मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 30 अक्तूबर को बिहार में दो चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। यह चुनावी जनसभा मोतिहारी जिले के कल्याणपुर और हरसिद्धि विधानसभा क्षेत्र में होगी। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा नेतृत्व ने जिन प्रमुख नेताओं को प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है, उसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज नई दिल्ली में PHD चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 120वें वार्षिक सत्र में सम्मिलित हुए,मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों व विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधिगणों का स्वागत करते हुए कहा कि PHD चैम्बर ने बीते 120 वर्षों में देश की आर्थिक प्रगति, औद्योगिक विकास और उद्यमशीलता की भावना को सशक्त करने में जो भूमिका निभाई है वो अतुलनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम इस महत्वपूर्ण सत्र में “भारत की एक विश्वसनीय वैश्विक साझेदार के रूप में उभरती भूमिका” और उसमें उत्तराखंड राज्य के योगदान जैसे विषय पर सार्थक विचार-विमर्श के लिए एकत्रित हुए हैं। हम सभी जानते हैं कि किसी भी देश की आर्थिक प्रगति में उद्योगों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उद्योग न केवल रोजगार के अवसर उत्पन्न करते हैं, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग के जीवन स्तर को सुधारने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।कहा कि जब देश के उद्योगपति, उद्यमी और नीति-निर्माता एक साथ राष्ट्र उत्थान पर चिंतन और मंथन के लिए जुटते हैं, तो उसका प्रभाव केवल उद्योग जगत तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण और राष्ट्र के समग्र विकास का मार्ग भी प्रशस्त करता है। यह कॉन्क्लेव केवल उद्योग जगत का सम्मेलन भर नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक शक्ति, सांस्कृतिक चेतना और वैश्विक नेतृत्व की नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला एक सशक्त मंच है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” की नीति ने भारत को एक नई दिशा प्रदान की है। आज भारत में न केवल निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय जैसे क्षेत्रों में भी व्यापक परिवर्तन आया है| आदरणीय मोदी जी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया और इस संकल्प को साकार करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य भी किया जा रहा है।
‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। यही नहीं, आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम खड़ा करने वाला देश बन चुका है। आज हमारे स्टार्टअप्स ग्लोबल इनोवेशन में अपनी पहचान बना रहे हैं, डिजिटल इंडिया ने आम नागरिक तक तकनीक को पहुँचाया है और आत्मनिर्भर भारत अभियान ने देश को उत्पादन और विनिर्माण का हब बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। आज विश्व के बड़े बड़े देश ये देखकर अचंभित हैं कि भारत में सब्जी की एक छोटी सी दुकान लगाने वाली महिला भी UPI के के माध्यम से मोबाइल से पेमेंट का लेनदेन कर रही है।आज देश के 55 करोड़ से अधिक लोग बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ चुके हैं।चाहे कृषि उत्पादन हो, रक्षा का क्षेत्र हो, चिकित्सा, ऊर्जा, या विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हो या फिर अंतरिक्ष अनुसंधान का क्षेत्र हो, भारत प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनकर विकास और समृद्धि के नए-नए आयाम स्थापित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और आने वाले समय में तीसरे स्थान पर पहुँचने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है। जो देश पहले भारत को केवल एक बड़े उपभोक्ता बाजार के रूप में देखा करते थे, आज वही देश भारत की प्रौद्योगिकी और नवाचार की क्षमता को चुनौती के रूप में देखने लगे हैं |क्योंकि भारत अब केवल सामान आयात करने वाला देश नहीं रहा, बल्कि निर्यात, विनिर्माण और तकनीकी विकास में विश्व का अग्रणी साझेदार बन रहा है। हमारी बढ़ती शक्ति से घबराकर कुछ देश हमारे बढ़ते कदमों को रोकने के असफल प्रयास भी कर रहे हैं। परन्तु भारत के उद्योग जगत के संकल्प, सामर्थ्य और नवाचार ने ये सिद्ध कर दिया है कि कोई भी शक्ति हमारे विकास के मार्ग में बाधा नहीं बन सकती। भारत के दो दिवसीय दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री कीर स्टार्मर ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है कि “भारत 2028 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा और आज के दौर में भारत वैश्विक निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित गंतव्य बन चुका है।
उत्तराखंड में ₹3.56 लाख करोड़ के निवेश समझौते, 1 लाख करोड़ के प्रस्तावों पर काम शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री जी जहाँ एक ओर ‘स्वदेशी अपनाओ’ के मंत्र के साथ आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त बना रहे हैं। वहीं नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधारों के माध्यम से नागरिकों को राहत प्रदान करने के साथ-साथ हमारे स्थानीय उद्योगों और व्यापारियों को भी एक नई ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारी सरकार भी उत्तराखंड में औद्योगिक विकास की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। हमारी सरकार ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023 में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया। हमारे लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि हमें इस समिट के अंतर्गत प्राप्त हुए 3.56 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश समझौतों में से लगभग 1 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में सफलता मिली है। हमने राज्य में निवेशक केंद्रित नीतियों, बुनियादी ढांचे, कुशल जनशक्ति और सुशासन के द्वारा स्वस्थ निवेश वातावरण की उपलब्धता सुनिश्चित की है। पहले राज्य में मैनुफ़ैक्चरिंग युनिट लगाने के लिए अलग-अलग विभागों से विभिन्न प्रकार की स्वीकृतियां लेनी पड़ती थी जिसमें बहुत समय लगता था। इस समस्या के समाधान के लिए हमने जहां एक ओर उद्योगों की लाइसेंसिंग प्रोसेस को आसान बनाते हुए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था में सुधार किया,वहीं औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति और MSME नीति सहित 30 से अधिक नीतियां लाकर राज्य में उद्योगों को बेहतर माहौल उपलब्ध कराने का प्रयास भी किया।इसके साथ ही, विनिर्माण क्षेत्र में बड़े उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए हमारी सरकार ने राज्य में मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी भी लागू की है। इसके अलावा जहां हम स्टार्टअप को इनक्यूबेशन सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 60 करोड़ रुपए की लागत से विश्वस्तरीय यू-हब की स्थापना कर रहे हैं, वहीं, उन्हें आसानी से फंड उपलब्ध कराने हेतु 200 करोड़ रुपए के वेंचर फंड की स्थापना भी की गई है। यही नहीं, राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिये यूके-स्पाईस नाम से निवेश प्रोत्साहन एजेंसी स्थापित कर निवेशकों को समर्पित “निवेश मित्र” की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है
उत्तराखंड में काशीपुर, सितारगंज, पंतनगर और रुद्रपुर में नए औद्योगिक पार्क और टाउनशिप विकसित
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जहां एक ओर काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर, पंतनगर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना की है, वहीं, MSME क्षेत्र के उद्यमियों को प्लग एंड प्ले मॉडल पर उद्यम स्थापना हेतु SIDCUL द्वारा रुद्रपुर, सेलाकुई और हरिद्वार में कम लागत वाली फ्लैटेड फैक्ट्रियाँ भी तैयार की जा रही हैं। इतना ही नहीं, हम किच्छा फार्म में हजार एकड़ से अधिक भूमि पर एक स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हम औद्योगिक क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को सुविधाजनक आवास सुलभ कराने हेतु “रेंट बेस्ड एकोमोडेशन” सुविधा भी विकसित कर रहे हैं।आज हमारी पहल “हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड” राज्य के सभी आर्गेनिक उत्पादों को एक अम्ब्रेला के नीचे लाने में कारगर सिद्ध हो रही है।इसके अंतर्गत, राज्य के विभिन्न उत्पादों की जीआई टैगिंग कर विश्व स्तरीय पहचान दिलाने का कार्य किया जा रहा है। राज्य की महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए गए उत्पाद वैश्विक पहचान बना रहे हैं | हमारी सरकार राज्य में मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सीमम गवर्नेंस की अवधारणा को मूर्त रूप देने का प्रयास कर रही है। हमनें मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से राज्य में 10 हजार से अधिक नए उद्यमियों को लाभान्वित किया गया है। आज हम प्रदेश में 260 से अधिक व्यावसायिक सेवाओं को पूर्णतः ऑनलाइन उपलब्ध करा रहे हैं। इससे उद्यमियों को विभिन्न विभागों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं रह गई है और व्यवस्था में पारदर्शिता तथा गति दोनों सुनिश्चित हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे इन सभी प्रयासों का परिणाम है कि आज ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है। हमारी सख्ती और पारदर्शिता का सीधा लाभ हमारे उद्यमियों को मिल रहा है और उन्हें योजनाओं की स्वीकृति, जमीन आवंटन, औद्योगिक लाइसेंस या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में अब अनावश्यक बाधा का सामना नहीं करना पड़ता। हम उत्तराखंड को देश के अग्रणी “इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली स्टेट” के रूप में स्थापित कर देश का अग्रणी राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प” को पूर्ण करने हेतु निरंतर कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में 28 से 30 नवंबर 2025 तक आपदा प्रबंधन पर विश्व शिखर सम्मेलन (WSDM) आयोजित होने वाला है, जिसमें वैश्विक नेता और विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर चर्चा करेंगे। इस पहले WSDM प्री-समिट का उद्देश्य आपदाओं से निपटने के लिए नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देना है।
आईटी पार्क के दो प्लाट रियल एस्टेट कम्पनी को आवंटित करने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सवाल उठाए हैं।
दूसरी ओर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने कहा कि आवंटित भूमि आवासीय और आईटी पार्क से अलग है। कांग्रेस को तथ्यों की जानकारी  नहीं है।
भाजपा ने अपने तर्क के समर्थन में तथ्य पेश करते हुए कांग्रेस के आरोपों की निंदा की है।
माहरा ने कहा कि आईटी पार्क की जमीन को फ्लैट्स बनाने वाली निजी कंपनी को सौंप दिया गया है, जो बाद में इन्हें बाजार में बेचकर मुनाफा कमाएगी। यानी जनता की जमीन को “Public to Private Transfer” के ज़रिए बिल्डर लॉबी के हवाले कर दिया गया।
पत्रकारों से बातचीत में कहा  कि 40,000 रुपये प्रति वर्गमीटर बेस रेट वाले टेंडर में बोली केवल 46,000 रुपये तक ही गई और दोनों प्लॉट एक ही कंपनी RCC Developer को दे दिए गए।
यह पूरी प्रक्रिया न सिर्फ़ संदिग्ध लगती है बल्कि संभावित मिलीभगत का भी संकेत देती है। इतना ही नहीं, कंपनी को केवल 25% अग्रिम राशि जमा करने और बाकी रकम आसान किश्तों में देने की छूट दी गई।
उन्होंने कहा कि जगह आईटी कंपनियाँ आनी चाहिए थीं, वहाँ अब अपार्टमेंट प्रोजेक्ट बनेंगे। यह निर्णय न सिर्फ़ “Skill & Employment Oriented Economy” के खिलाफ है, बल्कि प्रदेश की युवा पीढ़ी के साथ खुला अन्याय है।
सिडकुल, जिसका उद्देश्य उद्योगों को बढ़ावा देना था, अब खुद रियल एस्टेट के कारोबार में उतरती दिख रही है। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव साफ़ झलकता है।
सरकार ने बिना किसी सार्वजनिक संवाद या विचार-विमर्श के यह निर्णय लेकर जनता के भरोसे और जवाबदेही दोनों को कमजोर किया है।
माहरा ने कहा कि अमूल्य संपत्ति को 90 साल की लीज़ पर देकर सरकार ने क्या वास्तव में उत्तराखंड की भावी पीढ़ियों का अधिकार गिरवी रख दिया है? यह सिर्फ़ एक ज़मीन का नहीं, बल्कि प्रदेश के भविष्य और नीतिगत नैतिकता का सवाल है।
आवंटित भूमि आवासीय और आईटी पार्क से अलग, कांग्रेस को नही तथ्यों की जानकारी : भट्ट
कांग्रेस काल 2012 मे जीटीएम बिल्डर्स,RBI और नाबार्ड को आवंटित हुई।RBI और नाबार्ड द्वारा भूमि उपयोग न करने पर 2023 में आवंटन निरस्त हुआ और आवंटन शुरू हुई पारदर्शी प्रक्रिया
हर खुलासे मे सनसनी ढूंढ रही कांग्रेस को धैर्य की जरूरत
देहरादून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने आईटी पार्क मे स्थापित उद्योंगों के लिए आबंटित जमीन को प्लाटिंग के लिए उपयोग की खबरों को भ्रामक बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मामले का बिना तथ्यों के आरोप लगा रहे है और यह सरासर झूठ का पुलिंदा है। उन्होंने कहा कि यह भूमि कांग्रेस काल 2012 मे जीटीएम बिल्डर्स, RBI और नाबार्ड को आवंटित हुई तथा RBI और नाबार्ड द्वारा आवंटित भूमि उपयोग न होने पर निरस्त और दोबारा टेंडर के लिए पारदर्शी प्रक्रिया शुरू की गयी।
भट्ट ने कहा कि वर्तमान में कुछ माध्यमों द्वारा सिडकुल द्वारा प्रख्यापित निविदा संख्या 206/सिडकुल /2025 दिनांक 25 जुलाई, 2025 एवं 207/सिडकुल /2025 दिनांक 25 जुलाई, 2025 के माध्यम से सिडकुल द्वारा उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली, 2025 के अंतर्गत R-1 एवं R-2 प्लॉट का ई-निविदा के माध्यम से आवंटन पर आपत्ति दर्शायी गयी है। इस संबंध में यह भी आपत्ति दर्ज की गयी है कि प्रश्नगत भूखण्डों का प्रयोजन बदलकर आवासीय कर आवंटन किया गया है। जो कि सरासर गलत है।
भट्ट ने कहा कि जिस जमीन की बात कांग्रेस अध्यक्ष ने कही है वह भूखण्ड आई०टी० पार्क से पृथक है, एवं वर्ष 2006 एवं 2008 के शासनादेशो से औद्योगिक विकास विभाग, उत्तराखण्ड शासन एवं राज्य अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास निगम लि० (सिडकुल) को सहस्त्रधारा रोड, देहरादून में राजस्व ग्राम धोरण खास, डांडा नूरीवाला, डाडा धोरण एवं डांडा लखौण्ड में “आवासीय क्षेत्र” हेतु कुल 6.794 है. भूमि आवंटित की गयी थी, जिसे “IT Park Residential site” के रुप में निदेशक मण्डल की 34वी बैठक दिनांक 30 मार्च, 2012 की बैठक में प्रख्यापित किया गया था।
उपरोक्त भूखण्ड में से वर्ष 2012 एवं वर्ष 2013 में आवासीय प्रयोजन हेतु मै० जी०टी०एम० बिल्डर्स एवं प्रोमोर्टस प्रा०लि०, नाबार्ड एवं आर.बी.आई को भूखण्ड आवंटित की गयी थी। नाबार्ड एवं आर.बी.आई को आवंटित आध्यासीय भूखण्डों में संबंधित द्वारा समयान्तर्गत कार्य प्रारम्भ नहीं किये जाने के कारण सिडकुल निदेशक मण्डल द्वारा भूमि के सही प्रयोजन के उपयोग हेतु 61वीं बैठक दिनांक 04 अगस्त, 2023 में उक्त इकाईयों को आवंटित भूखण्ड निरस्त किये गये।
चूंकि “आईटी पार्क आवासीय” में उपरोक्त इकाईयों को आवंटित भूखण्ड निरस्त कर दिये गये थे, इस कारण पारदर्शी प्रक्रिया के अंतर्गत उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली, 2025 के अंतर्गत R-1 एवं R-2 प्लॉट की ई-निविदा प्रकाशित की गयी। उक्त के क्रम में निविदा संख्या 206/सिडकुल/2025 दिनांक 25 जुलाई, 2025 एवं 207/सिडकुल/2025 दिनांक 25 जुलाई, 2025 के माध्यम से निविदा प्रकाशित की गयी एवं समस्त प्रक्रिया का परिपालन उपरांत अधिकतम एवं सफल बोलीप्रदाता को भूखण्ड आवंटन किया गया। प्रक्रिया में समस्त प्रक्रिया का परिपालन किया गया है एवं प्रश्नगत भूखण्ड आवासीय प्रयोजन” हेतु था एवं उक्तानुसार ही आवंटित किया गया था।
उन्होंने बताया कि एकीकृत औद्योगिक आस्थान जैसे हरिद्वार, पतनगर, सितारगंज इत्यादि में औद्योगिक प्रयोजन के साथ-साथ एकीकृत विकास हेतु आवासीय प्रयोजन, व्ययसायिक प्रयोजन, संस्थागत प्रयोजन एवं स्वास्थ्य सुविधाओं इत्यादि के लिये भूखंड आवंटित कर विकसित किये जाने का प्राविधान मी है, किंतु उपरोक्त भूखण्ड R-1 एवं R-2 का आवंटन “आवासीय प्रयोजन” हेतु चिन्हित होने के कारण उक्त प्रयोजन हेतु “IT Park Residential site, Sahastradhara Road” पर किया गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसे कथित खुलासे का तथ्यपरक अवलोकन जरूरी है, क्योंकि सच सामने आने पर वह भागती नजर आती है।
उन्होंने आईटी पार्क में आवासीय प्लॉट को लेकर लगाए आरोपों को बेबुनियाद और नकारात्मक राजनीति से प्रेरित बताया। भट्ट ने कहा की जिस भूमि आवंटन को कांग्रेस अध्यक्ष घोटाला बता रहे हैं, उस जमीन का आवंटन तो कांग्रेस सरकार में ही हुआ किया गया और भू उपयोग ना होने से आवंटन निरस्त कर उसका वर्तमान आवंटन भी पूर्वनिर्धारित प्रक्रिया एवं पारदर्शी निविदा के अनुशार उच्च बोलीदाता को ही हुआ है।। लिहाजा पहले कांग्रेस को तय करना चाहिए कि वो तब गलत थी या आज झूठ बोल रही है।


केदारनाथ धाम में गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के मामले में फिर से कांग्रेस व भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है। पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सोना गायब होने के मामले की गढ़वाल आयुक्त की रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया।
बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा, विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों में मैंने सरकार से स्वयं मामले की जांच कराने का आग्रह किया था। इस पर सरकार ने गढ़व़ाल आयुक्त को जांच सौंपी। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने में बीकेटीसी कोई भूमिका नहीं है। एक दानदाता ने शासन को पत्र लिख कर गर्भग्रह को स्वर्ण मंडित करने का आग्रह किया था। एएसआई की रिपोर्ट के बाद सरकार ने इसकी अनुमति दी।कांग्रेस नेता गोदियाल आरोप लगा कर भाग गए। यदि उनके पास कोई तथ्य है तो सक्षम अथाॅरिटी के सामने शिकायत करते या न्यायालय में जाते। कहा, गोदियाल सिर्फ सनसनी फैलाने के लिए केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को क्षेत्रीय संपर्क योजना (उड़ान योजना) के अंतर्गत पिथौरागढ़-मुनस्यारी-पिथौरागढ़ एवं हल्द्वानी-अल्मोड़ा-हल्द्वानी हवाई सेवाओं का मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन हवाई सेवाओं के शुरू होने से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में आम नागरिकों का आवागमन सुगम होगा।
दूरस्थ क्षेत्रों में आम नागरिकों को सुगम परिवहन होगा उपलब्ध : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्मोड़ा और मुनस्यारी उत्तराखंड के प्राचीन नगर होने के साथ ही ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर हैं। ये शहर प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक मंदिरों और समृद्ध संस्कृति के लिए देश और दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। हेली सेवा शुरू होने से अब पर्यटक अल्मोड़ा और मुनस्यारी तक और भी आसानी से पहुँच सकेंगे। इन सेवाओं से हल्द्वानी से अल्मोड़ा पहुँचने का समय 3 से 4 घंटे से घटकर महज़ कुछ मिनटों का रह जाएगा। हेली सेवाओं के प्रारंभ होने से दोनों क्षेत्रों में पर्यटन एवं आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उड़ान योजना जैसी दूरदर्शी योजना प्रारंभ की थी। इस योजना ने प्रदेश में हवाई संपर्क को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके अंतर्गत राज्य के कई हिस्सों में हवाई पट्टियों और हेलीपोर्ट्स का विकास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 18 हेलीपोर्ट्स से हेली सेवाओं के संचालन की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिनमें से अब तक 12 हेलीपोर्ट्स पर सेवाएँ सफलतापूर्वक प्रारंभ की जा चुकी हैं।
राज्य के अन्य क्षेत्रों को भी हेली सेवाओं से जोड़ा जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हेली सेवाओं से अब तक गौचर, जोशियाड़ा, हल्द्वानी, मुनस्यारी, मसूरी, पिथौरागढ़, पंतनगर, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल और अल्मोड़ा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ा जा चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी हेली सेवाओं से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हवाई संपर्क को सशक्त बनाने के साथ ही उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के विस्तार के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं के लिए विकसित करने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पिथौरागढ़ -मुनस्यारी -पिथौरागढ़ एवं हल्द्वानी-अल्मोड़ा-हल्द्वानी के लिए हेलीकॉप्टर सेवा सप्ताह में 7 दिन तथा प्रत्येक दिन दो बार संचालित होगी। पिथौरागढ़ से मुनस्यारी के लिए यह हेली सेवा सुबह 10:30 बजे एवं दोपहर 1:50 बजे चलेगी। वहीं मुनस्यारी से पिथौरागढ़ के लिए यह सेवा सुबह 10:50 बजे एवं दोपहर 2:10 बजे चलेगी।
हल्द्वानी से अल्मोड़ा के लिए हेली सेवा सुबह 11:50 बजे एवं दोपहर 3:10 बजे चलेगी। जबकि अल्मोड़ा से हल्द्वानी के लिए यह सेवा दोपहर 12:50 बजे एवं सायं 4:10 बजे चलेगी। इन हवाई सेवाओं का किराया ₹2500 है, जिसे यात्री https://airheritage.in/ के माध्यम से ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं।
कार्यक्रम में सचिव युकाडा सचिन कुर्वे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी युकाडा आशीष चौहान एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
उत्तराखण्ड सूचना आयोग ने विधानसभा सचिवालय में आरटीआई से जुड़े पत्रों के रखरखाव और कार्रवाई में गंभीर लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के दल बदल कानून के उल्लंघन से जुड़ी अपील (संख्या 42977/2025-26) की सुनवाई करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय अपीलीय अधिकारी (उप सचिव, विधानसभा सचिवालय) एक माह के भीतर अपीलार्थी को पूर्ण सूचना उपलब्ध कराएं और प्रथम अपील का विधिवत निस्तारण करें।
मामला जन संघर्ष मोर्चा से जुड़े जयपाल सिंह की अपील से जुड़ा था। जिन्होंने निर्दलीय विधायक के दल बदल कानून के उल्लंघन सम्बन्धी याचिका पर विधानसभा सचिवालय से सूचना मांगी थी।

अपीलार्थी ने बताया कि उनका पत्र पंजीकृत डाक से भेजा गया था, लेकिन सचिवालय की ओर से दावा किया गया कि पत्र प्राप्त ही नहीं हुआ। आयोग ने इसे गंभीर व आपत्तिजनक मानते हुए कहा कि सचिवालय में आरटीआई आवेदनों और प्रथम अपीलों का समुचित रखरखाव नहीं हो रहा है।
मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूडी ने सचिव, विधानसभा सचिवालय को निर्देशित किया है कि प्रकरण की जांच करें और भविष्य में आरटीआई से संबंधित आवेदनों एवं प्रथम अपीलों के निस्तारण के लिए सुदृढ़ नियमावली तैयार कर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दें। साथ ही की गई कार्रवाई की सूचना आयोग को भी भेजी जाए।
स्पीकर की रहस्यमय चुप्पी- मोर्चा
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने आरोप लगाया कि खानपुर विधायक उमेश कुमार के दल-बदल मामले में विधानसभाध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने बचाव की भूमिका निभाई। इस प्रकरण का खुलासा मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने जन संघर्ष मोर्चा के जयपाल सिंह की अपील पर हुई सुनवाई के दौरान भी हुआ।
नेगी ने बताया कि ढाई से तीन वर्ष तक याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने पंजीकृत डाक से विधानसभा अध्यक्ष एवं सचिव को कार्रवाई हेतु पत्र भेजे, लेकिन विधानसभा सचिवालय ने मौखिक निर्देशों और दबाव में आकर पत्रों के सचिवालय तक न पहुंचने का हवाला दिया। यह दर्शाता है कि पूरा मामला दबाने की कोशिश की गई।
मुख्य सूचना आयुक्त ने सुनवाई में विधानसभा सचिवालय की लापरवाही को गंभीर मानते हुए उपसचिव और सचिव को समुचित जांच तथा अनुरोध पत्रों/अपीलों के निस्तारण के निर्देश दिए।
नेगी ने कहा कि हैरानी की बात है कि जिस विधायक पर ब्लैकमेलिंग, जालसाजी, यौन शोषण और संपत्ति हड़पने जैसे गंभीर आरोप हों, ऐसे विधायक का बचाव विधानसभाध्यक्ष क्यों कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले ने विधानसभाध्यक्ष की मिलीभगत की पोल खोल दी है।
गौरतलब है कि अप्रैल 2022 में खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था। मई में विधानसभा में दल बदल कानून के उल्लंघन सम्बन्धी याचिका दाखिल की गई थी। लेकिन विधानसभा भर्ती घोटाले में तुरत फुरत 200 से अधिक तदर्थ कर्मियों को नौकरी से हटाने वालीं स्पीकर ऋतु खण्डूडी उमेश कुमार के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं ले पायीं।
तीन साल से अधिक समय बीतने के बाद भी विधायक उमेश कुमार की सदस्यता पर फैसला नहीं होने पर कई सवाल उठ रहे हैं।

पूर्व के सालों में भी विधानसभा स्पीकर दल बदल कानून के उल्लंघन के मामले में कई विधायकों से इस्तीफा के चुके हैं। लेकिन स्पीकर ऋतु खंडूड़ी किस दबाव में उमेश कुमार की विधायकी पर निर्णय नहीं ले पा रही है। यह भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
यहां यह भी अहम बात है कि बीते मई महीने में विस सचिवालय ने याचिकाकर्ता और विधायक को नोटिस जारी किया था। लेकिन उसके बाद क्या फैसला लिया गया। यह किसी को पता नहीं।
इधऱ, मोर्चा सदस्य जयपाल की आरटीआई पर मांगी गई सूचना पर भी विधानसभा सचिवालय ने कह दिया कि उन्हें यह पत्र मिला ही नहीं। जबकि पंजीकृत डाक से पत्र भेजा गया था।
इधऱ, जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ नेगी ने कहा कि दल बदल कानून के उल्लंघन पर चुप्पी ओढ़ने वालीं स्पीकर ऋतु खंडूरी के इस्तीफे तक मोर्चा चुप बैठने वाला नहीं है।
स्पीकर नहीं लें समय पर फैसला तो लोकतंत्र को होगा नुकसान” – सुप्रीम कोर्ट
देश की सर्वोच्च अदालत ने विधायकों और सांसदों की अयोग्यता याचिकाओं में समय-बद्धता न बरतने वाले स्पीकरों की प्रक्रिया पर कड़ी नाराज़गी जताई है। जुलाई 2025 के इस आदेश से हलचल मच गई ।

चीफ जस्टिस बी.आर. गवई एवं जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच की तल्ख टिप्पणी और स्पीकर को तीन महीने में निर्णय लेने के आदेश के बाद हलचल मच गई
सुप्रीम कोर्ट ने ये तीखी टिप्पणी गुरुवार 31 जुलाई 2025 को की। सर्वोच्च न्यायालय ने तेलंगाना विधानसभा के स्पीकर को दस BRS विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं का निर्णय तीन महीने के भीतर लेने का निर्देश देते हुए, गम्भीर विलंब और लोकतंत्र पर संभावित खतरों को लेकर स्पष्ट टिप्पणी कर सिस्टम को कठघरे में खड़ा कर दिया।



दल-बदल कानून के उल्लंघन का एक चर्चित मसला उत्तराखण्ड से भी जुड़ा है। इस मुद्दे पर स्पीकर ने तीन महीने ही नहीं बल्कि तीन साल से ज्यादा निकाल दिए। लेकिन कोई फैसला नहीं दिया।
हालिया बेरोजगार आंदोलन की अपार सफलता के बाद युवा शक्ति पूरे जोश में है। युवा शक्ति का रथ कोटद्वार की ओर मोड़ने की पूरी तैयारी हो चुकी है।आंदोलित युवा शक्ति ने पेपर लीक के मुद्दे पर प्रदेश सरकार से सीबीआई जांच समेत अन्य प्रमुख मांगे मनवाने के बाद आराम न करते हुए नयी जंग का ऐलान कर दिया। इस बार निशाने पर स्पीकर को लिया गया है।
बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार ने स्पीकर ऋतु खंडूड़ी को पत्र लिख कर खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के दल बदल उल्लंघन से जुड़ी लंबित याचिका पर जल्द निर्णय लेने को कहा है।स्पीकर को सम्बोधित पत्र में बॉबी पंवार ने कहा की लोकतंत्र संविधान से चलता है। न कि व्यक्तिगत पसंद -नापसन्द से।बॉबी ने कहा कि तीन साल से अधिक समय बीतने के बाद भी स्पीकर ने इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया। उन्होंने कहा कि दल बदल कानून के उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट की तल्खी के बाद भी स्पीकर ने संविधान के तहत कोई ठोस फैसला नहीं लिया।स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने उमेश कुमार की सदस्यता पर चुप्पी साधे कांग्रेस के नेताओं को भी आड़े हाथ लिया।
उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने 30 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को लिखे पत्र में खानपुर विधायक उमेश कुमार की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। संगठन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में विधानसभा अध्यक्षों पर दल बदल याचिकाओं को लंबित रखने को लेकर की गई तल्ख टिप्पणी के बावजूद, मई 2022 से दर्जनों याचिकाएं लंबित हैं और उन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
मोर्चा ने पत्र में लिखा कि पूर्व अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पुरोला विधायक राजकुमार, धनोल्टी विधायक प्रीतम पवार और भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा की सदस्यता समाप्त कर संवैधानिक परंपराओं का सम्मान किया था। जबकि वर्तमान अध्यक्ष की ओर से खानपुर मामले में कोई फैसला न लेना गलत संदेश देता है।
पत्र में कहा गया कि यदि किसी व्यक्तिगत कारण से निर्णय नहीं लिया जा रहा है तो विधानसभा अध्यक्ष को जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि इस पर शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई तो यह संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं के विपरीत एक गलत उदाहरण बनेगा।
गौरतलब है कि मार्च 2022 में खानपुर से निर्दलीय विधायक का चुनाव जीतने के बाद उमेश कुमार ने एक नए दल में शामिल हो गए थे। इस कार्यक्रम की खूब खबरें छपी थी। मई 2022 में रविंद्र पनियाला समेत कई अन्य ने दल बदल कानून के उल्लंघन सम्बन्धी याचिका विधानसभा में पेश की थी।
लेकिन इतना लंबा समय बीतने के बाद स्पीकर ने नियमों के तहत कोई फैसला नहीं लिया। स्पीकर पर किसका दबाव है, राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी सरगर्म है।
दूसरी ओर, पूर्व सीएम हरीश रावत भी स्टिंग करने वाले उमेश कुमार पर अन्य मुद्दों पर तो आक्रमण करते हैं। लेकिन उनकी विधायक बेटी अनुपमा रावत ने कभी भी उमेश कुमार के दल बदल कानून के उल्लंघन पर कोई सवाल नहीं उठाया। अन्य बड़े कांग्रेस नेता भी मौन साधे हुए हैं।
कुछ दिन पूर्व, मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूडी ने भी विधानसभा सचिवालय को उमेश कुमार से जुड़े मसले पर पत्रावली के रख रखाव की सख्त हिदायत दी थी।
इधर, बॉबी पंवार ने इस मुद्दे पर लीड लेते हुए स्पीकर की विधानसभा कोटद्वार में युवा शक्ति रथ मोड़ने का ऐलान कर हड़कंप मचा दिया है। देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट की तल्खी व बॉबी पंवार की चेतावनी के बाद भी स्पीकर ऋतु खंडूड़ी लंबित फैसले को कितने दिन और टाले रखती है..

सेवा में,
श्रीमती ऋतू खंडूरी जी माननीय विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड
विषय : सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बावजूद खानपुर विधानसभा की दलबदल याचिका विषयक।
माननीय अध्यक्ष विधानसभा
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्षों द्वारा दल बदल याचिकाओं को जानबूझकर लटकाने को लेकर जो तल्ख टिप्पणी की गई उसके बाद उत्तराखंड के लोगों को यकीन था कि उत्तराखंड में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का सम्मान किया जाएगा।
मई 2022 आपके कार्यालय में खानपुर के विधायक उमेश कुमार के दल बदल करने और उनकी विधायकी समाप्त करने को लेकर जो दर्जनों याचिकाएं डाली गई इसके बावजूद आपने उपरोक्त विधायक की विधायकी समाप्त नहीं की। आपसे पहले विधानसभा अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल के सम्मुख जब पुरोला के विधायक राजकुमार धनोल्टी के विधायक प्रीतम पवार और भीमताल के विधायक राम सिंह कैड़ा की इसी प्रकार दल बदल की याचिकायें आई तो प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष की पद की गरिमा रखते हुए तीनों विधायकी समाप्त कर कानून का पालन किया जिस कुर्सी पर आप बैठी है वह नियम कायदे कानून और परंपराओं के लिए जानी जाती है। इतने लंबे समय से आप द्वारा दल बदल की उस याचिका पर निर्णय न लेने से बहुत स्पष्ट संदेश जा रहा है कि आप उस कुर्सी से न्याय नहीं कर रही है जिस पर आप आसीन हैं।
अगर आपकी कोई व्यक्तिगत मजबूरी है तो उसे आपको कोटद्वार की जनता से लेकर यमकेश्वर के लोगों तक जरूर बताना चाहिए।। हमारा स्पष्ट मानना है यह देश संविधान से चलता है और सदन में नियम कायदे कानून और परंपराएं ही सदन को आगे बढ़ाते ती हैं हम यह भी जानते हैं कि जिन लोगों ने राम सिंह कैड़ा राजकुमार और प्रीतम पंवार की विधायकी समाप्त करने के लिए छाती पीठ कर शोर मचाया था वह आज मित्र विपक्ष के रूप में मलाई खा रहे हैं।
यह प्रदेश की जनता अपनी खुली नजर से देख रही है। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने आपको इस बारे में पहले भी कई बार विभिन्न तरीके से अनुरोध किया कि आप दल बदल की इस स्पष्ट श्रेणी की याचिका पर निर्णय देकर खानपुर के विधायक उमेश कुमार की विधायकी को समाप्त करने का आदेश दें। ऐसा ना हो कि आपने बाद बनने वाले विधानसभा अध्यक्ष आपके द्वारा इन गलत निर्णय को आत्मसात करने को मजबूर हों ऐसा होना संविधान के खिलाफ होगा और नियम कायदे कानून और परंपराओं के विपरीत होगा
कृपया शीघ्र कार्यवाही कर दल बदल की इस गलत परंपरा को समाप्त करने की कृपा करें।

विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतू खंडूरी जी उत्तराखंड का युवा सीबीआई जांच करवाने का दम रखता है ।
एक प्रदेश में दो प्रकार के कानून नहीं हो सकते हैं इसी प्रकार दलबदल के लिए भारत के संविधान में जो व्यवस्था दी है उसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता। मई 2022 से दल बदल की जो याचिकाएं दबाई गई है सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यदि बात समझ में ना आ रही हो तो युवा शक्ति का रथ बहुत जल्द कोटद्वार की ओर ही कूच करेगा।
उत्तराखंड में किसी को भी संविधान का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने परेड ग्राउंड में आंदोलन कर रहे युवाओं के बीच पहुंचकर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की गत सप्ताह आयोजित परीक्षा प्रकरण की सीबीआई जांच कराने पर सहमति दे दी है।
छात्रों के आग्रह पर वहीं मौके पर ही सीबीआई संस्तुति को लेकर पत्र पर हस्ताक्षर भी कर दिए , ताकि मन में किसी के भी कोई संशय न रह सके .

युवाओं का पहले सुना पक्ष ,फिर रखी अपनी बात-
सीएम ने युवाओं का पक्ष सुनने के बाद कहा कि युवा इस त्योहारी सीजन में इतनी गर्मी के बीच आंदोलन कर रहे हैं, इससे खुद उन्हें भी अच्छा नहीं लग रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का एक ही संकल्प है कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए। विगत चार साल में सरकार ने इसी संकल्प के अनुसार काम किया है।
खूबसूरत सपनों की बुनियाद है छात्रों कि परीक्षा तैयारी –
युवाओं से अपील करते हुए धामी ने कहा कि वो जानते हैं कि उत्तराखंड के युवा और छात्र पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करते हैं। इसी आधार पर उनके पास जीवन के लिए खूबसूरत सपने होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद ऐसी परिस्थितियों को देखा है, छात्रों और युवाओं के बीच काम करते हुए, इसका अनुभव लिया है।
युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विगत दिनों सामने आए प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एसआईटी द्वारा की जा रही है। कमेटी ने काम भी शुरु किया है, लेकिन फिर भी युवा सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं,तो मैं भी इसके लिए तैयार हूं,इसमें कोई रुकावट नहीं आएगी।

कार्यालय में भी हो सकती थी बात लेकिन महसूस करने आया हूं आपकी परेशानी को –
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो चाहते तो ये बातचीत कार्यालय में भी हो सकती थी, लेकिन युवाओं के कष्ट को देखते हुए, उन्होंने खुद धरना स्थल पर आने का निर्णय लिया है, वो पूरी तरह युवाओं के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले चार साल में पारदर्शी तरीके से 25 हजार से अधिक सरकारी भर्तियां की है, इमसें कहीं कोई शिकायत नहीं आई है। सिर्फ एक प्रकरण में यह शिकायत आई है, इसलिए युवाओं के मन से हर तरह की शंका को मिटाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
विगत दिनों भी छात्रों को यही आश्वाशन दिया –
सीएम धामी ने कहा कि विगत सप्ताह भी जब युवा उनसे मिले थे तब भी उन्होंने न्होंने स्पष्ट कर दिया था कि सरकार चाहती है कि युवाओं के मन में कोई अविश्वास, संदेह या शंका न रहे। इसलिए वो बिना किसी को बताए सीधे यहां परेड ग्राउंड में चले आए हैं।
मुकदमें वापस होंगे-
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आंदोलन के दौरान यदि युवाओं पर कहीं कोई मुकदमें दर्ज हुए हैँ तो उन्हें वापस लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृतकाल के विकसित भारत में उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने, इसमें युवाओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी।8 दिन से देहरादून के परेड ग्राउंड स्थित छात्रों से मिलने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर ही जा पहुंचे,सीएम ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पीड़ा है मुझे की इस धूप गर्मी में आप सभी युवा छात्रों को धरने पर बैठना पड़ा ,लेकिन सरकार हमेशा से प्रदेश के युवाओं के साथ है .
परीक्षाएं सही से नहीं करवा पाएंगे,,पेपर लीक होते रहेंगे,,नकल माफिया जेल से बाहर आते रहेंगे,,,और जब बेरोजगार अपनी आवाज उठाने के लिए इक्क्ठे होंगे,,,तो धारा 163 लगा देंगे,,,क्या अब सच में इस प्रदेश में युवाओं की सबसे बड़ी समस्या रोजगार से जुड़े इस अहम पहलू पर कोई ध्यान दे भी रहा है की नहीं ,,,,,,क्या इस प्रदेश में एक सख्त नकल विरोधी कानून के बाद भी नौकरियों की खरीद फरोख्त जारी है,,,,ताजा घटनाक्रम ने कई पुराने सवालों को एक बार फिर से ज़िंदा कर दिया है ,,,जो सवाल थोड़े से मद्दम हो चले थे,,एक बार फिर उठने शुरू हो गए हैं,,,आज के वीडियो में विस्तार से पुरे घटनाक्रम को आपको बताएंगे,,,पुलिस से लेकर आयोग और छात्रों के हर आरोप से आपको रु बरु करवाएंगे,,,साथ ही वो ऑडियो भी आपको दिखाएंगे जो इन उठते सारे सवालों की वजह बना है,,
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है,,,रविवार को परीक्षा शुरू होने के कुछ ही देर बाद पेपर लीक होने का दावा सामने आया, जिससे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगे हैं ,,,मामला तब और गंभीर हो गया जब बेरोजगार संघ अध्यक्ष राम कंडवाल और सुरेश सिंह के साथ ही उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार सहित त्रिभुवन सिंह चौहान और मोहित डिमरी ने भी इस मुहीम को आगे बढ़ा दिया ,,,,,,उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष और बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार ने दावा किया कि परीक्षा का पेपर शुरू होते ही बाहर आ गया था। पंवार ने वायरल स्क्रीनशॉट का हवाला देते हुए तत्काल जांच की मांग की। बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि संघ ने पहले ही प्रशासन को पेपर लीक की आशंका जताई थी। उन्होंने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इतनी सतर्कता के बावजूद पेपर बाहर आना सरकार और आयोग की नाकामी ही है। कंडवाल ने कहा कि हर बार पेपर लीक कैसे हो जाता है????/ सरकार और आयोग जवाब दें। मामला तब और गरमा गया जब इस मामले में पूछताछ के लिए उत्तराखंड पुलिस और हरिद्वार SOG ने बॉबी पंवार पर ही सवालों की बौछार कर दी ,, पंवार के सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर उठाये आयोग के विरुद्ध सवालों पर ,,जिससे युवाओं में और ज्यादा रोष बढ़ गया
दरअसल रविवार की दोपहर लगभग 12 बजे सोशल मीडिया पर वायरल हुए कथित पेपर के स्क्रीनशॉट ने अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया,,,,यहां गौर करने वाली बात ये है कि एक दिन पहले ही यानी शनिवार को एसटीएफ और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप एसओजी ने कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को परीक्षा के संबंध में देहरादून से ही गिरफ्तार कर लिया था ,,, ये दोनों अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर 12 से 15 लाख रुपये तक की मांग कर रहे थे,,,,जिसका एक कथित ऑडियो भी वायरल हुआ,,, ये ऑडियो पंकज गौड़ का का बताया जा रहा है,
यह ऑडियो जिसमें कोटद्वार के एक अभ्यर्थी से 15 लाख में चयन करवाने का दावा किया जा रहा है,,,,इसके वायरल होने के बाद पुरे प्रदेश के युवाओं में रोष फैल गया,,,,हाकम सिंह के एक बार फिर एक्टिव होने पर लोग हर जगह यही पूछ रहे हैं कि आखिर हाकम सिंहं का हाकिम कौन है,,,जबकि पुलिस कह रही है कि हाकम सिंह का कोई हाकिम नहीं,,, पुलिस ने ये साफ़ इशारा कर दिया की हाकम का कोई हाकम नहीं ,, बल्कि ये एक गिरोह है ,,,पुलिस का ये इशारा भी कई सवालों को जन्म दे रहा है कि आखिर कोई भी एक मामूली सा आदमी इतना बड़ा खेल करता आ रहा है और वो भी बिना किसी सरपरस्ती के ????।खैर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मामले के खुलासे के साथ कहा था कि हाकम कुछ अभ्यार्थियों को कोरा झांसा देकर 12 से 15 लाख रुपये ऐंठने के फिराक में था, लेकिन वहीं दूसरी ओर सह-आरोपी पंकज गौड़ का इकबालिया बयान और हाकम की कॉल रिकॉर्डिंग गहरी साजिश का खुलासा कर रही है।
पंकज गौड़ के बयान के  मुताबिक़ वो खुद परीक्षा में बैठने वाला था। उसने हाकम तक पहचान निकाली और उससे संपर्क बनाया। हाकम ने उसे परीक्षा पास करवा नौकरी लगवाने का भरोसा दिलाया। उसने पंकज को कहा कि यदि वह 15-15 लाख के पांच उम्मीदवार लाएगा तो उसके 12 लाख रुपये बच जाएंगे, यानी उसका काम फ्री में हो जाएगा। यह बयान खुद पंकज ने पुलिस को दिया है, जिससे जाहिर होता है कि वह हाकम की पहुंच पर भरोसा कर रहा था, इसलिए वह खुद भी रुपये देने को तैयार था।
पुलिस की जांच के मुताबिक शुरुआत में पंकज की मुलाक़ात उत्तरकाशी के ओटगांव निवासी रोबिन प्रसाद से हुई थी, जो परीक्षा पास करने के लिए पंकज गौड़ के संपर्क में था। पंकज से पूछताछ में पता चला कि वह अरुण पंवार, रोबिन नौटियाल, गुलशन, मोनिका डोभाल, काला के संपर्क में था, जिन्हें उसने यकीन दिलाया था कि हाकम उसके संपर्क में है। उन्हें यकीन दिलाया है कि 15 लाख रुपये देने पर परीक्षा पास करवा कर नौकरी लगवा दी जाएगी।
पुलिस की जांच के मुताबिक शुरुआत में पंकज की मुलाक़ात उत्तरकाशी के ओटगांव निवासी रोबिन प्रसाद से हुई थी, जो परीक्षा पास करने के लिए पंकज गौड़ के संपर्क में था। पंकज से पूछताछ में पता चला कि वह अरुण पंवार, रोबिन नौटियाल, गुलशन, मोनिका डोभाल, काला के संपर्क में था, जिन्हें उसने यकीन दिलाया था कि हाकम उसके संपर्क में है। उन्हें यकीन दिलाया है कि 15 लाख रुपये देने पर परीक्षा पास करवा कर नौकरी लगवा दी जाएगी।
जांच के क्रम में एक पैन ड्राइव की रिकॉर्डिंग भी पुलिस को मिली, जिसमें हाकम 21 सितंबर को होने वाली परीक्षा पास कराने व नौकरी लगाने का दावा कर रहा है, यह रिकॉर्डिंग भी जाहिर करती है कि साजिश कहीं गहरी थी, जिसमें बड़े स्तर पर मिलीभगत की आशंका है। इसमें हाकम 15 लाख रुपये की राशि के एवज में अभ्यर्थी को परीक्षा में ओएमआर शीट खाली छोड़ने को कह रहा है, जिसे बाद में भरा जाएगा, इससे जाहिर होता है कि वह अभ्यर्थियों को कोरा झांसा नहीं दे रहा था। उसके पास ट्रिक और लिंक दोनों थे।
दूसरी तरफ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कह रहे हैं कि दोनों गिरफ्तार आरोपी अभ्यर्थियों को कोरा झांसा दे रहे थे, उनके परीक्षा पास कराने के दावे को लेकर कोई लिंक नहीं मिले।अब पुलिस जांच का एक पहलू और देखिये,,,,देहरादून पुलिस और आयोग ने प्रेस वार्ता करके खुलासा किया कि पेपर का सिर्फ एक सेट यानी तीन ही पन्ने हरिद्वार के एक सेंटर से एक अभ्यर्थी के लिए बाहर आया था,,, इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह शामिल नहीं, इसलिए पूरी परीक्षा की शुचिता पर सवाल खड़ा नहीं होता,,,यह पेपर सिर्फ कुछ लोगों के बीच ही पहुंचा,,, है न कमाल की बात,,, पुलिस खुद कह रही है कि एक सेट बाहर आया था,,और कुछ लोगों के बीच पहुंचा था,,,और ऐसे में कहा जा रहा है कि इससे पूरी परीक्षा की शुचिता पर सवाल खड़ा नहीं होता,,,इतनी बड़ी लापरवाही सामने आती है और आयोग कह रहा है कि सवाल उठाना लाजमी नहीं है,,,खासकर तब जब आयोग के मुखिया गणेश मर्तोलिया कोई और नहीं बल्कि उत्तराखंड पुलिस के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं ,, कई जिलों की कमान खुद संभल चुके हैं,, उसके बाद भी उनका ये जवाब गले से नीचे नहीं उतरता ,,,
यहां एक और चीज घटित हुई,,,महिला प्रोफेसर पुलिस के सामने बताती है कि उनके द्वारा प्रकरण की जानकारी पुलिस को देने हेतु एक प्रार्थना पत्र लिखा गया था लेकिन बॉबी पंवार द्वारा उक्त महिला से पेपर के स्क्रीनशॉट मांगते हुए उसे इस सम्बन्ध में पुलिस को अवगत न करने के लिये कहा गया,,,,जिसके बॉबी पंवार द्वारा बिना किसी सक्षम अधिकारी को प्रकरण के सम्बन्ध में अवगत कराये बिना परीक्षा प्रणाली को सनसनीखेज बनाने के उद्देश्य से उक्त स्क्रीनशॉट्स को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया,,,जिन्हें कुछ अन्य लोगों द्वारा भी सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रसारित करते हुए सरकार तथा सिस्टम के विरूद्ध आपत्ति जनक पोस्ट की गई। अब इन बातों की भी पुलिस जांच कर रही है,,,,की आखिर बॉबी पंवार ने पुलिस के सक्षम अधिकारी को इस मामले से अवगत कराये बगैर खुद ही जज बनने की कोशिश क्यों की
खैर त्रिवेंद्र सिंह रावत को छोड़कर सत्ता पक्ष का कोई भी नेता फिर चाहे वो महेंद्र बाहुबली हों या फिर कुछ दिन पहले पुलिस को कोसने वाले विधायक ख़ज़ान दास हों या आपदा में जिलाधिकारी देहरादून को अपशब्द कहने वाले मंत्री गणेश जोशी हों ,, कोई भी बेरोजगार युवाओं की मांग पर साथ नहीं दिखाई दे रहा है,,,,,सब के सब ऐसे चुप्पी साधे बैठे हैं ,,उम्मीद विपक्ष से भी थी ,,,,,कि युवाओं की इस पीड़ा में वो उनकी आवाज में अपनी आवाज मिलाते,,,,लेकिन अफ़सोस विपक्ष के नेता सिर्फ शोसल मिडिया और अपने मुख्यालय में ही इसका विरोध करते रह गए,,,,इससे एक बात और साबित होती है कि विपक्ष के रूप में कांग्रेस भी सिर्फ उन मुद्दों पर आगे आती है जो उनकी राजनीती को सूट करता है,,,एक तरफ राहुल गांधी युवाओं की बात करते नहीं थकते तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी का कोई भी बड़ा नेता युवाओं के साथ सड़क पर खड़ा नहीं दिखाई दिया,, गढ़वाल से लोकसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने जरूर दिल्ली एयरपोर्ट से एक सन्देश युवाओं को दिया जिसमे साफ़ उनकी तरफ से कहा गया की वो निजी तौर पर युवाओं के साथ कंधे से कन्धा मिलकर खड़े हैं ,, देहरादून वापिस पहुँचते ही तमाम प्रदेश के युवा मुझे परेड गरिउण्ड में अपने बीच पाएंगे
अब इस पुरे घटनाक्रम के बाद बेरोजगार संघ के आह्वाहन पर देहरादून की सड़कों पर एक बार फिर सरकार और आयोग के खिलाफ युवाओं की भारी भीड़ जमा है ,,,,पुलिस ने इस पुरे इलाके में धारा 163 लागू की,,,लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में युवा यहां पहुंचे,,,हालत बिगड़े नहीं इसके लिए कई जगहों से आ रहे युवाओं को रास्ते में भी रोका गया,,,,बावजूद इसके युवाओं की भारी भीड़ देहरादून में जमा हो गयी,,,हालाँकि पिछली बार से सबक लेते हुए पुलिस इस बार काफी सतर्क दिखाई दे रही है ,,,संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल के साथ पेपर लीक से गुस्साए प्रदेश भर के युवा देहरादून के परेड मैदान में डटे हुए हैं। बेरोजगार संघ ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच करने की मांग रखी है।उनकी साथ ही मांग है कि 21 सितंबर को होने वाली परीक्षा को स्थगित किया जाए।पूर्व में इसके लिए मुख्यमंत्री से लेकर आयोग के अध्यक्ष से भी संघ के पदाधिकारियों ने मुलाकात की थी। लेकिन युवाओं की इस बात को पूरी तरह से अनदेखा किया गया।सिर्फ देहरादून ही नहीं कुमाऊं के हल्द्वानी में भी युवा इसके खिलाफ एकत्र हुए,,,,
बेरोजगार युवा परेड ग्राउंड में सोमवार सुबह से अभी तक डटे हुए हैं,,, सड़क पर ही रात गुजार रहे हैं ,,वहीँ चूल्हा जला खाना भी खा रहे हैं ,, मतलब एक बार फिरसे युवाओं ने खूँटा गाड़ दिया है अपनी मांगों को लेकर ,,,वैसे इसे इस प्रदेश का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि प्रदेश का भविष्य सड़कों पर सोने को मजबूर हो गया है,,, जब प्रदेश के लोग अपने घरों में चैन की नींद सोये हुए हैं ,,ये युवा उन्हीं के बच्चों के भविष्य के लिए सड़कों पर ,सर के नीचे ईंट पत्थर को तकिया बना खुले में सोये हुए हैं , इन युवाओं के जज्बे को सलाम जरूर किया जाना चाहिए ,,,
अंत में एक बात तो साफ़ है कि सरकार को सख्ती और बरतनी होंगी ,युवाओं की आवाज़ को गंभीरता से सुन्ना होगा ,,और नक़ल माफिआ हाकम सिंह ,झूठा रॉब ग़ालिब कर लोगों के पैसे ऐंठने वाले हिमांशु चमोली ,सत्ता की लालसा में अपनी बेटी का सौदा करने वाली अनामिका शर्मा और चन्दन मनराल जैसे प्रदेश पर लगे धब्बों को पूरी ताकत से न केवल मिटाना होगा ,, बल्कि इंच बराबर भी ऐसे ककरोज़ फिर से न पनप पाएं उसके लिए मजबूत तरीके से पुलिसिया पेस्ट कण्ट्रोल करना होगा ,,,धामी जी आपको अपने नेताओं अधिकारिओं में से उनकी पहचान भी करनी होगी जो ऐसे गंदे कृत्य में शामिल हैं ,, उनको भी सलाखों के पीछे पहुंचाने की जिम्मेदारी आपकी ही है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में बोर्ड परीक्षाओं में शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के 75 मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया.
समारोह के दौरान संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में जहां एक ओर, 226 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है, वहीं सभी 13 जनपदों के 1300 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं। साथ ही, दूरस्थ क्षेत्रों तक बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 5-पीएम ई-विद्या चैनल भी संचालित किए जा रहे हैं।
धामी ने कहा कि राज्य के सभी राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा एक से 12 तक के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा उत्तराखंड के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छठवीं से 12वीं कक्षा तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को, मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से प्रत्येक माह छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है, राज्य के बच्चों के व्यक्तित्व विकास के उद्देश्य से प्रत्येक विकासखंड के 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भी भेजा जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा, संघ लोक सेवा आयोग, एनडीए, सीडीएस आदि की लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।
एक शिकायत के आधार पर अराजकता का प्रयास –
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए उत्तराखंड में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। उनकी माने तो चार वर्षों में राज्य के 25 हजार से अधिक युवाओं का चयन सरकारी नौकरी में हुआ है,जबकि राज्य बनने के शुरुआती 21 साल में कुल 16 हजार नियुक्तियां ही हुई थी।
सख्त नकल विरोधी कानून के लागू होने के बाद से अब तक 100 से अधिक नकल माफियाओं को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया जा चुका है। धामी ने कहा कि कुछ लोगों को पारदर्शिता के साथ युवाओं का सरकारी नौकरियों में जाना रास नहीं आ रहा है। इसलिए कुछ लोग युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलने के लिए संगठित रूप से पेपर लीक का षड्यंत्र रच रहे हैं। हाल ही में राज्य में पेपर लीक कराने का असफल प्रयास किया गया, सिर्फ एक जगह की शिकायत के आधार पर अराजकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के मामलों के लिए पहले से ही सख्त कानून बना है, जिससे इस प्रकरण में सख्ती से कार्यवाही की जाएगी।
एक – एक नकल माफिया को करेंगे गिरफ्तार-
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल में सामने आई परीक्षा गड़बड़ी की जांच के लिए एक एसआईटी गठन का निर्णय लिया है। एसआईटी जांच के आधार पर इस मामले में निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। सरकार राज्य में एक-एक नकल माफिया को चुन-चुन कर गिरफ्तार कर, सजा दिलवाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शपथ लेने के बाद ही संकल्प लिया था कि रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरा जाएगा। इसके बाद रिकॉर्ड भर्तियां हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई जांच के जरिए भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि सरकार का उद्देश्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ भर्ती करना है। सरकार भर्ती में देरी के कारण किसी भी युवा के साथ अन्याय नहीं होने देगी।
कार्यक्रम में सम्मलित उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि इस साल बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास होने वाले छात्र- छात्राओं की संख्या 18 प्रतिशत बढ़ी है। अब अंक सुधार परीक्षा भी हो रही है, इससे छात्र- छात्राओं पर परीक्षा को लेकर रहने वाला दवाब कम हुआ है।
 
								  








