मेरा भी नाता इससे तीस सालों का हो गया है। मैं कह सकता हूं कि यह सबसे सफल गठबंधन है। पांच साल का कार्यकाल होता है, लेकिन इस गठबंधन ने तीस साल में से पांच-पांच साल के तीन कार्यकाल पूरे किए हैं और गठबंधन चौथे कार्यकाल में प्रवेश कर रहा है।”