Category Archive : अपराध

नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की मतगणना पूरी, परिणाम की घोषणा नहीं

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जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान से पहले हाईवोल्टेज ड्रामा के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के बाद मतगणना पूरी कर ली गई है, अलबत्ता परिणाम की घोषणा स्थगित की गई है। मतगणना से संबंधित अन्य जरूरी दस्तावेज को ट्रेजरी में सील बंद कर रख दिया गया। 18 अगस्त को हाई कोर्ट के निर्देश पर इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बीती पूरी रात जिला पंचायत चुनाव परिणाम को लेकर असमंजस बरकरार रहा, तड़के 5 बजे चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक, जिलाधिकारी वंदना की उपस्थिति में मत पेटी पर पड़े मतों की गणना करते हुए सील कर दिया गया। पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी की गई।

दरअसल जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के लिए मतदान से पहले कांग्रेस समर्थित पांच सदस्यों के कथित अपहरण के बाद सियासी बवाल खड़ा हो गया। कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित अन्य कांग्रेसजन हाईकोर्ट पहुंचे और अर्जेंट सुनवाई की मांग की। कोर्ट के आदेश पर एसएसपी व जिलाधिकारी कोर्ट में पेश हुए।

हाई कोर्ट की ओर से सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणियों के बीच आधिकारिक आदेश में जिलाधिकारी की ओर से दुबारा मतदान से संबंधित बयान का उल्लेख नहीं होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को मामला रेफर किया गया। आयोग व जिला स्तर तक का पत्राचार आधी रात के बाद तक चलता रहा।

गुरुवार रात तक निर्वाचन आयोग की ओर से जिला निर्वाचन अधिकारी को मतगणना करने या मौजूदा चुनाव को रद कर दुबारा मतदान को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी नही किए गए।

आयोग के पत्र मिलने के बाद स्थिति साफ करने को फिर से रिमाइंडर भेजा गया जिसके बाद आयोग की ओर मामले में अपने स्तर से निर्णय लेने को कहा गया। इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से फिर से स्पष्ट दिशा निर्देश मांगे गए।

रात करीब डेढ़ बजे एकाएक मतगणना की तैयारी की गई। तड़के फिर जिला पंचायत चुनाव नियमावली सहित हाई कोर्ट के 2019 में एक मामले में पारित दिशा निर्देश के अध्ययन के बाद तय हुआ कि मतगणना की जाए लेकिन परिणाम को रिजर्व कर दस्तावेज सील कर दिये गए। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी वंदना ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि मतगणना पूरी की जा चुकी है, लेकिन परिणाम घोषित नहीं करते हुए रिजर्व किया गया।

इस मामले को हाई कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा, अग्रिम कार्रवाई कोर्ट के आदेश के अनुसार होगी। उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा ने दीपा दरमवाल, कांग्रेस ने पुष्पा नेगी, उपाध्यक्ष में भाजपा ने बहादुर नगदली व कांग्रेस ने देवकी बिष्ट प्रत्याशी हैं।

धर्मांतरण के कानून को और सख़्त करेगी धामी सरकार, पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित होगी एसआईटी

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धर्मांतरण के कानून को धामी सरकार और सख्त बनाएगी। सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सीमांत प्रदेश होने के साथ ही सनातन की पुण्य भूमि भी है। इसलिए यहां डेमोग्राफी में बदलाव की किसी भी कोशिश को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखे। धर्मांतरण कराने वाले तत्वों के जाल में फंसे लोगों को उचित परामर्श और मार्गदर्शन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं को देखते हुए धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाए जाने की दिशा में तत्काल कदम उठाएं जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमी भी ऐसे तत्वों पर लगाम लगाने में सफल रहा है। इस मुहिम को आगे भी चलाए जाने की जरूरत है, इसलिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर, इसकी निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया जाए।

 

पाखरो रेंज घोटाला…पूर्व डीएफओ अखिलेश तिवारी पर दर्ज होगा मुकदमा, सीएम ने दिया अनुमोदन

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विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट टाइगर सफारी निर्माण के बहुचर्चित घोटाले में सीबीआई को तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ अखिलेश तिवारी पर मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभियोजन की अनुमति दे दी है।जिम कॉर्बेट में टाइगर सफारी के नाम पर करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जांच चल रही है। मामले में तत्कालीन डीएफओ अखिलेश तिवारी के खिलाफ सीबीआई विवेचना से संबंधित जांच रिपोर्ट में शामिल बिंदुओं के आधार पर संगत धाराओं के तहत अभियोजन चलाने के लिए सीएम धामी ने अनुमोदन दे दिया है।

वहीं, पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में अनियमितताओं से संबंधित प्रकरण में तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ टाइगर रिजर्व लैंसडौन किशन चंद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 19 एवं दंड संहिता की धारा 197 के तहत अभियोग चलाने की अनुमति दे दी गई है।

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच को एसआईटी गठित

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देहरादून। राज्य में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए संचालित छात्रवृत्ति योजना में करोड़ों रुपये के गबन का मामला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने साफ कहा कि इस घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

सरकार की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि 2021–22 और 2022–23 के दौरान कई संस्थानों ने फर्जी दस्तावेज और गलत सूचनाओं के आधार पर छात्रवृत्ति की भारी-भरकम रकम हड़प ली। इन संस्थाओं में मदरसे, संस्कृत विद्यालय और अन्य निजी स्कूल-कॉलेज शामिल हैं।

केंद्र सरकार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, राज्य की 92 संस्थाओं पर संदेह है, जिनमें से 17 में गबन की पुष्टि हो चुकी है। ऊधमसिंहनगर का सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल और रुद्रप्रयाग का एक महाविद्यालय भी अनियमितताओं में शामिल पाया गया। कई मामलों में फर्जी आधार कार्ड, निवास प्रमाणपत्र और छात्रों की मनगढ़ंत सूची तैयार कर पैसा निकाला गया।

एसआईटी अब नैनीताल, हरिद्वार और अन्य जिलों की संस्थाओं के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करेगी। केंद्र सरकार ने सात बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए हैं, जिनमें दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना भी शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रवृत्ति जैसी कल्याणकारी योजना में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

पाखरो रेंज घोटाला: ईडी ने चार अफसरों पर मनी लॉन्ड्रिंग में दाखिल की चार्जशीट

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जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में हुए बहुचर्चित घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को चार अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में चार्जशीट दाखिल कर दी।
आरोपियों में तत्कालीन डीएफओ किशनचंद, तत्कालीन डीएफओ अभिषेक तिवारी, रेंजर बृज बिहारी शर्मा और रेंजर मथुरा सिंह मावदी शामिल हैं।
इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की भूमिका की भी जांच हो रही है।
घोटाले में बड़े अधिकारियों के नाम भी सामने आए थे। विभागीय जवाब तलब का खेल भी कुछ समय चला था। लेकिन फिलहाल डीएफओ व रेंज स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत पायी गयी।

ईडी की जांच में सामने आया कि इन अधिकारियों ने मिलीभगत कर पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर अवैध निर्माण कराया और सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों की संपत्ति जुटाई।
ईडी ने इसी महीने किशनचंद के बेटों और बृज बिहारी शर्मा की पत्नी के नाम पर अर्जित करीब 1.75 करोड़ की संपत्ति अटैच की है।

 

क्या है मामला?

साल 2019 में पाखरो रेंज की 106 हेक्टेयर वन भूमि पर टाइगर सफारी बनाने का काम बिना किसी वित्तीय मंजूरी के शुरू कर दिया गया। पेड़ों की कटाई और अवैध निर्माण की शिकायत पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने निरीक्षण किया, जिसमें भारी अनियमितताएं पाई गईं।
जांच में खुलासा हुआ कि इस योजना के नाम पर करीब 215 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। पहले विजिलेंस और फिर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया और चार्जशीट दाखिल की। अब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच करते हुए चार अधिकारियों को आरोपी बनाया है।

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला…जांच के दायरे में आए संस्थानों का दोबारा होगा सत्यापन

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शासन ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में रडार पर आए संस्थानों का दोबारा सत्यापन कराने का फैसला किया है। इसके अलावा जांच के दौरान रुद्रप्रयाग में वासुकेदार में संस्कृत महाविद्यालय में गड़बड़ी मिली है, यह संस्थान एक विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा था।यहां पर पश्चिम बंगाल के 24 परगना के रहने वाले छात्राओं का पंजीकरण कराया गया था। मई में शासन ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के विश्लेषण में संदिग्ध पाए गए 92 संस्थानों और स्कूलों में जांच के आदेश दिए थे।

 

जांच में 92 संस्थानों में से 17 संस्थानों में अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति में गड़बड़ी का पता चला था। प्रकरण में शासन ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को जांच रिपोर्ट भेज दी थी। अब शासन ने जांच की रडार पर आए संस्थानों का दोबारा सत्यापन कराने का फैसला किया है, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते कहते हैं कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जांच के दौरान त्रुटिवश कोई संस्थान बच तो नहीं गया है। इस संबंध में जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है।

दूसरे राज्य के छात्राओं के पंजीकरण का मामला सामने आया
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के दौरान रुद्रप्रयाग जिले से जुड़ा मामला सामने आया है। यहां पर विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा वासुकेदार में श्री सरस्वती संस्कृति महाविद्यालय संस्थान संचालित किया जा रहा था। इस संस्थान में जांच के दौरान दो छात्राएं पश्चिम बंगाल की थी, जिनका संबंधित संस्थान से पंजीकरण कराया गया था। विशेष सचिव डॉ. धकाते कहते हैं कि जांच में पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के छात्रों के पंजीकरण की बात सामने आई है। इस संस्थान का संचालन नसरुद्दीन नामक व्यक्ति कर रहा था। प्रकरण में जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी।

ईडी कार्रवाई पर बोले हरक, दोषी साबित हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा, निर्दोष निकला तो करूंगा मुकदमा

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कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ईडी की कार्रवाई पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने साफ कहा कि अगर कोर्ट में उन पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं तो वे राजनीति से हमेशा के लिए संन्यास ले लेंगे। लेकिन अगर अदालत में निर्दोष साबित हुए तो इस “साजिश” में शामिल लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे।

कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान हरक सिंह ने अपने विरोधियों को चेताते हुए कहा, “मैं न दबने वाला हूं, न झुकने वाला। जितनी भी साजिशें कर लो, मैं लड़ता रहूंगा।”

हरक सिंह ने कहा कि वो दूध के धुले नहीं है। लेकिन सहसपुर मामले में उनकी कोई गलती नहीं है। ईडी ने गलत मुद्दे।पर छेड़ दिया जैसे सीबीआई ने 2003 के जेनी प्रकरण में मुझे फंसाया था। बाद में मुझे क्लीन चिट मिली थी।

उन्होंने ईडी की कार्रवाई को बदले की भावना से प्रेरित बताते हुए कहा कि सहसपुर की विवादित जमीन उन्होंने 2002 में पूरी तरह कानूनी तरीके से खरीदी थी। इस जमीन का रिकॉर्ड 1962 से पूर्व मालिक के नाम पर दर्ज था और सारे दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं।

हरक सिंह ने याद दिलाया कि इस मामले की जांच पहले भाजपा सरकार में और फिर कांग्रेस की सरकार में हो चुकी है, लेकिन किसी भी जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिला। अब मामला कोर्ट के सामने है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।

उन्होंने ईडी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर एजेंसी आरोप साबित कर दे, तो वे तुरंत राजनीति से संन्यास ले लेंगे। लेकिन अगर निर्दोष निकले तो कानूनी लड़ाई लड़कर साजिश रचने वालों को बेनकाब करेंगे।

भाजपा पर हमला करते हुए हरक सिंह ने कहा कि पार्टी अब अपने आदर्शों से भटक चुकी है और विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा छोड़ने का उन्हें कोई मलाल नहीं है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को ईडी ने मनी लांड्रिंग के केस में पूर्व मंत्री हरक सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।

 

ईडी की कार्रवाई भाजपा की राजनीतिक साजिश का हिस्सा- धस्माना

देहरादून । उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोप पत्र को राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा पूरे देश में ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है ताकि विपक्ष की आवाज को दबाया जा सके।

धस्माना ने सवाल किया कि हरक सिंह रावत जब लंबे समय तक भाजपा में मंत्री थे, तब उनके खिलाफ कोई जांच या कार्रवाई क्यों नहीं हुई। उन्होंने कहा, “अगर आज भी हरक सिंह भाजपा में होते, तो क्या उनके खिलाफ यह कार्रवाई होती? निश्चित रूप से नहीं।”

कांग्रेस नेता ने विश्वास जताया कि अदालत में हरक सिंह रावत को न्याय मिलेगा। “उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। वे इस मामले में साफ निकल कर आएंगे,” धस्माना ने कहा।

उन्होंने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस इसका पुरज़ोर विरोध करेगी।

उत्तराखण्ड पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार सस्पेंड

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उत्तराखण्ड पेयजल निगम के अध्यक्ष शैलेश बगोली ने कर्मचारी आचरण नियमावली के उल्लंघन पर सुजीत कुमार विकास (प्रभारी मुख्य अभियंता (कु0) मूल पद अधीक्षण अभियंता उत्तराखण्ड़ पेयजल निगम हल्द्वानी) को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया।

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निलंबन आदेश में स्पष्ट किया गया है कि  सुजीत कुमार विकास के विरूद्ध  संजय कुमार पुत्र  चन्द्रपाल सिंह ने अपने शिकायती-पत्र में उल्लेख किया है कि वह पानी की योजनाओं में पेटी पर कार्य करता है। वर्ष 2022 में   सुजीत कुमार विकास, तत्कालीन अधीक्षण अभियन्ता, निर्माण मण्डल, उत्तराखण्ड पेयजल निगम, देहरादून ने संजय कुमार की फर्म मै० हर्ष इन्टरप्राईजेज का उत्तराखण्ड पेयजल निगम में पंजीकरण करवाने एवं विभाग में कार्य दिलाने का आश्वासन दिया।

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इसके एवज में  सुजीत कुमार विकास के कहने पर संजय कुमार ने अपनी प्रोपराइटरशिप फर्म मै० हर्ष इन्टरप्राइजेज के माध्यम से बैंक ऑफ बडौदा, फॉयर स्टेशन के पास बाजपुर रोड, काशीपुर के बैंक खाता सं० 53930200001457 से मै० कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज के कोटक महिन्द्रा बैंक खाते में दिनांक 06.07.2022. दिनांक 06.07.2022. दिनांक 07.07.2022, दिनांक 07.07.2022 एवं दिनांक 08.06.2022 को रू0 2.00 लाख की पांच किस्तों में कुल रू0 10.00 लाख, स्थानान्तरित किये गये।
विभाग में उपलब्ध अभिलेखों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि मै० कुचु-पुचु इन्टरप्राइजेज, वह फर्म है, जिसकी पार्टनर  सुजीत कुमार विकास की पत्नी श्रीमती रंजु कुमारी हैं।  सुजीत कुमार विकास को स्पष्टीकरण हेतु 15 दिनों का समय दिया गया था, परन्तु  सुजीत कुमार विकास द्वारा आतिथि तक कोई प्रत्युत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया है।

अध्यक्ष उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा स्पष्ट किया गया है कि  सुजीत कुमार विकास के विरुद्ध उपरोक्त आरोप बेहद गम्भीर प्रकृति के हैं तथा  सुजीत कुमार विकास द्वारा किया गया उपरोक्त कृत्य उत्तराखण्ड पेयजल निगम कर्मचारी आचरण विनियमावली का स्पष्ट उल्लंघन होना दर्शाता है।  सुजीत कुमार विकास के प्रभारी मुख्य अभियन्ता (कु०), हल्द्वानी के पद पर बने रहने से विभाग के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।

अतः उत्तराखण्ड पेयजल निगम कार्मिक (अनुशासन एवं अपील) विनियमावली में निहित प्राविधानों के तहत  सुजीत कुमार विकास, अधीक्षण अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।
निलम्बन की अवधि में  सुजीत कुमार विकास, कार्यालय महाप्रबंधक (प्रशिक्षण), मानव संसाधन प्रकोष्ठ, उत्तराखण्ड पेयजल निगम, रूडकी में सम्बद्ध रहेंगे।

सीएम ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ विजिलेंस को दी खुली छूट

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए खुली छूट प्रदान की हुई है। इसका असर, साल दर साल बढ़ते विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों की संख्या में रूप में नजर आ रहा है। यही नहीं मजबूत साक्ष्य के आधार विजिलेंस गत साढ़े चार साल में 71 प्रतिशत मामलों में आरोपियों को कोर्ट से सजा दिलाने में कामयाब रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य का पदभार संभालते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस पर रुख साफ कर दिया था।

बीते चार साल में बडे से बड़े आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में साल दर साल विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों के साथ ही सजा के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस दौरान विजिलेंस ने कुल 82 ट्रैप में 94 गिरफ्तारियों को अंजाम दिया, जिसमें 13 राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। बीते साढ़े चार साल से विजिलेंस के पास कुल 125 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें 18 में सामान्य जांच, 25 में खुली जांच के बाद 82 ट्रैप किए गए। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ठोस साक्ष्य और मजबूत पैरवी से कोर्ट में सजा की दर को भी 71 प्रतिशत तक ले जान में कामयाब रही है। इससे साफ है कि सरकार भ्रष्टाचार की समस्या को जड़ से खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सतर्कता विभाग ने शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नम्बर 1064 भी जारी किया है। यही नहीं मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को अंतिम फैसला आने तक आरोपियों को पूर्व के दायित्व या अहम जिम्मेदारी नहीं देने के साथ ही ट्रैप के मामलों में अभियोजन की प्रक्रिया में तेजी जाने के निर्देश दिए हैं।

भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार जारी

वर्ष गिरफ्तारी निर्णय सजा
2021 07 02 02
2022 15 03 01
2023 20 18 16
2024 38 13 07
2025 14 03 02
(नोट साल 2025 के आंकड़े जुलाई 15 तक के हैं)

बड़े बड़ों को किया गिरफ्तार

01 – लोनिवि एई
नैनीताल जिले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता को ठेकेदार से ₹10 हजार रिश्वत मांगने पर रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया ।

02 – यूपीसीएल जेई
देहरादून के हरबर्टपुर सब स्टेशन के एक जेई को विजिलेंस ने ₹15000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

03 – एलआईयू कर्मी
नैनीताल जिले के रामनगर में विजिलेंस की टीम ने एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

04 -रोडवेज एजीएम
काशीपुर में रोडवेज सहायक महाप्रबंधक को अनुबंधित बस संचालन के बदले 90 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।

05 – खंड शिक्षा अधिकारी
हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी को ₹10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया गया।

06 – जीएसटी सहायक आयुक्त
देहरादून में कार्यरत जीएसटी सहायक आयुक्त को 75 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।

07 – जिला आबकारी अधिकारी
रुद्रपुर में तैनात जिला आबकारी अधिकारी को शराब कारोबारी से 10 लाख रुपए के माल के एवज में 10 फीसदी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।

हम देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त करते हुए, सुशासन की कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। इसी क्रम में मुख्य सेवक के रूप में कार्यभार संभालने के दिन से ही विजिलेंस को भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने के निर्देश दिए, जिसका असर अब नजर आ रहा है। भ्रष्टाचारियों को अंतिम अदालत सजा दिलाए जाने के लिए भी मजबूत पैरवी की जा रही है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

ऑपरेशन कालनेमि- पुलिस ने 25 ढोंगी बाबा किये गिरफ्तार

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देहरादून। मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलाए जा रहे “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत दून पुलिस ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए साधु-संतों का भेष धरकर लोगों को ठगने वाले 25 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया। इनमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है, जिस पर विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

एसएसपी खुद नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में पहुंचे और सड़क किनारे बैठे बाबाओं से पूछताछ की। ज्योतिष विद्या और साधु परंपरा का कोई प्रमाण न देने पर उन्होंने मौके पर ही पुलिस को कार्यवाही के निर्देश दिए।
विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस ने फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया, जिनमें 20 से अधिक अन्य राज्यों के हैं।

गिरफ्तारियां:

बांग्लादेशी नागरिक रूकन रकम उर्फ शाह आलम (26), प्रदीप (सहारनपुर), अजय चौहान (सहारनपुर), अनिल गिरी (हिमाचल), मंगल सिंह और रोझा सिंह (देहरादून), कोमल कुमार व अश्वनी कुमार (हाथरस), राजानाथ (देहरादून), रामकृष्ण और शौकीनाथ (यमुनानगर), मदन सिंह (चंपावत/हरिद्वार), राहुल जोशी (बिजनौर/देहरादून), मोहम्मद सलीम (हरिद्वार), और अन्य राजस्थान, असम, उत्तर प्रदेश व हरिद्वार के निवासी शामिल हैं।

एसएसपी ने बताया कि ऐसे फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि देवभूमि में धर्म के नाम पर ठगी और आस्था से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त शिकंजा कसा जा सके।